Chhapra: प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर जिले में कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. शहर के नगरपालिका चौक पर स्थापित देशरत्न की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया. इस अवसर डीआईजी विजय कुमार वर्मा, एसपी हरकिशोर राय, कांग्रेस जिलाध्यक्ष कामेश्वर सिंह, शिक्षक नेता समरेन्द्र बहादुर, राजद जिलाध्यक्ष जिलानी मोबिन समेत अन्य लोगों ने माल्यार्पण किया.

वही इस अवसर पर राजेन्द्र स्मारक ट्रस्ट में राष्ट्रध्वज फहराया गया. यहाँ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने ध्वजारोहण किया.

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि संविधान सभा के अध्यक्ष रहे राजेन्द्र बाबू की जयंती पर उन्हें तिरस्कृत किया जा रहा है. उनकी जयंती के अवसर पर छुट्टी होनी चाहिए. राजेन्द्र बाबू की जयन्ती राष्ट्रीय समारोह के रूप में मनाई जानी चाहिए. सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. दूसरे नेताओं की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है पर संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भी प्रथम राष्ट्रपति की जयंती ना मनाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.    

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जबकि परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेन्द्र बहादुर ने केंद्र और राज्य सरकार से छुट्टी की मांग करते हुए कहा कि आज ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार को छुट्टी की घोषणा करनी चाहिए.

Chhapra: देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर जिला स्कूल में कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.

सबसे पहले जिला स्कूल परिसर में स्थापित प्रथम राष्ट्रपति की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. तत्पश्चात राजेंद्र वाटिका में प्राचार्य संजय शेखर दिवेदी के नेतृत्व में पौधारोपण किया गया.

जिला स्कूल में पौधारोपण करते गणमान्य लोग और बच्चे 

प्राचार्य ने बताया कि इस वर्ष एग्जाम के कारण बड़ा आयोजन नहीं हो सका है. अगले वर्ष राजेंद्र जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती छात्रों के द्वारा मेडिकल कैंप भी लगाया गया जिसमें पूर्ववर्ती छात्र डॉक्टर आरसी ठाकुर और डॉ एस के पांडे ने मेडिकल जांच की.

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बताते चलें कि प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा छपरा जिला स्कूल से ही ग्रहण की थी. वे अविभाजित सारण के जीरादेई (अब सीवान जिला) के निवासी थे.

Chhapra: भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने जिस विद्यालय में पढ़कर शिक्षा ग्रहण की उस विद्यालय को आज लोग जिला स्कूल के नाम से कम शिक्षा विभाग के दफ्तर के नाम से ज्यादा जानते है. विद्यालय का पता विद्यार्थियों के नामांकन के लिए कम विभागीय पत्र को भेजने के लिए ज्यादा होता है.

जिला स्कूल में दो विद्यालय संचालित किए जाते है. एक वह विद्यालय जहां डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने शिक्षा ग्रहण की थी वही वर्षों पूर्व इसी परिसर में जिला स्कूल नवस्थापित की स्थापना की गई. जिला स्कूल में अब वर्ग 9 से 10 एवं 11 और 12 वी कक्षा तक की पढ़ाई की होती है.

वही जिला स्कूल नवस्थापित विद्यालय सिर्फ कक्षा 10 तक ही संचालित होता है. दोनों विद्यालय में करीब 1200 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते है. वही शिक्षकों की संख्या जिला स्कूल के माध्यमिक में 2 और उच्चतर मध्यमिक में 15 से अधिक है साथ ही 4 चपरासी भी कार्यरत है. नवस्थापित विद्यालय में माध्यमिक के 07 शिक्षक है जबकि उच्चतर माध्यमिक में शिक्षक नही रहने के कारण मान्यता मिलने के बावजूद भी छात्रों का नामांकन नही लिया जाता है. 

जिला स्कूल में भवनों की संख्या पर्याप्त है. देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने जिन वर्ग कक्षों में शिक्षा प्राप्त की थी आज उन कमरों के अलावे दो दर्जन से अधिक कमरे दोनों ही विद्यालयों के नाम पर है. लेकिन अफ़सोस की उन दो दर्जन कमरों में से महज एक 12 कमरों में ही छात्र शिक्षा ग्रहण करते है अन्य चार पांच कमरों में विद्यालय का कार्यालय चलता है. वही शेष सभी कमरों में शिक्षा विभाग द्वारा अतिक्रमण है.

जिला स्कूल में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के अलावे जिला कार्यक्रम पदाधिकारी लेखा योजना, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आरएमएसए एवं साक्षरता, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन का कार्यालय है. जहां पदाधिकारियों के व्यक्तिगत कक्ष के अलावे दो से तीन कमरे कार्यालय के काम के लिए अतिक्रमण में है. विद्यालय परिषर में पूरे दिन शिक्षकों और आमजन की भीड़ जमा रहती है जिससे छात्रों को पठन पाठन में ज्यादा कठिनाई होती है.

विगत दिनों चली थी गोली

जिला स्कूल परिसर में किसी व्यक्तिगत कारणों से विगत दिनों गोली चलने की वारदात हुई थी. जिससे छात्रों में भय का माहौल व्याप्त है. आये दिन कार्यालय परिसर में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन वाद विवाद होना आम बात है. जिससे विद्यालय का शैक्षणिक माहौल पूरी तरह से बिगड़ चुका है.

शिक्षा विभाग के सचिव ने भेजा है पत्र

सूबे के उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक अवरोध की समाप्ति को लेकर शिक्षा विभाग के सचिव रोबर्ट एल चोंगथू द्वारा दिनांक 7 नवंबर 17 को पत्र निर्गत करते हुए सभी जिला पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया था.

जारी पत्र में छात्रों के भविष्य को लेकर विद्यालयी कार्यो में हो रहे अवरोध और कानून व्यवस्था की समस्या को लेकर सभी उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया गया था.

वर्षों से है महिला पुलिस बल का अतिक्रमण

जिला स्कूल के कमरों में शिक्षा विभाग के अतिक्रमण के साथ साथ पुलिस बलों का भी अतिक्रमण है.विगत करीब दो वर्षों से बिहार महिला पुलिस बल की दर्जनों पुलिस यही रहती है. दो कमरों में एक पूरा बटालियन रहता है.

क्या कहते है प्रधानाध्यापक

जिला स्कूल और जिला स्कूल नवस्थापित विद्यालय के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह ने बताया कि देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने जहाँ शिक्षा ग्रहण की उस विद्यालय का प्राचार्य बनना मेरे लिए गौरव की बात है.

जिला स्कूल की गरिमा के प्रति प्रशासन से लेकर शिक्षक तक को सचेत होने की जरूरत है. विद्यालय के अतिक्रमण को लेकर वह काफी निराश है.

अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कई बार विभागीय पदाधिकारी को पत्र भेजा गया लेकिन कोई सार्थक पहल नही हुई ही. उन्होंने बताया कि 1 जुलाई से उन्होंने विद्यालय का प्रभार ग्रहण किया है तब से वह विद्यालय की उन्नाति के लिये प्रयासरत है.