नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या सवा लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के एक लाख 31 हजार 968 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अबतक 1,30,60,542 मामले आ चुके हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना से 780 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,67,642 तक पहुंच गई है। 
शुक्रवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों मुताबिक देश में 9,79,608 एक्टिव मरीज हैं। कोरोना से अबतक 1,19,13,292 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। देश का रिकवरी रेट 91.21 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक टेस्ट 
देश में पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 08 अप्रैल को 13,64,205 टेस्ट किए गए। अबतक देश में कुल 25,40,41,584 टेस्ट किए जा चुके हैं। 
हि.स.
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 -देश में रिकवरी रेट 91.21 प्रतिशत 
नई दिल्ली:  देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या सवा लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के एक लाख 31 हजार 968 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में अबतक 1,30,60,542 मामले आ चुके हैं। वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना से 780 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1,67,642 तक पहुंच गई है।
शुक्रवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों मुताबिक देश में 9,79,608 एक्टिव मरीज हैं। कोरोना से अबतक 1,19,13,292 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। देश का रिकवरी रेट 91.21 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक टेस्ट 
देश में पिछले 24 घंटे में 13 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 08 अप्रैल को 13,64,205 टेस्ट किए गए। अबतक देश में कुल 25,40,41,584 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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अवंतीपोरा: अवंतीपोरा में त्राल के नौबुग इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शुक्रवार सुबह से जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों की तत्काल पहचान नहीं हो पाई। लेकिन सुरक्षाबलों के अनुसार ये दोनों आतंकी स्थानीय बताए जा रहे हैं।
शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों को नौबुग इलाके में आतंकियों के देखे जाने की सूचना मिली। सूचना मिलते ही पुलिस के एसओजी के जवान, सेना और सीआरपीएफ की टीम ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी के दौरान एक मकान में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों को अपने नजदीक आते देख उन पर गोलीबारी शुरू कर दी। इस पर  मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अभी तक दो आतंकियों को मार गिराया है। माना जा रहा है कि अभी और आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में फंसे हुए हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। खबर लिखे जाने तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी थी।
हिन्दुस्थान समाचार
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बीजापुर: जिले के तर्रेम थाना क्षेत्र में 03 अप्रैल को मुठभेड़ के बाद बंधक बनाये गए कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों ने गुरुवार को रिहा कर दिया। जवान को नक्सलियों से छुड़ाने के लिए सरकार ने मध्यस्थता टीम गठित की थी जिसमें पद्मश्री धर्मपानी सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यद्वक्ष तेलम बोरैया शामिल थे। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने राकेश्वर सिंह मनहास की रिहाई के पुष्टि करते हुये उनकी सही सलामत वापस कैम्प लौटने की पुष्टि की है। उन्होंने जवान की रिहाई में सहयोग करने वाले समस्त नागरिकों, सामाजिक संगठनों और क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त किया है।
नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी।मध्यस्तता टीम में शामिल पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया समेत सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में नक्सलियों ने जवान को रिहा कर दिया है। जवान की रिहाई के लिए मध्यस्तता कराने गयी टीम के साथ स्थानीय 07 पत्रकारों की टीम भी मौजूद थी। मध्यस्तता टीम के सदस्यों ने तर्रेम थाने में जवान को सौंप दिया है, जिसे तर्रेम के सीआरपीएफ कैंम्प लाया गया, जहां जवान के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।
इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
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वाराणसी: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और उसी परिक्षेत्र में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत ने पुरातात्विक सर्वे कराए जाने को लेकर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने केंद्र के पुरातत्व विभाग के 5 लोगों की टीम बनाकर पूरे परिसर का रिसर्च कराने को लेकर फैसला दिया। अदालत ने वादमित्र की पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की याचिका मंजूर कर ली है।
पांच लोगों की कमेटी बनाकर खुदाई कराने का आदेश 
इस मामले में न्यायालय ने पहले ही दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख आदेश के लिए आठ अप्रैल की तिथि मुकर्रर की थी। न्यायालय ने अपील मंजूर करने के बाद आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को अपने खर्चे पर खुदाई करने और ऑब्जर्वर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी गठन करने का निर्देश भी दिया है।
याचिका मंजूर होने पर सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के अधिवक्‍ता ने कहा कि वह सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं है, इसलिए फैसले के विरोध में हाईकोर्ट जायेंगे। इस मामले में सुनवाई के क्षेत्राधिकार को लेकर भी सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया ने चुनौती दी थी। सिविल जज सीनियर डिवीजन ने 25 फरवरी, 2020 को इस चुनौती को खारिज कर दिया था।
इस फैसले के खिलाफ भी सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने जिला जज के यहां निगरानी याचिका दाखिल की है जिस पर आगामी 12 अप्रैल को सुनवायी होनी है। इसी मुकदमे की पोषणीयता को लेकर हाइकोर्ट में भी एक सुनवाई चल रही है। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस भी पूरी हो चुकी है, इस पर हाइकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। 
प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने न्यायालय में बहस के दौरान दलील दी थी कि वर्तमान वाद में विवादित स्थल की धार्मिक स्थिति 15 अगस्त 1947 को मंदिर की थी अथवा मस्जिद की, इसके निर्धारण के लिए साक्ष्य की आवश्यकता है। विवादित स्थल विश्वनाथ मंदिर का एक अंश है, इसलिए एक अंश की धार्मिक स्थिति का निर्धारण नहीं किया जा सकता, बल्कि ज्ञानवापी परिसर का भौतिक साक्ष्य लिया जाना बेहद जरूरी है जिसे पुरातात्त्विक विभाग जांचकर वस्तुस्थिति स्पष्ट कर सकता है कि ढांचा के नीचे कोई मंदिर था अथवा नहीं। तथ्‍यों के आधार पर प्राचीन विश्वनाथ मंदिर के ध्वस्त अवशेष प्राचीन ढांचा के दीवारों में अंदरुनी और बाहरी तौर पर विद्यमान बताए गए हैं। बहस के दौरान यह भी कहा गया कि पुराने विश्वनाथ मंदिर के अलावा पूरे परिसर में अनेक देवी-देवताओं के छोटे-छोटे मंदिर थे जिनमें से कुछ आज भी विद्यमान हैं।
वादमित्र का कहना था कि वर्तमान ज्योर्तिलिंग की स्थापना 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। अयोध्या मामले का हवाला देकर कहा गया कि वहां भी पुरातात्विक विभाग से रिपोर्ट मंगाई गई थी, जिसके बाद ही अंतिम फैसला आया था। अदालत में प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विश्वेश्वरनाथ के वाद मित्र विजयशंकर रस्तोगी की तरफ से वर्ष 1991 से लंबित इस प्राचीन मुकदमे में आवेदन दिया था। जिसमें कहा गया कि मौजा शहर खास स्थित ज्ञानवापी परिसर के आराजी नंबर 9130, 9131, 9132 रकबा एक बीघे नौ बिस्वा जमीन का पुरातात्विक सर्वेक्षण रडार तकनीक से करके यह बताया जाए कि जो जमीन है, वह मंदिर का अवशेष है या नहीं। साथ ही विवादित ढांचा का फर्श तोड़कर देखा जाए कि 100 फीट ऊंचा ज्योतिर्लिंग स्वयंभू विश्वेश्वरनाथ का मौजूद है या नहीं। वादमित्र का पक्ष रहा कि 14वीं शताब्दी के मंदिर में प्रथम तल में ढांचा और भूतल में तहखाना है, जिसमें 100 फुट ऊंचा शिवलिंग है, यह खुदाई से स्पष्ट हो जाएगा। मंदिर हजारों वर्ष पहले 2050 विक्रमी संवत में राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। फिर सतयुग में राजा हरिश्चंद्र और वर्ष 1780 में अहिल्याबाई होलकर ने जीर्णोद्धार कराया था।
उधर, सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता पक्ष की दलील है कि जब मंदिर तोड़ा गया, तब ज्योतिर्लिंग उसी स्थान पर मौजूद था, जहां आज है। उसी दौरान राजा अकबर के वित्तमंत्री टोडरमल की मदद से नरायन भट्ट ने मंदिर बनवाया था, जो उसी ज्योतिर्लिंग पर बना है। ऐसे में विवादित ढांचा के नीचे दूसरा शिवलिंग कैसे आ सकता है। इसलिए खुदाई नहीं होनी चाहिए। उनका कहना था कि विवादित ढांचा खोदे जाने से शांति भंग भी हो सकती है। न्यायालय का यह दायित्व है कि वहां शांति बनी रहे।
इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
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नयी दिल्ली; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एम्स में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज ली। वे सुबह छह बजे वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के लिए एम्स पहुंचे। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने सभी से अपील की है कि यदि वैक्सीन लेने के योग्य हैं तो जल्द अपनी डोज लें। उन्होंने कहा है कि वैक्सीनेशन हमारे पास वायरस को हराने के कुछ तरीकों में से एक है।
पीएम मोदी को कोरोना वैक्सीन देने वाले दो नर्सों में एक पुड्डुचेरी की पी. निवेदा और दूसरी पंजाब की निशा शर्मा थीं। इसके पहले प्रधानमंत्री ने 01 मार्च को एम्स में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज ली थी।
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– पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1.26 लाख मामले, 685 लोगों की मौत
 -देश में रिकवरी रेट 91.66 प्रतिशत
 नई दिल्ली:  देश में कोरोना के नए मामलों की संख्या सवा लाख के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के एक लाख 26 हजार 789 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 1 करोड़ ,29 लाख ,28 हजार ,547 पर पहुंच गई है। कोरोना से पिछले 24 घंटों में 685 लोगों की मौत हो गई। इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1 लाख,66 हजार,862  हो गई है।
गुरुवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में  इस समय 9 लाख,10 हजार,319 सक्रिय मरीज हैं। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 1 करोड़,18 लाख,51 हजार,393 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। इस समय देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 91.66 प्रतिशत हो गया है।
 24 घंटो में  12 लाख से अधिक टेस्ट 
देश में पिछले 24 घंटों में 12 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 07 अप्रैल को 12 लाख,37 हजार,781 टेस्ट किए गए। अब तक देश में कुल 25 करोड़,26 लाख,77 हजार, 379 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अभिभावकों और शिक्षकों को सलाह दी कि वे परीक्षा को लेकर बच्चों पर मानसिक दबाव न बनाएं, बल्कि उन्हें हर तरह से प्रोत्साहित करें। बच्चों के सामने परीक्षा का हौवा खड़ा करने से उनका मनोबल प्रभावित होता है।

देश में बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को पहले वर्चुअल “परीक्षा पर चर्चा” कार्यक्रम में विद्यार्थियों अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित किया और उन्हें अपने सुझाव दिए। मोदी ने कहा, “बच्चों में कभी भी भय पैदा न करें। ऐसा आसान लगता है, लेकिन इससे निगेटिव मोटिवेशन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। जैसे ही आपके द्वारा खड़ा किया गया हौवा खत्म होता है तो उसका मोटिवेशन भी समाप्त हो जाता है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वह परिवार में तनाव मुक्त वातावरण तैयार करें तथा बच्चों में नकारात्मक मनोवृति की बजाय आशा और विश्वास को बढ़ावा दें। प्रधानमंत्री ने अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों के अध्ययन के बारे में पर्याप्त ध्यान नहीं देते, बल्कि उनकी अंक तालिका या रिपोर्ट कार्ड के आधार पर बच्चों का मूल्यांकन करते हैं, जो उचित नहीं है।  
उन्होंने कहा, “बच्चों के माता-पिता के पास समय ही नहीं होता कि वे बच्चों के साथ बिता सकें। ऐसे में वे सिर्फ बच्चों के रिपोर्ट कार्ड तक ही सीमित रह जाते हैं और अपने ही बच्चे के बारे में नहीं जान पाते।”  
संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा,”अभिभावकों को बच्चों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए। उन्हें घर में तनावमुक्त माहौल देना चाहिए। परीक्षा जीवन में महज एक पड़ाव है। यह सब कुछ नहीं है। इसे लेकर डरने की कोई जरूरत नहीं है। परीक्षा के नतीजों से बच्चों की प्रतिभा का आकलन नहीं करना चाहिए।” 
मोदी ने अभिभावकों को सलाह दी कि वे यह उम्मीद न रखें कि बच्चे भी उनकी जैसी ही जिंदगी जियें। मूल्यों को कभी भी बच्चों पर थोपने का प्रयास न करें। मूल्यों को जी कर प्रेरित करने का प्रयास करें।  
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना मरीज की नई लहर के कारण बोर्ड परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों में चिंता है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) सहित राज्यों ने बोर्ड की परीक्षाओं की तिथियां पूर्वत ही रखी हैं। 
हिं.स.
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नई दिल्ली: आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार करने के लिए चलाई जा रही ‘उत्पादन आधारित प्रोत्साहन’ (पीएलआई) योजना में सरकार ने दो और क्षेत्रों को जोड़ा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘व्हाइट गुड्स’ एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट तथा उच्च क्षमता वाले सोलर पैनल के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने क्षेत्रों से जुड़ी पीएलआई योजना की को बुधवार को मंजूरी प्रदान की।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत सरकार की पीएलआई योजना लोकप्रिय होने के साथ ही देश को आर्थिक गति प्रदान कर रही है। आज इसमें उच्च गुणवत्ता वाले सोलर पैनल और एलइडी लाइट को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और इसके माध्यम से अधिक लोगों को रोजगार देने पर लगातार जोर दे रहे हैं।

गोयल ने बताया कि भारत के पास कई क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मक और तुलनात्मक लाभ की स्थितियां हैं। इसको देखते हुए सरकार ने देश में विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार करने के लिए 13 क्षेत्र चिन्हित किए हैं। इनमें आज के दो क्षेत्र मिलाकर अबतक 9 क्षेत्रों में पीएलआई योजना को मंजूरी मिल चुकी है। 4 योजनाओं पर आगे तैयारियां चल रही हैं।

वाइट गुड्स के लिए घोषित पीएलआई योजना के तहत भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के निर्माण में लगी कंपनियों को पांच साल की अवधि के लिए निर्मित वस्तुओं की वृद्धिशील बिक्री पर 4 से 6 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

यह अनुमान है कि पांच वर्षों की अवधि में पीएलआई योजना से 7,920 करोड़ रुपये का वृद्धिशील निवेश, 1,68,000 करोड़ रुपये का वृद्धिशील उत्पादन, 64,400 करोड़ रुपये का निर्यात, 49,300 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष राजस्व अर्जित होगा। साथ ही चार लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

दूसरी ओर सरकार सोलर पीवी निर्माताओं का पारदर्शी व प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चयन करेगी। उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल की बिक्री पर 5 साल के पीएलआई लाभ दिया जाएगा। निर्माताओं को सौर पीवी मॉड्यूल की उच्च क्षमता और घरेलू बाजार से उनकी सामग्री की सोर्सिंग के लिए भी के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

इससे एकीकृत सौर पीवी विनिर्माण संयंत्रों की अतिरिक्त 10,000 मेगावाट क्षमता तैयार होगी। सोलर पीवी विनिर्माण परियोजनाओं में लगभग 17,200 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त होगा। लगभग 30,000 लोगों का प्रत्यक्ष रोजगार और लगभग 1 लाख 20 हजार लोगों का अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। हर साल लगभग 1500 करोड़ रुपये का आयात कम होगा और सौर पीवी मॉड्यूल में उच्च दक्षता प्राप्त करने के लिए अनुसंधान और विकास को मदद मिलेगी।

हि.स.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि अकेले वाहन (कार) चलाते समय भी मास्क पहनना अनिवार्य है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने एक वकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने कहा कि मास्क से कोरोना का संक्रमण नहीं फैलता है। मास्क एक सुरक्षा कवच है, जो पहनने वाले के साथ-साथ आसपास के लोगों की सुरक्षा करता है। एक वकील सौरभ शर्मा ने कार में अकेले बिना मास्क के पकड़े जाने पर दिल्ली पुलिस की ओर से चालान काटे जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।सौरभ शर्मा पिछले 20 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। 9 सितंबर को जब वे अपने दफ्तर जा रहे थे तो गीता कालोनी में दिल्ली पुलिस ने उनकी कार को रोका। एक अधिकारी ने पहले उनका कार में बैठे हुए फोटो लिया और उन्हें कार से उतरने को कहा। कार से उतरकर पूछताछ करने पर पुलिस वालों ने बताया कि मास्क नहीं पहनने की वजह से पांच सौ रुपये का जुर्माना लगेगा। 
याचिकाकर्ता ने पुलिस अधिकारियों को समझाने की कोशिश की कि चूंकि वह कार में अकेले यात्रा कर रहा है इसलिए उसने कोई अपराध नहीं किया है। याचिकाकर्ता ने पुलिस अधिकारियों से वह आदेश दिखाने को कहा, जिसमें कोई व्यक्ति अकेले निजी वाहन में यात्रा कर रहा है तो उसे मास्क पहनना जरूरी करने का प्रावधान हो लेकिन पुलिस अधिकारियों ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिखाया। पुलिस अधिकारियों ने याचिकाकर्ता की बातों को अनसुना कर पांच सौ रुपये का चालान काट दिया। जब पुलिसवाले नहीं माने तो याचिकाकर्ता ने विरोधस्वरुप चालान की रकम जमा की।
याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि वाहन चलाते समय मास्क पहनना अप्रैल, 2020 में ही अनिवार्य कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील जोबी पी वर्गीश ने कहा कि 4 अप्रैल, 2020 के आदेश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि अकेले वाहन चलाने वाले को मास्क पहनना जरूरी नहीं है। 17 सितंबर, 2020 को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील केसी मित्तल, जोबी वर्गीश और युगनेश मित्तल ने मानसिक प्रताड़ना की एवज में याचिकाकर्ता को दस लाख रुपये का हर्जाना देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि याचिकाकर्ता का चालान गैरकानूनी रूप से काटा गया है और पुलिस वालों ने सार्वजनिक रुप से उसे प्रताड़ित किया है।
हि.स.
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दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के तर्रेम इलाके में शनिवार को हुई मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने अपहृत जवान की फोटो बुधवार को जारी की है। फोटो में राकेश्वर सिंह मन्हास पत्तियों से बनी एक झोपड़ी में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके जरिए नक्सलियों ने यह बताने की कोशिश की है कि अपहृत जवान मन्हास पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
दूसरी ओर सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के अपहृत जवान राकेश्वर सिंह को छोड़े जाने की मांग को लेकर जेल बंदी रिहाई समिति के सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों का एक संयुक्त दल बुधवार को रवाना हुआ। यह दल नक्सलियों की मांद में घुसकर जवान को छोड़े जाने की अपील करेगा। 
जम्मू-कश्मीर के निवासी मन्हास सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन में पदस्थ हैं। 
हि.स.
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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना रोकथाम को लेकर देश भर में चल रहे टीकाकरण अभियान की गति और उम्र सीमा को लेकर केंद्र को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सबका हक है और सरकार को इसके लिए लोगों की इच्छा का नहीं बल्कि अनिवार्यता पर जोर देना चाहिए।
राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि ‘जरूरतों और इच्छा पर बहस करना हास्यास्पद है। प्रत्येक भारतीय सुरक्षित जीवन के अवसर का हकदार है।
कांग्रेस नेता का यह ट्वीट टीकाकरण के लिए उम्र सीमा तय करने संबंधी सरकार के फैसले पर आया है। दरअसल सरकार ने पहले 60 साल से अधिक तथा 45 से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमार लोगों को टीका लगाने की प्राथमिकता तय की थी। इसके बाद 45 से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन देने का निर्णय लिया गया। ऐसे संक्रमितों को संख्या में हुई अचानक बढ़ोतरी के बाद टीकाकारणंक गति पर सवाल उठने लगे। जिस बाद कई नेताओं ने सरकार से साभिनकोंटिक लगाए जाने की मांग की गई। यहां तक कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर मांग की है कि अब 18 साल की उम्र से ज्यादा लोगों को भी टीकाकरण में शामिल किया जाए।
हि.स.
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