यात्रियों के लिए मददगार बन रहा ‘रेल मदद ऐप’

यात्रियों के लिए मददगार बन रहा ‘रेल मदद ऐप’

वाराणसी 17 अक्टूबर,2024: रेलवे की रेल मदद सुविधा यात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बना रही है। रेल यात्रा के दौरान किसी भी सहायता के लिए रेल यात्री इसके माध्यम से मदद मांग रहे हैं और रेलवे द्वारा मदद पहुंचाई भी जा रही है।

दिनांक 17 अक्टूबर 2024 को दोपहर गाड़ी सं 04652 अमृतसर –जयनगर क्लोन हमसफर एक्सप्रेस गाड़ी के वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के B-4 कोच में बर्थ सं 1 एवं 2 पर अम्बाला कैंट से समस्तीपुर की यात्रा कर रहे अल्बसार आलम एवं उनकी पत्नी द्वारा रेल मदद के माध्यम से अपने छोटे बच्चे को फिड कराने के लिए एक बोतल गर्म दूध उपलब्ध कराने की मांग किया।

यह सूचना उक्त गाड़ी में कोई पैंट्री कार नहीं होने के करण गाड़ी के छपरा पहुंचने के पूर्व रेल मदद के माध्यम से वाराणसी मंडल के कमर्शियल कंट्रोल को मिली । कन्ट्रोल ने छपरा रेलवे स्टेशन पर कार्यरत टिकट परीक्षक प्रतिमा कुमारी को इस बाबत सूचित किया जिसके बाद उन्होंने गाड़ी पहुंचने से पहले दूध की व्यवस्था की और गाड़ी के छपरा पहुंचते ही यात्री अल्बसार आलम को गर्म दूध पहुंचाया।

इस कार्य के लिये अल्बसार आलम एवं उनकी पत्नी ने रेलवे द्वारा मदद की गुहार पर त्वरित कार्यवाही के लिए आभार प्रकट किया और रेल कर्मचारी को धन्यवाद दिया।

वहीं दूसरी ओर आनन्द विहार टर्मिनल से रक्सौल जा रही परेशान महिला यात्री ने जब रास्ते में मदद मांगी तो छपरा में उसकी सीट पर सेनेटरी पैड (नैपकिन) पहुंच गया। रेल मदद के माध्यम से कंट्रोल रूम से मिली सूचना के बाद छपरा रेलवे स्टेशन स्थित टी सी कार्यालय ने संकोच नहीं किया, बल्कि अपने दायित्व बोध का परिचय कराया। रेलकर्मियों ने मानव संवेदना दिखाते हुए बाजार से पैड खरीदकर सद्भावना एक्सप्रेस ट्रेन के छपरा जं पहुंचने पर महिला यात्री को उपलब्ध कराया। साथ ही यात्री का कुशलक्षेम भी जाना। रेलवे की इस पहल पर यात्री ने आभार तो जताया ही, साथ चल रहे लोगों ने भी सराहना की।

महिला यात्री 17 अक्टूबर को गाड़ी सं-14018 आनन्द विहार टर्मिनल-रक्सौल सद्भावना एक्सप्रेस के वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के B-1 कोच के बर्थ नंबर 11 पर यात्रा कर रही थी। ट्रेन बलिया से आगे बढ़ी तो यात्री की मुश्किलें बढ़ गईं। वह अपने आप को असहज महसूस करने लगी। यात्रियों की भीड़ के बीच जब कुछ भी नहीं सूझा तो उन्होंने रेल मदद एप के माध्यम से रेलवे से सेनेटरी पैड उपलब्ध कराने की गुहार लगा दी। उनकी मांग कंट्रोल रूम होते हुए छपरा स्टेशन स्थित टी सी कार्यालय पहुंच गई। टी सी कार्यालय को यह मांग कुछ अटपटी लगी, लेकिन टी सी श्रीमती प्रतिमा कुमारी ने स्त्री सुलभ संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए कोई संकोच नहीं किया। कार्यालय सहयोगी को बाजार भेजकर पैड मंगाकर रख लिया। जैसे ही प्लेटफार्म नंबर तीन पर पहुंची उन्होंने स्वयं जाकर महिला यात्री को निर्धारित सीट पर पैड उपलब्ध करा दिया।

बकौल टी सी छपरा महिला यात्री ने रेलवे को थैंक्स बोला और पैड की कीमत भी दे दी। रेल मदद एप व अन्य माध्यमों से यात्री अपनी समस्याएं और शिकायतें रेलवे तक पहुंचाते रहते हैं, लेकिन यह पहला अवसर है जब किसी महिला यात्री ने पैड की मांग की गई।

पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में रेल मदद एप पर मिली शिकायतों का 15 से 30 मिनट में निस्तारण कर दिया जाता है। वाराणसी मंडल रेल मदद के माध्यम से पानी ,दूध, बेबी फ़ूड,जीवन रक्षक मेडिसिन, चिकित्सा सेवाएँ एवं सेनेटरी पैड भी उपलब्ध करा रहा है ।

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