ट्रू कलर्स की स्टॉक मार्केट में निराशाजनक शुरुआत, फ्लैट लिस्टिंग के बाद बना बिकवाली का दबाव

ट्रू कलर्स की स्टॉक मार्केट में निराशाजनक शुरुआत, फ्लैट लिस्टिंग के बाद बना बिकवाली का दबाव

ट्रू कलर्स की स्टॉक मार्केट में निराशाजनक शुरुआत, फ्लैट लिस्टिंग के बाद बना बिकवाली का दबाव

नई दिल्ली:  डिजिटल टेक्सटाइल प्रिंटिंग इंडस्ट्री के लिए प्रोडक्ट की सप्लाई करने वाली कंपनी ट्रू कलर्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में फ्लैट एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। लिस्टिंग के बाद बिकवाली के दबाव की वजह से कंपनी के शेयरों पर लोअर सर्किट लग गया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 191 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे।

आज बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग बिना किसी बदलाव के 191 रुपये के स्तर पर ही हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव बन गया, जिसके कारण थोड़ी देर में कंपनी के शेयर गिर कर 181.45 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर आ गए। हालांकि दोपहर 2 बजे के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण शेयर का लोअर सर्किट ब्रेक हो गया। इसके बावजूद कंपनी के शेयर ज्यादा बढ़त नहीं बना सके। पूरे दिन के कारोबार के बाद कंपनी के शेयर 183.05 रुपये के स्तर पर बंद हुए। इस तरह पहले दिन के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 4.16 प्रतिशत के नुकसान का सामना करना पड़ा।

ट्रू कलर्स का 127.96 करोड़ रुपये का आईपीओ 23 से 25 सितंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 45.46 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 43.41 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 50.58 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 44.42 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 102.44 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं।

इसके अलावा 10 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे गए हैं। आईपीओ में नए शेयरों के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी। कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 3.92 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 8.25 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 24.69 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 45 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 234.05 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इस दौरान कंपनी पर कर्ज के बोझ में उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर में कंपनी का कर्ज 20.04 करोड़ रुपये, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिर में बढ़ कर 56.56 करोड़ रुपये हो गया। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 के आखिर में कंपनी का कर्ज घट कर 47.51 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस अवधि में कंपनी के रिजर्व और सरप्लस की बात करें, तो वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी में ये 5.90 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो वित्त वर्ष 2023-24 के आखिरी में बढ़ कर 14.14 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 के आखिरी में उछल कर 36.50 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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