Varanasi, 11 सितंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय वार्ता शुरू हो गई है। वार्ता की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. रामगुलाम का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता शुरू हुई।
नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का गर्मजोशी से स्वागत किया
नदेसर स्थित तारांकित होटल ताज में आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता हुई। इस वार्ता में आर्थिक सहयोग, पर्यटन, और रणनीतिक साझेदारी सहित अनेक अहम मुद्दों पर व्यापक चर्चा हुई।
अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर विमर्श हुआ
बैठक के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की। खासतौर पर विकासात्मक साझेदारी, क्षमता निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और नीली अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर विमर्श हुआ।
दरअसल, हिंद महासागर क्षेत्र में मॉरीशस भारत का एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी और रणनीतिक भागीदार है। भारत के ‘सागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक और समग्र सहयोग) दृष्टिकोण और ‘पड़ोसी पहले’ नीति में मॉरीशस की भूमिका बेहद अहम है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच बढ़ता सहयोग न केवल आपसी विकास के लिए बल्कि ग्लोबल साउथ की साझा आकांक्षाओं को भी मजबूती प्रदान करेगा।
इससे पहले मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस यात्रा के बाद यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
काशी का यह शिखर सम्मेलन पारस्परिक समृद्धि, सतत विकास और सुरक्षित एवं समावेशी भविष्य की दिशा में भारत और मॉरीशस की साझा यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।
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