Patna, 2 जून (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि सोनपुर मेला स्थल, सारण में पर्यटकीय सुविधाओं के विकास और आधुनिकीकरण के लिए 24.28 करोड़ रुपये की योजना को प्रशासनिक स्वीकृत दी गई है।

सीबीडीडी  के तहत सोनपुर मेला विकास की योजना को स्वीकृति दी गई है

साेमवार काे यहां उपमुख्यमंत्री चौधरी ने बताया कि स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 की उप-योजना (सीबीडीडी ) के तहत सोनपुर मेला विकास की योजना को स्वीकृति दी गई है। इससे स्थानीय रोजगार और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढावा मिलेगा।

कैशलेस भुगतान, वर्चुअल दर्शन और स्मार्ट पार्किंग जैसी सेवाओं का निर्माण किया जाएगा

सम्राट चौधरी कहा कि सरकार सोनपुर मेले को देशभर में ही नहीं , बल्कि वैश्विक पर्यटन के लिए डिजिटल और पर्यावरण-संवेदनशील स्थल के रूप में विकसित कर रही है। सम्राट चौधरी  ने बताया कि इस योजना के तहत प्रवेश द्वार, हाट निर्माण, सड़क चौड़ीकरण, घाट तक संपर्क, पार्किंग और शटल सेवा का विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नये स्वरूप में प्लास्टिक मुक्त मेला क्षेत्र, अपशिष्ट प्रबंधन, सौर ऊर्जा और पर्यावरण जागरूकता अभियान जैसी हरित पहल पर भी काम किया जाएगा। वहीं डिजिटल पहल के तहत मेला मोबाइल ऐप, कैशलेस भुगतान, वर्चुअल दर्शन और स्मार्ट पार्किंग जैसी सेवाओं का निर्माण किया जाएगा।

व्यापार के नए अवसर सृजित होंगे और सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में सारण जिले का सोनपुर मेला स्थल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। सरकार के प्रयासों से यहां पर्यटकों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। मेला स्थल के समग्र विकास से आने वाले पर्यटकों को उच्च गुणवत्ता की सुविधाएं मिलेंगी,व्यापार के नए अवसर सृजित होंगे और सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी।

इसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है

उल्लेखनीय है कि सोनपुर में गंगा-गंडक नदी के संगम पर हर वर्ष शरद ऋतु में कार्तिक पूर्णिमा ( इस वर्ष 5 नवंबर) पर महीने भर चलने वाला मेला लगता है। इसे एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यह मेला हाथी-घोड़ा, गाय-बैल और दूसरे पशुओं की खरीद-बिक्री के लिए प्रसिद्ध रहा है।

 

Chhapra: विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र #Sonpur मेला छह नवंबर से शुरू होकर सात दिसंबर तक चलेगा. छह नवंबर को इसका उद्घाटन होना है.

मेले के उद्घाटन के पहले यहाँ पर तमाम तरह के स्टॉल लगाए जा रहे है. जिनमे सरकारी और कुछ प्राइवेट स्टॉल भी लगाए जा रहे है.

मेले में शामिल होने के लिए दुकानदार दूर दूर से पहुँच चुके है. वैसे तो ये मेला पशु मेले के नाम से विश्व में विख्यात है लेकिन पशुओं के बिक्री पर लगे रोक के बाद कही ना कही अब मेले का स्वरूप बदला है. मेले में तमाम तरह के चीजे बिकती है. इसके साथ ही मनोरंजन के लिए झूले लगाए गए है.

इस बार थियेटर भी लगे हैं. साथ ही कला और कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए हैंडक्राफ्ट की प्रदर्शनी लगाई गई है. जहाँ पर कलाकारों के कला का प्रदर्शन होगा और आप तमाम सामानों की खरीदारी यहाँ कर सकेंगे.

पर्यटन विभाग के द्वारा आयोजित इस मेले का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव करेंगे. जबकि विज्ञान प्रद्योगिकी सह सारण जिला के प्रभारी मंत्री सुमित कुमार सिंह अध्यक्षता करेंगे. इसके साथ ही राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह अति विशिष्ट अतिथि होंगे. मेले के उद्घाटन में राजस्व एवं भूमि विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता कला एवं संस्कृति युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय और श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम विशिष्ट अतिथि होंगे. इसके साथ ही जिले के सभी सांसद और विधायक शामिल होंगे.

सोनपुर मेला अध्यात्म के साथ सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र बिंदु है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले इस मेले की छटा अलौकिक होती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन लाखों लोग दूर-दूर से गंगा और गंडक नदी के संगम स्थल पवित्र स्नान के लिए पहुँचते हैं. सोनपुर मेला में इस बार महाआरती, नौका दौर, कुश्ती, दंगल रसाकशी, वाटर स्पोर्ट्स, सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रम में सबीर कुमार, सलमान अली, मैथिली ठाकुर, पूर्णिमा श्रेष्ठ समेत स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति होगी.

Rivilganj: कार्तिक पूर्णिमा के दिन रिविलगंज के गंगा, सरयू नदी में स्नान का अलग ही महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महर्षि गौतम और श्रृंगी की भूमि पर प्रत्येक वर्ष मेला लगता है. दिन प्रतिदिन मेले की ख्याति जरूर बढ़ी है साथ ही साथ इससे जुड़े तथ्यों के आधार पर लोगो की भीड़ भी बढ़ी है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इस मेले का स्वरूप नही बदला.

प्रतिवर्ष उद्घाटन के दौरान जिला प्रशासन और राजनीतिक वक्ताओं द्वारा विकास को लेकर लाख दावे किए जाते है लेकिन बावजूद इसके यह मेला अब सिमटता जा रहा है.

गोदना-सेमरिया मेलें में दिखती है सामाजिक सांस्कृतिक झलक 
यहाँ आने वाले लोग और सामाजिक सांस्कृतिक की झलक गोदना-सेमरिया मेलें में ही देखने को मिलती है. मोक्ष दायिनी गंगा एवं मानस नंदिनी सरयू नदी के पावन पवित्र संगम तट पर अवस्थित नगर पंचायत रिविलगंज का इतिहास काफी पुराना है. इस क्षेत्र का वर्णन धार्मिक ग्रंथो में विद्यमान है.

रिविलगंज मुगलकाल एवं ब्रिटिश काल में प्रमुख व्यवसायिक केंद्र के रूप में चर्चित था. गोदना सेमरिया के नाम से प्रसिद्ध इस मेले के संदर्भ में अनेकों दंत कथा एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार न्याय शास्त्र के प्रणेता महर्षि गौतम ऋषि की पत्नी आहिल्या का उद्धार मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम द्वारा जनकपुर जाने के क्रम में किया गया था. उसी दिन से यहाँ से जाने के साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के दिन से मेला लगता है.

स्थानीय बुजुर्ग बताते है कि यहां भगवान श्रीराम ने अपने चरण रज से आहिल्य्या का उद्धार किया था. जिसके कारण यहां की महत्ता आज भी बरकरार है. यह क्षेत्र हनुमान जी के ननिहाल से भी जाना जाता है. इसके अलावे भगवान श्री राम समेत तीनों भाईयो के अवतार से जुड़ी हुई है. राम चरित मानस में इसकी चर्चा है कि सरयू नदी के घाट पर ही वेदज्ञ महर्षि ऋषि राज श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेश्टियज्ञ कराया था इस को लेकर भी यह मेला लगता है.

जिसके कारण लाखो श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति हेतु पवित्र स्नान कर दान पुण्य एवं पूजा अर्चना करते है. कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पूर्व श्रद्धालु आकर यहाँ कल्पवास करते है तथा अगले दिन नदी में स्नान करते है.

जिला प्रशासन द्वारा नगर पंचायत के सौजन्य से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रात्रि विश्राम, शौचालय, रौशनी की व्यवस्था की जाती है. लेकिन धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार ना होने से इसके प्रति लोगो का आकर्षण कम है.

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