Bihar: त्योहारों का मौसम शुरू होने ही वाला है। दशहरा, दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्व पर अपने घर लौटने वालों के लिए अच्छी खबर है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) ने खास इंतज़ाम किया है। बाहर के राज्यों से बिहार के अलग-अलग शहरों के लिए स्पेशल बस सेवा शुरू की जा रही है।

1 सितंबर से टिकट बुकिंग

इन बसों के लिए ऑनलाइन एडवांस टिकट की बुकिंग 1 सितंबर से शुरू होगी। इसके लिए यात्री निगम की आधिकारिक वेबसाइट bsrtc.bihar.gov.in पर जाकर टिकट बुक कर सकेंगे।

20 सितंबर से 30 नवंबर तक चलेगी बस सेवा

त्योहारों के सीजन को देखते हुए ये बसें 20 सितंबर से चलना शुरू होंगी और 30 नवंबर तक लगातार चलेंगी। यानी करीब ढाई महीने तक रोज़ाना लोगों को ये सुविधा मिलेगी।

कहां से कहां तक बसें चलेंगी

दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, पंचकूला, अंबाला, चंडीगढ़, पानीपत, कोलकाता और सिलीगुड़ी समेत कुल 12 शहरों से बसें बिहार के पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और पूर्णिया तक जाएंगी। यात्रियों की सुविधा के लिए एसी और डीलक्स दोनों तरह की बसें उपलब्ध रहेंगी।

नीतीश कुमार ने की थी घोषणा 

हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि छठ, होली, दीपावली और दुर्गा पूजा जैसे अवसरों पर बड़ी संख्या में बिहारवासी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पश्चिम बंगाल से घर लौटते हैं और इस दौरान उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। प्रवासियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बिहार से जुड़े अंतर्राज्यीय मार्गों पर 299 ए॰सी॰ और नॉन-ए॰सी॰ बसों के परिचालन की योजना बनाई है। इसके तहत 24 जून 2025 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 75 वातानुकूलित और 74 डीलक्स बसों की खरीद पर 105.82 करोड़ रुपये व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त लोक-निजी भागीदारी (पीपीपी मोड) के तहत 150 और ए॰सी॰ बसें चलाई जाएंगी। साथ ही पर्व-त्योहारों के समय प्रवासियों की बढ़ी हुई आवाजाही को देखते हुए केंद्र सरकार से विशेष ट्रेनों की अतिरिक्त व्यवस्था करने का अनुरोध भी किया जाएगा, ताकि लोगों को बिहार आने-जाने में अधिकतम सुविधा मिल सके।

त्योहारों में घर आने-जाने की दिक्कत को देखते हुए नीतीश सरकार का का ये फैसला यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। अब बिहार आने-जाने वालों को ट्रेन या अन्य साधनों की भीड़ से काफी हद तक छुटकारा मिल सकेगा।

Patna Metro: पटना की जनता के लिए बड़ी खुशखबरी है। जिस मेट्रो का इंतजार लोग लंबे समय से कर रहे हैं, उसका ट्रायल 20 अगस्त के बाद शुरू होने की संभावना है।

पहले 15 अगस्त से होना था ट्रायल

शुरुआती प्लान यह था कि मेट्रो का ट्रायल 15 अगस्त से शुरू किया जाए, लेकिन डिपो से जुड़े कुछ जरूरी काम पूरे न होने की वजह से यह टल गया। अब काम तेजी से पूरा किया जा रहा है और मेट्रो को ट्रैक पर उतारने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है।

सितंबर के अंत तक सेवा शुरू करने का लक्ष्य

पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PMRCL) ने लक्ष्य तय किया है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो सितंबर के आखिरी हफ्ते तक यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा शुरू कर दी जाएगी।
ट्रायल रन के दौरान ट्रेन की स्पीड, सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैक की सुरक्षा की जांच की जाएगी। सफलता मिलने पर आम लोग भी इसका फायदा उठा पाएंगे।

कहां से कहां चलेगी पहली मेट्रो?

पहला ट्रायल प्रायोरिटी कॉरिडोर पर होगा, जो मलाही पकड़ी से न्यू आईएसबीटी तक बनाया गया है। इस रूट में कुल 5 स्टेशन होंगे—

  • न्यू आईएसबीटी
  • मलाही पकड़ी
  • खेमनीचक
  • भूतनाथ रोड
  • बाईपास

पटना में रोजाना जाम से लोग परेशान रहते हैं। मेट्रो चलने के बाद न सिर्फ सफर आसान होगा बल्कि ट्रैफिक और प्रदूषण दोनों से राहत मिलेगी। अब बस ट्रायल का इंतजार तेजी से चल रहे काम के बीच अब लोगों की नजरें सिर्फ पहले ट्रायल रन पर टिकी हैं। जैसे ही यह सफल होगा, पटना की जनता को अपनी पहली मेट्रो की सवारी करने का मौका मिल जाएगा।

Patna, 13 अगस्त (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य की नदियों के जलस्तर की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी ली।

सरकार में आने के बाद से ही हमलोग आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं: मुख्यमंत्री

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहे। साथ ही प्रभावित लोगों को यथाशीघ्र और पूरी संवेदनशीलता के साथ मदद करें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी से करते रहें। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से ही हमलोग आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। मॉनसून के पूर्व संभावित बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य आपदाओं को लेकर तैयारियों की समीक्षा की जाती है और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सभी को कार्य करने के निर्देश दिए जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच आनुग्रहिक राहत की राशि (जीआर) का वितरण जल्द से जल्द करायें। बाढ़ के दौरान हुई फसल क्षति को लेकर किसानों के बीच राशि का भुगतान कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का पुनर्स्थापन कार्य कराना सुनिश्चित करे, ताकि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

बाढ़ से  25 लाख आबादी प्रभावित हुई है

इससे पहले बैठक में विकास आयुक्त सह आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों तथा नदियों के जलस्तर के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिक बारिश के कारण गंगा नदी के किनारे के 10 जिले भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर एवं कटिहार विशेष रूप से प्रभावित हुये हैं। बाढ़ से इन 10 जिलों के 54 प्रखंडों की 348 पंचायतों की 25 लाख आबादी प्रभावित हुई है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 7 टीमें और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 9 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। 60 मोटर बोट और 1233 नाव लगातार कार्यरत हैं। अब तक 52 हजार 573 पॉलीथीन शीट और 1800 सूखा राशन पैकेट प्रभावित लोगों के बीच वितरित किया गया है। बाढ़ राहत कैंपों में प्रभावित लोगों के लिए एसओपी के अनुसार सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। अभी तक सामुदायिक रसोई केंद्र में 13 लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है। जानवरों के लिए पशु चारा एवं चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।

Patna, 13 अगस्त (हि.स.)। बिहार में मुख्य विपक्षी दल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकता है। इसका निर्णय बिहार की जनता से और विचार-विमर्श करने बाद लिया जाएगा। राजद के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बुधवार को एक पत्रकार वार्ता में इसकी जीनकारी दी।

गंभीरता से विचार करेंगे कि विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेना है या नहीं : तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने पटना में पोलो रोड स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में कहा कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर सकती हैं। 17 अगस्त से वे राहुल गांधी के साथ ‘वोट अधिकार यात्रा’ में शामिल होंगे, जिसके दौरान लोगों से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। यात्रा के बाद वे और उनकी पार्टी के नेता इस बात पर गंभीरता से विचार करेंगे कि विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेना है या नहीं।

तेजस्वी यादव ने कहा,” जब चुनाव आयोग पहले से ही सब कुछ तय कर चुका है, तो इस पर भी गौर किया जा सकता है कि हम चुनाव में हिस्सा न लें।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की जा रही हैं।

तेजस्वी यादव ने दावा किया कि मुजफ्फरपुर की मेयर और भाजपा की वरिष्ठ नेता निर्मला देवी का नाम दो अलग-अलग मतदाता सूची में दर्ज है। उन्होंने कहा कि एक ही विधानसभा क्षेत्र में उनके दो-दो ईपीक कार्ड बने हुए हैं और दोनों में उम्र भी अलग-अलग दर्ज है। यही नहीं, निर्मला देवी के दो देवरों के नाम भी दो-दो स्थानों पर दर्ज हैं और उनके पास भी अलग-अलग ईपीक आईडी हैं।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि भाजपा के संगठन मंत्री भिखू भाई दलसानिया का नाम भी बिहार की मतदाता सूची में दर्ज है, जबकि वे मूल रूप से गुजरात के हैं। आखिरी बार उन्होंने गुजरात में वोट दिया, वहां से नाम कटवाया और अब बिहार में वोट देंगे। संभव है कि चुनाव के बाद यहां से भी नाम कटवा कर फिर गुजरात में वोट दें।

अपनी हार देख विपक्ष चुनाव बहिष्कार की बात कर रहा विपक्ष : विजय सिन्हा

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव के आरोपों पर तंज कसते हुए कहा कि अगर उन्हें लोकतंत्र पर भरोसा होता तो वे चुनाव बहिष्कार की बात नहीं करते। अपनी हार तय मानकर ये लोग चुनावी मैदान से भागने की कोशिश कर रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि जो लोग संविधान पर भरोसा नहीं रखते, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष केवल बेबुनियाद आरोप लगाकर राजनीति कर रहा है और नियम-कानून की परवाह नहीं करता।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री भीखू भाई दलसानिया का नाम बिहार के वोटर लिस्ट में जुड़ने के सवाल पर विजय सिन्हा ने कहा कि अब “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की बात चल रही है। अगर कोई व्यक्ति किसी जगह पर सालों से रह रहा है, तो उसे उस जगह पर वोट डालने का अधिकार है। यह कानून के दायरे में है।
तेजस्वी यादव की ओर से उम्र को लेकर लगाए गए आरोप पर विजय सिन्हा ने कहा, ” मैं उन्हें नोटिस भेजूंगा। वे अपनी डिग्री दिखाएं और बताएं कि उसमें उनकी उम्र क्या दर्ज है? “।

Bihar: मंगलवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक खास पोर्टल शुरू किया, जिसके जरिए अब राज्य में कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत मिलने और खर्च होने वाले पैसों की पूरी जानकारी सबको मिलेगी।

पूरे देश में हर साल सीएसआर के तहत 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होते हैं

सम्राट चौधरी ने बताया कि यह पोर्टल सरकार, कंपनियों, एनजीओ और आम लोगों के बीच एक मजबूत पुल का काम करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में बिहार को सीएसआर के तहत 3 से 5 हजार करोड़ रुपये तक मिल सकते हैं।

अभी पूरे देश में हर साल सीएसआर के तहत 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होते हैं, लेकिन बिहार में यह रकम 300 करोड़ रुपये से भी कम है। सरकार चाहती है कि यह रकम बढ़े और सही तरीके से राज्य और समाज के कामों में इस्तेमाल हो।

इसमें हर कंपनी का होगा हिसाब 

वित्त विभाग ने इस पोर्टल को बनाया है। इसमें हर कंपनी का हिसाब होगा। किसने कितने पैसे दिए, वह पैसा कहां और कैसे खर्च हो रहा है, और काम की प्रगति कितनी है। पहले यह जानकारी समय पर और खुलकर सामने नहीं आती थी, लेकिन अब कोई भी इसे देख सकेगा।

कार्यक्रम में वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने पोर्टल की खूबियां बताईं। इस मौके पर विभाग के विशेष सचिव मुकेश कुमार लाल, रचना पाटिल, महावीर शर्मा, एनटीपीसी के जीएम अनिल कुमार चावला, इंडसइंड बैंक की रीजनल मैनेजर आराधना गिरि समेत कई अधिकारी और कॉरपोरेट जगत के लोग मौजूद थे।

कौन देता है सीएसआर का पैसा?

कानून के मुताबिक, अगर किसी कंपनी की सालाना शुद्ध संपत्ति 500 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा हो, सालाना कारोबार 1000 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा हो, या सालाना शुद्ध मुनाफा 5 करोड़ रुपये से ऊपर हो, तो उसे सीएसआर पर खर्च करना जरूरी है। कंपनी को पिछले तीन साल के औसत मुनाफे का कम से कम 2% इस काम में लगाना होता है।

Patna, 12 अगस्त (हि.स.)। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने ग्रामीण इलाकों में भूमि संबंधी मामलों को सरल और तेज बनाने के लिए मुखिया और सरपंचों को भी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया है। यह बदलाव विशेष तौर पर राजस्व महाअभियान को देखते हुए किया गया है, ताकि पुराने मामलों में नामांतरण और उत्तराधिकार की प्रक्रिया में तेजी आ सके।

इस फैसले से पुराने लंबित भूमि विवाद और नामांतरण के मामलों का निपटारा तेजी से हो सकेगा

बिहार में भूमि राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिला समाहर्ताओं को पत्र भेजकर इस नई व्यवस्था की जानकारी दी है। 10 अगस्त को पटना स्थित राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में पंचायत प्रतिनिधियों के संघों के साथ हुई बैठक में यह सुझाव आया था कि जिन मामलों में रैयत या जमाबंदीदार की मृत्यु वर्षों पहले हो चुकी है और प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, वहां प्रक्रिया को आसान बनाया जाए।

राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद अब ऐसे मामलों में उत्तराधिकारी द्वारा सफेद कागज पर स्व-घोषणा पत्र देकर पंचायत के मुखिया या सरपंच से हस्ताक्षर कराकर अभिप्रमाणित कराना पर्याप्त होगा। इसके अलावा, अगर वंशावली में किसी सदस्य के नाम के साथ ‘मृत’ दर्ज है, तो उसे भी मान्य प्रमाण माना जाएगा। सरकार का मानना है कि इस फैसले से पुराने लंबित भूमि विवाद और नामांतरण के मामलों का निपटारा तेजी से हो सकेगा।

राज्य सरकार ने इससे पहले भी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए एक साल से अधिक पुराने मामलों के लिए प्रखण्ड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) और नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारियों को अधिकार दिया था, ताकि आवेदन लंबित न रहें।

यह कदम गांव से लेकर शहर तक प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और सुलभ बनाने की दिशा में नीतीश सरकार का एक और महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है।

Patna, 12 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को 125 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के लाभुकों से संवाद किया। इस संवाद कार्यक्रम के माध्यम से 16 लाख विद्युत उपभोक्ता जुड़े। मुख्यमंत्री ने सभी उपभोक्ताओं से सीधे संवाद किया तथा उनकी राय जानी।

सभी घरेलू उपभोक्ताओं को अब प्रति माह 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का निर्णय लिया है: मुख्यमंत्री 

संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग सभी घरेलू उपभोक्ताओं को अब प्रति माह 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का निर्णय लिया है। इसे राज्यभर में लागू भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 से पहले राज्य में बिजली का काफी बुरा हाल था। राजधानी पटना में भी 7-8 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं रहती थी। 24 नवम्बर, 2005 को राज्य में हमलोगों की सरकार बनने के बाद बिजली के क्षेत्र में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर काम किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा विभाग का बजट बढ़ाया गया तथा बिजली की आपूर्ति बढ़ायी गयी। इसके बाद राज्य के सभी गांवों एवं टोलों में बिजली पहुंचाई गयी। वर्ष 2015 में सात निश्चय योजना के अन्तर्गत ‘हर घर बिजली’ निश्चय की शुरूआत कर हर घर को बिजली देने का काम निर्धारित समय से दो माह पूर्व अक्टूबर, 2018 में पूरा कर लिया गया। इसके बाद जो भी नए घर या टोले बने हैं, उन सभी को बिजली पहुंचा दी गयी है।

सरकार द्वारा सौर ऊर्जा (सोलर इनर्जी ) को भी बढ़ावा दिया जा रहा है

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग शुरू से ही सभी लोगों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराते रहे हैं। बिजली खरीदने में सरकार का काफी ज्यादा पैसा खर्च होता है। लेकिन लोगों को लागत से काफी कम दर पर देना पड़ता रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के हित में हमने यह तय कर दिया है कि जुलाई माह के बिल से ही राज्य के लगभग सभी घरेलू उपभोक्ताओं को अब प्रति माह 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जायेगी। इसे लागू कर दिया गया है तथा इससे राज्य के 1 करोड़ 89 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा सौर ऊर्जा (सोलर इनर्जी ) को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। सभी सरकारी भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा (सोलर) संयंत्र लगाये गये हैं। अब यह भी तय किया गया है कि सभी इच्छुक घरेलू उपभोक्ताओं को राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा का लाभ दिया जाएगा।

आज के कार्यक्रम में लगभग 16 लाख लोग शामिल

उन्होंने कहा कि आज पूरे राज्य में अनेक जगहों पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है। आज के कार्यक्रम में लगभग 16 लाख लोग शामिल हैं। साथ ही इस कार्यक्रम में सभी जिलों के प्रभारी मंत्री एवं अन्य सम्मानित जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित रहे हैं। इस कार्यक्रम में कुछ घरेलू उपभोक्ताओं ने अपनी बात भी कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ” ऊर्जा तथा योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव शुरू से ही सब काम देख रहे हैं। मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिये ऊर्जा विभाग और ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव को धन्यवाद देता हूं।”

उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि इस नई पहल से बिजली उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है। राज्य सरकार इसी तरह से राज्यवासियों के हित में लगातार काम करती रहेगी। आज के इस कार्यक्रम से जुड़े हुए सभी बिजली उपभोक्ताओं को धन्यवाद देता हूं।

मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास 1, अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। आज के कार्यक्रम में सभी जिलों के विद्युत उपभोक्ता जुड़े हुए थे। सुपौल, नालंदा, मुजफ्फरपुर एवं गयाजी जिले की महिला उपभोक्ताओं ने मुख्यमंत्री के साथ संवाद भी किया।

Patna 11 अगस्त (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना के पश्चिमी क्षेत्र के लिए 766.73 करोड़ रुपये की लागत वाली पथ निर्माण विभाग की 6 योजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इन योजनाओं का काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है।

6 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोलंबर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रगति यात्रा के दौरान पटना जिलान्तर्गत की गई घोषणाओं से संबंधित 138.5 करोड़ रुपये लागत की एम्स गोलंबर-जानीपुर-पैनापुर नेव (जंक्शन ऑफ बिहटा सरमेरा पटना रिंग रोड)(कुल लंबाई 10.5 किमी) पथ के 2 लेन चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का शिलान्यास किया। साथ ही 73.06 करोड़ की लागत से नौबतपुर-मसौढ़ी पथ के 17वें किलोमीटर में नौबतपुर लख में फ्लाईओवर (लंबाई 1.015 किमी) निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया।

इसके पश्चात् कोथवां, रुपसपुर नहर पर आयोजित कार्यक्रम स्थल से मुख्यमंत्री ने 71.48 करोड़ रुपये की लागत की पटना जिलान्तर्गत खगौल नेहरु पथ का अशोक राजपथ-रुपसपुर नहर पथ तक फोर लेन (कुल लंबाई 6.9 किमी) चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का शिलान्यास किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने नेहरु पथ पर पाटली पथ के नीचे आयोजित कार्यक्रम स्थल से 143.86 करोड़ रुपये की लागत से दीघा-एम्स पाटली पथ को दानापुर की तरफ नेहरु पथ से संपर्कता प्रदान करने के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।

गोला रोड के चौड़ीकरण से पश्चिमी पटना के नए विकसित क्षेत्र के निवासियों को आवागमन में सुविधा होगी

नेहरु पथ पर पाटली पथ के नीचे आयोजित कार्यक्रम स्थल से ही 318.51 करोड़ रुपये की लागत से पटना जिलान्तर्गत रुपसपुर नहर से सगुना मोड़ तक नेहरु पथ (कुल लंबाई 2.7 किमी) के दोनों तरफ भूमिगत नाला के साथ पथ के निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य का भी मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया। नेहरु पथ पर पाटली पथ के नीचे आयोजित कार्यक्रम स्थल से ही मुख्यमंत्री ने 21.35 करोड़ रुपये की लागत से नेहरु पथ से गोला रोड (कुल लंबाई 2.20 किमी) पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का शिलान्यास किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि प्रगति यात्रा के दौरान पटना जिला के लिए की गई घोषणाओं से संबंधित पटना शहरी (पश्चिमी क्षेत्र) के अंतर्गत पथ निर्माण विभाग की 6 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। इन योजनाओं पर शीघ्र काम शुरु कर तेजी से पूर्ण करें।

उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन से पटना शहरी (पश्चिमी क्षेत्र) में आम लोगों के लिए यातायात काफी बेहतर होगा तथा जाम की समस्या में कमी आएगी। साथ ही नेहरु पथ से पाटली पथ होते हुए जेपी सेतु तथा एम्स तक पुहंचना आसान होगा। गोला रोड के चौड़ीकरण से पश्चिमी पटना के नए विकसित क्षेत्र के निवासियों को आवागमन में सुविधा होगी।

Patna, 10 अगस्त (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को अपने आवास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अन्तर्गत 1 करोड़ 12 लाख से अधिक पेंशनधारियों के खाते में 1247.34 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित किया। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लाभार्थियों को जुलाई माह की 1100 रुपये की पेंशन राशि उनके खाते में अंतरित की गई है।

प्रत्येक माह की 10 तारीख को सभी लाभुकों के खाते में पेंशन की राशि भेजने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत सभी वृद्धजनों, दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं को आज 1100 (ग्यारह सौ) रुपये जुलाई माह की पेंशन की राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई है। प्रत्येक माह की 10 तारीख को सभी लाभुकों के खाते में पेंशन की राशि भेजने का निर्देश मेरी ओर से पहले ही दिया गया है। समय पर पेंशन की राशि लाभुकों के खाते में पहुंचने से उन्हें सहूलियत होगी। कोई भी योग्य सामाजिक पेंशनधारी छूटे नहीं, इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। जो भी सामाजिक पेंशनधारी छूटे हुये हैं, उनको भी इसका शीघ्र लाभ दिलाने का निर्देश उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया।

पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जून माह से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत वृद्धजनों, दिव्यांगजनों एवं विधवा महिलाओं को हर माह मिलने वाली पेंशन की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दी गयी है। इस निर्णय के आलोक में 11 जुलाई, 2025 को मेरे द्वारा कुल 1 करोड़ 11 लाख लाभुकों को 11-11 (ग्यारह-ग्यारह )सौ रुपये प्रति लाभुक की दर से जून माह की राशि उनके बैंक खाते में सीधे भेज दी गयी। इस काम में राज्य सरकार के द्वारा कुल 1 हजार 2 सौ 27 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गयी।

विगत एक माह में लगभग 1 लाख नये लाभुक पेंशन योजना के तहत जोड़े गये हैं: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि विगत एक माह में लगभग 1 लाख नये लाभुक पेंशन योजना के तहत जोड़े गये हैं। इस प्रकार जुलाई माह में लगभग 1 करोड़ 12 लाख लाभुकों को 11-11 सौ रुपये की दर से पेंशन की राशि उनके खाते में मेजी जायेगी। इस काम में राज्य सरकार के द्वारा कुल 1 हजार 2 सौ 47 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा रही है। उन्होंने कहा कि 24 नवंबर, 2005 को सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने राज्य के विकास के लिए लगातार काम किया है। हमने शुरू से ही सभी वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई है। समाज के कमजोर तबकों के हित के लिए हमलोग निरंतर काम कर रहे हैं।

बिहार में 06 सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है

उल्लेखनीय है कि बिहार में 06 सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें 03 केन्द्र सरकार द्वारा तथा 03 पेंशन योजनाएं राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही हैं। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय पेंशन योजना में इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना और इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना शामिल हैं, जबकि राज्य पेंशन योजना में लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, बिहार निःशक्तता पेंशन योजना और मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना शामिल है।

Patna, 09 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 अगस्त को 125 यूनिट बिजली फ्री पर उपभोक्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री उपभोक्ताओं से सीधा बातचीत करेंगे। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रत्येक विद्युत आपूर्ति प्रशाखा में 4 संवाद स्थल निर्धारित किए गए हैं। साथ ही जिला स्तर पर भी विद्युत आपूर्ति प्रमंडल में भी संवाद स्थलों का चयन किया गया है।

बिजली की खपत में 125 यूनिट घटा कर बिजली बिल का भुगतान करना होगा

नीतीश सरकार ने घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को 125 यूनिट प्रतिमाह फ्री बिजली देने का फैसला लिया है। जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिल रहा है। जिनकी बिजली खपत 125 से कम है उन्हें बिजली मुफ्त मिलेगी। लेकिन जिन उपभोक्ताओं का बिजली खपत ज्यादा है उन्हें बिजली की खपत में 125 यूनिट घटा कर बिजली बिल का भुगतान करना होगा। इससे बिजली उपभोक्ताओं को हर महीने 700 रुपये तक की बचत होगी।

ग्रामीण उपभोक्ता को भी 500 सौ से ज्यादा का फायदा होगा।

मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम के संबंध में बिजली कंपनी की ओर से जानकारी दी गयी है। इस संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्धेश्य बिजली उपभोक्ता से संवाद करना है। इस स्कीम से वो कितने खुश हैं इस बात का पता लग सके। बिजली कंपनी के मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार, मुफ्त बिजली सुविधा को लागू करने के लिए स्मार्ट मीटर के सर्वर में आवश्यक बदलाव किए गए हैं, जिनका ट्रायल आज किया जा रहा है। सर्वर के सफल संचालन की पुष्टि के बाद उपभोक्ताओं के जुलाई महीने के बिल में 125 यूनिट की राशि स्वतः क्रेडिट की जाएगी। इसी प्रकार पोस्टपेड उपभोक्ताओं के बिल में भी 125 यूनिट का चार्ज घटाकर शेष राशि का ही भुगतान करना होगा।

दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) के राजस्व महाप्रबंधक अरविंद कुमार ने बताया कि सभी उपभोक्ताओं की बिलिंग तिथि अलग-अलग होती है। जिस दिन किसी उपभोक्ता का बिल बनेगा, उस दिन से उसे जुलाई की खपत पर 125 यूनिट की छूट का लाभ मिलेगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को उनके खाते में बैलेंस क्रेडिट किया जाएगा, जबकि पोस्टपेड उपभोक्ताओं के बिल में सीधे 125 यूनिट का मूल्य घटा दिया जाएगा।

यूनिट के हिसाब से यह होगा दर का ढांचा

नए दर ढांचे के अनुसार, 125 यूनिट तक बिल 0 रुपये रहेगा। कुटीर ज्योति उपभोक्ताओं को 2.45 प्रति यूनिट,शहरी घरेलू (श्रेणी-1 और 2) उपभोक्ताओं को 5.52 प्रति यूनिट,शहरी घरेलू (श्रेणी-3) उपभोक्ताओं को 5.42 प्रति यूनिट और कुछ उपभोक्ता वर्ग जैसे ग्रामीण और शहरी घरेलू-3 की एकल स्लैब व्यवस्था है, इसलिए उन्हें केवल उनकी श्रेणी के अनुसार प्रति यूनिट भुगतान करना होगा।

Patna, 7 अगस्त (हि.स.)। अयोध्या के भव्य राममंदिर की तर्ज पर बिहार के पुनौराधाम में माता जानकी मंदिर का शिलान्यास 8 अगस्त यानी शुक्रवार काे हाेना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंदिर परिसर की आधारशिला रखेंगे। इस समाराेह काे लेकर भव्य तैयारियां की जा रही हैं।

मंदिर शिलान्यास के लिए 31 पवित्र नदियों का जल लाया जाएगा

मंदिर शिलान्यास के लिए जयपुर से विशेष चांदी के कलश, भारत के 21 प्रमुख तीर्थों की मिट्टी और 31 पवित्र नदियों का जल लाया जाएगा। दक्षिण भारत के बालाजी मंदिर तिरुपति के समान यहां 50 हजार पैकेट लड्डू बनाए जा रहे हैं। लड्डू बनाने के लिए दक्षिण भारत के विशेषज्ञ कारीगर खासतौर पर आए हैं। इन लड्डुओं का संकल्प स्नान गंगा सहित 11 पवित्र नदियों के जल से किया जाएगा, जो कार्यक्रम की दिव्यता को और बढ़ाएगा।

मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए हाेंगे आधुनिक सुविधाएं मंदिर का निर्माण 67 एकड़ में होगा, जिसमें 151 फीट ऊंचा भव्य मंदिर तैयार किया जाएगा, जिसकी योजना वर्ष 2028 तक पूरा होने की है। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं शामिल होंगी। इसमें यज्ञ मंडप, संग्रहालय, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र, धर्मशाला, सीता वाटिका, लवकुश वाटिका, भजन संध्या स्थल, यात्री डॉरमेट्री भवन, यात्री अतिथि गृह, ई-कार्ट स्टेशन, मिथिला हाट, पार्किंग, मार्ग प्रदर्शनी समेत अन्य सुविधाएं शामिल हैं।

मंदिर निर्माण परियोजना पर लगभग 882 करोड़ 87 लाख रुपये का खर्च अनुमानित है

मंदिर परिसर में माता सीता से जुड़े ऐतिहासिक साक्ष्यों, तथ्यों और कहानियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को धार्मिक एवं सांस्कृतिक ज्ञान भी प्राप्त होगा। इसके अलावा, माता जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। इस भव्य आयोजन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा कई केंद्रीय और राज्यमंत्री भाग लेंगे। साथ ही राज्य और देश भर से बड़ी संख्या में साधु-संत तथा हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए उपस्थित होंगे।

मंदिर निर्माण परियोजना पर लगभग 882 करोड़ 87 लाख रुपये का खर्च अनुमानित है। जो न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बनेगा, बल्कि क्षेत्र का पर्यटन एवं सांस्कृतिक विकास भी करेगा। यह परियोजना मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Patna, 6 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के ऐतिहासिक बांस घाट क्षेत्र में प्रस्तावित “बिहार गौरव उद्यान – वेस्ट टू वंडर थीम पार्क” का विधिवत शिलान्यास बुधवार काे किया।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 65 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा यहां स्थापित की जाएगी

यह पार्क भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की स्मृति को समर्पित होगा और उनकी 65 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा यहां स्थापित की जाएगी। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री नितिन नवीन, नगर आवास विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, तथा कई कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

यह पार्क पर्यावरणीय पहल का प्रतीक बनेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा: नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार अब तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। अब निवेशक बिहार की ओर आकर्षित हो रहे हैं। यहां उद्योगों की स्थापना हो रही है और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।

उन्हाेंने कहा कि यह पार्क न केवल राज्य की धरोहर और पर्यावरणीय पहल का प्रतीक बनेगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। बांस घाट स्थित यह स्थल आने वाले समय में पटना का प्रमुख आकर्षण बन सकता है। इसके निर्माण से आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलने की भी उम्मीद है।

महान विभूतियों को प्रदर्शित करने वाली मूर्तियाँ और संरचनाएं स्थापित की जाएंगी

इस थीम पार्क को 10 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा और इसकी अनुमानित लागत 15 करोड़ रुपये है। पार्क में ठोस अपशिष्ट पदार्थों से कलात्मक स्मारकों का निर्माण किया जाएगा। यहां बिहार की समृद्ध कला, संस्कृति, इतिहास, और राज्य की महान विभूतियों को प्रदर्शित करने वाली मूर्तियाँ और संरचनाएं स्थापित की जाएंगी।

माैके पर माैजूद मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि यह पार्क न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा, बल्कि बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को भी नई पीढ़ी तक पहुंचाएगा। हम अपने गौरव डॉ. राजेंद्र प्रसाद की स्मृति को सहेजने के लिए यह पार्क बना रहे हैं।

नगर आवास विकास मंत्री जीवेश मिश्रा ने बताया कि यह पार्क पूरी तरह से खास होगा। इसमें बिहार की हर प्रमुख विभूति की प्रतिमा लगाई जाएगी। एक ही जगह पर लोग डॉ. राजेंद्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, वीर कुंवर सिंह, बिंदी तिवारी जैसी ऐतिहासिक हस्तियों को देख सकेंगे। यहां 65 फीट ऊंची डॉ. राजेंद्र प्रसाद की भव्य मूर्ति भी लगाई जाएगी।