Chhapra: जय प्रकाश विश्वविद्यालय के मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के नोडल पदाधिकारी और गंगा सिंह महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. कमाल अहमद को बिहार प्रदेश जनता दल यूनाइटेड शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गई है।

पार्टी द्वारा इस जिम्मेवारी के लिए नामित किए जाने पर डॉ. कमाल अहमद ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डा. अमरदीप के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि वे इस सांगठनिक जिम्मेवारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करेंगे। डॉ. अहमद ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नीतीश कुमार के द्वारा किए गए कार्यों को प्रचारित-प्रसारित करना और शिक्षा जगत से जुड़े सवालों को सरकार के समक्ष रखना उनकी प्राथमिकता होगी।

जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारियों के मनोनयन में सारण प्रक्षेत्र से डॉ. कमाल अहमद को ही नामित किया गया है। डॉ. कमाल अहमद सारण जिला के दरियापुर थानान्तर्गत बेला गाँव के निवासी हैं। पटना विश्वविद्यालय, पटना और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत वे लगभग 13 वर्षों तक नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (शिक्षा विभाग, भारत सरकार) की सेवा में पदस्थापित थे। इनकी पत्नी शफ़क बानो जदयू की वरिष्ठ नेत्री हैं।

डॉ. कमाल अहमद के इस मनोनयन पर जदयू के नेताओं, कार्यकर्ताओं और विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने उन्हें मुबारक़बाद देते हुए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की है।

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नीतीश कुमार पर हो गया है उम्र का असर, बोलना कुछ चाहतें हैं बोल कुछ और देते हैं : प्रशांत किशोर

मुजफ्फरपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दरबार के दौरान का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि वो बातों को भूल रहे हैं। इसी क्रम में जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश और तेजस्वी यादव के विकास के दावों की पोल खोलते हुए कहा कि इन नेताओं से आप कोई अपेक्षा न करें। नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का असर हो गया है। पिछले एक साल की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं। बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं। आपने कभी नीतीश कुमार को किसी फैक्ट्री बनाने को लेकर चर्चा करते सुना? नीतीश कुमार के लिए आज चर्चा का विषय क्या है? उनके लिए आज चर्चा का विषय है कि धरती का नाश होने वाला है। मोबाइल का उपयोग करने से लोग पागल हो रहे हैं। क्या यही नीतीश कुमार का काम है? नीतीश कुमार क्या साइकोलोजिस्ट हैं या मनोवैज्ञानिक हैं? बिहार की जनता ने जो काम नीतीश कुमार को दिया है वो तो ये कर नहीं रहे बाकी बेकार की चीजों में इनका ध्यान रहता है। दुनिया कितने दिनों तक रहेगी कब खत्म हो जाएगी इस पर बात करते हैं।

मुजफ्फरपुर में जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि प्रशांत किशोर ने कहा कि इन नेताओं से आप क्या अपेक्षा करते हैं? बिहार में जो आदमी शर्ट के ऊपर गंजी पहन लिया तो लोगों को लगता है कि वही जमीनी नेता है। भले उसको भाषा और विषय का ज्ञान न हो। कोई पढ़ा-लिखा आ जाए तो हम और आप बात करते हैं कि ये बिहार में नहीं चलेगा। आज देश में भष्टाचार कहां नहीं है? नेता कहां झूठ नहीं बोल रहे हैं? इसके बावजूद आज बिहार जैसी भयावह स्थिति देश के किसी दूसरे राज्य में नहीं है।

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नई दिल्ली, 05 सितंबर (हि.स.)। कांग्रेस ने मांग की है कि मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र के मुद्दों को साझा करे। सरकार बताए कि 18 से 22 सितंबर के दौरान संसद के विशेष सत्र का एजेंडा क्या है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मोदी सरकार संसद के विशेष सत्र को लेकर देश को गुमराह कर रही है। यह सरकार संसदीय परंपराओं का पालन नहीं कर रही है। मोदी सरकार ने संसद के विशेष सत्र की घोषणा तो कर दी है लेकिन मुद्दे तय नहीं कर पा रही है।

गोगोई ने बताया कि आज कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की अध्यक्षता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में पार्टी संसदीय दल की रणनीतिक बैठक हुई। यह बैठक सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर हुई। इस बैठक में हमने देश की आर्थिक समस्या, हिमाचल प्रदेश की आपदा और मणिपुर की अस्थिरता के साथ ही गौतम अडानी के संदर्भ में चर्चा की। गोगोई ने कहा कि आज रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने निवास पर आई.एन.डी.आई.ए, के घटक दलों के नेताओं को बुलाया है। यहां भी देश के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों पर चर्चा करने और सुझाव देने के लिए तैयार है। अब सवाल मोदी सरकार से है कि क्या वो अपना एजेंडा बताएंगे?

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पटना, 3 सितंबर (हि.स.)। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद राजीव रंजन सिंह ललन ने कहा कि आज बिहार का विकास दर यदि 11 फीसदी है तो उसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के अन्नदाताओं को जाता है। 2015 में मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना का वादा किया था, जिसे 2020 तक पूरा कर दिया और हमें भरोसा है कि 2025 आते-आते सात निश्चय योजना-2 का वादा भी पूरा कर लिया जाएगा। वे रविवार को पार्टी कार्यालय में किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता प्रशिक्षण सह सम्मान समारोह के उद्घाटन के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ हमारे नेता वादा अनुसार काम कर रहे हैं तो दूसरी तरफ केंद्र में बैठे नरेन्द्र मोदी अपने वादों को चुनाव के बाद जुमला करार कर देते हैं। प्रधानमंत्री ने 2014 में दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था। हर गरीब के खाते में 15-15 लाख रुपये भेजने का वादा किया था। रोजगार मिलने की बात तो दूर केंद्रीय नौकरियों में 2014 के बाद से पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई। ठीक उसी प्रकार देश से कालाधन तो वापस नहीं आया लेकिन सरकार की नाक के नीचे से देश के तीन बड़े पूंजीपति हजारों करोड रुपये लेकर विदेश भाग गए।

उन्होंने कहा कि मोदी ने न खाएंगे, न खाने देंगे की बात कही थी लेकिन आज वास्तविक स्थिति ठीक इसके विपरीत है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में हमारे देश के वैज्ञानिकों द्वारा चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग करवाई गई लेकिन प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों के इस मेहनत पर प्रचार शुरू कर दिया।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने देश में पहली बार कृषि नीति का निर्माण किया ताकि देश का किसान आर्थिक समृद्धि की मुख्यधारा में शामिल हो सके। मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार ने वर्ष 2008 में पहला कृषि रोड मैप, 2012 में दूसरा कृषि रोड मैप, 2017 में तीसरा कृषि रोड मैप एवं 2023 में चौथा कृषि रोड मैप बनाया जो आज तक चल रहा है। वर्तमान में चलने वाला कृषि रोड मैप का बजट कुल 01 लाख 62 हजार करोड रुपये का है। इस बात से ही पता चलता है कि मुख्यमंत्री किसानों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए किस प्रकार से संकल्पित है।

भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इसमें दो मत नहीं है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किसानों को सशक्त बनाने का ऐतिहासिक काम किया है। पहले देश में किसानों के लिए कोई पॉलिसी नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री ने जब केंद्रीय कृषि मंत्री का पदभार ग्रहण किया तो सबसे पहले उन्होंने किसानों के लिए कृषि नीति बनाई। कृषि रोड मैप की शुरुआत की। आज चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत मुख्यमंत्री ने की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व का प्रमाण है कि बिहार को चार बार कृषि के क्षेत्र में राष्ट्रीय कर्मण पुरस्कार से नवाजा गया।

सम्मानित किए गए किसानों में स्वाति यादव (लखीसराय), इंदर कोरा (मुंगेर), भोला महतो (सिवान), विजय गिरी (पश्चिम चंपारण), लता देवी (बांका), राज कुमार यादव (जमुई), हेमचंद्र ठाकुर (मधुबनी), अंजु कुमार (समस्तीपुर), कौशल कुमार (रोहतास), विजय कुमार सिंह (जमुई), नीरज कुमार (लखीसराय) शामिल रहे।

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ढपली बजाने वाले नीतीश कुमार का अपना ठिकाना है नहीं और विपक्षी एकता की बात कर रहे, ये बस एक जाति को खुश करने की है कोशिश: प्रशांत किशोर

पटना: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि आज नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए। लेकिन आज ये बिहार में एक समुदाय के लोगों को मैसेज देने के लिए कि हम प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, उनको भी मालूम है कि इस प्रयास से कुछ होने वाला नहीं है। ये सिर्फ ढपली बजाने वाले लोग हैं। आज RJD के जीरो एमपी हैं वो देश का प्रधानमंत्री तय कर रहे हैं। जिस पार्टी का खुद का ठिकाना नहीं है वो देश की अलग-अलग पार्टियों को एकत्रित करने में लगा है। क्या लालू और नीतीश बिहार में टीएमसी को एक भी सीट देने के लिए तैयार हो गए हैं? नीतीश कुमार को कौन पूछता है?

अखिलेश यादव के लोकसभा में 5 एमपी और बात ऐसे करते हैं जैसे उनके पांच सौ एमपी जीते हों: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार बीते दिनों में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव से मिलने गए। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव 2014 में 5 सीटें और 2019 में भी 5 सीटें मिली। हालांकि, वो बात ऐसे कर रहे हैं जैसे पांच सौ एमपी इन्ही के पास हैं। दो जीरो को अगर जोड़ेंगे तो उससे क्या होगा? आज ये बीजेपी के B टीम हैं, क्योंकि ये अपनी दुकान चला रहे हैं। साथ बैठकर चाय पीना प्रेस कांफ्रेंस करने से विपक्ष मजबूत हो जाता तो 20 साल पहले ही विपक्ष मजबूत हो गया होता। आज ये लोग घर से निकलकर 5 किलोमीटर चल नहीं सकते हैं कोई दौरा नहीं कर सकते हैं कोई काम नहीं कर सकते हैं राजनीति क्या करेंगे?

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लखनऊ, 30 अगस्त (हि.स.)। मुंबई में विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ा ऐलान किया। मायावती ने कहा कि बसपा विधानसभा और लोकसभा के आगामी सभी चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होगी।

मायावती ने ट्विटर पर लिखा, एनडीए और आईएनडीआईए गठबंधन गरीब विरोधी, जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक एवं पूंजीवादी नीतियों के समर्थक हैं। इन नीतियों के विरुद्ध बसपा अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने मीडिया से अपील की कि इस संदर्भ में कृपया गलत खबरें न चलाएं।

उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार समेत आईएनडीआईए गठबंधन के कई नेता जोरशोर से यह दावा कर रहे थे कि मुंबई बैठक में चार नए दल भी शामिल होंगे। उनके इस दावे से यह कयास लगाए जा रहे थे कि इन चार दलों में एक बसपा भी होगी। हालांकि अब मायावती के बयान से यह साफ हो गया है कि बसपा इस गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी।

मायावती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- वैसे तो बसपा से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर हैं, किंतु ऐसा न करने पर विपक्षी दलों के नेता खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर, न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वर्ना अंगूर खट्टे हैं की कहावत जैसी है।

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पटना, 29 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को नालंदा जिला अंतर्गत सिलाव अचल स्थित बड़गांव में 121 करोड़ रुपये की लागत से बने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना का काम करवाना अच्छा काम है। इसके विरोध का कोई मतलब नहीं है। हमलोग अच्छा काम कर रहे हैं। इसीलिए बहुत लोगों को ऐतराज होता है ।

सीएम ने कहा कि जनगणना करवाना केंद्र सरकार का अधिकार है लेकिन हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं। सब पार्टियों की सहमति से यह काम करवाया जा रहा है। जाति आधारित गणना का काम लगभग पूरा हो गया है। अब इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। हमलोग सभी जाति-धर्म के लोगों की किसकी कितनी संख्या है उनकी गिनती के अलावा सभी की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी जुटा रहे हैं।

मुम्बई में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा काम अधिक-से-अधिक पार्टियों को एकजुट करना है। व्यक्तिगत रूप से मुझे किसी पद या किसी चीज की इच्छा नहीं है। हम तो कल भी इस बात को दोहरा चुके हैं। इंडिया महागठबंधन में कुछ और पार्टियों के शामिल होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी इस पर बोलना ठीक नहीं होगा। आपलोग देखते रहिए, जब बैठक में लोग आएंगे तो आपलोगों को पता चल जाएगा।

लोकसभा चुनाव से संबंधित पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सभा चुनाव कभी भी हो सकता है। ये जरूरी नहीं है कि समय पर ही चुनाव हो। केंद्र सरकार कभी भी चुनाव करा सकती है। हम तो सात-आठ महीना पहले से ही कह रहे हैं कि चुनाव कभी भी हो सकता है। इसीलिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट हो जाना चाहिए। हम उसी काम में लगे हुए हैं। लोक सभा चुनाव को लेकर केंद्र सरकार की रणनीति के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनलोगों को जो करना है करने दीजिए। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। चुनाव आने पर हमलोग प्रचार-प्रसार करेंगे

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मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के लिए प्राप्त आपत्तियों पर हुआ विमर्श

Chhapra: मतदान केन्द्रो के युक्तिकरण के क्रम में मतदान केन्द्रों के प्रारूप सूची के संबंध में जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में सांसद, विधायक एवं मान्यता प्राप्त सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्ष/प्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श हेतु बैठक आज दिनांक 28 अगस्त 2023 को समाहरणालय सभागार में आहूत की गई।

बैठक को सम्बोधित करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग इस बात पर जोर देता है कि मतदान केन्द्रों को यथा व्यवहार्य स्थायी रूप से स्थित होना चाहिए। ताकि निर्वाचकों को हमेशा यह ज्ञात हो कि उन्हें सभी निर्वाचकों के लिए अपने मत डालने कहाँ जाना है। उन्हें उनके मतदान केन्द्रों के स्थान में बार-बार परिवर्तनों से भ्रम न हो। निर्वाचन आयोग ने एक मतदान केन्द्र के लिए मतदाताओं की अधिकतम सीमा 1500 निर्धारित की है। 1500 से अधिक निर्वाचक की स्थिति में सर्वप्रथम आस-पास के मतदान केन्द्रों के बीच निर्वाचकों का स्थानांतरण किया जाना है। यदि ये नियमानुकूल न हो तो नये मतदान केन्द्र का गठन यथा संभव उसी भवन में किया जाना है।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि मतदान केन्द्र यथा संभव सरकारी भवन में बनाया जाना है। जानकारी दी गई कि मतदान केन्द्र ग्राउण्ड फ्लोर पर होना चाहिए। मतदान केन्द्र की 200 मीटर की परिधि के भीतर किसी राजनीतिक दल का कार्यालय नहीं होना चाहिए। किसी मतदान केन्द्र को पुलिस थानों, अस्पतालों, मंदिर, मस्जिद इत्यादि में अवस्थित नहीं होना चाहिए। जिले में पूर्व से मतदान केन्द्रों की संख्या-3015 है। 1500 से अधिक मतदाता होने के कारण कुल 14 नये मतदान केन्द्र बनाने का प्रस्ताव है। पूर्व अनुमोदित मतदान केन्द्रों के ध्वस्त होने / जर्जर होने / चलन्त मतदान केन्द्र क्षेत्र में सरकारी भवन बन जाने के कारण 27 भवन परिर्वतन का प्रस्ताव है। मतदान केन्द्रों की प्रारूप सूची पर दावा / आपत्ति ,आम निर्वाचक / राजनीतिक दलों के द्वारा विवरण के साथ दिनांक 19.08.2023 तक जिला निर्वाचन कार्यालय में दिया गया था।

वर्तमान में विधान सभावार युक्तिकरण के पश्चात प्रस्तावित नये मतदान केन्द्रों की संख्या 113-एकमा विधान सभा क्षेत्र में 02, 114-माँझी विधान सभा क्षेत्र में 01, 116-तरैया विधान सभा क्षेत्र में 01, 117- मढ़ौरा विधान सभा क्षेत्र में 04, 119- गड़खा (अ०जा० ) विधान सभा क्षेत्र में 02, 120-अमनौर विधान सभा क्षेत्र में 04 होने की जानकारी दी गयी।

उप निर्वाचन पदाधिकारी सारण के द्वारा बताया गया कि 19 अगस्त 2023 तक सभी प्राप्त दावा एवं आपत्ति पर संबंधित विधानसभा के निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा जांच की गई। इस संदर्भ में विमर्श के दौरान कुछ मामलों पर पुनः जांच कराने का अनुरोध जिला निर्वाचन पदाधिकारी सारण से सांसद सारण एवं विभिन्न विधानसभा क्षेत्र के विधायक गणों के द्वारा किया गया।

अनुरोध को स्वीकार करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सारण ने पुनः जांच कर प्रतिवेदन संबंधित विधानसभा के निर्वाची अधिकारी को देने का निर्देश दिया। जांचोंपरांत अंतिम रूप से प्रस्ताव भेजने हेतु जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी सारण से अनुरोध किया गया। प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन कार्यालय पटना भेजा जाएगा।

बैठक में पुलिस अधीक्षक सारण, डॉ गौरव मंगला, उप विकास आयुक्त सारण प्रियंका रानी, सहायक समाहर्ता सारण सुश्री श्रेया श्री, सभी विधान सभा क्षेत्र के माननीय विधायकगण / प्रतिनिधिगण, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के अध्यक्ष/प्रतिनिधि गण एवं सभी विधान सभा क्षेत्र के निर्वाची पदाधिकारी,उप निर्वाचन पदाधिकारी सारण उपस्थित थे।

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मशरख में राजद सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का कार्यकर्ताओं नें किया भव्य स्वागत

Chhapra: जिले के मशरख थाना क्षेत्र के महाराणा प्रताप चौंक पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का पटना से गोपालगंज जाने के दौरान कार्यकर्ताओं के द्वारा भव्य स्वागत किया गया। मौके पर सारण जिला राजद उपाध्यक्ष राजेश राय, मशरक नगर पंचायत राजद युवा अध्यक्ष वीरेंद्र राय, प्रवीण कुमार, रंजीत कुमार, बिनोद राय सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहें।

वही मशरक थाना पुलिस पूरे चौंक चौराहे पर चुस्त-दुरुस्त दिखी और सड़कों पर खड़ी गाड़ियों को हटाती दिखी। महाराणा प्रताप चौंक पर राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा स्वागत के दौरान उन्होंने काफिला रोका और कार का शीशा नीचे कर सभी का अभिवादन स्वीकार किया और सभी का हाल चाल पूछते हुए पूछा कि यह कौन सा जगह हैं जिस पर राजद कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि मशरख हैं।

बता दें कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी पटना से कार में सवार होकर पटना से शीतलपुर परसा तरैया मशरक एस एच 73 और मशरक से एन एच 227 ए राम जानकी पथ होकर गोपालगंज जा रहे हैं। जहां रात में सर्किट हाउस में ठहरेंगे और दूसरे दिन अपने पैतृक गांव फुलवरिया जाएंगे।

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पटना, 17 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को दिल्ली से वापस आने पर पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में तगड़ी लड़ाई होगी। यह देशहित में बहुत अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि वे डॉक्टर से आंख का चेकअप कराने दिल्ली गये थे। डेढ़-दो साल पहले आंख का ऑपरेशन हुआ था। बीच-बीच में जाकर आंख का चेकअप कराना होता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात से संबंधित प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी बातचीत विपक्षी पार्टियों के नेताओं से होती रहती है। किसी नेता से बात करने हम दिल्ली नहीं गये थे। इसी महीने 31 अगस्त और एक सितंबर को विपक्षी दलों की मुम्बई में मीटिंग होगी। इस मीटिंग में शामिल होने हमलोग मुम्बई जायेंगे।

जदयू को लेकर प्रशांत किशोर के बयान पर कहा कि हम इस पर ध्यान नहीं देते हैं। कौन क्या बोलता है उससे हमें क्या लेना-देना है। आप लोग जनता से पूछिये तब पता चलेगा। बिहार में आपराधिक घटनाओं से संबंधित सवाल पर नीतीश ने कहा कि बिहार में आपराधिक घटनाएं काफी कम हैं। आप लोग आंकड़ा देखिए। कुछ लोग बिना मतलब के ऐसी बातें बोलते रहते हैं। उन लोगों ने मीडिया पर कब्जा कर लिया है। एकतरफा खबरें मीडिया में आती रहती है। हमलोगों की बातें मीडिया में नहीं चलने दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर बुधवार को दिल्ली में हमने उनकी समाधि स्थल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अटल से हमलोगों का पुराना संबंध रहा है। वे हमको काफी मानते थे। हमने संसद में कह दिया था कि देश का अगला प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ही बनेंगे। इसके बाद वे पूरे कार्यकाल के लिए देश का प्रधानमंत्री बने। देश के लिए अटल ने काफी अच्छा काम किया। उनके साथ अपने रिश्ते को हम कभी भूल नहीं सकते हैं। जब पहली बार मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उस समारोह में वे पटना आये थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए का गठन ही अटल बिहारी के समय में ही हुआ था। उस समय हमलोगों की पार्टी एनडीए में थी। वर्ष 1996 में हमलोग साथ आ गये थे लेकिन उस समय नामकरण नहीं हुआ था। वर्ष 1999 में एनडीए नामकरण किया गया। पहले एनडीए की मीटिंग हमेशा होती रहती थी लेकिन इधर एनडीए की कोई मीटिंग नहीं होती थी। जब हमलोग साथ में थे तब भी मीटिंग नहीं होती थी। अब जब विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का गठन हो गया है तो उन लोगों ने भी एनडीए की मीटिंग करनी शुरू की है। इससे पहले ये लोग एनडीए की मीटिंग नहीं करते थे। विपक्षी एकता की शुरुआत हमने पटना से कराई थी। विपक्षी दलों की हुई दो मीटिंग के बाद वे लोग परेशान हो गये हैं।

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पटना, 9 अगस्त (हि.स.)। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 9 अगस्त को जब देश अगस्त क्रांति की वर्षगांठ मना रहा है, तब बिहार जनादेश से विश्वासघात की पहली बरसी मना रहा है और याद कर रहा है कि नीतीश कुमार के लालू प्रसाद से हाथ मिलाने पर विकास कितना ठप हुआ और कैसे हत्या-बलात्कार, बैंक लूट की घटनाओं में तेजी लाकर कानून-व्यवस्था चौपट की गई।

सुशील मोदी ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि जो लोग कैबिनेट की पहली बैठक में दस लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रहे थे, उन्होंने कैबिनेट की 100 से ज्यादा बैठकों के बाद सौ लोगों को भी नौकरी नहीं दी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनवा कर नीतीश कुमार ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार, अपराध और वोट बैंक की राजनीति ( साम्प्रदायिकता) से समझौता किया, जिससे पिछला एक साल जंगलराज -रिटर्न जैसा रहा।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से समझौता करने के कारण मुख्यमंत्री ने नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोप-पत्र दायर होने के बावजूद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से न बिंदुवार जवाब मांगा, न उनसे इस्तीफा लिया। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के चलते बिहार शरीफ और सासाराम में रामनवमी की शोभायात्रओं पर हमले करने वालों को बचाया गया , जबकि भाजपा के पूर्व विधायक को फर्जी आरोप लगाकर जेल भेजा गया।

सुशील मोदी ने कहा कि लालू राज की वापसी के भय से बिहार में एक साल के दौरान कोई भी बड़ा निवेशक नहीं आया।उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार की पुलिस शिक्षकों और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर तो लाठी भांजती रही, जबकि बालू-शराब माफिया के हाथों जगह-जगह मार खाती रही। गृह मंत्री भी नीतीसे कुमार हैं, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते। मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के पलटी मारने से जनता ने बहुत-कुछ झेला, लेकिन 2024 के संसदीय चु

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पटना, 9 अगस्त (हि.स.)। लोकसभा में केंद्र सरकार के विरुद्ध में विपक्षियों के अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह हमेशा ही जुमलेबाजी करते हैं। यहां तक कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी नरेन्द्र मोदी हर वर्ष दो करोड़ रोजगार और काला धन लाने की बातें की लेकिन केंद्र में सरकार बनने के बाद अमित शाह ने इसे जुमला बता दिया।

ललन ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में अमित शाह ने बिहार में तीन महीने कैंप किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 43 जनसभा की लेकिन बिहार में भाजपा को आई सिर्फ 52 सीटें। यही हश्र 2021 में पश्चिम बंगाल, 2022 में हिमाचल प्रदेश और 2023 में कर्नाटक में अमित शाह की भविष्यवाणी का हुआ। 2024 में भी भाजपा का यही हश्र होगा। ललन सिंह के बोलने के दौरान जब सत्ता पक्ष की ओर से टोकाटाकी हुई तो उन्होंने आक्रामक अंदाज में कहा, बिहार में बारे में क्या एबीसीडी जानते हो.. इस बार के चुनाव में बिहार में 40 लोकसभा सीटें हारोगे।

ललन सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने तीन बार बिहार का दौरा किया। उन्होंने वहां भी सिर्फ गलत बातें बोली। पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाने की बात या मुंगेर में मेडिकल, इंजीनियर कॉलेज और हर घर नल जल की बातें हों। उन्होंने सब जगह अपने भाषणों में सिर्फ झूठ बोला और बिहार की जनता उन पर हंसती है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष आज ही के दिन 9 अगस्त, 2022 को बिहार में नीतीश कुमार ने भाजपा से अलग होकर महागठबंधन की सरकार बनाई थी। लालू परिवार पर छापेमारी के पीछे मुख्य कारण ही बिहार में बना महागठबंधन है। विपक्षी दलों के एकजुट होने से केंद्र सरकार घबरा गई है। वे लोकसभा के पटल से ऐलान करते हैं कि अगले साल होने वाले चुनाव में भाजपा की हार तय है।

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