Bihar: विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया अपने निर्णायक मोड़ पर है। सोमवार को दावा–आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि समाप्त हो जाएगी।

99.11% लोगों ने आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन पूरा कर लिया है

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक 33 हज़ार से ज्यादा लोगों ने अपने नाम नए सिरे से जुड़वाने के लिए आवेदन किया है, जबकि 2 लाख से अधिक लोग नाम हटाने की मांग कर चुके हैं। मसौदा मतदाता सूची 1 अगस्त को सार्वजनिक की गई थी और इसके बाद लोगों को 1 सितंबर तक दावे व आपत्तियां दर्ज कराने का अवसर दिया गया।

राज्य में फिलहाल 7.24 करोड़ से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 99.11% लोगों ने आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन पूरा कर लिया है। कानून के तहत राजनीतिक दलों और आम नागरिकों को यह अधिकार है कि वे सूची में किसी भी गलत नाम पर आपत्ति दर्ज कर सकें। इसी तरह जिनका नाम सूची में छूट गया है, वे दावे के जरिए नाम जोड़वा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

इस बीच, समय सीमा बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित कई दलों ने याचिका दायर कर कहा है कि मतदाताओं को और समय दिया जाना चाहिए। सोमवार को (आज) इस मामले पर शीर्ष अदालत सुनवाई करेगी। अदालत ने चुनाव आयोग को यह भी निर्देश दिया है कि आधार कार्ड समेत आयोग द्वारा मान्य 11 अन्य दस्तावेजों को नाम जोड़ने की प्रक्रिया में स्वीकार किया जाए।

आयोग का रुख

चुनाव आयोग का कहना है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जा रही है और इस पर भरोसा रखा जाना चाहिए। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी। अनुमान है कि बिहार विधानसभा चुनाव नवंबर में कराए जाएंगे।

 

 

New Delhi, 13 जुलाई (हि.स.)। बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआईआर) के दौरान बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों की पहचान हुई है। यह जानकारी घर-घर जाकर सत्यापन कर रहे बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के माध्यम से सामने आई है। 

बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के मिले नागरिक 

चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार बिहार में मतदाता सूची अपडेट के इस विशेष कार्यक्रम के दौरान घर-घर जाकर किए गए सत्यापन में बूथ लेवल अधिकारियों को बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिक मिले हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि 1 अगस्त के बाद उचित जांच पूरी होने के बाद इनके नाम 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे।

बिहार में मतदाता सूची के इस विशेष संवीक्षण अभियान का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है। इसके तहत बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर मतदाता सूची में दर्ज नामों की पुष्टि की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इस पहल का उद्देश्य पात्र मतदाताओं का पंजीकरण सुनिश्चित करना और अपात्र नामों को सूची से हटाना है। यह अभियान बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के अंतर्गत चलाया जा रहा है। इसके तहत शनिवार तक हर चार में से तीन मतदाताओं ने अपना नामांकन फ़ॉर्म जमा करा दिया है।

Chhapra: आगामी 1 जनवरी 2019 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवक युवती इस बार मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते है. आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य प्रारंभ हो चुका है. जिसके तहत मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने और त्रुटियों को सुधार करने के लिए पहला विशेष कैम्प आगामी 13 सितंबर को लगाया जा रहा है.

जिला निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार आगामी 13 सितंबर को प्रथम विशेष कैम्प का आयोजन सभी मतदान केंद्रों पर होगा जहा आवेदक नाम जुड़वाने, त्रुटि सुधार सहित अन्य समस्या निष्पादन के लिए बीएलओ को प्रपत्र जमा कर सकेंगे.

इसके अलावे आगे दो और विशेष कैम्प का आयोजन किया जाना है. बताते चले कि विगत 1 सितंबर से लेकर 31 अक्टूबर 18 तक मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चलाया जा रहा है. जिसमे आवेदक मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवेदन दे सकते है.