Patna: बिहार के बाहर दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों से मुख्यमंत्री कुमार ने धैर्य रखने की अपील की है.

मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार अपने लोगों को जल्द से जल्द वापस लाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर रही है. परेशान ना हो और धैर्य बनाये रखे.

उन्होंने कहा “बिहार के बाहर फंसे जो भी प्रवासी मजदूर बिहार आने को इच्छुक हैं, उन सभी को बिहार लाया जाएगा। वे परेशान न हों, धैर्य रखें, सुरक्षित रहें। सरकार पूरी क्षमता से सभी इच्छुक प्रवासी मजदूरों को जल्द से जल्द बिहार लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।”

पटना : कोरोना वायरस पर आयोजित प्रधानमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए़ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण से निबटने में केंद्र, राज्य सरकार और आम जनता के सामूहिक प्रयास की सराहना की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे कार्यों तथा भविष्य की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुन: सभी लोगों के साथ उपयोगी कार्यक्रम में भाग लेने का और कई बिंदुओं पर चर्चा करने का मौका मिला. इसके अलावा भी प्रधानमंत्री से अलग से बातचीत होती रहती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के पास विभिन्न देशों की सूचनाएं, विशेषज्ञों के सुझाव एवं राज्य के अन्य हिस्सों की सूचनाएं प्राप्त होती हैं, जिनके माध्यम से हमलोगों को भी जानकारी मिलती है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के कोटा में कोचिंग संस्थान में बिहार के छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ते हैं. कुछ राज्य अपने छात्रों को वहां से वापस बुलाये हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से कोटा के छात्रों के संबंध में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के गाइड लाइन के अनुरूप हमलोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. जब तक नियमों में संशोधन नहीं होगा, तब तक किसी को भी वापस बुलाना संभव नहीं है. केंद्र सरकार इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी करे. कोटा ही नहीं देश के अन्य हिस्सों में भी बिहार छात्र/छात्राएं पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बिहार के लोग जो बाहर फंसे हैं, उन्होंने फोन के माध्यम से बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय में समस्याएं बतायीं. अब तक ऐसे एक लाख से अधिक फोन कॉल्स एवं मैसेजेज आ चुके हैं. ऐसे लोगों से फीडबैक लेकर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए काम किये जा रहे हैं.

New Delhi: देश में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में हर रोज इजाफा देखने को मिल रहा है. अब तक देश में 7000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं. कोरोना वायरस के कहर से निपटने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन लागू है. हालांकि इस लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फैसला ले सकते हैं.

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कोरोना संकट को देखते हुए 24 मार्च को देश में 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. 25 मार्च से शुरू हुए देशव्यापी लॉकडाउन का आखिरी दिन 14 अप्रैल है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. माना जा रहा है कि इस बैठक में देश में लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं, इस पर फैसला हो सकता है.

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वो आप सभी के लिए 24*7 उपलब्ध है. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगी और निश्चित रणनीति के तहत चलेंगी, तब हम देश और देशवासियों को कोरोना संक्रमण से होने वाले नुकसान से बचा सकेंगे. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस को लेकर प्रेजेंटेशन भी दी.

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