Chhapra: ऑल इंडिया रोटी बैंक के कार्यों से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोटी बैंक को पत्र लिखकर बधाई दी है. PM नरेंद्र मोदी द्वारा ऑल इंडिया रोटी बैंक को इस महामारी में जनकल्याणार्थ सेवा जैसे असहाय, दिव्यांग ,लाचार ,बेबस लोगों तक भोजन पहुंचाने से लेकर जरूरतमंद परिवार तक सूखा राशन किट पहुंचाना या मॉस्क वितरण के लिए शुभकामनाएं दी हैं. प्रधानमंत्री ने लिखा है कि “मुझे विश्वास है कि आपकी संस्था इस देश और समाज की बेहतरी के लिए आगे भी इसी प्रकार कार्य करती रहेगी, संस्था से जुड़े सभी लोगों को भावी प्रयासों के लिए हार्दिक शुभकामनाएं”.

छपरा में रोटी बैंक के सदस्य रविशंकर ने बताया कि ऑल इंडिया रोटी बैंक की शुरुआत बनारस से की गई थी. जो अब  देश के 6 राज्यों मे जरूरतमंदों के लिए कार्य कर रही है. बनारस में इसका मुख्य कार्यालय है. छपरा में भी रोटी बैंक के सदस्यों द्वारा पिछले 2 सालों से सेवा भाव से कार्य किया जा रहा है. रोटी बैंक की

पहल से ही आज शहर में हर शाम भोजन वितरण किया जाता है.

आपको बता दें कि ऑल इंडिया रोटी बैंक के सदस्यों ने संकट के समय में आगे आकर जरूरतमन्दों को भोजन उपलब्ध कराने राशन उपलब्ध कराने के साथ-साथ कई तरह के सामाजिककार्य किये हैं. इसके अलावा बाढ़  पीड़ितों को रोटी बैंक के सदस्यों द्वारा भोजन पहुंचाने का काम हो रहा है. रोटी बैंक के सदस्य पिछले 2 साल से हर शाम शहर में फुटपाथ पर रहने वाले भूखे लोगों को भोजन कराने का कार्य कर रहे हैं.  जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रोटी बैंक के कार्यों से प्रभावित हुए और पत्र लिखकर उन्हें शुभकामनाएं दी.

ऑल इंडिया रोटी बैंक के सदस्य रविशंकर ने बताया कि ऑल इंडिया रोटी बैंक ट्रस्ट हर समय विकट स्थिति में भी समाज हित एवं देशहित में सदैव तत्पर रहती है. इन सब से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री के द्वारा पत्र के माध्यम से ऑल इंडिया रोटी बैंक के सभी सदस्यों को शुभकामना दी गई.

Chhapra: बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को देखते हुए युवा क्रान्ति रोटी बैंक छपरा एवं A1 कैटरिंग की ओर से बाढ़ से बेघर हुए परिवारों के बीच 2000 लोगो को भोजन एवं राहत सामग्री का वितरण किया गया. सलाहकार सुधाकर प्रसाद ने टीम को शुभकामनाएं देकर रवाना किए. जिसमें चावल, चुरा, गुड़ और साबुन दिया जा रहा है.

राहत वितरण करते हुए युवा क्रान्ति रोटी बैंक के संस्थापक ई० विजय राज ने बताया कि युवा क्रान्ति रोटी बैंक छपरा का एक मात्र यही उद्देश्य है जरूरतमन्दों को हर हाल में मदद करना है. इस प्रकार की आपदा सारण के अंदर कहीं भी आएगी तो हमलोग सबसे पहले मदद के लिए आगे आएंगे. इस कार्य में किसी के भी साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. हमारी टीम यथासंभव बाढ़ पीड़ितों को मदद करने की कोशिश कर रहे है.

मालूम हो कि तरैया,मढ़ौरा,गरखा,मकेर,अमनौर, राजापट्टी व अन्य गांव में यहां के लोगों को जाने – आने के एक मात्र साधन नांव ही है. नदी में पानी बढ़ने के कारण इस गांव के लोगों को प्रत्येक वर्ष इस तरह की समस्याएं झेलना पड़ता है.

Chhapra: वैशिक महामारी कोरोना वायरस से जहाँ देश संकट की स्थिति में घिरा हुआ है. वही छपरा के युवा क्रांति रोटी बैंक के सदस्य श्रीनिवास चंदवंशी ने रक्त से जूझती एक माँ को रक्तदान कर जिंदगी बचाई है. सामाजिक दूरी बनाते हुए सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान किया गया.

रक्तदाता श्री चंदवंशी ने कहा कि मुझे मेरे दोस्त सुजीत गुप्ता के माध्यम से खबर मिली कि मेरे मोहल्ले की एक महिला को AB+ ब्लड की अत्यंत आवश्यकता है और डिलेवरी के कारण रक्त की जरूरत है तो फ़ोन से बात कर मै ब्लड बैंक में रक्तदान करने का संकल्प लिए और रक्तदान किया.

वही युवा क्रांति रोटी बैंक के संस्थापक विजय राज ने कहा कि हर समय हमलोग सदस्यों के साथ साथ औरों को भी रक्तदान करने को प्रेरित करते रहते है. जैसे ही मेरे सदस्य सुजीत गुप्ता के द्वारा हमे मालूम हुआ तभी हम लोगो के द्वारा विभिन्न सदस्यों से मालूम किया गया कि किस के पास AB+ ब्लड है और तब चंदवंशी जी से संपर्क कर उनसे मदद मांगी गई और ब्लड बैंक में आकर ब्लड डोनेट कर रक्तदान कर एक माँ की ज़िंदगी बचाई गयी. युवा क्रांति रोटी बैंक की पूरी टीम ने चंदवंशी जी को धन्यवाद दिया.

Chhapra: Corona Virus से उत्पन्न महामारी और इससे बचाव के लिए देश में लगाए गए 21 दिन के लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों तक ऑल इंडिया रोटी बैंक के सेवादार प्रतिदिन सूखा राशन पहुंचा रहे है.

छपरा शहर में ऑल इंडिया रोटी बैंक के सेवादार अपने निकटतम जरूरतमंद परिवार को चिन्हित कर उन्हें सूखा राशन वितरित कर रहे है. ताकि संकट की इस घड़ी में सभी तक भोजन पहुंच सके.

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ऑल इंडिया रोटी बैंक के रविशंकर उपाध्याय ने बताया कि छपरा में विगत 20 महिने से नॉनस्टॉप रूप से रात्रि के समय जरूरतमन्दों के बीच पका भोजन वितरित की जाती रही है. परंतु आज के हालात को देखते हुए हमने जिला प्रशासन के दिशा निर्देश का पालन करते हुए जरूरतमन्दों के घर तक जाकर उनको सूखा राशन दे रहे हैं. जिसमे लगभग 5 से 7 दिन का भोज्य पदार्थ है. अभी आटा, चावल,आलू का वितरण किया जा रहा है.

निःसंदेह ही मुश्किल के इस हालात में ऑल इंडिया रोटी बैंक का यह प्रयास जरूरतमंदों के लिए मददगार साबित हो रहा है.

Chhapra: छपरा में सर्दी का सितम जारी है. बीते कुछ दिनों से शहर  का पारा लगातार गिरता जा रहा है. इस कड़ाके की ठंड में बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जिन्हें रहने की ना तो छत है ना ही दो वक्त की रोटी का कोई  उपाय. रात 8 बजे के आसपास ऐसे दर्जनों लोग शहर के विभिन्न सड़कों के किनारे ठिठुरते हुए खुले आसमान के नीचे सोते हुए नज़र आ ही जाते हैं. बहुत सारे राहगीर इन रास्तों से गुजरते हैं. लेकिन इन बेसहारों के लिए रात के भोजन का इंतजाम करने का जिम्मा छपरा के ही कुछ युवाओं ने उठाया है. बीते कुछ महीनों से ये युवा सड़को पर पड़े दर्जनो मानसिक रूप से विक्षिप्तो को हर रात भोजन का इंतजाम करते है. ये युवा हर रात अपनी टीम के साथ शहर में घूम-घूम कर सड़क किनारे जिंदगी गुजर बसर कर रहे लोगों को खाने का पैकेट देने जाते हैं.

इसके लिए इन युवाओं ने छपरा में रोटी बैंक शुरू किया है. इसके तहत शहर के मोहन नगर से कुछ घरों से बचे हुए खाने को इकट्ठा कर हर रात इन बेसहारों को ढूंढ कर खाना खिलाने का कार्य किया जाता हैं.

विभिन्न घरों से इकट्ठा करते हैं बचा हुआ खाना

रोटी बैंक के सदस्यों द्वारा सबसे पहले हर रोज़ शाम 5 बजे से 7 बजे तक घूम घूम कर विभिन्न घरों से बचा हुआ खाना इकट्ठा किया जाता है. इसे एक जगह इकट्ठा होने के बाद रोटी बैंक के मोहन नगर स्थित कार्यालय में पैक किया जाता है. पैकिंग के बाद रोटी बैंक के सदस्य रात आठ बजे से शहर के विभिन्न सड़को पर जिंदगी गुजर बसर कर रहे भूखे और मानसिक विक्षिप्त लोगों को खाना खिलाया जाता है. छपरा के इन लड़को के इस प्रयास से बेसहारों को एक नयी राह दिखायी है. कल तक जो हर रात भूखे सोया करते थे. उन्हें अब रोटी बैंक के प्रयास से दो वक्त का खाना उपलब्ध हो जाता है. 

छपरा के रविशंकर उपाध्याय और उनके कुछ मित्रों ने रोटी शुरू किया है. इन युवाओं की टीम में विजय राज, सुमन कुमार वर्मा कृष्णा श्रीवास्तव, विपिन, रविशंकर उपाध्याय, राकेश, विकास, हरीओम, सत्येंद्र कुमार, अरुण कुमार रामजन्म मांझी, अभय पाण्डेय के साथ दर्जनभर युवा इस सामाजिक पहल में शामिल हुए हैं.

बचा हुआ खाना ना फेंके रोटी बैंक को दे दे

रविशंकर बताते है कि रोटी बैंक का यह सपना, भूखा न सोय कोई अपना. इनका कहना है कि भारत में भूखमरी एक बड़ी समस्या है. कई लोग घर मे बचे हुए खाने को फेंक देते हैं. इन्ही बचे हुए खाने को इकट्ठा कर हम लोगों की भूख मिटाते हैं. इस अनाज की भी बर्बादी रोकी जा सकती है. उन्होंने लोगों से अपील भी की यदि आपके घर मे खाना रोज़ बच जाता है तो उसे फेंकने के बजाय रोटी बैंक को दें.

छपरा के इन युवाओं के इस मुहिम से जुड़ने में बाद लोग भी इनकी खूब सराहना कर रहे हैं. इस प्रयास के बाद लोग भी भूखे और बेसहारों की मदद के लिए लगतार इन मुहिम से जुड़ने लगे हैं. ये सभी युवा कहीं न कहीं कहीं कार्यकर्त हैं. इसके बाद भी काम से समय निकालकर लोगों की मदद का बीड़ा इन्होंने उठाया है. रोटी बैंक के प्रबंधक रविशंकर भी सरकारी स्कूल में शिक्षक है. स्कूल से लौटने के बाद वे अपने साथियों के साथ हर दिन खाना इकट्ठा करने के लिए निकल जाते हैं.

भारत के 23 शहरों में है रोटी बैंक

गौरतलब है कि रोटी बैंक भारत के 23 शहरों में कार्यरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के तहत इसकी खूब तारीफ की है. इसके तहत बिहार में नवादा, गोपालगंज, मधुबनी, दरभंगा में भी रोटी बैंक के सदस्य सक्रियता से बेसहारो और भूखों की मदद करते हैं.