नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को गति देने की अपील की है।

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया को गति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब तक कितने लोगों का टीकाकरण हुआ, इस पर ध्यान देने की बजाय कितनी फीसदी आबादी का टीकाकरण किया गया, इस पर ध्यान देना चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महामारी की वजह से कई लोगों ने अपनी आजीविका का स्रोत खो दिया है। लोग रोजी-रोजगार के बिना आर्थिक और मानसिक तौर पर काफी परेशान हैं। ऐसे में लोगों को मदद की जरूरत है, लेकिन सबसे आवश्यक है कि लोगों को अनिवार्य रूप से वैक्सीन लगे। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी से अपील है की वे देश में चल रही टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दें।
आगे उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मेरे सुझावों पर मोदी जी विचार करेंगे।’ वहीं, मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को आगे आकर वैक्सीन निर्माता कंपनियों की मदद करनी चाहिए, ताकि वैक्सीन की खुराक की कोई कमी न हो। 
उन्होंने यह भी कहा की हमें अभी से निश्चित करना चाहिए कि अगले छह महीनों के लिए कितने डोज की मांग की जाए, जिससे जरूरत पर दवा उपलब्ध हो।

 

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नई दिल्ली: केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद रेमडेसिविर बनाने वाली कंपनियों ने इस दवा की कीमतें घटाने की घोषणा की है। कीमतों में यह कमी 60 प्रतिशत तक है। बाजार में अब कोरोना के इलाज में कारगर मानी जा रही रेमडेसिविर की कीमतें कम हो जाएंगी।
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी के अनुसार कैडिला हेल्थ केयर ने रैमडैक की कीमत 2,800 प्रति इंजेक्शन से घटाकर 899 रुपये कर दिया है। सिनर्जी इंटरनेशनल लिमिटेड की रेमविन की कीमत 3950 प्रति इंजेक्शन से घटाकर 2,450 रुपये कर दिया गया है। डॉ. रेड्डी लैब की रेडिक्स 5,400 रुपये से घटाकर 2700 रुपये हो गई है।
वहीं, सिपला की सीप्रेमी 4000 रुपये से घटाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। माईलेन फार्मास्युटिकल प्राइवेट लिमिटेड की डेसरेम की कीमत 4,800 रुपये प्रति इंजेक्शन से घटाकर 3,400 रुपये प्रति इंजेक्शन कर दिया गया है। हेटेरो की कोविफोर की कीमत 5,400 से घटाकर 3,490 रुपये प्रति इंजेक्शन और जुबिलेंट जेनरिक लिमिटेड जुबी-आर की कीमत 4,700 रुपये से घटाकर 3,400 रुपये कर दी गई है।
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी के मुद्दे पर बैठक में कहा कि देश पिछले साल की भांति इस बार भी कोरोना की वर्तमान लहर को बेहतर समन्वय के साथ तेजी के काम कर मात देगा। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशभर में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इससे जुड़े विभिन्न पहलुओं दवा, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और वैक्सीनेशन पर समीक्षा बैठक की। बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, फार्मा सचिव और नीति आयोग के डॉ. वी के पॉल शामिल हुए।

बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि जांच, पहचान और उपचार ही वर्तमान में कोरोना महामारी से निपटने में कारगर होंगे। जरूरत है कि बीमारी से संक्रमितों की शीघ्र पहचान और उपचार किए जाएं। इससे बीमारी से होने वाली मौतों को भी कम किया जा सकता है। इस संबध में स्थानीय प्रशासन को संवेदनशील बनते हुए लोगों की चिंताओं का समाधान करना चाहिए।

अधिकारियों को राज्यों के साथ बेहतर ताल-मेल बिठाने के निर्देश देने के साथ ही प्रधानमंत्री ने कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता को बढ़ाने की दिशा में काम करने को कहा। साथ ही अधिकारियों को यह सुनिश्चि करने के निर्देश दिए कि अस्पतालों और उपचार केन्द्रों के लिए अतिरिक्त बिस्तर उपलब्ध हों।PM Modi-Coroana-Meeting

प्रधानमंत्री ने विभिन्न दवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत के दवा उद्योग की पूरी क्षमता का उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रेमेडिसवीर और अन्य दवाओं की आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने रेमेडीसविर की उपलब्धता के मुद्दे पर की गई कार्रवाइयों की जानकारी दी गई। 

प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकारी प्रयासों से रेमेडीसविर की विनिर्माण क्षमता और उत्पादन  अगले माह से लगभग दोगुना यानी 74.10 लाख शीशी प्रति माह किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस दौरान निर्देश दिये कि राज्यों की वास्तविक जरूरतों के अनुरूप समन्वय बनाते हुए उन्हें दवा उपलब्ध कराई जाए। 

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि रेमेडीसविर और अन्य दवाओं का उपयोग अनुमोदित चिकित्सा दिशानिर्देशों के अनुसार होना चाहिए और उनके दुरुपयोग और कालाबाजारी पर सख्ती से अंकुश लगना चाहिए।

चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि अनुमोदित चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना को तेजी से बढ़ाया जाना चाहिए। 162 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में पीएमकेयरस फंड से स्थापित किए जा रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि एक लाख सिलेंडरों की खरीद की जा रही है और जल्द ही उन्हें राज्यों में आपूर्ति की जाएगी। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को जानकारी दी कि मेडिकल ऑक्सीजन की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकता का आकलन कर 12 सबसे प्रभावित राज्यों को निरंतर आपूर्ति की जा रही है।

प्रधानमंत्री ने वेंटिलेटर की उपलब्धता और आपूर्ति की स्थिति की भी समीक्षा की। टीकाकरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे वैक्सीन के उत्पादन में वृद्धि के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के साथ-साथ पूरी राष्ट्रीय क्षमता का उपयोग करने के प्रयास करें।

 

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नई दिल्‍ली: हिन्दी के जाने-माने साहित्यकार डॉ. नरेन्द्र कोहली का शनिवार को निधन हो गया। वे कोरोना वायरस से संक्रमित थे।  

कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत दिनों-दिन खराब होती चली गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। लेकिन, शनिवार को शाम 6.40 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया।

कोहली को आधुनिक तुलसी के रूप में उनके प्रशंसक मानते हैं। महाकाव्यात्मक उपन्यास विधा के प्रारंभ का श्रेय उन्हें जाता है। उन्होंने पौराणिक कहानियों को आधार बनाकर अभ्युदय, युद्ध, वासुदेव, अहिल्या जैसी पुस्तकें लिखी थी।

कोहली को शलाका सम्मान, साहित्य भूषण, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार, साहित्य सम्मान और पद्मश्री जैसे कई सम्मान मिल चुके हैं।

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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कोविड-19 महामारी के संक्रमण से पैदा हुए संकट से निपटने के प्रति लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस समय उन्हें पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों को संबोधित करने की बजाय दिल्ली में इससे निपटने के उपाय करने चाहिए।

दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। उन्हें इस समय दिल्ली में रहकर राज्यों के साथ समन्वय बनाते हुए कोविड-19 से निपटने के प्रयासों को संचालित करना चाहिए।

उन्होंने इस दौरान बंगाल की जनता से उनके इस रवैए को लेकर उचित जवाब देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस समय प्रधानमंत्री को वैक्सीन, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के प्रयासों में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समन्वय बनाना चाहिए।

 

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नई दिल्ली: रेलगाड़ियों और स्टेशन परिसरों में बिना मास्क के पाए जाने पर लोगों को 500 रुपये तक का जुर्माना देना होगा। देश में कोरोना महामारी के फैलते संक्रमण को देखते हुए शनिवार को भारतीय रेलवे ने यह निर्णय लिया। मास्क का इस्तेमाल नहीं करने को रेलवे अधिनियम के तहत अपराध माना गया है। 
रेल मंत्रालय ने सभी जोनों के जनरल मैनेजरों  को जारी आदेश में यात्रियों को रेलवे स्टेशनों में प्रवेश के दौरान और ट्रेन में यात्रा के समय फेस मास्क को अनिवार्य कर दिया है। अब रेलवे परिसर में मास्क नहीं पहनना रेलवे एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है। 
इतना ही नहीं, बल्कि रेलवे ने साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए यात्रियों या अन्य स्टॉफ द्वारा थूकने पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है।  
रेल मंत्रालय ने प्रतिबंधों को न मानने वाले लोगों पर 500 रुपये जुर्माना लगाने का फैसला किया है। रेलवे ने यह आदेश अलगे छह महीने के लिए जारी किया है। 

 

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना संक्रमण के भयावह हालात को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार की गलत रणनीतियों का नतीजा है कि आज देश में स्थिति इतनी खतरनाक हो गयी है। साथ ही उन्होंने सरकार से सभी को कोरोना टीका लगाए जाने पर जोर देते हुए टीके के लिए आयुसीमा 25 साल किए
जाने की मांग की ।

कोविड-19 समस्या को लेकर शनिवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि 45 साल की उम्रसीमा तय करना आज के समय में सही नहीं है। अस्थमा, मधुमेह एवं अन्य गंभीर बीमारियों से युवा भी परेशान हैं। इसलिए आवश्यक है कि उम्रसीमा को घटाकर 25 साल किया जाए। इसके अलावा उन्होंने सरकार से आवश्यक चिकित्सा उपकरणों व दवाओं को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखे जाने की भी मांग की। वहीं, कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए कर्फ्यू अथवा लॉकडाउन जैसी व्यवस्था के बीच गरीब परिवारों तक आर्थिक मदद पहुंचाए जाने की बात पर भी जोर दिया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने अस्पतालों में वेंटिलेटर, बेड, ऑक्सीजन तथा वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार को निशाने पर भी लिया। उन्होंने कहा कि जब देश के कई कोने से इस प्रकार की कमियों अथवा अव्यवस्था की बात उठ रही है तो फिर केंद्र चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या सिर्फ नारों और भाषणों में ही भाजपा को जनता के हित की बात याद आती है। जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य केंद्रीय मंत्री लोगों की जरूरत का ध्यान रखते हुए त्वरित फैसले ले और जरूरतमंदों को मदद पहुंचाए।

इस दौरान सोनिया गांधी ने कोरोना से जंग में अपना सर्वस्व झोंकने वाले स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कर्मी जैसे कोरोना वॉरियर्स को सलाम किया। उन्होंने कहा कि इन योद्धाओं की वजह से ही आज इस विकट परिस्थिति में भी देश मजबूती से खड़ा है। वहीं, संक्रमण की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के प्रति भी उन्होंने संवेदना प्रकट की।

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मोगा /चंडीगढ़: पंजाब सरकार के कोरोना अभियान के एम्बेस्डर और फ़िल्मी कलाकार सोनू सूद कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है।

अपने ट्वीट में उन्होंने कहा है कि कोरोना पॉजिटिव होने की आज सुबह ही पुष्टि हुई है। सावधानी के रूप में उन्होंने पहले से ही खुद को एकांतवास में रखा हुआ था।

अपने ट्वीट में उन्होंने कहा है कि एकांतवास में भी उन्हें लोगों की समस्याएं जानने का मौका मिलेगा। इसी 11 अप्रैल को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने उन्हें कोरोना अभियान के लिए ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया था।  

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नई दिल्ली: 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 19 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

वकील रश्मि सिंह ने दायर याचिका में कहा है कि देश में कोरोना के लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते 18 साल से ऊपर की उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए। याचिका में कहा गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) समेत कई विशेषज्ञों ने कोरोना के टीकाकरण को बढ़ाने की मांग की है।

इससे पहले तहसीन पूनावाला ने भी सुप्रीम कोर्ट में कोरोना वैक्सीन को लेकर याचिका दायर कर चुके हैं। पूनावाला की याचिका में 45 वर्ष से ज्यादा के उम्र के लोगों को ही कोरोना का टीका लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। उनकी याचिका में कहा गया है कि कोरोना का टीका सभी नागरिकों को दिया जाए।

 

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नई दिल्ली: भारतीय सेना अपने मुख्य युद्धक टैंक टी-90एस को अत्याधुनिक सक्रिय सुरक्षा प्रणाली से लैस करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कई साल से अधर में लटकी यह प्रक्रिया फिर से शुरू की गई है। इस बार इसे ‘मेक इन इंडिया’ मेक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह सक्रिय सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी होगी जिससे भारतीय सेना के टैंक बेड़े की बेहतर सुरक्षा हो सके। सेना ने 818 टैंकों के लिए भारतीय विक्रेताओं को आमंत्रित किया है।
 
मौजूदा समय में चीन और पाकिस्तान के मोर्चों पर एक साथ सामना करने के लिए भारतीय सेना को सक्रिय सुरक्षा प्रणाली की सबसे ज्यादा जरूरत है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मुख्य युद्धक टैंक हैं। भारतीय सेना ने इससे पहले भी अपने मुख्य युद्धक टैंकों को सक्रिय सुरक्षा प्रणाली से लैस करने की कोशिश की थी, जिसके दौरान रूसी कंपनी ‘एरीना’ और इजरायल की कंपनी ‘ट्रॉफी’ अंतिम दावेदार थे। बाद में ‘एरीना’ के निविदा वापस लेने की वजह से यह प्रक्रिया रुक गई थी। अब फिर भारतीय सेना ने नए सिरे से 818 टैंकों के लिए भारतीय विक्रेताओं को आमंत्रित करके लम्बे समय से अधर में लटकी प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया के दौरान शॉर्टलिस्ट कम्पनियां पहले टैंक टी-90 एस/एसके के लिए एएफवी प्रोटेक्शन एंड काउंटर मेजरमेंट सिस्टम के दो प्रोटोटाइप तैयार करेंगी। भारतीय सेना के  परीक्षण में जिस कंपनी के टैंक मानकों पर खरे उतरेंगे, उस कंपनी को 818 टैंकों की खरीद के ऑर्डर दिए जायेंगे।
 
सूत्रों के अनुसार अत्याधुनिक सक्रिय सुरक्षा प्रणाली से लैस यह टैंक लद्दाख के ठंडे तापमान -5 डिग्री सेंटीग्रेड और राजस्थान के गर्म रेगिस्तान में 45 डिग्री के ऑपरेटिंग तापमान में मार्जिन के साथ संचालन में सक्षम होने चाहिए। यह सिस्टम दिन-रात के सभी कार्यों में सक्षम होना चाहिए। मानकों में यह तय किया गया है कि यह समीपवर्ती शत्रुतापूर्ण खतरे (न्यूनतम 0.5 सेकंड के अंतराल) के मामले में हमले की एक से अधिक दिशाओं का पता लगाने और दो खतरों को बेअसर करने में सक्षम होना चाहिए। छोटे हथियारों के हमले, तोपखाने, स्प्लिंटर्स आदि के आकस्मिक हमले के खिलाफ इसकी उच्च सुरक्षा होनी चाहिए। आसपास के क्षेत्रों में विस्थापित सैनिकों के लिए खतरे का क्षेत्र टैंक के 50 मीटर के दायरे से अधिक नहीं होना चाहिए।
 
टी-90 जंगी टैंक को रूस ने बनाया है जो तीसरी पीढ़ी की श्रेणी में आता है। इसमें ‘टी’ का मतलब टैंक है और इसमें 90 इसलिए लगाया गया है क्योंकि यह 1990 के दशक में बना था। भारत ने पहली बार 2001 में रूस से 310 टी-90 टैंक खरीदने का सौदा किया था।इनमें से 124 टैंक रूस से बनकर आए जबकि बाकी को भारत में निर्मित करके उन्हें ‘भीष्म टैंक’ नाम दिया गया।
सबसे पहले 10 भीष्म टैंक अगस्त, 2009 में सेना में शामिल हुए। अभी भारत के पास सबसे आधुनिक करीब 1000 टी-90 टैंक है। भीष्म टैंक का निर्माण तमिलनाडु के अवाडी स्थित हैवी व्हीकल फैक्ट्री में किया जाता है। भीष्म को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए रूस के साथ ही फ्रांस से भी मदद ली जाती है। भारतीय सेना ने जरूरतों को देखते हुए 1640 भीष्म टैंक अपने लड़ाकू बेड़े में शामिल करने की योजना बनाई है। इसीलिए भारतीय सेना अपने मुख्य युद्धक टैंक टी-90 को अत्याधुनिक सक्रिय सुरक्षा प्रणाली से लैस करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
 

 

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नई दिल्ली: अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन आयात करने का फैसला लिया है। इस संबंध में जल्दी ही टेंडर जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही कोरोना प्रभावित 12 राज्यों में ऑक्सीजन आपूर्ति की निगरानी करने के लिए मैपिंग प्रणाली की शुरुआत करने का भी फैसला लिया गया है।
इस संबंध में गुरुवार को कोरोना पर गठित एम्पावरर्ड ग्रुप-2 की बैठक की गई जिसमें कोरोना प्रभावित 12 राज्यों में ऑक्सीजन उत्पादन की स्थिति पर चर्चा की गई। बैठक में देश के दूरदराज इलाकों में 100 अस्पतालों में पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने का भी फैसला लिया गया।
देश में कोरोना से प्रभावित 12 राज्यों में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, यूपी, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान हैं। इन सभी राज्यों में अचानक कोरोना के मामले बढ़ने से अस्पतालों में बोझ बढ़ गया है और ऑक्सीजन की कमी होने लगी है।
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नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) की 10वीं कक्षा की परीक्षाओं को रद्द किए जाने और 12वीं कक्षा की परीक्षा टालने के फैसले को छात्रों के हित में बताया है। उन्होंने कहा कि छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया।

पोखरियाल ने बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि कक्षा 10 के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रोन्नति दी जाएगी। यदि कोई छात्र मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं है, तो स्थिति सामान्य होने पर वह परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकता है।

उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा की परीक्षाओं को फिलहाल टाल दिया गया है। एक जून को होने वाली समीक्षा बैठक में इसके बारे में निर्णय लिया जाएगा। जून में देश की स्थिति को ध्यान में रखकर परीक्षा के बारे में फैसला लिया जाएगा। परीक्षा की तारीख तय होने पर छात्रों को 15 दिन पहले सूचित कर दिया जाएगा।

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