– पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ रखी गई
– येलहंका वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा एयरो शो

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ के लिए अब तक हुईं तैयारियों की समीक्षा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में शीर्ष समिति की बैठक के दौरान की। बैठक में रक्षा मंत्री को एयरो शो के 14वें संस्करण के इंतजामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कर्नाटक के येलहंका वायु सेना स्टेशन में 13-17 फरवरी के बीच होने वाले ‘एयरो इंडिया’ के लिए राजनाथ सिंह ने सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया-2023 केवल एक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि इसमें रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र की बढ़ती ताकत और एक मजबूत व आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ के उदय का प्रदर्शन भी होगा। इस पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ है। कर्नाटक के येलहंका स्थित वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो शो होगा।

इस रक्षा प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए अब तक 731 प्रदर्शकों ने पंजीकरण कराया है। इसके प्रमुख आयोजनों में ‘रक्षा में संवर्द्धित जुड़ाव के माध्यम से साझी समृद्धि’ विषयवस्तु के साथ रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन और एक सीईओ गोलमेज बैठक शामिल हैं। इसके अलावा मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम और बंधन समारोह के दौरान समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पांचों दिन शानदार एयरशो का प्रदर्शन इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इन समारोहों को स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के जरिये रक्षा निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए फोकस किया गया है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय रक्षा उद्योग परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी उस बदलाव का सबसे बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि न केवल निजी क्षेत्र, बल्कि अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और शिक्षाविद् भी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एयरो इंडिया सभी हितधारकों को संयुक्त रूप से रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र को मजबूत करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए एक मंच प्रदान करने का माध्यम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एयरो इंडिया का उद्देश्य अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना भी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम कर्नाटक को विमानन और एयरोस्पेस उद्योग के लिहाज से बढ़ावा देगा। रक्षा मंत्री ने कर्नाटक को देश के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य अपनी कुशल जनशक्ति और मजबूत रक्षा निर्माण इकोसिस्टम के लिए जाना जाता है। यह घरेलू और बहुराष्ट्रीय रक्षा व विमानन कंपनियों के लिए विनिर्माण और अनुसंधान व विकास गतिविधियों के लिए एक पसंदीदा केंद्र है।

बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इसमें सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और रक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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-भविष्य में अंतरिक्ष यानों का ईंधन मीथेन गैस पर भी काम जारी : इसरो चेयरमैन

भोपाल, 24 जनवरी (एजेंसी )। इसरो के चेयरमैन एवं अंतरिक्ष विज्ञान विभाग के सचिव डॉ. एस. सोमनाथ ने उम्मीद जताई है कि भारत बहुत जल्द अंतरिक्ष पर्यटन में बड़ी छलांग लगाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के कुछ बड़े देशों में अंतरिक्ष पर्यटन का दौर आरंभ हो चुका है। भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपनी ही धरती से स्वदेशी रॉकेटों के जरिये अन्य देशों के उपग्रहों को अंतरिक्ष में विदा करने के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है और अंतरिक्ष पर्यटन की शुरूआत होने वाली है। उन्होंने इसी वर्ष गगन यान को अंतरिक्ष में भेजे जाने की जानकारी भी दी।

डॉ. एस. सोमनाथ भोपाल में आयोजित चार दिवसीय भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के चौथे दिन मंगलवार को फेस-टू-फेस विथ न्यू फ्रंटियर्स इन साइंस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने व्याख्यान के दौरान अनेक उपलब्धियाँ गिनाई। वे ‘अंतरिक्ष के अग्रवर्ती क्षेत्र में तकनीकी प्रगति के साथ अमृतकाल की ओर अग्रसर’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष टूरिज्म के लिए टूरिज्म व्हीकल का निर्माण किया जा रहा है। यह वाहन निजी कंपनियों की सहायता से बनाया जा रहा है। अंतरिक्ष में यात्रा का आनन्द लेने के लिए 6 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ेंगे।

डॉ. सोमनाथ ने कहा कि भविष्य में अंतरिक्ष यानों को भेजने के लिए मीथेन गैस का ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा और इसके लिए नये इंजनों का निर्माण किया जा रहा है। चन्द्रमा और मंगल पर भेजे जाने वाले यानों में भी मीथेन का उपयोग किया जायेगा। दरअसल यह भविष्य का ईंधन है,जिसका इस्तेमाल कई तरह से लाभकारी रहेगा।

डॉ. सोमनाथ ने भारत के अंतरिक्ष विज्ञान कार्यक्रम की क्रमिक विकास यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान में हुई रिसर्च का उद्देश्य मानव समाज की भलाई रहा है। जियो स्पेशियल ई-गवर्नेंस के अंतर्गत अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किये गये हैं। उन्होंने बताया कि गगन यान इसी वर्ष अंतरिक्ष में भेजा जायेगा। अंतरिक्ष विज्ञान के रणनीतिक उपयोगों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में युद्ध कम्प्यूटर नियंत्रित होगा। डॉ. सोमनाथ ने कहा कि साइंस मिशन में कई परियोजनाओं को सम्मिलित किया गया है।

डॉ. सोमनाथ ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को साकार करने और अमृत काल को ध्यान में रखकर आगामी 25 वर्षों का स्पेस साइंस का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। कार्यक्रम का समन्वय आरजीपीवी के कुलपति डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने किया। विशिष्ट अतिथि आईआईटी, इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी थे। व्याख्यान को सुनने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

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– स्वदेशी रूप से विकसित पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफार्म भी प्रदर्शित किया जाएगा

– डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो विकसित किया

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर अपनी झांकी में अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करेगा। डीआरडीओ की झांकी का विषय ‘कम्युनिकेशन एंड न्यूट्रलाइजिंग थ्रेट्स’ रखा गया है। इस झांकी को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में अंडरवाटर सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें पनडुब्बियों के लिए यूशस-2 जैसे सोनार, जहाजों के लिए हम्सा शृंखला के सोनार और हेलीकॉप्टर लॉन्च निगरानी के लिए कम आवृत्ति वाले डंकिंग सोनार शामिल हैं।

डीआरडीओ प्रवक्ता ने बताया कि झांकी के दूसरे भाग में डी4 काउंटर ड्रोन सिस्टम को प्रदर्शित करने वाले लैंड सर्विलांस, कम्युनिकेशन और न्यूट्रलाइजिंग प्लेटफॉर्म होंगे, जो रियल टाइम सर्च, डिटेक्शन, ट्रैकिंग और लक्ष्यों को बेअसर कर सकते हैं। क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), बैटरी मल्टी फंक्शन राडार और मिसाइल लॉन्चर व्हीकल की दो इकाइयां भी झांकी में प्रदर्शित की जाएंगी। क्यूआरएसएएम वायु-रक्षा प्रणाली सामरिक युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना को मोबाइल हवाई रक्षा कवर प्रदान करती है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के दो संस्करण मैनपैक और हैंडहेल्ड भी इस झांकी का हिस्सा हैं। डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो विकसित किया है।

झांकी के तीसरे भाग में एरियल सर्विलांस एंड कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यूएंडसी) और तापस मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस को प्रदर्शित किया जा रहा है। झांकी का चौथा भाग डीआरडीओ की अनुसंधान गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करेगा, जिसमें सेमीकंडक्टर आरएंडडी सुविधा का प्रदर्शन किया गया है। इस भाग में डीआरडीओ ने सेमी-कंडक्टर, डिटेक्टर और नेक्स्ट जेन सेंसर के क्षेत्र में भविष्य की तकनीकों को भी दर्शाया है। स्वदेशी रूप से विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसे 70 टन के ट्रेलर पर ले जाया जाता है। परेड के दौरान अर्जुन एमबीटी, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, शॉर्ट स्पैन ब्रिज और आकाश एनजी का भी प्रदर्शन होगा।

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– अमेठी जिले की कोरवा आयुध फैक्ट्री में शुरू हुआ असॉल्ट राइफलों का उत्पादन
– भारतीय सेना के लिए बनाई जाएंगी कुल 6.7 लाख राइफलें, जल्द होगी डिलीवरी

नई दिल्ली: आखिरकार एक दशक तक इंतजार के बाद उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले की कोरवा आयुध फैक्ट्री में एके-203 असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू हो गया है। इतना ही नहीं, 7.62 एमएम कलाश्निकोव की पहली खेप तैयार होने के बाद जल्द ही भारतीय सेना को डिलीवरी होने की उम्मीद है। इसी के साथ भारत विश्व प्रसिद्ध ब्रांड कलाश्निकोव की एके-200 सीरीज की असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू करने वाला पहला देश बन गया है।

रूस के सहयोग से उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित कोरवा ऑर्डिनेंस फैक्टरी में एके-203 राइफलों का निर्माण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 3 मार्च, 2019 को इस योजना का औपचारिक उद्घाटन किया था। इस परियोजना को इंडो-रशियन जॉइंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाएगा। यह राइफल एडवांस वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड, मियूनीशेंन्स इंडिया लिमिटेड और रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और कॉनकॉर्न कलाशनिकोव मिलकर बना रही है। 7.62 X 39 एमएम कैलिबर की पहली 70 हजार एके-203 राइफल्स में रूसी कलपुर्जे लगे होंगे, लेकिन इसके बाद पूरी तरह से यह राइफल स्वदेशी हो जाएगी। यह राइफल्स काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस में भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाएंगी।

रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखीव ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि रूस और भारत के संयुक्त उद्यम इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में कोरवा आयुध कारखाने में एके-203 कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल का उत्पादन शुरू कर दिया है। अमेठी के कोरवा आयुध कारखाने में 7.62 मिमी. कलाशनिकोव एके-203 असॉल्ट राइफलों के पहले बैच का उत्पादन किया है। इन राइफलों का परीक्षण होने के बाद जल्द ही भारतीय सेना को डिलीवरी शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि यह राइफलें दुनिया भर की आग्नेयास्त्रों के मामले में आधुनिक जरूरतों को पूरा करती हैं।

मिखीव ने कहा कि अमेठी स्थित असॉल्ट राइफल्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में भारतीय सशस्त्र बलों को एके-203 राइफलों से पूरी तरह लैस करने की क्षमता है। इसके अलावा संयुक्त उद्यम अपने उत्पादों को तीसरे देशों में निर्यात करने में सक्षम होगा। रूस और भारत सैन्य-तकनीकी सहयोग परियोजनाओं को लागू करना जारी रखेंगे। रोसोबोरोनेक्सपोर्ट का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण मामले में भारतीय पक्ष को सहयोग करके ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल को आगे रखना है। भविष्य में कंपनी कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल प्लेटफॉर्म पर आधारित उन्नत राइफलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अपनी उत्पादन सुविधाओं को अपग्रेड कर सकती है।

रोस्टेक के जनरल डायरेक्टर सर्गेई चेमेज़ोव ने कहा कि भारत में निर्मित एके-203 राइफलों का मॉडल उत्कृष्ट एर्गोनॉमिक्स के साथ दुनिया में सबसे अच्छी अटैक राइफल्स में से एक है। एके-203 असॉल्ट राइफलों का उत्पादन शुरू होने के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले सुविधाजनक और आधुनिक छोटे हथियार भारत की रक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के इस्तेमाल में जल्द ही आएंगे। उन्होंने कहा कि रूस और भारत मजबूत साझेदारी संबंधों से जुड़े हुए हैं। रोस्टेक स्टेट कॉर्पोरेशन रूस की सबसे बड़ी रक्षा निर्माण कंपनी है और उसी का एक हिस्सा रोसोबोरोनेक्सपोर्ट है।

एके-203 राइफलों की खासियत
स्वदेश निर्मित इन राइफलों की लंबाई करीब 3.25 फुट है और गोलियों से भरी राइफल का वजन लगभग चार किलोग्राम होगा। यह नाइट ऑपरेशन में भी काफी कारगर होगी, क्योंकि यह एक सेकंड में 10 राउंड फायर यानी एक मिनट में 600 गोलियां दुश्मन के सीने में उतार सकती हैं। जरूरत पड़ने पर इससे 700 राउंड भी फायर किए जा सकते हैं। दुनिया को सबसे खतरनाक गन देने वाली शख्सियत का नाम मिखाइल कलाशनिकोव है। इन्हीं के नाम पर एके-47 का नाम पड़ा। एके का फुल फॉर्म होता है ऑटोमेटिक कलाशनिकोव। एके-203 असॉल्ट राइफल 300 मीटर की रेंज में आने वाले दुश्मन को यह छलनी कर देती है। एके-203 असॉल्ट राइफल की गोली की गति 715 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। नई असॉल्ट राइफल में एके-47 की तरह ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक दोनों सिस्टम होंगे। एक बार ट्रिगर दबाकर रखने से गोलियां चलती रहेंगी।

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– सूरज हमारे सबसे करीब, फिर भी कम वातावरण का ताप

भोपाल: इन दिनों सर्दी का मौसम है और देश के उत्तर-पूर्वी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। गर्म चाय की चुस्कियों और गर्म कपड़ों के साथ कोहरे से भरी इस ठंड में आप यह न मानें कि गर्मी देने वाला सूरज इस समय हमसे दूर चला गया है। इस समय सूरज भी नये साल के जश्न मनाने के लिए पृथ्वी के पास आया है। बुधवार, 04 जनवरी को एक खगोलीय घटना होने जा रही है, जो आम लोगों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होगी। दरअसल, इस दिन सूरज, पृथ्वी के सबसे करीब रहेगा।

भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगलवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि अंडाकार पथ पर परिक्रमा करने के कारण पृथ्वी साल में एक दिन सूरज के पास आती है और एक दिन सबसे दूर रहती है। बुधवार, 4 जनवरी को पृथ्वी के केंद्र से सूरज के केंद्र की दूरी लगभग 14 करोड़ 70 लाख 98 हजार किमी रह जायेगी। यह साल की सबसे कम दूरी होगी। इसे खगोल विज्ञान में पेरिहेलियन कहते हैं। इसके बाद यह दूरी बढ़ेगी और 7 जुलाई को 15 करोड़ 20 लाख किमी से अधिक हो जाएगी। यह साल में पृथ्वी और सूर्य के बीच सबसे अधिकतम दूरी होती है।

सारिका ने बताया कि तपते सूर्य के पास रहने के बाद भी पृथ्वी के उत्तरी गोलार्द्ध के भागों में कपकपाती ठंड पड़ रही है। इसका कारण यह है कि सूर्य इस समय मकर रेखा के पास है और वहां से आने वाली किरणें इस भाग में 45 डिग्री के झुकाव के साथ आ रही हैं। तिरछी किरणों के कारण सूरज की गर्मी फैल जाती है, इसीलिए इस समय तापमान कम हो रहा है।

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बिहार के किसान अब ओला-उबर की तर्ज पर ट्रैक्टर समेत अन्य कृषि यंत्रों की ऑनलाइन बुकिंग कर उन्हें किराये पर मंगा सकेंगे। मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत पहले चरण में 2927 पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक बनाए जा रहे हैं। इसके लिए 439 करोड़ रुपये का फंड जारी हुआ है। अब तक 1803 पैक्सों में यंत्र बैंक बनकर तैयार हो गए हैं।

अभी यह काम ऑफलाइन माध्यम से हो रहा है। मगर जल्द ही चुनिंदा पैक्सों में संयंत्र बैंक बनाकर इन्हें विशेष मोबाइल ऐप से जोड़ा जाएगा। ऐप निर्माण की प्रक्रिया आखिरी चरण में है। 15 जुलाई तक इसके शुरू होने की संभावना है। ऐप के जरिए कोई भी किसान अपने संबंधित पैक्स में मौजूद कृषि संयंत्र बैंक से ट्रैक्टर, रीपर, हैप्पी सीडर, लैंड लेव समेत अन्य सभी आधुनिक कृषि उपकरणों की बुकिंग कर सकेगा। किसानों को ये उपकरण बेहद किफायती दर से किराये पर मिलेंगे।

सहकारिता विभाग इस योजना का संचालन कर रहा है। इसके दसदूसरे चरण में राज्य के सभी 8463 पैक्सों को जोड़ा जाएगा। इस योजना से सूबे के छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों को फायदा होगा। क्योंकि पैसे की कमी के चलते वे महंगे कृषि उपकरण नहीं खरीद पाते हैं। ऐसे में उन्हें घर बैठे ये उपकरण किराये पर मिलने की सुविधा मिल सकेगी।

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छपरा: रेलवे प्रशासन द्वारा पूर्व रेलवे के हावड़ा-बर्द्धवान मेन लाइन पर स्थित बन्डेल, आदिसप्तग्राम एवं मगरा स्टेशनों पर तीसरी लाइन के कमीशनिंग हेतु नॉन इंटरलॉक कार्य किये जाने के कारण गाड़ियों का निरस्तीकरण एवं मार्ग परिवर्तन निम्नवत् किया जायेगा।

निरस्तीकरण-

–      कोलकाता से 30 मई, 2022 को चलने वाली 13137 कोलकाता-आजमगढ़ एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      आजमगढ़ से 31 मई, 2022 को चलने वाली 13138 आजमगढ-कोलकाता़ एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      सियालदह से 26 से 30 मई, 2022 तक चलने वाली 13105 सियालदह-बलिया एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      बलिया से 27 से 31 मई, 2022 तक चलने वाली 13106 बलिया-सियालदह एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      गोरखपुर से 26 मई, 2022 को चलने वाली 15052 गोरखपुर-कोलकाता एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      कोलकाता से 27 मई, 2022 को चलने वाली 15051 कोलकाता-गोरखपुर एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      गोरखपुर से 27 एवं 29 मई, 2022 को चलने वाली 15048 गोरखपुर-कोलकाता एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      कोलकाता से 28 एवं 30 मई, 2022 को चलने वाली 15047 कोलकाता-गोरखपुर एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      गोरखपुर से 28 मई, 2022 को चलने वाली 15050 गोरखपुर-कोलकाता एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

–      कोलकाता से 29 मई, 2022 को चलने वाली 15049 कोलकाता-गोरखपुर एक्सप्रेस निरस्त रहेगी।

मार्ग परिवर्तन-

–      हावड़ा से 27 से 29 मई, 2022 तक चलने वाली 13019 हावड़ा-काठगोदाम बाघ एक्सप्रेस हावड़ा से 21.45 बजे के स्थान पर पुनर्निधारित कर 00.20 बजे चलाया जायेगा। इस गाड़ी को रास्ते में पड़ने वाले बाली एवं कामारकुण्डू स्टेशनों पर ठहराव प्रदान किया जायेगा।

–      काठगोदाम से 26 से 28 मई, 2022 तक चलने वाली 13020 काठगोदाम-हावड़ा बाघ एक्सप्रेस का कामारकुण्डू एवं बाली स्टेशनों पर ठहराव देते हुए परिवर्तित मार्ग बर्द्धवान-दानकुनी से होकर चलायी जायेगी।

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सात जून तक रद्द रहेंगी छपरा कचहरी गोमती नगर एक्सप्रेस

छपरा : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा कचहरी से चलकर मशरक, थावे रेलखंड पर चलने वाली एकमात्र एक्सप्रेस ट्रेन के रद्द रहने की घोषणा रेल प्रशासन द्वारा की गई है. जिससे इस लग्न के मौसम में यात्रियों की परेशानी बढी.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गोरखपुर पंकज कुमार सिंह ने मीडिया के माध्यम से बताया कि गोंडा जंक्शन पर यार्ड रिमाडलिग के तहत प्री इंटरलाॅकिग और नाॅन इंटरलाॅकिग कार्य के कारण ब्लाक लिया गया है जिससे मशरक जंक्शन से होकर गुजरने वाली गोमतीनगर छपरा कचहरी एक्सप्रेस को अगले 7 जून तक रद्द कर दिया गया है. रेलवे प्रशासन के आदेशानुसार 7 जून तक 15114 छपरा कचहरी गोमतीनगर और 15113 गोमतीनगर छपरा कचहरी एक्सप्रेस रद्द रहेंगी.

उल्लेखनीय है कि यह एकमात्र एक्सप्रेस ट्रेन छपरा मशरक थावे रेलखंड पर चलती है जिससे बड़ी संख्या में यात्री लखनऊ की यात्रा करते है इस एकमात्र ट्रेन के रद्द होने से लखनऊ जाने या लखनऊ से वापस आने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है.

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Chhapra: चर्चित युवा नेता सह वाईपीएल संयोजक युवराज सुधीर सिंह द्वारा शुक्रवार को शहर के दरोगा राय चौक स्थित शिव भवानी बजाज में बजाज की नई पल्सर मॉडल को लांच किया. इस दौरान युवराज सुधीर सिंह ने पल्सर N250 और  NS350 का भव्य रूप से लांच किया.

इस दौरान श्री सिंह ने बताया कि पल्सर सीरीज में 250 सीसी की यह पहली बाइक है. कीमत क्रमश 1.45 लाख, 1.40 लाख है. लॉन्चिंग इवेंट के दौरान उन्होंने बताया कि यह बाइक अपने आप मे बेहद खास है. उन्होंने बताया कि पल्सर के इस मॉडल में मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की भी सुविधा दी गयी है. साथ ही साथ यह 35 किमी माइलेज के साथ बाइक में स्लीपर क्लच के साथ इनफिनिटी डिस्पले व एन्टी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम इस बाइक की खासियत है.

लॉन्चिंग इवेंट के दौरान ग्राहक भी गाड़ियों की बुकिंग व खरीदारी करने पहुंचे. वही शिव भवानी बजाज के एमडी अभिषेक सिंह ने

बताया कि पल्सर का यह नया मॉडल लोगों को बेहद पसंद आएगा. इस मौके पर रूपेश सिंह, मशरख प्रमुख मंटू सिंह, पानापुर प्रमुख लोटा सिंह, अजीत सिंह, डॉ जितेंद्र सिंह, शो रूम मैनेजर अमरेश कुमार सिंह, राजकुमार राय आदि मौजूद रहे.

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नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित इंस्टेंट पेमेंट इंटरफेस यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का सर्वर रविवार को एक घंटे से भी ज्यादा वक्त तक सर्वर डाउन रहा, जिससे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम, ऐमजॉन पे आदि पर यूपीआई से लेनदेन अटका रहा.

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का सर्वर डाउन होने से लोगों को डिजिटल पेमेंट में दिक्कत का सामना करना पड़ा. यूपीआई को डेवलप करने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा है कि अब यूपीआई सर्विस ऑपरेशनल हो चुकी है. एनपीसीआई ने ट्वीट कर कहा- तकनीकी दिक्कत की वजह से UPI यूजर्स को हुई असुविधा के लिए खेद है. UPI सर्विस अब काम कर रही है और हम सिस्टम पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं.

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New Delhi: सोशल मीडिया साइट्स वाट्सऐप (Whatsapp), फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) दुनियाभर में डाउन हो गया है. यूजर्स को सोमवार रात करीब 9 बजकर 15 मिनट से तीनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के डाउन होने की सूचना मिली.

बताया जा रहा है कि भारत समेत कई देशों में लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसकी वजह से ट्विटर पर भी लोग लगातार शिकायत कर रहे हैं.

वाट्सऐप में मैसेज भेजने या प्राप्त करने में समस्या आ रही है. वहीं इंस्टाग्राम में पोस्ट देखने या करने में दिक्कत आ रही है. इसके अलावा फेसबुक पेज भी लोड नहीं हो पा रहा है. इससे यूजर्स काफी परेशान हुए हैं.

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कोलकाता: एक बार फिर पृथ्वी के नजदीक से लगभग चार फुटबॉल मैदानों के बराबर वाला एस्टेरॉयड गुजरेगा। हालांकि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि इस धरती को कोई नुकसान होने वाला नहीं है।

बिरला म्यूजियम के निदेशक देवी प्रसाद दुआरी ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में बताया कि इस एस्टेरॉयड की वजह से धरती को कोई नुकसान नहीं होगा। यह अपनी गति से धरती के वायुमंडल के बाहर से ही गुजर जाएगाए जिससे हमारे वातावरण अथवा पृथ्वी के वायु लेवल पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है। पृथ्वी की ओर बढ़ रहे इस एस्टेरॉयड की गति 29,000 किमी प्रति घंटा अर्थात लगभग आठ किमी प्रति सेकंड है। यह रविवार देर रात पृथ्वी के करीब से गुजरेगा।

रिपोर्ट के मुताबिक एस्टेरॉयड ‘2008 जीओ20’ लगभग 97 मीटर चौड़ा और 230 मीटर लंबा है। इसका आकार फुटबॉल के चार मैदानों के बराबर है। यह एस्टेरॉयड लगभग 29,000 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। यह एस्टेरॉयड 25 जुलाई 2021 को भारतीय समयानुसार रात 11:21 मिनट पर यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा। बताया गया है कि एस्टेरॉयड ‘2008 जीओ20’ पहले भी पृथ्वी के काफी नजदीक से गुजर चुका है। चूँकि यह एस्टेरॉयड इस बार पृथ्वी से काफी दूर से गुजरने वाला है। इससे पहले 1935 और 1977 में भी यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से क्रमशः 19 लाख किमी और 29 लाख किमी की दूर से गुजरा था। इस बार यह पृथ्वी से लगभग 45 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। इस संबंध में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) का कहना है कि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के काफी दूर से गुजरेगा। नासा ने कहा है कि घबराने की कोई बात नहीं है।

अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष में करोड़ों की संख्या में ऐसे एस्टेरॉयड मौजूद हैं, जिनका आकार एक मीटर से लेकर कई सैकड़ों किमी तक का है। यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव से पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते हैं लेकिन अंततः घर्षण के चलते 99.9 फीसदी एस्टेरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल में ही जलकर नष्ट हो जाते हैं। देवी प्रसाद दुआरी ने कहा कि धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले ही इस स्ट्राइड का प्रभाव खत्म हो जाएगा। धरती वासियों को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। वैज्ञानिकों ने 23,628 ऐसे एस्टेरॉयड की लिस्ट तैयार की है, जो पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं और इनमें से मात्र 1,045 ऐसे एस्टेरॉयड हैं, जिनसे भविष्य में पृथ्वी को खतरा हो सकता है।

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