Chhapra: सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, सारण अदिती कुमारी के द्वारा बताया गया कि सामाजिक सुरक्षा योजना के लाभुकों को पेंशन भुगतान के लिए जीवन प्रमाणीकरण की अनिवार्यता की गयी है। इसके लिए 31 दिसम्बर 2021 तक की तिथि निर्धारित है।

जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग सारण के द्वारा बताया गया कि प्रखंड कार्यालय में लाभुकों का जीवन प्रमाणीकरण निःशुल्क होगा। कॉमन सर्विस सेन्टर पर अधिकतम पांच रूपये का शुल्क देकर लाभुक यह कार्य करवा सकते हैं। उनको अपने साथ आधार कार्ड, बैंक खाता और लाभार्थी संख्या लेकर जाना आवश्यक होगा। इससे पेंशन डिस्ट्रिब्यूशन की प्रक्रिया बनाने और लाभार्थियों की रिकार्ड को सुरक्षित करने में मदद मिलती है। प्रक्रिया सरल तरीके से सम्पन्न हो जाती है।
उन्होंने कहा कि लाइफ सर्टिफिकेट एक टूल की तरह काम करता है। वहीं इससे उन्हें हर माह बिना रूकावट के पेंशन मिलती है। जीवन प्रमाणीकरण से पेंशनर की मृत्यु होने पर पेमेंट रोकने में भी मदद मिलती है। विभागीय निर्देश के आलाके में सामाजिक सुरक्षा पेंषनधारियों का जीवन प्रमाणीकरण अनिवार्य है। अन्यथा माह दिसम्बर 2021 के अंत तक प्रमाणीकरण नहीं कराने की स्थिति में उनके पेंशन का नियमित भुगतान प्रभावित या बाधित हो सकता है।

Chhapra: समाहरणालय कार्यालय कक्ष में आयोजित खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के अवसर पर धान अधिप्राप्ति से संबंधित बैठक में जिलाधिकारी सारण राजेश मीणा के द्वारा संबंधित पदाधिकारियों को समन्वय स्थापित कर लक्ष्य प्राप्त करने का निदेश दिया गया।

बैठक में जिला सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि सारण जिला में 10.11.2021 से 15.02.2022 के बीच धान अधिप्राप्ति किया जाना है। जिला कृषि विभाग के ऑकड़े के अनुसार इस वर्ष धान का उत्पादन 265540.5 मेट्रिक टन हुआ है। धान अधिप्राप्ति के लिए 90,000 मेट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। सारण जिला में कुल चयनित पैक्सों की संख्या-255, चयनित व्यापार मंडलों की संख्या-12 है। अबतक 914 किसानों से 6328.65 मेट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति की गयी है जो कुल लक्ष्य का लगभग 7.03 प्रतिशत है। अबतक 578 किसानों के बीच 8,17,54,768 (आठ करोड़ सतरह लाख चौवन हजार सात सौ अड़सठ) रुपये की राशि का भुगतान कर दिया गया है। शेष किसानों का भुगतान दो दिन के अंदर करने का निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी के द्वारा समीक्षा के क्रम में धान अधिप्राप्ति में शिथिलता पर असंतोष व्यक्त करते हुए सहकारिता प्रसार पदाधिकारी दरियापुर एवं दिघवारा का एक दिन का वेतन स्थगित रखने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी के द्वारा स्पष्ट कहा गया कि धान अधिप्राप्ति के मामले में शिथिलता बरतने वाले सभी संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने जिला सहकारिता पदाधिकारी, सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, पैक्स एवं ब्यापार मंडल के अध्यक्ष को समन्वय स्थापित कर धान अधिप्राप्ति में तेजी लाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी के द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया कि अबतक अधिप्राप्ति कार्य प्रारंभ नही करने वाले पैक्स के विरुद्ध बिहार सहकारिता समिति अधिनियम 1935 की धारा 41 के अंतर्गत आवष्यक कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी के द्वारा छोटे किसानों से धान की खरीददारी करने एवं धान के गुणवता पर विशेष ध्यान देने की बात कही गयी। धान अधिप्राप्ति के समय किसानों को पावती रसीद देने का निर्देश सभी पेक्स अध्यक्षों को दिया गया। जिन प्रखंड में किसानों का पंजीकरण का प्रतिशत सबसे कम है वहाँ के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें पंजीकरण हेतु जागरुक करें ताकि इसका लाभ किसानों को प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी के द्वारा वरीय उप समाहर्त्ता, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिला अंतर्गत पंजीकृत चावल मिल का भौतिक सत्यापन कर प्रतिवेदन समर्पित करें।

• शरीर में न हो पानी की कमी, आहार का सुपाच्य होना है जरूरी
• मानसिक स्वास्थ्य पर भी रखें नजर
• घरों में आवश्यक दवाओं का स्टॉक रखना जरूरी
• आहार पर भी विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता

Chhapra: ठंड बढ रही है, और उसके साथ बढ़ रहे हैं बुजुर्गों में सेहत जनित अनगिनत समस्याएँ। बढ़ती सर्दी अपने साथ खांसी बुखार, जुकाम, रुखी त्वचा, एलर्जी जैसी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ इनके लिए सांस की परेशानी या अस्थमा का अटैक ,ब्लड प्रेशर और हृदयाघात जैसी गंभीर समस्याएँ भी लाती हैं। इनसे बच कर सुरक्षित और स्वस्थ्य रहने के लिए बुजुर्गों को न सिर्फ अपनी दिनचर्या पर बल्कि आहार पर भी विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया ठंड बढ़ने के कारण बुजुर्गों में रक्तचाप का बढ़ना सामान्य है। रक्तचाप बढ़ने से ह्रदयाघात व स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। उम्र ज्यादा हो जाने के कारण बीमारी से लड़ने की शारीरिक क्षमता कम हो जाती और ठंड का सीधा असर बुजुर्गों के शरीर पर पड़ता है। इसलिए उन्हें खानपान का भी ध्यान रखना है। सर्दी के मौसम में बहुत अधिक तेल मसाले वाले खाने की जगह हल्का व पौष्टिक खाना लेना चाहिए। हरी सब्जी, दाल व रोटी का अधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए। आहार में विटामिन सी वाले फल, अखरोट, तुलसी और हल्दी दूध भी शामिल करें। सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट रक्त परिसंचरण में मददगार होते हैं। समय समय पर चिकन व अंडा को भी खाना में शामिल करें। ठंड में बुजुर्गों को जोड़ों का दर्द बहुत परेशान करता है। उन्हें ग्रीन टी या अदरक की चाय दें। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और हड्डियों को क्रियाशील बनाये रखता है।

आवश्यक दवाओं का स्टॉक घर में हमेशा रहे उपलब्ध
सिविल सर्जन ने बताया कि जिन घरों में बुजुर्ग हैं, उन्हें उनके लिए आवश्यक सभी दवाओं का स्टॉक हमेशा घर पर उपलब्ध रखना चाहिए ताकि आपातकालीन परिस्थितियों या अचानक रक्तचाप बढ़ जाने या कम जाने की परिस्थितियों को नियंत्रित किया जा सके। यदि बुजुर्ग को सांस लेने में परेशानी या अस्थमा है तो संबन्धित इन्हेलर भी हमेशा उपलब्ध रहे। इसके अलावा शरीर के तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए गुनगुना पानी पीयें और शरीर को हाइड्रेटेट रखें। इससे शरीर और त्वचा भी सेहतमंद रहती है। घर में भी गर्म कपड़े का इस्तेमाल करें। बहुत अधिक सवेरे घर से बाहर निकलने से परहेज करें। घर में सामान्य शारीरिक गतिविधि की मदद से ब्लड सर्कुलेशन व ऑक्सीज़न के प्रवाह को बढ़ाना जरूरी है। ऐसे में शरीर से पसीना निकलता है जो शरीर से जहरील पदार्थ को बाहर निकालने में मदद करता है। घर में हल्के व्यायाम और योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी रखें नजर
ठंड से शुरू हुई शारीरिक समस्या धीरे धीरे मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। नतीजा तनाव बढ्ने या चिड़चिड़ाहट के रूप में सामने आता है। इसलिए बुजुर्गों में हो रहे मानसिक बदलाव पर कड़ी नजर रखें। जरूरत पड़ने पर उनके साथ समय बिताएँ और उन्हें उनके मन पसंद कामों या शौक को पूरा करने के लिए प्रेरित करें ताकि उनका समय आसानी से बीते और वो तनाव में आने से बचें ।

• प्रतिदिन घर-घर जाकर 150 से 200 लाभार्थियों को दे रही टीका
• कदम से कदम मिलाकर चल रही है आशा कार्यकर्ता
• कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने का लिया संकल्प

Chhapra: कहते हैं अगर दिल में कर्तव्य के प्रति पूरी निष्ठा व लगन हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं होता है। कोरोना संक्रमण से मुक्ति दिलाने के अभियान में सुदूर दुर्गम गांवों में एएनएम अहम भूमिका निभा रही हैं। इन्हीं में शामिल हैं सारण जिले के गड़खा प्रखंड के इटावा उप स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एएनएम पदमावती कुमारी। हौसला इतना बुलंद कि हाथ से दिव्यांग होने के बावजूद उन्होंने जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा। एएनएम पदमावती कुमारी का एक हाथ पोलियो ग्रसित है। जिससे उनका एक हाथ अच्छे से काम नहीं करता है। लेकिन इन तमाम बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद प्रतिदिन अपने हाथों में वैक्सीन की बॉक्स लेकर डोर-टू-डोर जाकर लाभार्थियों का टीकाकरण कर रही हैं। पेशे से भले ही एक स्वास्थ्यकर्मी का हो, टीका देना उनका काम हो पर इस बीच उन्होंने जो संघर्ष किया है एक मां और पत्नी के लिए कर पाना मुश्किल था। यही खास बात उनके संघर्ष की कहानी को औरों से अलग भी करती और विशेष भी बनाती है।

हर रोज 4 किलोमीटर पैदल चलकर करती हैं टीकाकरण
एएनएम पदमावती कुमारी सुबह 7 बजे हीं से अपने कार्यों में लग जाती हैं। वैक्सीन लेकर प्रतिदिन उबार-खाबर सड़क पर चलते हुए गांवों में पहुंचती हैं। जहां पर उनका लक्ष्य रहता है कि हर दिन कम से कम 200 लाभार्थियों का टीकाकरण किया जा सके। इसके लिए वह घर-द्ववार से लेकर खेत-खलिहान तक अपने हाथों में वैक्सीन की बॉक्स लेकर पहुंचती हैं और लोगों को टीका देने के बाद इसके फायदे के बारे में जानकारी देती हैं। वह प्रतिदिन पैदल 3-4 किलोमीटर की दूरी तय कर अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर रही हैं।

कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं आशा
टीकाकरण के प्रति आमजनों में जो भ्रांतियां और अफवाह है उसको दूर करने में आशा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में इटावा की आशा फैसिलिटेटर आरती कुमारी अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन कर रही हैं। जो एएनएम के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं और लोगों को जागरूक कर टीकाकरण की राह को आसान बना रही हैं। आशा कार्यकर्ता घर-घर लोगों को टीकाकरण के प्रति प्रेरित कर रही हैं। इसके साथ जो लोग अभी तक वैक्सीन नहीं लिए हैं उनकी सूची तैयार कर रही हैं। ताकि क्षेत्र में एक भी व्यक्ति टीकाकरण से वंचित नहीं रहे।

कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना होगा साकार
एएनएम पदमावती कुमारी कहती हैं कि कोविड का टीका हर व्यक्ति के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए यह टीका सबसे महत्वपूर्ण और जीवनरक्षक है। अगर सबका टीकाकरण नहीं हुआ तो संभावित तीसरी लहर के दौरान कोविड संक्रमितों को बचाने के लिए सबसे अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को ही जूझना पड़ेगा। इसलिए हमारा संकल्प है कि हर व्यक्ति को टीका लगाया जाये। ताकि कोरोना मुक्त समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सके।

Chhapra: भारतीय जनता पार्टी  का तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर डाॅ आरएन सिंह इवनिंग कॉलेज में प्रारंभ हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी बाजपायी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दीप प्रज्वलित कर किया गया.

मुख्य अतिथि बिहार सरकार के खनन मंत्री जनक राम, अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह, विधायक डॉ सीएन गुप्ता, पूर्व विधायक ज्ञानचंद मांझी, पूर्व अध्यक्ष रमेश प्रसाद, बंशीधर तिवारी, वेद प्रकाश उपाध्याय ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.

अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा ने कहा कार्यकर्ताओं को नए-नए बौद्धिक विचारों एवं वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के अनुकूल ढालने के लिए भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण वर्ग चलाया जाता है. इसी के तहत जिला प्रशिक्षण वर्ग 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित किया गया है.

प्रशिक्षण विभाग शिविर का प्रथम वर्ग जनक राम ने लिया जिनका विषय था बिहार सरकार की उपलब्धियां. दूसरे वर्ग के मुख्य वक्ता आनंद पाठक जिनका विषय सोशल मीडिया की समझ. तीसरा वर्ग ओम प्रकाश भूवन ने लिया जिनका विषय था भारत की मुख्य विचारधारा हमारी विचारधारा. चौथे वर्ग के मुख्य वक्ता भाजपा जिलाध्यक्ष राम दयाल शर्मा थे जिनका विषय हमारा विचार परिवार. वर्ग 5 के मुख्य वक्ता अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह जिनका विषय आत्मनिर्भर भारत था. इसी प्रकार छठा वर्ग मिथिलेश तिवारी ने लिया जिनका विषय था अपनी कार्यपद्धति और संगठन संरचना में हमारी भूमिका पर अपना वक्तव्य दिया.

प्रशिक्षण शिविर में उपाध्यक्ष बृजमोहन सिंह, डॉ धर्मेंद्र सिंह, लालबाबू कुशवाहा, तारा देवी, महामंत्री शांतनु कुमार,रामाशंकर मिश्र शांडिल्य , श्याम बिहारी अग्रवाल, विवेक कुमार सिंह, संजय सिंह, जिला मंत्री सत्यानंद सिंह, गायत्री देवी ,लक्ष्मी ठाकुर, विरेन्द्र पाण्डेय, पूर्व प्राचार्य अरुण कुमार सिंह, व्यापार प्रकोष्ठ के जिला संयोजक वरुण प्रकाश, सोशल मीडिया प्रमुख नितिन राज वर्मा, महिला मोर्चा अध्यक्ष अनु सिंह, किसान मोर्चा अध्यक्ष बबलू मिश्रा, बलवंत सिंह, ओबीसी मोर्चा जिला अध्यक्ष पप्पू चौहान, विधि प्रकोष्ठ जिला संयोजक मनोज कुमार सिंह, सभी मंडल अध्यक्ष, सभी मंडल महामन्त्री, सभी प्रकोष्ठ के संयोजक सह संयोजक, सभी मोर्चा के अध्यक्ष तथा महामन्त्री, सभी कार्य समिति सदस्य आदि उपस्थित हुए.

Chhapra: विभिन्न मांगों को लेकर बैंक कर्मी लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी हड़ताल पर रहे. इस दौरान बैंक कर्मी अपने अपने बैंक के मुख्य द्वार पर धरने बैठे रहे और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैंक के निजीकरण सहित अन्य कई मांगों को लेकर बैंक कर्मी 16 दिसंबर से हड़ताल पर हैं.

धरने पर बैठे बैंक कर्मियों ने कहा कि सरकार बैंक के निजीकरण का करण बिल लाई है. यह कहीं से सही नहीं है. बैंक कर्मी, उद्योगपति मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के कर्मियों ने केंद्र सरकार का विरोध करते हुए बैंक के निजीकरण प्रस्ताव को लेकर काफी नारेबाजी भी की.

हड़ताल कर रहे बैंक कर्मियों का कहना हुआ कि निजीकरण से हर वर्ग के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. इससे बैंक के ग्रामीण शाखाएं बंद होने की बात होगी. कृषि ऋण में कमी, उद्योग ऋण, शिक्षा ऋण में लोगों को दिक्कत होगी. इसके अलावा बेरोजगार युवकों को नौकरी नहीं मिलेगी. इसलिए हमलोग निजीकरण को लेकर केंद्र सरकार का विरोध करते हैं. हम सभी बैंक कर्मियों की मांग नहीं मानी गई तो हम लोग अनवरत हड़ताल पर रहेंगे.

राष्टव्यापी बैंक हड़ताल के कारण आज भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सहित ग्रामीण बैंको मे भी कामकाज पूर्णतः ठप रहा. हड़ताल के कारण अधिकांश एटीएम में भी पैसे खत्म हो गए. दो दिनों की हड़ताल के कारण करीब 700 करोड का लेन देन व लगभग 200 शाखाओं में कामकाज नहीं हुआ. प्रदर्शन का नेतृत्व पंजाब नैशनल बैंक ईम्पलाई यूनियन बिहार के उप महासचिव मनोज कुमार सिंह, जयशंकर प्रसाद, एस एन पाठक, आर आर प्रदीप, राज कुमार मिश्रा, संजीत कुमार मिश्र आदि ने किया.

भोपाल: शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद कैप्टन का अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह बैरागढ़ विश्राम घाट पर किया गया, जहां उनके भाई और बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। बेटे को विदाई देते समय पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भावुक हो गए।

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कैप्टन को सैल्यूट कर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा परिजनों को ढांढस बंधाया। अंतिम संस्कार के पूर्व तीनों सेनाओं की टुकड़ी के कैप्टन वरुण सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

सेना के थ्री-ईएमई सेंटर स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल से ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पार्थिव शरीर को बैरागढ़ स्थित यथाशक्ति विश्राम घाट पर सुबह 11 बजे लाया गया। फूलों से सजे सेना के ट्रक में वरुण की पार्थिव देह रखी थी। पूरे रास्ते लोग भारत माता की जय, वरुण सिंह अमर रहें … के नारे लगाते रहे। मिलिट्री हॉस्पिटल से विश्राम घाट के बीच के करीब आधा किलोमीटर के रास्ते में लोगों ने अंतिम यात्रा पर फूल बरसाकर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को विदाई दी।

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ हेलीकॉप्टर क्रैश में घायल वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया था। वरुण 7 दिन से बेंगलुरु के अस्पताल में भर्ती थे।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को ढाका में पुनर्निर्मित रमना काली मंदिर का उद्घाटन किया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि राष्ट्रपति कोविंद ने ढाका में पुनर्निर्मित रमना काली मंदिर का उद्घाटन किया। यह देवी काली को समर्पित सदियों पुराना मंदिर है।

इस मंदिर को 50 वर्ष पूर्व पाकिस्तानी सेना ने 1971 में ध्वस्त कर दिया था। मंदिर के उद्घाटन के बाद राष्ट्रपति कोविंद ने पत्नी सविता कोविंद के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।

उद्घाटन के बाद एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि ऐतिहासिक रमना काली मंदिर भारत और बांग्लादेश के लोगों के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन का प्रतीक है।

पाकिस्तान ने 1971 में विद्रोह को दबाने के लिए ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया था। इस ऑपरेशन में इस मंदिर में आग लगा दी थी जिसमें कई लोग मारे गए थे। भारत ने इस मंदिर का दोबारा जीर्णोधार करने में मदद की है।

बांग्लादेश की करीब 10 प्रतिशत आबादी हिन्दू है। मंदिर निर्माण के बारे में विदेश सचिव ने कहा है कि यह दोनों देशों के लिए भावनात्मक क्षण है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बांग्लादेश के 50वें विजय दिवस समारोह में भाग लेने के लिए 15 से 17 दिसंबर तक बांग्लादेश की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। गुरुवार को उन्होंने ढाका की संसद में आयोजित विजय दिवस समारोह में भाग लिया था।

Chhapra: जिले के सदर अस्पताल में कोविड 19 जांच रिपोर्ट देने को लेकर अवैध उगाही का धंधा बड़े जोर शोर से चल रहा है. बुधवार को सदर अस्पताल के कोविड-19 जांच केंद्र पर पैसे लेकर जांच रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है.

इस संबंध में पीड़ित मो अफजल ने इस मामले को लेकर एक शिकायत भी अस्पताल प्रशासन से की है. वही इस मामले में अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत की बात सामने आई है. पीड़ित ने शिकायत में उन्होंने कहा कि वह विदेश जाने के लिए अपने परिजन का कोविड टेस्ट कराने सदर अस्पताल आया था. जहाँ उससे जांच के नाम पर 2500 रुपये मांगे गए और काफी मोल भाव करने पर 1600 रुपये में बात बनी.

हालांकि अस्पताल में यह जांच सरकार के द्वारा निशुल्क है. वही सबसे अहम बात यह है कि सरकारी काउंटर पर सैंपल लेने के बावजूद प्राइवेट जांच केंद्र का रिपोर्ट व्यक्ति को दिया गया. वही इस मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन ने चुप्पी साध ली है.

बताया जा रहा है कि अस्पताल में कोविड-19 जांच के नाम पर अवैध वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा है. वहीं शिकायतकर्ता ने सदर अस्पताल के लिपिक बंटी रजक को भी इस मामले से अवगत कराया. मगर अस्पताल प्रशासन इन सारे बातों को लीपा पोती करने के मूड में दिख रहा है.

बता दें कि विदेश जाने वाले लोगो के लिए 24 घंटे में रिपोर्ट देने का प्रावधान है.

विदित हो कि आरटीपीसीआर जांच केंद्र का उद्घाटन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के द्वारा किया गया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेश जाने वाले लोगो के लिए  आरटीपीसीआर जांच के लिए सैम्पल पटना भेजने की जरूरत नही है. अब रिपोर्ट अस्पताल में 24 घंटे में मिल जायेगी. जो भी लोग विदेश जाने के लिए जांच कराने आएंगे, उन्हें वीजा देखकर रिपोर्ट दिया जाएगा.

वहीं मामला सामने आने पर छपरा के सिविल सर्जन ने बताया कि मामले के जांच के आदेश दे दिए गए है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक एसडी सिंह इसकी जांच कर रहे हैं. दोषी पाए जाने पर सम्बन्धित स्वास्थ्यकर्मी  पर कारवाई की जाएगी.

रांची: चारा घोटाले के आरसी- 48 ए/ 96 मामले में गुरुवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत में आरोपियों का बयान दर्ज किया गया। गुरुवार को पशुपालन के संयुक्त निदेशक योजना डॉ. केएम प्रसाद का बयान दर्ज हुआ। मामला डाेरंडा कोषागार से 36.89 करोड़ की अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है। मामले में 20 नवंबर से सुनवाई शुरू हुई है। यह जानकारी विशेष लोक अभियोजक रविशंकर ने दी।

दूसरी ओर चारा घोटाले के आरसी- 47 ए/ 96 मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में सुनवाई हुई। इसमें वेटनरी डॉक्टर बिरसा उरांव की ओर से बहस पूरी हुई। यह मामला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से जुड़ा हुआ है और चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है। मामला डाेरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी का है। चारा घोटाले का आरसी- 47ए/96 मामले में 110 आरोपी थे। जिसमें से दो ब्यूरोक्रेट तात्कालीन वित्त आयुक्त फुलचंद सिंह और वित्त सचिव महेश प्रसाद तथा पूर्व राज्यमंत्री विद्या सागर निषाद का निधन हो चुका है।

जिस दिन फांसी, उस सुबह भी व्यायामः महान युवा क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को काकोरी कांड में संलिप्तता का दोषी करार देते हुए ब्रितानी हुकूमत ने निर्धारित तारीख से भी दो दिन पहले 17 दिसम्बर 1927 को गोंडा के जिला कारागार में फांसी दे दी।

बंगाल (अब बांग्लादेश) के पबना जिले के मड़यां (मोहनपुर) गांव में 29 जून 1901 को पैदा हुए राजेंद्र नाथ लाहिड़ी ने देश की स्वतंत्रता के लिए महज 26 साल की उम्र में फांसी का फंदा चूम लिया। उनका आखिरी संदेश था- ‘मैं मर नहीं रहा हूं, बल्कि स्वतंत्र भारत में पुनर्जन्म लेने जा रहा हूं।’

इस युवा क्रांतिकारी ने कितनी निर्भीकता के साथ देश के लिए अपने प्राण की आहुति दी, उसकी एक और बानगी। 17 दिसम्बर को उन्हें फांसी दी जानी थी। फांसी की तमाम तैयारियां पूरी कर ली गयी, लेकिन उस सुबह भी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को बैरक में व्यायाम करते देख जेलर ने हैरानी से पूछा कि जब कुछ घंटे में प्राण जाने वाले हो तो इंसान के लिए व्यायाम का क्या मतलब रह जाता है।

लाहिड़ी ने कहा कि ‘जेलर साहब, मैं हिंदू हूं और पुनर्जन्म में मेरी अटूट आस्था है इसलिए अगले जन्म में मैं स्वस्थ शरीर के साथ ही पैदा होना चाहता हूं ताकि अधूरे कार्यों को पूरा कर देश को स्वतंत्र करा सकूं। इसलिए मैं रोज सुबह व्यायाम करता हूं। आज मेरे जीवन का सर्वाधिक गौरवशाली दिन है तो यह क्रम मैं कैसे तोड़ सकता हूं।’ ये घटनाएं गोंडा जिला जेल के फांसी गृह में लाहिड़ी जीवनवृत्त शिलापट्ट पर अंकित हैं।

देश की आजादी के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा उन्हें अपने पिता और चाचा से विरासत में मिला था। वे महज 9 साल की उम्र में वाराणसी में अपने मामा के घर आ गए जहां उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई। जिस समय उन्हें काकोरी कांड में अभियुक्त बनाया गया, वे काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एमए प्रथम वर्ष के छात्र थे। काकोरी कांड में राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह को एक साथ फांसी की सजा सुनायी गयी थी।

अन्य अहम घटनाएंः

1869ः क्रांतिकारी लेखक और इतिहासकार सखाराम गणेश देउसकर का जन्म।
1905ः भारत के प्रथम मुस्लिम मुख्य न्यायाधीश मुहम्मद हिदायतुल्लाह का जन्म। वे भारत के पहले कार्यवाहक राष्ट्रपति थे।
1920ः राजस्थान के सातवें मुख्यमंत्री रहे हरिदेव जोशी का जन्म।
1955ः कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार का जन्म।
1959ः भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी भोगराजू पट्टाभि सीतारमैया का निधन।
1972ः फिल्म अभिनेता जॉन अब्राहम का जन्म।
2019ः भारतीय सिनेमा और रंगमंच के वरिष्ठ कलाकार डॉ. श्रीराम लागू का निधन।
2020ः दिल्ली घराने के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक इकबाल अहमद खान का निधन।

Chhapra: बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 1971 के 50वीं वर्षगांठ का समापन समारोह सारण जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में जिलाध्यक्ष डॉ कामेश्वर प्रसाद सिंह की अध्यक्षता सम्पन्न हुआ.

इस अवसर पर  कार्यक्रम के जिला संयोजक डॉ शंकर चौधरी ने बताया कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम कार्यक्रम को सेमिनार एवं विचार गोष्ठी तथा सैनिकों को सम्मानित कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को विश्व का सबसे बड़ा नेता बताया है.

इस अवसर पर जिलाध्यक्ष डॉ कामेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि आज ही के दिन 3 दिसंबर 1971 से शुरू होकर 13 दिन के अंदर पाकिस्तान के 93000 हजार सैनिकों ने भारत के सैनिकों के सामने हथियार डाल दिए थे और पाकिस्तान को दो टुकड़े कर दिया था और एक नया राष्ट्र बांग्लादेश बनाकर विश्व का नक्शा इंदिरा गांधी ने बदल दिया था. आज विजय दिवस के अवसर पर हम कांग्रेस जन इस ऐतिहासिक लड़ाई में शहीदों को श्रद्धांजली दो मिनट का मौन रख कर दिया और कार्यक्रम का समापन किया.

इस अवसर पर मिथिलेश शर्मा मधुकर, केदार नाथ सिंह, सुभाष राय उर्फ झरिमन राय, सुरेश कुमार यादव, डॉ ज्ञानेश्वर, तरुण कुमार तिवारी आदि लोग उपस्थित थे.