सुंदरबन में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक, वन्यजीवों की प्रजनन सुरक्षा के लिए 15 जून से 15 सितंबर तक प्रतिबंध

कोलकाता: बरसात के मौसम में सुंदरबन में पर्यटकों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। पश्चिम बंगाल के वन विभाग ने इस साल भी 15 जून से 15 सितंबर तक की अवधि के लिए यह सख्त कदम उठाया है। प्रतिबंध का मकसद बाघ, हिरण, मगरमच्छ और अन्य वन्यजीवों सहित मछलियों की प्रजनन प्रक्रिया को सुरक्षित माहौल देना है। इस दौरान सुंदरबन में न केवल पर्यटकों का प्रवेश रोका जाएगा, बल्कि जंगल से संसाधन संग्रह और नदियों-खाड़ियों में मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जून से अगस्त तक सुंदरबन में अधिकांश मछलियों और कई वन्य प्रजातियों का प्रजनन काल होता है। इस दौरान पर्यटकों या व्यापारिक गतिविधियों की उपस्थिति से उनके जीवनचक्र में बाधा आ सकती है। इस कारण विभाग ने शांत और सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि प्रजनन दर में वृद्धि हो और वन्यजीव निर्बाध रूप से विचरण कर सकें।

पर्यावरणविदों का मानना है कि यह कदम सुंदरबन की जैवविविधता को बनाए रखने और पारिस्थितिक संतुलन के लिए बेहद जरूरी है। वर्ष 2019 से लागू इंटीग्रेटेड रिसोर्सेज मैनेजमेंट प्लान (आईआरएमपी) की सिफारिश के तहत ही हर साल यह प्रतिबंध लगाया जाता है। यह नीतिगत निर्णय सुंदरबन जैसे संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्र के दीर्घकालिक संरक्षण की दिशा में अहम माना जा रहा है।

इस आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए सुंदरबन वन प्रभाग द्वारा कड़ी निगरानी की व्यवस्था की गई है। तीन महीने की इस अवधि में पर्यटक पर्मिट और अन्य अनुमतियों पर रोक लगा दी गई है। साथ ही वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं। किसी भी प्रकार की अवैध घुसपैठ या गतिविधि पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

हालांकि इस निर्णय से स्थानीय जाल मछुआरों और मधु संग्रहकों में चिंता का माहौल है, क्योंकि इन तीन महीनों में उनकी आजीविका पर असर पड़ता है। वन विभाग ने अभी तक इनके लिए किसी वैकल्पिक व्यवस्था की घोषणा नहीं की है।

गौरतलब है कि सुंदरबन ही नहीं, देश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों और जंगलों में प्रजनन काल के दौरान आम नागरिकों के प्रवेश पर रोक की व्यवस्था रहती है।

0Shares

वन विभाग की टीम ने पकड़ा 15 फीट का अजगर

बिजनौर: गांव नवादा के निकट स्थित नहर से एक 15 फिट के अजगर को वन विभाग की टीम पकड़ने में सफल हुई है। अजगर को पकड़ने में टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि अजगर कुछ दिनों से इसी क्षेत्र में देखा जा रहा था। गर्मी होने के कारण नहर में नहाने वाले लोगों के लिए यह खतरा बना हुआ था। कुछ समय पहले अजगर ने एक बकरी को शिकार बना निगल लिया था। वन विभाग की टीम भी कई दिनों से इस अजगर की तलाश में थी। पर नहर में पानी अधिक होने के कारण अजगर को पकड़ना मुश्किल हो रहा था। पकड़ने से पहले टीम ने पहले नहर का पानी कम कराया तब जाकर अजगर को पकड़ने में सफलता मिली। अजगर को पकड़ने के बाद वन विभाग की टीम ने रामपुर ठकरा के सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया।

0Shares

झारखंड : बारिश नहीं होने से गर्मी की हुई वापसी, 10 के बाद बदलेगा मौसम

रांची: राज्य भर में बारिश नहीं होने से फिर से गर्मी की वापसी हुई है। बारिश नही होने से तापमान में बढोत्तरी हुआ है और उमस भी बढ़ गया है। 10 जून के बाद मौसम में बदलाव होने की सम्भावना मौसम विभाग ने व्यक्त किया है।

मौसम विभाग ने आठ जून को राज्य के पूर्वी जिले और इससे लगे मध्यवर्ती इलाकों में गर्जन के साथ हल्के दर्जे की बारिश होने की सम्भावना है।

वहीं नौ जून को उत्तर-पश्चिमी हिस्सों को छोड़कर शेष हिस्सों में भी गर्जन के साथ हल्के दर्जे की बारिश होने की संभावना है।

वहीं पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में सबसे अधिक बारिश गोड्डा के पथरगामा में 4.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं सबसे अधिक अधिकतम तापमान डालटेनगंज में 37.1 डिग्री और सबसे कम न्यूनतम तापमान गुमला में 20.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

शनिवार को रांची में अधिकतम तापमान 35 डिग्री, जमशेदपुर में 34.8, डालटेनगंज में 37.1, बोकारो में 36.5 और चाईबासा में तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

0Shares

देश में कोरोना के एक्टिव मामले बढ़कर हुए 5,755, पिछले 24 घंटे में चार की मौत

नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। शनिवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 5,755 हो गई है।

मंत्रालय के अनुासर पिछले 24 घंटे के दौरान देश में कोरोना के 391 मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे अधिक कोरोना के मामले आए हैं। केरल में 24 घंटे में 127 मामले सामने आए हैं। यहां 1,806 सक्रिय मामले हैं। इसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सबसे ज्यादा सक्रिय मामले हैं। बीते 24 घंटे में चार मरीजों की मौत हुई है। ये चार मौतें केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में हुई हैं। वहीं अब तक 5,484 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो चुके हैं।

0Shares

नई दिल्ली, 07 जून (हि.स.)। देश भर में आज बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है। बकरीद के कई नाम हैं। इनमें ईद-उल-अजहा प्रमुख है। देश की प्रमुख मस्जिदों में बकरीद की नमाज अदा करने के साथ अमन और खुशहाली की दुआ मांगी जा रही है। इस त्योहार को त्याग और इंसानियत का प्रतीक माना जाता है। इस्लाम में इसे ‘कुर्बानी का त्योहार’ बताया गया है।

दिल्ली की लगभग सभी बड़ी-छोटी मस्जिदों में नमाज अदा करने के साथ ईद-उल-अजहा को धूमधाम से मनाया गया। पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे हजारों लोग जामा मस्जिद पहुंचे। मुस्लिम बाहुल्य पुरानी दिल्ली में सूरज की पहली किरण फूटते ही जामा मस्जिद का प्रांगण नमाज अदा करने के लिए भर गया। नमाज पढ़ने के बाद लोगों ने शांति और सद्भावना की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया।

इस दिन लोग दान-पुण्य करने के साथ जानवरों की रस्मी बलि देते हैं। जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मुंबई और श्रीनगर में भी लोगों ने बकरीद की नमाज अदा की। अल सुबह की नमाज के बाद से देशभर में कुर्बानी का दौर शुरू होगा। यह सिलसिला नौ जून तक चलेगा।

0Shares

नई दिल्ली, 06 जून (हि.स.)। देश का पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट ‘अर्णाला’ 18 जून को समुद्री बेड़े में शामिल होगा। भारतीय नौसेना विशाखापट्टनम के नौसेना डॉकयार्ड में इसे अपने बेड़े में शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह पोत भारत की नौसैनिक क्षमताओं में बड़ा बदलाव लाने के साथ ही तटीय सुरक्षा को मजबूत करेगा। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में आत्मनिर्भर समुद्री शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को पुनः सुदृढ़ करेगा।

अर्णाला’ किले के नाम पर बना यह युद्धपोत भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाता है

कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में निर्मित यह स्वदेशी जहाज पिछले माह एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टूपल्ली में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। इस युद्धपोत को लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत डिजाइन और निर्मित किया है। महाराष्ट्र के वसई के ऐतिहासिक ‘अर्णाला’ किले के नाम पर बना यह युद्धपोत भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाता है। विभिन्न खतरों के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे इसी किले की तरह जहाज को समुद्र में मजबूत उपस्थिति के लिए डिजाइन किया गया है। इसका मजबूत निर्माण और उन्नत क्षमताएं सुनिश्चित करती हैं कि यह जहाज समुद्री क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करके उभरते खतरों से भारत के जल की रक्षा कर सकता है।

इस युद्धपोत में 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है

जहाज उत्पादन निदेशालय के मार्गदर्शन और कोलकाता और कट्टुपल्ली में युद्धपोत निगरानी टीमों की देखरेख में निर्मित ‘अर्णाला’ को 08 मई को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित आठ पनडुब्बी रोधी युद्धक उथले जल पोत (एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट) में से यह पहला पोत है। इस युद्धपोत में 80 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। इसमें भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल), एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और एमईआईएल सहित प्रमुख भारतीय रक्षा फर्मों की उन्नत प्रणालियां शामिल हैं। इस परियोजना में 55 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) ने सहयोग दिया है।

यह जहाज तटीय जल में एंटी-सबमरीन वारफेयर संचालन में सक्षम है

नौसेना के अनुसार ‘अर्णाला’ जहाज को पानी के नीचे निगरानी रखने, तलाश और बचाव कार्यों और कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन (एलआईएमओ) के लिए तैयार किया गया है। यह जहाज तटीय जल में एंटी-सबमरीन वारफेयर संचालन में सक्षम है। साथ ही यह माइन बिछाने की उन्नत क्षमता से युक्‍त है। एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट पोत के शामिल होने से भारतीय नौसेना की उथले पानी की पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमता में बढ़ोतरी होगी। यह भारतीय नौसेना का 1490 टन से अधिक सकल भार वाला 77 मीटर लंबा डीजल इंजन-वाटर जेट से संचालित होने वाला सबसे बड़ा युद्धपोत है।

जहाज के शिखर के नीचे एक रिबन खूबसूरती से फहराया गया है

जहाज का बख्तरबंद पतवार किले की स्थायी पत्थर की दीवारों को दर्शाता है, जबकि इसके अत्याधुनिक हथियार और सेंसर उन तोपों की जगह लेते हैं, जो कभी आक्रमणकारियों से बचाव करते थे। ‘अर्णाला’ अपने नाम की रणनीतिक शक्ति और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है कि युद्ध के मैदान बदल सकते हैं, लेकिन रक्षा की भावना अटल रहती है, चाहे वह जमीन पर हो या समुद्र पर। जहाज के शिखर के नीचे एक रिबन खूबसूरती से फहराया गया है, जिस पर गर्व से जहाज का आदर्श वाक्य ‘अर्णवे शौर्यम्’ (अर्नावे शौर्यम्) प्रदर्शित किया गया है, जिसका अर्थ है ‘महासागर में वीरता’। यह शिलालेख जहाज के अटूट साहस, दुर्जेय शक्ति और विशाल समुद्र पर प्रभुत्व को दर्शाता है। 

0Shares

नई दिल्ली, 6 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला सिर्फ निर्दोष लोगों पर नहीं, बल्कि इंसानियत और कश्मीरियत पर सीधा प्रहार था। पाकिस्तान की यह साजिश भारत में दंगे भड़काने और कश्मीर के मेहनतकश लोगों की आजीविका पर चोट करने की कोशिश थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोगों ने जिस एकता और साहस के साथ इसका जवाब दिया, वह पूरे देश और दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है। उन्होंने कहा कि यह वही आतंकवाद है जिसने घाटी के स्कूल जलाए, अस्पतालों को निशाना बनाया और दो पीढ़ियों का भविष्य तबाह किया। अब जम्मू-कश्मीर के युवाओं ने आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प ले लिया है।

पाकिस्तान, जो मानवता और पर्यटन दोनों का विरोधी है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कटरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में 46 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले से राज्य में विकास का वातावरण डिगने वाला नहीं है। विकास की हर बाधा को पहले ‘मोदी’ का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर के युवा बड़े सपने देख रहे हैं और उन्हें पूरा भी कर रहे हैं। बाजार, मॉल और सिनेमा हॉल फिर से जीवंत हो रहे हैं। लोग चाहते हैं कि कश्मीर एक बार फिर फ़िल्म शूटिंग और खेलों का केंद्र बने। पर्यटन न सिर्फ लोगों को जोड़ता है, बल्कि रोज़गार भी पैदा करता है, लेकिन पाकिस्तान, जो मानवता और पर्यटन दोनों का विरोधी है, कश्मीर के पर्यटन और गरीबों की आजीविका को निशाना बना रहा है।

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया।

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “आज 6 जून है। संयोग से ठीक एक महीने पहले, आज की ही रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी। अब पाकिस्तान कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा तो उसे अपनी शर्मनाक शिकस्त याद आएगी। पाकिस्तानी फौज और आतंकियों ने कभी नहीं सोचा था कि भारत, पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों पर इस तरह वार करेगा। वर्षों की मेहनत से उन्होंने आतंक की जो इमारतें बनाई थीं, वो कुछ ही मिनटों में खंडहर बन गईं।”

उन्होंने कहा कि चिनाब और अंजी पुल भारत की इंजीनियरिंग शक्ति का प्रतीक हैं। ये दुर्गम पहाड़ियों में बने हैं और अब पर्यटन, व्यापार और स्थानीय उद्योगों के लिए रीढ़ साबित होंगे। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल परियोजना जम्मू-कश्मीर की नई पहचान और भारत की नई शक्ति का प्रतीक बन गई है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर को दो नई वंदे भारत ट्रेनें और 46 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं, जो क्षेत्र को नई गति देंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू और श्रीनगर में अब आईआईटी, आईआईएम, एम्स और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान मौजूद हैं। पिछले पाँच वर्षों में सात नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं और एमबीबीएस सीटों की संख्या 500 से बढ़कर 1300 हो गई है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि रियासी ज़िले को शीघ्र ही एक नया मेडिकल कॉलेज मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर होंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा-नीत राजग सरकार के 11 वर्ष गरीबों के कल्याण को समर्पित रहे हैं। इन वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से चार करोड़ गरीब परिवारों को पक्के मकान मिले हैं। जो लोग दलितों और पिछड़ों के नाम पर राजनीति करते हैं, उन्हें उनकी सरकार की योजनाओं में लाभ पाने वालों को देखना चाहिए- ये वही दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग हैं, जो पहले झोपड़ियों और जंगलों में जीवन बिताते थे।

इसके पहले प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया। उन्होंने अंजी पुल का भी उद्घाटन किया। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री ने कटरा रेलवे स्टेशन से कटरा और श्रीनगर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई।

0Shares

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने किए भगवान बदरीविशाल के दर्शन

गोपेश्वर: केंद्रीय लघु मध्यम उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्री जीतन राम मांझी पारिवारिकजनों के साथ शुक्रवार को बदरीनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान बदरीविशाल की पूजा अर्चना कर देश खुशहाली की कामना की।

केंद्रीय मंत्री जीतन के बदरीनाथ धाम पहुंचने पर बीकेटीसी, जिला प्रशासन और तीर्थ पुरोहित समाज ने उनका स्वागत कर मंदिर में वेद पाठ पूजा संपन्न करवाई। दर्शन के पश्चात बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया और उन्हें भगवान बदरीविशाल का प्रसाद भेंट किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्य कार्याधिकारी से श्री बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं के बाबत जानकारी ली। मुख्य कार्याधिकारी ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि अभी तक 14 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं।

इसमें से छह लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन किये हैं। तीर्थयात्रियों के लिए सरल सुगम दर्शन व्यवस्था की गयी है। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड सरकार एवं मंदिर समिति की ओर से की गई यात्रा व्यवस्थाओं की सराहना की।

इस अवसर बदरीनाथ धाम प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, डिमरी पंचायत उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित आदि मौजूद रहे।

0Shares

एनबीई को 3 अगस्त को नीट पीजी की परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराएगा, सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

नई दिल्ली: नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) अब 3 अगस्त को नीट पीजी की परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराएगा। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने एनबीई को इसकी अनुमति दे दी है। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित कराने के आदेश दिए थे, जिसके बाद एनबीई ने 15 मई को दो शिफ्टों में होने वाली नीट पीजी की परीक्षा निरस्त कर दी थी।

जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने 30 मई को एनबीई को निर्देश दिया था कि वो नीट पीजी की परीक्षा दो शिफ्ट में नहीं ले और इस परीक्षा को एक ही शिफ्ट में आयोजित करने का प्रबंध करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दो शिफ्टों में परीक्षा आयोजित करना मनमाना फैसला है और इससे सबको समान अवसर नहीं मिलेंगे। दोनों शिफ्टों के प्रश्न पत्र एक ही किस्म के नहीं होंगे। ऐसे में परीक्षा एक ही शिफ्ट में होना उचित है।

You need to add a widget, row, or prebuilt layout before you’ll see anything here. 🙂
0Shares

पाकिस्तान पर भरोसा करना सबसे बड़ी भूल- पायलट

टोंक: पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को टोंक में मीडिया से बातचीत करते हुए पाकिस्तान के सीजफायर उल्लंघन और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सीजफायर की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी और बमबारी की गई, जो उनकी मंशा और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है।

पायलट ने कहा कि मैं तो पहले दिन से ही कह रहा हूं कि पाकिस्तान पर भरोसा करना सबसे बड़ी भूल है। जिस दिन सीजफायर हुआ, उसी दिन कुछ घंटों बाद ही फायरिंग और बमबारी की खबरें आईं। उनका कोई भरोसा नहीं है, वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले ही एक्सपोज हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि भारत को बहुत सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने पाकिस्तान से भारत की तुलना पर भी सवाल उठाते हुए कहा क‍ि भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से 11 गुना बड़ी है, फिर भी बार-बार हमारी तुलना पाकिस्तान से की जाती है, जो पूरी तरह गलत है।

इसके साथ ही पायलट ने राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार सिर्फ धुआं फैला रही है। हमारी सरकार में शुरू की गई योजनाओं और कामों की ठीक से देखरेख तक नहीं हो रही है। यह दुखद है कि सरकार का सारा ध्यान सिर्फ दिल्ली के नेताओं को खुश करने और अपनी कुर्सी बचाने में लगा है।

पायलट ने कहा कि अफसरशाही हावी हो गई है, और सरकार में बैठे लोग भी बेबस हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के संघर्ष में सरकार बंट चुकी है। अधिकारी अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं। बड़े-बड़े पदों पर बैठे नेता भी अपने क्षेत्र में कुछ नहीं करवा पा रहे हैं।

जनता की नाराजगी पर बोलते हुए पायलट ने कहा कि लोगों को अब तीन साल और इसी सरकार को झेलना होगा, लेकिन कांग्रेस पर आज भी लोगों का भरोसा है। आने वाले समय में जनता का आशीर्वाद कांग्रेस को मिलेगा।

0Shares

नई दिल्ली, 06 जून (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीयमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि गोहत्या पर दिल्ली में ही नहीं, पूरे देश में प्रतिबंध लगना चाहिए। गोहत्या महापाप है। यह इस्लामियत के भी विपरीत है। उन्होंने इस संबंध में बकरीद पर दिल्ली में लगाए गए गोहत्या पर प्रतिबंध की सराहना की है।

नकवी ने वक्फ बोर्ड में किए गए प्रशासनिक सुधार का भी स्वागत किया

पूर्व केंद्रीयमंत्री नकवी ने आज जारी वाडियो बयान में कहा कि दिल्ली सरकार ने बकरीद के मद्देनजर जो सख्त सलाह जारी की है, वह स्वागत योग्य कदम है। दिल्ली सरकार ने गाय, बछड़ा, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी पर पूरी तरह रोक लगाकर देश का मन जीत लिया है। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों को भी ऐसे कदम उठाने चाहिए। नकवी ने कहा कि सलाह नहीं, बल्कि पूरे देश में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए. उन्होंने वक्फ बोर्ड में किए गए प्रशासनिक सुधार का भी स्वागत किया। नकवी ने कहा कि इसका वक्फ में सक्रिय लूट की लंपट लॉबी ही विरोध कर रही है। इन सुधारों से इस लॉबी पर की गई नाकाबंदी और तालाबंदी जैसे कदमों का अधिकांश मुसलमानों ने स्वागत किया है।

नकवी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद तरह-तरह के सवाल उठाने पर कांग्रेस को घेरा

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद तरह-तरह के सवाल उठाने पर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि सारे देश को सेना के शौर्य और पराक्रम पर गर्व है। मगर कांग्रेस के बकवास बहादुरों का बैंडबाजा बज रहा है। यह बकवास बहादुर इस पर सवाल उठाकर कांग्रेस की नैया को डुबोकर ही मानेंगे।

0Shares

सुकमा, 6 जून (हि.स.)। नक्सली संगठन के केंद्रिय समिति के सदस्य नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में सीआरपीएफ ने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए तीन गुरुकुलाें की स्थापना की है।

टेकलगुड़ेम में लगभग 80 से ज्यादा बच्चे गुरुकुल से जुड़ चुके हैं

मिली जानकारी के अनुसार पूवर्ती गांव नक्सली हिड़मा का गड़ माना जाता था। हिड़मा के खाैफ से यहां तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं बनी थी, जिसके परिणाम स्वरूप पूवर्ती गांव मुख्यधारा से दशकाें तक कटा हुआ था । अब लगभग 19 वर्ष बाद वर्ष 2024 में सुरक्षाबलाें ने इस गांव में सुरक्षा कैंप स्थापित करने के बाद सिलगेर, पूवर्ती, टेकलगुडेम में सीआरपीएफ ने गुरुकुल की स्थापना की है। इससे पूवर्ती, टेकलगुड़ेम में लगभग 80 से ज्यादा बच्चे गुरुकुल से जुड़ चुके हैं, जिन्हें शिक्षादूत एक वर्ष से शिक्षा दे रहे हैं । उल्लेखनीय है कि इस गांव के 10 से ज्यादा बच्चे 100 किमी दूर कुआकोंडा के पोटाकेबिन में रहकर पढ़ रहे हैं । यह वो बच्चे हैं, जिनके पालक क्षेत्र के खराब हो चुके माहौल को देखते हुए बच्चों को आश्रम-छात्रावासों में भेज दिया था।

पढ़ाने के साथ खेल-कूद के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है

सीआरपीएफ के डीआईजी आनंद सिंह राजपुरोहित ने शुक्रवार काे बताया कि इस इलाके में अभी तीन गुरुकुल चल रहे हैं। इसमें बच्चों के लिए कॉपी-किताब की व्यवस्था सीआरपीएफ कर रही है। पढ़ाने के साथ खेल-कूद के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है । सुकमा के जिला शिक्षा अधिकारी, जीआर मंडावी ने बताया कि इस इलाके में बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। वहीं पूवर्ती में स्कूल का निर्माण किया जा रहा है। पढ़ाई छोड़ चुके 35 बच्चों को स्कूलों से जोड़ने पालकों से बात की जा रही है।

सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने बताया कि अभी इन गुरुकुलों में शिक्षादूत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नए शिक्षकों को भी इन गुरुकुलों में नियुक्त किया जाएगा।

0Shares