नई दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने मंगलवार को संविधान को अंगीकृत करने की 75वीं वर्षगांठ पर देशवासियों से आग्रह किया कि वे संवैधानिक आदर्शों को अपने व्यवहार में अपनाएं और अपने मौलिक कर्तव्यों का पालन करें और 2047 तक विकसित भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करें।

राष्ट्रपति मुर्मु ने मंगलवार को ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है। आज हम सभी एक ऐतिहासिक घटना के भागीदार बने हैं। 75 साल पहले संवैधानिक परिषद ने संवैधानिक परिषद के इसी केंद्र में एक नव स्वतंत्र देश के लिए संविधान बनाने का एक बड़ा कार्य पूरा किया था।

अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने संविधान निर्माताओं का स्मरण किया। उन्होंने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों और अधिकारियों के योगदान को भी याद किया। उन्होंने महिला आरक्षण पर कानून को लोकतंत्र में महिला सशक्तिकरण के नए युग की शुरुआत बताया।

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति हरिवंश, केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू, राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंच पर उपस्थित रहे। वहीं केन्द्रीय मंत्री, संसद सदस्य, दिल्ली स्थित मिशनों के प्रमुख और अन्य गणमान्य व्यक्ति केन्द्रीय कक्ष में उपस्थित रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वागत भाषण दिया।

वहीं उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने भी दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित किया।

इस अवसर पर भारत के संविधान को अंगीकृत किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का विमोचन किया गया। इसके अलावा “भारत के संविधान का निर्माण: एक झलक” और “भारत के संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा” शीर्षक से दो पुस्तकों का विमोचन किया गया। भारत के संविधान की कला को समर्पित पुस्तिका का विमोचन किया गया। इसके अलावा संस्कृत और मैथली भाषा में लिखित भारत के संविधान का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम में भारतीय संविधान की महिमा, इसके निर्माण और ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाते हुए एक लघु फिल्म दिखाई गई।

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नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में रविवार की संध्या बिहार के लोकगीतों के नाम रही। सबसे पहले दीप प्रज्वलित करके बिहार दिवस सांस्कृतिक संध्या का उद्घाटन बिहार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया।

उद्घाटन के बाद बिहार के चोटी के पांच लोकगीत गायकों ने भोजपुरी मैथिली, मगही और अंगिका लोकगीतों की झड़ी लगा दी। कलाकारों में नीतू कुमारी नवगीत, सत्येंद्र कुमार संगीत, अमर आनंद, नीतू कुमारी नूतन और उषा सिंह ने एक से बढ़कर एक लोकगीत गाए।

प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने भगवान प्रभु श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर गाए गए गीत बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी बता द बबुआ, भिखारी ठाकुर रचित जतसारी गीत डगरिया जोहत ना हो बीतत बाटे अठपहरिया हो डगरिया जोहत ना, पिया गइले कलकतवा ए सजनी, पटना से बैदा बुलाई दा, पनिया के जहाज से पलटनिया, कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा और कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया जैसे गीत गाकर धमाल मचाया।

कार्यक्रम में भोला वर्मा ने तबला पर, शशि भूषण झा ने की-बोर्ड पर, हरीभूषण झा ने ढोलक पर, मनोज कुमार यादव ने पैड पर और कुमार पारस ने बैंजो पर कलाकारों के साथ शानदार तरीके से संगत की। मंच संचालन रूपम त्रिविक्रम ने किया।

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मुंबई, 25 नवंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र विधानसभा के लिए नवनिर्वाचित 5 निर्दलीय सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया है। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने 132 सीटें जीती हैं। भाजपा-नीत राजग में शामिल किस दल का नेता मुख्यमंत्री बनेगा, इसकी घोषणा नई दिल्ली में आज शाम तक हो सकती है।

भाजपा को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों में रत्नाकर गुट्टे, विनय कोरे, अशोकराव माने, रवि राणा और विजय पाटिल शामिल हैं। पांचों नवनिर्वाचित विधायकों ने सोमवार को मुंबई में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और समर्थन का पत्र सौंपा। विधानसभा चुनाव में राजग ने 230 सीटें जीती हैं। इसमें भाजपा 132, शिवसेना 57 और एनसीपी (एपी) ने 41 सीटें जीती हैं।

भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा है कि इसके पहले भाजपा ने ज्यादा सीटें होने बावजूद मुख्यमंत्री पद एकनाथ शिंदे को दिया था लेकिन इस बार भाजपा का ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए, ऐसी कार्यकर्ताओं की तीव्र इच्छा है। फडणवीस ने बहुत मेहनत कर भाजपा के साथ सहयोगी दलों की जीत दिलाई है, इसलिए फडणवीस को मुख्यमंत्री पद मिलना ही चाहिए। हालांकि इसका निर्णय केंद्रीय नेतृत्व करेगा।

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नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र से पूर्व दिए अपने संदेश में कहा कि जिन्हें जनता ने नकारा वह संसद में हुड़दंग कर लोकतंत्र की भावना को ठेस पहुंचा रहे हैं। विपक्ष से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यह समय पश्चाताप करने का है और सकारात्मक तौर पर चर्चा में भाग लेने का है।

परंपरागत तौर पर प्रधानमंत्री संसद सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हैं। अपनी सरकार के तीसरे कार्यकाल के तीसरे सत्र के आरंभ से पूर्व प्रधानमंत्री ने संविधान निर्माण के 75 वर्ष पूरे होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कल संविधान सदन में सभी मिलकर संविधान के उत्सव की शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान में सांसद और सांसद को विशेष महत्व दिया गया है। हमें इस सत्र का इस्तेमाल कर सशक्त होते भारत का दृष्टिकोण सामने रखना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को हाल ही में हुए राज्यों के विधानसभा चुनावों ने मजबूत किया है। विपक्ष पर इस जनादेश को स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के प्रमुख दल पर संविधान की भावना के विपरीत सदन को चलने नहीं देते।

उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को हुड़दंगबाजी से कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका अपना मकसद तो सफल नहीं होता, लेकिन देश की जनता उनके सारे व्यवहार देखती है और जब समय आता है तो उन्हें सजा भी देती है। उनकी चालें अंततः विफल हो जाती हैं, लेकिन जनता उनके व्यवहार को बारीकी से देखती है और समय आने पर न्याय करती है!”

उन्होंने कहा कि युवा सांसदों की अगली पीढ़ी को तैयार करने के लिए मिलने वाले अवसर को बर्बाद कर देते हैं। संसद में स्वस्थ बहस होनी चाहिए और चर्चाओं में अधिकतम और उचित भागीदारी होनी चाहिए।

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नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इससे एक दिन पहले सत्र के सुचारु संचालन के लिए आहूत सर्वदलीय बैठक में विपक्षी पार्टियों ने अडाणी और मणिपुर हिंसा आदि मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की है। विपक्ष इस मुद्दे पर हंगामा कर सकता है। सरकार ने वक्फ संशोधन, एक राष्ट्र-एक चुनाव जैसे करीब 16 विधेयकों को भी सत्र में लाने के संकेत दिए है। इनमें वक्फ, एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक को लेकर पहले ही प्रमुख विपक्षी दलों के साथ पहले से टकराव है।

यह सत्र हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड के विधानसभा चुनाव और कई राज्यों में हुए उपचुनाव की छाया में शुरू हो रहा है। सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। संसद सत्र के सुचारु संचालन के लिए सर्वदलीय बैठक में सत्र के काम-काज पर चर्चा हुई। सरकार ने आश्वासन दिया है कि राज्यसभा सभापति, लोकसभा अध्यक्ष और कार्यमंत्रणा समिति के समक्ष इन्हें रखा जाएगा और उन पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसद भवन में आयोजित सर्वदलीय बैठक में 30 राजनीतिक दलों के 42 नेताओं ने हिस्सा लिया। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि बैठक साैहार्दपूर्ण माहौल में हुई और सरकार ने विपक्ष की मांगों और सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना। सरकार विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, हम केवल इतना चाहते हैं कि सदन सुचारु रूप से चले।

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नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस बीच कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने अडाणी समूह के कथित कदाचार और इस मुद्दे पर जेपीसी गठन के मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। कांग्रेस के हिबी ईडन ने भी गौतम अडाणी के खिलाफ अभियोग के मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

इसके अलावा सीपीआई (एम) के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने शून्यकाल नोटिस दिया है और केरल के वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए केंद्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता की मांग की है। हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ‘कल उत्तर प्रदेश के संबल में पुलिस गोलीबारी’ के मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस दिया है और गौतम अडाणी के अभियोग के मुद्दे पर चर्चा की मांग की है।

कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर अल्पकालिक चर्चा के लिए राज्यसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम के नियम 176 के तहत राज्यसभा के महासचिव को पत्र लिखा।

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हैदराबाद, 24 नवंबर (हि.स.)। भारत को विश्वगुरु बनाने के संकल्प के साथ लोक मंथन-2024 कार्यक्रम का रविवार को समापन हो गया। यह चार दिवसीय ग्लोबल सांस्कृतिक महोत्सव हैदराबाद के शिल्पकला वेदिका में आयोजित किया गया। समापन समारोप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन राव भागवत, केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय कला एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कोयला एवं खान मंत्री जी, किशन रेड्डी मौजूद रहे। अयोध्या स्थित सिद्धपीठ हनुमत निवास के श्रीमहंत आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण जी का आशीर्वचन हुआ। चौथे लोकमंथन के चार दिवसीय कार्यक्रम का समेकित वृत प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार ने प्रस्तुत किया।

लोकमंथन के अंतिम दिन बतौर मुख्य अतिथि आरएसएस प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने भारत के राष्ट्रीय जागरण के निमित्त जनमानस के बीच एकता और समरसता पर केन्द्रित व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति समावेशी है। कोई हमारा शत्रु नहीं है। हम भी किसी के शत्रु नहीं हैं। कुछ लोग जो हमें ऐसा मानते हैं उनका मानस परिष्कार करना है। संघ प्रमुख ने कहा कि सनातन जीवन मूल्यों को सदियों से जीने के चलते दुनिया के लोग आशाभरी नजरों से हमारी ओर देख रहे हैं। हमें आगे बढ़कर दुनिया का नेतृत्व करना है। भारत इस दिशा में आगे बढ़ निकला है।

डॉ भागवत ने कहा कि स्वस्थ विमर्श के लिए लोकमंथन जरूरी है। ऐसे कार्यक्रम गांवों और जंगलों में जाकर छोटे-छोटे समूहों के बीच करने की जरूरत है। हमें तन्मय होना है और तन्मयता आत्मीयता से आती है। इसके लिए हमें अपने स्वार्थों की होली जलाकर विष को पीना होगा। सबको साथ लेकर चलना होगा, तभी हम भारत को फिर से विश्वगुरु का स्थान दिला पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि भारत का तत्वज्ञान विज्ञान सम्मत है, हमे ये देखना है कि विज्ञान धर्मसम्मत है या नहीं।

निर्मला सीतारमण ने भारतीय दृष्टिकोण साझा किया-

लोकमंथन समापन में बोलते हुए केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लोकमंथन भारत की प्राचीन परंपरा है। कांचीमठ के स्वामीजी सदियों पूर्व ऐसे वैश्विक आयोजन करते रहते थे, जहां अनेक देशों से धर्माचार्य आते और अपनी बात रखते थे। वित्तमंत्री ने कहा कि दुनिया के अनेक देशों का इतिहास हिंसा और आतंक से भरा है। जहां बाहरी लोगों ने हमले कर वहां के मूलवासियों को नष्ट-भ्रष्ट और मटियामेट करने का काम किया। लेकिन भारत इकलौता ऐसा देश है कि यहां के शहरों, गांवों और जंगलों में रहने वाले लोगों के बीच आपस में कभी संघर्ष नहीं हुआ। यहां भारतीयता के प्रगाढ़ बंधनों के चलते गिरिजन हों या आदिवासी उनसे किसी अन्य समाज के लोगों ने कभी भेदभाव नहीं किया। हमारे समाज में कभी विभाजन था हीं नहीं। हम एक दूसरे के यहां आते-जाते रहे। दुनिया में ऐसी समरसता का उदाहरण मिलना मुश्किल है।

केन्द्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और जी. किशन रेड्डी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से आइडिया ऑफ इंडिया का विचार दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है। अपनी सांस्कृतिक शक्ति के बल पर भारत विश्वगुरु बनने की राह पर आगे निकल चुका है। दोनों मंत्रियों ने लोकमंथन के आयोजन को उभरते और बदलते भारत की तस्वीर के तौर पर पेश किया।

अयोध्या के सिद्धपीठ हनुमत निवास के पीठाधीश्वर आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि अयोध्या और श्रीराम के बिना भारत के लोकमंगल की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि लोक का अर्थ ही है, जिसमें वनस्पति से वृहस्पति तक समाहित हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय समाज में सबको समाहित करने और सामंजस्य से चलने का मूल तत्व है। यहां के समाज में कभी विभाजन और अलगाव रहा ही नहीं। इस तरह की बात करने वाले समाज में विभेद पैदा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने प्रभुश्रीराम के लोकाभिराम स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि उनके संपर्क में जो भी आया वह उनके प्रेम और स्नेह से उनका होकर रह गया। वे श्रीलंका गये तो अय़ोध्या से सेना लेकर नहीं गये, वरन वन्य जीवों और वनवासियों को साथ लेकर रावण का संहार किया।

संस्कार भारती के अखिल भारतीय प्रमुख अभिजीत गोखले ने लोकमंथन के दस संकल्प सूत्रों का वाचन किया। वरिष्ठ पत्रकार और ऑरगेनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने अंतिम सत्र का संचालन किया। वंदे मातरम के साथ चार दिवसीय महोत्सव का समापन हुआ।

लोकमंथन भाग्यनगर रहा ऐतिहासिकः नंदकुमार

समारोह के दौरान प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे. नंद कुमार ने समग्र कार्यक्रमों का वृत प्रस्तुत करते हुए कई मामलों में लोकमंथन भाग्यनगर को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया के 13 देशों के प्रतिनिधियों समेत भारत के लगभग सभी राज्यों से 1502 प्रतिनिधि वैचारिक सत्रों में शामिल होने आए। उन्होंने बताया कि 74 अखिल भारतीय दायित्व वाले अधिकारी आए और 40 विशिष्ट अतिथियों का आगमन और संबोधन हुआ जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और पूर्व उपराष्ट्रपति, दो राज्यों के राज्यपाल, पांच केन्द्रीय मंत्री, 16 कुलपति, 11 पद्म पुरस्कार विजेता और 24 विशिष्ट वक्ता शामिल रहे। नंदकुमार जी के मुताबिक शिल्परामम् में 150 तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए जिसमें 1568 कलाकारों की भागीदारी रही। 87 पैवेलियन लगे थे जहां अलग-अलग कला, खेल, प्राचीन परंपराओं और विशिष्ट व्यंजनों का लोगों ने आनंद उठाया। प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में 2 लाख 10 हजार विजिटर्स आए, जिसमें हैदराबाद के स्थानीय लोगों सहित तीन सौ अधिक स्कूल-कॉलेज के छात्र भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि देश भर में 200 से अधिक प्री-लोकमंथन इवेंट हुए जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।

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रांची, 24 नवम्बर (हि.स.)। इंडी गठबंधन के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई है। झारखंड विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद अब तय हो गया है कि इंडी गठबंधन की सरकार दोबारा बनेगी।

इंडी गठबंधन के विधायक दल की बैठक रविवार को रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में चल रही है। बैठक में नव निर्वाचित विधायक पहुंच रहे हैं। इस बैठक में इंडी गठबंधन के विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इंडी गठबंधन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया है।

सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन की अगुवाई में महागठबंधन के विधायक और नेता रविवार शाम राजभवन पहुंचकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। वहीं, 26 नवंबर को मोराबादी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हो सकता है। इसमें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हो सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि इंडी गठबंधन 56 सीटें लाकर पूरी तरह से बहुमत में है। इनमें झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और माले को दो सीटें मिली हैं। एनडीए को 24 सीट मिली हैं। इनमें भाजपा को 21, आजसू को एक, जदयू को एक और लोजपा एक सीट मिली है।

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बरेली, 24 नवम्बर (हि.स.)। फरीदपुर क्षेत्र स्थित अल्लापुर गांव में निर्माणाधीन पुल पर चढ़ी तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर रामगंगा नदी में गिर गई। हादसे में कार सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने शवाें की शिनाख्त कर पाेस्टमार्टम के लिए भेजकर घटना की जानकारी मृतकाें के परिवार काे दिया।

बदायूं जिले के दातागंज और बरेली के फरीदपुर को जोड़ने के लिए रामगंगा नदी पर सेतु निगम द्वारा पुल का निर्माण किया जा रहा है। पुल के दातागंज छोर पर सुरक्षा के लिए एक दीवार बनाई गई थी, लेकिन वह पहले ही तोड़ी जा चुकी थी। इसके बावजूद प्रशासन ने इसे सही करने या किसी वैकल्पिक सुरक्षा उपाय की व्यवस्था नहीं की।

रविवार की सुबह एक कार बेकाबू हाेकर निर्माणाधीन पुल से जा गिरी, हादसे में जिन युवकाें की मृत्यु हुई है उनकी पहचान फर्रुखाबाद जनपद के रहने वाले दाेनाें भाई काैशल, विवेक और उनके मित्र के रूप में हुई है। जांच में पता चला है कि घटना के समय मृतक गाजियाबाद से लौट रहे थे और रास्ता खोजने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया है। गूगल मैप ने उन्हें अधूरे पुल की ओर मोड़ दिया। पुल अभी निर्माणाधीन था और अधूरा होने के बावजूद वहां चेतावनी बोर्ड या बैरिकेड्स नहीं लगाए गए थे। रामगंगा नदी में कार गिरने और खून बहने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने शवाें काे पाेस्टमार्टम भेजकर मामले की जांच की जा रही है।

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नई दिल्ली, 23 नवंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र व झारखंड विधानसभा चुनाव और 15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव के लिए मतों की गिनती जारी है। अबतक के रुझानों में सत्तारूढ़ दलों की वापसी दिख रही है। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले इंडी एलायंस को बहुमत मिलता दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति गठबंधन को बड़ा बहुमत मिलता दिख रहा है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार झारखंड की 81 सीटों में से झारखंड मुक्ति मोर्चा 29, कांग्रेस 13 और राष्ट्रीय जनता दल 5 सीटों पर आगे है। वहीं भाजपा 28 सीटों, आजसू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और जनता दल (यू) एक-एक सीट पर आगे है। इसके अलावा सीपीआईएमएल एक और एक पर स्वतंत्र उम्मीदवार आगे हैं।

महाराष्ट्र की 288 सीटों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है। भाजपा 126 सीटों पर आगे है, शिवसेना 54 और एनसीपी 35 सीटों पर आगे चल रही है। दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) 19 सीटों, कांग्रेस 18 सीटों और एनसीपी (शरदचन्द्र पवार) 14 सीटों पर आगे चल रही है। एमआईएमआईएम को 2 सीटों, समाजवादी पार्टी को दो सीटों पर बढ़त है। इसके अलावा अन्य पार्टियों को 7 सीटों और 7 ही सीटों पर निर्दलीय आगे चल रहे हैं।

लोकसभा की वायानाड और नांदेड़ सीटों पर हुए उपचुनाव में वायनाड सीट पर प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस) और महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट पर डॉ. संतुकराव मारोत्राओ हम्बर्डे (भाजपा) आगे चल रहे हैं।

वहीं, देशभर में 48 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में असम की 5 सीटों में से दो पर भाजपा, एक पर असम गण परिषद, एक पर यूपीपी लिबरल और एक पर कांग्रेस आगे है।

वहीं, बिहार की चार विधानसभा सीटों में दो पर भाजपा, और दो पर सहयोगी पार्टियों जनता दल (यू)और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेकुलर) आगे है।

छत्तीसगढ़ की एक सीट पर भाजपा और गुजरात की वाव सीट पर कांग्रेस आगे है।

कर्नाटक की तीन सीटों में तीनों पर कांग्रेस पार्टी आगे चल रही है। केरल की दो सीटों में एक पर कांग्रेस और एक पर सीपीएम आगे है।

मध्य प्रदेश की दो सीटों पर भाजपा आगे है।

मेघालय की एक सीट एनपीपी पार्टी आगे है।

पंजाब की 4 सीटों में से तीन पर आम आदमी पार्टी और एक पर कांग्रेस आगे है।

राजस्थान की 7 सीटों में से भाजपा तीन, दो पर कांग्रेस, दो भारतीय आदिवासी पार्टी आगे है।

सिक्किम की दो सीटों पर पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। दोनों सीटें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को गई हैं।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 9 सीटों में से 5 सीटों पर भाजपा, एक सीट पर राष्ट्रीय लोकदल और तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी आगे है।

उत्तराखंड की एकमात्र सीट केदारनाथ भाजपा के खाते में जाती दिख रही है।

पश्चिम बंगाल की 6 सीटों पर हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस बढ़त बनाए हुए हैं।

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नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को दिल्ली सहित समूचे उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा उठाया और कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम साथ आएं, चर्चा करें और भारत को इस संकट से बचाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीतिक दोषारोपण नहीं, बल्कि सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत समझते हैं।

राहुल गांधी ने वीडियो में पर्यावरण विशेषज्ञ से बातचीत साझा करते हुए एक ट्वीट में कहा कि थोड़े दिनों में संसद सत्र शुरू होने वाला है और यह सभी सांसदों को याद दिलाएगा कि प्रदूषण कितना बड़ा संकट है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का बादल सैकड़ों किलोमीटर तक फैला है और इसे साफ करने के लिए सरकार, कंपनियों, विशेषज्ञों और नागरिकों को बड़े बदलाव और निर्णायक कार्यवाही के लिए आगे आना होगा।

राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर भारत में प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल बन गया है। इससे बच्चों व बुजुर्गों का दम घुट रहा है और पर्यावरण को नुकसान के साथ आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रदूषण के चलते सबसे ज्यादा नुकसान गरीब तबके को होता है।

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हैदराबाद, 22 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को कहा कि लोकमंथन जैसे कार्यक्रमों से देश की संस्कृति एवं परंपराएं सुदृढ़ होंगी। इसकी दिशा में यह एक बेहतरीन कार्यक्रम है। भारत की सांस्कृतिक विरासत बहुत समृद्ध रही है। देश की संस्कृति और परंपराओं में विविधता में एकता के दर्शन होते हैं।

हैदराबाद के शिल्पकला वेदिका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं सांस्कृतिक महोत्सव ‘लोकमंथन-2024’ के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए गर्व महसूस हो रहा है। मुर्मु ने कहा कि वर्ष 2018 में रांची में आयोजित लोकमंथन में वे शामिल हुई थीं और आज एक बार फिर लोकमंथन में शामिल होने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि यही हमारी ताकत है, यही हमारी स्थिरता है। एक ही स्थान पर इतनी सारी विभिन्न संस्कृतियों का होना वास्तव में बहुत सुंदर है। हमारा देश इन सभी चीजों से एक खूबसूरत इंद्रधनुष की तरह है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम सभी भारतीय हैं, चाहे हम ग्रामीण हों या शहरवासी।

राष्ट्रपति मुर्मु ने यह जानकर प्रसन्नता व्यक्त की कि लोकमंथन में अहिल्याबाई होल्कर, रानी रुद्रमादेवी और रानी लक्ष्मीबाई जैसी वीरांगनाओं के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से जुड़ी प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का विदेशों में पालन किया जा रहा है। वह इंडोनेशिया सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों की हृदय से सराहना करती हैं जो इस मंच के माध्यम से अपनी संस्कृति का प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की आध्यात्मिक अवधारणाओं, कला, संगीत, शिक्षा और चिकित्सा पद्धतियों ने दुनिया भर में सम्मान अर्जित किया है। कहते हैं हमने दुनिया को ज्ञान दिया है। वर्तमान समय में भारत के ज्ञान को पुनः पूरे विश्व में फैलाने की आवश्यकता है। विदेशी शक्तियों ने सदियों तक हम पर अत्याचार किया है। हमारी संस्कृति, भाषा, परंपराओं और रीति-रिवाजों को नष्ट कर दिया। हमारी एकता को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। ऐसा कहा जाता है कि हमारे अंदर गुलामी की जड़ें पैदा कर दी गई हैं लेकिन हमारे देशवासियों ने संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखा है। इन्हें जारी रखने की जरूरत है।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत गुलामी की जड़ों को हटाने का प्रयास कर रहा है। राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ हो गया है। दरबार हॉल का नाम बदलकर गणतंत्र मंडप कर दिया गया है। यह गुलामी के विचारों को दूर करने की दिशा में एक प्रयास है। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सोच भी बदलनी चाहिए, तभी हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। एकता और सद्भावना ही हमारी सभ्यता है, हमारा भविष्य है। आइये हम सब मिलकर इस दिशा में काम करें। इस उद्घाटन कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति मुर्मू सीधे बेगमपेट हवाई अड्डे पर पहुंची और दिल्ली के लिए विशेष वमान से रवाना हो गईं।

21 से 24 नवंबर तक चलने वाले लोकमंथन कार्यक्रम की थीम ‘लोक अवलोकन, लोक विचार, लोक व्यवहार और लोक व्यवस्था’ है। लोकमंथन राष्ट्रवादी विचारकों और कार्यकर्ताओं की राष्ट्रीय संगोष्ठी है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी लोकमंथन की स्वागत समिति के अध्यक्ष हैं और इसे प्रज्ञा प्रवाह आयोजित कर रहा है जिसके संयोजक जे. नंदकुमार हैं।

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