New Delhi: अमरनाथ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस वर्ष ये यात्रा 28 जून से शुरू होने जा रही है, जिसका समापन सावन मास की पूर्णिमा को होगा. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया है. बीते साल कोरोना महामारी के चलते वार्षिक अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया था, लेकिन अब महामारी का असर थोड़ा कम हुआ, तो बाबा बर्फानी के दर्शन का रास्ता फिर से साफ कर दिया गया है.

पिछले वर्ष कोरोना वायरस की महामारी के बीच जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी गई थी, लेकिन इस बार अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होकर सावन माह की पूर्णिमा तक जारी रहेगी. बता दें कि बाबा अमरनाथ की यात्रा का श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के भी खास इंतजाम किए जाते हैं. वहीं इस बार कोरोना महामारी के चलते इस यात्रा को लेकर खास गाइडलाइन भी जारी किए जाने की चर्चा है.

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नई दिल्लीः साहित्य अकादमी 2020 पुरस्कारों की घोषणा हो गई है. हिंदी के लिए बिहार की मशहूर साहित्यकार अनामिका को साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

उन्हें उनकी हिंदी कविता संग्रह टोकरी में दिगन्त : थेरीगाथा के लिए इस पुरस्कार से विभूषित किया गया है.

मूलरूप से मुजफ्फरपुर की निवासी
अनामिका मूलरूप से मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं. वे बिहार की पहली महिला हैं जिन्हें हिंदी लेखन के लिए यह पुरस्कार मिलेगा.

साहित्य अकादमी ने 20 भाषाओं के लिए अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की है. अकादमी ने पुरस्कार देने के लिए सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक-एक संस्मरण और महाकाव्य चयन किया है.

अनामिका ने कविता के साथ-साथ उपन्यास, कहानियां भी लिखी हैं. कई अनुवाद भी किए हैं. अनामिका इन दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के सरस्वती कॉलेज में अध्यापन कर रही हैं.

बिहार में रामधारी सिंह दिनकर और अरुण कमल के बाद तीसरी साहित्यकार अनामिका हैं जिन्हें हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है.

17 अगस्त 1961 में जन्मीं अनामिका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी साहित्य में एमए किया. उनके पिता डॉ. श्यामनंदन किशोर भी हिंदी साहित्य के ख्यातिप्राप्त गीतकार रहे हैं.

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New Delhi: उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत ने शपथ ली.

भाजपा नेता और पौड़ी गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत राज्य के 12वें मुख्यमंत्री होंगे.

पार्टी कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को यह जिम्मेवारी सौंपी गई है. इससे पहले वे उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं. इस मौके पर तीरथ सिंह रावत ने कहा कि ”जो जिम्मेदारी मिली है वो मैं निभाऊंगा, प्रदेश की बेहतरी के लिए काम करूंगा.”

कई महत्वपूर्ण पदों पर कर चुके हैं काम

भाजपा राष्ट्रीय सचिव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री तीरथ सिंह रावत वर्ष 1983 से लेकर 1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे हैं. इसके अलावा वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उत्तराखंड राज्य के संगठन मंत्री भी रह चुके हैं. इसी संगठन में उन्होंने राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेवारी भी निभाई है। अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में की। वहीं, संयुक्त उत्तर प्रदेश में(जब उत्तराखंड का विभाजन नहीं हुआ था) तीरथ सिंह रावत छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे हैं.

उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर गढ़वाल के सांसद बनने तक

तीरथ सिंह साल 1997 से 2002 तक यूपी विधान परिषद के सदस्य रहे। इसके अलावा वे उत्तराखण्ड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के भी अध्यक्ष रहे हैं। साल 2012 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में वे चौबट्टाखाल विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद वर्ष 2013 में वे उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और साल 2017 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बनाए गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे गढ़वाल से सांसद चुने गए।

भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में मौजूद रहे सांसद और केंद्रीय मंत्री

भाजपा कार्यालय में आयोजित विधानमंडल की बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, याशपाल आर्य समेत केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल से सांसद अजय भ‌ट्ट मौजदू रहे. जिसके बाद तीरथ सिंह रावत के नाम पर मोहर लगी. इस बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह और प्रदेश पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम भी उपस्थित थे.

उत्तराखंड में अब तक किस-किस ने संभाला मुख्‍यमंत्री पद

1. नित्यानन्द स्वामी (9 नवम्बर 2000- 29 अक्टूबर 2001) भाजपा

2. भगत सिंह कोश्यारी (30 अक्टूबर 2001-1 मार्च 2002) भाजपा

3. नारायण दत्त तिवारी (2 मार्च 2002-7 मार्च 2007) कांग्रेस

4. भुवन चन्द्र खण्डूरी (8 मार्च 2007-23 जून 2009) भाजपा

5. रमेश पोखरियाल निशंक (24 जून 2009-10 सितम्बर 2011) भाजपा

6. भुवन चन्द्र खण्डूरी (11 सितम्बर 2011-13 मार्च 2012) भाजपा

7. विजय बहुगुणा (13 मार्च 2012-31 जनवरी 2014) कांग्रेस

8. हरीश रावत (1 फ़रवरी 2014-27 मार्च 2016) कांग्रेस

9. राष्ट्रपति शासन (27 मार्च 2016-21 अप्रैल 2016)

10. हरीश रावत (21 अप्रैल 2016-22 अप्रैल 2016) कांग्रेस

11. राष्ट्रपति शासन (22 अप्रैल 2016-11 मई 2016)

12. हरीश रावत (11 मई 2016-18 मार्च 2017) कांग्रेस

13. त्रिवेन्द्र सिंह रावत (18 मार्च 2017-9 मार्च 2021.

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New Delhi: भारतीय नौसेना में बुधवार की सुबह स्वदेशी स्कॉर्पीन पनडुब्बी आईएनएस करंज को औपचारिक रूप से बेड़े में शामिल कर लिया गया है। यह पनडुब्बी सतह और पानी के अंदर से टॉरपीडो और एंटी-शिप मिसाइल दागने की क्षमता के साथ ही समुद्र के अन्दर बारूदी सुरंगें बिछाने में भी सक्षम है। युद्धपोत निर्माता मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने परियोजना पी-75 के तहत इस तीसरी स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण किया है। इस परियोजना की दो स्कॉर्पीन पनडुब्बियां कलवरी और खंडेरी पहले ही नौसेना में शामिल हो चुकी हैं। 2022 तक तीन अन्य पनडुब्बियां भी नौसेना को सौंप दी जाएंगी।

2018 में समुद्र के परीक्षणों के लिए निकली थी

सारे समुद्री परीक्षण पूरे होने के बाद पिछले माह 15 फरवरी को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के अध्यक्ष वाइस एडमिरल (सेवानिवृत्त) नारायण प्रसाद ने पश्चिमी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ ऑफिसर (तकनीकी) रियर एडमिरल बी शिवकुमार को आईएनएस करंज पनडुब्बी सौंपी थी। कलवरी क्लास की दो पनडुब्बियां कलवरी और खंडेरी पहले ही नौसेना में शामिल हो चुकी हैं। भारत में बनी कलवरी क्लास की यह तीसरी स्कॉर्पीन पनडुब्बी आईएनएस करंज भी समुद्री परीक्षणों में खरी उतरी है। करंज को 2018 में समुद्र के परीक्षणों के लिए भेजा गया था। आईएनएस करंज 2020 में पूरे हुए समुद्री परीक्षणों में खरी उतरी है।

पनडुब्बी 50 दिनों तक समुद्र में रह सकती है

यह पनडुब्बी 50 दिनों तक समुद्र में रह सकती हैं और एक बार में 12 हजार किमी. तक की यात्रा कर सकती हैं। इसमें 8 अफसर और 35 नौसैनिक काम करते हैं और ये समुद्र की गहराई में 350 मीटर तक गोता लगा सकती हैं। कलवरी क्लास की पनडुब्बी समुद्र के अंदर 37 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। इनमें समुद्र के अंदर किसी पनडुब्बी या समुद्र की सतह पर किसी जहाज को तबाह करने के लिए टॉरपीडो होते हैं। इसके अलावा समुद्र में बारूदी सुरंगें भी बिछा सकती है।

ऑक्सीजन लेने के लिए सतह पर आने की जरूरत नहीं

आईएनएस करंज स्टेल्थ और एयर इंडिपेंडेंट प्रॉपल्शन समेत कई तरह की तकनीकों से लैस है। इसलिए इसे लंबी दूरी वाले मिशन में ऑक्सीजन लेने के लिए सतह पर आने की जरूरत नहीं है। इस तकनीक को डीआरडीओ के नेवल मैटेरियल्स रिसर्च लैब ने विकसित किया है। आईएनएस करंज में सतह और पानी के अंदर से टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइल दागने की क्षमता है। यह सटीक निशाना लगाकर दुश्मन की हालत खराब कर सकती है। इसके साथ ही इस पनडुब्बी में एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफ़िया जानकारी जुटाने, माइन लेयिंग और एरिया सर्विलांस जैसे मिशनों को अंजाम देने की क्षमता है।

पनडुब्बी में आवाज को काफी कम किया गया

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस करंज में ऐसी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे दुश्मन देशों की नौसेनाओं को इसकी टोह लेना मुश्किल होगा। इनमें अकुस्टिक साइलेंसिंग, लो रेडिएटेड नॉइज़ लेवल, हाइड्रो डायनेमिकली ऑपटिमाइज़्ड शेप तकनीक शामिल है। सामान्य तौर पर पनडुब्बी को उसकी आवाज की वजह से पकड़ा जाता है लेकिन इस पनडुब्बी में आवाज को काफ़ी कम किया गया है। आईएनएस करंज दुश्मन को चकमा देने में माहिर होने के साथ ही पुरानी पनडुब्बी के मुकाबले ज्यादा घातक है। दुनिया की सबसे अत्याधुनिक तकनीक से बनी इस पनडुब्बी के मिलने से भारतीय नौसेना की ताकत में इज़ाफा होगा।

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New Delhi: गढ़वाल लोकसभा सीट से भाजपा सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे.

वे आज शाम 4 बजे शपथ ग्रहण करेंगे. वे त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री बनेंगे, जिन्हें भाजपा ने हटाया है.

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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह ‘जनऔषधि दिवस’ समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने शिलॉन्ग स्थित नॉर्थ-ईस्टर्न इंदिरा गांधी रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंस में बने 7500वें ‘जनऔषधि केंद्र’ को भी राष्ट्र को समर्पित किया।

इस दौरान पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भारतीय जनऔषधि परियोजना के लाभार्थियों से बातचीत की और हितधारकों को उनके अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित भी किया। इस अवसर पर केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा, राज्य मंत्री मनसुख मांडविया, अनुराग ठाकुर, , हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा, गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन भाई पटेल मौजूद रहे।

गौरतलब हो जनऔषधि केंद्रों के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी देने के लिए 1 मार्च से 7 मार्च तक जनऔषधि सप्ताह मनाया जा रहा है। इसके लिए ‘जन औषधि – सेवा भी, रोजगार भी’ का नारा दिया गया है। आज सप्ताह के आखिरी दिन यानी 7 मार्च को जन औषधि दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

जन औषधि दिवस सप्ताह- 2021 पूरे देश में 7400 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के माध्यम से मनाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य किफायती दरों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है। इस परियोजना के तहत ऐसे केंद्रों की संख्या 7499 पहुंच गई है। यह केंद्र देश के सभी जिलों में हैं। वित्त वर्ष 2020-21 (4 मार्च 2021 तक) में बिक्री से आम नागरिकों के करीब 3600 करोड़ रुपए की बचत हुई है क्योंकि ये दवाएं बाजार दरों के मुकाबले 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक सस्ती हैं।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा, जनऔषधि चिकित्सक, जनऔषधि ज्योति और जनऔषधि सारथी ये तीन प्रकार के महत्वपूर्ण अवॉर्ड प्राप्त करने वाले सभी साथियों को बधाई देता हूं। जनऔषधि योजना को देश के कोने-कोने में चलाने वाले और इसके कुछ लाभार्थियों से आज मुझे बातचीत करने का अवसर मिला और जो चर्चा हुई है उसमें स्पष्ट है कि यह योजना गरीब और विशेषकर मध्यमवर्गीय परिवारों की बहुत बड़ी साथी बन रही है। यह योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है।

जनऔषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को मिला आय का साधन

जनऔषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन भी मिल रहे हैं। विशेषरूप से हमारी बहनों-बेटियों को जब सिर्फ ढाई रुपए में सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं तो इससे उनके स्वास्थ्य व उस पर एक सकारात्मक असर पड़ता है। अब तक 11 करोड़ से ज्यादा सेनेटरी नैपकिन इन केंद्रों पर बिक चुके हैं। इसी तरह जनऔषधि जननी अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी पोषण और सप्लीमेंट भी जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं 1000 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र तो ऐसे हैं जिन्हें महिलाएं ही चला रही है। यानी जनऔषधि योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है। इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में नॉर्थ-ईस्ट में जनजातिय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में भी मदद मिल रही है। आज भी जब 7500वें केंद्र का लोकार्पण किया गया है तो वो शिलॉन्ग में हुआ है।इससे स्पष्ट है कि नॉर्थ ईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है।

6 साल पहले तक देश में 100 जनऔषधि केंद्र भी नहीं थे, आज 7500 के पड़ाव पर

पीएम ने कहा, 7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है क्योंकि 6 साल पहले तक देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे। हम हो सके तो उतना ही तेजी से 10 हजार का टारगेट पार करना चाहते हैं। मैं आज राज्य सरकारों से, विभाग के लोगों से एक आग्रह करूंगा आजादी के 75 साल हमारे सामने महत्वपूर्ण अवसर है, क्या हम ये तय कर सकते हैं कि देश के कम से कम 75 जिले ऐसे होंगे जहां पर 75 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र होंगे और वो हम आने वाले कुछ ही समय में कर देंगे। इसी प्रकार से उसका लाभ लेने वालों की संख्या का भी लक्ष्य तय करना चाहिए। अब एक भी जनऔषधि केंद्र ऐसा न हो जिसमें आज जितने लोग आते हैं उसकी संख्या दोगुनी-तिगुनी न हो। इन दो चीजों को लेकर हमें काम करना चाहिए। ये काम जितना जल्दी होगा देश के गरीबों को उतना ही लाभ होगा। ये जनऔषधि केंद्र हर साल गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लगभग 3600 करोड़ रुपए बचा रहे हैं। ये रकम छोटी नहीं है जो पहले महंगी दवाओं में खर्च हो जाते थे। यानी अभी इन परिवारों के 3600 करोड़ रुपए परिवार के अच्छे कामों के लिए और अधिक उपयोगी होने लगे हैं।

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कोरोना के चलते लंबे वक्त से बंद पड़ी प्लेटफार्म टिकट की सेवा को एक बार फिर से राजधानी दिल्ली के प्रमुख सटेशन पर शुरू कर दिया है. आधी रात से इस सेवा को शुरू किया गया है. रेलवे ने टिकट के दामों में भी तीन गुना इजाफा कर दिया है. बता दें कि पहले एक प्लेटफार्म टिकट के लिए आपको 10 रुपये खर्च करने पड़ते थे. वहीं अब 30 रुपये देने होंगे.

कोरोना महामारी के चलते देशभर में कई ट्रेन व्यवस्थाएं फिलहाल अभी पूरी तरीके से बहाल नहीं हुई हैं ऐसे में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले तमाम मुसाफिरों को रेलवे स्टेशन पर जब उनके रिश्तेदार छोड़ने के लिए आते हैं तो उनको प्लेटफार्म टिकट लेना अनिवार्य होता है.

कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण प्लेटफॉर्म टिकट की सुविधा को 1 साल पहले बंद कर दिया गया था ताकि सिर्फ मुसाफिर ही यानी जिनको ट्रेन में सफर करना है वही सिर्फ स्टेशन पर पहुंचें और स्टेशन पर ज्यादा भीड़ ना हो. लेकिन एक बार फिर इस सेवा को शुरू कर दिया गया है.

दिल्ली ही नहीं, मुंबई में भी प्लेटफॉर्म टिकट के रेट बढ़ा दिए गए हैं. बल्कि यहां तो रेलवे ने 5 गुणा कीमत कर दी है. सेंट्रल रेलवे ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) के कुछ प्रमुख स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकटों की कीमत बढ़ा दी है. रेलवे के मुताबिक मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दादर और लोकमान्य तिलक टर्मिनस में 10 रुपये की पिछली दर के बजाय प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 50 रुपये कर दी गई है.

लोकल किराया में भी बढ़ोतरी प्लेटफॉर्म टिकट के रेट में हुई वृद्धि के साथ ही रेलवे की ओर से लोकल किराया में भी बढ़ोतरी कर दी गई है. रेलवे की ओर से पैसेंजर ट्रेन की जगह एक्सप्रेस ट्रेन की सेवा शुरू की गई है, जिसके किराये में भी बढ़ोतरी हुई है. मुसाफिरों को 10 की जगह 30 रुपये देकर लोकल में सफर करना होगा.

अगर आपको दिल्ली से गाजियाबाद का सफर तय करना है तो उसके लिए 10 रुपये की जगह 30 रुपये देने पड़ेंगे. जाहिर सी बात है इस फैसले से रेलवे ने यात्रा शुरू कर एक तरफ से यह सहूलियत दी है. वहीं दूसरी तरफ आम आदमी की जेब पर भी इसका सीधा असर पड़ने वाला है.

बुधवार देर रात से राजधानी दिल्ली की तमाम स्टेशन पर यह सेवा शुरू कर दी गई. कोरोना के चलते किराए में बढ़ोतरी की गई थी. प्लेटफॉर्म टिकट लेने पहुंचे नई दिल्ली स्टेशन पर लोगों का कहना था कि प्लेटफार्म टिकट जेब पर असर डाल रहा है. कुछ मुसाफिरों का यह भी कहना था कि सरकार से इस फैसले से राजस्व में बढ़ोतरी होगी और रेलवे में और बेहतर सुधार होंगे.

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New Delhi: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली। इस दौरान राष्ट्रपति ने सभी डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रशासकों को धन्यवाद दिया जो इतिहास में सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं। साथ ही साथ उन्होंने सभी पात्र नागरिकों से टीकाकरण कराने की अपील भी की।

इससे पहले पीएम मोदी व अन्य कई मंत्री भी ले चुके हैं पहली खुराक

गौरतलब हो इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न मंत्री कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ले चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे चरण की पहली वैक्सीन लेने के साथ ही देश के सभी लोगों से अपील की थी कि वे कोरोना का टीका अवश्य लगवाएं। उन्होंने कहा था कि वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर भाग लेकर हम देश को कोरोना मुक्त बना सकते हैं।

और अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार सुबह करीब 11 बजे कोरोना की वैक्सीन ली है। इसके पश्चात राष्ट्रपति करीब आधे घंटे तक वहां मौजूद डॉकटरों के आब्जर्वेशन में रहे। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद राष्ट्रपति वहां से रवाना हो गए।

देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण जारी

ज्ञात हो देश में एक मार्च से आम जनता के लिए कोरोना टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस चरण में देश के 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है। इस चरण में 45 से 59 साल की आयु के उन लोगों को भी कोरोना वैक्सीन दी जा रही है, जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं।

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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘मैरीटाइम इंडिया समिट 2021’ का शुभारंभ किया. इस शिखर सम्मेलन का आयोजन पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा किया गया. बताना चाहेंगे दो से चार मार्च तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन के लिए डेनमार्क साझेदार देश है. सम्मेलन के दौरान अगले दशक के लिए भारत के समुद्री क्षेत्र को लेकर एक रोडमैप की संकल्पना की गई जिसे लेकर पीएम मोदी ने एक ई-बुक ‘मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030’ भी रिलीज की. इसके साथ ही भारत वैश्विक समुद्री क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने समुद्री वाणिज्य क्षेत्र जागरूकता केंद्र ‘सागर मंथन’ का भी शुभारंभ किया.

शिखर सम्मेलन के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी व गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे.

हमारें तटों पर सभ्यताएं फली-फूलीं

मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 में पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा भारत में विशाल समुद्र तट हैं. हमारे राष्ट्र का एक समृद्ध समुद्री इतिहास है। हमारें तटों पर सभ्यताएं फली-फूलीं. हजारों वर्षों से हमारे बंदरगाह महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहे हैं. हमारे तटों ने हमें दुनिया से जोड़ा.

दुनिया को विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए किया आमंत्रित

पीएम मोदी ने कहा इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से मैं दुनिया को हमारी विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता हूं. उन्होंने कहा भारत मैरीटाइम का नेचुरल लीडर है. हमारे देश के बंदरगाह दुनिया से जुड़े हैं और व्यापार के महत्वपूर्ण केंद्र हैं. मैं दुनिया से आग्रह करूंगा कि आइये हमारे ग्रोथ का हिस्सा बनिए. दुनिया की एक अग्रणी ब्लू इकोनॉमी के रूप में उभरने को लेकर भारत गंभीर है. हमारे बंदरगाहों ने आने-जाने वाले कार्गो के लिए प्रतीक्षा समय कम किया.

भारत ने कार्गो के लिए प्रतीक्षा समय कम किया

पीएम मोदी ने कहा भारतीय बंदरगाहों के पास अब इस तरह के उपाय हैं. आसान डेटा प्रवाह के लिए डायरेक्ट पोर्ट डिलीवरी, डायरेक्ट पोर्ट एंट्री और एक अपग्रेडेड पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम (पीसीएस) है. उन्होंने कहा हमारे बंदरगाहों ने इनबाउंड और आउटबाउंड कार्गो के लिए प्रतीक्षा समय कम किया है.

2030 तक 23 जलमार्गों को चालू करने का लक्ष्य

प्रधानमंत्री ने कहा हमारी सरकार ऐसी सरकार है जो जलमार्ग में इस तरह निवेश कर रही है जैसा पहले कभी नहीं देखा गया था. उन्होंने बताया कि घरेलू जलमार्ग माल ढुलाई के लिए प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल तरीके हैं. साथ ही यह भी कहा कि हम 2030 तक 23 जलमार्गों को चालू करने का लक्ष्य रखते हैं.

Courtesy: PBNS

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New Delhi: कोविड 19 टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की आज से शुरुआत हो गयी. आज से वरिष्ठ नागरिकों को टिका लगाया जाएगा.

सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने covid19 टिका का पहला डोज लगवाया. प्रधानमंत्री ने AIIMS पहुंच कर टिके का पहला डोज लगवाया.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके कहा कि  ‘मैंने एम्स में कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली, यह तारीफ के काबिल है कि कैसे हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूती देने के लिए तेजी से काम किया. उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं जो भी वैक्सीन लगवाने के योग्य है, वह भारत को कोरोना मुक्त बनाने में साथ आए.

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New Delhi: भारतीय रेल से जुड़ी किसी भी जानकारी, शिकायत तथा सुझाव के लिए अब एक ही नंबर डायल करना होगा. रेलवे ने सभी जानकारी और शिकायत के लिए एकीकृत हेल्पलाइन- रेल मदद 139 को जारी किया है.

रेल यात्रा के दौरान यात्री चिकित्सा, सुरक्षा, सफाई तथा अन्य किसी भी तरह की शिकायत या सहायता के लिए इस नंबर को डायल कर सकते है.

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New Delhi: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को साल 2021 का पहला मिशन लॉन्च किया. भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) द्वारा 19 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे गए हैं.

सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर लॉन्च पैड के सहारे पीएसएलवी-सी51 को प्रक्षेपित किया गया. इस रॉकेट में 637 किलो का ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 भी शामिल है. यह उपग्रह ब्राजील की कृषि विविधता का विश्लेषण करेगा. साथ ही यह उपग्रह अमेजन क्षेत्रों में वनों की निगरानी के मौजूद ढांचे को मजबूत करेगा. इससे पहले पीएसएलवी सी-51 प्रक्षेपण का पूर्वाभ्यास भी किया गया.

अमेज़ोनिया-1 उपग्रह के बारे में

अमेज़ोनिया-1 उपग्रह का कुल भार 637 किलोग्राम है. इसे 772 किलोमीटर की सूर्यतुल्यकाली ध्रुवीय कक्षा में 98.4 डिग्री के झुकाव के साथ अंतक्षेपित किया गया है. इसमें नितभार के रूप में वाइड फिल्म इमेजेज कैमरा लगे हुए हैं, जिसका swath 850 किलोमीटर का है और रेजोल्यूशन 60 मीटर का है. इस उपग्रह में दो सोलर पैनल भी लगे हुए हैं जो कि लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करने के काम आएंगे. अमेज़ोनिया-1 उपग्रह में इंधन के रूप में हाइड्रेजीन का इस्तेमाल किया गया है. इसका जीवन काल चार वर्षों से अधिक का अभिकल्पित किया गया है.

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