Mumbai, 11 जुलाई (हि.स.)। लोकप्रिय कॉमेडियन और अभिनेता कपिल शर्मा और उनकी पत्नी के कनाडा में स्थित रेस्टोरेंट ‘कैप्स कैफे’ पर गोलीबारी की घटना काे लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। कपिल शर्मा की टीम ने घटना पर दुख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।उनकी टीम ने प्रशंसकाें से संयम बरतने की अपील की गई है।

Caps Cafe पर हुई गोलीबारी के बाद आधिकारिक बयान जारी किया है

कपिल शर्मा की टीम ने कैप्स कैफे पर हुई गोलीबारी के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए अपने भावनात्मक हालात शेयर किए हैं। बयान में कहा गया है, “हमने इस कैफे की शुरुआत लोगों को एक साथ लाने और उन्हें बेहतरीन कॉफी का अनुभव देने के इरादे से की थी। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारा यह सपना हिंसा का शिकार हो गया। फिलहाल हम इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम पीछे हटने वालों में से नहीं हैं। आप सभी के समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद। इस कठिन समय में आपने हमें जो संदेश भेजे, जो दुआएं कीं, वह हमारे लिए बहुत मायने रखती हैं। हम आपके इस प्यार और भरोसे के लिए हमेशा आभारी रहेंगे।”

उन्होंने लिखा, “आप सभी हमारे साथ खड़े हुए हैं, और यही वजह है कि यह कैफे आपके भरोसे और प्यार पर टिका है। आइए, हम सब मिलकर हिंसा के खिलाफ एकजुट हों। आइए, दुनिया को फिर ये भरोसा दिलाएं कि हमारा कैफे एक ऐसी जगह है, जो लोगों को जोड़ता है, तोड़ता नहीं। बहुत जल्द हम फिर से मिलेंगे।”

कपिल शर्मा के कैफे पर गोलीबारीकपिल शर्मा के कैप्स कैफ़े पिछले काफी समय से चर्चा में है। कपिल और उनकी पत्नी गिन्नी ने कैफ़े की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। लेकिन, जब से कैफ़े में हुई गोलीबारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, इस घटना ने सबको चौंका दिया है। हालांकि, इस गोलीबारी में कोई घायल नहीं हुआ। खालिस्तानी आतंकवादी हरजीत सिंह लाडी ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है और कपिल को और भी बुरे अंजाम भुगतने की धमकी दी है।

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Chhapra: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी असाधारण शासन कला और प्रभावशाली वैश्विक नेतृत्व में योगदान के कारण घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने आज घाना के राष्ट्रीय सम्मान – ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना – से सम्मानित किया।

1.4 बिलियन भारतीयों की ओर से पुरस्कार स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने यह सम्मान भारत के युवाओं की आकांक्षाओं, सांस्कृतिक परंपराओं और विविधता तथा घाना और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री ने इस विशेष सम्मान के लिए घाना की जनता और सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक मूल्य और परंपराएं साझेदारी को आगे बढ़ाती रहेंगी।

उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार दोनों देशों के बीच मित्रता को और गहरा करता है तथा द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने की नई जिम्मेदारी उन पर डालता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि घाना की उनकी ऐतिहासिक राजकीय यात्रा भारत-घाना संबंधों को नई गति प्रदान करेगी।

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प्रधानमंत्री ओली को चुनौती, पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने सक्रिय राजनीति में वापसी का किया ऐलान

काठमांडू: पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) यानी नेकपा एमाले के अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को चुनौती देते हुए रविवार को सक्रिय राजनीति में वापसी की औपचारिक घोषणा कर दी है।

राजधानी काठमांडू में आयोजित घोषणा सभा कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति भंडारी ने पार्टी के नेतृत्व पर दावा करते हुए सक्रिय राजनीति में वापसी की घोषणा की है। इस सभा में उन्होंने प्रधानमंत्री ओली को भी आमंत्रित किया। ओली इस कार्यक्रम में आए भी, लेकिन अपना संबोधन करके वापस चले गए। विद्या भंडारी ने कहा कि पार्टी और देश की परिस्थिति ठीक नहीं है। आम लोगों में और पार्टी के कार्यकर्ताओं में व्यापक असंतुष्टि है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता चाहते हैं कि पार्टी का नेतृत्व परिवर्तन होना चाहिए। इसी तरह देश की जनता भी नेतृत्व परिवर्तन के पक्ष में है।

पूर्व राष्ट्रपति का कहना है कि मैंने अंतिम समय तक सक्रिय राजनीति में रह कर पार्टी का काम करने और अवसर मिलने पर देश का नेतृत्व करने की सोच बनाई है। भंडारी ने कहा कि जल्द ही नेकपा एमाले का विधान अधिवेशन होने वाला है और उसमें ही पार्टी का भविष्य तय किया जाएगा।उन्होंने कहा कि नेपाल इस पार्टी में मेरा भी उतना ही योगदान है, जितना किसी और का। मैंने पार्टी के निर्णय के आधार पर ही राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा और दो कार्यकाल तक देश की सेवा की है।

पूर्व राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने कहा कि नेपाल के संविधान में यह कहीं नहीं लिखा है कि पूर्व राष्ट्रपति सक्रिय राजनीति में नहीं आ सकते हैं। भंडारी ने कहा कि जब तक सामाजिक जीवन में है और जब तक देश और जनता के लिए आप अपना योगदान दे सकते हैं आपको देना चाहिए।

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वॉशिंगटन, 22 जून (हि.स.)। इजराइल और ईरान सैन्य संघर्ष में अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट फोर्डो, नतांज और एस्फहान पर हमला कर उसे तबाह करने का दावा किया है। यह हमला भारतीय समयानुसार रविवार सुबह 4:30 बजे हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सैन्य अभियान को लेकर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान को अब शांति स्थापित करनी चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो भविष्य में हमले कहीं अधिक बड़े होंगे।

डोनाल्ड ट्रंप ने एक्स पोस्ट में ईरान के खिलाफ चलाए गए अमेरिकी सैन्य अभियान की जानकारी देते हुए लिखा कि अमेरिका ने ईरान के जिन तीन न्यूक्लियर साइट को निशाना बनाया है वो फोर्डो, नतांज और एस्फहान में हैं। ट्रंप ने लिखा, `हमने इन साइट्स पर एक साथ कई बम गिराए हैं। हमारे सभी लड़ाकू विमान सुरक्षित रूप से अमेरिका लौट आए हैं। मैं अमेरिका के जाबाजों को बधाई देता हूं। दुनिया में ऐसी दूसरी कोई सेना नहीं है जो यह कर सके।’

ट्रंप ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर चलाए गए सैन्य अभियान को लेकर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका ने ईरान पर बड़ा हमला किया है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने बहुत कोशिश की कि ऐसा कदम न उठाना पड़े, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं था और अब ईरान को शांति के रास्ते पर लौटना चाहिए। ईरान के पास अब भी शांति के रास्ते पर लौटने का समय है, उसे यह युद्ध खक्त करना होगा। अगर ईरान ने पलटवार किया तो हम भी हमला करेंगे। शांति नहीं तो विनाश होगा। अभी सभी लक्ष्यों पर हमले नहीं किए गए हैं। हम ईरान के परमाणु संंयंत्रों को पूरी तरह नष्ट कर देंगे।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। भारत ने ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते संघर्ष को देखते हुए ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी क्रम में 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से उत्तरी ईरान से निकाला गया है। यह ‘ऑपरेशन सिन्धु’ के प्रारंभिक चरण का हिस्सा है।

विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार को इसकी जानकारी दी गई। मंत्रालय ने बताया कि 17 जून को भारतीय दूतावास ने 110 भारतीय छात्रों को उत्तरी ईरान से सड़क मार्ग द्वारा आर्मेनिया की राजधानी येरेवान पहुंचाया। यह प्रक्रिया ईरान और आर्मेनिया में स्थित भारतीय मिशनों की निगरानी में सम्पन्न हुई। ये छात्र आज दोपहर 2:55 बजे एक विशेष विमान द्वारा येरेवान से रवाना हुए और कल तड़के नई दिल्ली पहुंचेंगे।

विदेश मंत्रालय ने ईरान और आर्मेनिया की सरकारों का इस निकासी प्रक्रिया में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया है। साथ ही कहा कि विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा को भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी दिशा में ईरान में भारतीय दूतावास देश के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में भेजने और उन्हें संभाव्य विकल्पों के माध्यम से भारत लाने का कार्य कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि ईरान-इज़राइल संघर्ष के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत ने तेहरान स्थित भारतीय दूतावास और नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के 24×7 नियंत्रण कक्ष के माध्यम से आपातकालीन सहायता सेवाएं सक्रिय कर दी हैं। भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इन हेल्पलाइन नंबरों के माध्यम से संपर्क बनाए रखें।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में बुधवार को क्रोएशिया पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा के रूप में आपसी हितों के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के लिए नए रास्ते खोलेगी।

प्रधानमंत्री 15-19 जून तक साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया की यात्रा पर हैं। इस दौरे के अंतिम चरण में क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा पर पहुंच गए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पोस्ट में कहा, “भारत-क्रोएशिया संबंधों में ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्रोएशिया के ज़ाग्रेब पहुंचे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली यात्रा है। एक विशेष सम्मान के रूप में प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच ने हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया।”

प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और राष्ट्रपति ज़ोरान मिलनोविच से मुलाकात करेंगे। क्रोएशिया की यह यात्रा यूरोपीय संघ में भागीदारों के साथ संबंध को और मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेगी।

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नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर 35 मिनट तक बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी और भारत पाकिस्तान के साथ अपने द्विपक्षीय मसलों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा।

विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने यह जानकारी आज दी। उन्होंने बताया कि जी-7 शिखर सम्मेलन की बैठक के इतर मोदी और ट्रंप की मुलाकात प्रस्तावित थी, लेकिन ट्रंप को अचानक अमेरिका लौटना पड़ा। इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर यह फोन वार्ता हुई। यह बातचीत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार हुई है, जिसमें ट्रंप ने पहले फोन पर संवेदना व्यक्त की।

प्रधानमंत्री ने ट्रंप को बताया कि भारत ने 6-7 मई की रात केवल आतंकी ठिकानों पर सीमित, सटीक और संतुलित कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य प्रतिक्रिया गैर-उत्तेजक थी और इसका उद्देश्य केवल आतंकवाद पर कठोर प्रहार करना था। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 9 मई को उपराष्ट्रपति वेंस ने संभावित पाकिस्तानी हमले की चेतावनी दी थी, जिसका भारत ने प्रभावी और निर्णायक जवाब दिया।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अमेरिका से किसी भी प्रकार की मध्यस्थता या ट्रेड डील पर कोई चर्चा नहीं हुई। पाकिस्तान ने ही सैन्य कार्रवाई रोकने का आग्रह किया, जो दोनों देशों के सैन्य संपर्क चैनलों के माध्यम से हुआ। उन्होंने दोहराया कि भारत न कभी मध्यस्थता स्वीकार करता है, न करेगा, और इस पर देश में पूर्ण राजनीतिक एकमत है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के रुख को समझा और आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई का समर्थन किया। दोनों नेताओं ने इजरायल-ईरान संघर्ष, रूस-यूक्रेन युद्ध और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने क्वाड की अगली बैठक के लिए ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार किया।

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री को कनाडा से अमेरिका आने का भी आमंत्रण दिया था हालांकि प्रधानमंत्री ने अपनी व्यस्तताओं के कारण इसमें असमर्थता जताई। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी। यह पहली बार है जब भारत ने आतंकवाद को “प्रॉक्सी वॉर” के बजाय प्रत्यक्ष युद्ध मानते हुए कार्रवाई की है। वहीं राष्ट्रपति ट्रंप विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों से लगातार भारत की कार्रवाई को रोकने में अमेरिकी भूमिका होने की बात कहते रहे हैं।

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कैलगरी, 17 जून (हि.स.)। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज कुछ समय पहले जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कैलगरी पहुंच गए। कैलगरी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत का एक प्रमुख शहर है। कैलगरी प्रांत के दक्षिणी भाग के कनाडाई रॉकीज के पूर्व में ऊंचे मैदानों और तलहटी के क्षेत्र में स्थित है। जी- 7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की लगातार छठी भागीदारी है।

यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी की तीन देशों की आधिकारिक यात्रा का हिस्सा है। इसकी शुरुआत साइप्रस से हुई और इसका समापन क्रोएशिया में होगा।

प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस यात्रा के समापन पर भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने विस्तृत टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की साइप्रस की पहली यात्रा थी और पिछले दो दशकों में किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। लाल ने कहा, “यह ऐतिहासिक यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच स्थायी मित्रता और भरोसेमंद साझेदारी को उजागर करती है।” जी-7 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा और यूरोपीय संघ (ईयू) के नेता हिस्सा ले रहे हैं।

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ईरान ने सूरज निकलने से पहले इजराइल पर मिसाइलों की बौछार की, हाइफा बिजली संयंत्र आग की लपटों में घिरा

तेहरान:  प्रतिशोध की आग में जल रहे ईरान ने आज सूरज निकलने से पहले इजराइल पर मिसाइलों की बौछार कर दी। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स की यह बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल के तेल अवीव और हाइफा में लक्ष्यों पर गिरीं। इससे पहले रात को भी ईरान ने मिसाइलों से हमला किया। ईरान 13 जून को हुए इजराइली हवाई हमले में अपने सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत से बौखलाया हुआ है।

ईरान की न्यूज एजेंसी तस्नीम, सरकारी एजेंसी इरना और तेहरान टाइम्स अखबार की खबरों में ईरान के इजराइल के खिलाफ हवाई हमले की जानकारी दी गई है। खबरों के अनुसार, ईरान ने ताजा हमले में तेल अवीव, हाइफा, बेन गुरियन हवाई अड्डे और नेवातिम एयरबेसल गोलान हाइट्स में लक्ष्यों को निशाना बनाया। ईरान ने पिछले तीन दिनों में कई इजराइली सैन्य इमारतें जमींदोज कर दी हैं। ईरानी सशस्त्र बलों ने सोमवार सुबह फिलिस्तीन के कब्जे वाले इजराइली क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइलों की बौछार की है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने घोषणा की कि इस बार दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया गया। ईरानी मिसाइलों ने हाइफा बिजली संयंत्र को नुकसान पहुंचाया है।

खबरों के अनुसार, इजराइली आर्मी रेडियो ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि इजराइली वायुरक्षा कम से कम 10 ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने में असमर्थ रही। ईरानी ड्रोन हमले के बाद कब्जे वाले क्षेत्रों के उत्तर में चेतावनी सायरन बजने शुरू हो गए। अल जजीरा की खबर के अनुसार, ईरानी मिसाइल हमलों की आठवीं लहर इजराइल के लिए विनाशकारी रही।

स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, ऑनलाइन प्रसारित फुटेज में हाइफा बिजली संयंत्र आग की लपटों में घिरा रहा। इसके बाद व्यापक बिजली कटौती की सूचना मिली। कई वीडियो में शवों को निकालने के लिए बड़ी संख्या में एम्बुलेंस को इकट्ठा होते हुए दिखाया गया। इससे पहले आधीरात को ईरान ने नेगेव रेगिस्तान और किर्यत गत के साथ-साथ हाइफा के अन्य क्षेत्रों में रणनीतिक स्थलों को निशाना बनाया। नेगेव रेगिस्तान में डिमोना परमाणु परिसर और गुप्त मिसाइलों का तैनाती स्थल हैं। किरयात गाट इजरायल के सैन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अर्धचालक विनिर्माण केंद्र है। पिछले दिनों, ईरान ने शासन की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और कब्जे वाले क्षेत्रों में 150 से अधिक सैन्य और खुफिया साइटों पर हमला किया।

इरना ने दावा किया है कि ईरान पुलिस ने मोसाद के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के पुलिस कमांड के प्रवक्ता सईद मोंटेजर अल-महदी ने रविवार को कहा कि दोनों को तेहरान प्रांत के रे काउंटी के जिले फशाफुयेह में 200 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और 23 ड्रोन, लॉन्चर और दूसरे उपकरणों के साथ दबोचा गया।

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तेहरान (ईरान)/तेल अवीव (इजराइल), 16 जून (हि.स.)। इजराइल और ईरान शांति के अंतरराष्ट्रीय आह्वान को दरकिनार कर लगातार एक-दूसरे की सरजमीं पर हवाई हमले कर रहे हैं। कल दोनों ने आबादी वाले इलाकों पर हमले किए। इस वजह से ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता भी नहीं हो सकी।

अमेरिका के द न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार, इजराइल और ईरान ने कल एक-दूसरे की धरती पर आबादी वाले इलाकों पर मिसाइल हमले किए। दोनों पक्षों ने तनाव कम करने के अंतरराष्ट्रीय आह्वान को दरकिनार कर दिया है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम के भविष्य पर तेहरान और वाशिंगटन के बीच रविवार को होने वाली वार्ता को अधिकारियों के रद्द किए जाने के बाद कूटनीतिक रास्ता संकट पर पड़ता दिख रहा है। इजराइल ने कहा कि शुक्रवार को किए गए शक्तिशाली हमलों का लक्ष्य ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धरत देशों से लड़ाई में पीछे हटने का आग्रह किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “ईरान और इजराइल को एक समझौता करना चाहिए। अभी कई फोन कॉल्स और बैठकें हो रही हैं।” इस बीच ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने चेतावनी दी कि अगर बमबारी बंद नहीं हुई तो वे इजराइल के खिलाफ हमले बढ़ा देंगे।

इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि इजराइल किसी भी कीमत पर ईरान पर अपने हमले एक पल के लिए भी बंद नहीं करेगा। वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वार्ता के दूसरे दौर से पहले इजराइल हमला करेगा।

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तेहरान, 13 जून (हि.स.)। ईरान में भारतीय दूतावास ने आज अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ईरान में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए सलाह जारी की है।

इसमें कहा गया है, “ईरान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए ईरान में सभी भारतीय नागरिकों और भारतीय मूल के लोगों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें। अनावश्यक गतिविधियों से बचें। दूतावास के सोशल मीडिया अकाउंट को फॉलो करें और स्थानीय अधिकारियों के सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें।”

उल्लेखनीय है कि इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान में बमबारी शुरू कर दी है। ईरानी मीडिया ने कहा कि तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनाई दी। इजराइली रक्षामंत्री इजरायल काट्ज ने ईरान पर हमले की पुष्टि की है।

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तेहरान, 13 जून (हि.स.)। इजराइल ने आज तड़के ईरान में कई स्थानों पर बम बरसाए। इस हमले से ईरान सकते में है। बम धमाकों से राजधानी तेहरान के बाशिंदे सहम गए। ईरान की मेहर न्यूज एजेंसी की खबर के अनुसार, इजराइल की सरकार ने शुक्रवार सुबह ईरान के रिहायशी इलाकों पर हमला किया। ईरान की राजधानी तेहरान में कई जोरदार धमाके सुने गए। इसके कुछ ही देरबाद इजराइली सरकार ने घोषणा की कि उसने ईरान के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया है।

इजराइल में आपातकाल, तेल अवीव में बजे सायरन

इस बीच अमेरिका के ‘एबीसी न्यूज’ चैनल की खबर में इजराइल के रक्षामंत्री इजराइल कैट्ज के हवाले से कहा गया है कि इजराइल ने शुक्रवार सुबह स्थानीय समयानुसार ईरान के विरुद्ध दर्जनों हमले किए। साथ ही इजराइल में आपातकाल की घोषणा की। कैट्ज ने बयान में कहा, “ईरान के विरुद्ध इजराइल के पूर्वव्यापी हमले के बाद निकट भविष्य में इजराइल और उसके नागरिक आबादी के विरुद्ध मिसाइल और ड्रोन हमला होने की आशंका है।” उनकी इस घोषणा के बाद तेल अवीव में हवाई हमले के सायरन बजने शुरू हो गए हैं। एक अमेरिकी अधिकारी ने वाशिंगटन में कहा कि अमेरिका का इसमें कोई हाथ नहीं है।

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स प्रमुख होसैन सलामी मारे गए

अमेरिका के सीबीएस न्यूज चैनल की खबर के अनुसार, इजराइल की सेना ने शुक्रवार सुबह ईरानी परमाणु सुविधा केंद्रों और शोध वैज्ञानिकों को निशाना बनाया। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया है। ईरानी राज्य टेलीविजन ने कहा कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के प्रमुख होसैन सलामी हमलों में मारे गए।

अमेरिका का हाथ नहीं

संयुक्त राज्य अमेरिका का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। विदेशमंत्री मार्को रुबियो ने बयान में कहा कि इजराइल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की है। अमेरिका ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता मध्यपूर्व क्षेत्र में अमेरिकी सेना की सुरक्षा करना है। रुबियो ने कहा कि ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए। ईरान के सरकारी मीडिया ने राजधानी तेहरान में जोरदार विस्फोटों और कुछ लोगों के हताहत होने की सूचना दी है। सरकारी टेलीविजन ने तेहरान के दक्षिण में स्थित शहर नतांज में हमलों की सूचना दी। नतांज यूरेनियम संवर्धन सुविधाओं का बड़ा केंद्र है।

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