Chhapra: नवरात्र की सप्तमी को माँ भगवती के पट खुल गए. घरों में देवी का आगमन के साथ पूजा पंडालों में मूर्तियों के पट खुलते ही श्रद्धालु दर्शन करने के लिए उमड़ गए.

पूजा पंडालों में ढ़ोल और शहनाई की धुन के साथ माँ भगवती का स्वागत किया गया. छपरा शहर समेत पुरे सारण जिले में जगह जगह आकर्षक पूजा पंडालों का निर्माण किया गया है. पूजा पंडालों की भव्यता को देखने के लिए लोग पहुँच रहे है.

काली बाड़ी में कल ही खुल गया था पट
नवरात्र में बंगाली परंपरा के अनुसार काली बाड़ी में पूजन होता है. बंगाली परंपरा के अनुसार षष्ठी को माता के पट खुल गए. काली बाड़ी में रोजाना शाम साढ़े सात बजे आरती की जाएगी जो नवमी तक चलेगी.

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नवरात्रि में छपरा टुडे डॉट कॉम (chhapratoday.com) आपतक पहुंचा रहा है सभी पूजा पंडालों में स्थापित माता की प्रतिमा के दर्शन. खासकर उन लोगों के लिए जो छपरा से बाहर रहते है और अपने शहर की पंडालों को नहीं देख पाते. बने रहिये हमारे साथ. हमारे Facebook Page https://www.facebook.com/chhapratoday/ को LIKE करें. हमें Twitter पर Follow करें. साथ ही साथ YouTube पर Subscribe करें.

Dharm Desk: शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है और 8 अक्टूबर को समाप्त होगा. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त को सभी जानना चाहते है.

आचार्य हरेराम शास्त्री के अनुसार कलश स्थापना के लिए 29 सितम्बर रविवार को प्रातः काल से रात्रि 10 बजे तक प्रतिपदा तिथि और रात्रि 9 बजकर 40 मिनट तक हस्त नक्षत्र से युक्त मुहूर्त में शुभ मुहूर्त है.

उन्होंने बताया कि विशेष कामना वाले भक्त और मूर्तियों के पास दिन में 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक अभिजित मूहुर्त में करें.

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उन्होंने बताया कि विलवाभिमन्त्रण 4 अक्टूबर दिन शुक्रवार को 12 बजे के बाद सन्ध्या काल तक करें. पत्रिका प्रवेश, नेत्रोंमिलन अर्थात पट्ट खोलने का शुभ मुहूर्त 5 अक्टूबर शनिवार को प्रातः काल से दिन में 2 बजकर 03 मिनट तक.

महानिशा पूजा 5 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 11 बजे से रात्रि 3 बजे तक करें. महाअष्टमी 6 अक्टूबर रविवार को करें. महानवमी हवन यज्ञ आदि 7 अक्टूबर दिन सोमवार को प्रातः काल से दिन में 3 बजकर 5 मिनट तक करें. साथ ही कन्या पूजन, वटुक पूजन आदि करें.

विजयादशमी 8 अक्टूबर दिन मंगलवार को प्रातः काल से शाम को 4 बजे तक. इस दिन अबूझ मुहूर्त होने से यात्रा, देशाटन, उत्सव, क्रय-विक्रय मुहूर्त तथा सभी कार्य प्रारंभ करने का शुभ मुहूर्त है.

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Dharm Desk: शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में देवी का आगमन और गमन की सवारी महत्वपूर्ण मानी गयी है. अश्विन शुक्ल प्रतिपदा दिन रविवार 29 सितम्बर को शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो रहा है.

पंडित हरेराम शास्त्री के अनुसार रविवार को प्रारम्भ होने से देवी का आगमन गज अर्थात हाथी से हो रहा है. जिसका फल सुखद वृष्टि है और गमन 8 अक्टूबर मंगलवार को हो रहा है इसलिए भगवती पैरों से युद्ध करने वाले पक्षी पर सवार होकर जाएंगी. जिसका फल, राष्ट्र में अराजकता और युद्ध की सम्भावना है.

Chhapra: या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

नवरात्र की सप्तमी को माता के पट खुल गए. घरों में पूजा अर्चना के बाद माता का आवाहन हुआ. वही पूजा पंडालों में स्थापित माता के पट खुल गए. पट खुलने के साथ ही माता के दर्शन के लिए भक्त पहुँचने लगे है. वातावरण देविमय हो गया है.

शहर के सभी पूजा पंडालों में स्थापित माता की प्रतिमाओं को देखने के लिए शाम से लोग निकलेंगे. पूजा पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. रात में रौशनी से जगमगाने के लिए एलइडी लाइट्स से सजाया गया है.

कालीबाड़ी में खुला माँ का पट, दर्शन को उमड़े भक्त

पूजा पंडालों में लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए समितियों के द्वारा प्रबंध किये गए है. प्रशासन ने भी अपने ओर से सुरक्षा के तमाम तैयारियां की है.

शहर में वाहनों के परिचालन के लिए रूट चार्ट निर्धारित की गयी है. जगह जगह मैजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

Chhapra: शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गया. नव दिनों तक माता की आराधना में सभी जुटे रहेगें. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ पूजा आराधना की शुरुआत होती है. नवरात्र पर गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की गयी.

सुबह से लोग नदी से जल और मिट्टी लाकर कलश की स्थापना अपने अपने घरों में करने में व्यस्त दिखे. पूजा पंडालों में भी कलश स्थापित की जाती है.

नवरात्र के पहले दिन पर्वत राज हिमालय की पुत्री पार्वती के स्वरुप में साक्षात् शैलपुत्री की पूजा होती है. इनके एक हाथ में त्रिशुल और दूसरे में कमल का पुष्प है. शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण नवदुर्गा का सर्वप्रथम स्वरुप शैलपुत्री कहलाता है.

बाज़ारों में रही रौनक
नवरात्र के आगमन को लेकर सभी लोग तैयारियों में जुटे है. शहर के तमाम बाज़ारों में बुधवार देर शाम तक लोग पूजा से जुड़े सामानों की खरीदारी करते देखे गए.