गोपालगंज: कोरोना वायरस से एक तरफ जहां पूरा विश्व चिंतित है. इसी बीच भारत के कई समाज सेवी संस्थान व युवा आगे आकर लोगों की मदद कर रहे हैं. कोई भोजन की व्यवस्था कर रहा है तो कोई अन्य खाद्य सामग्रियों की. उनके द्वारा किये गए मदद से राज्य में कई लोगों को भोजन मिल जा रहा है.

बिहार में फिलहाल लगभग 66 कोरोना के पोसिटिव केसेस हैं, जिसमे सबसे ज्यादा सिवान ज़िला ग्रसित है तो वही दूसरी ओर सिवान सटे गोपालगंज ज़िले के मीरगंज शहर में रहने वाले 2 लड़को ने कोरोना से इस लड़ाई में अहम योगदान दिया है.

नई दिल्ली के एम्स में लगे सैनिटाइजर बाथ मशीन तो आपने देखा ही होगा जिसकी लागत लगभग 1 लाख रुपये है और जिससे आप आपने शरीर को सैनिटाइज कर सकते हैं. लेकिन मीरगंज के आदित्य श्रीवास्तव व सर्वेश प्रकाश के द्वारा इस असंभव कार्य को मात्र 4 हजार रुपये की लागत में पूरा कर दिया है.

इस कार्य को करने के बाद इसका जायजा लेने पहुँचे जिलाधिकारी अरशद अजीज व हथुआ अनुमंडल पदाधिकारी अनिल कुमार रमन ने कहा कि इस अविष्कार से कोरोना से लड़ने में बहुत राहत मिलेगी. बच्चों की मेहनत ने इसे कर दिखाया है और इनके द्वारा किया गया कार्य सराहनीय है.

बहरहाल, मीरगंज के युवाओं द्वारा बनाई गई मशीन कोरोना से लड़ाई में अहम हथियार साबित होगी व जिला प्रशासन द्वारा इसे मंजूरी दे दी गयी है.

(संतोष कुमार ‘बंटी’)

Chhapra: आये तो थे दुल्हन ले जाने, लेकिन कोरोना में Lockdown हो गए, अब गांव के लोग सभी बारातियों को मेहमान बनाकर 23 दिनों से सेवा कर रहे है. सुनने में यह पूरा वाक्य किसी फिल्मी कहानी की तरह है.

खासकर रामायण के एक प्रसंग से भी मिलता जुलता है जब श्रीराम राजा जनक के यहां बारात लेकर गए थे तो पूरे बाराती लगभग एक वर्ष तक राजा जनक की सीमा में रहे थे. लेकिन उस समय की बात और थी अभी की बात और है.

पूरा मामला सारण जिले के मांझी प्रखंड के इनायतपुर का है जहां पिछले 23 दिनों से एक बारात लड़की पक्ष के गांव स्थित विद्यालय में रुकी है. बारात में लड़की पक्ष के रिश्तेदार सहित 3 दर्जन लोग शामिल है. बारातियों के पास ना भोजन है, ना कपड़े है और आर्थिक स्थिति भी समाप्त हो चुकी है.

22 मार्च को हुआ था निकाह

सारण जिले के मांझी प्रखंड स्थित इनायतपुर भिखमही में नैमुल्लाह सिद्दकी के यहां 22 मार्च को कोलकाता के बंडील जंक्शन से बारात आयी. करीब 30 की संख्या में बाराती और रिश्तेदार 21 को कोलकाता से चलकर ट्रेन से 22 मार्च को छपरा और फिर मांझी पहुंचे. धूमधाम से जनता कर्फ्यू के बीच इनायतपुर के नैमुल्लाह सिद्दीकी की बेटी खुश्बू खातून का विवाह कोलकाता के शमीम अख्तर के बेटे फिरोज अख्तर के साथ निकाह हुआ. बारात को रुख़्सती 23 मार्च को थी. लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बिहार में Lockdown हो गया. अगले दिन 24 मार्च को बिहार के साथ पूरे देश मे Lockdown की घोषणा हो गई. बारात ट्रेन से आई थी तो अब इनके जाने की कोई व्यवस्था नही हो पाई. लड़की पक्ष द्वारा सभी बारातियों के साथ दूल्हा दुल्हन को गांव के उर्दू उत्क्रमित मध्य विद्यालय में तत्काल रहने की व्यवस्था कराई गई. साथ ही साथ भोजन की व्यवस्था भी कराई गई.एसडीओ ने किया था सहयोग, लेकिन झारखंड सीमा से बस को कर दिया वापस

गांव के गणमान्य लोगों के साथ वधु पक्ष के सहयोग से अनुमंडल पदाधिकारी अभिलाषा शर्मा से बारातियों को उनके घर कोलकाता भेजने की पहल की गई जिसपर प्रशासन ने वाहन पास निर्गत किया. सभी बाराती बस से कोलकाता के लिए 31 मार्च को रवाना हुए लेकिन बिहार झारखंड सीमा पर पुलिस ने रोक दिया और जाने से मना करते हुए वापस कर दिया. सभी वापस अब उसी स्कूल में पिछले 23 दिनों से Lockdown है. बारातियों के साथ लड़की पक्ष के रिश्तेदार कुल मिलाकर तीन दर्जन लोग रह रहे है.बाराती जिला प्रशासन से लगा रहे है सहयोग की गुहार

बारातियों को जिला प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा है. वर एवं वधु पक्ष के लोगो का कहना है कि प्रशासन मदद करे. उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दे. जिसके लिए वह प्रशासन के आभारी रहेंगे. 23 दिनों से वह किसी तरह सिर्फ अपने और अपने परिवार की जिन्दा रखे हुए है अगर गांव का सहयोग नही मिलता तो उन्हें दो वख्त की रोटी भी नसीब नही होती.

Chhapra: कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. मुसलमानों का पवित्र रमजान का महीना 24 या 25 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है. मुसलमानों को शुरुआती हफ्ते का रोजा लॉकडाउन के बीच ही रखना होगा और तरावीह की नमाज पढ़ने से लेकर बाकी इबादत भी अपने-अपने घरों से करनी होगी.

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मुस्लिम समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है रमजान का महीना

मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग पूरे एक महीने खुदा की इबादत करते हैं. मुसलमान दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत और दिन में रोजा रखकर करते है. सुबह सहरी और शाम को सूरज ढलने के बाद एक इफ्तार करते हैं. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान में तरावीह की विशेष नमाज को सामूहिक रूप अदा करते हैं.

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भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से है बंद

दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से बंद हैं. मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल मक्का और मदीना तक बंद है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए सरकार और मुस्लिम धर्मगुरुओं के द्वारा मुस्लिम समुदाय से अपने-अपने घरों से नमाज पढ़ने और इबादत करने की अपील लगातार की जा रही है.

Mumbai: कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस बीच, मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया.

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बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ हट गई. स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हर संभव मदद की जाएगी. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी. हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे.

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इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बांद्रा स्टेशन पर वर्तमान स्थिति, मजदूरों को हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था. केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पाई. आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं.

Chhapra: बिहार सरकार से प्राप्त पत्र के आलोक में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाये गये लॉकडाउन की अवधि में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा यात्री वाहनों के परिचालन को नियंत्रित करने का निर्देश दिया गया है.

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जिलाधिकारी ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान पैसेन्जर वाहनों का परिचालन पूर्णतः बन्द रहेगा. सरकारी वाहन एवं आपातकानीन सेवा में संलग्न वाहनों को छोड़कर अन्य निजी वाहन बिना किसी आपातकालीन कारण या पास के नहीं चलेंगे. जिलाधिकारी ने कहा है कि आवश्यक सेवा एवं पास प्राप्त दो पहिया वाहनों के अतिरिक्त मोटरसाइकिल अथवा स्कूटी पर डबल राइड अनुमान्य नहीं होगा. पास प्राप्त कार (विधि व्यवस्था एवं आपातकानीन कार्यों में लगे वाहनों को छोड़कर) पर ड्राइवर के अतिरिक्त अधिकतम 2 व्यक्तियों को बैठने की अनुमति होगी. निजी वाहन (मोटरसाइकिल, कार, आदि) से सब्जी, दूध फल, राशन आदि क्रय करने के लिए जाने की अनुमति नहीं होगी. वाहन चालक एवं अन्य सवारी मास्क का प्रयोग आवश्य करेंगे तथा सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखेंगे.

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जिलाधिकारी ने कहा कि निजी वाहनों से यदि कार्यालय, बैंक, अस्पताल एवं अन्य अनुमति प्राप्त संस्थान एवं दुकान व कार्यस्थल पर जाना आवश्यक हो तो ऐसे सभी वाहनों के लिए पास निर्गत किये जायें. पास में प्रस्थान स्थल एवं गंतव्य स्थल का स्पष्ट उल्लेख किया जाय. पास के पीछे चेकिंग हेतु एक लॉगबुग प्रिन्ट कराया जाय, जिसमें पुलिस द्वारा चेकिंग के समय तिथि, स्थान एवं समय अंकित कर पुलिस पदाधिकारी अपना हस्ताक्षर करेंगे.

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जिलाधिकारी ने कहा कि पेट्रोल पम्प पर प्रतिनियुक्त कर्मी भी मास्क का प्रयोग निश्चित रूप से करेंगे तथा पेट्रोल पम्प पर सेनिटाइजर की भी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय. बिना मास्क पहने ड्राईवर व सवारी के किसी भी वाहन को पेट्रोल, डीजल की आपूर्ति नहीं की जाय. चेकिंग के दौरान बिना उचित आधार के घूमते पाये जाने पर मोटरयान अधिनियम की धारा-177,179,197,202 एवं अन्य सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत कार्रवाई करने एवं विशेष परिस्थिति में वाहन जब्त करने का निर्देश दिया है.

Chhapra: भारतीय जनता पार्टी छपरा इकाई द्वारा लॉक डाउन के नियमों के अनुरूप सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए भारत रत्न बाबा साहेब डा भीमराव अंबेडकर की जयंती सभी मंडलों में मंडल अध्यक्षों के द्वारा एवं शक्ति केंद्र प्रभारियों एवं सभी भाजपा कार्यकर्ता द्वारा अपने अपने घरों में मनाई गई. इस अवसर पर बाबा साहेब के तैलचित्र पर माल्यार्पण के साथ दलित बस्तियों में मेरी बस्ती ‘कोरोना मुक्त बस्ती’ के तर्ज पर कोरोना महामारी से बचने के उपाय स्वच्छता को भी कार्यकर्ताओं द्वारा बताया गया.

जिलाध्यक्ष राम दयाल शर्मा ने कहा कि बाबा साहेब की जीवन उनके आदर्श, देश में उनके योगदान को भुलाया नही जा सकता. सभी कार्यकर्ता उनके पथचिन्हों पर चलकर एक नई ऊंचाई को प्राप्त कर सकते है.

इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष राम दयाल शर्मा एवं तमाम पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के द्वारा देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ाए जाने का स्वागत किया. जान है तो जहान है प्रधानमंत्री द्वारा आह्वान एवं 7 आग्रह जीवन मंत्र जो कोरोना से लड़ने में सहायक होगें. उसको अपनाने पर जोड़ दिया तथा लॉकडाउन का और सख्ती से पालन हो इसके लिए समाज के हर लोगों को जागरूक और सतर्क रहने का आह्वान किया गया.

वाराणसी: COVID 19 के मद्देनजर 3 मई 2020 तक सभी यात्री ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गईं. यूटीएस और पीआरएस सहित बुकिंग के सभी टिकट काउंटर अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे.

हालांकि अगले आदेश तक ई टिकट सहित ट्रेनों के टिकटों का कोई अग्रिम आरक्षण नहीं है, ऑनलाइन रद्दीकरण की सुविधा कार्यात्मक बनी रहेगी. रद्द की गई ट्रेनों के आरक्षण के लिए पूर्ण धन वापसी होगी. जिन ट्रेनों को अभी तक कैंसिल नहीं किया गया है. उन ट्रेनों के अग्रिम टिकट बुकिंग रद्द करने पर भी पूर्ण धन वापसी की जाएगी.

COVID-19 लॉकडाउन के मद्देनजर किए गए उपायों की निरंतरता में यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रेल पर सभी यात्री ट्रेन सेवाएं जिनमें प्रीमियम ट्रेनें, मेल / एक्सप्रेस ट्रेनें, यात्री ट्रेनें, उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता मेट्रो रेल, कोंकण रेलवे आदि शामिल हैं जो 3 मई 2020 तक रद्द रहेंगी.

देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए माल और पार्सल गाड़ियों की आवाजाही बनी रहेगी. यूटीएस और पीआरएस के लिए टिकट बुकिंग के सभी काउंटर अगले आदेश तक निलंबित रहेंगे.

03 मई के बाद भी अगले आदेश तक ई टिकट सहित सभी प्रकार की बुकिंग रद्द रहेगी. टिकट बुकिंग के लिए ऑनलाइन रद्दीकरण की सुविधा कार्यात्मक रहेगी. जहां तक ​​3 मई तक रद्द की गई ट्रेनों का सवाल है. रेलवे द्वारा रिफंड स्वचालित रूप से ग्राहकों को ऑनलाइन किया जाएगा. जबकि जिन लोगों ने काउंटरों पर बुक किया है, रिफंड 31 जुलाई तक लिया जा सकता है.

रद्द की गई ट्रेनों की बुकिंग के लिए टिकटों का पूरा रिफंड दिया जाएगा. उन अग्रिम बुकिंग वाले टिकटों के रद्दीकरण की भी पूर्ण वापसी होगी. जिन ट्रेनों को अभी तक रद्द नहीं किया गया है.

Chhapra: लॉक डाउन के पहले चरण में अंतिम दिन आखिरकार नगर निगम द्वारा शहर को सैनिटाइज करने का काम शुरू किया गया. पहले चरण के lockdown में 21वे दिन नगर निगम के कर्मियों द्वारा शहरी क्षेत्र के कई वार्डों सहित साढ़ा ढाला रेल ओवर ब्रिज एवं अन्य मुख्य मार्गों की सैनिटाइजिंग की गई.

जानकारी के अनुसार नगर निगम के सभी 45 वार्डों में सैनिटाइजिंग का कार्य किया जाएगा. इसके साथ साथ मुख्य सड़कों की भी सैनिटाइज किया जाएगा. हालांकि इस कार्य से शहर की बड़ी आबादी लाभान्वित नही होगी जिसका मुख्य कारण है गालियां और सकीर्ण सड़कें. जहाँ नगर निगम की गाड़ी नही पहुंच सकती.छपरा नगर निगम के आयुक्त संजय कुमार उपाध्याय का कहना है कि निगम क्षेत्र के सभी 45 वार्डों की सड़कों, सहायक सड़कों व जहां तक गाड़ियां जाती हैं वहां सैनिटेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके लिए रोस्टर बनाकर दे दिया गया है. उन्होंने बताया कि सोडियम हाइपो क्लोराइड का घोल बनाकर शहर में छिड़काव किया जा रहा है.

पटना: बिहार सरकार ने सभी सार्वजनिक स्थलों में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ यानी सिगरेट, बीड़ी, गुटखा पान, मसाला, जर्दा का उपयोग कर थूकने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा. इस संबंध में स्वास्थ विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.

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स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना एपिडेमिक डिजीज एक्ट लागू है. बिहार एपिडेमिक डिजीज रेगुलेशन 2020 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे रोड गली सरकारी गैर सरकारी कार्यालय परिसर सभी स्वास्थ्य संस्थान परिसर सभी शैक्षणिक संस्थान परिसर तथा सभी थाना परिसर में अगर आप थूकते हैं तो आप के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.

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अपने आदेश में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा. यत्र तत्र थूकने की प्रवृत्ति स्वास्थ्य के लिए खतरा है और संचारी रोगों के फैलने का एक प्रमुख कारण है. थूकने से इंसेफेलाइटिस यक्षमा, स्वाइन फ्लू के संक्रमण फैलने की प्रबल संभावना रहती है.

आईपीसी की धारा 268 या 269 के अनुसार कोई भी व्यक्ति यदि ऐसा विधि विरुद्ध कार्य करेगा जिससे मानव जीवन के लिए संकट पूर्ण रोग का संक्रमण फैलना प्रतीत हो उस व्यक्ति को 6 माह की अवधि तक कारावास एवं ₹200 तक के जुर्माना दंडित किया जा सकता है.

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Chhapra: छपरा जयप्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव तथा बिहार शिक्षा मंच के संयोजक प्रो रणजीत कुमार ने बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह को एक खुला पत्र भेजकर 25 फरवरी से अपनी न्यायोचित माँगो की पूर्ति हेतु शिक्षकों द्वारा जारी आंदोलन को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने नियोजित शिक्षकों की मूल मांगों जैसे वेतनमान, पेंशन, सेवांत लाभ, अंतरजिला स्थानांतरण, राज्यकर्मी का दर्जा, भविष्य निधि कटौती, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के मान सम्मान तथा समय से वेतन भुगतान के मुद्दे पर बेबाकी से समय समय पर सरकार को दर्जनों पत्र लिखकर समस्याओं एवम मांगों से अवगत कराया है. लेकिन एक सोची समझी राजनीति के तहत धरने को सम्बोधित करने से मुझे मना कर दिया गया. इस निर्देश को केवल सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के दायरे में आने वाले सारण, सिवान, गोपालगंज, पूर्वी एवम पश्चिमी चंपारण में सख्ती से लागू किया गया जबकि उसी दिन आपने हड़ताल का समर्थन करने के लिए बिहार की जनता के नाम से एक अपील पत्र भी जारी किया.

सरकार से लोकतांत्रिक मूल्यों एवम परम्पराओं के निर्वहन की अपेक्षा करने वाले अपने संकीर्ण सियासी लाभ के लिए इन शाश्वत मूल्यों को दफन करने में जरा भी संकोच नहीं करते. ऐसा प्रतीत होता है कि संघ और सियासत के शतरंजी बिसात पर आपको मोहरे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

इन सवालों का जवाब दे माननीय

प्रो कुमार ने आम शिक्षकों की तरह संघ नेतृत्व की नीति एवम नीयत को लेकर सवाल खड़ा किया है जिसमे नियोजन वाद का संघ का समर्थन, शिक्षकों के वोट की बदौलत 18 वर्ष से विधान पार्षद के पद पर रहने के बावजूद शिक्षक शोषित हो रहे है. इनकी आवाज नही उठायी गयी. वस्तुतः शिक्षकों की रहनुमाई के नाम पर लगातार शिक्षक हितों की सौदेबाज़ी होती रही है. सत्ता के साए में सुविधा की सियासत करने वाले शिक्षकों के दुःख दर्द को क्या समझेगें? अभी हाल में ही विधानमंडल में राज्यपाल के अभिभाषण पर शिक्षक प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए सवाल का जबाब देने के क्रम में जब मुख्यमंत्री शिक्षकों को जलील करने वाली भाषा का प्रयोग कर रहे थे तो आपके विधान पार्षद महोदय प्रतिकार करने के बदले सदन से ही अनुपस्थित हो गए.

मुख्यमंत्री का यह कहना कि ज्यादा बोलिएगा तो सारा पोल पट्टी खोलकर रख देंगे. क्या राज है जिसके खुलने से माननीय भयभीत हैं? बिहार सरकार वर्ष 2006 से ही नियोजित शिक्षकों के नाम पर कुल 37500/-(60%केंद्र तथा 40%राज्य) उठाती रही है और शिक्षकों को वेतन मद में 6000 रु से प्रारंभ कर आजकल अधिकतम 30000 रु दे रही है. सब कुछ जानते हुए भी क्या विधान पार्षद ने कभी शोषण एवम अन्याय के खिलाफ सदन में अपनी आवाज़ बुलंद किया ?शिक्षकों के इस अनवरत शोषण में क्यों नहीं माननीय की भी संलिप्तता मानी जाय?

वामपंथी नेताओं के बारे में आम धारणा है कि उनमें पदलोलुपता एवम कुर्सी प्रेम अन्य दलों की तुलना में कम होता है लेकिन यहाँ तो उल्टा दिखाई पर रहा है. संघ के दोनों महत्वपूर्ण पदों पर ताउम्र काबिज़ रहने के लिए संघ के संविधान में संशोधन कर पदों की अदला बदली कर ली गई. क्या संघ में कोई दूसरा काबिल व्यक्ति नहीं है जो इन पदों को सँभाल सके?नियोजित शिक्षकों को अपने हाल पर रोना आ रहा है और नेता शिक्षकों से प्राप्त चंदे की राशि से 27 लाख की गाड़ी खरीदकर सवारी कर रहे हैं.

बी एस टी ए राजनीतिक संगठन है और अध्यक्ष क्या विधानपार्षद पद हेतु संघ के घोषित उम्मीदवार हैं? यदि नहीं तो संघ का व्यक्तिगत सियासी महत्वाकांक्षा के लिए दुरुपयोग क्यों ? अप्रैल में विधानपार्षद का चुनाव होना था इसे ध्यान में रखते हुए 25 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की गई. इससे इनका छिपा हुआ सियासी एजेंडा सामने आ गया. सरकार की हठधर्मिता की वजह से शिक्षक निलंबित हुए हैं.उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज किया गया है. कार्यरत अवधि का भी वेतन रोक दिया गया है. अप्रत्याशित कोरोना महामारी एवम लॉक डाउन की वजह से आंदोलन की धार भी कुंद पर गई है.

कुल मिलाकर शिक्षकों को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. सवाल है कि जब सब कुछ शिक्षकों को ही करना और भोगना है तो फिर नेता क्या करेंगे ? विधान मंडल सत्र के दौरान सरकार की हठधर्मिता के विरुद्ध अपने सहयोगियों के साथ अध्यक्ष जी विधानमंडल के समक्ष भूख हड़ताल पर क्यों नहीं बैठे ?सरकार के साथ वफादारी भी निभाएंगे और चुनाव नजदीक आने पर शिक्षकों को सब्जबाग भी दिखाएगें. शिक्षक समाज इस सियासी खेल पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं.

पत्र में उठाये गए मसलों पर आपका तथ्यात्मक जवाब शिक्षकों को मिलेगा, मुझे ऐसी आशा है. पुनश्च मैं चार लाख नियोजित शिक्षकों की न्यायोचित मांगों का समर्थन करता हूँ तथा उनके संघर्ष में शामिल हूँ.

नई दिल्ली: कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में लागू किया गया 21 दिन का लॉकडाउन आज खत्म होने जा रहा है. लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधित किया. पीएम ने लॉकडाउन को 3 तक बढ़ाने का फैसला लिया. पीएम मोदी ने कहा, ”नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़़ाई बहुत ही मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपकी त्याग की वजह से कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक सफल रहा है. आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है. हमारे इस भारतवर्ष को बचाया है.

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उन्होने कहा कि- मैं जानता हूं. आपको कितनी दिक्कतें आई हैं, किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने जाने की परेशानी, कोई घर परिवार से दूर है, लेकिन आप देश के खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं. मैं आप सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. यानि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए. इसलिए हमें Hotspots को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. जिन स्थानों के Hotspot में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी. नए Hotspots का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा.”

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उन्होंने कहा, ”वी द पीपल ऑफ इंडिया, बाबा भीमराव अंबेडकर की जन्मदिवस पर अपनी सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन यह सच्ची श्रद्धांजलि है. मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं. मैं नए वर्ष पर आपके और आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना करता हूं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए हैं. आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी. जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही कोरोना प्रभावित आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दिया था. विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिन का आइसोलेशन शुरू कर दिया गया था. जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन का लॉकडाउनक का बहुत बड़ा कदम उठा लिया था. भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि समस्या दिखने पर तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया.”

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किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं: PM

पीएम मोदी ने कहा, ”साथियों यह एक ऐसा संकट है, जिसे किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं है, लेकिन अगर-अगर दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों की तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है. महिना-ढ़ेड महिना पहले कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खड़े थे. आज उन देशों में भारत की तुलना में 25 से 35 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं. भारत ने होलिस्टिक और इंट्रीग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती तो आज भारत की स्थिति को देखते तो रोए खड़ हो जाते.”

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3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया: PM

उन्होंने कहा, ”सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का भारत को बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है. अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. लेकिन लोगों की जान की कीमत बहुत है. 24 घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने के लिए लोग आगे आए हैं. विश्वभर में हेल्थ एक्सपर्ट और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है. भारत में भी अब लड़ाई कैसे आगे बढ़ें और हम विजयी कैसे हो.. हमारे यहां नुकसान कैसे कम हो और लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो. इसे लेकर सभी राज्यों के सरकारों और नागरिकों की मानें तो लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव है. लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है. 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है.”

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विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं: पीएम

अपने संबोधन से कुछ घंटे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है. पीएम मोदी ने मंगलवार सुबह अपने ट्वीट में कहा, “विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं. इन त्योहारों से भारत में भाईचारे की भावना मजबूत होगी. ये त्योहार खुशी और बेहतर स्वास्थ्य भी लाएंगे. आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है.”

बता दें कि तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश ने सोमवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इन दोनों राज्यों के अलावा ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पहले ही यह कदम उठा चुके हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में देशवासियों से 7 बातों पर उनका साथ मांगा है. जानिए इन 7 बातों

  • अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है: PM
  • लॉकडाउन और Social Distancing की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें: PM
  • अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें: PM
  • कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल App जरूर डाउनलोड करें: PM
  • जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें: PM
  • आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें: PM
  • देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें: PM

अंत मे प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, जहां हैं, वहां रहें, सुरक्षित रहें. वयं राष्ट्रे जागृयाम”, हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाए रखेंगे.

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