Patna, 26 जून (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री लगातार जन सरोकार से जुड़े फैसले लेते जा रहे हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन में तीन गुणा बढ़ोतरी के बाद, सीएम ने आज राज्यवासियों को एक और सौगात दी है। सरकार ने पर्व-त्योहारों के दौरान घर लौटने वाले प्रवासी बिहारियों की सुविधा के लिए 299 बस चलाने का निर्णय किया है।

राज्य सरकार 299 एसी एवं नॉन एसी बसों का परिचालन कराने जा रही है।

नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। मुख्यामंत्री ने अपने पोस्ट में लिखा है कि “बिहार के लोग विभिन्न पर्व-त्योहारों खासकर छठ, होली, दीपावली एवं दुर्गा पूजा के अवसर पर काफी संख्या में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल से घर आते हैं। पर्व-त्योहारों के अवसर पर बिहार आने में लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बिहार आने वाले लोगों की यात्रा को सुगम बनाने तथा उनकी सहूलियत के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में बिहार से जुड़े अंतर्राज्यीय मार्गों पर राज्य सरकार 299 एसी एवं नॉन एसी बसों का परिचालन कराने जा रही है।

राज्य सरकार 75 वातानुकूलित और 74 डीलक्स बसों की खरीद पर 105.82 करोड़ रुपये खर्च करेगी

सीएम ने लिखा कि राज्य सरकार 75 वातानुकूलित और 74 डीलक्स बसों की खरीद पर 105.82 करोड़ रुपये खर्च करेगी। साथ ही लोक निजी भागीदारी के अन्तर्गत भी 150 अतिरिक्त एसी बसों का परिचालन कराया जाएगा। राज्य सरकार पर्व-त्योहारों खासकर छठ, होली, दीपावली एवं दुर्गा पूजा के अवसर पर केंद्र सरकार से भी और अधिक विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध करेगी। इससे पर्व-त्योहारों के समय लोगों को अब बिहार आने में सहूलियत होगी और वे सुविधापूर्वक अपने घर पहुंच सकेंगे।

इस फैसले को चुनाव से पहले लोकलुभावन योजना के रूप में देखा जा रहा है

इस फैसले को चुनाव से पहले लोकलुभावन योजना के रूप में देखा जा रहा है। नीतीश सरकार हाल के महीनों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और परिवहन के क्षेत्र में कई घोषणाएं कर चुकी है। अब त्योहारी सीजन को देखते हुए यह कदम प्रवासी बिहारी मतदाताओं को साधने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।

Patna, 30 मई (हि.स.)। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने शुक्रवार को सवर्ण जातियों के विकास के लिए उच्च जाति आयोग का गठन किया है। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से अनुसूचित जनजाति आयोग का भी गठन किया गया है। इन दोनों आयोगों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के साथ तीन सदस्य भी होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को उच्च जाति  आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को उच्च जाति  आयोग का अध्यक्ष बनाया है। महाचंद्र प्रसाद सिंह पूर्व में मंत्री भी रहे हैं। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता राजीव रंजन प्रसाद को उच्च जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, दयानंद राय , जय कृष्ण झा और राजकुमार सिंह को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। उच्च जाति आयोग के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा।

 

सदस्यों का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से 3 वर्षों के लिए होगा।

राज्य सरकार ने राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग का भी गठन किया है। पश्चिम चंपारण के रहने वाले शैलेंद्र कुमार को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सुरेंद्र उरांव को उपाध्यक्ष बनाया गया है। प्रेमशिला गुप्ता , तल्लू बासकी और राजू कुमार सदस्य बनाए गए हैं। इस आयोग का कार्यकाल भी तीन वर्षों का होगा। दोनों आयोग के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों और सदस्यों का कार्यकाल पदभार ग्रहण करने की तिथि से 3 वर्षों के लिए होगा।

 

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सांतवी बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने मंगलवार को कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की.

बैठक में विधानसभा के सत्र की तारीखों को लेकर निर्णय हुआ. कैबिनेट ने 23 से 27 नवम्बर तक विधानसभा का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को पास कर दिया.

विधानसभा के इस सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी. हालांकि अबतक नीतीश कुमार के नयी टीम में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है. जिसे लेकर लगातार अटकलों के बाज़ार गर्म है.