New Delhi, 10 अगस्त (हि.स.)। अग्रिम पंक्ति के स्टील्थ फ्रिगेट ‘उदयगिरि’ और ‘हिमगिरि’ को भारतीय नौसेना अपने समुद्री बेड़े में शामिल करने के लिए तैयार है। यह पहली बार होगा जब दो प्रतिष्ठित भारतीय शिपयार्डों के दो प्रमुख सतही लड़ाकू जहाजों को एक ही समय में 26 अगस्त को विशाखापत्तनम में नौसेना में शामिल किया जाएगा। दो जहाजों का एक साथ नौसेना में शामिल होना भारत के तेजी से बढ़ते नौसैनिक आधुनिकीकरण और विभिन्न शिपयार्डों से अत्याधुनिक युद्धपोतों की आपूर्ति करने का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

‘हिमगिरि’ कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में निर्मित इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज है

प्रोजेक्ट 17ए के तहत स्टील्थ फ्रिगेट्स का दूसरा जहाज ‘उदयगिरि’ मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने निर्मित किया है, जबकि ‘हिमगिरि’ कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में निर्मित इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज है। भारतीय नौसेना के लिए एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि उदयगिरि नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो में डिजाइन किया गया 100वां जहाज है। डिजाइन के लिहाज से देखा जाए तो उदयगिरि और हिमगिरि अगली पीढ़ी के जहाज हैं। लगभग 6,700 टन विस्थापन वाले प्रोजेक्ट 17ए के यह फ्रिगेट अपने पूर्ववर्ती शिवालिक-श्रेणी के फ्रिगेट से लगभग पांच प्रतिशत बड़े हैं। फिर भी इनका आकार अधिक सुडौल है और इनका रडार क्रॉस सेक्शन कम है।

दोनों जहाजों के निर्माण में 200 से अधिक एमएसएमई का सहयोग रहा है

नौसेना के मुताबिक इन्हें डीजल इंजन और गैस टर्बाइनों का उपयोग करते हुए संयुक्त डीजल या गैस प्रणोदन संयंत्रों से संचालित किया जाता है, जो नियंत्रणीय-पिच प्रोपेलर चलाते हैं और एक एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से प्रबंधित होते हैं। हथियार सूट में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, 76 मिमी एमआर गन और 30 मिमी और 12.7 मिमी क्लोज-इन हथियार प्रणालियों और पनडुब्बी रोधी/पानी के नीचे की हथियार प्रणालियों का संयोजन शामिल है। दोनों जहाजों के निर्माण में 200 से अधिक एमएसएमई का सहयोग रहा है। इनसे लगभग 4,000 प्रत्यक्ष नौकरियों और 10 हजार से अधिक अप्रत्यक्ष नौकरियों का मौका मिला है।


आत्मनिर्भरता का एक गौरवशाली प्रमाण

उदयगिरि और हिमगिरि का जलावतरण जहाजों के डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके बाद अन्य स्वदेशी जहाजों, जैसे विध्वंसक आईएनएस सूरत, फ्रिगेट आईएनएस नीलगिरि, पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी आईएनएस अर्णाला और गोताखोरी सहायता पोत आईएनएस निस्तार का जलावतरण 2025 में ही होगा। कठोर समुद्री परीक्षणों के दौरान फ्रिगेट्स के पतवार, मशीनरी, अग्निशमन, क्षति नियंत्रण, नौवहन और संचार प्रणालियों ने पुष्टि की है कि वे परिचालन तैनाती के लिए तैयार हैं।​ विशाखापत्तनम में होने वाला समारोह आत्मनिर्भर समुद्री रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र की ओर भारत की यात्रा का उत्सव होगा।

New Delhi: रक्षा मंत्री ने रायसेन के उमरिया में रेल कोच फैक्टरी का किया शिलान्यास, बोले- हमारा संकल्प है जो हमें छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहींभोपाल, 10 अगस्त (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले रक्षा क्षेत्र का सामान हम दूसरे देशों से खरीदते थे। अब इनमें से बहुत सारी चीजें हम न केवल देश में बना रहे हैं बल्कि दूसरे देशों को निर्यात करने का काम भी कर रहे हैं। अब हम 24 हजार करोड़ से ज्यादा की डिफेंस सामग्री निर्यात कर रहे हैं।

हम चाहते हैं कि केवल भारत का ही कल्याण न हो, बल्कि संपूर्ण विश्व का कल्याण होना चाहिए: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को मध्य प्रदेश के प्रवास के दौरान रायसेन जिले के ग्राम उमरिया में ग्रीनफील्ड रेल कोच निर्माण इकाई के भूमिपूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रक्षा क्षेत्र का केंद्र बनने के लिए हर गुण है। सभी संसाधन हैं। रायसेन में रेल कोच का निर्माण होगा। साथ ही रेलवे के अलग-अलग प्रोडक्ट्स भी यहां बनाए जाएंगे। देशभर की स्पीड ट्रेनों में एमपी में बनने वाले रेलवे कोच लगेंगे। मध्य प्रदेश का औद्योगिक विकास देश को भी विकास की नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा।

रक्षा मंत्री सिंह ने पड़ोसी देश को चेतावनी देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि केवल भारत का ही कल्याण न हो, बल्कि संपूर्ण विश्व का कल्याण होना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी हम पर हमला कर दे। जो छेड़ेगा, हम उसे छोड़ेंगे नहीं। पहलगाम में हमारे निर्दोष भाइयों की हत्या की गई थी। वे मानते थे कि हम शांत होकर बैठ जाएंगे। हमने संकल्प लिया कि मुंहतोड़ जवाब देंगे। हम हत्या में विश्वास नहीं करते, लेकिन हमने ठान लिया है कि हम धर्म देखकर नहीं, कर्म देखकर मारेंगे।

रक्षा मंत्री ने ब्रह्मा परियोजना (रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग इकाई) का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ग्राम उमरिया में 60 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 1800 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली ब्रह्मा परियोजना (बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग) से भोपाल, रायसेन, सीहोर और विदिशा आदि जिलों को लाभ होगा। इन जिलों के तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल व नारायण सिंह पंवार, विधायक सुरेंद्र पटवा रहे।

उन्होंने कहा कि आज रायसेन के उमरिया में 1800 करोड़ की लागत से ग्रीनफील्ड रेल कोच फैक्टरी का भूमिपूजन हुआ है। इससे पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। रक्षा क्षेत्र के माध्यम से मध्य प्रदेश में जो भी हो सकेगा, मैं सदैव तैयार रहूंगा। मध्य प्रदेश प्राकृतिक सुंदरता के लिए देशभर में जाना जाता है। अब औद्योगिक विकास के लिए भी जाना जाएगा, लेकिन हमें पर्यावरण और विकास का संतुलन बनाना होगा। उद्योग धंधों में मध्य प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां 30 लाख करोड़ से अधिक का निवेश मिला है। मध्य प्रदेश सरकार ने 18 हजार हेक्टेयर का भूमि बैंक तैयार किए हैं। कनेक्टिविटी की सुविधा मुहैया कराई गई है। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में सबसे तेजी से भारत की अर्थव्यवस्था करीब साढ़े 6 फीसदी की गति से बढ़ रही है। आज देश की अर्थव्यवस्था डैशिंग और डायनामिक हो गई है।

उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि विकास को जो गति यहां शिवराज सिंह ने अपने कार्यकाल में दी थी, उसी कुशलता ओर तेजी के साथ हमारे मुख्यमंत्री मोहन यादव एमपी को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। गत 18 वर्षों की शिवराज जी की विरासत को आगे बढ़ाने का काम मोहन यादव कर रहे हैं।

भूमि पूजन कार्यक्रम को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 साल में पैंतीस हजार किमी पटरी बिछाई गई। देश को नई जनरेशन की ट्रेनें दी गई हैं। गत 11 वर्षों में 40 हजार कोचेस अपडेट किए हैं। ब्रह्मा इसी कड़ी में रेलवे का मजबूत साथी बनकर सामने आया है। मध्य प्रदेश में कोच फैक्टरी बनने से रेलवे का ईको सिस्टम आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम को मुख्यमंत्री मोहन यादव और केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया।

 

New Delhi, 10 अगस्त (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है, क्योंकि पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के दौरान सरकार ने हमें पूरी छूट दी थी। पहली बार हमने राजनीतिक स्पष्टता देखी। किसी भी तरह की पाबंदी न होने से सेना कमांडरों को खुद फैसले लेकर अपने विवेक के अनुसार काम करने में मदद मिली।

सरकार की ओर से पूरी छूट दी गई थी कि आप तय करें कि क्या करना है: सेनाध्यक्ष

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने यह टिप्पणी आईआईटी मद्रास में 4 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान की थी, जिसकी अधिकृत जानकारी सेना ने रविवार को दी है।ऑपरेशन पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी कहते हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया था।हमले के दूसरे दिन यानी 23 अप्रैल को हम सब बैठे। यह पहली बार था, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘बस बहुत हो गया।’ तीनों सेना प्रमुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट थे कि कुछ तो करना ही होगा। सरकार की ओर से पूरी छूट दी गई थी कि आप तय करें कि क्या करना है। इस तरह का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और राजनीतिक स्पष्टता हमने पहली बार देखी।

9 में से 7 लक्ष्यों पर हमले को अंजाम दिया: सेनाध्यक्ष

उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की स्पष्टता के चलते हमारे सेना कमांडर-इन-चीफ को जमीन पर रहकर अपनी बुद्धि के अनुसार काम करने में मदद मिली। 25 अप्रैल को हमने उत्तरी कमान का दौरा किया, जहां हमने सोचा, योजना बनाई, संकल्पना की और नष्ट किए गए 9 में से 7 लक्ष्यों पर हमले को अंजाम दिया और बहुत सारे आतंकवादी मारे गए। इसके बाद 29 अप्रैल को हम पहली बार प्रधानमंत्री से मिले। यह महत्वपूर्ण है कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने पूरे देश को एक साथ जोड़ा। यह कुछ ऐसा है, जिसने पूरे देश को प्रेरित किया। यही कारण है कि पूरा देश कह रहा था कि आपने इसे क्यों रोक दिया? यह प्रश्न पूछा जा रहा था और इसका पर्याप्त उत्तर दिया गया है।

आईआईटी मद्रास में संबोधन के दौरान थल सेनाध्यक्ष ने बताया कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में हमने शतरंज खेला। हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले हैं। इसे ग्रेजोन कहते हैं, जिसका मतलब है कि हम पारंपरिक ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं। हम जो कर रहे हैं, वह पारंपरिक ऑपरेशन से बस थोड़ा कम है। हम शतरंज की चालें चल रहे थे और वह (दुश्मन) भी शतरंज की चालें चल रहा था। कहीं हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, तो कहीं हम अपनी जान गंवाने के जोखिम पर भी वार कर रहे थे, लेकिन ज़िंदगी का असली मतलब यही है।

Chhapra: नगर निगम क्षेत्र के ब्रह्मपुर से जगलाल चौधरी कॉलेज तक जाने वाली मुख्य सड़क पर स्थित रेलवे अंडरपास में लंबे समय से जलजमाव की समस्या बनी हुई है। इस मार्ग से रोज़ाना सैकड़ों लोग आवागमन करते हैं, लेकिन पानी भरने से एक बड़ी आबादी परेशान है।

जलजमाव से टापूनुमा स्थिति पैदा हो गई हैं

स्थानीय लोगों के मुताबिक, उनके पास शहर के मुख्य बाजार, कॉलेज, स्कूल तक पहुंचने के लिए केवल यही एक रास्ता है। पानी भरने की वजह से हालात ऐसे हो गए हैं कि स्थानीय लोगों के लिए टापूनुमा स्थिति पैदा हो गई हैं। 

शिक्षकों व अन्य राहगीरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है

इस मार्ग का सीधा जुड़ाव जगलाल चौधरी कॉलेज और ब्रह्मपुर से है। जलजमाव के कारण कॉलेज और स्कूल आने जाने वाले छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व अन्य राहगीरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बदबू और गंदगी से हालात और बिगड़ गए हैं, जिससे लोगों का आना-जाना बाधित हो जा रहा है। गौरतलब है कि फ्लाईओवर बनने के बाद से इस इलाके के लोगों की समस्याएँ कम होने के बजाय और भी बढ़ गई हैं।

स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से तत्काल समाधान की मांग की है

स्थानीय लोगों ने इस गंभीर समस्या को लेकर जिलाधिकारी से तत्काल समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि बरसाती पानी के ठहराव से रोज़ाना भारी परेशानी हो रही है। पानी से बदबू फैलने लगी है, जिससे न केवल राहगीरों की आवाजाही प्रभावित हो रही है, बल्कि आसपास के माहौल में भी असुविधा बढ़ गई है।

छपरा टुडे डॉट कॉम से बातचीत में लोगों ने कहा कि अगर पानी निकासी और सफाई की व्यवस्था जल्द नहीं की गई तो हालात और भी खराब हो सकते हैं।

मौके पर विकास कुमार, बलीराम सिंह, अशोक सिंह, सिद्धेश्वर सिंह, गजेंद्र सिंह, दीपक तिवारी, राजकिशोर राम, बृजेश सिंह, मंटू कुमार, संजय पांडेय, वीरेंद्र शर्मा, सुभाष कुमार आदि उपस्थित थे।

Patna, 10 अगस्त (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अपने आवास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अन्तर्गत 1 करोड़ 12 लाख से अधिक पेंशनधारियों के खाते में 1247.34 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लाभार्थियों को जुलाई माह की 1100 रुपये की पेंशन राशि उनके खाते में अंतरित की गई है।

प्रत्येक माह की 10 तारीख को सभी लाभुकों के खाते में पेंशन की राशि भेजने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं को आज 1100 (ग्यारह सौ) रुपये जुलाई माह की पेंशन की राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई है। प्रत्येक माह की 10 तारीख को सभी लाभुकों के खाते में पेंशन की राशि भेजने का निर्देश मेरी ओर से पहले ही दिया गया है। समय पर पेंशन की राशि लाभुकों के खाते में पहुंचने से उन्हें सहूलियत होगी। कोई भी योग्य सामाजिक पेंशनधारी छूटे नहीं, इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। जो भी सामाजिक पेंशनधारी छूटे हुये हैं, उनको भी इसका शीघ्र लाभ दिलाने का निर्देश उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया।

पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जून माह से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत वृद्धजनों, दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं को हर माह मिलने वाली पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है। इस निर्णय के आलोक में 11 जुलाई, 2025 को मेरे द्वारा कुल 1 करोड़ 11 लाख लाभुकों को 11-11 (ग्यारह-ग्यारह )सौ रुपये प्रति लाभुक की दर से जून माह की राशि उनके बैंक खाते में सीधे भेज दी गयी। इस काम में राज्य सरकार के द्वारा कुल 1 हजार 2 सौ 27 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गयी।

विगत एक माह में लगभग 1 लाख नये लाभुक पेंशन योजना के तहत जोड़े गये हैं: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि विगत एक माह में लगभग 1 लाख नये लाभुक पेंशन योजना के तहत जोड़े गये हैं। इस प्रकार जुलाई माह में लगभग 1 करोड़ 12 लाख लाभुकों को 11-11 सौ रुपये की दर से पेंशन की राशि उनके खाते में मेजी जायेगी। इस काम में राज्य सरकार के द्वारा कुल 1 हजार 2 सौ 47 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर, 2005 को सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने राज्य के विकास के लिए लगातार काम किया है। हमने शुरू से ही सभी वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई है। समाज के कमजोर तबकों के हित के लिए हमलोग निरंतर काम कर रहे हैं।

बिहार में 06 सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है

उल्लेखनीय है कि बिहार में 06 सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें 03 केन्द्र सरकार द्वारा तथा 03 पेंशन योजनाएं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय पेंशन योजना में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना और इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना शामिल हैं, जबकि राज्य पेंशन योजना में लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, बिहार निःशक्तता पेंशन योजना और मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना शामिल है।

Chhapra: तरैया के डीह छपिया गांव में शनिवार (09 अगस्त) को एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक ने अचानक चाकू से हमला कर 8 लोगों को घायल कर दिया। घायलों को परिजनों ने तुरंत सदर अस्पताल, छपरा पहुंचाया, जहां से 2 लोगों को गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच, पटना रेफर किया गया।

इलाज के दौरान आरोपी की मौत

हमले के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी युवक की पिटाई कर दी, जिससे वह भी घायल हो गया। आरोपी की पहचान बिट्टू तिवारी, निवासी मशरख थाना क्षेत्र, के रूप में हुई। पुलिस ने उसे इलाज के लिए पीएचसी तरैया भेजा, जहां से सदर अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

एसएसपी ने अधिकारियों को मामले की हर पहलू से जांच के निर्देश दिए

 

घटना की जानकारी मिलते ही तरैया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। बाद में ग्रामीण एसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और लोगों से बातचीत की। वहीं, एसएसपी सारण ने सदर अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली। एसएसपी ने संबंधित अधिकारियों को मामले की हर पहलू से जांच कर जरूरी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल गांव में स्थिति सामान्य है और आगे की कार्रवाई जारी है।

 

Chhapra: सारण जिला अभिलेखागार का शनिवार को जिलाधिकारी अमन समीर ने निरीक्षण किया। इस दौरान वहाँ की स्थिति पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया।

साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि आवेदक को एक दिन में वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराये जाए। उन्होंने सम्पूर्ण भवन एवं परिसर की साफ सफाई एवं चहारदीवारी निर्माण हेतु अविलंब कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

अभिलेखागार में रोशनी हेतु बाहर से लाइट लगाने, संधारित सभी रिकार्ड्स की डिजिटल कैटलॉगिंग कराने का भी निर्देश जिलाधिकारी ने दिया।

निरीक्षण के क्रम में अपर समाहर्त्ता भी मौजूद थें।

श्रीनगर, 9 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले अखल के जंगल में आतंकवादियों के साथ रात भर चली मुठभेड़ में सेना के दो जवान बलिदान हो गए जबकि दो अन्य घायल हो गए हैं। यह घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक है जिसका शनिवार को नौवां दिन है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में मुठभेड़ में बलिदान हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए बताया गया है कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ जारी है।

दक्षिण कश्मीर जिले के अखल के जंगल में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा बलों द्वारा 1 अगस्त को घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद शुरू हुई। मुठभेड़ में अबतक दो आतंकवादी मारे गए हैं।

शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में चिनार कोर ने कहा कि चिनार कोर राष्ट्र के लिए कर्तव्य निभाते हुए बहादुर लेफ्टिनेंट कमांडर प्रीतपाल सिंह और सिपाही हरमिंदर सिंह के सर्वाेच्च बलिदान का सम्मान करता है। उनका साहस और समर्पण हमें हमेशा प्रेरित करेगा।

सेना ने कहा कि वह शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि रातभर हुई गोलीबारी में दो अन्य जवान घायल हो गए जिससे घायल सुरक्षा बलों के जवानों की संख्या कुल 9 हो गई।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात और सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा समेत वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी चौबीसों घंटे ऑपरेशन पर कड़ी नज़र रख रहे हैं।

सुरक्षा बलों ने जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है। पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को बेअसर करने में सुरक्षा बलों की सहायता कर रहे हैं।

New Delhi, 09 अगस्त (हि.स.)। वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक रक्षा उत्पादन बढ़कर 1,50,590 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन की तुलना में 18 फीसदी की वृद्धि और वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से 90 फीसदी की आश्चर्यजनक वृद्धि है, जब यह आंकड़ा 79,071 करोड़ रुपये था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को भारत के मजबूत होते रक्षा औद्योगिक आधार का स्पष्ट संकेत बताया।

रक्षा उत्पादन की यह उपलब्धि भारत के मज़बूत होते औद्योगिक आधार का संकेत : रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह उपलब्धि हासिल करने में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल उत्पादन में लगभग 77 फीसदी का योगदान दिया, जबकि निजी क्षेत्र का योगदान 23 फीसदी रहा। निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में 21 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 23 फीसदी हो गई। उद्योग के सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों ने पिछले एक दशक में दूरगामी नीतिगत सुधारों, व्यापार करने में आसानी और स्वदेशीकरण पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने के कारण लगातार साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2024-25 में डीपीएसयू और निजी क्षेत्र के कुल उत्पादन में क्रमशः 16 और 28 फीसदी की वृद्धि हुई है।

मंत्रालय ने बताया कि रक्षा उत्पादन में यह रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि इसलिए हासिल हुई है, क्योंकि आयात पर निर्भरता कम करने और ऐसा रक्षा औद्योगिक परिसर बनाने पर जोर दिया गया है, जो न केवल भारत की जरूरतों को पूरा करे, बल्कि निर्यात की क्षमता को भी मजबूत कर सके। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात हुआ है, जबकि 2023-24 में 21,083 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। इस तरह देखा जाए तो रक्षा निर्यात आंकड़ों में 2,539 करोड़ रुपये या 12.04 फीसदी की वृद्धि हुई है।

Patna, 09 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 अगस्त को 125 यूनिट बिजली फ्री पर उपभोक्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री उपभोक्ताओं से सीधा बातचीत करेंगे। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रत्येक विद्युत आपूर्ति प्रशाखा में 4 संवाद स्थल निर्धारित किए गए हैं। साथ ही जिला स्तर पर भी विद्युत आपूर्ति प्रमंडल में भी संवाद स्थलों का चयन किया गया है।

बिजली की खपत में 125 यूनिट घटा कर बिजली बिल का भुगतान करना होगा

नीतीश सरकार ने घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 125 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली देने का फैसला लिया है। जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है। जिनकी बिजली खपत 125 से कम है उन्हें बिजली मुफ्त मिलेगी। लेकिन जिन उपभोक्ताओं का बिजली खपत ज्यादा है उन्हें बिजली की खपत में 125 यूनिट घटा कर बिजली बिल का भुगतान करना होगा। इससे बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 700 रुपये तक की बचत होगी।

ग्रामीण उपभोक्ता को भी 500 सौ से ज्यादा का फायदा होगा।

मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम के संबंध में बिजली कंपनी की ओर से जानकारी दी गयी है। इस संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्धेश्य बिजली उपभोक्ता से संवाद करना है। इस स्कीम से वो कितने खुश हैं इस बात का पता लग सके। बिजली कंपनी के मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार, मुफ्त बिजली सुविधा को लागू करने के लिए स्मार्ट मीटर के सर्वर में आवश्यक बदलाव किए गए हैं, जिनका ट्रायल आज किया जा रहा है। सर्वर के सफल संचालन की पुष्टि के बाद उपभोक्ताओं के जुलाई महीने के बिल में 125 यूनिट की राशि स्वतः क्रेडिट की जाएगी। इसी प्रकार पोस्टपेड उपभोक्ताओं के बिल में भी 125 यूनिट का चार्ज घटाकर शेष राशि का ही भुगतान करना होगा।

दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) के राजस्व महाप्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि सभी उपभोक्ताओं की बिलिंग तिथि अलग-अलग होती है। जिस दिन किसी उपभोक्ता का बिल बनेगा, उस दिन से उसे जुलाई की खपत पर 125 यूनिट की छूट का लाभ मिलेगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को उनके खाते में बैलेंस क्रेडिट किया जाएगा, जबकि पोस्टपेड उपभोक्ताओं के बिल में सीधे 125 यूनिट का मूल्य घटा दिया जाएगा।

यूनिट के हिसाब से यह होगा दर का ढांचा

नए दर ढांचे के अनुसार, 125 यूनिट तक बिल 0 रुपये रहेगा। कुटीर ज्योति उपभोक्ताओं को 2.45 प्रति यूनिट,शहरी घरेलू (श्रेणी-1 और 2) उपभोक्ताओं को 5.52 प्रति यूनिट,शहरी घरेलू (श्रेणी-3) उपभोक्ताओं को 5.42 प्रति यूनिट और कुछ उपभोक्ता वर्ग जैसे ग्रामीण और शहरी घरेलू-3 की एकल स्लैब व्यवस्था है, इसलिए उन्हें केवल उनकी श्रेणी के अनुसार प्रति यूनिट भुगतान करना होगा।

Patna: भू-सम्पदा विनयामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार ने सॅटॅलाइट तकनीक का प्रयोग कर भू-सम्पदा (विनियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 के प्रावधानों का उलंघन करने वाले प्रमोटर्स की पहचान कर उनपर पर सख्त कारवाई करते हुए जुर्माना लगाने के साथ-साथ उनके प्रोजेक्ट के ज़मीन की रजिस्ट्री एवं दाखिल ख़ारिज पर भी रोक लगा दिया है ।

ये सभी प्लॉटेड डेवेलपमेंट के प्रोजेक्ट सारण जिले से सम्बंधित हैं और इनमे बैगैर रेरा निबंधन की के ही प्लॉट की खरीद बिक्री हो रही थी । जिन प्रमोटरों के विरुद्ध यह कारवाई की गयी है उनके नाम हैं – आर्या कंस्ट्रक्शन, बोल्ड इंडिया इन्फ्रा, ग्रीन होम्स बिल्ड़टेक, लावण्या इंडिया डेवलपर, सारण प्रॉपर्टीज, शीतल बिल्ड़टेक, टी सी डब्लू प्राइवेट लिमिटेड, डीवाईन बिल्डकोन, निधिवन होम्स एवं टेक्नोकल्चर बिल्डिंग सेंटर। इन बिल्डर्स की कुल 14 परियोजनाएं ऐसी पाए गयीं जहाँ प्लॉटो की खरीद-बिक्री बगैर रेरा निबंधन के ही की जा रही थी ।

इन बिल्डरों पर कुल 1 करोड़ 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है एवं साथ- साथ महानिरीक्षक (निबंधन) को यह निर्देश दिया गया है की इन प्रोजेक्ट्स से सम्बंधित प्लॉट की रजिस्ट्री पर अगले आदेश तक रोक लगाई जाए एवं सम्बंधित अंचलाधिकारी को यह निर्देश दिया गया है कि इन प्रोजेक्ट्स के सभी प्लॉटो के दाखिल-खारिज पर भी रोक लगा दी जाए ।

यहाँ पह बता देना आवश्यक है कि इस वर्ष मई महीने से रेरा बिहार ने रेरा अधिनियम का उलंघन करने वाले प्रमोटरों पर कारवाई करने हेतु इमेजरी आधारित जांच (Imagery Based Inspection अर्थात IBI) की शुरुआत की और पूरे देश के रेराओं में ऐसी शुरुआत करने वाली पहली रेरा है ।

अपने आई बी आई (IBI) अभियान के तहत प्राधिकरण ने अपनी तकनिकी दलों को सॅटॅलाइट चित्र के माध्यम से उन स्थानों की पहचान का कार्य दिया जहाँ प्रोजेक्ट चलाये जाने के संकेत मिल रहे हों । इन चित्रों के केएलएम (Keyhole Markup File अर्थात KLM) फाइल तैयार किये गए ताकि स्थल का अक्षांश एवं देशांतर पहले से पता हो एवं उसकी पहचान आसानी से की जा सके। तत्पश्चात रेरा बिहार ने विशेष दलों का गठन किया एवं स्थानीय प्रशासन की सहायता से इनका स्थल निरक्षण किया गया एवं सम्बंधित अधिकारिओं के सहयोग से चिन्हित ज़मीन की खाता एवं खेसर संख्या भी निकाली गयी । सारे सबूतों के प्राप्त हो जाने के बाद इन प्रोजेक्ट्स के विरुद्ध स्वतः संज्ञान मामले दर्ज किये गए एवं न्यायिक प्रक्रिया के तहत रेरा अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत इन पर कारवाई की गयी ।

पहले चरण में रेरा बिहार द्वारा गठित दलों को सारण, भागलपुर एवं पूर्णिया जिलों में भेजा गया एवं जिला प्रशासन के सहयोग से सम्बंधित अधिकारिओं को इन दलों के साथ स्थल निरिक्षण के लिए भेजा गया ताकि सॅटॅलाइट चित्र से प्राप्त सूचना को स्थल निरिक्षण द्वारा सत्यापित कार्य जा सके ।

सभी सबूतों को इकठ्ठा करने के पश्चात दोषी बिल्डरों के विरुद्ध रेरा अधिनियम के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कारवाई शुरू की गयी एवं सम्बंधित पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया गया ।

दोषी प्रमोटरों पर हुई कारवाई पर टिपण्णी करते हुए रेरा बिहार के अध्यक्ष श्री विवेक कुमार सिंह ने कहा कि घर एवं प्लॉट खरीदारों के हितों की रक्षा हेतु प्राधिकरण प्रतिबद्ध है एवं IBI मुहीम की शुरुआत इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है ।

उन्होंने घर एवं प्लॉट खरीदारों से भी अपील किया कि वे ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट में पैसा न लगायें जो रेरा निबंधित नहीं है ।

श्री सिंह ने ये भी बताया की प्राधिकरण सारण, भागलपुर एवं पूर्णिया जिलों के बाद अब राज्य के अन्य जिलों में भी IBI मुहीम के तहत दोषी बिल्डरों पर कारवाई शुरू करेगा ।

Gorakhpur/Chhapra: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर एयरपोर्ट पर गुरुवार तड़के ड्यूटी पर तैनात डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प्स (डीएससी) के एक सुरक्षा कर्मी ने सर्विस रायफल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। सूचना के मिलते ही एम्स थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जांच पड़ताल करते हुए पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम भेजते हुए खुदकुशी के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

भारतीय सेना से सेवानिवृत्त लांस नायक थे जितेन्द्र सिंह 

पुलिस अधीक्षक नगर अभिनव त्यागी ने बताया कि मूलरूप से बिहार राज्य के सारण जिले अंतर्गत मकेर थाना क्षेत्र के अंकोल गांव के निवासी जितेन्द्र सिंह (49) भारतीय सेना से सेवानिवृत्त लांस नायक थे। इन दिनों वह गोरखपुर एयरपोर्ट में डिफेंस सिक्योरिटी कॉर्प्स (डीएससी) की ओर से सुरक्षा में तैनात थे और यहां झरना टोला क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहे थे। आज करीब चार बजे एयरपोर्ट के रनवे क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान अचानक सुरक्षा कर्मी जितेन्द्र ने अपनी एके-103 रायफल से खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनते ही पास में तैनात अन्य सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। मेडिकल टीम बुलाई गई, लेकिन तब तक जवान की मृत्यु हो चुकी थी। इस सूचना पर एम्स थाना मौके पर पहुंचा और मृतक सुरक्षा कर्मी के शव को कब्जे में लेकर मौके से साक्ष्य जुटाए।

जितेन्द्र सिंह ईमानदार कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते थे

पूछताछ में सहकर्मियों ने बताया कि अनुसार, मृतक सुरक्षा जितेन्द्र सिंह बेहद शांत स्वभाव, अनुशासित जीवनशैली और ईमानदार कर्तव्यनिष्ठा के लिए जाने जाते थे। उनकी खुदकुशी को लेकर सभी हैरान हैं। प्रथम दृष्टया पारिवारिक कलह या मानसिक तनाव को खुदकुशी का कारण माना जा रहा है।

घटना की जानकारी परिजनों को देते हुए शव को पोस्टमार्टम भेजते हुए जांच की जा रही है।

इनपुट: हिंदुस्तान समाचार न्यूज एजेंसी