भाई -बहन के पवित्र रिश्ते के प्रतीक खास त्यौहार रक्षाबंधन का इन्तजार हर किसी को बेसब्री से रहता है। इस खास मौके पर हम अपने पाठकों को रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं भाई -बहन पर फिल्माए गए कुछ ऐसे फ़िल्मी गानों से, जो इस त्यौहार को और भी खास बना देंगे।

मेरे भैया मेरे चंदा(काजल) 

‘मेरे भैया मेरे चंदा मेरे अनमोल रत्न’ साल 1965 में आई फिल्म काजल का यह गीत भाई बहन के ख़ूबसूरत रिश्ते में और भी चार चाँद लगा देता है। धर्मेंद्र ,मीना कुमारी और राज कुमार अभिनीत फिल्म काजल के इस गीत को आशा भोसले ने अपनी ख़ूबसूरत आवाज में गाया है ।

भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना(छोटी बहना)

बलराज साहनी, नंदा और रहमान अभिनीत साल 1959 में आई फिल्म छोटी बहना का गाना भैया मेरे राखी के बंधन को निभाना आज भी काफी मशहूर है। लता मंगेशकर की आवाज में गाया यह गीत रक्षाबंधन के त्यौहार को और भी खास बना देता है।

बहना ने भाई की कलाई पे (रेशम की डोरी)

सुमन कल्याणपुर की आवाज में सजा यह ख़ूबसूरत गीत भाई -बहन के प्यार को दर्शाता है। रक्षाबन्धन के खास त्यौहार पर यह गीत अक्सर बहनों की जुबान आप अनायास ही आ जाता है।

मेरी राखी का मतलब है प्यार भैया (तिरंगा)

साल 1993 में आई फिल्म तिरंगा का गाना इसे समझो ना रेशम का तार भैया मेरी राखी का मतलब है प्यार भैया’ रक्षाबंधन के त्यौहार को और भी खास बना देता है।

तो आप भी रक्षाबंधन पर फिल्माए इन गीतों के साथ जश्न मना कर इस त्यौहार को बनाइए और भी खास ।

 

-राजभवन से राबड़ी आवास पहुंचे नीतीश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा सौंपने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज जदयू सांसदों, विधायकों और पार्षदों की बैठक हुई। बैठक में सभी ने एनडीए छोड़ने की बात रखी गयी। इसके बाद सभी सांसदों, विधायकों और पार्षदों ने एनडीए छोड़ने पर सहमति जतायी। सबकी इच्छा थी भाजपा से अलग होने की और फैसला ले लिया गया।

उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गये फैसले के बाद उन्होंने एनडीए के मुख्यमंत्री के तौर पर काम कर रहे पद से अपना इस्तीफा यहां राजभवन में आकर राज्यपाल फागू चौहान को सौंप दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।

राजभवन से निकलने के बाद सबसे पहले नीतीश कुमार सरकारी आवास गये। इसके बाद उन्होंने राबड़ी आवास में राबड़ी देवी से मुलाकात की। उनके साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। यहां से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव सीएम आवास के लिए निकल चुके है।

पटना: नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह बुधवार दोपहर दो बजे राजभवन के राजेन्द्र मंडप में होगा। नीतीश कुमार के आवासीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार नीतीश कुमार कल यानी बुधवार दोपहर दो बजे आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

इससे पहले नीतीश कुमार ने मंगलवार शाम चार बजे के करीब राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान को मुख्यमंत्री पद का त्याग पत्र सौंपा। राज्यपाल ने नीतीश कुमार का त्याग पत्र स्वीकार कर उनसे अनुरोध किया है कि अग्रिम व्यवस्था होने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहें।

जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

नीतीश कुमार आरजेडी के साथ क्या गए सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशियों का समीकरण बिगड़ गया

Chhapra: बिहार में राजनीतिक उथल पुथल के बाद नीतीश कुमार अब आरजेडी के साथ है. बीजेपी को छोड़ आरजेडी के साथ जाते ही राजनीतिक समीकरण बदल गए. इसमें सबसे बड़ा बदलाव सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए होता दिखाई दे रहा है. आगामी चुनाव को लेकर जिस तरह से जदयू और आरजेडी पार्टी से भावी प्रत्यासी के तौर पर क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर रहे भावी को अब चिंता सताने लगी है.

सारण स्नातक सीट पर वर्तमान में सिटिंग एमएलसी जदयू के है. ऐसे में इस सीट को लेकर प्रत्याशियों का मंथन शुरू होने लगा है. राजद के टिकट पर इस चुनाव में अपना भाग्य आजमाने वाले भी कई भावी प्रत्यासी चुनाव मैदान में मतदाताओं के बीच पहुंच रहे है. ऐसे में इस राजनीतिक उलटफेर के बाद चिंता की लकीर खींचने लगी है. हालाकि इस रेस से बीजेपी बाहर हो गई वह अपना प्रत्याशी सीधे उतार सकती है. वही इस नई भावी सरकार में शामिल अन्य पार्टियां भी इस चुनाव में अपनी भागीदारी निभायेगी.

कुछ ही दिनों पूर्व जेडीयू ने इस चुनाव को लेकर अपने जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर रणनीति बनाने और तैयारियों में जुट जाने का निर्देश दिया.

वही राजद के भावी प्रत्याशी भी कई बार पटना में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके है. ऐसे में इस चुनाव में सारण सीट से किसकी उम्मीदवारी तय होगी यह देखना दिलचस्प होगा.

-नीतीश ने कहा, पार्टी विधायकों-सांसदों के कहने पर लिया फैसला
-संजय जायसवाल बोले, भाजपा को नीतीश कुमार ने धोखा दिया

पटना: बिहार में पांच साल पुराना भाजपा-जदयू गठबंधन मंगलवार को टूट गया। इसी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को इस्तीफा सौंप दिया। साथ ही उन्होंने राजद, जदयू, कांग्रेस और वाम दलों के 160 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को देते हुए महागठबंधन की सरकार बनाने का दावा भी पेश किया।

आज पूर्वाह्न 11 बजे जदयू की बैठक में सहमति बनने के बाद सीएम चार बजे से 20 मिनट पहले राजभवन गए और राज्यपाल को त्यागपत्र सौंप दिया। दूसरी ओर राजद विधायक दल की बैठक दिन 11 बजे से शुरू हुई, जिसमें कांग्रेस और वाम दलों ने तेजस्वी यादव को नेता मानते हुए पूरा समर्थन देने की बात कही।

बिहार के राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद जदयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि सभी सांसद और विधायक आम सहमति पर हैं कि हमें एनडीए छोड़ देना चाहिए। इसके तुरंत बाद उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। ये पूछने पर कि भाजपा से क्या परेशानी थी, नीतीश कुमार ने कहा कि इस सवाल का जवाब वे बाद में देंगे। इसके बाद वे सीधे वहां से राबड़ी देवी के आवास के लिए रवाना हो गए। राबड़ी देवी के आवास पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

नयी सरकार में बताया जा रहा है कि कांग्रेस और राजद से दो उप मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि, महागठबंधन ने साफ कर दिया कि उन्होंने नीतीश कुमार को ही नेता माना है।

इन सभी घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिहार की जनता और भाजपा को नीतीश कुमार ने धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि 2017 से और अब क्या अंतर आया, नीतीश कुमार इसका जवाब दें। संजय जायसवाल ने कहा कि 2020 में एनडीए के तहत मिलकर चुनाव लड़ा। कम सीट जीतने के बाद भी भाजपा ने पीएम मोदी के कहने पर नीतीश कुमार को सीएम बनाया। नीतीश कुमार ने 2017 में गठबंधन तोड़ने का अफसोस भी जताया था।

लोजपा रामविलास पार्टी के अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान ने कहा कि आज नीतीश कुमार की क्रेडिबिलिटी शून्य है। हम चाहते हैं कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो और राज्य को नए सिरे से जनादेश मिले।नीतीश कुमार की कोई विचारधारा नहीं अगले चुनाव में जदयू को शून्य सीटें मिलेंगी।

लालू की बेटी चंदा ने भाई तेजस्वी यादव की तस्वीर शेयर करते हुए रिएक्ट किया। उन्होंने तस्वीर में लिखा-‘तेजस्वी भवः बिहार’। इसमें जिस तरह से तेजस्वी की तस्वीर लगी हुई है उससे तय है कि लालू के छोटे लाल का रोल नई सरकार में अहम रहने वाला है।

दधीचि देहदान समिति बिहार की छपरा इकाई का हुआ गठन

Chhapra: मंगलवार को रोटी बैंक छपरा के कार्यालय पर एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सर्वसम्मति से दधीचि देहदान समिति छपरा (सारण) इकाई का गठन किया गया. बैठक में सर्वमत से समिति में पदाधिकारियों का चुनाव अध्यक्ष , सचिव, उपाध्यक्ष, सहसचिव, कोषाध्यक्ष, प्रेस सचिव, कार्यकारिणी सदस्यों के रूप में हुआ.

जिसमें अध्यक्ष के पद पर संजीव कुमार चौधरी एवं सचिव के पद पर पिंटू कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार उपाध्यक्ष, आनंद शरण मिश्रा, सह सचिव रंजीत जायसवाल, प्रेस सचिव कृष्ण मोहन के साथ टीम को मजबूती प्रदान करने के लिय कार्यकारिणी सदस्यों का भी चुनाव किया गया.

जिसमें रोटी बैंक छपरा के सभी सम्मानित सदस्यों को शामिल किया गया है. हालांकि कुछ पदों पर चयन होना अभी बाकी है.

दो वर्ष बाद इसुआपुर में निकला ताजिया जुलूस ब्रह्मोस की दिखी झलक

इसुआपुर: दो वर्षो के बाद उल्लास के साथ इसुआपुर में ताजिया जुलूस निकाला गया. मुहर्रम के अवसर पर निकाली जाने वाली यह जुलूस मंगलवार को इसुआपुर और विशुनपुरा से निकलकर इसुआपुर बाजार पहुंची. जहां हजारों के तादाद में उपस्थित लोगों ने अखाड़ा दिखाया वही लाठी डंडे तलवार के करतब दिखाए.

दो वर्षो बाद जोश के साथ निकली इस ताजिया जुलूस में इस बार इसुआपुर अखाड़ा द्वारा ब्रह्मोस की झलक दिखाई गई.

सैकड़ों की संख्या में ढोल और उसपर शामिल लोग करतब दिखाते नजर आए. इसुआपुर और विशुनपुरा का ताजिया बाजार होते हुए अपने गंतव्य तक गया.

मुहर्रम के अवसर पर इसुआपुर में बड़े मेले का आयोजन होता है. शाम के समय इसुआपुर के आसपास के दर्जनों ताजिया जुलूस आपने अपने अखाड़े के साथ मुख्य बाजार पहुंचेंगे. जहां अखाड़ा खिलाड़ियों द्वारा करतब दिखाया जायेगा.

वही इस अवसर पर लगे मेले में बैलून, खिलौने, जलेबी सहित अन्य सामानों की बिक्री जोरों पर है जो देर रात तक चलेगी.

देश-दुनिया के इतिहास में 09 अगस्त का खास स्थान है। मगर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की लौ को और तेज करने में इस तारीख को कभी नहीं भुलाया जा सकता। दरअसल देश की आजादी के लिए धन और असलहों की जरूरत थी। पैसे कहां से आएंगे यह एक बड़ी समस्या थी। इस पर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में 08 अगस्त, 1925 को सरकारी खजाने को लूटने की योजना बनाई गई। साथ के कुछ लोगों ने मना किया, लेकिन आजादी के मतवाले जान तक देने को तैयार थे। योजना के तहत 09 अगस्त, 1925 को सरकारी खजाना ले जा रही सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को काकोरी स्थित बाजनगर के पास लूट लिया गया। लूट की कुल रकम 4,601 रुपये, 15 आना और छह पाई थी।

काकोरी के पास हुई इस लूट की घटना ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला कर रख दिया था। इस लूट में करीब 20 से 25 लोग शमिल थे। इनमें मुख्य रूप से राम प्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां और राजेंद्र लाहिड़ी थे। आजादी का बिगुल फूंकने में काकोरी कांड ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कांड में पकड़े गए पांच प्रमुख लोगों को फांसी की सजा दी गई। इस तरह यह घटना इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षर में अंकित हो गई। लूट के बाद अंग्रेजों ने इस घटना की एफआईआर काकोरी थाने में दर्ज करवाई थी। इसकी मूल कॉपी उर्दू में लिखी गई थी। बाद में इसका हिंदी अनुवाद भी किया गया। इस एफआईआर की कॉपी आज भी काकोरी थाने में फोटो फ्रेम में सुरक्षित रखी गई है।

हालांकि, पूरी प्रति नहीं है, केवल एक पन्ना भर ही सुरक्षित रखा जा सका है। इसमें अभियुक्तों की संख्या 20 से 25 और लूट की रकम 4,601 रुपए, 15 आने और छह पाई दर्ज है। काकोरी कांड की सालगिरह पर योगी सरकार इस स्टेशन का नाम बदलकर काकोरी ट्रेन एक्शन कर चुकी है।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1173ः दुनिया के सात अजूबों में से एक इटली के पीसा की झुकी हुई मीनार का निर्माण शुरू।
1329ः पोप जॉन 22वें नेभारत के क्यूलोन में पहले कैथोलिक धर्मप्रदेश की स्थापना की।
1483ः वेटिकन का सिस्टिन चैपल प्रार्थना के लिए खुला।
1831ः अमेरिका में पहली बार स्टीम इंजन ट्रेन चली।
1842ः वेबस्टर एशबर्टन संधि के तहत अमेरिका और कनाडा की सीमा निर्धारित की गई।
1892ः थॉमस अल्वा एडिसन ने टू-वे टेलीग्राफ का पेटेंट कराया।
1910ः अल्वा फिशर ने बिजली से चलने वाली वाशिंग मशीन का पेटेंट हासिल किया।
1925ः काकोरी कांडः क्रांतिकारियों ने सरकारी खजाना ले जा रही सहारनपुर-लखनऊ पैसेंजर ट्रेन को काकोरी स्थित बाजनगर के पास लूटा।
1945ः अमेरिका ने जापान के नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया।
1971ः भारत-पाकिस्तान मैत्री संधि पर हस्ताक्षर।
1999ः रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने प्रधानमंत्री सर्जेई स्तेपशिन को बर्खास्त कर खुफिया सेवा के प्रमुख ब्लादिमीर पुतिन को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
2000ः जिम्बाव्वे में व्यापक विरोध के बावजूद भूमि सुधार की प्रक्रिया शुरू।
2002ः पाकिस्तान में एक मिशनरी अस्पताल पर फिदायीन हमला। पांच व्यक्ति मारे गए।
2002ः अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में बम विस्फोट। 50 लोग मारे गये।
2005 – नासा का मानवयुक्त अंतरिक्षयान डिस्कवरी 14 दिन की अपनी साहसिक और जोखिम भरी यात्रा के बाद कैलिफोर्निया स्थित एयरबेस पर सकुशल उतरा।
2006ः नेपाल सरकार और माओवादियों के बीच संयुक्त राष्ट्र निगरानी मुद्दे पर सहमति।
2007ः अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मरम्मत कार्य को आगे बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम लेकर अंतरिक्ष यान एण्डेवर अपने अभियान पर निकला।
2008ः सरकारी क्षेत्र की तीन कंपनियां एनटीपीसी, एनएचपीसी व पावर फाइनेंस कारपोरेशन तथा टाटा कन्सल्टेन्सी ने राष्ट्रीय स्तर पर पावर एक्सचेंज गठित करने तथा उसके संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम बनाने के लिए करार पर हस्ताक्षर किए।
2008ः भारतीय प्रतिनिधिमंडल के समर्थन से मलेशिया के सांस्कृतिक मंत्री व सांसद मोहम्मद शफी अरदाल को राष्ट्रकुल संसदीय संघ (सीपीए) का नया अध्यक्ष चुना गया।
2012ः भारतीय सेना ने परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

जन्म
1876ः बंगाल के ब्रिटिश गवर्नर लॉर्ड लिटन द्वितीय।
1891ः संयुक्त प्रांत के राज्यपाल फ्रान्सिस वर्नर वाईली।
1892ः विख्यात पुस्तकालाध्यक्ष और शिक्षाशास्त्री रंगनाथन एस. आर.।
1893ः उपन्यासकार शिवपूजन सहाय।
1909ः ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित कन्नड़ भाषा के प्रमुख साहित्यकार विनायक कृष्ण गोकाक।
1915ः गुजरात के तीसरे मुख्यमंत्री हितेन्द्र देसाई।
1926ः कांग्रेस नेता एम. एम. जैकब।
1933ः आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार मनोहर श्याम जोशी।
1937ः हिंदी के साहित्यकार अभिमन्यु अनत।
1974ः भारतीय फिल्म अभिनेता महेश बाबू।
1991ः भारतीय अभिनेत्री हंसिका मोटवानी।

निधन
2002ः प्रसिद्ध कथावाचक एवं हिन्दी साहित्यकार रामकिंकर उपाध्याय।
2016ः अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल।

दिवस
-भारतीय क्रांति दिवस /अगस्त क्रांति दिवस
-नागासाकी दिवस
-भारत छोड़ो आंदोलन स्मृति दिवस
-विश्व आदिवासी दिवस

Chhapra: बिहार राज्य कृषि समन्वयक संघ के आह्वान पर सोमवार से जिले के सैकड़ों कृषि समन्वयक हड़ताल पर चले गए हैं। इस दौरान कृषि समन्वयको ने जिला कृषि कार्यालय मे धरना देकर अपने 5 सूत्री मांगो के समर्थन मे जमकर नारेबाजी किया।

कृषि समन्वयक संघ के सारण जिलाध्यक्ष केशव सिंह ने कहा कि सरकार उनकी मांगें माने नहीं तो केंद्र और राज्य सरकार के सौजन्य से संचालित सभी कृषि योजनाएं जिले मे ठप्प होकर रह जाएगी । उन्होंने बताया कि हमारी पांच मुख्य मांगे है जिसमे कृषि समन्वयक का ग्रेड पे तकनीकी योग्यता के अनुरूप 4600 किया जाय।समन्यवयक को अधिकारी का दर्जा देते हुए प्रखंड समन्वयक का पद नाम हटाकर कृषि विकास पदाधिकारी रखा जाए । 33% प्रखंड कृषि पदाधिकारी के पद को कृषि समन्वयक कोटा से भरने के लिए कम से कम 33% समन्वयक वर्ग से लिया जाय।

कृषि समन्वयक को उर्वरक निरीक्षक घोषित कर गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए उन्हें लैपटॉप, मोटरसाइकिल सहित 4000 अलग से मानदेय देने की व्यवस्था की जाए।

पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के ओर से रविवार को लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के उपर दिये गये बयान का जवाब सोमवार को प्रेस वार्ता कर चिराग पासवान ने दिया है।

ललन सिंह के बयान कि जदयू डूबता नहीं बल्कि दौड़ता जहाज है पर तंज कसते हुए चिराग ने कहा कि पानी में चलने वाला जहाज दौडेगा कैसे। क्या उपेंद्र कुशवाहा साल 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग मॉडल के प्रतीक नहीं है। बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा उस समय जदयू से अलग चुनाव लड़े और नीतीश कुमार के दल ने बाद में उन्हें जदयू में शामिल कर लिया।

लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार को सिर्फ मुख्यमंत्री कैसे बने रहें, इस बात की चिंता है। उन्हें विकास से कोई मतलब नहीं है। वह विकास पुरूष नहीं पलटूराम है। जबकि चिराग मॉडल तो विकास का मॉडल है। बिहार की 32 लाख जनता ने हमें सपोर्ट किया। उनका मॉडल क्या है, यह उन्हें बताना चाहिए। उन्होंने सीएम नीतीश से सवाल किया कि 2015 में आप जिनके साथ गए थे तब जंगलराज याद नहीं था। किसने तैयार किया चिराग मॉडल . जेडीयू इस सवाल का जवाब दें।कितना इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चिराग किसी का मॉडल है तो वो रामविलास पासवान का था। जीते जी रामविलास पासवान को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। मेरी पार्टी और परिवार को नीतीश कुमार ने तोड़ा और आज खुद ही पार्टी टूट रही है तो बहाना बना रहे हैं। क्या नीतीश कुमार चाहते हैं उन्हें पलटूराम की तरह याद करें।

उल्लेखनीय है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर रविवार को निशाना साधते हुए जदयू के वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में सीटें घटने का कारण साजिश बताया था। ललन सिंह ने चिराग मॉडल का नाम देकर कहा था कि जदयू का जनाधार नहीं घटा है बल्कि चिराग मॉडल से हमें कमजोर करने की साजिश रची गई थी। अब वैसी ही साजिश आरसीपी सिंह के रूप में थी जिसे ललन सिंह ने चिराग मॉडल-2 नाम दिया था।

पटना: बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने की चर्चा जोरों से चल रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के सभी विधायकों और सांसदों की मंगलवार को बैठक भी बुलाई है। इस बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। ऐसे में बिहार की राजनीति के लिए अगले 24 घंटे काफी अहम माने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते दिन कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात की थी। अब इन दोनों के बीच क्या बात हुई, इसकी तस्वीर अगले कुछ दिनों में ही साफ हो सकती है।

मुख्यमंत्री नीतीश के आवासीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से लालू यादव को इस बात पर मनाने का आग्रह किया है कि भाजपा से अलग होने की स्थिति में सीएम उन्हें ही बनाया जाए। राजद सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार गृह और उपमुख्यमंत्री की कुर्सी सहित कई प्रमुख विभाग राजद को मिलने वाले हैं।

हालांकि राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बातचीत में कहा कि मंगलवार को राजद विधायक, सांसद और एमएलसी की बैठक 2024 के लोकसभा और उसके अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर है न कि किसी सरकार के गठन को लेकर। जगदानंद ने कहा कि नीतीश कुमार को हमने आमंत्रित नहीं किया है। गठबंधन की कोई बात नहीं हुई है। हमने किसी को प्रस्ताव नहीं भेजा है।

इन सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंगलवार को अपनी पार्टी के सभी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है, जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना है कि पार्टी के विधायकों से फीडबैक लेने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है।

रविवार को जनता दल (यूनाइटेड) राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा था कि कुछ लोग बिहार में एक बार फिर से 2020 के चिराग पासवान मॉडल इस्तेमाल करना चाहते थे, मगर नीतीश कुमार ने इस षड्यंत्र को पकड़ लिया है। इसी के साथ वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह के इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा था कि उनका तन भले ही जनता दल यूनाइटेड में था, मगर उनका मन कहीं और था।

Chhapra:  20वर्षों से प्रतिष्ठित स्किल एजुकेशन सेंटर NCC Computers Pvt Ltd. ने जिले  के युवाओं को उनके भविष्य के सपनों को पूरा करने के लिए रेगुलर मोड में बैचलर और मास्टर्स डिग्री कोर्स लेकर आया है. 

NCC कॉलेज ऑफ एजुकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर अभिजीत शरण सिन्हा ने बताया कि  यह पहली बार हो रहा है जब शहर में रेगुलर मोड पर समय पर रिजल्ट मिलेगा और प्लेसमेंट सेल की मदद से कैंपस सेलेक्शन की सुविधा भी होगी. छात्रों को कम खर्च में समय पर एक विश्वसनीय डिग्री मिल जाएगी. 

उन्होंने बताया कि NCC कॉलेज ऑफ एजुकेशन में रेगुलर मोड में B.A., BBA, BCA, BLISS, B.SC IT, BJMC, MA, MCA, MBA, M.SC IT, और MJMC जैसे कोर्स कराए जाएंगे. एनसीसी कॉलेज ऑफ एजुकेशन को देश का एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी देश भगत यूनिवर्सिटी पंजाब का  सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया गया है. इस यूनिवर्सिटी के ही गाइडेंस में युवाओं के लिए नए द्वार खुलेंगे. एक तरफ जहां कुछ युवा अपनी रेगुलर डिग्री को लेकर काफी चिंतित रहते हैं, पढ़ाई समय पर हो और डिग्री समय पर मिल जाए तो आगे का रास्ता आसान हो जाता है. वहीं दूसरी तरफ इस कॉलेज में अब छात्र छात्राओं को किसी प्रकार का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.  समय पर पढ़ाई और समय पर डिग्री मिल सकेगी.

उक्त अवसर पर एनसीसी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की टीम, अभिषेक अरुण, नंदिनी भारती, एमडी इमरान, राकेश कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे.