नई दिल्ली, 7 जनवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की समाधि बनाने के लिए “राष्ट्रीय स्मृति” परिसर के भीतर एक तय जगह को मंजूरी दे दी है। “राष्ट्रीय स्मृति” परिसर राजघाट परिसर का ही एक हिस्सा है। प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने यह जानकारी दी।

इस संंबंध में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर उनका आभार प्रकट किया। प्रणव मुखर्जी का 31 अगस्त 2020 को निधन हो गया था।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और बाबा के लिए स्मारक बनाने के उनके सरकार के फैसले के लिए तहे दिल से आभार जताया। यह इसलिए भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमने इसकी मांग नहीं की थी। प्रधानमंत्री के इस अप्रत्याशित लेकिन वास्तव में दयालु कदम से मैं बेहद अभिभूत हूं।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आगे कहा कि बाबा कहते थे कि राजकीय सम्मान मांगना नहीं चाहिए, ये मिलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि उन्होंने बाबा की याद में ऐसा किया। यह बाबा के लिए मायने नहीं रखता है, वे तारीफ या आलोचना से परे रहे हैं। लेकिन उनकी बेटी के लिए इस खुशी काे बयां कर पाने के लिए शब्द नहीं हैं।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर केंद्र सरकार के आदेश की कॉपी भी साझा की।

केंद्र सरकार की ओर से शहरी और आवास मंत्रालय ने अपने आदेश में लिखा है, “सक्षम प्राधिकारी ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी की समाधि स्थापित करने के लिए “राष्ट्रीय स्मृति” परिसर (राजघाट परिसर का एक भाग) के भीतर एक नियत स्थल को मंजूरी दे दी है। यह आदेश एक जनवरी 2025 का है।

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– प्रत्येक भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल के साथ जुड़ सकेंगी

-भारतपोल पोर्टल 195 देशों के इंटरपोल नेटवर्क से जोड़कर अपराध नियंत्रण में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा

नई दिल्ली, 07 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को भारतपोल पोर्टल को देश की अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए एक नए युग में जाने की शुरुआत बताते हुए कहा कि अब विदेश भाग चुके अपराधियों को पकड़ने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि देश की प्रत्येक एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस इंटरपोल से जुड़कर सटीक विश्लेषण और समन्वय से अपराधों से निपटने में सक्षम बनेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री दिल्ली के भारत मंडपम में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा विकसित भारतपोल पोर्टल का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दाैरान केंद्रीय गृह मंत्री ने 35 सीबीआई अधिकारियों, कर्मचारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया।

भारत में अपराध कर विदेश भाग जाने वाले अपराधियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कई सारे अपराधियों ने दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठकर भारत में अपराध को अंजाम दिया है या फिर अपराध करके विदेश में भाग गये हैं जिसके कारण वह हमारे कानून की पहुंच से बाहर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करके कानून की पहुंच से बाहर रहे विदेश में बैठे अपराधियों और भारत में अपराध करके विदेश भागे अपराधियों को भारतपोल के माध्यम से देश वापस लाना और उन पर कानूनी कार्रवाई करना आसान हो जाएगा। उन्हाेंने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में ट्रायल इन एसेंसिया (अनुपस्थिति में मुकदमा) का एक नया प्रावधान जोड़ा है। इसके माध्यम से एक न्यायिक प्रक्रिया के बाद इसको पूरा करके कोर्ट के आदेश के साथ उनकी अनुपस्थिति में इन पर ट्रायल चलाना सरल हो जाएगा। यदि उन्हें सजा मिलने पर विदेशों से भारत लाने में आसानी होगी।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि भारतपोल हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय जांच को एक नए युग में ले जाने की शुरुआत है। अभी तक सीबीआई एकमात्र एजेंसी थी जो इंटरपोल के साथ काम करती थी, लेकिन अब भारतपोल के शुभारंभ के साथ प्रत्येक भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल के साथ जुड़कर सटीक विश्लेषण और समन्वय से अपराधों से निपटने में सक्षम बनेगी। उन्होंने कहा कि हम अंतराल को पाटने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए कुशलतापूर्वक काम करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि भारतपोल में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक की मदद से हम इस अंतर को पाट सकेंगे। हमें कई ऐसी जानकारियां मिल सकेंगी जो अंतरराष्ट्रीय अपराधों का विश्लेषण करने में मदद करेंगी और बदले में हमें अपराधों को होने से पहले ही रोकने के लिए एक ढांचा स्थापित करने में मदद करेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एजेंसी तो बाद में सीबीआई ही रहेगी लेकिन इस तकनीक के आधार पर खड़ी की गई व्यवस्था के माध्यम से ढेरी सारी दूरियों को मिटा पाएंगे, ढेर सारी सूचनाओं को हम प्राप्त कर पाएंगे। इस तरह से सटीकता के साथ अनेक प्रकार के दुनिया के क्राइम को विश्लेषण करके हमारे यहां क्राइम होने से पहले उसे रोकने की संरचना भी खड़ी कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि भारतपोल पोर्टल जांच एजेंसियों और हर राज्य की पुलिस को 195 देशों के इंटरपोल नेटवर्क से जोड़कर अपराध नियंत्रण में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा। साथ ही संवाद को सरल और प्रभावी बनाएगा। उन्होंने कहा कि भारतपोल पोर्टल के पांच प्रमुख मॉड्यूल हैं और यह सभी प्रवर्तन एजेंसियों को सहायता देंगे। उन्हाेंने कहा कि देश जब 2047 में आजादी की शताब्दी मनाएगा तब भारत हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा और हम प्रत्येक क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि इस संकल्प को सिद्ध करने के लिए कई पड़ाव हैं। उसमें 2027 तक भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया गया है। वहीं से एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनने का पहला कदम उठेगा।

गृह मंत्रालय के अनुसार भारतपोल पोर्टल, भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वास्तविक समय में सूचना साझा करने में सक्षम बनाएगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग तक तेजी से पहुंच संभव होगी। भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी-नई दिल्ली) के रूप में सीबीआई, कानून प्रवर्तन एजेंसियों सहित देश भर की विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर आपराधिक मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सुविधा प्रदान करती है। केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्तर पर, यह समन्वय इंटरपोल संपर्क अधिकारियों (आईएलओ) के माध्यम से किया जाता है, जो अपने-अपने संगठनों के भीतर पुलिस अधीक्षकों, पुलिस आयुक्तों और शाखा प्रमुखों के स्तर पर इकाई अधिकारियों (यूओ) से जुड़े होते हैं। वर्तमान में, सीबीआई, आईएलओ और यूओ के बीच संचार मुख्य रूप से पत्रों, ईमेल और फैक्स पर निर्भर करता है।

साइबर अपराध, वित्तीय अपराध, ऑनलाइन कट्टरपंथ, संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी आदि सहित अंतरराष्ट्रीय अपराधों के बढ़ते प्रभाव के कारण आपराधिक जांच में तेजी से और वास्तविक समय पर अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है। इस चुनौती से निपटने के लिए सीबीआई ने भारतपोल पोर्टल विकसित किया है, जो इसकी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से सुलभ है, जो सभी हितधारकों को एक साझा मंच पर लाएगा।

भारतपोल पोर्टल, इंटरपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहायता के लिए सभी अनुरोधों की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, जिसमें रेड नोटिस और अन्य रंग-कोडित इंटरपोल नोटिस जारी करना शामिल है। भारतपोल पोर्टल, क्षेत्र-स्तरीय पुलिस अधिकारियों के लिए एक परिवर्तनकारी उपकरण बन जाएगा, जिससे अपराधों और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में उनकी दक्षता बढ़ेगी। अंतरराष्ट्रीय सहायता तक आसान और तेज़ पहुंच की सुविधा प्रदान करके, यह अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में भारत के प्रयासों को मज़बूत करेगा।

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नई दिल्ली, 7 जनवरी (हि.स.)। चुनाव आयोग ने मंगलवार को दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। दिल्ली में चुनाव एक ही चरण में होगा, जिसके तहत 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। 8 फरवरी को चुनाव के नतीजे आएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपने सहयोगी चुनाव आयुक्तों के साथ मंगलवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली विधानसभा चुनावों का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि चुनाव की राजपत्र अधिसूचना 10 जनवरी 2025 को जारी की जाएगी।

नामांकन करने की अंतिम तिथि 17 जनवरी, 2025 होगी। नामांकन की जांच की तिथि 18 जनवरी 2025 रहेगी। 20 जनवरी 2025 तक उम्मीदवारी वापस ली जा सकेगी। 05 फरवरी 2025 को मतदान होगा और मतगणना 8 फरवरी, 2025 को होगी। उन्होंने तकनीकी पक्ष की चर्चा करते हुए कहा कि 10 फरवरी 2025 से पहले चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में एक करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें 83,49,645 पुरुष मतदाता हैं, 71,73,952 महिला मतदाता और 1261 थर्ड जेंडर के मतदाता हैं। इनमें 18-19 आयु वर्ग 52,554 मतदाता जोड़े गए हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे।

गौरतलब है कि चुनाव को लेकर सभी मुख्य पार्टियां अपनी तैयारी शुरू कर चुकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है, जबकि भाजपा राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता हथियाने की कोशिश में है। कांग्रेस भी कड़ी टक्कर की तैयारी कर रही है और उसे उम्मीद है कि वह आश्चर्यजनक जीत हासिल कर लेगी।

दिल्ली में लगातार 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस पिछले दो विधानसभा चुनावों में एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी। 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा जैसी पुरानी और बड़ी पार्टी सिर्फ 8 सीटें जीत सकी।

इस बार आआपा सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। कांग्रेस अब तक कुल 48 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है जबिक भाजपा ने शनिवार को 29 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की थी।

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महत्वपूर्ण मानी जाने वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट के लिए भाजपा ने पूर्व सांसद रहे प्रवेश वर्मा को चुनावी मैदान में उतरा है। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा है। त्रिकोणीय मुकाबले से यह सीट काफी चर्चित हो गई है। उधर, कालकाजी सीट भी काफी सुर्खियों में है। यहां से मुख्यमंत्री आतिशी सिंह का मुकाबला भाजपा के नेता रमेश विधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा से होगा।

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नई दिल्ली, 7 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 479 का पालन करने का निर्देश दिया है। इसके तहत विचाराधीन कैदियों को राहत दी जा सकती है। जिसका उद्देश्य मुकदमे की प्रतीक्षा के दौरान जेल में बंद लोगों की संख्या को कम करना है।

इस संबंध में केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 1 जनवरी को राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जेल अधिकारियों को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्हें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 479 का पालन करने के लिए कहा है। इस धारा के तहत ऐसे विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जाता है, जिन्होंने अपनी संभावित सजा का एक हिस्सा पूरा कर लिया है। पहली बार अपराध करने वाले कैदियों को उनकी अधिकतम संभावित सजा का एक तिहाई हिस्सा पूरा करने के बाद जमानत पर रिहा किया जा सकता है। अन्य विचाराधीन कैदी अपनी संभावित अधिकतम सजा का आधा हिस्सा पूरा करने के बाद जमानत के पात्र हैं।

मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा, “यह दोहराया जाता है कि बीएनएसएस की धारा 479 के प्रावधान विचाराधीन कैदियों की लंबी हिरासत काे कम करने और जेलों में भीड़भाड़ के मुद्दे को भी हल कर सकते हैं। इसलिए, यह उम्मीद की जाती है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस मामले में सहयोग करेंगे और संबंधित जेल अधिकारियों को मामले में आवश्यक कार्रवाई करने और गृह मंत्रालय को वांछित जानकारी देने के लिए सलाह देंगे।”

उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने इस कानून के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। पिछले साल अक्टूबर को एक एडवाइजरी जारी की गई थी और नवंबर में एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। इस कानून में यह भी प्रावधान है कि जेल अधीक्षक पात्र कैदियों की रिहाई के लिए काेर्ट में आवेदन कर सकते हैं। केंद्र सरकार 1 जनवरी से इस कानून के क्रियान्वयन पर अपडेट चाहती है। उन्होंने पात्र कैदियों की संख्या, दायर किए गए आवेदनों और दी गई रिहाई के बारे में डेटा मांगा है। मंत्रालय का मानना है कि यह कानून जेलों में लंबे समय तक हिरासत और भीड़भाड़ को काफी हद तक कम कर सकता है।

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– एनडीआरएफ, भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवान बचाव अभियान में जुटे

गुवाहाटी, 7 जनवरी (हि.स.)। राज्य के उमरंगसू इलाके के कलामाटी में कोयला खदान में फंसे 10 मजदूरों को जिंदा बचा लिया गया है।खदान में अभी 11 मजदूराें के फंसे हाेने की सूचना है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारतीय सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स और असम राइफल्स के जवान खदान में फंसे इन मजदूराें काे निकालने के लिए बचाव अभियान चला रहे हैं। इसी बीच प्रशासन नेअब खदान में फंसे 11 में से 9 मजदूराें की शिनाख्त कर ली है।

दरअसल, असम के पहाड़ी जिला डिमा हसाओ के उमरांग्सू से 25 किमी दूर असम-मेघालय के सीमावर्ती इलाके में सोमवार की सुबह एक कोयला खदान में पानी भर जाने से कई मजदूर फंस गए थे। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की प्रथम वाहिनी के जवान बचाव अभियान में जुट गया। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, सेना के इंजीनियर टास्क फोर्स और भारतीय सेना के जवान भी जुटे हैं। बताया गया है कि सहायता के लिए विशाखापत्तनम से नौसेना के गहरे गोताखोरों को बुलाया गया है। भारतीय सेना ने बाढ़ग्रस्त खदान के अंदर खतरनाक परिस्थितियों से निपटने के लिए 32 असम राइफल्स पाथफाइंडर यूनिट और पैरा गोताखोरों सहित विशेष टीमों को भी तैनात किया है। कोयला खनन सुरंग में जल स्तर असामान्य रूप से बढ़ने से बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इस बीच पानी के ऊपर कुछ हैलमेट तैरते नजर आए।

इस बचाव दल ने खदान में फंसे 10 मजदूराें काे सुरक्षित निकाल लिया है। खदान में अभी भी 11 श्रमिक फंसे हुए हैं। इसी बीच लगभग 300 फीट गहरी कोयला खदान में फंसे नौ खनिकों की पहचान प्रशासन ने की है। जिसमें गंगा बहादुर छेत्री (38), हुसैन अली (30), जाकिर हुसैन (38), सरपा बर्मन (46), मुस्तफा शेख (44), खुशीमोहन राय (57), संजीत सरकार (37), लिज़ोन मगर (26) और सरत ग्यारी (37) शामिल हैं।

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के निर्देश पर जिला आयुक्त सीमांत कुमार दास, पुलिस अधीक्षक मयंक कुमार झा और मंत्री कौशिक राय पहले ही घटनास्थल पर हैं। इन अधिकारियाें की देखरेख में बचाव अभियान चलाया जा रहा है। प्रथम बटालियन के कमांडेंट एचपीएस कंडारी घटनास्थल पर बचाव प्रयासों की निगरानी करने के लिए पहुंच गए। खबर लिखे जाने तक अभियान जारी है।

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काठमांडू, 7 जनवरी (हि.स.)। तिब्बत और नेपाल के बड़े हिस्से में मंगलवार सुबह आए भूकंप ने तिब्बत में भारी तबाही मचाई है। 7.1 की तीव्रता से आए भूकंप में 50 से अधिक लोगों की मौत की खबर है जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। भूकंप प्रभावित इलाके की ज्यादातर इमारतों को नुकसान पहुंचा है और कुछ इमारतें ध्वस्त भी हुई हैं।

आज सुबह तिब्बत के शिगात्से को केंद्रबिंदु बनाते हुए आए 7.1 तीव्रता वाले भूकंप के चपेट में आकर अब तक 53 लोगों के मौत होने की जानकारी दी गई है। चीन की सरकारी मीडिया सिन्हुआ के मुताबिक भूकंप की चपेट में आकर सुबह 11 बजे तक मारने वालों की तादाद 53 पहुंच गई है जबकि 63 घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक घंटे पहले ही मरने वालों का आंकड़ा 36 बताया गया था जो एक घंटे में ही बढ़ कर 53 हो गया है। जितनी बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, उससे मरने वालों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है।

चीन के सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन की तरफ से जो दृश्य दिखाई जा रहे हैं, उससे तिब्बत के शिगात्से क्षेत्र में बड़े नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। बड़ी संख्या में घर और इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इन तस्वीरों को देखकर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि कुछ घंटे के भीतर बड़े नुकसान के आंकड़े सामने आ सकते हैं।

नेपाल-चीन सीमा पर रहे शिगात्से में आज सुबह आए भूकंप का असर तिब्बत के दक्षिणी क्षेत्र के अलावा नेपाल, भारत, भूटान और बांग्लादेश तक महसूस किया गया था। हालांकि नेपाल में इस भूकंप से किसी भी प्रकार के नुकसान की खबर फिलहाल नहीं है।

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नई दिल्ली, 7 जनवरी (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में आज विधानसभा चुनाव का ऐलान होगा। चुनाव आयोग करीब 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा है। माना जा रहा है कि दिल्ली में आज चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। 70 विधान सभा सीट के लिए चुनाव एक चरण में ही कराए जा सकते हैै़ैं। तारीख के ऐलान के साथ ही दिल्ली में आचार संहिता लागू हो जाएगी।

विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को दिल्ली में फाइनल वोटर लिस्ट जारी की गई । इस लिस्ट के हिसाब से देश की राजधानी में कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 वोटर हैं।

तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। चुनाव की घोषणा से चुनाव की तारीख के बीच 30 दिन का अंतर होता है।

चुनाव के मद्देनजर आम आदमी पार्टी ने सभी 70 विधान सभा सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए है। भाजपा ने अभी पहली सूची जारी की है, जिसमें 29 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। वही कांग्रेस ने भी तीन सूची जारी कर अपने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं।

महत्वपूर्ण मानी जाने वाली नई दिल्ली विधानसभा सीट के लिए भाजपा ने पूर्व सांसद रहे प्रवेश वर्मा को चुनावी मैदान में उतरा है। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा है। त्रिकोणीय मुकाबले से यह सीट काफी चर्चित हो गई है। उधर, कालकाजी सीट भी काफी सुर्खियों में है। यहां से मुख्यमंत्री आतिशी सिंह का मुकाबला भाजपा के नेता रमेश विधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा से होगा।

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नई दिल्ली, 7 जनवरी (हि.स.)। पड़ोस देश नेपाल में मंगलवार सुबह एकबार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.1 मापी गई। नेपाल से लगे बिहार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

यूएसजीएस अर्थक्वेक्स के मुताबिक, मंगलवार सुबह नेपाल में 6 बज कर 35 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई है। भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से 93 किमी उत्तर पूर्व में था। इसके कारण बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्कम के कुछ हिस्सों में भी ये झटके महसूस किए गए। इस दौरान काफी संख्या में लोग दहशत के कारण घरों से बाहर आ गए।

हाल के वर्षों में नेपाल में बार-बार भूकंपइससे पहले गत माह नेपाल में 21 दिसंबर को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 मापी गई थी। जबकि अप्रैल 2015 में नेपाल में 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था। इस दौरान लगभग 9,000 लोगों की जान चली गई थी और 20,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। बड़ी संख्या में हुई तबाही के दौरान घरों और स्कूली इमारतों का काफी नुकसान हुआ था।

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काठमांडू, 7 जनवरी (हि.स.)। नेपाल एकबार फिर भूकंप के तेज झटकों से हिल गया है। भूकंप की तीव्रता रेक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई है। भूकंप मापन केंद्र के मुताबित नेपाल में इसके तुरंत बाद दोबारा बड़ा झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 5.8 मापी गई है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने लोगों से भूकंप के बड़े झटके के बाद लगातार आफ्टर शॉक आने की आशंका को देखते हुए सतर्क और सुरक्षित रहने की अपील की है।

भूकंप का केंद्र बिंदू काठमांडू से करीब 280 किमी उत्तर और माउंट एवरेस्ट से करीब 90 किमी की दूरी पर बताया गया है। यह तिब्बत का पहाड़ी क्षेत्र है जहां मानव बस्ती बहुत कम होने की बात कही गई है।

स्थानीय समय अनुसार भूकंप का पहला झटका 6:50 मिनट पर महसूस किया गया। यह झटका बहुत तेज रहा और लोग घरों से बाहर निकल गए। इसके कुछ ही मिनट बाद भूकंप के दूसरे झटके की तीव्रता 5.2 मापी गई। कड़ाके की ठंड, भारी बर्फबारी के बीच भूकंप ने लोगों को घरों से बाहर रहने के लिए मजबूर कर दिया है। लोगों को दोबारा भूकंप आने का अंदेशा है।

संखुवासभा के प्रमुख जिलाधिकारी विनोद कुमार खड़का और तापलेजुंग के प्रमुख जिलाधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने टेलीफोन पर बताया कि भूकंप के बहुत बड़े झटके महसूस किए गए। हालांकि किसी भी प्रकार की क्षति की जानकारी के लिए थोड़ा समय लगने की बात कही है।

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नई दिल्ली, 6 जनवरी (हि.स.)। पहाड़ों में जारी बर्फबारी और दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को हुई हल्की बारिश के कारण सर्दी बढ़ गई है। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग ने आने वाले तीन चार दिनों तक उत्तर भारत में सुबह और शाम में घना कोहरा छाए रहने की चेतावनी जारी की है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि की संभावना जताई है।

सोमवार को मौसम विभाग द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक अगले तीन दिनों तक उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों में, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में शीतलहर और घना कोहरा छाए रहने की संभावना जताई है। इसके साथ अगले 3-4 दिनों के दौरान भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति जारी रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार एक नया पश्चिमी विक्षोभ और पूर्वी हवाओं के साथ इसका संपर्क, 10-12 जनवरी से उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है। इसके प्रभाव में, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम वर्षा एवं बर्फबारी और इसी अवधि के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हल्की वर्षा होने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ अब उत्तरी पाकिस्तान पर औसत समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा है। विभाग ने 07 और 08 जनवरी को पूर्वोत्तर राज्यों में छिटपुट स्थानों पर आंधी और ओलावृष्टि के साथ कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई है।

07 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश और असम में भी छिटपुट ओलावृष्टि की संभावना है।

07 जनवरी को सिक्किम में आंधी और ओलावृष्टि के साथ छिटपुट वर्षा हो सकती है।

घने कोहरे के कारण 24 ट्रेनें लेटरेलवे से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली से आने-जाने वाली 24 ट्रेन देर से चली। इसमें वंदेभारत एक्सप्रेस, संपर्क क्रांति, मोगा इंटरसिटी, पुरी एक्सप्रेस, जम्मू मेल, गोमति एक्स्प्रेस शामिल है।

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नई दिल्ली, 6 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा ने इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करने की मांग की है। इस संबंध में सोमवार को अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।

जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि आपके नेतृत्व में भारत के 140 करोड़ भारतीय भाई-बहनों के दिल में राष्ट्र प्रेम एवं भारतीय संस्कृति के प्रति प्यार में समर्पण की बड़ी भावना है। आपके कार्यकाल में मुगल आंक्रांता और लुटेरे अंग्रेजों द्वारा दिए गए घाव को भरा गया है। आपने गुलामी के दाग को धोया है। इससे पूरे भारत में खुशी का माहौल है। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा, “आपके कार्यकाल में मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर बनी रोड का नाम बदलकर ए.पी.जे. कलाम रोड किया गया, उसी तर्ज पर इंडिया गेट पर लगे किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगाई जाए. जिस तरह आपने राजपथ का नाम कर्तव्य पथ किया उसी प्रकार इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करने की आवश्यकता है।

जमाल सिद्दीकी ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि इंडिया गेट को भारत माता द्वार करना उस स्तंभ पर दर्ज हजारों शहीद देशभक्तों के नाम को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। विनम्र अनुरोध है कि मेरे प्रस्ताव पर विचार कर इंडिया गेट का नाम भारत माता द्वार करें।

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नई दिल्ली, 6 जनवरी (हि.स.)। देश में ह्यूमन मेटान्योमो वायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों की पुष्टि हो चुकी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कर्नाटक से एक तीन महीने की बच्‍ची और एक 8 महीने के बच्‍चे को एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाए जाने की पुष्टि की है। 3 महीने की बच्ची को बेंगलुरु के बैप्टिस्ट अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, उसे ब्रोंकोप्न्यूमोनिया की शिकायत है। दूसरी आठ महीने की बच्ची का इलाज चल रहा है और वो अब स्वस्थ्य हो रही है। इसके बाद गुजरात से भी एक मामला सामने आया है। इन खबरों के बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।

केन्द्रीय स्वास्थय मंत्री नड्डा ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि विशेषज्ञों के मुताबिक एचएमवीपी कोई नया वायरस नहीं है। यह भारत में 2001 में पहली बार पहचाना गया था। एचएमपीवी हवा के माध्यम से फैलता है। यह ज्यादा सर्दी के मौसम में फैलता है। चीन और आसपास के देशों में फैले एचएमवीपी की स्थिति पर नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद( आईसीएमआर)और स्वास्थ्य मंंत्रालय गहन नजर बनाए हुए हैं। आईसीएमआर के डेटा के अनुसार मौजूदा समय में एचएमपीवी के मामलों में कोई तेज बढ़ोतरी नहीं देखी गई है। संयुक्त निगरानी समिति ने 4 जनवरी को स्थिति की समीक्षा की थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और उनसे इस संबंध में जानकारी साझा करने का अनुरोध किया गया है। लोगों को किसी बात की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञआईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन आर. गंगाखेडकर ने बताया कि एचएमपीवी भारत में लंबे समय से मौजूद है। इस संक्रमण से चार से पांच दिनों तक सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। अनावश्यक रूप से चिंता जताना उचित नहीं होगा, क्योंकि यह वायरस हमेशा से ही मौजूद रहा है। उन्होंने कहा कि जागरुकता औऱ सावधानी जरूरी है। जिस तरह करोना में लोगों ने हैंड हाइजीन का ख्याल रखा उसी तरह से इस वायरस में भी लोगों को अपने हाइजीन का ख्याल रखना चाहिए।

एम्स दिल्ली के डॉ. नीरज निश्चल ने कहा कि इसकी (एचएमपीवी) तुलना कोविड-19 से नहीं करना चाहिए क्योंकि वह पूरी तरह से नया वायरस था और हममें से किसी में भी इसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता नहीं थी। एचएमपीवी को 2001 से भारत में है। इससे 10 साल की उम्र तक, अधिकांश बच्चे इसके खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित कर लेते हैं। घबराने वाली बात नहीं है लेकिन सावधानी बरती जानी चाहिए।

एचएमपीवी के लक्षण

तेज बुखार,

सांस लेने में कठिनाई

त्वचा, होंठ या नाखूनों का नीला पड़ना

सर्दी-जुकाम जैसे हल्के लक्षण

कभी-कभी निमोनिया को ट्रिगर कर सकता

पुरानी श्वसन स्थितियों को बढ़ा सकता है।

खांसी या घरघराहट हो सकती है

नाक बहना,

गले में खराश होना लक्षणों में शामिल है।

बचाव के लिए क्या करें

एक्सपर्टस के मुताबिक एचएमपीवी एक पुराना वायरस है और इसके मामले पहले भी आए हैं। इससे बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले और बंद जगहों पर मास्क पहनना चाहिए।

खांसी और छींक आने पर मुंह को ढंक ले

अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करें ।

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