– केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित​ किये गए

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)​। ​भारतीय सशस्त्र बलों को 2047 तक ‘आत्मनिर्भर’ ​बनाने के साथ ‘विकसित भारत​’ का सपना पूरा करने के लिए केंद्रीय बजट का 13.45​ फीसदी हिस्सा रक्षा मंत्रालय को दिया गया है।​ शनिवार को संसद में पेश किये गए केंद्रीय बजट ​में रक्षा मंत्रालय ​को 6,81,210.27 करोड़ रुपये​ आवंटित किये गए हैं। यह​ वित्त वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमान से 9.53​ फीसदी अधिक और ​अन्य सभी मंत्रालयों में सबसे अधिक है। भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन करके एक दशक में 174 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि की है। इसी तरह नि​र्यात 21,083 करोड़ तक पहुंचाने के साथ वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करके आयात पर निर्भरता कम की है।

मंत्रालय के अनुसार आवंटित बजट में से 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये यानी कुल आवंटन का 26.43 फीसदी रक्षा सेवाओं पर पूंजीगत व्यय पर खर्च किया जाएगा। सशस्त्र बलों के लिए आवंटन 3,11,732.30 करोड़ रुपये है, जो कुल आवंटन का 45.76 फीसदी है। रक्षा पेंशन को 1,60,795 करोड़ रुपये यानी 23.60 फीसदी और शेष 28,682.97 करोड़ रुपये यानी 4.21 फीसदी रक्षा मंत्रालय के तहत नागरिक संगठनों के लिए है। इसमें से 1,48,722.80 करोड़ रुपये पूंजी अधिग्रहण पर खर्च करने की योजना है, जिसे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण बजट कहा जाता है। शेष 31,277.20 करोड़ रुपये अनुसंधान एवं विकास तथा देश भर में बुनियादी ढांचागत परिसंपत्तियों के निर्माण पर पूंजीगत व्यय के लिए है।

रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन: वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का घरेलू रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड ऊंचाई है। यह 2014-15 में 46,429 करोड़ से लगभग 174 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि है।भारत चालू वित्त वर्ष में रक्षा उत्पादन में 1.75 लाख करोड़ का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत का लक्ष्य 2029 तक रक्षा उत्पादन में 3 लाख करोड़ तक पहुंचना है, जिससे वह वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में खुद को स्थापित कर सके।

रक्षा निर्यात में उछाल: भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2014-15 में 1941 करोड़ ​रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 21,083 करोड़ ​रुपये हो गया है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में रक्षा निर्यात में 32.5​ फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।​ पिछले एक दशक में रक्षा निर्यात 21 गुना ​बढ़ा है,जो वैश्विक रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।सरकारी नीतिगत सुधारों, व्यापार करने में आसानी की पहल और आत्मनिर्भरता के लिए प्रेरित होकर भारत अब 100 से अधिक देशों को निर्यात करता है।भारत के ​पास 2023-24 मेंरक्षा निर्यात के लिए शीर्ष तीन गंतव्य अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया थे।​ अब 2029 तक रक्षा निर्यात 50​ हजार करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य है, जो भारत की विश्वसनीय वैश्विक रक्षा भागीदार बनने की महत्वाकांक्षा है।

निर्यात पोर्टफोलियो: भारत के निर्यात पोर्टफोलियो में बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर-228 विमान, चेतक हेलीकॉप्टर, तेज इंटरसेप्टर बोट और हल्के टॉरपीडो जैसे उन्नत उपकरण शामिल हैं।रूसी सेना के उपकरणों में ‘मेड इन बिहार’ बूटों को शामिल करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, जिसने वैश्विक रक्षा बाजार में भारत के उच्च विनिर्माण मानकों को उजागर किया।भारत के रक्षा क्षेत्र में 2014 के बाद से उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं, ​जिससे बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर ​भारतीय सैन्य बल आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन पर केंद्रित हो गए ​हैं।

​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज पेश किये गए केन्द्रीय बजट पर वित्त मंत्री ​निर्मला सीतारमण को प्रधानमंत्री ​नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप बजट पेश करने के लिए बधाई ​दी है।​ उन्होंने कहा कि इस बजट में समाज के गरीब वर्गों को सशक्त बनाने से लेकर किसानों, एमएसएमई से लेकर उद्योगों तक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी उन्नत तकनीकों में अनुसंधान को भी मजबूत किया गया है।​ बजट में मध्यम और वेतनभोगी वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है।​ उन्होंने कहा कि भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस बजट में और बढ़ावा मिला है। वित्त वर्ष 25-26 के लिए रक्षा मंत्रालय के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।​ रक्षा बलों पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय हमारे रक्षा बलों के आधुनिकीकरण​ औरविकसित भारत के विजन को साकार करने में एक बड़ी छलांग लगाएगा।

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में विश्व पुस्तक मेला-2025 का उद्घाटन किया। 52 वर्षों से अधिक की परंपरा के साथ यह 9 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेला विद्वानों, शिक्षकों, छात्रों, लेखकों, प्रकाशकों और पुस्तक प्रेमियों सहित विविध वैश्विक दर्शकों का स्वागत करने के लिए तैयार है।

भारत मंडपम कॉम्प्लेक्स के हॉल नंबर 2-6 में यह पुस्तक मेला 1-9 फरवरी तक चलेगा। इस मेले का फोकस देश रूस और थीम रिपब्लिक@75 है। पुस्तक मेले में रूस को फोकस देश के रूप में शामिल किया गया है और 50 से अधिक देशों की भागीदारी है।

इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों को विविध विषयों पर किताबें पढ़नी चाहिए, जिससे उन्हें अपनी क्षमता और योग्यताओं को पहचानने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब आप किसी बच्चे को पढ़ने में रुचि पैदा करते हैं, तो आप राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि किताबें पढ़ना सिर्फ़ एक शौक नहीं है बल्कि एक बदलावकारी अनुभव है। अलग-अलग भाषाओं और संस्कृतियों की किताबें पढ़ने से क्षेत्रों और समुदायों के बीच पुल बनते हैं।

इस अवसर पर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव, डॉ. एलेक्सी वर्लामोव (रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे), स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता सचिव संजय कुमार (आईएएस), नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया (एनबीटी) के चेयरमैन प्रो. मिलिंद सुधाकर मराठे और एनबीटी निदेशक युवराज मलिक भी उपस्थित थे।

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को नरेन्द्र मोदी की सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 2025-26 पेश किया। वित्त मंत्री ने इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट में कई घोषणाएं कीं। इसमें 36 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ट्यूटी पूरी तरह हटाने की घोषणा की है। इनमें ज्यादातर दवाइयां विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होती हैं।

आज बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कैंसर से पीड़ित मरीजों को राहत देते हुए 36 गंभीर बीमारियों के लिए जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी छूट देने का ऐलान किया। इसके साथ 6 जीवनरक्षक दवाएं को 5 प्रतिशत अट्रैक्टिव कंसेशनल कस्टम ड्यूटी की लिस्ट में शामिल किया गया है। साथ ही 37 अन्य दवाओं और 13 मरीज सहायता कार्यक्रमों को भी बेसिक कस्टम ड्यूटी से पूरी तरह से बाहर रखा गया है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने स्वास्थ सुरक्षा देते हुए इस बजट में 200 कैंसर डे केयर केंद्र खोले जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार तीन सालों में देशभर के जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर की सुविधा विकसित करेगी। बजट में लगभग 200 डे केयर कैंसर सेंटर का लक्ष्य तय किया गया है।

उन्होंने कहा कि मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हील इन इंडिया को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल काॅलेज में सीटें बढ़ाई जाएंगी। साल 2014 से 1.1 लाख स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा की सीटें जोड़ी गई थीं, जो 130 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। उन्होंने ऐलान किया है कि अगले साल तक 10000 अतिरिक्त सीटों को अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जोड़ा जाएगा। इसके साथ पीएम जन आरोग्य योजना के तहत दैनिक श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। 

पटना, 01 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा वित्त मंत्री ने की है। इससे बिहार में किसानों और उद्यमियों के लिए नए अवसर खुलेंगे।

संजय झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह से अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है, वह सबके सामने है। देश 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। गरीबों के कल्याण के लिए बहुत काम किया जा रहा है और आगे भी इस पर काम होगा।

झा ने कहा कि पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा से मिथिला क्षेत्र की 50,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि को लाभ होगा, जिससे सुधार सुनिश्चित होगा। केंद्रीय बजट 2025-26 राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना के साथ बिहार के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन लेकर आया है। यह पहल मूल्य संवर्धन और सृजन के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करेगी।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बजट पेश करने के लिए मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी पहनी है उसके लिए मैं पूरे मिथिला और बिहार की ओर से उनका आभार व्यक्त करता हूं। मैं भी उस समय वित्त मंत्री के साथ था, जब मधुबनी में पद्म श्री पुरस्कार विजेता दुलारी ने उन्हें (निर्मला सीतारमण) साड़ी गिफ्ट की थी। तब वहां पर मौजूद लोगों ने वित्त मंत्री से आग्रह किया था कि वे बजट पेश करने के दौरान इस साड़ी को पहने।

संजय झा ने कहा कि दुलारी देवी पिछड़ा समाज से आती हैं। वित्त मंत्री मधुबनी के सौराठ गांव में गई थीं। सौराठ गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी पेंटिंग इंस्टिट्यूट बनाया है। उसी इंस्टिट्यूट केंद्रीय वित्त मंत्री गई थीं, वहीं उनको वो साड़ी गिफ्ट की गई थी।

Chhapra: रिविलगंज प्रखंड प्रमुख सह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य का डॉ० राहुल राज ने शुक्रवार को सारण जिलाधिकारी अमन समीर से मिलकर उन्हें एक प्रस्तावित ज्ञापन सौंपा है। दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि बिहार सरकार वित्त विभाग थ्री ए – थ्री- भत्ता 01/2917- 1772 वि० 15 फरवरी 2018 के आलोक में विशिष्ट/दिव्यांग राज्य कर्मी शिक्षकों एवं विद्यालय अध्यापकों (विशिष्ट शिक्षकों/ पुस्तकालय अध्यक्षों/विद्यालय अध्यापकों/शिक्षकेतरकर्मी) को परिवहन भत्ता देने की अपील की गई है।

प्रखंड प्रमुख ने बताया कि बिहार सरकार के वित्त विभाग के संकल्प पत्र में केंद्रीय सप्तम वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में केंद्रीय कर्मियों के वेतन एवं भत्तों का पुनरीक्षण किया गया था। इस आलोक में राज्य कर्मियों को पुनरीक्षित वेतन एवं भत्तों आदि पर अनुशंसा हेतु राज्य सरकार द्वारा राज्य वेतन आयोग का गठन भी किया गया था। तत्पश्चात राज्य वेतन आयोग द्वारा समर्पित अनुशंसा के आलोक में वित्त विभागीय संकल्प संख्या 3590, दिनांक 24/05/2017 द्वारा राज्य कर्मियों को पुनरीक्षित वेतन संरचना की स्वीकृति दे दी गई है।

उन्होंने यह भी बताया कि वित्त विभागीय संकल्प संख्या 12414, दिनांक 31/12/2009 द्वारा पदस्थापित नेत्रहीन एवं शरीर के आधे निचले हिस्से की विकलांगता के चलते चलने फिरने से मजबूर विकलांग कर्मियों को सामान्य की तुलना में दुगुने दर से शहरी परिवहन भत्ता देय है। साथ ही वित्त विभागीय संकल्प संख्या-8043, दिनांक 11/10/2017, 8044, दिनांक 11/10/2017 एवं 8045, दिनांक 11/10/2017 द्वारा भी राज्य शिक्षक कर्मियों को विभिन्न भत्तों के पुनरीक्षित दर की पूर्ण स्वीकृति दी जा चुकी है।

इन सभी स्वीकृतियों के बावजूद अभी तक सारण जिले के अंतर्गत दिव्यांग विशिष्ट शिक्षकों एवं विद्यालय अध्यापकों तथा सरकारी सेवकों को परिवहन समेत अन्य भत्ता अब तक प्राप्त नहीं हो पाया है। अतः इस संदर्भ में उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए इन शिक्षक कर्मियों हेतु जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित कराने की अपील की है।

वही जिस पर जिलाधिकारी अमन समीर ने प्रखंड प्रमुख डॉ० राहुल राज को लिखित आश्वासन देते हुए कहा है कि जल्द ही उक्त कर्मियों के हित में सुनिश्चित कार्यवाही की जाएगी।।

· ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की घोषणा से बिहार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
· मखाना बोर्ड की स्थापना से बिहार के मखाना उत्पादन को वैश्विक पहचान मिलेगी।
· आईआईटी पटना का विस्तार से राज्य के छात्रों को उच्च शिक्षा और अनुसंधान के बेहतर अवसर मिलेंगे।

Chhapra:  संसद में प्रस्तुत केंद्रीय आम बजट 2025-26 को देश के समग्र विकास और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए सांसद राजीव प्रताप रूडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह बजट गरीब, किसान, युवा, महिला और मध्यम वर्ग को सशक्त करने के लिए अनेक सकारात्मक पहल करता है। विशेष रूप से बिहार के विकास को ध्यान में रखते हुए की गई घोषणाएँ राज्य की प्रगति को नई दिशा देंगी।

श्री रुडी ने कहा कि यह बजट बिहार के लिए समर्पित दृष्टिकोण का परिचायक है। कृषि, शिक्षा, उद्योग और बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं। विशेष रूप से क्षेत्रीय हवाई संपर्क और मखाना बोर्ड जैसी घोषणाएँ बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ और विश्वास दिलाता हूँ कि हम सब मिलकर इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक लागू करेंगे। बिहार में वेस्टर्न कोसी कैनाल के विस्तार से कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी और जल संकट को कम किया जाएगा। इसके माध्यम से पश्चिमी बिहार के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश से बिहार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के कृषि उत्पादों का निर्यात भी बढ़ेगा।

संसद ने कहा कि पटना एयरपोर्ट और ब्राउन फील्ड एयरपोर्ट बिहटा के अलावा वित्त मंत्री द्वारा बिहार के लिए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की घोषण भविष्य की जरूरतों को पूरा करेगा। सरकार ने अगले 10 वर्षों में 120 नए हवाई मार्गों के संचालन की घोषणा की है, जिससे बिहार के शहरों को देश और दुनिया से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे व्यापार, पर्यटन और निवेश को नई गति मिलेगी। श्री रुडी ने कहा कि बिहार के नवोदित उद्यमियों और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। इससे बिहार में इनोवेशन और नए स्टार्टअप को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि बिहार के लिए यह गर्व की बात है कि मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की गई है। यह कदम मिथिला और कोसी क्षेत्र के हजारों किसानों के जीवन को बदल देगा। बिहार दुनिया में मखाना उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है, लेकिन अब तक किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। इस बोर्ड की स्थापना से मखाना का ब्रांड वैल्यू बढ़ेगा, अनुसंधान और तकनीकी विकास को बल मिलेगा तथा वैश्विक निर्यात में भी वृद्धि होगी। श्री रुडी ने कहा कि बिहार में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी पटना के विस्तार की घोषणा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे नए कोर्स, आधुनिक प्रयोगशालाएँ और उन्नत शोध केंद्रों की स्थापना होगी, जिससे बिहार के छात्रों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी।

कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार पर सांसद ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में यह ठोस कदम है। इससे भी बिहार को काफी लाभ मिलेगा क्योंकि कृषि बिहार की रीढ़ है और इस बजट में किसानों के लिए बड़े निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि दाल उत्पादन के लिए 6 वर्षीय मिशन जिससे बिहार के किसानों को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी। कपास उत्पादन के लिए 5 वर्षीय योजना बिहार के किसानों के लिए एक नई संभावनाओं से भरी पहल है। उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 5 लाख रुपये तक बढ़ाये जाने से किसानों को कृषि कार्यों के लिए सस्ती दरों पर ऋण का लाभ मिलेगा।

Chhapra: वरिष्ठ रंग कर्मी एवं साहित्यकार स्वर्णलता जी के सुयोग्य सुपुत्र अमियनाथ चटर्जी की प्रथम पुण्यतिथि पर डॉ हरदम बसु लेन के नया क्षितिज कार्यालय भगवान बाजार के मनाई गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो केके द्विवेदी ने की। उपस्थित सभी वक्ताओं ने सम्बोधित किया। मंच संचालन ओमप्रकाश गुप्ता ने किया। उपस्थित वक्ताओं ने अमियनाथ चटर्जी को सारण की विभूति के रूप में स्मरण किया।

डॉ. सुधाबाला में कहा कि वे रचनाकर्म के प्रति समर्पित थे। शंभू कमलाकर मिश्र ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया।

कार्यक्रम को हरिराम पाण्डेय, राकेश कुमार विद्यार्थी, मधुप कुमार प्रताप, गौतम बंसल, ब्रजेन्द्र कुमार सिन्हा, भंवर किशोर, उषा श्रीवास्तव, बबन सिंह, रश्मि वर्मा, डॉ० सुधा बाला, पुनील निवास आदि ने संबोधित किया।

उपस्थित लोगों में क्षैतिज विक्रम, सुशील ठाकुर, हिमांशु कुमार आदि थे।

कार्यक्रम के वक्ताओं ने अमिय दा के स्मरण में पुस्तक का प्रकाशन करने की बातें कहीं, जिसका सभी ने स्वागत किया। कार्यक्रम की जानकारी साहित्यकार और संयोजक कश्मीरा सिंह ने दी।

नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल का ऐलान किया। संसद में वित्त मंत्री ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना’ शुरू करने का ऐलान करते हुए बताया कि इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना है। इस योजना के तहत सरकार 1.7 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी और उनके लिए बेहतर अवसर बनाने की दिशा में कदम उठाएगी।

बजट में उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को अपनाने, कटाई के बाद भंडारण को बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करने और दीर्घकालिक तथा अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाने के लिए 100 जिलों को कवर करने वाले राज्यों के साथ साझेदारी में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की घोषणा की गई।

कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के माध्यम से कृषि में अल्परोजगार को दूर करने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीलापन’ कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है, जिसमें ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

केंद्रीय वित्तमंत्री ने घोषणा की कि सरकार तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6 वर्षीय “दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू करेगी। केंद्रीय एजेंसियां ​​(नेफेड और एनसीसीएफ) किसानों से अगले 4 वर्षों के दौरान जितनी भी पेशकश की जाएगी, इन तीन दालों की खरीद करने के लिए तैयार रहेंगी।

बजट में कृषि और संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अन्य उपायों के अलावा सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन और कपास उत्पादकता के लिए पांच वर्षीय मिशन जैसे उपायों की रूपरेखा तैयार की गई है। वित्त मंत्री ने संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की।

नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। संसद के बजट सत्र के पहले दिन कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्हें “पुअर लेडी” कह दिया। सोनिया गांधी की इस टिप्पणी की निंदा करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सोनिया गांधी इस टिप्पणी के लिए आदिवासी समुदायों से माफी मांगें। उन्होंने एक्स पर अपने संदेश में कहा कि भाजपा का हर एक कार्यकर्ता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के लिए सोनिया गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द “बेचारी” (पुअर) की कड़ी निंदा करता है। ऐसे शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी की अभिजात्य मानसिकता, गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी सोच को दर्शाता है। कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रपति और देश के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।

जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर दिए गए अपने बयान में कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति को संदर्भित करने के लिए पुअर लेडी वाक्यांश का उपयोग बेहद अपमानजनक है और सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय की गरिमा के लिए विपक्ष की निरंतर उपेक्षा को रेखांकित करता है। दुर्भाग्य से, यह कोई अकेली घटना नहीं है। जब राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाल रही थीं, तो अपनी सामंती मानसिकता से प्रेरित विपक्ष ने पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण का मजाक उड़ाने का फैसला किया, जो कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाया गया परिवर्तन था।

नड्डा ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन में बढ़ती अस्थिर दुनिया में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता के स्तंभ के रूप में भारत का उदय, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा, प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार, पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से सात दशकों में पहली बार रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे दुकानदारों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल करना शामिल था। आज सभी का ध्यान भारत की उल्लेखनीय प्रगति का जश्न मनाने पर होना चाहिए था लेकिन राजनीतिक लाभ लेने के लिए बार-बार, विपक्ष ने संवैधानिक मानदंडों की घोर उपेक्षा की है। बाबासाहेब आंबेडकर के प्रति अनादर की अपनी विरासत को अशोभनीय सहजता से आगे बढ़ाया है। शायद अब समय आ गया है कि विपक्ष देश के सर्वोच्च पद का बार-बार अपमान करने के बजाय लोकतंत्र के मंदिर में सार्थक चर्चा पर ध्यान केंद्रित करे।

पटना, 31 जनवरी (हि.स.)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) मामले में शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश अरविंद सिंह चंदेल की खंडपीठ में होने वाली थी, लेकिन पीठ के उपस्थित न होने के कारण इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी है। मामले की सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं की गई है।

बीपीएससी की 70वीं पीटी रद्द करके दोबारा परीक्षा कराने की मांग को लेकर पटना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी। अब ऐसे में आज बीपीएससी अभ्यर्थियों को पटना हाई कोर्ट के अहम फैसले का इंतजार था। बेंच की उपलब्धता नहीं होने के कारण इस मामलों पर आज सुनवाई नहीं हो सकी है।

इससे पहले 70वीं बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों के प्रदर्शन के बाद अब पटना पुलिस का बड़ा एक्शन देखने को मिला है। बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे 305 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला सचिवालय थाना में केस दर्ज किया गया है। बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा रद्द करने की याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। इसी बीच

बीपीएससी ने पीटी परीक्षा का रिजल्ट भी घोषित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा में 3,28,990 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था जिसमें कुल 21,581 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। आयोग ने 45 दिन में परिणाम भी जारी कर दिया था। उल्लेखनीय है कि बीते 16 जनवरी की सुनवाई में पटना हाई कोर्ट ने बीपीएससी को 30 जनवरी तक एफिडेविट देने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने फिलहाल परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज समेत कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिन्हें अब एक साथ जोड़ दिया गया है। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और कोचिंग संचालक खान सर की ओर से भी हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें री-एग्जाम की मांग के साथ प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों पर दर्ज प्राथमिकी वापस लेने की अपील की गई है।

– मौनी अमावस्या पर वर्ष 2019 अर्द्धकुम्भ की तुलना में झूसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों से चार गुना ज्यादा ट्रेनें चलाई गईं

– मौनी अमावस्या के दिन झूसी एवं प्रयागराज रामबाग से चलीं कुल 54 ट्रेनें

– गंगा नदी पर नया रेल पुल बनने से झूसी एवं प्रयागराज रामबाग बना गेम चेंजर

– झूसी से हर 25 मिनट पर चलाई गईं ट्रेनें

– दोनों तरफ इंजन लगाकर किया गया ट्रेनों का सुगम संचालन

गोरखपुर: महाकुम्भ-2025 के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालु यात्रियों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुये 30 जनवरी, 2025 को 16.30 बजे तक पूर्वोत्तर रेलवे के झूसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों से गोरखपुर के लिये 09, भटनी के लिये 05, बलिया के लिये 04, छपरा एवं मऊ के लिये 03-03, बनारस, वाराणसी सिटी एवं गाजीपुर सिटी के लिये 02-02 समेत 06, औंड़िहार के लिये 01 तथा 01 रिंग रेल सहित कुल 32 ट्रेनें चलाई गई हैं। इसी प्रकार, झूसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों से 29 जनवरी, 2025 को यानी मौनी अमावस्या को कुल 39 मेला विशेष गाड़ियाँ, 12 नियमित ट्रेन, 02 रिंग रेल एवं 01 लम्बी दूरी की ट्रेन सहित कुल 54 ट्रेनें चलाई गईं। मेला विशेष गाड़ियों के संचलन हेतु पर्याप्त संख्या में रेक/कोचों की व्यवस्था की गई है, जिससे नियमित अन्तराल पर विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। ट्रेनों के दोनों तरफ इंजन लगाये गये, जिससे इंजन रिवर्सल का समय बचाया जा सका।

वर्ष 2019 में प्रयागराज में आयोजित अर्द्धकुम्भ के दौरान मौनी अमावस्या पर चार दिनों में झूसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों से कुल 36 मेला विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं जबकि महाकुम्भ-2025 के दौरान पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा एक दिन में 39 मेला विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जो वर्ष 2019 की तुलना में 04 गुना से अधिक है। पिछले छः वर्षों में किये गये इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार कार्यों के कारण इतनी ज्यादा ट्रेनें चलाना सम्भव हो पाया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 13 दिसम्बर, 2024 को बनारस-माधोसिंह-प्रयागराज खंड के दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत गंगा नदी पर रेल पुल निर्माण सहित झूसी-प्रयागराज खंड का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण का लोकार्पण किया गया था, जिसके फलस्वरूप इतनी अधिक संख्या में ट्रेनों का संचलन सम्भव हो पाया है।

इस महाकुम्भ के शुरू होने के पूर्व बनारस-माधोसिंह-प्रयागराज (120 किमी.) खंड पर बढ़ते हुये यातायात को देखते हुये गंगा नदी पर रेल पुल सहित विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण के साथ इस परियोजना को रू. 2,511 करोड़ की लागत से पूर्ण किया गया। गंगा नदी पर रेल पुल निर्माण सहित झूसी-प्रयागराज (7.63 किमी.) खंड के दोहरीकरण पर लगभग रू. 850 करोड़ की लागत आई। झूसी-प्रयागराज खंड के दोहरीकरण के अन्तर्गत गंगा नदी पर दोहरी लाइन के रेल पुल सं.-111 का निर्माण रू. 496.62 करोड़ की लागत से किया गया। यह एक महत्वपूर्ण पुल है, जिसकी लम्बाई 1,934 मीटर है। पुल के दोनों एप्रोचों पर वायाडक्ट का भी निर्माण किया गया है, जिसकी कुल 872 मीटर लम्बाई है। इस पुल के कारण मेला के दौरान श्रद्धालुओं का आवागमन सुगम हुआ है तथा क्षमता के विस्तार होने के फलस्वरूप महाकुम्भ के दौरान अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में वॉर रूम से महाप्रबन्धक, पूर्वोत्तर रेलवे सुश्री सौम्या माथुर एवं प्रमुख विभागाध्यक्ष 24 घंटे मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त मंडल रेल प्रबन्धक/वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ झूसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों की स्थल पर निगरानी कर रहे हैं।

Chhapra: सारण पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एकमा थानान्तर्गत 3 अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 1 अवैध देशी कट्टा बरामद किया गया है।  

29.01.25 को एकमा थाना को गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम देवढ़िया से ग्राम केशरी जानेवाली सड़क के किनारे ईश्वर पटेल के आम के बगीचा के सामने 3 अपराधी अप्रिय घटना कारित करने के नियत से छुपे हैं। उक्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए बताये गए स्थान पर छापामारी किया गया।

छापामारी के क्रम में 1 देशी कट्टा एवं 3 मोबाइल बरामद कर 3 अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया है। इस संबंध में एकमा थाना कांड सं0 38/25, दिनांक-29. 01.25, धारा 25 (1-बी) ए/26/35 भा०न्या०सं० दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। है।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम एवं पता

1. सर्वेश पांडेय, पिता अजय पांडेय, साकिन- पंडितपुर, थाना जनताबाजार, जिला- सारण।

2. बन्टी कुमार, पिता ब्रहमदेव राय, साकिन केशरी, थाना-एकमा, जिला- सारण।

3. रोहन कुमार, पिता अनिल कुमार, साकिन टेशुआर, थाना रसुलपुर, जिला सारण।

जब्त सामानों का विवरण

1. देशी कट्टा- 1, 2. मोबाइल- 3

टीम में शामिल पुलिस पदाधिकारी

पु०नि० उदय कुमार, थानाध्यक्ष एकमा थाना, पु०अ०नि० संजीव कुमार, प्र०पु०अ०नि० बालमुकुंद कुमार, स०अ०नि० प्रभाकर कुमार, सि०/571 संजीत कुमार, सि०/e 632 फिरोज आलम एवं थाना के अन्य पुलिस कर्मी।