जीवित्पुत्रिका व्रत कब करें, जानें कथा के अनुसार क्या है नियम

जीवित्पुत्रिका व्रत कब करें, जानें कथा के अनुसार क्या है नियम

जीवित्पुत्रिका व्रत हिन्दू धर्म में महिलाएं के लिए बेहद कठिन व्रत माना जाता है, जो बहुत खास भी माना जाता है। व्रत करने वाले महिलाएं पुरे दिन निर्जला रहकर व्रत करती है। 

विशेष तौर पर यह व्रत झारखंड, बिहार, बंगाल तथा उतर प्रदेश के कुछ क्षेत्र में मनाया जाता है। आश्विन माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत या जीवितीय व्रत किया जाता है। माताएं पुरे दिन निर्जला व्रत रखती है पुरे दिन उपवास रहकर संध्या में अस्नान कर जीमूतवाहन की पूजा करती है। यह व्रत पुत्र की लम्बी आयु के लिए कामना करती है।

व्रत का विधिवत नियम

जीवित्पुत्रिका व्रत यानि जीवितिया व्रत का नियम बहुत कठिन है देश के अलग अलग राज्यों में इस व्रत को अलग अलग नाम से जाना जाता है। जिवितिय, जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन नाम से जाना जाता है। व्रत का आरम्भ एक दिन पहले नहायखाय करती है, यानी जो स्त्री इस व्रत को रखती है एक दिन पहले सुबह में नित्यक्रिया से निवृत होकर अस्नान करती है दैनिक पूजन कर फिर अपने पूर्वजों को याद करके पकवान बनती है सेंघा नमक से तथा बिना लहसुन प्याज का खाना शुद्धता से बनाकर अपने पूर्वजों के लिए भोग लगाकर तब खाना खाती है.

व्रत करने का क्या है नियम

धार्मिक मान्यता के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत का नियम कथा के अनुसार इस प्रकार है। सप्तमी युक्त अष्टमी व्रत नहीं करे शुद्ध अष्टमी में व्रत करे और नवमी में व्रत का पारणा करे तभी जीवित्पुत्रिका व्रत करने का फल की प्राप्ति मिलता है। 

कब करे यह व्रत

14 सितम्बर 2025 दिन रविवार को व्रत किया जायेगा।

अष्टमी तिथि का आरम्भ 14 सितम्बर 2025 सुबह 08:41 मिनट से
अष्टमी तिथि का समाप्ति 15 सितम्बर 2025 सुबह 06:27 मिनट तक। 
नवमी तिथि का आरम्भ 15 सितम्बर 2025 सुबह 06:27 से आरम्भ होगा। जिसमे व्रत का पारण किया जाता है। 

जीवित्पुत्रिका व्रत की शुरुआत नहाय खाय से होती है। 
इस साल नहाय खाय 13 सितम्बर 2025 दिन शनिवार को किया जायेगा। 
14 सितम्बर 2025 दिन रविवार को निर्जला व्रत रखा जायेगा। 
15 सितम्बर 2025 दिन सोमवार को व्रत का पारण सूर्य उदय के बाद किया जायेगा। 

व्रत का पारण कैसे करे

जीवित्पुत्रिका व्रत का प्राण 15 सितम्बर 2025 दिन सोमवार को किया जायेगा। इस दिन प्रातः काल स्नान आदि के बाद पूजा करके पारण करे। मान्यता यह है व्रत का पारण
गाय के दूध से करे। 

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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