(कबीर की रिपोर्ट) साल 2017 छपरा के लिए मिला जुला रहा. एक तरफ जिले को दो नये पुल मिले तो वहीँ छपरा से मशरक के लिए आमान परिवर्तन के बाद रेल गाड़ी का सफ़र शुरू हुआ. सूबे में शराब बंदी के समर्थन में बने मानव श्रृंखला में सारणवासियों ने उत्साह के साथ भाग लिया. नगर परिषद् से नगर निगम बनाने के बाद हुए चुनाव में गली मुहल्ले में चुनावी सरगर्मी सभी वर्गों में दिखा. नगरवासियों ने कई नये चहरों को मौका दिया तो वहीँ कई पुराने चहरे पर भरोसा जताया. प्रिया देवी महापौर और अमितांजलि सोनी उपमहापौर बनी.

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Jan 10, 2017 : आमान परिवर्तन के बाद छपरा से मशरख को चली पहली गाड़ी, यात्रियों में उत्साह

आमान परिवर्तन के बाद छपरा से मशरख को चली पहली गाड़ी, यात्रियों में उत्साह

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Jan 25, 2017: बर्तन व्यवसायी की गोली मारकर हत्या, पुत्र घायल

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Jun 11, 2017 सारण जिले को मिले दो नए सेतु, विकास का मार्ग होगा प्रशस्त

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Aug 26, 2017 SP ने एक दर्जन होटलों में की छापेमारी, पकड़े गये 52 महिला-पुरुष

Aug 22, 2017 नगर निगम: प्रिया देवी महापौर, अम्रितांजलि सोनी बनीं उप महापौर

Dec 25, 2017 भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह, कुतुबपुर मे कलाकारों ने बिखेरा जलवा

Chhapra: भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह के अंतिम दिन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया.

वीर कुंवर सिंह गाथा गान के माध्यम से माध्यम से सारण जिले की उभरती लोक गायिका अनुभूति शांडिल्य तीस्ता ने बाबू साहब के गौरव की बखान की. जेकरा अस्सी बरिस में आईल जवनिया, कहनिया बाबू कुँवर के सुनीं गीत के माध्यम से उनकी वीरता के किस्से को सभी तक पहुंचाने के इस अंदाज को दर्शकों ने खूब सराहा. तीस्ता ने अपनी प्रस्तुति से खूब तालियां बटोरी. जाने माने लोकगायक व उनके पिता उदय नारायण सिंह ने गायन में उनका साथ दिया. प्रस्तुति के बाद अनुभूति को सम्मानित किया गया.

इस अवसर पर उप सचिव सुमन कुमार, डॉ लालबाबू यादव, जैनेन्द्र दोस्त आदि उपस्थित थे. 

कार्यक्रम में इसके बाद चांद किशोर सिंह के द्वारा राजा मौर्यध्वज़ गाथा गायन, भोजपुरी लोक व पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति लोकगायक मनन गिरी (व्यास) ने दी. वही भिखारी ठाकुर के लोक गायन प्रेम सागर सिंह ने प्रस्तुत की. अंतिम कार्यक्रम के रूप में भिखारी ठाकुर के बिदेशिया का मंचन हुआ. जिसके बाद फिर मिलने के वादे के साथ पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ.  

बहुरूपिया दल का हुआ सम्मान

रंगमंच शताब्दी समारोह में राजस्थान से पहुंचे बहुरूपिया कलाकारों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर भी अपने भेष बदल मुनीम बने शमसाद बहुरूपिया ने कहा कि छपरा और खासकर भिखारी ठाकुर की भूमि पर पहुंच कर उन्हें बहुत ही अच्छा लगा. लोक कलाकार भिखारी को नमन करते हुए कहा कि मौका मिला तो फिर छपरा जरूर आएंगे.

Chhapra: भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह के तीसरे दिन स्थानीय राजेंद्र स्टेडियम में उदगार संस्था के मधुबनी की पारंपरिक प्रस्तुति डोमकच से शुरुआत हुई. भोजपुरी और मैथिलि लोक संस्कृति की नारी प्रधान प्रस्तुति मनोहारी थी.

इसके बाद सारण के लोक गायक उदय नारायन सिंह ने अपने गायन से समां बांध दिया. उन्होंने अपने गायन की शुरुआत भोजपुरी के प्रथम कवि कबीर के भोजपुरी निर्गुण को आधुनिक परिपेक्ष्य में प्रासंगिकता को स्वरबद्ध जागल रहिह हो, ‘कवन ठगवा नगरिया लूटल हो’ से की. उन्होंने भिखारी ठाकुर की रासलीला और बिदेशिया के गीतों को गाया. उनके गायन के दौरान बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे थे.

कार्यक्रम में भिखारी ठाकुर रंगमंडल प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र छपरा के द्वारा जैनेन्द्र दोस्त द्वारा निर्देशित पिया निसाईल का मंचन हुआ. जिसे लोगो ने सराहा.

Chhapra (Surabhit Dutt): गली मुहल्ले में घूमते वक्त अचानक आपकी नजर एक व्यक्ति पर पड़ती है जो अजीब तरह के कपड़े पहने घूम रहा है. कभी काली माँ तो कभी शंकर भगवान, कभी पुलिस के भेष में. ये बहुरूपिये होते है जो अलग अलग भेष बदल कर घूमते है और इसी से अपनी रोजी रोजगार चलाते है. हालांकि वर्तमान समय में शहर ही नहीं गांवों में भी ये बहुरूपिये दीखते नहीं.  

आधुनिक दौर  में बहुरूपिये कही देखने को नहीं मिलते. बहुरूपिया एक ऐसी कला है जिसे अब लोग भूलते जा रहे है. आधुनिकता के दौर में इस कला को अपनी पहचान बचाये रखना चुनौती साबित हो रही है. पीढ़ियों से इस कला से जुड़े कलाकार अब आगे इसे जारी रखने में असमर्थ दिख रहे है.

जोकर की भेष में नौशाद बहुरूपिया

शहर में आयोजित भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह में राजस्थान के दौसा जिले से पहुंचे बहुरूपिया दल से बातचीत में उनके द्वारा जिन चुनौतियों से गुजरना पड़ रहा है विस्तार से बताया.

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जिन्न के भेष में फिरोज बहुरूपिया

अपनी सात पीढ़ियों से बहुरूपिया का भेष धर राजा महाराजा के दरबार से अब के आधुनिक युग तक लोगों का मनोरंजन कर रहे इस परिवार में छह भाई है और सभी अपने पूर्वजों के इस कला को आगे बढ़ रहे है. हालांकि परिवार की वर्तमान और भावी पीढ़ी इस कला को अपनाने में असमर्थता जता रही है.

भोले की भेष में फरीद बहुरूपिया

बातचीत के दौरान बहुरूपिया बने फिरोज, फरीद, शमशाद और नौशाद बहुरूपिया ने बताया कि आज इस कला को जीवित रखना कठिनाइयों और चुनौतियों से भरा है. संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी के प्रयास से देश में कार्यक्रम के माध्यम से कुछ मौका मिल रहा है जो परिवार के भरण पोषण की व्यवस्था कर रहा है. जबकि आज इस कला को लोग भूलते जा रहे है.

बहुरूपियों के इस दल के सदस्य और भोला शंकर का रूप धारण किये बने फरीद बहुरूपिया ने बताया कि राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई में उनका परिवार कई पीढ़ियों से इस कला को करता आ रहा है. पहले की पीढ़ियों ने राजा महाराजाओं के दरबार में प्रस्तुति दी. समय बदला और अब मंत्रालय के माध्यम से प्रस्तुती दे रहे है. वे राजस्थान में वेस्ट जोन कल्चर सेंटर से जुड़े है जहाँ से देश के कई शहरों में जाना होता है.

जिन्न का भेष धारण किये फरीद बहुरुपिया ने बताया कि मेकअप और तमाम अन्य खर्च को उठाना अब मुश्किल है. जब लोगों को इसके प्रति कोई रूचि नहीं रही. यहाँ तक की परिवार के बच्चे भी इससे जुड़ना नहीं चाहते और अलग रोजगार तलाश रहे है.

जोकर के भेष में नौशाद बहुरुपिया ने कहा कि आज की पीढ़ी इस परंपरा कला से दूर जा रही है. अनेकों रूप को धरने वाले इस कला को अब लोग भूल रहे है. हमारे परिवार वाले भी इससे दूर जा रहे है. आज के दौर में यह छूट रहा है सरकार कोई ठोस कदम नही उठा रही है.
कलाकार की कला को सब देखते है उसके अन्दर छिपे संघर्ष और चुनौतियों से शायद की कोई वाकिफ हो पाता है.

कुल मिलकर लगभग लुप्त होती इस कला को संजो कर रहने में राजस्थान का यह परिवार तो सफल है पर आने वाली पीढ़ी शायद ही इस कला से अवगत हो पाए.

 

Chhapra(Surabhit Dutt): भिखारी ठाकुर रंगमंच शताब्दी समारोह के अवसर पर शहर के राजेन्द्र स्टेडियम में भारतीय संस्कृति के कई रंग देखने को मिले. ग्रामीण परिवेश में संस्कृति के कई ऐसे आयाम है जो आज के आधुनिक युग में पीछे छूटते जा रहे है. अपनी संस्कृति से रूबरू कराने के लिए किए जा रहे इस आयोजन को भिखारी ठाकुर से जोड़ा गया है जो स्वयं ग्रामीण संस्कृति और विधाओं को नाटक के जरिये विश्व पटल से अवगत कराने के लिए जाने जाते है.

इस आयोजन के पहले दिन खासियत यह रही कि लोगों को खास कर नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से अवगत होने का मौका मिला. कार्यक्रम की शुरुआत रस्म चौकी से हुई. जिसके बाद मधुबनी से पहुंचे कलाकारों ने रघुवीर यादव के नेतृत्व में सलेस अनुष्ठानिक का मंचन किया. ग्रामीण क्षेत्रों के इन रस्म रिवाजों से लोग अवगत नही हो रहे जिसको यहां दर्शाया गया. इस तीन दिवसीय आयोजन के अगले दो दिन स्थानीय लोगों को कला संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिलेगा.

सुमन कुमार, उपसचिव, संगीत नाटक अकादमी

संगीत नाटक अकादमी के उप सचिव सुमन कुमार ने बताया कि भिखारी ठाकुर अपनी कृतियों से आज के इस दौर में भी प्रासंगिक है. संगीत नाटक अकादमी ने भिखारी ठाकुर को कलाकार होने का सम्मान दिया है. इससे रंगमंच को एक दिशा मिल रही है. अकादमी ने रंगमंडल में प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की कोशिश हो रही है. अगले तीन दिनों तक भिखारी के नाटक, गीत, अनुष्ठानिक देखने को मिलेंगे. इसके माध्यम से दशा और दिशा ठीक करने की कोशिश होगी.

आयोजक जैनेन्द्र दोस्त ने बताया कि भिखारी ठाकुर रंग-शतक को लेकर लोग पूछते है कि शतक कैसे हुआ. ऐसे में उनकी एक उक्त प्रासंगिक है जिसमे उन्होंने कहा है कि 

तीस बरिस के उमीर भइल, बेधलस खुब कलिकाल के मइल।

नाच मंडली के धरी साथ, लेक्चर दिहिं कही जय रघुनाथ।।

जैनेन्द्र दोस्त, आयोजक

भिखारी ठाकुर बीसवीं शताब्दी के बड़े नाटककार कलाकारों में से एक रहे है. अपने नाच-नाटक दल की स्थापना कर उन्होंने नाटकों के माध्यम से तत्कालीन समाज की समस्याओं और कुरूतियों को सहज तरीके से नाच शैली में मंच पर प्रस्तुत करने का काम किया. उनके नाच दल भिखारी ठाकुर रंगमंडल ने अपनी 100 वर्ष की रंगमंचीय यात्रा को इस वर्ष पूरा किया है.

इस आयोजन में अगले तीन दिनों तक लोगों को सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलेगी. हालांकि आयोजकों के द्वारा बेहतर प्रचार प्रसार ना करने से लोगो को कार्यक्रम की जानकारी कम हुई और पहले दिन भीड़ कम ही दिखी.   

Chhapra: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आज से शुरू हो रहे हैं 37वें नेशनल जूनियर ताइक्वांडो चैंपियनशिप में बिहार के 18 खिलाड़ि अपना जलवा बिखेरेंगे. जिसमें छपरा के दो खिलाड़ी भी शामिल हैं.


छपरा के नेहाल कुमार 51 किलो भार वर्ग में, वही संतोष कुमार 81 किलोग्राम भार वर्ग मुकाबले में बिहार के लिए खेलेंगे. मंगलवार की रात ये सभी खिलाड़ी बिहार टीम के कोच मुन्ना कुमार व टीम के अन्य सभी सदस्यों के साथ बिलासपुर रवाना हो गए. यह जूनियर चैंपियन आज से शुरू होकर 31 दिसंबर को समाप्त होगा.

नेहाल और संतोष ने पिछले महीने गोपालगंज में आयोजित हुए राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता था. जिसके बाद इनका चयन बिहार की टीम में हुआ था.

Chhapra: शहर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नगर निगम अब प्रत्येक होल्डरधारी घर को दो अलग अलग डस्टबिन बांट रहा है. अब लोगों को घर का कूड़ा आसपास फेकने के बजाए इन्ही दो अलग अलग डस्टबिन में रखने होंगे. नीले और हरे रंग के इन डब्बों में लोगों को घर का गीला और सुखा कचरा इकट्टा करना होगा. जिसके बाद हर रोज़ सफाई कर्मी घर घर जाकर कूड़ा इकठ्ठा करेंगे.

यह डस्टबिन उन्हीं होल्डिंग संख्या के घरों को दी जाएगी. जिन्होंने अपने मकान का अद्यतन टैक्स मार्च 2018  तक जमा कर रसीद प्राप्त कर लिया है.  इन घरों के टैक्स  भुगतान राशि का रसीद देखकर ही डस्टबिन दी जाएगी.

इसको लेकर वितरण कार्य भी जारी है. 25 दिसंबर तक वार्ड नंबर 15 वार्डों तक डस्टबिन बांट दिए गए. वहीं वार्ड 16 से 20 तक 16 दिसंबर, 21 से 25 वार्डों को 27 दिसंबर, 26 से 30 वार्ड तक 28 दिसंबर, 31 से 35 वार्ड को 29 दिसंबर, 36 से 40 वार्ड को 30 दिसंबर और 41 से 45 वार्ड के लिए 31 दिसंबर को डस्टबिन दी जाएगी.

इन डस्टबिन की खरीददारी महीनों पहले ही हो चुकी थी. लेकिन नगर निगम चुनाव होने ही वजह से इसका वितरण नहीं हो पाया था.
नगर निगम में होल्डरधारी घरों की संख्या कुल 38000 है. वहीं अगर ज़रूरत पड़ी तो नगर निगम और भी डस्टबिन खरीदेगा.

मढ़ौरा: प्रखण्ड के गढ़देवी मन्दिर विवाह भवन में मंगलवार को जद (यू) कार्यकर्ता सम्मेलन सह प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें  बूथ पंचायत एवं प्रखण्ड स्तर के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया.

इस अवसर सारण जिला जद(यु) के अध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने कर्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजना की जानकारी को आम जनता तक पहुँचाना जद(यु) परिवार की जिम्मेवारी है. पहले शराब बंदी, बाल विवाह और अब दहेज प्रथा के खिलाफ मुख्यमंत्री ने जिस अभियान की शुरुआत की है. इसको भी जनता तक पहुचना जरूरी है.

श्री आलम ने कहा की कार्यकर्ता की किसी पार्टी के रीढ़ होते है. उनके बिना सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुँचाना असंभव है. साथ ही कार्यकर्ताओं से उन्होंने अपील करते हुए कहा कि बिहार के मुखिया द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमो और योजनाओं की जानकारी को आम जनता के बीच की पहुंचाएं. योजना का लाभ सभी समाज को मिलता है.

इस कार्यकर्ता सम्मेलन की अध्यक्ष्ता बलिराम सिंह उर्फ़ गामा सिंह ने किया. इस से पूर्व मकेर प्रखण्ड जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह के निधन पर 2 मिनट का मौन रखा गया.

इस अवसर पर जिला महासचिव नवलकिशोर कुशवाहा, मुखिया अरुण सिंह, शोभनाथ सिंह, उपेन्द्र कुमार ,बलिराम सिंह, वजैर अहमद इतयादि उपस्थित थे.

बैंको द्वारा सिक्के वापस नहीं लिए जाने की समस्‍या को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने अब कदम उठाया है. RBI ने कहा है कि देश में 25 पैसे से अधिक मूल्य के सभी सिक्के प्रचलन में हैं. साथ ही RBI सिक्कों से जुड़ी हो रही परेशानी के चलते बैंक शाखाओं पर सिक्का मेला लगाने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. बैंक शाखा स्तर पर लगने वाले इस मेले में न सिर्फ खाताधारकों के पास इकट्ठा हुए सिक्का जमा किए जाएंगे बल्कि उन्हें बाजार में सिक्कों की जरूरत और अहमियत भी बताई जाएगी. इस संबंध में बैंकों को निर्देश दिए जा चुके हैं.

बैंक शाखा स्तर पर लगने वाले इस मेले में न केवल खाताधारकों के पास इकट्ठा हुए सिक्का जमा किए जाएंगे बल्कि उन्हें बाजार में सिक्कों की जरूरत और अहमियत भी बताई जाएगी. इसके साथ ही करेंसी चेस्‍ट को भी बैंकों से सिक्‍के लेने के लिए निर्देशित किया गया है. बैंकों के सिक्‍के वापस न लेने की समस्‍या कई राज्‍यों से आ रही है. खासतौर पर पूर्वी राज्‍य पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्‍तर प्रदेश में ये समस्याएं ज्यादा आ रही है.

Chhapra: प्रभु ईसा मसीह का जन्म दिवस क्रिसमस-डे सोमवार को धूमधाम से मनाया गया.

इस दौरान शहर के दो मुख्य चर्च coxe मेमोरियल चर्च और दहियावां के चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर अनेक संस्थाओं में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. क्रिसमस पर आकर्षण का केन्द्र रहे संता क्लाज ने बच्चों में उपहार बांटे.

क्रिसमस-डे के अवसर पर नगर के दहियांवा चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसमें पवित्र बाइबिल की शिक्षा को अपनाने पर बल देते हुए प्रभु यीशु को मानवता का उद्धारक व गुनाहगारों को क्षमा करने वाला सच्चा मसीहा बताया गया.

इस अवसर पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम को देख लोगो ने खूब मनोरंजन किया.

Chhapra: स्थानीय वात्सल्य प्ले स्कूल में क्रिसमस डे सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया. विद्यालय के छोटे छोटे बच्चों ने सांता के परिधान में नृत्य संगीत के साथ यशु मशीह का जन्मदिन मनाया.

बच्चों ने केक काटा वही सांता ने सभी बच्चों और अभिभावकों को मिठाई और गिफ्ट्स दिए.

विद्यालय की निर्देशिका सीमा सिंह ने बताया कि 25 दिसम्बर को प्रतिवर्ष विद्यालय परिवार क्रिसमस डे सेलिब्रेशन का आयोजन किया जाता है. छोटे छोटे बच्चें सांता के परिधान में जश्न मनाते हुए केक काटा जाता है.

विद्यालय के बच्चों ने इतनी सी हँसी इतनी सी खुशी गीत पर नृत्य किया जिसपर अभिभावकों ने खूब तालियां बटोरी.

Chhapra: सारण के पुलिस अधीक्षक हरकिशोर राय ने तीन थानाध्यक्षों को निलंबित कर दिया है. एसपी ने कर्तव्यहीनता क

आरोप में परसा, मकेर और दरियापुर के थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए इन थानों में नए थानेदारों को कमान सौंपी है.

एसपी हर किशोर राय ने बताया कि नगर थाने में पदस्थापित सुरेश कुमार यादव को परसा, कुंज बिहारी राय को दरियापुर और सोनपुर थाने में पदस्थापित शम्भू नाथ सिंह को मकेर का थानाध्यक्ष बनाया गया है. एसपी हरकिशोर राय ने 24 घंटे के अंदर उक्त थानों में योगदान करने का आदेश दिया है.

कुंज बिहारी राय नगर थाने में पदस्थापना से पहले एसटीएफ पटना में तैनात थे, तो वही सुरेश कुमार यादव गोपालगंज के मांझा थानाध्यक्ष के रूप में तैनात थे.