Chhapra: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक ओर जहां सभी घरों से निकलने में परहेज कर रहे है, वैसे में कोविड-19 वैक्सीन लेने के लिए लोग सक्रिय भी दिख रहे है. प्रारम्भ में वैक्सीन को लेकर फैलाई गई तरह तरह की भ्रांतियां अब नदारद है. शहर से लेकर गांव हर ओर वैक्सीनेशन केंद्रों पर लोगों की भीड़ है.

जिला प्रशासन द्वारा कोविड वैक्सीन के टीकाकरण के लिये सरकारी विद्यालयों में केंद्र बनाया गया है. बुधवार को जिले के मशरक स्थित आदर्श मध्य विद्यालय मशरख में वैक्सीनेशन के लिए व्यवस्था काबिले तारीफ रही. 18 से 44 आयु वर्ग के लोग वैक्सीनेशन के लिए केंद्र पर पहुंचे लेकिन केंद्र पर प्रशासनिक व्यवस्था को देख सभी ने उस व्यस्था में अपनी भी सहभागिता दी.

दरअसल वैक्सीनेशन को लेकर मशरक स्कूल परिसर में चुनाव की तरह महिला और पुरुष की कतार लगाई गई थी. साथ ही साथ कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनज़र सभी लोगों के लिए एक एक घेरा बनाया गया था. जिससे सभी समाजिक दूरी का पालन कर सके.

जनता ने भी इस प्रोटोकॉल को बनाये रखने में भरपूर सहयोग दिया. सभी अपने अपने घेरे में दिखे जिससे कि सामाजिक दूरी बनी रही. केंद्र पर इस व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने मशरख बीडीओ की तारीफ करते हुए इस कार्य के लिए बधाई भी दी है. साथ ही जिले में इसी तरह कोविड प्रोटोकॉल के पालन करने का आह्वान किया है. जिससे कि सारण जिला जल्द से जल्द कोविड के संक्रमण से मुक्त हो सकें.

Begusarai: बिहार में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए राज्य सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया है. सीएम नीतीश कुमार ने खुद अपील की है कि शादी-विवाह जैसे आयोजन कुछ समय के लिए टाल दें. इसके बावजूद विवाह जारी है. शादी को लेकर बिहार के बेगूसराय में शादी करके लौटने के दौरान दूल्हे राजा मुश्किल में पड़ गए.

बेगूसराय परिहारा में एक नव दंपती को कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करना भारी पड़ गया. शारीरिक दूरी तोड़ने के आरोप में पुलिस ने नवविवाहित जोड़े की गाड़ी को रोक दिया. मामला बखरी अनुमंडल क्षेत्र के परिहारा थाना क्षेत्र का है. ऐसे में दूल्हा-दुल्हन के साथ स्वजन भी मुश्किल में पड़ गए.

बताया जा रहा है कि बखरी थाना क्षेत्र के समसा निवासी विजय कुमार की शादी सहरसा जिले की नेहा कुमारी से तीन मई को हुई थी. विवाह के बाद चार मई को नव दंपती को वापस समसा आना था, लेकिन अत्यधिक बारिश की वजह से रास्ता जाम हो गया। ऐसे में उस दिन दूल्हा-दुल्हन वापस समसा नहीं आ सके.

इसी बीच पांच मई से 15 मई तक बिहार सरकार के द्वारा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए बिहार में लॉकडाउन लगा दिया गया. इस दौरान निजी वाहन के परिचालन पर भी रोक लगा दी गई. बुधवार को जब विजय कुमार अपनी पत्नी नेहा कुमारी के साथ वापस आ रहे थे इसी क्रम में परिहारा की पुलिस ने नव दंपती जोड़े को रोक लिया.

ओपी प्रभारी चंद्र प्रकाश महतो ने बताया कि इन लोगों के द्वारा शारीरिक दूरी का अनुपालन नहीं किया गया था और सात आठ गाड़ियों पर निर्देश से अधिक व्यक्ति सवार थे, इसीलिए इन्हें रोका गया है. बाद में वरीय पदाधिकारी के आदेश पर छोड़ दिया गया है.

Patna/Chhapra: राज्य में बढ़ रहे कोरोना वायरस को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने आगामी 15 मई तक के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया है. जारी गाइडलाइन के अनुसार बिहार में रात्रि 9:00 बजे से लेकर सुबह 5:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है.

सीएम नीतीश कुमार ने प्रेस वार्ता के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण राज्य में तेजी के साथ फैल रहा है. विभिन्न विभागों, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप एवं सभी जिला के जिला अधिकारी के साथ हुई वार्ता के बाद राज्य हित में निर्णय लिए गए हैं.

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर सभी जिलाधिकारियों से आई बातों पर समीक्षा उपरांत राज्य में स्वास्थ्य सुविधा की बेहतरी के लिए प्रयास जारी रहेगा. राज्य मुख्यालय के साथ सभी जिला में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के सभी चिकित्सकों को एक माह का अतिरिक्त वेतन देने की घोषणा की है. उन्होंने चिकित्सकों से कोरोना संक्रमण काल में मरीजों को बेहतर सुविधा देने का आह्वान किया है. जिससे कि संक्रमित मरीज जल्द से जल्द ठीक हो सके. साथ ही साथ नीतीश कुमार ने राज्य के लिए आवश्यक दिशा निर्देश की घोषणा करते हुए उनका पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.

सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि राज्य में आगामी 15 मई तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा जो रात्रि 9:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक निर्धारित होगा. वहीं राज्य के सभी धार्मिक स्थल जनता के लिए 15 मई तक बंद रहेंगे. इसके अलावे राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान स्कूल, कॉलेज, कोचिंग को 15 मई तक बंद कर दिया गया है. राज्य के जिम, स्विमिंग पूल, सिनेमा घर, रेस्टोरेंट्स, ढाबा भोजनालय सहित अन्य कई चिन्हित जगहों को भी 15 मई तक के लिए प्रतिबंधित किया गया है.

सीएम नीतीश कुमार ने रेस्टोरेंट्स, ढाबा, भोजनालय में बैठकर खाने पर पाबंदी लगाई है. वही भोजन के होम डिलीवरी के लिए समय 9:00 बजे रात्रि तक निर्धारित किया गया है. राज्य में इस दौरान किसी तरह का भी परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी. साथ ही सभी सरकारी कार्यालय एवं निजी कार्यालय संध्या 5:00 बजे तक खुले रहेंगे.

सीएम नीतीश कुमार ने राज्य से बाहर रहने वाले लोगो से आग्रह किया है कि वह जल्द से जल्द अपने राज्य चले आये. जिससे कि उनको सही स्वास्थ्य मुहैया कराया जाए. इसके लिए सभी जिला अधिकारी को अनुमंडल स्तर पर कोरेंटिन सेंटर के निर्माण, होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग के साथ-साथ जिले में आवश्यकतानुसार धारा 144 लागू करने की छूट दी है.

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि करोना का संक्रमण बढ़ रहा है. पूर्व में दिए गए सभी दिशा निर्देशों की समीक्षा के बाद श्राद्ध कर्म एवं वैवाहिक कार्यक्रमों में भी लोगों की उपस्थिति पर पाबंदी लगाई गई है. नए निर्देश के आलोक में शादी समारोह में 100 व्यक्ति एवं श्राद्ध कार्यक्रमों में शवदाह में 25 लोगों के शामिल होने का निर्देश दिया गया है. वही राज्य के बाजारों में दुकान है 6:00 बजे तक ही खुली रहेंगे.

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सभी जिला अधिकारी अपने जिले में नए स्थानों को चिन्हित कर वहां सब्जियों की दुकान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों पर लगाना सुनिश्चित करें. जिससे कि इसका संक्रमण लो पहले नीतीश कुमार ने बिहार की जनता से अनिवार्य रूप से मास्क लगाने एवं बिना कारण घर से बाहर नहीं निकलने तथा आवश्यकतानुसार बाहर निकलने पर सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के नियमों का पालन करने का आग्रह किया है. जिससे कि राज्य को इस महामारी से निजात दिलाया जा सके.

Chhapra: कोविड-19 टीकाकरण की तैयारी में गांवों पर विशेष जोर दिया जा रहा है. यही कारण है कि राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी चिकित्सा केंद्रों के प्रभारी को टीकाकरण के लिए टास्कफोर्स गठन करने का निर्देश दिया है. राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिला से लेकर प्रखंड तक सरकारी स्कूलों, पंचायत भवनों, सामुदायिक भवनों, नगर पालिका भवन को वैक्सीनेशन बूथ बनाने का भी फैसला किया है. इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि आउटरिच में टीकाकरण के लिए आवश्यकता पड़ने पर टेंट लगाकर अस्थाई टीकारकरण बूथ बनाया जायेगा. टीकाकरण स्थल का चयन पहले से की जायेगी और टीकाकरण दल को सूचित किया जायेगा.

पहले चरण में निजी व सरकारी स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जायेगा. इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दिया गया है. गाइडलाइन के अनुसार सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल व सदर अस्पताल में ही टीकाकरण का कार्य किया जायेगा.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार निजी स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए ऐसे निजी अस्पतालों में टीकाकरण बूथ बनाया जायेगा, जहां पर 100 से अधिक स्वास्थ्य कर्मी कार्यरत रहेंगे. टीकाकरण केंद्र बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि रोगी के देखभाल वाले क्षेत्र से अलग हो. ताकि संक्रमण की संभावना न रहे.

गाइडलाइन के अनुसार टीकाकरण कक्ष में एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति की ही एंट्री होगी. टीकाकरण कक्ष में छह फीट की दूरी सुनिश्चित करने हुए बैठने की व्यवस्था की जायेगी. कोविड पर संचार सामग्रियों को टीकाकरण कक्ष में प्रदर्शित किया जायेगा. पेयजल और शौचालय की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए. टीकाकरण के बाद लाभार्थी 30 मिनट तक इंतजार करेंगे इसलिए अधिक स्थान की आवश्यकता होगी.

गाइडलाइन के अनुसार जहां वैक्‍सीन दी जाएगी, वहां तीन कमरे होंगे. पहला वेटिंग रूम होगा, दूसरा वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्‍जर्वेशन रूम. तीनों जगह सोशल डिस्‍टेंसिंग का पालन करना होगा. वैक्‍सीन देने वाली टीम में एक वैक्‍सीन ऑफिसर और चार वैक्‍सीनेशन कर्मी होंगे. टीकाकरण रूम में किसी महिला को वैक्‍सीन मिलते वक्‍त एक महिला स्‍टाफ मेंबर की मौजूदगी अनिवार्य होगी.टीकाकरण की एक साइट पर दिनभर में केवल 100 लोगों को टीका लगेगा.

आरंभिक चरण में कोविड-19 के टीके स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दिए जाएंगे. टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से ज्यादा उम्र वालों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है. चिन्हित लोगों को टीकाकरण और उसके समय के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जिला प्रशासन सतर्क है. आम जनता में इसके प्रसार को रोकने के जागरूकता के साथ साथ प्रशासन द्वारा सख्ती भी बरती जा रही है.

गुरुवार को जिला प्रशासन द्वारा नगरपालिका चौक पर मास्क जांच अभियान चलाया गया. शहर के नगरपालिका चौक पर चलाये गए अभियान में बिना मास्क घूमने वाले लोगों पर नियत धाराओं के तहत जुर्माना वसूला गया. साथ ही साथ उन्हें अनिवार्य रूप से मास्क पहनकर ही घरों से बाहर निकलने का आग्रह किया गया.

जांच अभियान को देख राहगीरों में हड़कंप था. लोग जांच अभियानके शामिल पदाधिकारियों एवं पुलिस बलों से बचकर भागते नज़र आये. वही कई ऐसे भी थे जिन्होंने मास्क को पॉकेट में रखकर वाहन चलाया जा रहा था. पुलिस को देखते ही मास्क लगाना शुरू हो गया.

जांच अभियान में सैकड़ों लोगों को बिना मास्क घूमने के लिए जुर्माना भरना पड़ा.

Chhapra: वाराणसी रेल मंडल के डीआरएम विजय कुमार पंजीयार के साथ ट्रेन द्वारा बाहर से आने वाले लोगों के व्यवस्था को लेकर परिसदन में उच्चस्तरीय पदाधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि छपरा जंक्शन पर उतरने वाले सभी लोगों के लिए सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के अनुरूप समुचित व्यवस्था कराई जा रही है.

सिविल सर्जन, सारण को आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग करा लेने के लिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है. लोगों को उनके गंतव्य तक भेजने के लिए वाहन कोषांग गठित कर दी गयी है और जरूरी संख्या में छोटे-बड़े सभी प्रकार के बसों एवं वाहनों को रखने का निर्देश दिया गया है. छपरा जंक्शन पर उतरने वाले सभी लोगों के सुविधा के लिए स्टेशन परिसर में पंडाल लगाया जायेगा और लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां भी रखी जायेगी. स्टेशन पर उतरने से लेकर स्क्रीनिंग एवं बसों में बैठाने के समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जाएगा. जिला प्रशासन की तरफ से वरीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी की जा रही है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि व्यवस्था फूलप्रुफ रहेगी, ताकि कोई स्टेशन परिसर से निकल नहीं सके. डीआरएम विजय कुमार पंजीयार ने कहा कि रेलवे एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय रहे इसके लिए अधिकारियों की एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना ली जाय, ताकि सूचनाओं का भी शीध्र आदान-प्रदान किया जा सके.

डीआरएम ने कहा कि स्टेशन परिसर में पब्लिक ऐड्रेस की व्यवस्था रहेगी तथा सुरक्षा की भी व्यवस्था रहेगी, ताकि ट्रेन की दुसरी साईड से कोई व्यक्ति बाहर नहीं निकल सके. प्रत्येक बोगी से उतरने वाले गेट के पास भी सुरक्षा बल के जवान रहेंगे. यात्रियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए ट्रेन से उतारा जाएगा और कतार बनाकर प्लेटफार्म से बाहर निकाला जाएगा. डीआरएम ने कहा कि किसी भी राजनेता को स्टेशन परिसर में नहीं जाने दिया जाय तथा मिडिया के लिए ब्रिफिंग की व्यवस्था बना ली जाए. जिलाधिकारी ने कहा कि स्टेशन परिसर में राजनितिक व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मिडिया के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा डीपीआरओ को जरूरी निदेश दिया गया.

बैठक में डीआरएम और जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय, सीनियर कमांडेन्ट, आरपीएफ ऋषि पाण्डेय, सहायक सुरक्षा आयुक्त, सुरेन्द्र प्रताप मिश्र, अपर समाहर्त्ता, सारण, डॉ गगन, सिविल सर्जन माधवेश्वर झा, निदेशक, डीआरडीए सुनील कुमार पाण्डेय, डीसीएलआर, सदर संजय कुमार, स्टेशन डायरेक्टर, छपरा जंक्शन संजय शर्मा सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.

Chhapra: लॉक डाउन के बीच छपरा में बन रहे भारत के सबसे लंबे डबल डेकर पुल का निर्माण करीब एक महीने बाद पुनः शुरू हो गया है. बता दें कि लॉक डाउन की घोषणा होने के बाद से डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य पूरी तरह बंद हो गया था. सरकार के निर्देश के बाद अब पुल का निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है.

निर्माण कार्य में जुटे इंजीनियर, तकनीक पदाधिकारियों व अन्य श्रमिको का स्वास्थ्य पर खासा ध्यान रखा जा रहा है. साइट पर काम करने आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक दिन दिन में तीन बार टेम्परेचर स्क्रीनिंग किया जा रहा है. पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य स्थल पर सैनिटाइजर, पानी मास्क आदि की भी व्यवस्था की गई है ताकि मजदूरों को किसी भी प्रकार से कोई परेशानी ना हो.

लॉक डाउन होने की वजह से आधा से अधिक श्रमिक काम पर नहीं लौटे हैं, जिसके कारण पुल का निर्माण कार्य अभी बेहद धीमी गति से हो रहा है. होली के बाद से ही कुछ दिनों बाद लॉक डाउन हो गया था, जिस वजह से मजदूर वापस काम पर नहीं लौट सके. वहीं कई श्रमिक कोरोनावायरस के संक्रमण के भय से काम पर नहीं आए हैं. इसी बीच आधे मजदूरों के साथ ही पुल का धीमी गति से निर्माण कार्य चालू है. पहले फेज में फाइलिंग का कार्य पूरा करके पिल्लर देने का कार्य किया जा रहा है. वहीं दूसरे फेज में अलियर स्टैंड पोखरा से नगरपालिका चौक तक पाइलिंग का कार्य संपन्न किया जा रहा है.

लगभग 370 करोड़ की लागत से बनने वाले डबल डेकर पुल का निर्माण कार्य 2022 तक पूरा करना है. पुल के निचले डेक की लंबाई 2500 मीटर है, वहीं ऊपरी डेक
की लंबाई 3520 मीटर है. यह डबल डेकर पुल भिखारी चौक, गांधी चौक, मौना चौक, नगरपालिका चौक होते हुए बस स्टैंड तक बन रहा है.

Chhapra: कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. मुसलमानों का पवित्र रमजान का महीना 24 या 25 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है. मुसलमानों को शुरुआती हफ्ते का रोजा लॉकडाउन के बीच ही रखना होगा और तरावीह की नमाज पढ़ने से लेकर बाकी इबादत भी अपने-अपने घरों से करनी होगी.

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मुस्लिम समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है रमजान का महीना

मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग पूरे एक महीने खुदा की इबादत करते हैं. मुसलमान दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत और दिन में रोजा रखकर करते है. सुबह सहरी और शाम को सूरज ढलने के बाद एक इफ्तार करते हैं. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान में तरावीह की विशेष नमाज को सामूहिक रूप अदा करते हैं.

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भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से है बंद

दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से बंद हैं. मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल मक्का और मदीना तक बंद है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए सरकार और मुस्लिम धर्मगुरुओं के द्वारा मुस्लिम समुदाय से अपने-अपने घरों से नमाज पढ़ने और इबादत करने की अपील लगातार की जा रही है.

नई दिल्ली: कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में लागू किया गया 21 दिन का लॉकडाउन आज खत्म होने जा रहा है. लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधित किया. पीएम ने लॉकडाउन को 3 तक बढ़ाने का फैसला लिया. पीएम मोदी ने कहा, ”नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़़ाई बहुत ही मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपकी त्याग की वजह से कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक सफल रहा है. आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है. हमारे इस भारतवर्ष को बचाया है.

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उन्होने कहा कि- मैं जानता हूं. आपको कितनी दिक्कतें आई हैं, किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने जाने की परेशानी, कोई घर परिवार से दूर है, लेकिन आप देश के खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं. मैं आप सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. यानि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए. इसलिए हमें Hotspots को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. जिन स्थानों के Hotspot में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी. नए Hotspots का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा.”

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उन्होंने कहा, ”वी द पीपल ऑफ इंडिया, बाबा भीमराव अंबेडकर की जन्मदिवस पर अपनी सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन यह सच्ची श्रद्धांजलि है. मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं. मैं नए वर्ष पर आपके और आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना करता हूं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए हैं. आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी. जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही कोरोना प्रभावित आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दिया था. विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिन का आइसोलेशन शुरू कर दिया गया था. जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन का लॉकडाउनक का बहुत बड़ा कदम उठा लिया था. भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि समस्या दिखने पर तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया.”

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किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं: PM

पीएम मोदी ने कहा, ”साथियों यह एक ऐसा संकट है, जिसे किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं है, लेकिन अगर-अगर दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों की तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है. महिना-ढ़ेड महिना पहले कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खड़े थे. आज उन देशों में भारत की तुलना में 25 से 35 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं. भारत ने होलिस्टिक और इंट्रीग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती तो आज भारत की स्थिति को देखते तो रोए खड़ हो जाते.”

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3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया: PM

उन्होंने कहा, ”सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का भारत को बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है. अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. लेकिन लोगों की जान की कीमत बहुत है. 24 घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने के लिए लोग आगे आए हैं. विश्वभर में हेल्थ एक्सपर्ट और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है. भारत में भी अब लड़ाई कैसे आगे बढ़ें और हम विजयी कैसे हो.. हमारे यहां नुकसान कैसे कम हो और लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो. इसे लेकर सभी राज्यों के सरकारों और नागरिकों की मानें तो लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव है. लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है. 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है.”

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विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं: पीएम

अपने संबोधन से कुछ घंटे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है. पीएम मोदी ने मंगलवार सुबह अपने ट्वीट में कहा, “विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं. इन त्योहारों से भारत में भाईचारे की भावना मजबूत होगी. ये त्योहार खुशी और बेहतर स्वास्थ्य भी लाएंगे. आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है.”

बता दें कि तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश ने सोमवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इन दोनों राज्यों के अलावा ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पहले ही यह कदम उठा चुके हैं.

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Patna: कोरोना वायरस एक ऐसा नाम जो पूरे विश्व मे सदियों तक याद रखा जाएगा. इस महामारी के वैश्विक संक्रमण से हर कोई त्रस्त है. यह कोविड- 19 (COVID-19) वायरस के नाम से भी जाना जा रहा है. एक तरफ दुनिया के वैज्ञानिक इस वायरस के संक्रमण को रोकने की कोशिश में जुटे हैं तो बिहार के गया के एक दंपती ने अपने पहले बच्चे का नाम ही कोविड (COVID) रखा है.

मिली जानकारी के अनुसार गया के कोच प्रखंड के बरगांव निवासी मनीष कुमार की पत्नी प्रियांजली ने गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शुक्रवार को बेटे को जन्म दिया.

बच्चे के जन्म के दौरान घर से लेकर अस्पताल तक हर जगह कोरोना और कोविड-19 वायरस की ही चर्चा रही. इसकी याद हमेशा रहे, इसलिए दो दिनों तक काफी सोंच-समझकर मनीष व प्रियांजली ने अपने बेटे का नाम कोविड रख दिया है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉक डाउन में खेतीबाड़ी करने वालो पर संकट गहराने लगा है. खेतों में काम करने वाले मजदूर नही मिल रहे है और फसल धीरे धीरे बर्बाद हो रही है.

सब्जी की खेती करने वालो की स्थिति और भी खराब है. सब्जियों की खेती करने वालो का कहना है कि लॉक डाउन में सभी लोग अपने घरों में है. खेतों में सब्जियां लगी है. उपज भी हो रही है लेकिन उपज के अनुसार खपत नही हो रही है. उनका कहना है कि खेतों से सब्जियों को लेकर थोक बाजार में बेचा जा रहा है लेकिन जिस अनुपात में पूर्व में सब्जियों को बेची जाती थी उस अनुपात में बाजारों में खरीददार कम है. बाजार जाने में भाड़ा भी इन दिनों ज्यादा लग रहा है. सब्जियों का उत्पाद ज्यादा है और खपत कम जिसके कारण इसके भाव गिर गए है.उधर थोक विक्रेताओं का कहना है कि मुख्य बाजार मौना चौक पर फिलहाल बाजार लगाने की मनाही है, इस कारण सैकड़ो दुकानदार सब्जी नही बेच रहे है. प्रशासन ने ठेले पर सब्जी बेचने का निर्देश जारी किया है जिनके पास ठेला है वही सब्जियों की खरीददारी कर बेच रहे है. जितनी सब्जियों की जरूरत है उतना ही सब्जियों की खरीददारी किसानों से की जा रही है और बेची जा रही है. सब्जियों के भाव मे इन दिनों गिरावट आई है.खुदरा बाजार में भिंडी 30 रुपये किलो, करेला 30 रुपये किलो, परवल 40 से 50 रुपये किलो, टमाटर 15 से 20 रुपये किलो, हरी मिर्च 40 से 60 रुपये किलो, सेम 30 से 40 रुपये किलो, सहजन 40 से 60 रुपये किलो, आलू 20 से 25 रुपये किलो, प्याज 25 से 28 रुपये किलो गलियों में घूम घुमघुमकर बेचा जा रहा है.

हालांकि फलों के भाव मे उछाल है दुकानदारों का कहना है कि फल की गाड़ियां कम आ रही है. गाड़ियों का भाड़ा भी अधिक है. ऐसी स्थिति में उनके दामों में उछाल है. फलों की बिक्री भी कम हो गयी है.

Chhapra: सारण जिले के दिघवारा आमी स्थित अम्बिका भवानी मंदिर में चैत्र नवरात्र के अवसर पर महाष्टमी को विशेष पूजा का आयोजन किया गया.

कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन अवधि में मंदिर के पुजारी द्वारा ही इस वर्ष माता का पूजन, नवरात्र पाठ एवम आरती की जा रही है. विधिया विधान के साथ प्रतिदिन मंदिर के पुजारी द्वारा माता का श्रृंगार भी पूरे विधि विधान से किया जा रहा है.

बुधवार को माता के महाष्टमी की पूजा विशेष रूप से की गई. सिद्धि पीठ आमी मे विश्व के आपदा निवारण व जन कल्याणार्थ अलग – अलग मंत्रों से आठवें दिन संपुट पाठ किया गया.

इसके पूर्व पुजारियों ने मां अम्बिका भवानी के प्रातः कालीन पूजन, आरती तथा विश्व मे उत्पन्न कोरोना आपदा निवारण हेतु प्रार्थना करते हुए और सभीं भक्तों को मनवांछित फल प्राप्ति हेतु कामना की गयी.

विदित हो की लॉक डाउन अवधि में अंबिका भवानी मंदिर न्यास समिति की तरफ से मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया है. प्रतिदिन मंदिर के पुजारी द्वारा ही माता की आराधना, प्रातः कालीन, संध्याकालीन पूजा व संपुट पाठ किया जा रहा है.

इसके अलावें नवरात्रि भर चलने वाले संध्या कालीन माता के अलग-अलग स्वरूपो यथा शैलपुत्री, ब्रह्मचारी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा आदि स्वरूपो का विशेष श्रृंगार कर पूजा की जा रही है.