सुकमा, 6 जून (हि.स.)। नक्सली संगठन के केंद्रिय समिति के सदस्य नक्सली हिड़मा के गांव पूवर्ती में सीआरपीएफ ने बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए तीन गुरुकुलाें की स्थापना की है।

टेकलगुड़ेम में लगभग 80 से ज्यादा बच्चे गुरुकुल से जुड़ चुके हैं
मिली जानकारी के अनुसार पूवर्ती गांव नक्सली हिड़मा का गड़ माना जाता था। हिड़मा के खाैफ से यहां तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं बनी थी, जिसके परिणाम स्वरूप पूवर्ती गांव मुख्यधारा से दशकाें तक कटा हुआ था । अब लगभग 19 वर्ष बाद वर्ष 2024 में सुरक्षाबलाें ने इस गांव में सुरक्षा कैंप स्थापित करने के बाद सिलगेर, पूवर्ती, टेकलगुडेम में सीआरपीएफ ने गुरुकुल की स्थापना की है। इससे पूवर्ती, टेकलगुड़ेम में लगभग 80 से ज्यादा बच्चे गुरुकुल से जुड़ चुके हैं, जिन्हें शिक्षादूत एक वर्ष से शिक्षा दे रहे हैं । उल्लेखनीय है कि इस गांव के 10 से ज्यादा बच्चे 100 किमी दूर कुआकोंडा के पोटाकेबिन में रहकर पढ़ रहे हैं । यह वो बच्चे हैं, जिनके पालक क्षेत्र के खराब हो चुके माहौल को देखते हुए बच्चों को आश्रम-छात्रावासों में भेज दिया था।

पढ़ाने के साथ खेल-कूद के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है
सीआरपीएफ के डीआईजी आनंद सिंह राजपुरोहित ने शुक्रवार काे बताया कि इस इलाके में अभी तीन गुरुकुल चल रहे हैं। इसमें बच्चों के लिए कॉपी-किताब की व्यवस्था सीआरपीएफ कर रही है। पढ़ाने के साथ खेल-कूद के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है । सुकमा के जिला शिक्षा अधिकारी, जीआर मंडावी ने बताया कि इस इलाके में बच्चों का सर्वे किया जा रहा है। वहीं पूवर्ती में स्कूल का निर्माण किया जा रहा है। पढ़ाई छोड़ चुके 35 बच्चों को स्कूलों से जोड़ने पालकों से बात की जा रही है।

सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने बताया कि अभी इन गुरुकुलों में शिक्षादूत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नए शिक्षकों को भी इन गुरुकुलों में नियुक्त किया जाएगा।
