Chhapra: शहर के छपरा सेंट्रल स्कूल में इंडिपेंडेंट स्कूल ऑफ बिहार के तत्वावधान में शनिवार को नई शिक्षा नीति 2019 पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में बड़े पैमाने पर निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों ,अभिभावकों एवं प्रबुद्ध वर्ग की भागीदारी रही.

नई शिक्षा नीति पर चर्चा कर यह बताया गया कि यह नीति गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु अत्यंत ही हानिकारक है. क्योंकि इसके द्वारा बच्चों पर अनावश्यक मानसिक दबाव पड़ने की आशंका है. बच्चों के कक्षा 3 में ही बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने का इसमें प्रावधान है. अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा हेतु खर्च करते हैं परंतु स्कूल का उद्देश्य उनके बच्चों का विकास ना होकर अन्य स्कूलों के बच्चों का विकास भी हो जाएगा.

नई शिक्षा नीति पर एक निजी विद्यालय के संचालक ने कहा कि विद्यालयों के संसाधनों का उपयोग उस विद्यालय के बच्चे केवल न कर अन्य विद्यालयों के बच्चे भी करेंगे. इसके कारण एक ओर तो विद्यालय के संसाधन बच्चों के विकास हेतु उपलब्ध नहीं होंगे दूसरी ओर इससे विद्यालय के अनुशासन में घोर अनियमितता की आशंका है. क्योंकि कौन बच्चे स्कूल में आ रहे इस पर स्कूल का प्रभावी नियंत्रण समाप्त हो जाएगा. यह विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा को प्रभावित करेगा. लंबे काल में यह भारत से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को समाप्त कर देगी.


नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा: डॉ देव सिंह

सेमिनार को लेकर सेंट जोसेफ एकेडमी के निदेशक देव कुमार सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति से निजी विद्यालय के स्वायत्तता पर खतरा है. इस सेमिनार के माध्यम से सरकार से मांग की कि निजी विद्यालयों की स्वायत्तता कायम रहे. क्योंकि वर्तमान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में निजी विद्यालयों का बड़ा योगदान है. अभिभावकों से भी अपील की गई कि आप नई शिक्षा नीति पढ़ें और समझें, किस प्रकार यह विद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को खत्म करेगी. उनके बच्चों में आवश्यक प्रतिभा का विकास बाधित होगा क्योंकि स्कूल का प्रभावी नियंत्रण शैक्षणिक वातावरण पर नहीं रह जाएगा.


सेमिनार के दौरान पूर्व प्राचार्य राम दयाल शर्मा ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों के गुणवत्ता के विकास में स्कूल की भूमिका नहीं रह जाएगी. क्योंकि उस पर उनका नियंत्रण नहीं होगा. स्कूल का शैक्षणिक वातावरण, शिक्षा की गुणवत्ता, छात्र-छात्राओं की सुरक्षा, स्कूल के संसाधनों का उपयोग स्कूलों की स्वायत्तता आदि चर्चा के मुख्य विषय थे.


इस सेमिनार के दौरान सारण के साथ-साथ बिहार के विभिन्न स्कूलों के संचालक मौजूद रहे. इस मौके पर छपरा के एबीसी ट्यूटोरियल के निदेशक पीवी सिंह, एचकेआईएस के निर्देशक एसके बर्मन, सन्त जोसेफ एकेडमी के निदेशक देव कुमार सिंह, सीसीएस के पंकज सिंह, एएनडी के अनिल सिंह समेत कई निजी स्कूल संचालक व उनके प्रतिनिधि मौजूद थे.

Chhapra: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन सारण ने 28 जनवरी को जिले के सभी निजी विद्यालयों को बंद करने का फैसला किया है. बीते दिनों सार्थक की हत्या की घटना का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कड़ी निंदा की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष सीमा सिंह ने बताया कि सारण में इस तरह की घटना पहली बार किसी बच्चे के साथ हुई है यह अपने आप में बहुत ही भयभीत करने वाला है.

छात्रों की सुरक्षा को लेकर एकजुट हुए छ्परा के कोचिंग संचालक

उन्होंने बताया कि सार्थक की हत्या के विरोध में जिले के सभी निजी स्कूलों को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बंद करने का फैसला लिया है. 29 जनवरी से विद्यालय फिर से सुचारू रूप से चलेंगे.