Bihar: पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को निधन हो गया. वे दिल्ली के एम्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे. जहां उन्होंने रविवार को अंतिम सांस ली. जानकारी के अनुसार रघुवंश प्रसाद सिंह फेफड़े में संक्रमण के कारण एम्स में भर्ती किया गया था. वही कुछ दिनों पूर्व श्री सिंह कोरोना बीमारी से ठीक हुए थे. जिसके बाद फेफड़े के इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था.

वैशाली से सांसद श्री सिंह लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी और राजनीति यात्रा के सच्चे मित्रों में से एक थे, हालांकि कुछ कारणों से विगत दिनों राष्ट्रीय जनता दल को छोड़ने के लिए राजद सुप्रीमों को चिट्ठी लिखी थी.

श्री सिंह ने एम्स से ही राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव को रिम्स में चिट्ठी लिखी थी. श्री सिंह को लिखी चिट्ठी पर लालू प्रसाद यादव ने रघुवंश सिंह को चिट्ठी लिखकर यह कहा था कि आप कही नही जा रहे है. समझ लीजिए. इस चिट्ठी के बाद पुनः श्री सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी कुछ सुधार को इंगित किया था.

रघुवंश प्रसाद सिंह राजनीति में एक पिलर के समान थे. राजनीति करियर में जनता के हितों के लिए ही सदैव कार्य किया. जनहित के लिए उन्होंने सड़क से सदन तक आवाज़ उठाई. जिसके फलस्वरूप वह हमेशा जनता और नेता दोनों के बीच अमित छाप छोड़ने वाले नेता बने. कर्पूरी ठाकुर, जयप्रकाश नारायण और लोहिया को आदर्श मानकर राजनीति में सादा जीवन जीने वाले नेता को हमेशा जनता की चिंता थी. यही कारण है कि उन्होंने राजद से पहले उपाध्यक्ष और फिर पार्टी से अपना इस्तीफा दिया.

श्री सिंह के निधन पर राजद के साथ साथ सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी समवेदना प्रकट की है.

Patna: महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के सूत्रधार राजकुमार शुक्ल, जननायक कर्पूरी ठाकुर और माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन तीनों महापुरुषों को मंरोपरांत देश का शीर्ष सम्मान देने की सिफारिश राज्य सरकार के गृह विभाग ने केंद्र सरकार को दी है.

राजकुमार शुक्ल

राजकुमार शुक्ल चंपारण सत्याग्रह के लिए गांधी जी को बिहार लेकर पहुंचे थे. कांग्रेस के 1916 के लखनऊ अधिवेशन में उन्होंने गांधी जी को बिहार के किसानों की दुर्दशा से अवगत कराया था.

कर्पूरी ठाकुर
स्वतंत्रता सेनानी व शिक्षक कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्य मंत्री रहे. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पिछड़ों के लिए कई कार्य किये थे. जिनमे पिछड़ों के लिए 27 फीसदी आरक्षण शामिल है. राजनीति में सेवा भावना के कगलते उन्हें जननायक कहा जाता है.

दशरथ मांझी
गया जिले के गहलौर के दशरथ मांझी ने पहाड़ों को काट कर रास्ता बनाया ताकि गांव वालों को किसी भी कार्य के लिए दूर के रास्ते से शहर जाने से बचाया जा सके. उन्होंने 360 फिट चौड़े 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट कर रास्ता बनाया. इसके लिए उन्हें 22 साल का समय लगा. उनके इस कार्य से वैश्विक स्तर पर उनकी पहचान बनी.