Chhapra: कोई भी शैक्षणिक संस्थान देश और समाज के भविष्य निर्माता की भूमिका में होते हैं। जब उन्हीं में अराजकता और भ्रष्टाचार लबालब हो तो फिर समझिये राष्ट्र का बेरा ही गर्क है। इसी दशा में आज जे पी युनिवर्सिटी पहुँच गया है। उरोक्त बातें आज एस एफ आई के राज्याध्यक्ष शैलेन्द्र यादव ने जे पी विश्वविद्यालय का घेराव करते हुए धरना पर बैठे आन्दोलनकारी छात्रों के बीच कही।
उन्होंने समस्याओं को गिनाते हुए आगे बताया कि 2020-2023 की अंतिम सूची का अभी तक प्रकाशन नहीं होना, मेधावी शोधार्थियों को जे आर एब और आर जी एन एफ के लाभ से लम्बे समय से बंचित रखना, परीक्षा विभाग और पी एच डी विभागा में मार्कसीट में त्रुटि सुधार एंव शोध पत्र जमा करने में अवैध वसूली, प्रायोगिक कक्षाओं की अनियमितता, लम्बे समय से शोध में प्रवेश हेतु आवेदन का प्रकाशन नहीं करना आदि समस्याएं ऐसी हैं कि छात्रों के उज्जवल भविष्य को ही गर्त में धकेल रही है। इतना ही नहीं छात्रों को मूल भूत सुविधा देने में भी हमारा यह विश्वविद्यालय असफल है। जैसे कालेज कैम्पसों में शौचालय, पेय जल, प्रतिक्षालय की सुविधाओं से आज छात्र बंचित हैं जिसके चलते खास कर हमारी छात्रा बहनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार आश्वासन के बावजूद भी आज तक राजेन्द्र कालेज का हाँस्टल से छात्रों को बंचित रखा गया है एंव OBC हास्टल का निर्माण कार्य अधूरा है।
धरना की अध्यक्षता करते हुए विकास कुमार ने अपने सम्बोधन में इस आन्दोलन को केवलअगाज बताया। माँगे पूरी होते तक इसे अन्जाम तक पहुँचाने की घोषणा किया। घेराव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपाध्यक्ष सद्दाब मजहरी ने शैक्षणिक अराजकता, व्यवसायी करण और शिक्षा के भगवाकरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज इतिहास का भ्रामक व्याख्या कर छात्रों के बीच नफरती माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।इसके विरुद्ध भी हमें अभियान चलाने की आवश्यकता है।





