• एक ही परिसर में मिलेगी सभी सुविधाएं
• बिहार भर के डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जायेगा
• भर्ती होने वाले नवजात के माँ को भी दिया जायेगा प्रशिक्षण
Chhapra: सदर अस्पताल में बिहार का पहला शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के प्रशिक्षण संस्थान खुलेगा । सारण प्रमंडल के एकमात्र एसएनसीयू को राज्य सरकार ने शिशु रोग विशेषज्ञ के प्रशिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने की कार्य योजना बनाई है । इस योजना के तहत एसएनसीयू, एनआरसी, शिशु रोग ओपीडी तथा आपातकालीन कक्ष एक ही परिसर में स्थापित किया जाएगा । इसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है । सिविल सर्जन ने राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है । एसएनसीयू में शून्य से लेकर 5 वर्ष तक के बच्चों के गहन चिकित्सा की व्यवस्था है । यहां बच्चों के जन्म के उपरांत संक्रमण, कुपोषण, जौंडिस, मस्तिष्क बुखार, मिर्गी, चमकी समेत अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था करीब 3 साल पहले शुरू की गई थी ।
प्रमंडल का इकलौता है एसएनसीयू
यह सारण प्रमंडल का इकलौता सिक न्यू बर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) है । इसमें 24 घंटे इलाज व्यवस्था है । सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में जन्म के उपरांत बीमार बच्चों को इलाज के लिए यहां भेजा जाता है । जिसमें शून्य से लेकर 28 दिन के बच्चों का इलाज किया जाता है। यहां सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है।
नवजात शिशु तथा 5 वर्ष तक के बच्चों के इलाज की सभी सुविधाएं एक जगह
सिक न्यू बर्न केयर यूनिट को और आधुनिक तथा विकसित बनाया जाएगा । इसके लिए इसके बगल में ही शिशु रोग विभाग का ओपीडी खोला जाएगा । इस केन्द्र बगल में पोषण सह पुनर्वास केंद्र खोल दिया गया है । नवजात शिशु तथा 5 वर्ष तक के बच्चों के इलाज की सभी सुविधाएं एक जगह उपलब्ध कराने की योजना है । सभी व्यवस्था के एक साथ होने से न केवल मरीजों को इलाज कराने में सहूलियत होगी, बल्कि चिकित्सकों तथा कर्मचारियों को भी कार्यों के निष्पादन में सुविधा होगी ।

प्रशिक्षण संस्थान के रूप में होगा विकसित
एसएनसीयू को प्रशिक्षण संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को नवजात शिशुओं तथा बच्चों की देखभाल करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा । यह बिहार का पहला एशियन सीओ होगा जिसे मॉडल के रूप में विकसित करने की योजना है।
बिहार के बाहर से भी विशेषज्ञों को बुलाया जायेगा
यहां बिहार भर के शिशु रोग विशेषज्ञ को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा । नवजात शिशुओं तथा बच्चों को होने वाले जन्मजात तथा मौसमी बीमारियों के उपचार व उनकी समुचित देखभाल करने और बच्चों को देखभाल करने का माताओं को भी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी । चिकित्सकों के अलावा एएनएम, जीएनएम, पारा मेडिकल स्टाफ को भी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था होगी । इस व्यवस्था के शुरू होने से मरीजों के उपचार के लिए चिकित्सकों तथा कर्मचारियों की कमी को भी काफी हद तक दूर किया जा सकेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
एसएनसीयू को बिहार के मॉडल एसएनसीयू के रूप में विकसित करने की योजना है । इसके तहत यहां बिहार का पहला प्रशिक्षण संस्थान खोला जाएगा, जिसमें शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ।

 
									 
									 
									 
									 
									 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																 
									
																																



 
																			 
                         
                         
                         
                         
                         
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				 
				