मकेर में शिक्षकों ने जलाई अवकाश तालिका संशोधन की प्रतियां, कहा नही रद्द हुआ पत्र तो सरकार भुगतेगी खामियाजा

Maker: शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों के लिए निर्धारित अवकाश तालिका में संशोधन के बाद शिक्षकों में आक्रोश जारी है. गुरुवार की संध्या मकेर प्रखंड संसाधन केंद्र में शिक्षकों द्वारा प्रदर्शन करते हुए अवकाश तालिका में संशोधन के लिए निर्गत पत्र की प्रतियां जलाएं गई.

आक्रोशित शिक्षकों द्वारा सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए निर्गत अवकाश तालिका संशोधन पत्र को अविलंब वापस लेने की मांग की गई.

शिक्षकों का कहना है कि सरकार एक सोंची समझी साजिश के तहत शिक्षकों को टारगेट कर रही है. राज्य के सभी विद्यालयों में निर्धारित अवकाश तालिका में शिक्षा के अधिकार अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू किया जाता रहा है एवं इस वर्ष भी आरटीई के प्रावधानों को पूर्ण किया जा रहा है.

उनका कहना है कि शिक्षा विभाग प्राथमिक विद्यालय में 200 एवं मध्य विद्यालय में 220 दिन के शिक्षण कार्य का हवाला दे रही है, जबकि पूर्व निर्धारित अवकाश तालिका के अनुसार विद्यालयों में 253 दिन का शैक्षणिक कार्य किया जा रहा है.

ऐसे में यह स्पष्ट है कि सरकार की मंशा शिक्षकों के प्रति ठीक नहीं है. एक विशेष कर्मी को टारगेट करते हुए उनका शोषण और समाज में नीचा दिखाने की कार्रवाई की जा रही है.

अगर जारी पत्र अविलंब वापस नहीं होता है तो सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

रद्द हुई छुट्टी तो शिक्षिकाओं ने स्कूलों में ही बांधी भाइयों को राखी, बहन भी पहुंच गई स्कूल में शिक्षक भाई को राखी बांधने

Chhapra: शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों में रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द किए जाने के बाद गुरुवार को रक्षाबंधन का त्यौहार शिक्षक और शिक्षिकाओं ने स्कूलों में ही मनाया.

अपने कर्तव्य और दायित्व का निर्वहन करने के साथ-साथ सरकारी आदेश का पालन करते हुए शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति स्कूलों में दर्ज की. वही महिला शिक्षिकाओं ने अपने भाइयों को स्कूल परिसर में ही राखी बांधकर यह त्यौहार मनाया. इसके साथ-साथ शिक्षक की बहन भी स्कूलों में ही पहुंचकर शिक्षकों को राखी बांधी और इस त्यौहार को मनाया.

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा विगत दिनों शिक्षकों की छुट्टियों में संशोधन करते हुए कई छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है. जिसमें रक्षाबंधन जैसा प्रमुख त्योहार भी शामिल है. मुख्य रूप से महिलाओं के लिए बना यह त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया, लेकिन बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षिकाओं ने अपने भाई एवं बहन को बुलाकर यह त्यौहार मनाया.

शिक्षकों की छुट्टी रद्द होने के बाद गुरुवार को स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नगण्य रही बावजूद इसके शिक्षक और शिक्षिकाएं अपनी ड्यूटी बजा रहे थे.

रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द करने को लेकर शिक्षिकाओं में भारी आक्रोश था. जिले के कई हिस्से सहित राज्य के कई विद्यालयों में महिला शिक्षिकाओं ने न सिर्फ अपने मुंह पर काली पट्टी बांधी, वही सभी शिक्षकों ने हांथो में काली पट्टी बांधकर सरकार के प्रति आक्रोश जताया.

शिक्षक और शिक्षिकाओं का कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा विगत 3 महीने से लगातार तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है. ऐसे में विगत 29 अगस्त को जारी माध्यमिक शिक्षा के निदेशक के पत्र ने शिक्षकों में आक्रोश ला दिया है. आने वाले दिनों में पर्व और त्योहारों में निर्धारित अवकाश रद्द करने से शिक्षक और शिक्षिकाओं की परेशानी बढ़ गई है.

विभाग द्वारा निर्धारित अवकाश तालिका की छुट्टियों को रद्द करने के बाद वह व्रत और त्यौहार कैसे करेंगे यह चिंता सता रही है.

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। बुधवार को आसमान में अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिल रही है। खास बात यह है कि इस बार फुल मून, सुपरमून और ब्लू मून तीनों एक साथ दिखाई दे रहे हैं। चंद्रमा पृथ्वी के बेहद नजदीक है। इसलिए सुपर ब्लू मून वाले दिन चंद्रमा सामान्य पूर्णिमा से करीब 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा दिखाई देता है।

खगोलशास्त्री के मुताबिक चंद्रमा की कलाओं का चक्र लगभग एक महीने तक चलता है। आम तौर पर हर साल 12 पूर्णिमा दिखते हैं। चंद्रमा के चरणों को पूरा होने में वास्तव में 29.5 दिन लगते हैं, जिसका अर्थ है कि 12 चंद्र चक्रों को पूरा करने में केवल 354 दिन लगते हैं। इसलिए हर 2.5 साल में एक कैलेंडर वर्ष के भीतर 13वीं पूर्णिमा देखी जाती है। यह 13वीं पूर्णिमा को ही ब्लू मून कहा जा रहा है। इस बार अगस्त के महीने में दो बार सुपर मून देखने को मिला है। इसके साथ शनि ग्रह भी चांद के ठीक दाहिनी ओर ऊपर देखा जा सकता है।

नासा के अनुसार, ब्लू मून या सुपर मून को हर साल देखना आम है, जबकि सुपर ब्लू मून, जहां दोनों घटनाएं मेल खाती हैं, एक दशक में लगभग एक बार ही घटित होती है। इसलिए अगस्त 2023 की दूसरी पूर्णिमा है, जिसे ब्लू मून के रूप में भी जाना जाता है। अगले सुपर ब्लू मून की जनवरी 2037 तक उम्मीद नहीं है, जो इस आगामी घटना के महत्व को रेखांकित करता है।

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। चंद्रमा की सतह पर भ्रमण कर रहे प्रज्ञान रोवर ने नई जानकारी दी है। रोवर के भेजे गए सैंपल्स की जांच में सल्फर के मौजूदगी की पुष्टि हुई है। सल्फर, जीवन के लिए एक जरूरी तत्व है। प्रज्ञान रोवर को कई अन्य जरूरी एलिमेंट्स भी मिले हैं। हालांकि, हाइड्रोजन की खोज जारी है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तरफ से एक्स पर साझा की गई जानकारी के मुताबिक चंद्रमा पर सल्फर मिला है। चंद्रयान-3 मिशन प्रज्ञान रोवर पर लेजर बेस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण लगा है। इस उपकरण ने दक्षिण ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह पर सल्फर (एस) की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है। इसके साथ चंद्रमा पर एल्युमिनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैग्नीशियम, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता चला है। हालांकि, चंद्रमा पर हाइड्रोजन की खोज अभी की जा रही है।

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज कहा कि भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर मोदी सरकार झूठ बोलती है। राहुल गांधी बुधवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने हमारी सीमा में अतिक्रमण किया है। यह बात पूरा लद्दाख जानता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि लद्दाख में एक इंच भी ज़मीन नहीं गई है। यह झूठ है। पूरा लद्दाख जानता है कि चीन ने अतिक्रमण किया है।

राहुल ने कहा कि चीन ने जो मानचित्र जारी किया है, वह गंभीर मामला है। इस पर प्रधानमंत्री को कुछ बोलना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि चीन ने हाल ही में अपना नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी की ओर से कल भी आपत्ति जताई गई थी। कल कांग्रेस ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चार दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। उसके बाद भारत सरकार ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर सख्त लहजे में चीन से बात की है। इस मुलाकात के बाद अब चीन ने एक नक्शा जारी किया है, जिसमें वह अरुणाचल और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बता रहा है। कल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा था कि यह कैसा सख्त लहजा है कि चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा?

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ताजा अपडेट जारी किया है। इसरो ने बुधवार की सुबह प्रज्ञान रोवर द्वारा ली गई विक्रम लैंडर की एक तस्वीर साझा की है। ‘मिशन की छवि’ रोवर पर लगे नेविगेशन कैमरे द्वारा ली गई थी। चंद्रयान-3 मिशन के लिए नवकैम (नेवीगेशन कैमरा ऑनबोर्ड द रोवर) इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम प्रयोगशाला द्वारा विकसित किए गए हैं। यानि यह पूरी तरह से स्वदेशी कैमरा है।

इसरो द्वारा साझा की गई तस्वीरों में विक्रम लैंडर को दिखाया गया है, जिसमें उसमें लगे पेलोड चस्ते और इलसा और दिखाया गया है। प्रज्ञान रोवर के पास दो पेलोड है जबकि विक्रम लैंडर के पास तीन पेलोड हैं जो चंद्रमा की सतह पर विभिन्न प्रकार के शोध करेंगे।

नई दिल्ली, 30 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन पर लगे आरोपों से उन्हें बरी कर दिया है। समिति ने अपनी सिफारिश में अधीर रंजन के निलंबन को वापस लेने की मंजूरी प्रदान की है। यह समिति अपनी सिफारिश लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को देगी। इसके बाद ओम बिरला समिति की सिफारिश को स्वीकार करते हुए अधीर रंजन का निलंबन समाप्त करने की घोषणा करेंगे।

इससे पहले विशेषाधिकार समिति की बैठक में यह तय हुआ था कि अधीर रंजन को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। इसी बाबत आज की बैठक में अधीर रंजन ने विशेषाधिकार समिति के सामने अपनी बात रखी। इसमें उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहत करने का नहीं था। विशेषाधिकार समिति ने अधीर रंजन की बातों पर विश्वास करते हुए निलंबन खत्म करने का प्रस्ताव पारित किया। अब यह प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।

विशेषाधिकार समिति की पिछली बैठक में ही अधीर रंजन के खिलाफ मामले को खत्म करने पर लगभग सहमति बन चुकी थी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष द्वारा मामला विशेषाधिकार समिति को सौंपे जाने से इसकी रिपोर्ट बनानी जरूरी थी। इसलिए अधीर रंजन को विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर उनके विचार को जानना जरूरी हो गया था। ताकि विस्तृत रिपोर्ट में सारी बातें लिखी जा सकें।

पिछली बैठक में समिति के एक सदस्य ने यह बात रखी थी कि सत्र समाप्त हो जाने के बाद निलंबन का मामला स्वतः खत्म हो जाता है। उन्होंने समिति को इसके लिए ओडिशा विधानसभा में हुए निलंबन और हाई कोर्ट के फैसले का उदाहरण भी दिया था। इसी बैठक में सभी सदस्यों का यह मानना था कि मामला लोकसभा अध्यक्ष द्वारा भेजा गया है, इसलिए एक बार अधीर रंजन को भी बुलाया जाना चाहिए। ताकि पूरी रिपोर्ट बना कर लोकसभा अध्यक्ष के सामने भेजी जा सके और आगे की कार्रवाई लोकसभा अध्यक्ष करें।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था।

सरकारी स्कूलों में तीज और जीवित्पुत्रिका व्रत सहित 13 दिनों की छुट्टी समाप्त, मचा है सियासी घमासान

Chhapra: सरकारी विद्यालयों में दिसंबर 2023 तक के लिए जारी अवकाश तालिका में शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने संशोधन किया है. नई संशोधन के अनुसार दिसंबर तक की छुट्टी में तीज और जीवित्पुत्रिका व्रत के साथ जन्माष्टमी की छुट्टी को समाप्त कर दिया है. वही दुर्गापूजा, दीपावली एवं छठ की छुट्टियों में कटौती की गई है.

संशोधित अवकाश तालिका के अनुसार दुर्गापूजा में 3 दिन(रविवार सहित), दीपावली में 1 दिन ( रविवार), छठ में दो दिन रविवार सहित, के साथ अनंत/ हजरत साहब का जन्मदिन, क्रिसमस, चेहलुम, भैयादूज/ चित्रगुप्त पूजा में एक एक दिन की छुट्टी शामिल है.

इसके पूर्व जन्माष्टमी को एक दिन, तीज दो दिन, जीवित्पुत्रिका एक दिन, कार्तिक पूर्णिमा को एक दिन, दुर्गापूजा में 6 दिन की बजाय 2 दिन दिया जा रहा है.

छुट्टी को रद्द करने के खिलाफ शिक्षकों ने फूंका सीएम और अपर मुख्य सचिव का पुतला, निकाला आक्रोश मार्च

Bihar: सरकारी विद्यालयों में अवकाश तालिका में संशोधन को लेकर जारी निदेशक द्वारा जारी पत्र पर घमासान मच गया है. निदेशक द्वारा जारी पत्र में एक और जहां सरकारी विद्यालयों में कई निर्धारित अवकाश में संशोधन करते हुए छुट्टियों को कम किया गया है. वहीं दूसरी ओर तीज और जीवित्पुत्रिका जैसे व्रत की छुट्टी समाप्त कर दी गई है. माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा जारी पत्र के बाद शिक्षक संघों ने इसका कड़ा विरोध किया है.

शिक्षक संघ का कहना है कि राज्य सरकार की शिक्षक नियमावली में 60 दिनों की छुट्टी का प्रावधान है, जिसके आधार पर शिक्षक बहाली हुई है, लेकिन पत्र से उनकी छुट्टियां में कटौती की गई है.

शिक्षक संघों का कहना है कि तीज और जीवित्पुत्रिका, जन्माष्टमी जैसे पर्व त्योहार पर महिलाएं उपवास रहती है. इस परिस्थिति में इन दोनों छुट्टियों को समाप्त कर देना न्यायोचित नहीं है. वही दुर्गा पूजा में मिलने वाले 10 दिनों की छुट्टी में से पूर्व में राज्य सरकार द्वारा निर्गत अवकाश तालिका में 6 दिनों की छुट्टी निर्धारित की गई थी लेकिन अब महज तीन दिनों में ही दुर्गा पूजा की छुट्टी को निर्धारित किया गया है.

साथ ही साथ कार्तिक पूर्णिमा घोषित अवकाश को समाप्त कर दिया गया है.

माध्यमिक शिक्षा के निदेशक द्वारा जारी पत्र का कड़ा विरोध करते हुए राज्य के कई जिला एवं प्रखंड मुख्यालय पर शिक्षक संघ द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का पुतला दहन किया गया.

शिक्षकों ने आक्रोश मार्च निकालते हुए शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस पत्र का कड़ा विरोध किया गया. वहीं इस पत्र को अभिलंब वापस लेने की मांग की गई.

बताते चले की वर्ष 2023 में शिक्षा विभाग द्वारा पहली बार राज्य स्तर से सरकारी विद्यालयों के लिए अवकाश तालिका का निर्माण करते हुए उसे निर्गत किया गया था. जिससे कि राज्य के सभी जिलों में एक समान रूप से अवकाश तालिका का पालन हो सके साथ ही साथ एकरूपता के अनुसार विद्यालयों में अवकाश रहे. लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा जारी इस अवकाश तालिका में भी अगस्त के अंतिम तिथि पर संशोधित करते हुए विद्यालयों में निर्गत कई अवकाश के दिनों में फेर बदल किया गया है और 13 दिनों के अवकाश को रद्द एवं संशोधित कर दिया गया है.

हर साल की भाति इस साल भी रक्षाबंधन का त्योहार को लेकर बहुत ही संशय बना हुआ है। लोग भ्रम में पड़ गए है। कब इस त्योहार को मनाया जाये पंचांग के अनुसार यह त्योहार सावन की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई -बहन के स्नेह की डोर में बांधने वाला त्योहार है। इस दिन बहन भाई के हाथ में रक्षा बंधती है तथा मंगल की कमाना के चंदन का टिका लगाती है। रक्षाबंधन में राखी या रक्षा सूत्र का सबसे अधिक महत्व है रक्षाबंधन भाई -बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है।  राखी सामान्तः बहने भाई को ही बंधती है परन्तु ब्राह्मणों गुरुओ और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा समानित सम्बंधित के रूप में जैसे (पुत्री अपने पिता को ) प्रतिष्ठित व्यक्ति को राखी बंधी जाती है। 

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कैसे मिला भद्रा को शुभ कार्य करने से मनाही

भद्रा में शुभ कार्य करना शुभ नहीं होता है। यह शनि की तरह कड़क है जन्म लेते ही भद्रा यज्ञ में विध्य -बाधा करने लगती है। मंगल कार्यो में बाधा उत्पन करती है। एक बार ब्रह्मा जी ने भद्रा से कहा की हे भद्रे बव, बालव , कौलव, आदि करण के अंत में निवास करो तथा भद्रा के दौरान विवाह संस्कार, मुंडन संस्कार, यात्रा, यज्ञोपवीत, नया कार्य तथा रक्षा बंधन एवं मांगलिक कार्य करे उसमे में विध्न डालो इस तरह से उपदेश देकर ब्रह्मा जी अपने लोक चले गए उस समय से भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किया जाता है। 

रक्षाबंधन के दिन कब से बन रहा है भद्रा योग
भद्रा का शुरुआत 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार सुबह 10 :13 मिनट से
भद्रा काल की समाप्ति 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार रात्रि 08 :47 मिनट तक रहेगा। 
भद्रा का समय रक्षाबंधन करना निषिद्ध माना गया है सभी शुभ कायो के लिए भद्रा का त्याग करना चाहिए भद्रा के पूर्व -अर्ध भाग में व्याप्त रहती है अतः भद्रा काल में रक्षाबंधन नहीं करना चाहिए यह समय शुभ कार्यो के लिए शुभ नहीं होता है

पूर्णिमा कब से है जाने समय क्या है 
पूर्णिमा तिथि का शुरुआत 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार सुबह 10 :13 मिनट से .
पूर्णिमा तिथि का समाप्ति 31अगस्त 2023 दिन गुरुवार सुबह 07 :46 मिनट तक .

जाने क्या है रक्षाबंधन का शास्त्रीय नियम 
शास्त्रीय नियम के अनुसार रक्षाबंधन और 30 अगस्त दिन बुधवार को रात्रि 08 :48 मिनट से रक्षाबंधन मनाया जायेगा जाएगा। जो अगले दिन यानि 31अगस्त 2023 दिन गुरुवार को
सुबह 07:45 मिनट रक्षाबंधन किया जायेगा। धर्म सिंधु के अनुसार अपराह्न या प्रदोष व्यापिनी श्रावण शुक्ल रक्षाबंधन मनाया जाता है।  किंतु शर्त यह हैं कि उस समय भद्रा व्याप्त नही होनी चाहिए। उपरोक्त विवरण के अनुसार यह योग 30 अगस्त दिन बुधवार के रात में 8:48 मिनट के बाद मिल रहा है उस समय कर सकते है। 

धर्मसिन्धु के अनुसार क्या है रक्षाबंधन का निर्णय 

पूर्णिमायां भद्रारहितायां त्रिमुहुर्ताधिकोदय व्यापिन्यामपराह्ने प्रदोषे वा कार्यम्।
जैसा धर्मसिंधु में उल्लेख है कि भद्रायां द्वे न कर्तव्यम् श्रावणी फाल्गुनी वा। श्रावणी नृपतिं हन्ति,ग्रामों दहति फाल्गुनी।
अर्थात भद्रा काल में दो त्यौहार नहीं मनाने चाहिए.श्रावणी अर्थात रक्षाबंधन,भद्रा काल में रक्षाबंधन मनेगा तो राजा के लिए कष्टकारी है.

जानें, रक्षाबंधन पर भ्रम क्यों बना हुआ है

रक्षाबंधन का त्योहार भाई -बहन के प्रेम का प्रतिक है लौकिक व्यवहार में रक्षा विधान हमेशा सुबह के समय अथवा दोपहर में होता है इसीलिए इस दिन में उदया तिथि ली जाती है इस
बार इस तरह के कोई संयोग नहीं बन रहा है .इसलिए ऐसा कफुजन बना हुआ है . दूसरी कनफूजन यह है बहन अपने भाई के घर अपने ससुराल से आती है जो उनके रात्रि में आने जाने
को लेकर परेशानी होगा ऐसे लोग 31 अगस्त को रक्षाबंधन करे शास्त्रसमय अनुसार .

राखी बांधने का मंत्र:
येन बद्धो बलि राजा दानवेंद्रो महाबल:।
तेनत्वां प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।

 

संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

नई दिल्ली, 28 अगस्त (हि.स.)। चंद्रयान-3 मिशन को लेकर एक अपडेट सामने आया है। सोमवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्स पर जानकारी साझा की है कि 27 अगस्त को रोवर को अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित 4 मीटर व्यास वाला गड्ढा मिला। रोवर को पथ पर वापस जाने का आदेश दिया गया। यह अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।

इससे पहले रविवार को विक्रम लैंडर में लगे पेलोड ने चंद्रमा की सतह पर तापमान की जानकारी दी थी। चांद के दक्षिणी ध्रुव में अब प्रज्ञान ने खुदाई शुरू कर दी है। इस दौरान तापमान में बाहर और सतह के नीचे काफी अंतर देखने को मिला है, जिससे वैज्ञानिक हैरान हैं। चंद्रमा का तापमान 70 डिग्री सेल्सियस है लेकिन सतह से 10 सेंटीमीटर के अंदर यह 50 डिग्री सेल्सियस है।

 

 

देवी स्थानों पर गमाला पूजन का हुआ आयोजन

Chhapra: सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर एक और जहां शहर से लेकर गांव तक शिवालयों में जलाभिषेक को लेकर भक्तों की भीड़ जुटी रही, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र के देवी मंदिरों में गमाला पूजन का आयोजन किया गया.

गमाला पूजा को लेकर सुबह से ही गांव के देवी स्थान पर भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो चुकी थी, जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया भक्तों की भीड़ जुटने लगी.

जिले के लगभग सभी देवी स्थान पर इस पूजन का आयोजन किया गया, जिसमे शहर में रहने वाले लोगों ने भी अपनी उपस्थिति दिखाई.

गमाला पूजा देवी स्थान पर आयोजित की जाती है जिसमे प्रत्येक घर से माता की पूजा देवी स्थानों पर की जाती है. भक्तों ने पूजा करते हुए सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की. इस अवसर पर स्थानीय लोगों द्वारा पारंपरिक देवी गीत भी गया गया. जिसमें लोगों ने भाग लिया.

ग्रामीण क्षेत्रों में गमला पूजा को पूरे जोश एवं उत्साह के साथ मनाया गया.