बिहार का शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जो पलायन की पीड़ा को नहीं झेल रहा है: प्रशांत किशोर

बिहार का शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जो पलायन की पीड़ा को नहीं झेल रहा है: प्रशांत किशोर

बिहार का शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जो पलायन की पीड़ा को नहीं झेल रहा है: प्रशांत किशोर

Chhapra: जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के मशरख में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि कई बार हम लोग ये समझते हैं कि बिहार में पलायन सिर्फ मजदूरी से जुड़ा है। आज बिहार में जो गरीब तबका है वो अपने बच्चों और परिवार का पेट पालने के लिए बिहार से बाहर मजदूरी कर रहा है, जो पूरी तरह से सच नहीं है।

पलायन में देखने को मिल रहा है कि जो गरीब है वो तो मजदूरी के लिए जा ही रहे हैं, लेकिन मध्यवर्गीय परिवार भी अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए पलायन कर रहे हैं। क्योंकि बिहार में शिक्षा की उचित व्यवस्था नहीं है। साथ ही बिहार में रोज़गार के भी अवसर नहीं है, तो कुछ रोज़गार के लिए भी बाहर जा रहे हैं। बिहार में शायद ही ऐसा कोई घर है जो पलायन की पीड़ा को नहीं झेल रहा है। चाहे आप मजबूरी में गए हों, रोज़गार के लिए, या फिर शिक्षा के लिए जाना पड़ रहा हो।

आज बिहार में शिक्षा, रोज़गार और चिकित्सा की व्यवस्था इतनी ख़राब हो गई है कि लोग इन सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ अपने परिवार के साथ रहकर जीवन निर्वाह नहीं कर सकते हैं।

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