Patna: बिहार में नीतीश सरकार के गठन के बाद अब मंत्रियों को उनके विभागों की जिम्मेवारी सौंपें गए है. मंगल पाण्डेय को फिर से स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया है. साथ ही वे पथ निर्माण विभाग को भी देखेंगे.

वही पहली बार मंत्री बने संतोष सुमन को लघु जल संसाधन विभाग दिया गया है. जबकि विजय चौधरी को ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विकास. वही पहली बार मंत्री बने मेवा लाल चौधरी को शिक्षा और शिला कुमारी को परिवहन विभाग मिला है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार – गृह, सामान्य प्रशासन, मंत्रीमंडल, निगरानी, अन्य सभी विभाग जो किसी मंत्री के पास नहीं है.

उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद – वित्त, पर्यावरण, वन, सूचना प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन और शहरी विकास का विभाग
उपमुख्यमंत्री रेणु देवी – पंचायती राज, उद्योग विभाग, पिछड़ी जाति उत्थान, EBC कल्याण  

विजय चौधरी – ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विकास, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय, जल संसाधन  
अशोक चौधरी – भवन निर्माण, अल्पसंख्यक कल्याण
विजेंद्र यादव – उर्जा, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण, निबंधन, उत्पाद विभाग  
मेवालाल चौधरी – शिक्षा विभाग
मंगल पाण्डेय – स्वास्थ्य, पथ निर्माण, कला संस्कृति विभाग
संतोष सुमन – लघु सिंचाई, एससी-एसटी कल्याण विभाग
शिला कुमारी – परिवहन विभाग
मुकेश सहनी – मत्स्य पालन और पशु पालन विभाग
अमरेन्द्र प्रताप सिंह – कृषि, सहकारिता, गन्ना विकास विभाग
रामप्रीत पासवान – पीएचईडी विभाग
जीवेश कुमार – पर्यटन और खनन, श्रम विभाग
रामसूरत राय – राजस्व और विधि मंत्रालय की जिम्मेदारी.

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में जीत के बाद सांतवी बार मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार ने मंगलवार को कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता की.

बैठक में विधानसभा के सत्र की तारीखों को लेकर निर्णय हुआ. कैबिनेट ने 23 से 27 नवम्बर तक विधानसभा का सत्र बुलाने के प्रस्ताव को पास कर दिया.

विधानसभा के इस सत्र में नवनिर्वाचित विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी. हालांकि अबतक नीतीश कुमार के नयी टीम में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है. जिसे लेकर लगातार अटकलों के बाज़ार गर्म है.

Patna: बिहार के सूखाग्रस्त इलाकों के लोगों के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने बड़ा एलान किया है. नीतीश सरकार ने सूखा प्रभावित जिलों के हर परिवार को तीन हजार रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाने की घोषणा की है.

कैबिनेट की बैठक में 18 जिलों के 102 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है. इन 102 प्रखंडों के 896 पंचायत के सभी परिवारों को तीन हजार रुपये दिए जाएंगे.

 

‘तत्काल योजना’ के तहत आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से कैबिनेट में ये प्रस्ताव लाया गया जिसमें मंजूरी दे दी गई. राज्य सरकार ने ये भी फैसला किया है कि पिछली बार की तरह इस बार भी 15 अक्टूबर तक फसल की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. अगर खेतों में दरार और फसल मुरझा गए हों या फिर 33 फीसदी फसल खराब हो गया तो इसके लिए भी किसानों को कृषि सब्सिडी दी जाएगी.

‘तत्काल योजना’ में करीब सात सौ करोड़ रुपये बांटे जाएंगे. जबकि कृषि विभाग की समीझा के बाद फसलों की बर्बादी को देखते हुए अनुमान के आधार पर दो हजार करोड़ रुपये का फंड रखा गया है.

बता दें कि खराब मानसून की वजह से बारिश अपेक्षाकृत काफी कम हुई है. उनमें 18 जिले शामिल हैं.