पुंछ, 24 मई (हि.स.)। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को पुंछ के एक स्कूल का दौरा किया। उन्होंने पाकिस्तान की सीमा पार से गोलाबारी से प्रभावित छात्रों से बातचीत की। गांधी ने छात्रों से कहा कि इस समस्या से निपटने का उनका तरीका पढ़ाई और खूब खेलना होना चाहिए।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि आपने खतरा और थोड़ी भयावह स्थिति देखी है

कांग्रेस सांसद ने कहा कि आपने खतरा और थोड़ी भयावह स्थिति देखी है, लेकिन चिंता न करें, सब कुछ सामान्य हो जाएगा। इस समस्या से निपटने का आपका तरीका पढ़ाई, खूब खेलना और स्कूल में ढेर सारे दोस्त बनाना होना चाहिए। गांधी ने पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से गोलाबारी से प्रभावित पुंछ के नागरिक इलाकों और श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा का भी दौरा किया।

उन्होंने अपने दौरे के बारे में एक्स पर पोस्ट भी किया

उन्होंने अपने दौरे के बारे में एक्स पर पोस्ट भी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह लोगों की मांग और मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएंगे। आज मैं पुंछ में पाकिस्तान की गोलाबारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से मिला। टूटे हुए घर, बिखरा हुआ सामान देखा और नम आंखें से अपनों को खोने की दर्दनाक दास्तां सुनी। ये देशभक्त परिवार युद्ध का सबसे बड़ा बोझ हर बार हिम्मत और सम्मान के साथ झेलते हैं। उनके साहस को सलाम। राहुल गांधी ने कहा कि मैं पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा हूं। मैं निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्तर पर उनकी मांगों और मुद्दों को उठाऊंगा।

 

Chhapra: छपरा के छपरा सेंट्रल स्कूल में एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार इकाई के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के विभिन्न प्रावधानों एवं प्राइवेट स्कूल के संचालन संबंधित विभिन्न नकारात्मक बिंदुओं पर चर्चा हेतु एक परिचर्चा सह बैठक आयोजित की जाएगी. यह विशेष बैठक 21 सितम्बर प्रातः 11:00 बजे आयोजित की जाएगी.

बैठक को लेकर गरखा के सन्त जोसेफ अकादमी के निदेशक देव कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा होगी. साथ ही इसमें जो भी नकारात्मक बिंदु हैं उनपर विशेष रूप में सभी स्कूल अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने बताया कि शिक्षा नीति के कुछ नकारात्मक प्रावधानों से कई स्कूलों पर बुरा असर पड़ सकता है. एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार इकाई की बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तमाम बिंदुओं पर विशेष चर्चा की जाएगी.

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सी वी सिंह, अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल बिहार एवं संचालक डॉ डी वाय पाटील स्कूल, पटना राजीव सिन्ह, सी बी एस सी सिटी को ऑर्डिनेटर सहोदय पाटलिपुत्र, पटना व संचालक बाल्डविन अकैडमी पटना अनिल नाग कोषाध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल पटना, श्रीमती बी प्रियम एवम् अरशद अहमद, उपाध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे.

कार्यक्रम की अध्यक्षता छपरा सेंट्रल स्कूल के सचिव डॉoपंकज कुमार करेंगे. इस कार्यक्रम हेतु छपरा के सभी संबद्ध एवं संबद्धता के लिए अग्रसर विद्यालयों को एवं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की भी सहभागिता तथा उपस्थिति के लिए आग्रह किया जा रहा है ताकि यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बन सके.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार की खिंचाई की. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि उसे ताजा घटनाक्रम के बारे में अवगत क्यों नहीं कराया गया. साथ ही न्यायालय ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने संबंधी राज्यपाल की रिपोर्ट 15 मिनट के भीतर पेश करने का आदेश दिया.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिछले दो दिनों में गहन विचार-विमर्श के बाद मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की सिफारिश को मंजूरी प्रदान कर दी और इस आधार को स्वीकार कर लिया कि राज्य में संवैधानिक संकट है. गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में पैदा हुए संवैधानिक संकट पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने 24 जनवरी 2016 को अपनी बैठक में राष्ट्रपति से ऐसी उद्घोषणा जारी करने का अनुरोध किया था.

हालांकि बीजेपी ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इसे कई नजरिए से देखने की जरूरत है और यह संवैधानिक दायित्वों के अनुरूप है. इसके साथ ही पार्टी ने कांग्रेस पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा, ‘यह लोकतंत्र की हत्या है. मामला कोर्ट में है और सरकार ने जल्दबाजी में कार्रवाई की है. यह साफ तौर पर देश के सुप्रीम कोर्ट का अपमान है.

कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति से कैबिनेट के फैसले को मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया था. पार्टी ने कहा था कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है.

अरुणाचल प्रदेश में पिछले साल 16 दिसंबर से राजनीतिक संकट है जब कांग्रेस के 21 विद्रोही विधायकों ने एक अस्थाई स्थल पर विधानसभा की बैठक में बीजेपी के 11 और दो निर्दलीय विधायकों के साथ मिल कर विधानसभाध्यक्ष नबाम रेबिया के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया था.