New Delhi, 10 अगस्त (हि.स.)। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है, क्योंकि पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के दौरान सरकार ने हमें पूरी छूट दी थी। पहली बार हमने राजनीतिक स्पष्टता देखी। किसी भी तरह की पाबंदी न होने से सेना कमांडरों को खुद फैसले लेकर अपने विवेक के अनुसार काम करने में मदद मिली।

सरकार की ओर से पूरी छूट दी गई थी कि आप तय करें कि क्या करना है: सेनाध्यक्ष

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने यह टिप्पणी आईआईटी मद्रास में 4 अगस्त को एक कार्यक्रम के दौरान की थी, जिसकी अधिकृत जानकारी सेना ने रविवार को दी है।ऑपरेशन पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी कहते हैं कि 22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया था।हमले के दूसरे दिन यानी 23 अप्रैल को हम सब बैठे। यह पहली बार था, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘बस बहुत हो गया।’ तीनों सेना प्रमुख इस बात पर बिल्कुल स्पष्ट थे कि कुछ तो करना ही होगा। सरकार की ओर से पूरी छूट दी गई थी कि आप तय करें कि क्या करना है। इस तरह का आत्मविश्वास, राजनीतिक दिशा और राजनीतिक स्पष्टता हमने पहली बार देखी।

9 में से 7 लक्ष्यों पर हमले को अंजाम दिया: सेनाध्यक्ष

उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की स्पष्टता के चलते हमारे सेना कमांडर-इन-चीफ को जमीन पर रहकर अपनी बुद्धि के अनुसार काम करने में मदद मिली। 25 अप्रैल को हमने उत्तरी कमान का दौरा किया, जहां हमने सोचा, योजना बनाई, संकल्पना की और नष्ट किए गए 9 में से 7 लक्ष्यों पर हमले को अंजाम दिया और बहुत सारे आतंकवादी मारे गए। इसके बाद 29 अप्रैल को हम पहली बार प्रधानमंत्री से मिले। यह महत्वपूर्ण है कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने पूरे देश को एक साथ जोड़ा। यह कुछ ऐसा है, जिसने पूरे देश को प्रेरित किया। यही कारण है कि पूरा देश कह रहा था कि आपने इसे क्यों रोक दिया? यह प्रश्न पूछा जा रहा था और इसका पर्याप्त उत्तर दिया गया है।

आईआईटी मद्रास में संबोधन के दौरान थल सेनाध्यक्ष ने बताया कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में हमने शतरंज खेला। हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हम क्या करने वाले हैं। इसे ग्रेजोन कहते हैं, जिसका मतलब है कि हम पारंपरिक ऑपरेशन नहीं कर रहे हैं। हम जो कर रहे हैं, वह पारंपरिक ऑपरेशन से बस थोड़ा कम है। हम शतरंज की चालें चल रहे थे और वह (दुश्मन) भी शतरंज की चालें चल रहा था। कहीं हम उन्हें शह और मात दे रहे थे, तो कहीं हम अपनी जान गंवाने के जोखिम पर भी वार कर रहे थे, लेकिन ज़िंदगी का असली मतलब यही है।

New Delhi, 28 जुलाई (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा कि यह भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक और स्पष्ट संदेश था कि भारत ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर कायम है। सिंह ने कहा कि यह सैन्य अभियान पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए चलाया गया था, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और संचालक मारे गए।

अंतरराष्ट्रीय दबाव में ऑपरेशन को रोका, “निराधार और पूरी तरह गलत” है: राजनाथ सिंह  

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कहना कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में ऑपरेशन को रोका, “निराधार और पूरी तरह गलत” है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक जीवन में मैंने असत्य न बोलने की कोशिश की है।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन का उद्देश्य केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, अस्मिता और नागरिकों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को दर्शाना था। यह ऑपरेशन 6-7 मई 2025 की रात को शुरू होकर मात्र 22 मिनट में पूरा किया गया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए कायराना आतंकी हमले में 25 निर्दोष नागरिकों सहित एक नेपाली नागरिक की जान गई थी। आतंकवादियों ने धर्म पूछकर लोगों को मारा- जो मानवता के विरुद्ध सबसे घृणित कृत्य है। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर उन्हें आवश्यक स्वतंत्रता दी। इसके बाद भारतीय सेनाओं ने “ऑपरेशन सिंदूर” की योजना बनाई और उसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

न उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी: राजनाथ सिंह  

सिंह ने कहा कि ऑपरेशन के बाद, भारत ने पाकिस्तान को हॉटलाइन के माध्यम से संदेश भेजा कि यह कार्रवाई सीमित थी और आगे बढ़ाने की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की ओर से की गई यह कार्रवाई पूर्णतः आत्मरक्षा में थी– न उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी। बावजूद इसके, 10 मई को पाकिस्तान ने भारत पर बड़े पैमाने पर हमला करने की कोशिश की, जिसमें मिसाइलें, ड्रोन और रॉकेट शामिल थे।

सिंह ने लोकसभा को आश्वस्त करते हुए कहा कि एस-400, आकाश मिसाइल प्रणाली और ड्रोन-रोधी सिस्टम जैसे अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों की मदद से भारत ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह विफल कर दिया। पाकिस्तान भारत की किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सका। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कहना कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय दबाव में ऑपरेशन को रोका, “निराधार और पूरी तरह गलत” है। उन्होंने कहा, “अपने राजनीतिक जीवन में मैंने असत्य न बोलने की कोशिश की है।”

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे भारतीय सेना ने आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक कार्रवाई की। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति (बीएसी) में तय प्रक्रिया के तहत इस पर चर्चा की जा रही है।

राजनाथ सिंह ने सदन में वीर सपूतों को नमन करते हुए कहा कि जब भी आवश्यकता पड़ी है, भारतीय जवानों ने राष्ट्र की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटे।

26 जुलाई (हि.स.)। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को कारगिल युद्ध स्मारक पर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संदेश थी कि आतंकवाद समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। यह पहलगाम आतंकी हमले का जवाब भी था जो पूरे देश के लिए गहरा घाव था। इस बार भारत ने दिखाया कि जवाब निर्णायक होगा।

दुश्मन को कड़ी प्रतिक्रिया देना भारत द्वारा स्थापित नई सामान्य स्थिति है: सेना प्रमुख

विजय दिवस पर एक सभा को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि दुश्मन को कड़ी प्रतिक्रिया देना भारत द्वारा स्थापित नई सामान्य स्थिति है। उन्होंने कहा कि देशवासियों द्वारा दिखाए गए विश्वास और सरकार द्वारा दी गई खुली छूट के कारण भारतीय सेना ने करारा जवाब दिया। जो भी शक्ति भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने या लोगों को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगी, उसे करारा जवाब दिया जाएगा। जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना ने पाकिस्तान में नौ महत्वपूर्ण आतंकवादी ठिकानों को बिना किसी नुकसान के ध्वस्त कर दिया।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में आतंकी ढाँचे को प्रभावी ढंग से निशाना बनाकर भारत ने निर्णायक जीत हासिल की। सेना ने आतंकवादी ढाँचे को निशाना बनाया और निर्णायक जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान के अन्य आक्रामक प्रयासों को भी विफल कर दिया। उन्होंने कहा कि 8 और 9 मई को पाकिस्तानी कार्रवाई का प्रभावी ढंग से जवाब दिया गया। हमारी सेना की वायु रक्षा एक अभेद्य दीवार की तरह खड़ी थी जिसे कोई भी मिसाइल या ड्रोन भेद नहीं सकता था।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना दुनिया में एक महत्वपूर्ण ताकत बनने की राह पर है। रुद्र, एक पूरी ब्रिगेड की स्थापना की जा रही है जिसके लिए कल मंजूरी दी गई है। इसके तहत हमारे पास रसद और युद्ध सहायता प्रदान करने के लिए एक ही स्थान पर पैदल सेना, मशीनीकृत पैदल सेना, बख्तरबंद इकाइयाँ, तोपखाने, विशेष बल और मानव रहित हवाई इकाइयाँ होंगी।

तोपखाने में शक्तिबान रेजिमेंट का गठन किया गया है

सेना ने एक विशेष स्ट्राइक फोर्स भैरव लाइट कमांडो यूनिट का गठन किया है जो सीमा पर दुश्मन को चौंकाने के लिए हमेशा तैयार है। द्विवेदी ने कहा कि हर पैदल सेना बटालियन में अब एक ड्रोन प्लाटून है। तोपखाने में शक्तिबान रेजिमेंट का गठन किया गया है जो ड्रोन, काउंटर-ड्रोन और लोइटर गोला-बारूद से लैस होगी। हर रेजिमेंट में इन चीजों से लैस एक कम्पोजिट बैटरी होगी।

सेना प्रमुख ने कहा कि आने वाले दिनों में हमारी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी क्योंकि हम सेना की वायु रक्षा प्रणालियों को स्वदेशी मिसाइलों से लैस कर रहे हैं।

पिछले साल रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति को याद करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि शीर्ष नेताओं की उपस्थिति दर्शाती है कि यह केवल एक सेना दिवस नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक उत्सव है। उन्होंने कहा कि बर्फीली चोटियों पर वीरों द्वारा दिए गए बलिदानों के कारण ही राष्ट्र सुरक्षित है। हम उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प को याद करते हैं और उन वीर नायकों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी ताकि हम सम्मान के साथ शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।