New Delhi, 2 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार यमुनापार (पूर्वी दिल्ली) में रावण दहन कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे आईपी एक्सटेंशन स्थित श्रीरामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, जहां 72 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा।

प्रधानंत्री मोदी के आगमन को देखते हुए  कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं

इस रामलीला में चार पुतलों का दहन किया जाएगा। परंपरागत रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के अलावा चौथे पुतले का भी दहन किया जाएगा। यह पुतला पहलगाम के आतंकियों का होगा, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक माना जा रहा है। आयोजकों के अनुसार, यह पुतला युवाओं को संदेश देगा कि राक्षसी प्रवृत्तियों से केवल संघर्ष करके ही छुटकारा पाया जा सकता है।

इस समारोह में कई फिल्मी हस्तियों के साथ-साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा के भी मौजूद रहने की संभावना है। प्रधानंत्री मोदी के आगमन को देखते हुए इलाके में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।

New Delhi, 2 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने गुरुवार को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह राजघाट पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल विजय घाट पर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

गांधीजी ने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं: प्रधानमंत्री

इससे पहले सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा, गांधीजी ने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं, उन्होंने लोगों को सशक्त बनाने के आवश्यक साधन के रूप में सेवा और करुणा की शक्ति में विश्वास पैदा किया। उन्होंने आगे लिखा कि गांधी जयंती प्रिय बापू के असाधारण जीवन को श्रद्धांजलि देने का दिन है, जिनके आदर्शों ने मानव इतिहास की दिशा बदल दी। उन्होंने दिखाया कि कैसे साहस और सादगी महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं वे सेवा और करुणा की शक्ति को लोगों को सशक्त बनाने के अनिवार्य साधन मानते थे। पोस्ट में लिखा कि हम एक विकसित भारत के निर्माण के अपने अभियान में उनके बताए मार्ग पर चलते रहेंगे।

लाल बहादुर शास्त्री की दृढ़ संकल्प ने भारत को सशक्त बनाया: : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री मोदी ने लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए लिखा कि लाल बहादुर शास्त्री जी एक असाधारण राजनेता थे जिनकी ईमानदारी, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत को सशक्त बनाया। वे अनुकरणीय नेतृत्व, शक्ति और निर्णायक कार्रवाई के प्रतीक थे। ‘जय जवान जय किसान’ के उनके आह्वान ने हमारे लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई। वे हमें एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए निरंतर प्रेरित करते रहते हैं।

New Delhi, 2 अक्टूबर (हि.स.)। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयादशमी के पर्व को लेकर देशभर में उत्साह और उत्सव का माहौल है। नवरात्रि और दुर्गा पूजा उत्सव का आज दसवां और अंतिम दिन है। इस पवन दिन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है।

यह त्योहार धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक है: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्स पोस्ट में लिखा कि यह त्योहार धर्म की अधर्म पर जीत का प्रतीक है और हमें सत्य व न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने रावण दहन और दुर्गा पूजा जैसे उत्सवों को राष्ट्रीय मूल्यों का प्रतीक बताया, जो हमें क्रोध और अहंकार जैसे नकारात्मक गुणों को त्यागकर साहस और दृढ़ता अपनाने का संदेश देते हैं।

प्रधानमंत्री ने दी विजयादशमी की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर लिखा, “विजयादशमी बुराई और असत्य पर अच्छाई और सत्य की विजय का प्रतीक है। मेरी कामना है कि इस पावन अवसर पर हर किसी को साहस, बुद्धि और भक्ति के मार्ग पर निरंतर अग्रसर रहने की प्रेरणा मिले। देशभर के मेरे परिवारजनों को विजयादशमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”

भाजपा ने देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं दी हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पर लिखा- “धर्मो जयति नाधर्मः सत्यं जयति नानृतम्“

असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय के महापर्व विजयादशमी की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ। इस पावन पर्व पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात कर जीवन को सार्थक बनाएं।”

Entertainmnet: बॉलीवुड में इन दिनों काम के घंटों को लेकर बहस तेज हो गई है। हाल ही में दीपिका पादुकोण ने 8 घंटे काम की मांग उठाई थी और इसी वजह से उन्होंने संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ छोड़ दी थी। इसके बाद सेलेब्स लगातार इस मुद्दे पर अपनी राय रख रहे हैं। अब एक्ट्रेस रानी मुखर्जी ने भी इस पर खुलकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न सिर्फ अपने अनुभव शेयर किए, बल्कि निर्देशन को लेकर अपने करियर प्लान्स पर भी बात की।

मैं हमेशा कहती हूं कि इस इंडस्ट्री में कभी ‘ना’ मत कहो: रानी मुखर्जी

दिए एक इंटरव्यू में रानी मुखर्जी ने फिल्म ‘हिचकी’ की शूटिंग के दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि उस समय उनकी बेटी आदिरा महज 14 महीने की थी और उन्हें घर और शूटिंग दोनों संभालने थे। रानी ने कहा, “जब मैंने ‘हिचकी’ की थी, तब आदिरा बहुत छोटी थी। मुझे सुबह जल्दी उठकर बेटी के सारे काम पूरे करने होते थे और फिर सीधे शूटिंग पर निकल जाती थी। जुहू स्थित मेरे घर से शूटिंग लोकेशन तक पहुंचने में करीब दो घंटे लगते थे। मैं सुबह 6:30 बजे घर से निकलती थी, पहला शॉट 8 बजे देती थी और दोपहर 12:30-1 बजे तक काम निपटा लेती थी। मेरे क्रू का शेड्यूल इतना व्यवस्थित था कि 6-7 घंटे में मेरी शूटिंग पूरी हो जाती थी। इस तरह मैं ट्रैफिक शुरू होने से पहले ही दोपहर 3 बजे तक घर पहुंच जाती थी।”

काम के घंटे पर उन्होंने कहा, “आजकल इस विषय पर चर्चा ज्यादा हो रही है।  लेकिन ये कोई नया नियम नहीं है। मैंने भी सीमित घंटों में काम किया है। अगर निर्माता को इसमें समस्या हो, तो वह किसी और को चुन सकते हैं। किसी पर कुछ थोपना नहीं होता, यह पूरी तरह से विकल्प का मामला है।”

निर्देशन को लेकर पूछे गए सवाल पर रानी ने कहा, “मैं हमेशा कहती हूं कि इस इंडस्ट्री में कभी ‘ना’ मत कहो। जब मुझे लगेगा कि मैं इसके लिए तैयार हूं, तभी निर्देशन करूंगी। अभी के लिए मैं बतौर अभिनेत्री और निर्देशित होने में ही खुश हूं।”

वर्कफ्रंट की बात करें तो रानी मुखर्जी आखिरी बार ‘मिसेज चटर्जी वर्सेज नार्वे’ में नजर आई थीं। अब वह अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘मर्दानी 3’ की तैयारी कर रही हैं।

New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्र सरकार राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने का उत्सव देशभर में मनाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में देशभर में इससे जुड़े कई आयोजनों को मंजूरी दी गयी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नेशनल मीडिया सेंटर में पत्रकार वार्ता में बताया कि इस साल राष्ट्रीय गीत के 150 साल पूरे हो रहे हैं। इसे उत्सव की तरह मनाने का फैसला किया गया है। सभी को विशेषकर युवाओं को इतिहास के साथ जोड़ने के लिए इस गीत के मूल भावना को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक अस्मिता के प्रतीक इस गीत की रचना बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने 1875 में की थी और आगामी 7 नवंबर 2025 को इसके 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। 24 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान सभा ने इसे राष्ट्रीय गीत घोषित किया। देशभक्ति से भरपूर उनकी इस कविता को उन्हीं के उपन्यास आनंद मठ में सबसे पहले प्रकाशित किया गया। उनकी इस रचना ने उस दौर में भारत की आजादी की जंग लड़ रहे वीर सपूतों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम किया।

Araria 01 अक्टूबर(हि.स.)। चुनाव के मौसम में पाला बदलने का काम भी शुरू हो गया है। अररिया के नरपतगंज से चार बार भाजपा विधायक रहे जनार्दन यादव ने भाजपा से इस्तीफा देने के बाद जन सुराज का दामन थाम लिया है।

जनार्दन यादव ने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज का दामन थामा

उन्होंने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय कुमार सिंह के समक्ष पटना स्थित जन सुराज के कार्यालय में जन सुराज का दामन थामा। जनार्दन यादव ने सैकड़ों समर्थकों के साथ जन सुराज का दामन थामा है। प्रशांत किशोर और उदय कुमार सिंह ने पीला गमछा ओढ़ाकर उन पार्टी में स्वागत किया।

जनार्दन यादव अररिया जिला में भाजपा के पुराने सिपहसलार रहे हैं। जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में लड़े गए छात्र आंदोलन की उपज रहे जर्नादन यादव ने पिछले दिनों पार्टी में उपेक्षा और अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। तबसे ही उनके जन सुराज में जाने की संभावना लगाई जा रही थी।

जनार्दन यादव ने 1977 में पहली बार जीत दर्ज की थी

जनसंघ के काल से ही पार्टी से जुड़े जनार्दन यादव छात्र आंदोलन के दौरान मीसा के तहत दो बार जेल गए थे। भागलपुर केंद्रीय कारा में काफी दिनों तक उन्होंने बंदी के रूप में समय बिताया था। छात्र आंदोलन के बाद 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार जीत दर्ज की थी। लेकिन चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित कम उम्र के कारण पटना हाईकोर्ट ने उन्हें अयोग्य करार दे दिया था। फलस्वरूप हाईकोर्ट के निर्णय के आलोक में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से 1980 में हुए मध्यावधि चुनाव में पार्टी न उनपर भरोसा जताते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया।

2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया

इस चुनाव में जनार्दन यादव की चुनाव लड़ने की तय उम्र सीमा पार कर गई थी।पार्टी के भरोसे को भी जनार्दन यादव ने कायम रखते हुए 1980 के मध्यावधि चुनाव में जीत दर्ज किया। 1980 के बाद 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के टिकट से नरपतगंज विधानसभा से जीत दर्ज की। 2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया था, लेकिन उस चुनाव में जीतने में कामयाब नहीं रहे। जिसके बाद से ही पार्टी में वो हाशिए पर चलते चले गए। 2010 में नरपतगंज से भाजपा ने देवयंती यादव और 2020 के चुनाव में जयप्रकाश यादव को नरपतगंज से उम्मीदवार बनाया और इन दोनों चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में दोनों उम्मीदवारों ने पार्टी को निराश नहीं किया और विजयी रहे। पार्टी और संगठन में लगातार उपेक्षा को लेकर वे आवाज बुलन्द करते रहे,लेकिन पार्टी में वे धीरे धीरे हाशिए पर चलते चले गए।

पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई पूछ नहीं है: जनार्दन यादव

जनार्दन यादव ने कहा कि वर्तमान समय में बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है। चाहे थाना हो, प्रखंड कार्यालय या अन्य सरकारी विभाग, बिना रिश्वत कोई काम नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि फारबिसगंज और नरपतगंज के वर्तमान भाजपा विधायक जनता की सेवा में सक्षम नहीं रहे और कार्यालयों में कामकाज ठीक से नहीं हो रहा था। दोनों विधानसभा की जनता बार बार अपने कामकाज को लेकर उनके पास आते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अररिया जिले के पुराने भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई पूछ नहीं है। उन्होंने कहा कि नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र से चार बार उन्हें प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है। फलस्वरूप क्षेत्र की जनता आज भी कई कार्यों से को लेकर उनके पास पहुंचते हैं, लेकिन वर्तमान समय में सरकारी कार्यालयों में बिना चढ़ावे के कोई कार्य नहीं होता। उन्होंने भाजपा संगठन में बाहरी तत्वों के घुसपैठ हो जाने से पार्टी के मूल स्वरूप में बदलाव आने की बात कही।उन्होंने कहा कि पार्टी के पुराने समर्पित कार्यकर्ता भाजपा से दूर जा रहे हैं। उन्होंने जन सुराज पार्टी के सिपाही के रूप में पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने की बात कही और जिला में फिर से जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह बबन के नेतृत्व में जन सुराज के संगठन को मजबूती प्रदान करने की बात कही। उल्लेखनीय हो कि जन सुराज के जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह बबन भी भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं और संगठन में दो बार जिलाध्यक्ष की भी भूमिका निभाया था।उन्होंने भी पार्टी में उपेक्षा पर इस्तीफा देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय कुमार सिंह के समक्ष जन सुराज का दामन थाम लिया था।

Patna: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और हाल ही में एनडीए में लौटे पवन सिंह की राजनीतिक सक्रियता ने बिहार की सियासत को एक नया मोड़ दे दिया है। मंगलवार को पवन सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। इस भेंट के बाद कुशवाहा का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि पवन सिंह की वापसी से एनडीए को खासकर शाहाबाद और मगध के इलाके में व्यापक लाभ मिलेगा।

राजपूत और कुशवाहा वोटर होंगे एकजुट: उपेंद्र कुशवाहा

राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पिछली बार के लोकसभा चुनाव में एनडीए को वोट बंटवारे का खामियाजा उठाना पड़ा था, लेकिन इस बार रणनीति अलग होगी। उनका कहना था कि एनडीए एकजुट होकर मैदान में उतरेगा और वोटों के बिखराव पर पूरी तरह रोक लगेगी। पवन सिंह हमेशा गठबंधन के हित की बात करते हैं। उनकी मौजूदगी से राजपूत और कुशवाहा समाज के बीच एकजुटता बनेगी, जिसका सीधा असर चुनावी नतीजों पर दिखेगा।

पवन सिंह के आने से एनडीए की ताकत और बढ़ेगी: उपेंद्र कुशवाहा

उन्होंने व्यक्तिगत सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार किया, लेकिन यह जरूर कहा कि पवन सिंह के आने से एनडीए की ताकत और बढ़ेगी। उपेंद्र कुशवाहा का मानना है कि गठबंधन अब पहले से ज्यादा आक्रामक और ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है।

दरअसल उपेंद्र कुशवाहा बुधवार को सासाराम के वेदा इलाके में एक वर्कशॉप का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इसी दौरान पत्रकारों ने उनसे पवन सिंह को लेकर सवाल पूछा, जिस पर उन्होंने विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया दी।

गौरतलब है कि पवन सिंह की एनडीए में सक्रियता ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कुशवाहा और राजपूत वोटरों का समीकरण तय कर सकता है कि सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

Patna, 1 अक्टूबर (हि.स.)। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बिहार की अंतिम मतदाता सूची मंगलवार को प्रकाशित हुई, जिसमें कुल 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज किए गए हैं। यह संख्या इस वर्ष 24 जून को दर्ज 7.89 करोड़ मतदाताओं की तुलना में लगभग 6 प्रतिशत कम है।

चुनाव आयोग ने बार-बार घुसपैठियों के लिए सूची के पुनरीक्षण की बात कही

चुनाव आयोग ने राज्य में तीन महीने का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करने की घोषणा की थी। चुनाव आयोग और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अंतिम सूची के प्रकाशन में यह नहीं बताया कि मतदाता सूची से कितने विदेशी नागरिकों को हटाया गया। जबकि देश के प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग ने बार-बार घुसपैठियों के लिए सूची के पुनरीक्षण की बात कही।

लेकिन मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन में चुनाव आयोग ने बताया कि नाम काटे जाने के कारण मृत्यु, स्थायी पलायन और डुप्लीकेशन हैं। इससे चुनाव आयोग की उस दलील पर भी सवाल खड़े हो गए हैं, जिसमें उसने इस पुनरीक्षण को नागरिकता सत्यापन अभियान के रूप में भी पेश किया था।

एसआईआर की कसौटी इतनी कठिन क्यों बनाई गई

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि वह नागरिकता का सबूत मांगने के अधिकार क्षेत्र में है और मतदाता पर ही इसका भार डालना उचित है। लेकिन अंतिम नतीजों से यह स्पष्ट हुआ कि गैर-नागरिकों या विदेशियों की संख्या शून्य है, जिससे यह सवाल उठता है कि एसआईआर की कसौटी इतनी कठिन क्यों बनाई गई।

इस पुनरीक्षण में 68.6 लाख नाम हटाए गए। इनमें से 65 लाख नाम 1 अगस्त को प्रकाशित प्रारूप सूची में हटाए गए थे और 3.66 लाख नाम दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया के दौरान निकाले गए। इसी दौरान 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए। आयोग ने मतदाता सूची में पुरुष और महिला मतदाताओं की संख्या सार्वजनिक नहीं की। लेकिन इस सूची में प्रतीत होता है कि महिलाओं का अनुपात पुरुषों की तुलना में काफ़ी कम हो गया है।

भाजपा-जदयू ने बिहार का अपमान किया: राष्ट्रीय प्रवक्ता काँग्रेस

65 लाख नामों की प्रारूप कटौती में 22 लाख लोगों को मृत चिह्नित किया गया, 36 लाख को स्थायी रूप से पलायन या अनुपस्थित दिखाया गया और 7 लाख अन्यत्र पंजीकृत पाए गए। अंतिम सूची में हटाए गए 3.66 लाख नामों में 2 लाख पलायन के कारण, लगभग 60 हज़ार मृत्यु के कारण और 80 हज़ार डुप्लीकेशन (दो स्थानों पर नाम होने) के कारण हटाए गए। इस प्रकार, विदेशी नागरिक एक भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से लेकर मतदाताओं तक यह कहा कि यह प्रक्रिया मतदाता की नागरिकता के प्रमाणीकरण से जुड़ी है। इसलिए 2003 के बाद पंजीकृत मतदाताओं को नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज़ प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया था। जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ था उन्हें अपना जन्म प्रमाण देना था। जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ था उन्हें अपने साथ एक अभिभावक का भी प्रमाण देना था। और 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे लोगों को स्वयं और दोनों अभिभावकों का प्रमाण देना था। ये श्रेणियाँ नागरिकता अधिनियम,1955 के अनुसार तय की गई थीं।

अब सवाल यह उठता है कि क्या सभी बिहारियों की नागरिकता पर सवाल उठाकर चुनाव आयोग और भाजपा-जदयू ने बिहार का अपमान किया?

New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) को 3 प्रतिशत बढ़ाकर 55 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह बढ़ोतरी एक जुलाई 2025 से लागू होगी।

68.72 लाख पेंशनभोगी होंगे लाभान्वित 

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में वृद्धि के कारण सरकार पर कुल वार्षिक व्यय 10,083.96 करोड़ रुपये आएगा। इस निर्णय से लगभग 49.19 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 68.72 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।

New Delhi, 1 अक्टूबर (हि.स.)। दक्षिण-पूर्व एशियाई देश फिलीपींस में आए शक्तिशाली भूकंप में 69 लोगों की मौत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए वहां के लोगों के साथ एकजुटता प्रकट की है।

फिलीपींस में मंगलवार रात 6.9 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा कि फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर उन्हें गहरा दुख हुआ। प्रधानमंत्री ने लिखा, “मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”

फिलीपींस के सेबू प्रांत में मंगलवार रात 6.9 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे अब तक कम से कम 69 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

Entertainment: साउथ के सुपरस्टार धनुष और बॉलीवुड एक्ट्रेस कृति सैनन पहली बार बड़े पर्दे पर साथ नजर आने वाले हैं। दोनों की आने वाली फिल्म ‘तेरे इश्क में’ का टीजर रिलीज कर दिया गया है, जिसने दर्शकों के बीच उत्साह और बढ़ा दिया है। इश्क और बदले की गहराई पर आधारित इस प्रेम कहानी का निर्देशन आनंद एल राय कर रहे हैं, जबकि फिल्म का संगीत ए.आर. रहमान ने दिया है।

दर्शकों की इस फिल्म के लिए बेसब्री और भी बढ़ गई

टीजर की झलक बताती है कि यह एक एक्शन-रोमांटिक फिल्म है, जिसकी कहानी बनारस की पृष्ठभूमि पर टिकी है। इसमें धनुष खून से लथपथ हालत में अजनबी गुंडों से भिड़ते दिखाई देते हैं। वहीं, कृति सैनन हल्दी की रस्म में बैठी नजर आती हैं। दिलचस्प मोड़ तब आता है जब धनुष गंगाजल से उनके पाप धोने की कोशिश करते हैं। टीजर के साथ ही दर्शकों की इस फिल्म के लिए बेसब्री और भी बढ़ गई है।

‘तेरे इश्क में’ का 2 मिनट 4 सेकंड लंबा टीजर कई दमदार पलों से भरा हुआ है, जो दर्शकों को पूरी तरह से फिल्म से जोड़े रखने का वादा करता है। ए.आर. रहमान के संगीत ने इसमें एक खास जादू घोल दिया है, जिसकी धुनें सीधे दिल और दिमाग पर असर डालती हैं। टीजर के अंत में अरिजीत सिंह की आवाज सुनकर माहौल और भी भावुक हो जाता है। इसके गीतकार इरशाद कामिल ने अपनी कलम से गीतों को और गहराई दी है। फिल्म 28 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है और दर्शकों को एक अनोखा सिनेमाई अनुभव देने का वादा करती है।

New Delhi, 01 अक्टूबर (हि.स.)। अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को चौथा इंजन सौंप दिया है। इसका इस्तेमाल एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों में किया जाएगा, जिन्हें निकट भविष्य में भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाना है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। एचएएल का लक्ष्य इस साल अक्टूबर तक पहला विमान तैयार करना है, जिसमें से तीन पहले ही तैयार हैं और अंतिम परीक्षणों का इंतजार है। इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान होने के बाद अब विमान के उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद बढ़ी है।

2024 में पहली खेप मिलने की उम्मीद थी

भारत ने फरवरी 2021 में एचएएल के साथ 48 हजार करोड़ का एक समझौता किया था। इस अनुबंध में 73 तेजस मार्क-1ए जेट और 10 प्रशिक्षक विमान शामिल थे। भारतीय वायु सेना को 2024 में पहली खेप मिलने की उम्मीद थी, लेकिन इस बीच कंपनी जीई एयरोस्पेस (जीई) ने एफ-404 इंजन का उत्पादन बंद कर दिया। भारतीय वायु सेना के साथ फरवरी, 2021 में अनुबंध होने के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को इसी साल मार्च से नए विमान की आपूर्ति होनी थी, लेकिन इसमें लगने वाले इंजन की अमेरिका से आपूर्ति में देरी की वजह से इंतजार लंबा हो गया।

भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कंपनी ने इसी साल 26 मार्च को पहला इंजन भारत को सौंपा। इसके बाद 13 जुलाई को जीई ने दूसरा इंजन भेजा। एचएएल को एलसीए मार्क-1ए के लिए तीसरा जीई-404 इंजन 11 सितंबर को मिला। कंपनी ने उसी समय एक और इंजन सितंबर के अंत तक देने का बादा किया था, जो माह के आखिरी दिन मिल गया, जिसकी पुष्टि आज एचएएल ने की है। अब भारत को चार इंजन मिल चुके हैं, जिससे एलसीए मार्क-1ए विमानों के उत्पादन और आपूर्ति का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद बढ़ी है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक भारत को 12 जीई-404 इंजन मिलने की उम्मीद है। ये इंजन भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान में लगाए जाएंगे, जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल किया जा रहा है।

इनकी डिलीवरी छह वर्षों में पूरी होगी

एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. डीके सुनील ने कहा कि एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक कीमत वाले 113 जीई-404 इंजनों के ऑर्डर के लिए बातचीत पूरी हो गई है और अनुबंध पर अक्टूबर में हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय की ओर से 25 सितंबर को दिए गए 97 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों के नए ऑर्डर में 68 सिंगल-सीट लड़ाकू विमानों और 29 ट्विन-सीट ट्रेनर विमानों के इंजन शामिल होंगे, जिनकी डिलीवरी 2027-28 में शुरू होगी और छह वर्षों में पूरी होगी। एचएएल का लक्ष्य इस साल अक्टूबर तक पहला विमान तैयार करना है, जिसमें से तीन पहले ही तैयार हैं और अंतिम परीक्षणों का इंतज़ार है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2032-33 तक हम सभी 180 विमानों का निर्माण पूरा कर लेंगे।

इस ऑर्डर में 70 फीसदी स्वदेशी सामग्री होगी

एचएएल अध्यक्ष ने रक्षा मंत्रालय के साथ नया अनुबंध होने के बाद कहा था कि पहले वाले ऑर्डर की तुलना में इस ऑर्डर में 70 फीसदी स्वदेशी सामग्री होगी, जिसमें उपकरण, धातु, कोई भी स्पेयर पार्ट या जो कुछ भी हम बनाते हैं, वह हो सकती है। ये सभी सामग्री ज्यादातर भारतीय निजी क्षेत्र से आपूर्ति की जाएगी, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम उन आपूर्ति शृंखलाओं को 70 फीसदी तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि हम स्वदेशी रडार, ईडब्ल्यू सुइट और कई अन्य उपकरण को एकीकृत करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भरता पर जोर देकर ऑर्डर दे रही है, जिससे न केवल एचएएल में, बल्कि हमारे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र में रोजगार पैदा होंगे।

शायद वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन मिल जाएंगे

उन्होंने कहा कि एचएएल जीई के एफ-414 इंजनों के लिए 80 फीसदी प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर भी बातचीत कर रहा है, जो उन्नत एलसीए मार्क-2 और स्वदेशी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (एएमसीए) को शक्ति प्रदान करेगा। डॉ. सुनील ने कहा कि जीई ने हमें एक साल में 12 इंजन देने का वादा किया था, लेकिन अब शायद हमें वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 इंजन मिल जाएंगे। इस साल हमें 10 इंजन मिल सकते हैं। बाकी इंजन हमें अगले साल मार्च तक मिल जाएंगे। हम 10वें विमान का ढांचा बना चुके हैं और 11वां विमान तैयार है। इंजन को लेकर बुनियादी समस्याओं का समाधान हो गया है, इसलिए अब उत्पादन में तेजी आएगी। जीई ने अगले साल 20 इंजन देने का वादा किया है, जिसके लिए शीर्ष प्रबंधन के साथ एक बैठक की है।