पोषण परामर्श केंद्र का हुआ शुभारंभ, पोषण के प्रति किया जायेगा जागरूक

Chhapra: जिलाधिकारी राजेश मीणा के द्वारा सारण समाहरणालय परिसर में आयोजित जिलास्तरीय पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी महोदय के द्वारा अपने हाथों से गभर्वती महिलाओं को पोषण की पोटली देकर गोदभराई की रस्म को पूरा किया गया तथा छः माह की आयु पूर्ण कर लेने वाले बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन कराया गया। साथ ही जिलाधिकारी के द्वारा पोषण माह से संबंधित आई.सी.डी.एस. द्वारा लगाये गये स्टॉल का भी निरीक्षण किया गया। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई.सी.डी.एस कुमारी अनुपमा के द्वारा लगाये गये स्टॉल के महत्वों की विस्तृत जानकारी जिलाधिकारी को दी गयी। जिलाधिकारी महोदय के द्वारा इस अवसर पर पोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आई.सी.डी.एस सारण के द्वारा बताया गया कि पोषण के विभिन्न गतिविधियों द्वारा आमजनों को जागरुक कर कुपोषण मुक्त सारण बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भवती एवं धात्री माताओं एवं 01 से 06 वर्ष के बच्चों के उचित पोषण एवं स्वास्थ्य के लिए आई.सी.डी.एस. प्रतिबंद्व है। पोषण अभियान के जिला समन्वयक के द्वारा बताया गया कि आई.सी.डी.एस, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग एवं अन्य संबंधित विभाग के समन्वय से विभिन्न प्रकार के गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरुक करते हुए कुपोषण मुक्त सारण बनाना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उदेष्य है। जिले में कुपोषण से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये 01 से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। पोषण परामर्श केंद्र के माध्यम से महिलाओं को व बच्चों को कुपोषण से बचाने के बारे में जानकारी दी जायेगी।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान एवं समितियों की बैठक में पोषण पर चर्चा के साथ ही जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर पर पोषण संबंधी संदेशों का प्रचार-प्रसार विभिन्न माध्यमों के द्वारा किया जा रहा है। वहीं परियोजना स्तर पर गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त आहार लेने के लिए प्रेरित करने के लिए स्लोगन लेखन प्रतियोगिता, आंगनबाड़ी केंद्र पर एनीमिया पर जागरूकता के लिए सेल्फी तथा विभिन्न प्रकार के पोष्टिक व्यंजनों की प्रतियोगिता एवं परियोजना स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आई.सी.डी.एस कुमारी अनुपमा, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, पोषण अभियान के जिला समन्वयक, जिला परियोजना सहायक, प्रखंड समन्वयक, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कार्यक्रम सहायक, छपरा सदर एवं छपरा ग्रामीण क्षेत्र की सेविकाए एवं कार्यालय के सभी कर्मी उपस्थित थे।

Chhapra: नगर निगम चुनाव 2022 के मेयर, उपमेयर और पार्षद पद पर नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो जाएगी.

इसे लेकर सारण जिला वैश्य महासभा ने प्रेस वार्ता के माध्यम से प्रत्याशी के नाम की घोषणा की. प्रेस वार्ता के दौरान इस बात की जानकारी देते हुए महासभा के अध्यक्ष वीरेंद्र साह मुखिया एवं चतुरी प्रसाद ने कहा कि वैश्य समाज ने काफी सोच समझकर शिक्षक नेता विद्यासागर विद्यार्थी को मेयर प्रत्याशी के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है.

उन्होंने कहा कि उन्हें जिताने के लिए वैश्य समाज अपनी पूरी ताकत झोंक देंगी. वही उन्होंने बताया कि डिप्टी मेयर के लिए भी उनके द्वारा समाज के तरफ से प्रत्याशी उतारा जाएगा.

इस अवसर पर ओम प्रकाश गुप्ता, राजेश नाथ, प्रो पीसी गुप्ता, प्रो सिया शरण प्रसाद, जयशंकर प्रसाद, आर एन साह, अजय कुमार आदि ने फूल माला पहनाकर भावी प्रत्याशी का समर्थन किया.

इस मौके पर विद्यासागर विद्यार्थी ने कहा कि वैश्य समाज उन्हें छपरा के मेयर के रूप में देखना चाहती है. जिसको लेकर उनके द्वारा उन्हें प्रत्याशी बनाया गया है. वह छपरा के साफ सफाई एवं उन्नयन के लिए प्रयत्नशील रहेंगे.

Chhapra: छपरा नगर निगम के मेयर पद पर नामांकन 16 सितंबर 2022 से शुरू हो रहा है. ऐसे में भावी प्रत्याशी अपने नामांकन की तिथि घोषित करने लगे हैं.

मेयर पद के लिए भावी प्रत्याशी राखी गुप्ता ने प्रेस वार्ता कर बताया कि 22 सितंबर को वे अपना नामांकन दाखिल करेंगी.

उन्होंने बताया कि सुबह 10:00 बजे उनके आवास श्रीप्रकाश ऑर्नामेंट्स से नामांकन रैली निकाली जाएगी. नामांकन के बाद शहर भ्रमण भी किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहें है पर यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैं चुनाव लड़ूंगी और जीतूंगी. मेरा समर्थन किसी प्रत्याशियों को नहीं है। मेरे समर्थन को लेकर के चुनाव मैदान में हुंकार भरने वाले प्रत्याशियों को स्पष्ट कहना है कि अपने दम पर चुनाव मैदान में आए झूठी अफवाह ना उठाएं.

वरुण प्रकाश ने कहा कि इस बार का चुनाव खास है क्योंकि इस बार आम आदमी के द्वारा मेयर का चुनाव किया जाएगा.

इस अवसर पर रविशंकर गुप्ता, राजीव रंजन सोनी, संजीत स्वर्णकार, पारस आदि उपस्थित थे.

देश-दुनिया के इतिहास में 15 सितंबर की तारीख कई वजहों से दर्ज है। मनोरंजन की दुनिया की लिहाज से यह तारीख भारत के लिए अहम है। संचार और डिजिटल क्रांति के इस युग में जीने वाली आज की युवा पीढ़ी को शायद दूरदर्शन का मतलब नहीं पता हो, लेकिन पिछली पीढ़ी का दूरदर्शन के साथ गहरा नाता रहा है। 1959 में 15 सितंबर को सरकारी प्रसारक के तौर पर दूरदर्शन की स्थापना हुई थी। तब छोटे से पर्दे पर चलती-बोलती तस्वीरें दिखाने वाला बिजली से चलने वाला यह डिब्बा लोगों के लिए कौतुहल का विषय था। जिसके घर पर टेलीविजन होता था, लोग दूर-दूर से उसे देखने आते थे। छत पर लगा टेलीविजन का एंटीना मानो प्रतिष्ठा का प्रतीक हुआ करता था। देश की कला और संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम इस सरकारी प्रसारण सेवा का अभिन्न अंग थे। दूरदर्शन की शुरुआत के समय इसमें कुछ देर के लिए कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता था। नियमित दैनिक प्रसारण की शुरुआत 1965 में ऑल इंडिया रेडियो के एक अंग के रूप में हुई। 1972 में यह सेवा मुंबई (तत्कालीन बंबई) और अमृतसर तक विस्तारित की गई, जो आज देश के दूरदराज के गांवों तक उपलब्ध है। राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत 1982 में हुई। इसी वर्ष दूरदर्शन का स्वरूप रंगीन हो गया। इससे पहले यह श्वेत श्याम हुआ करता था।

आज आप जब भी टीवी चालू करेंगे, कोई न कोई प्रोग्राम आपको जरूर मिल जाएगा। सैकड़ों टीवी चैनलों पर दिनभर अलग-अलग तरह के प्रोग्राम आते रहते हैं। 1982 का साल भारत में टीवी के लिए महत्वपूर्ण है। इसी साल दूरदर्शन ने इनसैट-1 के जरिए पहली बार नेशनल ब्रॉडकास्ट किया। एशियाई खेलों के प्रसारण ने तो दूरदर्शन की लोकप्रियता को कई गुना बढ़ा दिया था। यहीं से टीवी का कायापलट हुआ। नए-नए प्रोग्राम बनने लगे। धीरे-धीरे सुबह और फिर दोपहर को प्रोग्राम प्रसारित होने लगे। शाम को रोज प्रसारित होने वाला कृषि दर्शन, हफ्ते में दो बार चित्रहार और रविवार को आने वाली रंगोली की लोकप्रियता की बराबरी आज का कोई प्रोग्राम नहीं कर सकता। 1966 में शुरू हुए कृषि दर्शन का योगदान देश में हरित क्रांति लाने में भी रहा है। दूरदर्शन के आज 34 सैटेलाइट चैनल हैं। दूरदर्शन के पास देशभर में 66 स्टूडियो हैं, जिनमें से 17 राज्यों की राजधानियों में हैं और बाकी 49 अलग-अलग शहरों में हैं। दूरदर्शन देश का सबसे बड़ा ब्रॉडकास्टर है।

इसी तारीख को देश में मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिन पर अभियंता दिवस मनाया जाता है। उनका जन्म 15 सितंबर 1861 को कर्नाटक में कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर तालुका में हुआ था। उनके पिता श्रीनिवास शास्त्री संस्कृत के विद्वान और आयुर्वेद चिकित्सक थे। वर्ष 1883 में इंजीनियरिंग की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने वाले एम. विश्वेश्वरैया का पसंदीदा विषय सिविल इंजीनियरिंग था। करियर के आरंभिक दौर में ही एम. विश्वेश्वरैया ने कोल्हापुर, बेलगाम, धारवाड़, बीजापुर, अहमदाबाद एवं पूना समेत कई शहरों में जल आपूर्ति परियोजनाओं पर खूब काम किया था।

1909 में उन्हें मैसूर राज्य का मुख्य अभियंता नियुक्त किया गया। वे रेलवे सचिव भी थे। कृष्णराज सागर बांध के निर्माण के कारण मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का नाम पूरे विश्व में सबसे अधिक चर्चा में रहा था। बांध के स्वचलित दरवाजों की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया, उसे यूरोप सहित विश्व के अन्य देशों ने भी अपनाया। विश्वेश्वरैया औद्योगिक विकास के समर्थक थे। वे उन शुरुआती लोगों में से एक थे, जिन्होंने बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान में धातुकर्म विभाग, वैमानिकी, औद्योगिक दहन एवं इंजीनियरिंग जैसे अनेक नए विभागों को आरंभ करने का स्वप्न देखा था। 1955 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1812 : नेपोलियन के नेतृत्व में फ्रांसीसी सेना मास्को के क्रैमलिन पहुंची।
1948ःस्वतंत्र भारत का पहला पोत ‘आईएनएस दिल्ली’ बंबई (अब मुंबई) के बंदरगाह पर पहुंचा।
1959ः भारत में दूरदर्शन की शुरुआत।
1971 : दुनिया को हरा भरा और शांति पूर्ण बनाने के संकल्प के साथ ग्रीन पीस की स्थापना।
1978 : अर्मेनिया की अरैरट एरेवन ने पहली विदेशी टीम के तौर पर मोहन बागान के साथ संयुक्त रूप से आई़एफए शील्ड जीती।
1981 : वानुआतु संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना।
1982 : लेबनान के निर्वाचित राष्ट्रपति बशीर गेमायेल की पदासीन होने से पहले ही बम विस्फोट में हत्या।
2001 : अमेरिकी सीनेट ने राष्ट्रपति को अफगानिस्तान पर सैनिक कार्रवाई की मंजूरी दी।
2002ः न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के अवसर पर भारत, चीन एवं रूस के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित।
2003ः सिंगापुर के मुद्दे पर विकासशील देशों के भड़क उठने से डब्ल्यूटीओ वार्ता विफल।
2004ः ब्रिटिश नागरिक गुरिंदर चड्ढा को ‘वुमन ऑफ द ईयर’ सम्मान।
2008 : क्राम्पटन ग्रीव्ज ने अमेरिका की एमएसआई ग्रुप कंपनी का अधिग्रहण किया।

जन्म
1861ः इंजीनियर और वैज्ञानिक मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया।
1876ः भारतीय उपन्यासकार शरत चंद्र चट्टोपाध्याय।
1891ः क्रांतिकारी चम्पक रमन पिल्लई।
1905ः साहित्यकार डॉ. रामकुमार वर्मा।
1909ः तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुराई ।
1915ः परमवीर चक्र से सम्मानित लांस नायक करम सिंह।
1915ः हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार द्विजेन्द्रनाथ मिश्र ‘निर्गुण’।
1919ः भारतीय शायर खुमार बाराबंकवी।
1926ः विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल।
1927ः प्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ।
1934ः दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर वेद मारवाह।
1946ः मुंबई की झुग्गी बस्तियों के लिए संघर्ष करने वाले जॉकिन अर्पुथम।
1947ः हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा।
1958ः भारत के पूर्व हॉकी खिलाड़ी रोमियो जेम्स।
1986ः भारत की महिला स्क्वॉश खिलाड़ी जोशना चिनप्पा।
1987ः भारत की पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी सोनलबेन पटेल।

निधन
2012ः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांचवें सरसंघचालक के एस सुदर्शन।

दिवस
अभियंता दिवस
संचायिका दिवस
लोकतंत्र का अंतरराष्ट्रीय दिवस

बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय में मंगलवार की शाम बछवारा से चकिया सहायक थाना क्षेत्र 40 मिनट में हुई अलग-अलग जगहों पर हुए गोलीबारी में एक ओर जहां नौ घायल का विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। वहीं पुलिस की कई उच्च स्तरीय टीम लगाता घटना के अनुसंधान और छापेमारी में जुटी हुई है।

डीआईजी सत्यवीर सिंह ने सूचना देने वाले लोगों को इनाम देने की घोषणा किया है, वहीं एसपी ने सीसीटीवी फुटेज जारी किया है। बेगूसराय-खगड़िया प्रक्षेत्र के डीआईजी सत्यवीर सिंह ने बताया कि बेगूसराय में सीरीयल फायरिंग एवं किलिंग घटना में संदिग्ध युवक की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है हैं। मोटरसाइकिल सवार नारंगी शर्ट पहने हुए एवं उसके पीछे बैठे संदिग्ध के बारे में जो भी पुलिस को सही सूचना देगा, उसे 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा तथा उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।

डीआईजी ने सूचना 9431822953 या 9431800011 पर कॉल, एसएमएस एवं व्हाट्सएप से देने की अपील किया है। कुछ संदिग्ध युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है।

इस बीच बेगूसराय के एसपी योगेन्द्र कुमार ने घटना के रूट में लगे एनएच-28 एवं एनएच-31 को सीसीटीवी फुटेज जारी किए हैं। सीसीटीवी फुटेज जारी करते हुए एसपी अपना मोबाइल नंबर 9431800011 जारी करते हुए लोगों से सूचना देने की अपील किया है। दूसरी ओर, डीआईजी सत्यवीर सिंह एवं एसपी योगेंद्र कुमार सहित पुलिस विभाग के कई बड़े अधिकारी मामले की छान-बीन कर उद्भेदन एवं अपराधियों की गिरफ्तारी में लगी हुई है। बछवाड़ा से चकिया थाना क्षेत्र तक के विभिन्न घटनास्थल सहित अन्य जगहों पर लगातार जांच पड़ताल चल रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार बिहार पुलिस का अपराध अनुसंधान विभाग, स्पेशल ब्रांच, टेक्निकल सेल, सीसीएमयू यूनिट एवं लोकल इंटेलिजेंस के कई अधिकारी लगातार जांच में जुटे हुए हैं, पुलिस मुख्यालय भी निरंतर कनेक्ट है।

हिन्दी भाषा राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान: जिलाधिकारी

Chhapra: 14 सितम्बर 2022 को हिन्दी दिवस के अवसर पर सारण समाहरणालय सभागार में भव्य समारोह का आयोजन जिला प्रशासन के द्वारा किया गया। कार्यक्रम मे जिला पदाधिकारी राजेश मीणा के साथ बड़ी संख्या में जिला स्तरीय पदाधिकारीगणों के साथ समाहरणालय के कर्मीगण उपस्थित थे। इस अवसर पर पदाधिकारीगण एवं कर्मीगणों ने अपने उद्गार व्यक्त किये।

जिलाधिकारी के द्वारा अपने संबोधन में सर्वप्रथम जिलावासियों एवं सभागार में उपस्थित सभी पदाधिकारी एवं कर्मीगणों को हिन्दी दिवस की बधाई एवं शुभकामना देते हुए कहा गया कि हिन्दी राष्ट्रभाषा होने के कारण राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। इसके लोकभाषा में इस्तमाल करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान विभिन्न भाषाओं एवं संस्कृति वाला देश है परन्तु हिन्दी भाषा को संवैधानिक रुप से भारत की अधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा के द्वारा हिन्दी को राजभाषा के रूप में अंगीकृत किया गया। बिहार हिन्दी भाषी राज्य है यहाँ 1950 से ही राजभाषा अधिनियम लागू है। हिन्दी भाषा राष्ट्रीय अस्मिता की पहचान तथा जनमानस की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। हिन्दी देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली भाषा है। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा के साथ-साथ भारत में सबसे अधिक बोली या समझी जाने वाली भाषा है। मातृ भाषा हिन्दी और देश के प्रति सम्मान दिखाने के लिए हिन्दी दिवस का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर जिलाधिकारी महोदय ने स्वरचित हिन्दी कविता का पाठ किया।

अपर समाहर्त्ता डॉ गगन ने इस अवसर पर वर्तमान परिस्थिति में हिन्दी की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए इसके नैसर्गिक विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कि हिन्दी हमारे देश की सबसे समृद्ध भाषा है। इसे सभी लोग बड़ी सहजता से लिखते, पढ़ते और समझते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम अपने कार्यों का निष्पादन हिन्दी में ही करें। हिन्दी का अधिक से अधिक उपयोग हीं हिन्दी भाषा साहित्य के विकास एवं विस्तार को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों में भी हिन्दी में कार्य करने हेतु प्रेरित करने की जरुरत है।

इस अवसर पर अनुमंडल पदाधिकारी सदर, उप निर्वाचन पदाधिकारी, सहायक अनुमंडल पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्त्ता-सह-प्रभारी पदाधिकारी सामान्य शाखा, सहायक कोषागार पदाधिकारी एवं समाहरणालय कर्मीगणों के द्वारा भी अपने उद्गार व्यक्त किये गये।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण द्वारा 26 से 28 सितम्बर 2022 तक ॠण संबंधित शिविर का आयोजन

Chhapra: जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रजनीश कुमार राय के द्वारा बताया गया कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम, पटना द्वारा मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए सारण जिला को कर्णांकित राशि के अन्तर्गत प्रखंडवार आवेदको को ऋण स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत आवेदको कि सूची जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय में सूचना पट्ट पर देखा जा सकता है। रोजगार ऋण के लिए सभी चयनित आवेदकों को सूचित किया गया है कि दिनांक 26.09. 2022 से 28.09.2022 तक जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय, सारण में शिविर का आयोजन किया जायेगा, जिसमें चयनित आवेदक अपने गारेन्टर के साथ उपस्थित होकर ऋण संबंधी कागजी कार्रवाई पूर्ण करवायें । यह अनिवार्य होगा।

आवेदक के लिए कागजी कार्रवाई हेतु आवश्यक कागजात में आय प्रमाण-पत्र (मूल प्रति) अद्यतन, आवासीय प्रमाण-पत्र (मूल प्रति) अद्यतन, आधार कार्ड (सम्पूर्ण पेज की छायाप्रति) पासबुक (जो आधार से लिंक हो की छायाप्रति), चेक बुक-20 पीस, पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन -2 पीस एक लाख तक ऋण के लिए जेनरल गारेन्टर को अपना आधार कार्ड की छायाप्रति, जमीन की मालगुजारी की मूल रसीद जो अद्यतन होना चाहिए, पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन- 2 पीस लाना आवश्यक होगा।

एक लाख से अधिक ऋण के लिए सरकारी गारेन्टर जिन कर्मी की सेवा कम से कम हो उन्हें पाँच वर्ष शेष हो, उनके अपना आधार कार्ड की छायाप्रति, वेतन विवरणी की अद्यतन मूल प्रति, सेवा पुस्तिका अपने विभाग से अभिप्रमाणित सभी पेज की छायाप्रति, विभागीय निर्गत परिचय-पत्र एवं पासपोर्ट साईज का दो अद्यतन फोटो निश्चित रूप से अपने साथ लाना होगा।

इसके अलावे एक लाख से अधिक ऋण के लिए आयकर दाताओं को आधार कार्ड की छायाप्रति, पैन कार्ड की छायाप्रति फोटो अद्यतन पासपोर्ट साईज 2 पीस, आयकर रिटर्न की अद्यतन 2 वर्ष की प्रति (वैसे कर दाता जो सरकार को लगातार दो वर्षों से टैक्स भुगतान करते आ रहे है। अथवा आँगनबाड़ी कर्मी के लिए आधार कार्ड की छायाप्रति, नियुक्ति पत्र, अभी तक कार्यरत है उसका इसका प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन 2 फोटो लाना अनिर्वाय होगा इसके अलावे अनुबंधित वक्फ के मोतवल्ली के लिए आधार कार्ड की छायाप्रति, वक्फ बोर्ड से मोतवल्ली का प्रमाण-पत्र, अभी तक मोतवल्ली है उसका जिला औकॉफ कमिटी से प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट साईज फोटो अद्यतन-2 पीस आवश्यक हैं। किसी भी परिवहन के लिए कोटेशन देना आवश्यक है। एग्रीमेंट के समय गारेन्टर को लाना अनिवार्य है.

16 सितम्बर 2022 को होगा नियोजन शिविर का आयोजन

Chhapra:  नियोजन पदाधिकारी, अवर प्रादेशिक नियोजनालय, सारण, छपरा के द्वारा बताया गया कि श्रम संसाधन विभाग, बिहार के तत्वाधान में अवर प्रादेशिक नियोजनालय सारण, छपरा के द्वारा दिनांक 16.09.2022 को जिला निबंधन-सह-परामर्श केन्द्र, छपरा में स्कील्स कॉनेक्ट, दिल्ली के द्वारा प्रोडक्शन ऑपरेटर, एसेम्बली डिपार्टमेंट में भर्ती शिविर के माध्यम से किया जाएगा। कुल रिक्तियों की संख्या-100 है। अभ्यर्थी का शैक्षणिक योग्यता दस प्ल्स टू, आई.टी.आई अथवा डिप्लोमा पास होना आवश्यक है। वेतनमान दस प्ल्स टू पास के लिए 9350, आई.टी.आई के लिए 10483 एवं डिप्लोमा पास अभ्यर्थी का वेतन 10483 रुपया होगा।

नियोजन कैम्प में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक है कि उनका निबंधन नियोजनालय में हो। नियोजनालय में निबंधन की प्रक्रिया ऑनलाईन कर दी गयी है जो कि भारत सरकार के पोर्टल www-ncs-gov.in के माध्यम से होता है। कोई भी अभ्यर्थी घर बैठे अपना निबंधन इस पोर्टल के माध्यम से कर सकता है। साथ ही अवर प्रादेशिक नियोजनालय, छपरा कार्यालय में भी ऑनलाईन निबंधन हेतु संपर्क किया जा सकता है। अतः अभ्यर्थी अपना नियोजनालय निबंधन इस पोर्टल पर आवश्यक रूप से करा लेंगे। नियोजन कैम्प में भी ऑनलाईन निबंधन की व्यवस्था रहेगी।

आयुक्त कार्यालय सभागार में हुआ हिन्दी दिवस का आयोजन

Chhapra: आयुक्त सारण प्रमंडल छपरा के सभागार में हिन्दी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें प्रमंडलस्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मीगण उपस्थित थे।

आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए आयुक्त के सचिव विश्वनाथ चौधरी के द्वारा हिन्दी हमारे देश में बोली जाने वाले सबसे समृद्ध शषा है। सभी लोग बड़ी सहजता से लिखते, पढ़ते और समझते हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम अपने कार्यों का निष्पादन हिन्दी में ही करें। हिन्दी की महता और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर मत व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि हमें सभी जगहों पर हिन्दी भाषा का प्रयोग करना चाहिए।

इस अवसर पर आयुक्त के सचिव के साथ प्रमंडल स्तरीय पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

Jalalpur: उच्च विद्यालय जलालपुर बाजार में हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए गए.

विद्यालय के छात्रों ने भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया. जिसमें छात्रों को पुरस्कृत किया गया.

भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार रिजवान अली, द्वितीय पुरस्कार कृष्णा कुमार, तृतीय पुरस्कार जय सिंह, संगीत प्रतियोगिता में रिजवान अली को पुरस्कार पुरस्कृत किया गया.

कविता में विक्की कुमार, निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार कृष श्रीवास्तव, द्वितीय पुरस्कार चंदन कुमार, तृतीय पुरस्कार विक्की कुमार पंडित साथ ही विद्यालय में बेस्ट स्टूडेंट का पुरस्कार प्रसून कुमार, जय सिंह, आशुतोष कुमार को दिया गया.

इस अवसर पर विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रीता कुमारी पाल ने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है हमें हिंदी के अस्तित्व को बचाना है.

विद्यालय के शिक्षक सुनील कुमार ने कहा कि आज हिंदी भाषा बोलने के स विश्व में तीसरा स्थान हैं. हमें हिंदी भाषा को एक नंबर पर लाना है. इस कार्यक्रम में इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने काफी सहयोग किया.

इस अवसर पर रवीना कुमारी, अखिलेंद्र सिंह, ब्राह्मण कुमार, सुभाष कुमार गुप्ता, छोटन कुमार तिवारी, पुष्पा कुमारी, निभा कुमारी, पुनीता तिवारी ,नूतन कुमारी, कुमार मयंक, भारतेंदु कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

प्रसव के दौरान जांच-बच्चा की मौत के बाद हंगामा, लापरवाही का आरोप

Chhapra: भगवान बाजार थाना क्षेत्र के रामलीला मठिया स्थित रेणुका पॉली हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान जच्चा और बच्चा की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. परिजनों ने जमकर हंगामा किया और कारवाई की मांग की. हंगामा की सूचना पर भगवान बाजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची. इस घटना के बाद अस्पताल संचालक नवजात बच्चे का शव अंदर बंद कर फरार हो गए. पुलिस घंटों बच्चे का शव हॉस्पिटल से निकलवाने के लिए खड़ी रही.

मिली जानकारी के अनुसार आमी चौहानपट्टी निवासी सतीश कुमार गुप्ता ने अपनी पत्नी नेहा देवी को प्रसव के लिए रेणुका हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. जहां के चिकित्सक ने पहले प्रसव के दौरान बच्चे की मौत की सूचना दी बाद में उनकी पत्नी की मौत की बातें बताई. जिसके बाद लापरवाही का आरोप लगा कर परिजन नाराज हो गए. मौके पर पहुंच पुलिस ने मामले को शांत कराया. खबर लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी.

देश-दुनिया के इतिहास में 14 सितंबर की तारीख कई वजहों से दर्ज है। इस तारीख को ऐसा बहुत कुछ घटा है, जिससे इससे अतीत में झांकना जरूरी हो जाता है। भारत के लिहाज से 14 सितंबर की तारीख बहुत अहम है। दरअसल साल 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश के सामने कई बड़ी समस्याएं थीं। इसमें से एक समस्या भाषा को लेकर भी थी। भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती थीं। ऐसे में राजभाषा क्या होगी यह तय करना एक बड़ी चुनौती थी। हालांकि, हिंदी भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यही वजह है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हिंदी को जनमानस की भाषा कहा करते थे।

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में फैसला लिया गया कि हिंदी भी केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। संविधान में हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किए जाने का इस रूप में उल्लेख किया गया है- ‘संघ की राष्ट्रभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा।’

मूर्धन्य साहित्यकार व्योहार राजेंद्र सिंह ने दूसरे साहित्यकारों आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त, सेठ गोविंद दास के साथ मिलकर हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा बनवाने में अथक योगदान दिया। इस संयोग कहिए कि राजेंद्र सिंह के जन्म दिन 14 सितंबर को ही संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। इसे 26 जनवरी 1950 को संविधान में स्वीकार कर लिया गया लेकिन तीन साल बाद 1953 में राजेंद्र सिंह के जन्म दिवस पर पहला हिंदी दिवस मनाया गया। इसके बाद पूरे देश में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

दुनिया के कंप्यूटर युग में बदलने के बाद हिंदी का प्रचार-प्रसार अत्यधिक तेजी से हुआ। कई तकनीकी विषयों की हिंदी में पढ़ाई ने हिंदी के प्रसार को नया आयाम दिया है। हिंदी के प्रभाव क्षेत्र का यह कारवां आज यहां तक पहुंच गया है कि अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिंदी दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हमारे देश में 77 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते, समझते और पढ़ते हैं।

इसके अलावा लॉर्ड विलियम बैंटिक को भारत में गवर्नर जनरल रहते हुए किए गए आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए जाना जाता है, लेकिन उनकी नीतियों से भारत को नुकसान भी उठाना पड़ा था। आज ही की तारीख को 1774 में लॉर्ड बैंटिक का जन्म हुआ था। वे 1828 में बंगाल के गवर्नर बने और 1833 से 1835 तक भारत के गवर्नर जनरल रहे। इस दौरान उन्होंने भारतीय न्याय व्यवस्था में सुधार के लिए बहुत कदम उठाए।

पहला बड़ा कदम था, न्याय व्यवस्था से पारसी को हटाकर उसकी जगह अंग्रेजी को लागू करना। साथ ही हायर एजुकेशन में अंग्रेजी उन्होंने ही दाखिल की, जिसने आगे चलकर कई भारतीयों के लिए विदेश में जाकर पढ़ने का रास्ता खोला। इसके अलावा, एक और कदम उन्होंने उठाया, वह था सती प्रथा का अंत। साथ ही उन्होंने मानव बलि, अनचाहे बच्चे की हत्या और ठगी खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए। कई विद्वान यह भी कहते हैं कि लॉर्ड बैंटिक ने भारत में पश्चिमीकरण की शुरुआत की और कहीं न कहीं यही 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का कारण बना।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1770ः डेनमार्क में प्रेस की स्वतंत्रता को मान्यता मिली।

1833ः विलियम बैंटिक भारत का पहला गवर्नर जनरल बनकर आया।

1901ः अमेरिकी राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की अमेरिका में गोली मारकर हत्या।

1917ः रूस आधिकारिक तौर पर गणतंत्र घोषित।

1949 : संविधान सभा ने हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया।

1959 : सोवियत संघ का अंतरिक्ष यान पहली बार चंद्रमा की सतह पर उतरा।

1960ः खनिज तेल उत्पादक देशों ने मिलकर ओपेक की स्थापना की।

1998 : माइक्रोसॉफ्ट, जनरल इलेक्ट्रिक को पीछे छोड़कर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनी।

1999ः किरीबाती, नाउरू और टोंगा संयुक्त राष्ट्र में शामिल।

2000ः माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज एमई की लॉन्चिंग की।

2000ः तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमेरिकी सीनेट के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।

2000ः ओलिंपिक मशाल सिडनी पहुंची।

2001 : अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के अभियान के लिए अमेरिका में 40 अरब डॉलर मंजूर किए।

2003ः गुयाना-बिसाउ में सेना ने राष्ट्रपति कुंबा माला की सरकार का तख्ता पलटा।

2003ः एस्टोनिया यूरोपीय संघ में शामिल हुआ।

2006ः परमाणु ऊर्जा में सहयोग बढ़ाने पर इब्सा में सहमति।

2007ः जापान ने तानेगाशिया स्थित प्रक्षेपण केंद्र से पहला चंद्र उपग्रह एच-2ए प्रक्षेपित किया।

2008ः रूस के पेर्म क्राई में पेर्म हवाई अड्डे पर एयरोफ्लोट विमान 821 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से विमान में सवार सभी 88 लोग मारे गए।

2009: भारत ने श्रीलंका को 46 रनों से हराकर त्रिकोणीय सीरीज का कॉम्पैक कप जीता।

2016ः पैरालिंपिक में भारत ने चौथा पदक जीता।

जन्म
1894ः भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता ज्ञान चंद्र घोष।
1910ः दूसरे विश्वयुद्ध में सक्रिय महिला जांबाज रसूना सैद।
1914ः फिल्म निर्देशक गोपालदास परमानंद सिप्पी (जीपी सिप्पी) ।
1921ः कथाकर मोहन थपलियाल।
1923ः भारत के प्रसिद्ध वकील और राजनीतिज्ञ राम जेठमलानी।
1930ः फिल्म निर्माता राजकुमार कोहली।
1945ः भारतीय राजनीतिज्ञ, इंजीनियर और लेखक तथागत राय।
1954ः 42 यूनिवर्सिटी शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय श्रीकांत जिचकर।
1957ः प्रसिद्ध विद्वान और भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक गोपी कुमार पोदिला।
1963ः भारतीय क्रिकेटर रॉबिन सिंह।
1993ः ओलंपिक के लिए सीधी योग्यता हासिल करने वाले पहले भारतीय तैराक साजन प्रकाश।

निधन

1947ः हिंदी के कालिदास के रूप में प्रसिद्ध कविवर चन्द्र कुंवर बर्त्वाल।

1971ः ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध बांग्ला साहित्यकार ताराशंकर बंद्योपाध्याय।

1985ः हिन्दी सिनेमा के जाने-माने संगीतकार रामकृष्ण शिंदे।

1992ः आधुनिक राजस्थान के सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रकृति प्रेमी कवि चंद्रसिंह बिरकाली।

2008ः मिर्जा गालिब के प्रख्यात विशेषज्ञ एवं उर्दू के विद्वान राल्फ रसेल।

दिवस

हिंदी दिवस

विश्व बन्धुत्व एवं क्षमा याचना दिवस

विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस