बिहार में 10 जून से हाे सकती है भारी बारिश

पटना: भीषण गर्मी झेल रहे बिहार के लाेगाें काे जल्द ही थाेड़ी राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 10 जून 2025 की रात से बंगाल की खाड़ी में बनने वाले नए मौसमी प्रणाली (सिस्टम) के कारण उत्तरी और पूर्वी बिहार में भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। फिलहाल, राज्य में तेज गर्मी और उमस ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। रविवार काे सुबह से ही कड़ी धूप निकली और भीषण गर्मी से लाेग परेशान हैं।

माैसम विभाग के अनुसार रविवार को तापमान में 3-4 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है और राज्य के कुछ जिलों में हल्की बारिश के साथ आंधी की संभावना जताई गई है। हालांकि, अगले दो दिनों तक मौसम ज्यादातर शुष्क और गर्म रहने की उम्मीद है।

राजधानी पटना में रविवार को धूप-छांव के बीच 90 प्रतिशत तक नमी के कारण उमस बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, 10 जून से पहले बारिश होने की संभावना कम है, जिससे गर्मी और उमस का प्रकोप जारी रहेगा। उत्तर भारत से आने वाली गर्म हवाएं और रात के तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी इस असहजता को और बढ़ा रही है।

10 जून की रात से दक्षिण-पश्चिम मनसून और नमी वाली हवाएं सक्रिय होंगी, जिससे उत्तरी और पूर्वी बिहार में तेज बारिश शुरू हो सकती है। यह बारिश धीरे-धीरे पूरे राज्य को भिगो सकती है। इस दौरान मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और स्थानीय मौसम बुलेटिन पर नजर रखने की सलाह दी है। खासकर भारी बारिश, बाढ़ और आकाशीय बिजली गिरने जैसे खतरों से बचने के लिए सावधानी बरतने को कहा गया है। यह मौसमी बदलाव न केवल राहत ला सकता है, बल्कि भारी बारिश के कारण नई चुनौतियां भी खड़ी कर सकता है।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर 16वें वित्त आयोग के अंशकालिक सदस्य नियुक्त

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर को 16वें वित्त आयोग का अंशकालिक सदस्य नियुक्त किया गया है। वे अपना कार्यभार संभालने की तिथि से लेकर आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत होने तक यानी 31 अक्टूबर, 2025 तक, जो भी पहले हो, अपने पद पर बने रहेंगे।

वित्‍त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि राष्ट्रपति ने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर को 16वें वित्त आयोग का अंशकालिक सदस्य नियुक्त किया है। वे कार्यभार संभालने की तिथि से लेकर आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत होने तक यानी 31 अक्टूबर, 2025 तक, जो भी पहले हो, पद पर बने रहेंगे। टी. रबी शंकर की नियुक्ति 16वें वित्‍त आयोग के पूर्णकालिक सदस्यों में से एक अजय नारायण झा के व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने के परिणामस्वरूप हुई है।

16वें वित्‍त आयोग का गठन 31 दिसंबर, 2023 को किया गया था, जिसके अध्यक्ष नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया हैं। 16वें वित्‍त आयोग को 01 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करनी हैं।

नवादा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पखवाड़ा शुरू,छात्र युवाओं ने लिए हिस्से

नवादा: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पूर्व पखवाड़ा शनिवार को नवादा जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट ) , नवादा के प्रांगण में निःशुल्क योग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन डायट के प्राचार्य विनय कुमार सिंह चौधरी ने किया ।

योग प्रशिक्षक डॉ. राजू रंजन कुमार के निर्देशन में प्रारंभ योग प्रशिक्षण शिविर के पहले दिन विभिन्न आसनों , प्राणायामों एवं मुद्राओं का परिचय कराया गया और असाध्य से असाध्य रोगों पर काबू पाने के तरीके बताये गए । खासकर डायविटीज , ब्लड्प्रेसर , साइटिका , थायरायड , गैस्टिक , जोड़ों का दर्द , रीढ़ की बीमारी आदि के लिए अलग-अलग आसन और प्राणायाम का अभ्यास कराया गया । गीत-संगीत से भरपूर इस योग प्रशिक्षण का लाभ हर उम्र के महिला पुरुष और बच्चों ने उठाया ।

योग का प्रारंभ डायट प्राचार्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया और उपस्थित योगाभ्यासियों को स्वस्थ सुंदर , दीर्घायु एवं क्रियाशील होने की कामना की ।

नामचीन चिकित्सक डॉ सुनीति कुमार ने कहा कि डॉ . राजू रंजन कुमार के निर्देशन में चलने वाले इस शिविर का लाभ प्रत्येक लोगों को उठाना चाहिए क्योंकि इनकी संप्रेसनियता, ग्येयता और कलात्मकता से सभी आसन सुलभ और प्रभावी हो जाते हैं 

पटना: बिहार में पहली बार स्टेट रैंकिंग टेबल टेनिस टूर्नामेंट 19 से 22 जून के बीच पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के इनडोर स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (बीएसएसए) के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवींद्र शंकरन ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि बिहार में पहली बार आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट का आयोजन खेल विभाग, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण (बीएसएसए) और बिहार टेबल टेनिस एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में किया जाएगा। राज्यस्तरीय रैंकिंग टेबल टेनिस टूर्नामेंट का आयोजन प्रत्येक राज्य में शीर्ष खिलाड़ियों को निर्धारित (चयनित) करने के लिए किया जाता है। राज्य सरकार उन खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनमें राज्य के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने की क्षमता रखते हैं।

पद्मश्री शरद कमल के मार्गदर्शन में आयाेजनटूर्नामेंट का आयोजन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त टेबल टेनिस खिलाड़ी और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित शरद कमल के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इससे यह आयोजन राज्य के खिलाड़ियों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि उन्हें शरद कमल के मार्गदर्शन और उनके सामने अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा। कुशल और अनुभवी चयनकर्ताओं द्वारा सभी आयु वर्ग से सफल और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा।

पंजीकरण की अंतिम तिथि 12 जून 2025

रवींद्र शंकरन ने कहा कि खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए अर्हता प्राप्त करने में टूर्नामेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टूर्नामेंट में पुरुष और महिला एकल के लिए अंडर 11, 13, 15, 17 और 19 के विभिन्न आयु समूहों के लिए टेबल टेनिस प्रतियोगिताएं होंगी। पूरे राज्य के खिलाड़ी टूर्नामेंट में भाग ले सकते हैं। टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए प्रतिभागी गूगल फॉर्म भरकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण की अंतिम तिथि 12 जून 2025 है। प्रतिभागियों को 18 जून को खेल प्राधिकरण में रिपोर्ट करना होगा। प्रतिभागियों के लिए पंजीकरण निःशुल्क होगा। बिहार सरकार और बीएसएसए खिलाड़ियों के आवास, भोजन और अन्य व्यवस्थाओं का ध्यान रखेंगे।

बिहार के खिलाड़ी जीतेंगे पदक

चयनित खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में विकसित किया जाएगा। खेल और खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए बिहार सरकार की प्रतिबद्धता और निरंतर प्रयासों ने राज्य को खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों को हासिल करने में मदद की है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 43 दिन से चल रहा प्राथमिक शिक्षकों का क्रमिक अनशन शनिवार को समाप्त हो गया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ सचिवालय में हुई निर्णायक वार्ता के बाद प्राथमिक शिक्षक संघ ने अनशन समाप्त करने का ऐलान किया। इस बैठक में शिक्षकों की 20 से 21 मांगों पर सहमति बनी, जिनमें प्रमुख रूप से प्राथमिक और उच्च शिक्षा के लिए एक साझा निदेशालय के गठन पर सहमति बनी है।

बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सरकार शिक्षकों की जायज़ मांगों के प्रति संवेदनशील है और अधिकांश मुद्दों पर सकारात्मक सहमति बन गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि निलंबित शिक्षकों के मामलों पर भी पुनर्विचार किया जाएगा और किसी भी शिक्षक की पदोन्नति प्रभावित नहीं होगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा का निदेशालय एक ही रहेगा। साथ ही शिक्षकों की पदोन्नति और निलंबन के मामलों को भी पारदर्शिता से निपटाया जाएगा।

उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने भी वार्ता को सफल बताया। उन्होंने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई और सरकार ने शिक्षकों की लगभग सभी मांगों पर सहमति जताई। उन्होंने बताया कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा को एक ही निदेशालय के अंतर्गत लाने को लेकर एक विशेष समिति गठित की जाएगी, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा।

जगदीश शर्मा ने कहा कि हमारी यह बड़ी जीत है कि निदेशालय के ढांचे में किसी भी प्रकार का बदलाव समिति की सिफारिश के बिना नहीं किया जाएगा। साथ ही निदेशालय का नेतृत्व एक ही निदेशक द्वारा किया जाएगा।

भारत ने 11 वर्षों में 27 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकाला: विश्व बैंक

नई दिल्ली: विश्व बैंक की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अत्यधिक गरीबी उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। भारत में 11 साल में 269 मिलियन (करीब 27 करोड़) लोग अत्‍यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।

विश्‍व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2011-12 में देश में अत्यधिक गरीबी की दर 27.1 फीसदी थी, जो 2022-23 तक घटकर केवल 5.3 फीसदी रह गई है। इसी अवधि में देश में 344.47 मिलियन (34.4 करोड़) लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जबकि 2022-23 तक यह संख्या घटकर 75.24 मिलियन (7.5 करोड़) हो गई। इसका मतलब है कि इस दौरान करीब 269 मिलियन (26.9 करोड़) भारतीय को अत्‍यधिक गरीबी रेखा से बाहर निकला गया है।

इन पांच राज्‍यों की गरीबी कम करने में निर्णायक भूमिका

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश- इन पांच राज्यों में 2011-12 में देश के 65 फीसदी अत्यंत गरीब रहते थे। अब इन्‍हीं पांच राज्यों ने 2022-23 तक गरीबी उन्मूलन में दो-तिहाई से अधिक योगदान दिया है।

शहरों में अत्यधिक गरीबी 10.7 फीसदी से 1.1 फीसदी पर आई

र‍िपोर्ट के मुताबिक विश्व बैंक ने गरीबी का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों पर) के आधार पर की है। यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गरीबी में तेज गिरावट को दर्शाता है। इसी अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी 18.4 फीसदी से घटकर 2.8 फीसदी प्रतिशत हो गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक गरीबी 10.7 फीसदी से घटकर 1.1 फीसदी पर आ गई है।

वहीं, 2.15 डॉलर प्रतिदिन की पिछली गरीबी रेखा (2017 की कीमतों पर) के आधार पर देखा जाए तो भारत में अत्यधिक गरीबी की दर 2011-12 में 16.2 फीसदी से घटकर 2022 में सिर्फ 2.3 फीसदी रह गई है। इस सीमा से नीचे रहने वाले भारतीयों की संख्या 2011 के 205.93 मिलियन (20.59 करोड़) से घटकर 2022 में 33.66 मिलियन (3.36 करोड़) हो गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस उपलब्धि को सरकार की गरीबों के लिए चलाई गई पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जनधन योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि बीते 11 सालों में केंद्र ने इंफ्रास्ट्रक्चर, समावेशन और पारदर्शिता पर ध्यान देते हुए कई योजनाएं शुरू कीं जिनका सीधा लाभ गरीबों को मिला। इन पहलों से हाउसिंग, क्लीन कुकिंग फ्यूल, बैंकिंग सर्विसेज और हेल्थकेयर तक लोगों की पहुंच में विस्तार हुआ है।

इसके अलावा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), डिजिटल सर्विसेज और ग्रामीण विकास से जुड़े कामों ने भी गरीबों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी प्रयासों से 25 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर निकल पाए हैं। यह उपलब्धि भारत को गरीबी मुक्त राष्ट्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

सुंदरबन में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक, वन्यजीवों की प्रजनन सुरक्षा के लिए 15 जून से 15 सितंबर तक प्रतिबंध

कोलकाता: बरसात के मौसम में सुंदरबन में पर्यटकों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। पश्चिम बंगाल के वन विभाग ने इस साल भी 15 जून से 15 सितंबर तक की अवधि के लिए यह सख्त कदम उठाया है। प्रतिबंध का मकसद बाघ, हिरण, मगरमच्छ और अन्य वन्यजीवों सहित मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया को सुरक्षित माहौल देना है। इस दौरान सुंदरबन में न केवल पर्यटकों का प्रवेश रोका जाएगा, बल्कि जंगल से संसाधन संग्रह और नदियों-खाड़ियों में मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जून से अगस्त तक सुंदरबन में अधिकांश मछलियों और कई वन्य प्रजातियों का प्रजनन काल होता है। इस दौरान पर्यटकों या व्यापारिक गतिविधियों की उपस्थिति से उनके जीवनचक्र में बाधा आ सकती है। इस कारण विभाग ने शांत और सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि प्रजनन दर में वृद्धि हो और वन्यजीव निर्बाध रूप से विचरण कर सकें।

पर्यावरणविदों का मानना है कि यह कदम सुंदरबन की जैवविविधता को बनाए रखने और पारिस्थितिक संतुलन के लिए बेहद जरूरी है। वर्ष 2019 से लागू इंटीग्रेटेड रिसोर्सेज मैनेजमेंट प्लान (आईआरएमपी) की सिफारिश के तहत ही हर साल यह प्रतिबंध लगाया जाता है। यह नीतिगत निर्णय सुंदरबन जैसे संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्र के दीर्घकालिक संरक्षण की दिशा में अहम माना जा रहा है।

इस आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए सुंदरबन वन प्रभाग द्वारा कड़ी निगरानी की व्यवस्था की गई है। तीन महीने की इस अवधि में पर्यटक पर्मिट और अन्य अनुमतियों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। किसी भी प्रकार की अवैध घुसपैठ या गतिविधि पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

हालांकि इस निर्णय से स्थानीय जाल मछुआरों और मधु संग्रहकों में चिंता का माहौल है, क्योंकि इन तीन महीनों में उनकी आजीविका पर असर पड़ता है। वन विभाग ने अभी तक इनके लिए किसी वैकल्पिक व्यवस्था की घोषणा नहीं की है।

गौरतलब है कि सुंदरबन ही नहीं, देश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों और जंगलों में प्रजनन काल के दौरान आम नागरिकों के प्रवेश पर रोक की व्यवस्था रहती है।

वन विभाग की टीम ने पकड़ा 15 फीट का अजगर

बिजनौर: गांव नवादा के निकट स्थित नहर से एक 15 फिट के अजगर को वन विभाग की टीम पकड़ने में सफल हुई है। अजगर को पकड़ने में टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि अजगर कुछ दिनों से इसी क्षेत्र में देखा जा रहा था। गर्मी होने के कारण नहर में नहाने वाले लोगों के लिए यह खतरा बना हुआ था। कुछ समय पहले अजगर ने एक बकरी को शिकार बना निगल लिया था। वन विभाग की टीम भी कई दिनों से इस अजगर की तलाश में थी। पर नहर में पानी अधिक होने के कारण अजगर को पकड़ना मुश्किल हो रहा था। पकड़ने से पहले टीम ने पहले नहर का पानी कम कराया तब जाकर अजगर को पकड़ने में सफलता मिली। अजगर को पकड़ने के बाद वन विभाग की टीम ने रामपुर ठकरा के सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया।

अंतरराज्यीय अफीम तस्कर गिरोह के चार गिरफ्तार, छपरा के युवक शामिल, अफीम की खेप बरामद

पूर्वी चंपारण: एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर जिले में ड्रग्स और मादक पदार्थ के विरूद्ध चलाये जा रहे विशेष अभियान के दौरान ढाका थाना पुलिस को शुक्रवार की देर रात बड़ी कामयाबी मिली है।पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बाबा मस्तराम कॉलेज के समीप से कार सवार चार अंतराज्यीय अफीम तस्करों को 1073 ग्राम अफीम के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्करों में छपरा के नंदलाल कुमार, बड़हरवा लखनसेन के उमेश महतो, बेलाही के विवेक कुमार और बंजरिया थाना के दारोगा टोला निवासी महेंद्र साह शामिल हैं।

प्रारंभिक पूछताछ गिरफ्तार तस्करो ने बताया कि अफीम की खेप मणिपुर से ट्रेन से लायी गई थी।जिसकी डिलीवरी बंजरिया के दारोगा टोला में महेंद्र साह को देनी थी। तस्करो की निशानदेही पर पुलिस ने महेंद्र साह के घर पर छापेमारी कर इलेक्ट्रॉनिक तराजू और पॉली बैग बरामद किया हैं। जांच में पता चला कि महेंद्र यह अफीम चिरैया के हरिनाथ राय और मुजफ्फरपुर के मोहम्मद साबिर को बेचता था।पुलिस इनके खुलासे के बाद

इस अंतरराज्यीय गिरोह के ठिकानो पर छापेमारी में जुटी है।पुलिस के अनुसार इस गिरोह में शामिल अन्य लोगो की गिरफ्तारी के बाद बड़े खुलासे होगे।

झारखंड : बारिश नहीं होने से गर्मी की हुई वापसी, 10 के बाद बदलेगा मौसम

रांची: राज्य भर में बारिश नहीं होने से फिर से गर्मी की वापसी हुई है। बारिश नही होने से तापमान में बढोत्तरी हुआ है और उमस भी बढ़ गया है। 10 जून के बाद मौसम में बदलाव होने की सम्भावना मौसम विभाग ने व्यक्त किया है।

मौसम विभाग ने आठ जून को राज्य के पूर्वी जिले और इससे लगे मध्यवर्ती इलाकों में गर्जन के साथ हल्के दर्जे की बारिश होने की सम्भावना है।

वहीं नौ जून को उत्तर-पश्चिमी हिस्सों को छोड़कर शेष हिस्सों में भी गर्जन के साथ हल्के दर्जे की बारिश होने की संभावना है।

वहीं पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में सबसे अधिक बारिश गोड्डा के पथरगामा में 4.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं सबसे अधिक अधिकतम तापमान डालटेनगंज में 37.1 डिग्री और सबसे कम न्यूनतम तापमान गुमला में 20.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

शनिवार को रांची में अधिकतम तापमान 35 डिग्री, जमशेदपुर में 34.8, डालटेनगंज में 37.1, बोकारो में 36.5 और चाईबासा में तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

देश में कोरोना के एक्टिव मामले बढ़कर हुए 5,755, पिछले 24 घंटे में चार की मौत

नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। शनिवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 5,755 हो गई है।

मंत्रालय के अनुासर पिछले 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना के 391 मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे अधिक कोरोना के मामले आए हैं। केरल में 24 घंटे में 127 मामले सामने आए हैं। यहां 1,806 सक्रिय मामले हैं। इसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सबसे ज्यादा सक्रिय मामले हैं। बीते 24 घंटे में चार मरीजों की मौत हुई है। ये चार मौतें केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में हुई हैं। वहीं अब तक 5,484 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं।

नई दिल्ली, 06 जून (हि.स.)। देश का पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट ‘अर्णाला’ 18 जून को समुद्री बेड़े में शामिल होगा। भारतीय नौसेना विशाखापट्टनम के नौसेना डॉकयार्ड में इसे अपने बेड़े में शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह पोत भारत की नौसैनिक क्षमताओं में बड़ा बदलाव लाने के साथ ही तटीय सुरक्षा को मजबूत करेगा। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में आत्मनिर्भर समुद्री शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को पुनः सुदृढ़ करेगा।

अर्णाला’ किले के नाम पर बना यह युद्धपोत भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाता है

कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में निर्मित यह स्वदेशी जहाज पिछले माह एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टूपल्ली में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। इस युद्धपोत को लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत डिजाइन और निर्मित किया है। महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक ‘अर्णाला’ किले के नाम पर बना यह युद्धपोत भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाता है। विभिन्न खतरों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे इसी किले की तरह जहाज को समुद्र में मजबूत उपस्थिति के लिए डिजाइन किया गया है। इसका मजबूत निर्माण और उन्नत क्षमताएं सुनिश्चित करती हैं कि यह जहाज समुद्री क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करके उभरते खतरों से भारत के जल की रक्षा कर सकता है।

इस युद्धपोत में 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है

जहाज उत्पादन निदेशालय के मार्गदर्शन और कोलकाता और कट्टुपल्ली में युद्धपोत निगरानी टीमों की देखरेख में निर्मित ‘अर्णाला’ को 08 मई को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित आठ पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले जल पोत (एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट) में से यह पहला पोत है। इस युद्धपोत में 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और एमईआईएल सहित प्रमुख भारतीय रक्षा फर्मों की उन्नत प्रणालियां शामिल हैं। इस परियोजना में 55 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) ने सहयोग दिया है।

यह जहाज तटीय जल में एंटी-सबमरीन वारफेयर संचालन में सक्षम है

नौसेना के अनुसार ‘अर्णाला’ जहाज को पानी के नीचे निगरानी रखने, तलाश और बचाव कार्यों और कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) के लिए तैयार किया गया है। यह जहाज तटीय जल में एंटी-सबमरीन वारफेयर संचालन में सक्षम है। साथ ही यह माइन बिछाने की उन्नत क्षमता से युक्‍त है। एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट पोत के शामिल होने से भारतीय नौसेना की उथले पानी की पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। यह भारतीय नौसेना का 1490 टन से अधिक सकल भार वाला 77 मीटर लंबा डीजल इंजन-वाटर जेट से संचालित होने वाला सबसे बड़ा युद्धपोत है।

जहाज के शिखर के नीचे एक रिबन खूबसूरती से फहराया गया है

जहाज का बख्तरबंद पतवार किले की स्थायी पत्थर की दीवारों को दर्शाता है, जबकि इसके अत्याधुनिक हथियार और सेंसर उन तोपों की जगह लेते हैं, जो कभी आक्रमणकारियों से बचाव करते थे। ‘अर्णाला’ अपने नाम की रणनीतिक शक्ति और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है कि युद्ध के मैदान बदल सकते हैं, लेकिन रक्षा की भावना अटल रहती है, चाहे वह जमीन पर हो या समुद्र पर। जहाज के शिखर के नीचे एक रिबन खूबसूरती से फहराया गया है, जिस पर गर्व से जहाज का आदर्श वाक्य ‘अर्णवे शौर्यम्’ (अर्नावे शौर्यम्) प्रदर्शित किया गया है, जिसका अर्थ है ‘महासागर में वीरता’। यह शिलालेख जहाज के अटूट साहस, दुर्जेय शक्ति और विशाल समुद्र पर प्रभुत्व को दर्शाता है।