जन्माष्टमी, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, यह त्योहार भारत ही नहीं बल्कि दुनियां के कई देशों में भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
यह त्योहार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्त बेहद ही धूम धाम से इस त्योहार को मनाते है यह त्योहार अधर्म पर धर्म की जीत का त्योहार है पृथ्वी पर कंस की अत्याचार बढ़ गया था उसके अत्याचार को समाप्त करने के लिऐ भगवान कृष्णा का जन्म हुआ। भगवान कृष्ण देवकी के आठवें पुत्र है इनका जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था।
इस साल जन्माष्टमी कब है?
इस साल, 2024 में, जन्माष्टमी 26 और 27 अगस्त को मनाई जाएगी।
26 अगस्त: उदया तिथि के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा।
27 अगस्त: गोकुल और वृंदावन में कृष्ण जन्मोत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी का महत्व
भगवान कृष्ण की पूजा: इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है। भाद्रपद कृष्णाष्टमी को जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाता है इस तिथि को कृष्ण जन्मोत्सव के उपल्क्ष में मंदिरों में जगह जगह कीर्तन तथा झाकियां सजाई जाती है बारह बजे रात्रि तक व्रत रह कर भगवान का प्रसाद लिया जाता है दूसरे दिन प्रातः काल से नंद महोत्सव भी मनाया जाता है।
संपन्नता: मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के लड्डू गोपाल रूप की पूजा करने से घर में संपन्नता बढ़ती है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: भगवान कृष्ण की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सातों जन्मों के पापो से छुटकारा मिलता है परिवार में संपन्नता बनी रहती हैं।
जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?
व्रत: भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और रात को भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। भगवान को हल्दी, दही, घी, तेल गंगाजल आदि से स्नान कराकर चंदन लगाया जाता है। आनंद के साथ पलने में झुलाया जाता है।
मंदिरों में उत्सव: मंदिरों में भव्य सजावट की जाती है और भजन-कीर्तन किए जाते हैं। श्रीमद्भागवत की पाठ की जाती
है।
मथुरा और वृंदावन: इन स्थानों पर जन्माष्टमी का उत्सव विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है।इस दिन प्रायः लोग अपने अपने घरों में “हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे” का जाप करते हैं। जन्माष्टमी उत्सव के बाद दही हांडी का आयोजन अगले दिन मनाया जाता है।
शैव और वैष्णव समुदाय में जन्माष्टमी
वैष्णव समुदाय: वैष्णव समुदाय के लोग भगवान कृष्ण को विष्णु का अवतार मानते हैं और उनके जन्मदिन को बहुत धूमधाम से मनाते हैं।
शैव समुदाय: शैव समुदाय के लोग भी जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं, हालांकि वे इसे उतनी धूमधाम से नहीं मनाते जितना वैष्णव समुदाय मनाता है।
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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