कौशल है नई मुद्रा, शिक्षा है पासपोर्ट: डॉ. बीरबल झा

कौशल है नई मुद्रा, शिक्षा है पासपोर्ट: डॉ. बीरबल झा

Patna: गंगादेवी महिला महाविद्यालय, पटना में शुक्रवार को ‘नौकरी के अवसर एवं रोजगार योग्यता कौशल’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. विजय लक्ष्मी ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में प्रख्यात भाषाविद्, लेखक और ब्रिटिश लिंगुआ के संस्थापक डॉ. बीरबल झा उपस्थित रहे।

सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ. झा ने कहा, “इक्कीसवीं सदी में कौशल नई मुद्रा है और शिक्षा प्रगति का पासपोर्ट। एक डिग्री दरवाजे तक तो पहुंचा सकती है, लेकिन सफलता के लिए संवाद क्षमता और व्यावहारिक कौशल आवश्यक हैं।” उन्होंने छात्राओं को आत्मविश्वास, आत्मविश्लेषण और समयबद्ध योजना के साथ करियर निर्माण की सलाह दी।

डॉ. झा ने आगे कहा, “सफलता संयोग नहीं, बल्कि सही तैयारी, दिशा और प्रयास का परिणाम होती है। महिलाएं समाज और अर्थव्यवस्था को बदलने की शक्ति रखती हैं, बशर्ते वे खुद पर विश्वास करें।” उन्होंने अंग्रेजी भाषा में दक्षता, व्यक्तित्व विकास और पेशेवर कौशल को करियर के लिए जरूरी बताया।

इस अवसर पर एविएशन विशेषज्ञ एवं मिलेनियम एयर होस्टेस एकेडमी के संस्थापक मनीष कुमार ने एविएशन उद्योग में बढ़ती संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट्स और एयरलाइनों के विस्तार से युवाओं के लिए केबिन क्रू, ग्राउंड स्टाफ और ट्रैवल कोऑर्डिनेशन जैसे क्षेत्रों में अवसर बढ़े हैं।

छात्राओं ने सेमिनार में सक्रिय भागीदारी की और विभिन्न करियर विकल्पों, साक्षात्कार की तैयारी व कौशल विकास से संबंधित प्रश्न पूछे।

कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के प्लेसमेंट सेल की प्रभारी डॉ. उर्वशी गौतम के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्राओं के आत्मबल और व्यावसायिक समझ को मजबूत करते हैं।

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