Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय समेत बिहार के 5 विश्वविद्यालयों में नए कुलसचिव की नियुक्ति राजभवन के द्वारा की गई है। इसे लेकर आदेश जारी कर दिया गया है।

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ रणजीत कुमार को जयप्रकाश विश्वविद्यालय का कुलसचिव नियुक्त किया गया है।

इसके साथ ही डॉ अजय कुमार पंडित को  ललित नारायण मिश्रा विश्वविद्यालय, दरभंगा, समीर कुमार शर्मा को मगध विश्वविद्यालय, बोध गया, कर्नल (सेवानिवृत) बिनोय कुमार ठाकुर को मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर और डॉ संजय कुमार को भीम राव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर का कुलसचिव नियुक्त किया गया है।       

CHHAPRA: जेपीयू में BCA 2015-2018 का सेशन 5 सालों में भी पूरा नहीं हो सका है. सेशन लेट होने के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. साल 2015-18 सेशन में BCA नामांकन करा चुके छात्रों ने कुलपति से मुलाकात करके जल्द फाइनल ईयर की परीक्षा कराने के ज्ञापन दिया. छात्रों ने कहा कि 5 साल बीत गए लेकिन अभी तक सेशन कंप्लीट नहीं हुआ है.

छात्रों ने बताया कि परीक्षा फॉर्म भरा जा चुका है और अंतिम सेमेस्टर में सिर्फ एक पेपर का सैद्धांतिक परीक्षा होने वाला ह,  इसके बावजूद जेपीयू की ओर से परीक्षा नहीं कराई जा रही है.

सेशन लेट होने के कारण छात्रों को आगे एडमिशन भी नहीं ले पा रहे हैं. बुधवार को जेपीयू के अंगीभूत कॉलेज राजेंद्र कॉलेज के छात्रों ने कुलपति से मुलाकात करके जल्द से जल्द परीक्षा कराने के लिए मांग की और कहा कि छात्रों का भविष्य बचाने के लिए जल्द परीक्षा कराकर परिणाम घोषित किए जाएं. छात्रों के आवेदन पर कुलपति ने तुरंत संज्ञान लेने की बात कही. इस मौके पर नीरज कुमार, अविनाश कुमार, राहुल कुमार, उत्तम कुमार, निरंजन कुमार, रोहित कुमार, रमेश कुमार समेत कई अन्य छात्र मौजूद थे.

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय ने सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी तथा विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी स्नातकोत्तर विभागों, अंगीभूत महावियालयों संबद्ध महाविद्यालयों तथा शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों, प्रभारी प्राचार्यों शोधकर्ताओं एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को 31 जुलाई तक Work from Home की अनुमति दी है.

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विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ हरिश्चंद्र यादव ने बताया कि कुलपति ने सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारी तथा विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले सभी स्नातकोत्तर विभागों, अंगीभूत महावियालयों संबद्ध महाविद्यालयों तथा शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों, प्रभारी प्राचार्यों शोधकर्ताओं एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को 31 जुलाई तक घर से कार्य (Work from Home) की अनुमति दी है. इस बाबत कुलसचिव श्री कृष्ण ने कार्यालय आदेश जारी कर दिया है.

उन्होंने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पत्रांक 16-6/2000 दिनांक 30 जून 2020 एवं राजभवन पटना के पत्रांक- (MISC)-11/2020 दिनांक 01 जुलाई 2020 के आलोक में आदेश जारी किया गया है. कुलपति ने स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों, प्राचार्यों, प्रभारी प्राचार्यों तथा शोधकर्ताओं को ऑनलाइन टीचिंग, स्टडी को संचालित करने का निदेश दिया है. इस अवधि के दौरान सभी को मुख्यालय में ही रहने और बिना विश्वविद्यालय के अनुमति के मुख्यालय से बाहर ना जाने के निर्देश दिए गए है.

Chhapra: जेपीयू ने अपनी शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने के साथ छात्रों के कॉलेजों में उपस्थिति को लेकर नही कदम उठा रहा है. इस सप्ताह से जेपीयू के कई पीजी विभागों ने बिना सूचना अनुपस्थिति रहने वाले छात्रों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. बुधवार को जेपीयू के पीजी विभाग ने दर्जनों छात्रों को नोटिस भेज कर उन्हें नामांकन रद्द किये जाने की सूचना भेजी है.

15 दिन से अधिक अनुपस्थित होने पर नामांकन हो रहा रद्द

जेपीयू में स्नातक व पीजी के सत्रों में नामांकित छात्र-छात्राएं यदि बिना सूचना के 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहे तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जायेगा. एक बार नामांकन रद्द होने के बाद विवि को यदि छात्रों ने अनुपस्थित रहने का सन्तोषप्रद कारण नही बताया तो दोबारा निलंबन मुक्त कर क्लास करने की अनुमति नही दी जायेगी. विभागाध्यक्ष ने बताया कि लगातार क्लास में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों को सूचित किया जा रहा था. उनके तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही मिलने पर नामांकन निलंबित किये जाने का नोटिस भेजा जा रहा है.

75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य

पीजी व स्नातक में नामांकन लेने वाले छात्रों से 75 प्रतिशत उपस्थिति के मामले में किसी प्रकार की रियायत नही की जायेगी. परीक्षा फॉर्म भरने के समय जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होगी उनका फॉर्म नही भरा जायेगा.

जेपीयू में इसके पहले के सत्र अनियमित थे और इसी का फायदा उठाकर कम उपस्थिति वाले छात्र-छात्राएं कोई न कोई जुगाड़ लगा कर अपना फॉर्म भरने में सफल हो जाते थे, लेकिन इस सत्र से विश्वविद्यालय प्रशासन नियमों का सख्ती से पालन कराने को लेकर सजग है और इस संदर्भ में विवि के सभी अंगीभूत व सम्बद्ध कॉलेजों को निर्देश भी दिया गया है. विदिति हो कि स्नातक के वर्तमान सत्र में प्रथम मेधासूची के आधार पर नामांकित छात्रों का वर्ग संचालन शुरू हो गया है. वहीं पीजी फर्स्ट सेमेस्टर की कक्षाएं भी शुरू हो गयी हैं.

शिक्षकों की भी तय की गयी जिम्मेवारी

जेपीयू के विभिन्न सम्बद्ध और अंगीभूत महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को अब प्रतिदिन पांच घंटे ड्यूटी करना अनिवार्य होगा. कुलपति प्रो हरिकेश सिंह ने इस संबंध में विभिन्न महाविद्यालय के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिया है.

ऐसा देखा गया है कि कॉलेजों में नियुक्त प्राध्यापक अपने विषय के वर्ग संचालन के प्रति उदासीन रहते हैं और हाजिरी बनाकर घर चले जाते हैं. इस उदासीन रवैये को समाप्त करने के लिए कुलपति ने शिक्षकों को पांच घंटे महाविद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. अपने कक्षाओं में शत प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित कराने की जवाबदेही शिक्षकों पर होगी. यदि कोई छात्र ज्यादा दिनों से अनुपस्थित है तो शिक्षकों को फोन कर उनका हाल पूछना होगा और कॉलेज नही आने की जानकारी लेनी होगी.

क्या कहते हैं कुलपति

कैंपस में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने और नियमित वर्ग संचालन के उद्देश्य से यह कदम उठाया जा रहा है. वर्ग संचालन के लिये शिक्षकों की भी जिम्मेवारी तय की गयी है।

– प्रो हरिकेश सिंह, कुलपति, जेपीयू

Chhapra: स्थानीय विधायक डॉ सी एन गुप्ता ने जयप्रकाश यूनिवर्सिटी में वर्ष 2012 से बंद एलएलबी कोर्स की पढाई का मुद्दा प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा मे उठाया. इस दौरान सूबे के शिक्षा मंत्री से विधायक ने पूछा कि वर्ष 2012 से जयप्रकाश यूनिवर्सिटी मे एलएलबी पाठ्यक्रम मे नामांकन बंद है. जिससे विद्यार्थियों को शहर के बाहर कही और से लॉ की पढाई करनी पर रही है. जिससे जरुरतमंद छात्रों को काफी परेशानी हो रही है, सरकार जेपीयू में कब से पुनः लॉ की पढ़ाई शुरू कराने की कवायद कर रही है.

शिक्षा मंत्री का जवाब

विधायक के प्रश्न का जबाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा की जयप्रकाश यूनिवर्सिटी से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार एलएलबी पाठ्यक्रम के लिए बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया की मान्यता आवश्यक है, और बार कॉउन्सिल से मान्यता प्राप्त करना यूनिवर्सिटी का अपना क्षेत्राधिकार है. बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार किसी पाठ्यक्रम के संचालन हेतु विश्वविद्यालय ही सक्षम प्राधिकार है.

इसपर विधायक डॉ सी एन गुप्ता ने मंत्री से कहा कि  छपरा के जयप्रकाश यूनिवर्सिटी के अंतर्गत गंगा सिंह कॉलेज मे लॉ की पढाई होती थी. जहाँ छपरा के अलावे सिवान, गोपालगंज एवं अन्य जिलों के छात्र पढ़ने आते थे. इसी कॉलेज ने कई मेधावी छात्र भी दिए है जो कई उच्चतम पदों पर लॉ की पढाई के माध्यम से आसीन है अतएव इसकी पुरानी रंगत को छात्र हित मे लौटने का आपसे निवेदन करता हूँ. इसपर माननीय मंत्री ने उचित पहल करने का आश्वाशन दिया.

Chhapra: आर एस ए संगठन के कार्यकर्ताओं के द्वारा JPM महाविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया गया. उसके बाद पुतला दहन किया गया. प्रदर्शन एवं पुतला कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संगठन की विश्वविद्यालय छात्रा प्रमुख निशा कुमारी उर्फ रिशु राज ने कहा कि स्नातक प्रथम खंड नामांकन के मेघा सूची में भारी गड़बड़ी की गई है. कम नंबर वाले छात्रों का मेघा सूची में नाम आ गया है और उससे ज्यादा नंबर वाले छात्रों का नहीं आया है. जीरो नंबर वाले का मेघा सूची में नाम है और 70% मार्क्स लाने वाले उस विषय में उस छात्र का मेघा सूची से नाम गायब है.

इसे संगठन बर्दाश्त नहीं करेगी. पिछले दिनों जिस तरह से पीजी आरसी में नियम के विपरीत डिसीजन लिए गए. यह दर्शाता है कि यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा से वंचित करने के लिए वर्तमान विश्वविद्यालय प्रशासन कार्य कर रहा है. पीजी आरसी की बैठक में सरेआम शिक्षक विभागाध्यक्ष को कुलपति ने बाहर कर दिया और उस बैठक में 50 से अधिक शिक्षक भाग ले रहे थे और शिक्षक गुहार लगाते रह गया और किसी शिक्षक ने रोकने का प्रयास नहीं किया. इससे पता चलता है कि किस तरह से कुलपति हिटलर शाही विश्वविद्यालय में चला रहे हैं.

संगठन का स्पष्ट मानना है कि विश्वविद्यालय में जो भी काम होगा नियम कानून से होगा. नियम के विपरीत अगर कार्य होगा तो संगठन विरोध करेगी और हर स्तर पर विरोध करेगी. चाहे इसके लिए जो कुर्बानी देना पड़े. आंदोलन स्थल से संगठन विश्वविद्यालय को कहना चाहता है कि स्नातक प्रथम खंड मेघा सूची में सुधार करें पीजी आरसी में लिये गए गलत निर्णय को तुरंत वापस हो.

शिक्षक से दुर्व्यवहार मामले में कुलपति माफी मांगे. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संगठन के संयोजक विवेक कुमार विजय, महासचिव विशाल सिंह, विश्वविद्यालय प्रवक्ता विकास सिंह समेत संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता आंदोलन में उपस्थित थे.

Chhapra: जेपीयू ने स्नातक पार्ट 2 के परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि बढ़ा कर 12 जनवरी कर दी है. इसके तहत अब स्नातक 2015-18 और 2016-19 सत्र के छात्र 12 जनवरी तक पार्ट 2 के परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं. गुरुवार को परीक्षा फॉर्म भरने का अंतिम तिथि थी. जिसके बाद कई छात्र परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित हो गए थे.

परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि बढ़ाये जाने से छात्र ने राहत की सांस ली है. गुरुवार की शाम जेपीयू नई नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि बढ़ाए जाने की सूचना दी.