मुरादाबाद: अबतक आपने सुखे पत्ते, लकड़ियों, पशुओं को कच्चा या पकाकर खाने वाले लोगों के जीवन बिताने की दर्जनों कहानियाँ सुनी होगी. लेकिन यह बात सुनने में थोड़ी अटपटी जरूर लगेगी कि आखिर कोई मनुष्य कैसे पिछले 17 वर्षों से मिट्टी, बालू ईट, पत्थर खाकर भी पुरी तरह से तंदरुस्त हैं.

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले का रहने वाला ये शख्स पिछले 17 वर्षों से हर रोज मिट्टी खाता है. आश्चर्य की बात यह है कि ये शख्स पिछले 17 वर्षों से बालू और पत्थर खाकर न सिर्फ जीवित बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से फिट भी है.

रामेश्वर नाम का यह शख्स मिट्टी और रेत को 17 साल से खा रहा है. कुछ वर्षों पूर्व रामेश्वर गम्भीर रुप से बीमार था. जिसके कारण इसके मुंह से खून आने लगा था. डॉक्टरों को दिखाने के बाद और काफी उपचार के बाद भी जब रामेश्वर ठीक नहीं हुआ और डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया. तब उसने रेत और मिट्टी खाना शुरू कर दिया. तब से लेकर आज तक इसको न तो कोई बीमारी हुई और न ही किसी तरह की कोई दिक्कत हुई है. रामेश्वर की मानें तो रेत मिट्टी खाने से इसका पेट साफ रहता है और यह हर रोज दो से तीन बार 100 से 150 ग्राम तक रेत और मिट्टी खा लेता है.

रामेश्वर का कहना है मिट्टी खाना उनकी आदत में शुमार है लेकिन उन्हें इसे खाने से कोई दिक्कत नहीं है और ना ही उसे कोई बीमारी है. लिहाजा वे पूरी तरह ठीक हैं. साथ ही रामेश्वर ने खुद का इलाज कराने से भी साफ इन्कार कर दिया.

रिविलगंज: सरयू नदी के किनारे सेमरिया नई बस्ती में गुरुवार को मिट्टी धंसने से दो किशोरियों की मौत हो गयी. वही दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गयी. जिनका ईलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार रामनवमी पर घर लिपने के लिए सभी सभी लडकियां मिट्टी लाने गई थी. तभी पहले से खुदी गई मिट्टी से बने गुफा में मिट्टी खोदने के दौरान उपर का हिस्सा टूट कर गिर गया. जिसमें दब जाने से ये हादसा पेश आया. rivilganj

घटना की जानकारी मिलते ही पूरे इलाके में कोहराम मच गया. ग्रामीणों ने किसी तरह मिट्टी हटाकर चारो बच्चियों को बाहर निकाला. लेकिन तबतक दो बच्चियों की मौत हो चुकी थी.

गंभीर रूप से घायल दोनों बच्चियों को रिविलगंज PHC ले जाया गया, जहाँ से गंभीर स्थिति को देखते हुए छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है. सदर अस्पताल में चिकित्सक उनकी स्थिति पर नज़र बनाये हुए है. मृतकों में बारह साल की सोना कुमारी और सोलह साल की शोभा कुमारी शामिल हैं.