नई दिल्ली, 14 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (बुधवार) वसंत पंचमी के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उल्लेखनीय है कि माघ महीने की पंचमी को हर वर्ष वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।उन्होंने मंगलकामना की है कि ऊर्जा और श्रद्धा से भरपूर यह त्योहार सभी भारतवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आए। मां सरस्वती सबके जीवन में विद्या एवं ज्ञान का अविरल संचार करें।

ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि, ज्ञान, कला में वृद्धि होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ हैंडल पर कहा,” देशभर के मेरे परिवारजनों को वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा की अनंत शुभकामनाएं।”

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नई दिल्ली, 12 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को नौसेना के पूर्व अधिकारियों के कतर से सकुशल घर वापसी पर खुशी जाहिर की और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार प्रकट किया। पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, “नए भारत में हर भारतीय की जान बेशकीमती है। कतर से भारत लौटे देश के वीर जवानों का हार्दिक अभिनंदन। मोदी है तो, मुमकिन है।”

अनुराग ठाकुर ने कहा, “आज से 45 दिन पहले इन नौसेना के पूर्व अधिकारियों की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदला गया था। आज इन सभी की सकुशल घर वापसी हुई है। इससे पहले भी ऑपरेशन गंगा चलाकर यूक्रेन से लगभग 27,000 भारतीय छात्र-छात्राओं को सकुशल वापस भारत लाया गया था। आज दुनिया के किसी भी कोने में युद्ध हो या संकट आया हो, भारत के लोगों को सकुशल वापस निकाला जाता है। नेपाल में भूकंप हो या अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा हो, हमने सभी भारतीयों को वहां से निकाला है। अफगानिस्तान से हजारों सिख परिवारों को मोदी सरकार ने सकुशल भारत लाया। गुरु ग्रंथ साहब को आदर पूर्वक वापस लाने हेतु विशेष विमान का प्रयोग किया गया। इससे पता चलता है कि पिछले 10 वर्षों में वैश्विक स्तर पर भारत का कितना मान सम्मान बढ़ा है। आज हमारी साख पहले से कहीं अधिक है।”

अनुराग ठाकुर ने जालंधर में बीएसएफ फ्रंटियर हेडक्वार्टर में आयोजित रोजगार मेले में 161 युवाओं को युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के बाद पत्रकारों से वार्तालाप करते हुए कहा, “हर युवा को सम्मान, हर हाथ काम। युवाओं के उज्ज्वल भविष्य निर्माण के लिए मोदी सरकार सदैव समर्पित रही है। एक वर्ष के अंदर 10 लाख से ज़्यादा सरकारी नौकरी के अपने वादे को पूरा करते हुए केंद्र की मोदी सरकार की ओर आज देश के 47 स्थानों पर रोज़गार मेला के अन्तर्गत 1 लाख से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। रोजगार मेले के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं को सशक्त बना रहे हैं। उनके दूरदर्शी नेतृत्व के परिणाम स्वरूप आज 1 लाख से अधिक कुशल युवाओं को नियुक्ति पत्र मिलने से युवा आकांक्षाओं को बल मिलेगा। युवाओं को सशक्त बनाना व देश को प्रगति की ओर ले जाना, यही मोदी की गारंटी है। भारत की प्रगति को नयी ऊंचाइयों तक ले जाना युवा शक्ति की जिम्मेदारी है । मुझे पूर्ण विश्वास है की भारत की युवा शक्ति भारत को 2047 से पहले विकसित भारत बनाने में अपना योगदान देगी, नई ऊंचाइयों पर ले जाकर दिखाएगी।”

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नई दिल्ली, 12 फ़रवरी (हि.स.)। एम्स-एसबीआई डिजिटल रोगी देखभाल कार्ड आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया द्वारा एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास और एसबीआई के महाप्रबंधक मंजीb त सिंह की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने इसे डिजिटल इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि यह “वन नेशन, वन एम्स, वन कार्ड” की दिशा में पहला कदम है। इस कार्ड से एम्स नई दिल्ली में कैंटीन सहित किसी भी स्वास्थ्य सेवा शुल्क का भुगतान कर सकता है। एक मरीज इस कार्ड में राशि जमा कर सकता है और इसे एम्स के विभिन्न ब्लॉकों में विभिन्न बिंदुओं पर रिचार्ज कर सकता है। जल्द ही इसे देश के अन्य 22 एम्स तक भी बढ़ाया जाएगा।”

उन्होंने कहा, “कई मरीज़ दूर-दूर से आते हैं और विभिन्न सेवाओं के लिए अपने साथ नकदी लेकर आते हैं। अब सभी लेनदेन कैशलेस होंगे और इस कार्ड का उपयोग किया जाएगा। उपचार पूरा होने पर कार्ड में शेष राशि मरीज को वापस उनके खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह रोगी देखभाल में गेम-चेंजर साबित होगा।

एम्स-एसबीआई स्मार्ट पेमेंट कार्ड निशुल्क उपलब्ध है। एम्स में मरीज के भर्ती होने के बाद उसे कार्ड जारी किया जाएगा । यह कार्ड मरीज के आभा नंबर या फिर अस्पताल में दिए जाने वाले यूनिक पहचान नंबर दिया जाएगा। एक बार सक्रिय होने के बाद यह कार्ड संस्थान में सभी सेवाओं के लिए विभिन्न कैश काउंटरों पर 24 घंटे कैशलेस भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।

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नई दिल्ली, 12 फरवरी (हि.स.)। भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (यूपीआई) सेवाएं सोमवार को श्रीलंका और मॉरीशस में एक वर्चुअल समारोह के दौरान शुरू की गईं। इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

यूपीआई सेवाओं की शुरुआत से श्रीलंका और मॉरीशस की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत की यात्रा करने वाले मॉरीशस के नागरिकों को भुगतान में आसानी होगी। इस पहल से डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में आज के दिन को हिंद महासागर के तीन मित्र देशों के लिए विशेष दिन बताया। उन्होंने कहा कि अपने ऐतिहासिक संबंधों को आज हम आधुनिक डिजिटल रूप से जोड़ रहे हैं। ये हमारे लोगों के विकास के लिए हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “इससे हमारे (भारत, श्रीलंका और मॉरीशस) के बीच पर्यटन बढ़ेगा। मुझे विश्वास है कि भारतीय पर्यटक भी उन गंतव्यों को पसंद करेंगे जहां यूपीआई सेवाएं उपलब्ध हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले साल श्रीलंकाई राष्ट्रपति और मॉरीशस के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा एक विज़न दस्तावेज़ अपनाया गया था। वित्तीय संपर्क बढ़ाना इसका अहम हिस्सा था। प्रधानमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि श्रीलंका और मॉरीशस के यूपीआई सिस्टम से जुड़ने से दोनों देशों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एशिया में नेपाल, भूटान, सिंगापुर और खाड़ी में संयुक्त अरब अमीरात के बाद अब मॉरीशस से रुपे कार्ड की शुरुआत अफ्रीका में हो रही है। इससे मॉरीशस से भारत आने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी।

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा, “भारत में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। हमारे छोटे से छोटे गांव में छोटे से छोटे व्यापारियों के लिए भी डिजिटल पैठ चल रही है, क्योंकि इसमें सुविधा के साथ-साथ स्पीड भी है।”

उन्होंने कहा कि फिनटेक कनेक्टिविटी के माध्यम से केवल क्रॉस-बॉर्डर लेनदेन को ही नहीं, क्रॉस बॉर्डर कनेक्शन को भी बल मिलेगा। भारत का यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई, अब नया दायित्व निभा रहा है- यूनाइटिंग पार्टनर्स विद इंडिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सुदूर गांवों में छोटे व्यापारी डिजिटल भुगतान कर रहे हैं, क्योंकि इसमें सुविधा के साथ-साथ गति भी है। पिछले साल, यूपीआई लेनदेन 100 बिलियन का आंकड़ा पार कर गया, जिसकी राशि 2 लाख करोड़ रुपये थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम’ नीति रही है। हमारा समुद्री दृष्टिकोण है- ”सागर”, यानी क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास। हमारा लक्ष्य पूरे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विकास है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भारत ने कोविन प्लेटफार्म के जरिए दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया था। प्रौद्योगिकी के प्रयोग से पारदर्शिता बढ़ी है तथा भ्रष्टाचार में कमी आयी है। अर्थव्यवस्था भी अधिक समावेशी होती जा रही है। लोग अब सरकार पर पहले जैसा भरोसा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चाहे आपदा प्राकृतिक हो, हेल्थ संबंधी हो, आर्थिक हो या अंतरराष्ट्रीय पटल पर साथ देने की बात हो, भारत पहला प्रतिसादकर्ता रहा है, और आगे भी रहेगा।

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नई दिल्ली, 12 फरवरी (हि.स.)। जननायक और बिहार के दिवंगत समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर के परिजनों ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर साझा करते हुए लिखा, “भारत रत्न से सम्मानित जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के परिजनों से मिलकर बहुत खुशी हुई। कर्पूरी जी समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों के मसीहा रहे हैं, जिनका जीवन और आदर्श देशवासियों को निरंतर प्रेरित करता रहेगा।”

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ने 23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की थी। कर्पूरी ठाकुर भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनेता तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे। लोकप्रियता के कारण उन्हें ”जननायक” कहा जाता है।

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लखनऊ, 12 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में माइल स्टोन-117 के पास सोमवार को यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक स्लीपर बस डिवाइडर से टकरा गई। पीछे से आ रही कार भी बस से टकरा गई। टक्कर के बाद दोनों ही वाहनों में आग लग गई। जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक आग की चपेट में आकर कार में सवार पांच लोग जिंदा जल गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, यह हादसा महावन थाना क्षेत्र स्थित यमुना एक्सप्रेस-वे के माइल स्टोन-117 के पास का है। बिहार नम्बर की बस (बीआर02एए6496) डिवाइडर से टकरा गई। इस दौरान पीछे चल रही एक कार बस में जा टकराई और पलक झपकते ही दोनों वाहनों में आग लग गई। हादसा देख पर यात्री घबरा गये और अपनी जान बचाने के लिए बस से उतरकर सुरक्षित जगह पर भागने लगे। इस बीच घटना की जानकारी होने पर आसपास के लोग राहत बचाव कार्य में जुट गये। लेकिन इस बीच आग ने दोनों ही वाहनों को अपनी में चपेट में ले लिया और कार में सवार पांच लोग जिंदा जल गये। सूचना पर पहुंची पुलिस, फायर बिग्रेड ने टोल टीम की मदद से आग को काबू किया। कार के अंदर बुरी तरह से जल चुके पांच लोगों के अवशेष थे। काफी प्रयास के बाद पुलिस ने कार सवार मृतकों में एक युवक की पहचान शिकोहाबाद निवासी अंशुमान यादव के रूप में की है। वह दिल्ली में नौकरी करता था। चार अन्य शवों की शिनाख्त के प्रयास पुलिस टीम कर रही है। घटना की जानकारी पर पहुंचे जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने मौका मुआयना किया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि जांच में सामने आया है कि टायर फटने की वजह से बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई थी। इसी बीच पीछे चल रही कार की टक्कर बस से हो गयी और दोनाें वाहनों में आग लग गई। आग को बुझा लिया गया है। चार लोगों के शव दिख रहे हैं। पांचवां शव भी कार के भीतर हो सकता है, पुलिस जांच कर रही है।

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नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में 52वें नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (एनडीडब्ल्यूबीएफ) का शुभारंभ किया। इस बार मेले की थीम ‘बहुभाषी भारत: एक जीवंत परंपरा’ है। उन्होंने इस मौके पर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी का भी उद्घाटन किया।

केंद्रीय मंत्री प्रधान ने इस मौके पर कहा कि नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के 52वें संस्करण के शुभारंभ की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत की भाषाई विविधता और वैश्विक साहित्यिक परंपराओं का जश्न मनाते हुए, एनडीडब्ल्यूबीएफ 2024 साहित्य, विविध संस्कृतियों, कलात्मक अभिव्यक्तियों और ज्ञान का एक सामंजस्यपूर्ण सम्मेलन है।

इस बार ई-लर्निंग के प्रति उत्साह को देखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। नेशनल ई-लाइब्रेरी विभिन्न प्रकार की गैर-शैक्षणिक पुस्तकों तक पहुंचने के लिए अपनी तरह की पहली डिजिटल लाइब्रेरी है। बच्चों और किशोरों के लिए पुस्तकें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण कथन, “जब नागरिक पढ़ते हैं, तो देश आगे बढ़ता है” पर आधारित हैं। राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी छात्रों के बीच जीवन भर पढ़ने की आदत को बढ़ावा देगी। छात्र अपनी पसंद की भाषा में विभिन्न प्रकार के साहित्य का अध्ययन कर सकेंगे। यह भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं के साहित्य को उजागर करेगी और वसुधैव कुटुंबकम को साकार करने के इरादे से सांस्कृतिक जागरूकता, देशभक्ति और सहानुभूति के भाव को बढ़ावा देगी।

राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी में किताबें युवा भारतीयों में गर्व की भावना विकसित करने के लिए भारत के इतिहास, संस्कृति, वैज्ञानिक और अन्य उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करेंगी। राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी में अंग्रेजी के अलावा भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत सभी 23 भाषाओं की किताबें शामिल होंगी। आज तक 30 से अधिक प्रतिष्ठित प्रकाशक मंच से जुड़ चुके हैं, और 1000 से अधिक पुस्तकें अपलोड की जा चुकी हैं।

नौ दिवसीय पुस्तक मेले में एक हजार से अधिक प्रकाशक हिस्सा ले रहे हैं। 40 से ज्यादा देशों के प्रकाशक एवं प्रतिनिधि विश्व पुस्तक मेले में हैं। यह बी2सी स्तर का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। विश्व की लगभग सभी भाषाओं के प्रतिनिधि यहां पाठकों के लिए उपलब्ध हैं।

प्रगति मैदान के हॉल संख्या 1 से 5 में आयोजित इस पुस्तक मेले में पाठकों को हॉल 1 में विज्ञान, मानविकी और दर्शन की पुस्तकें हैं। हॉल 2 में भारतीय भाषाओं के लेखक विभिन्न साहित्यिक विषयों, पुस्तकों एवं विधाओं पर बात करेंगे। इसके लिए लेखक मंच बनाया गया है। हॉल 3 बच्चों के लिए है, जिसमें बच्चों से जुड़े हर विषय की पुस्तकें, स्टेशनरी, कला एवं शिल्प आदि सामग्री उपलब्ध है। बालमंडप में बच्चों के लिए विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों की व्यवस्था है। हॉल 4 में अंतरराष्ट्रीय गतिविधियां आयोजित होंगी और हॉल 5 थीम मंडप का है। इस बार की थीम बहुभाषी भारत : एक जीवंत परंपरा है, जिसको ध्यान में रखते हुए विश्व पुस्तक मेले में हर आयु वर्ग के लिए हर भाषा की पुस्तकें उपलब्ध हैं।

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नई दिल्ली, 10 फ़रवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 17वीं लोकसभा में अपने अंतिम संबोधन में आशा व्यक्त की कि आने वाले चुनावों से देश के गौरव को और बढ़ायेंगे और लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करेंगे। उनका मानना है कि सरकार जितनी तेजी से लोगों के दैनिक जीवन से बाहर होगी, लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के आखिरी दिन अपने संबोधन में कहा कि चुनाव बहुत दूर नहीं हैं। कुछ लोग घबरा सकते हैं लेकिन यह लोकतंत्र का एक अनिवार्य पहलू है। हम सभी इसे गर्व से स्वीकार करते हैं। उनका मानना है कि हमारे चुनाव देश का गौरव बढ़ाएंगे और लोकतांत्रिक परंपरा का पालन करेंगे, जिससे दुनिया आश्चर्यचकित होती है।

उन्होंने अपने भाषण में कहा कि अगले 25 साल हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। राजनीतिक गतिविधियां अपनी जगह हैं लेकिन देश की आकांक्षाएं, अपेक्षाएं, सपने और संकल्प ये हैं कि ये 25 साल ऐसे हैं, जिनमें देश अपेक्षित परिणाम प्राप्त करेगा।

प्रधानमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष का सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में आक्रोश और आरोप के भी पल आए हैं। इसके बावजूद सभी स्थितियों को संभालते हुए उन्होंने सूझबूझ के साथ सदन को चलाया और हम सबका मार्गदर्शन किया है।

प्रधानमंत्री ने सेंगोल को स्थापित करने और इसको सेरेमोनियल बनाने के काम का भी श्रेय अध्यक्ष बिरला को दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत की आने वाली पीढ़ियों को हमेशा-हमेशा उस आजादी के पल से जोड़ कर रखेगा। सदन को पेपरलेस बनाने के लिए भी अध्यक्ष का आभार प्रगट करते हुए उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप 17वीं लोकसभा के दौरान 97 प्रतिशत उत्पादकता रही है।

वर्तमान लोकसभा में हुए कार्यों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश सेवा में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किए गए और अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए सबने अपने सामर्थ्य से देश को उचित दिशा देने का प्रयास किया। एक प्रकार से आज का ये दिवस हम सबकी उन 5 वर्ष की वैचारिक यात्रा का राष्ट्र को समर्पित समय का और देश को एक बार फिर से अपने संकल्पों को राष्ट्र के चरणों में समर्पित करने का अवसर है।

कोविड के चुनौतीपूर्ण समय को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने संसद सदस्यों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सांसदों ने जरूरत के समय बिना सोचे-समझे अपने विशेषाधिकार छोड़ने का फैसला किया। भारत के नागरिकों को प्रेरित करने के लिए सदस्यों ने अपने-अपने वेतन और भत्ते में 30 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया।

17वीं लोकसभा की उपलब्धियों को जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पहले सत्र में दोनों सदन ने 30 विधेयक पारित किए थे। ये अपने आप में रिकॉर्ड है। इस कार्यकाल में बहुत सारे रिफॉर्म्स हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 को संविधान को लागू किए जाने में बड़ी रुकावट बताया और कहा कि अनेक पीढ़ियों ने एक संविधान के लिए सपना देखा था। हर पल संविधान में एक दरार, एक खाई नजर आती थी और एक रुकावट चुभती थी। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाया और संविधान का पूर्ण प्रकाश के साथ प्रकटीकरण हुआ।

इसी क्रम में उन्होंने तीन नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद 75 वर्षों तक हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेज़ों के बनाए नियमों से तय होती रही। अब हमारी आने वाली पीढ़ियां गर्व से कहेंगी कि हम ऐसे समाज में रहते हैं जो ‘दंड-संहिता’ नहीं बल्कि ‘न्याय संहिता’ को मानता है।

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नई दिल्ली, 10 फरवरी (हि.स.)। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को एक मार्च से आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) का लाभ मिलने लगेगा। इसके लिए वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं को आयुष्मान भारत -पीएमजेएवाई योजना में शामिल करने की घोषणा की गई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अर्पूव चंद्रा ने शनिवार को नई दिल्ली में मीडिया को बताया कि वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कोरोना के दौरान कार्य करने वाले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों, सभी आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई योजना में शामिल करने की घोषणा की थी। इस योजना को वित्त मंत्रालय से भी मंजूरी मिल गई है। इन सभी कार्यकर्ताओं को एक मार्च से आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई में शामिल किया जाएगा। इस फैसले से लगभग 35 लाख आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को लाभ होगा।

योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर 2018 को झारखंड की राजधानी रांची में की थी। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई का मुख्य उद्देश्य प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान करना है। आयुष्मान कार्ड धारक किसी भी एम्पैनल्ड अस्पताल में पांच लाख रुपये तक का इलाज करवा सकते हैं।

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नई दिल्ली, 10 फ़रवरी (हि.स.)। 17वीं लोकसभा का अंतिम सत्र शनिवार को राम मंदिर पर चर्चा के बाद संपन्न हो गया। 31 जनवरी को शुरू हुए पंद्रहवें सत्र के समाप्त होने के साथ ही सत्रहवीं लोकसभा भी समाप्त हो गई। 17वीं लोकसभा की पहली बैठक 17 जून, 2019 को हुई थी। इस लोकसभा ने 222 कानून पारित किये। इस अवधि के दौरान 202 विधेयक पुरःस्थापित किए गए तथा 11 विधेयकों को सरकार द्वारा वापस लिया गया।

सत्र के समापन की घोषणा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने उल्लेख किया कि लोक सभा ने भारतीय न्याय संहिता, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, मुस्लिम महिला विधेयक, डिजिटल पर्सनल डाटा विधेयक जैसे ऐतिहासिक विधेयक पारित किए। हमने विशेष रूप से भारतीय चिंतन को आगे बढ़ाने के लिए कानून पारित किए। उन्होंने बताया कि इस लोकसभा में महिलाओं का अधिकतम प्रतिनिधित्व रहा और सदन की कार्यवाही में उनकी सक्रिय भागीदारी रही।

17वीं लोक सभा के दौरान पारित कुछ ऐतिहासिक कानूनों पर बिरला ने कहा कि संसद के नये भवन के अंदर सर्वप्रथम नारी शक्ति वंदन विधेयक, 2023 को चर्चा के लिए लिया गया और सभी दलों के सहयोग से यह ऐतिहासिक विधेयक उसी दिन पारित किया गया। इसके अतिरिक्त, सदन ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन विधेयक, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास विधेयक, औद्योगिक संबंध संहिता जैसे कई ऐतिहासिक कानून पारित किए।

उन्होंने कहा कि 17वीं लोक सभा के दौरान आजादी के पूर्व बनाए गए अनेक अनुपयोगी कानूनों को निरस्त किया गया और आजादी के पूर्व बनाए गए कानूनों के स्थान पर नए कानून बनाए गए। इस लोक सभा की अवधि के दौरान सदन द्वारा तीन संविधान संशोधन विधेयक पारित किए गए।

लोकसभा की उत्पादकता पर बिरला ने कहा कि 17वीं लोक सभा में कुल मिलाकर 274 बैठकें हुईं, जो 1354 घंटे तक चली। सदन ने नियत समय से 345 घंटे की अधिक अवधि तक बैठकर अपना कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस लोक सभा में व्यवधान के कारण कुल 387 घंटे का समय व्यर्थ हुआ। 17वीं लोक सभा की कुल कार्य उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत रही है, जो पिछली 5 लोक सभाओं में सबसे अधिक है।

17वीं लोकसभा में लाए गए नवाचारों पर बिरला ने प्रिजम, संसद सदस्यों के लिए ब्रीफिंग सत्र, सदस्यों को पुस्तकों की होम डिलीवरी, कार्यवाही का डिजिटलीकरण, मोबाइल ऐप, व्हाट्सएप पर सदस्यों के वीडियो फुटेज की डिलीवरी आदि का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 17वीं लोक सभा में पेपरलेस ऑफिस के विजन को साकार करते हुए संसदीय कामकाज में डिजिटल माध्यम का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 97 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के नोटिस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दिए जा रहे हैं।

17वीं लोकसभा में मितव्ययिता उपायों पर बिरला ने बताया कि पूरी लोकसभा के दौरान लगभग 875 करोड़ रुपये की बचत हुई, जो सचिवालय के बजट का 23 प्रतिशत था। इस लोक सभा में इस कैंटीन सब्सिडी को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया, जिससे लगभग 15 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत हुई। संविधान सभा में फसाड लाइटिंग की व्यवस्था और लोक सभा टीवी और राज्य सभा टीवी के विलय से करोड़ों रुपये की बचत हुई।

राम मंदिर पर प्रस्ताव पारित

लोकसभा ने आज सत्र के अंतिम दिन राम मंदिर को लेकर प्रस्ताव पारित किया। ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण एवं श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर नियम 193 के तहत चर्चा कराई गई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह ने भी भाग लिया।

प्रस्ताव के अनुसार अयोध्या में बन रहा प्रभु श्री राम का मंदिर सिर्फ पत्थरों का ढांचा भर नहीं है बल्कि आस्था और भक्ति के अनंत भावों से परिपूर्ण है। 22 जनवरी, 2024 पूरे भारतवर्ष के लिए एक ऐसी तिथि है, जिसने देश के कोने-कोने को अद्भुत आनंद और उत्साह से भर दिया। दुनियाभर की अलग-अलग संस्कृतियों में भी राम मंदिर की खूब चर्चा रही। हर ओर आस्था का सागर उमड़ता दिखा। यह एक राष्ट्रीय पर्व का दिन बन गया है, जिसको लेकर युग-युगांतर तक हमारी पीढ़ियां अभिभूत होती रहेंगी।

इसमें आगे कहा गया कि अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का प्रत्यक्ष प्रतीक है। इस अवसर ने ये भी दिखाया है कि समाज में समरसता बढ़ाने में हमारे सामूहिक प्रयासों का कितना बड़ा योगदान है। इस पल के साकार होने में हमारी न्यायपालिका और समाज के एक बड़े हिस्से की भूमिका भी उतनी ही अहम रही है। जनमानस का हमारे कानून और लोकतंत्र पर विश्वास, ये दिखाता है कि हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव कितनी सशक्त और गहरी है।

सदन ने विश्वास व्यक्त किया कि ये ऐतिहासिक उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को आशा, एकता और सामूहिकता के मूल्यों का संदेश देगी। इसके साथ ही ये हमारे देश की विविधता में एकता की भावना को भी और प्रगाढ़ करेगी।

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New Delhi: पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक डॉ एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न सम्मान दें की भरता सरकार ने घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों विभूतियों को सम्मानित करने की घोषणा करते हुए अपने x संदेश में लिखा कि

यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधान मंत्री श्री पीवी नरसिम्हा राव गरू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में, नरसिम्हा राव गरू ने विभिन्न क्षमताओं में भारत की बड़े पैमाने पर सेवा की। उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है। उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में सहायक था।

प्रधान मंत्री के रूप में नरसिम्हा राव गारू का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया, जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा, भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है, जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।

 

यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है।

 

देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।”

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नई दिल्ली, 05 फरवरी (हि.स.)। कर्तव्य पथ पर छब्बीस जनवरी को देश के 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि रहे फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने अपनी स्मृतियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। मैक्रों ने इस असाधारण यात्रा बताया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, ”आपका भारत में होना सम्मान की बात।”

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने अपनी भारत यात्रा के कुछ लम्हों को एक वीडियो में संजोकर इसे एक्स हैंडल पर साझा करते हुए लिखा, ”भारत की एक असाधारण यात्रा पर एक नजर।” प्रधानमंत्री मोदी ने इस वीडियो को एक्स हैंडल पर साझा करते हुए लिखा, ”राष्ट्रपति जी (इमैनुएल मैक्रों), आपका भारत में होना सम्मान की बात है। आपकी यात्रा और गणतंत्र दिवस समारोह में भागीदारी से निश्चित रूप से भारत-फ्रांस मित्रता को बढ़ावा मिला है।”

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