पुलवामा: पुलवामा जिले के घाट मोहल्ला काकापोरा इलाके में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच शुरू हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अभीतक एक आतंकी को ढेर कर दिया है। माना जा रहा है कि अभी और आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में फंसे हुए हैं, जिनके साथ सुरक्षा बलों की मुठभेड़ जारी है।
वहीं, शरारती तत्वों को मुठभेड़ स्थल से दूर रखने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दी है। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पुलवामा में इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया है।
जानकारी के अनुसार पुलिस को जब यह जानकारी मिली कि घाट मोहल्ला में कुछ आतंकी देखे गए हैं तो पुलिस ने एसओजी, सेना की 50 आरआर और सीआरपीएफ के संयुक्त दल के साथ इलाके में पहुंच घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। आतंकियों ने सुरक्षाबलों को अपनी ओर आता देखकर गोलीबारी शुरू कर दी। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अभीतक एक आतंकी को ढेर कर दिया है। मारे गए आतंकी की पहचान फिलहाल नहीं हुई है। खबर लिखे जाने तक सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी थी।
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फाइल फोटो
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर कहा कि आज का दिन हमें प्रभु ईसा मसीह के संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “गुड फ्राइडे हमें ईसा मसीह के संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है. दया का एक आदर्श अवतार जो जरूरतमंदों की सेवा करने और बीमारों को ठीक करने के लिए समर्पित थे.”

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी करने के फैसले को वापस ले लिया है। सरकार ने कल बुधवार को ही इन ब्याज दरों में कमी करने का फैसला लिया था, लेकिन आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट करके इस फैसले को वापस लेने की जानकारी दी। इस ट्वीट में ये भी साफ किया गया है कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी करने का फैसला गलती से जारी हो गया था। 

निर्मला सीतारमण ने आज अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि भारत सरकार की छोटी बचत योजनाएं उसी दर पर कायम रहेंगी, जिनपर वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में थीं। अपने ट्वीट में वित्त मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया है कि ब्याज दरों में कटौती के गलती से जारी हुए आदेश को वापस लिया जा रहा है। इसके पहले वित्त मंत्रालय ने ऐलान किया था कि 1 अप्रैल 2021 से छोटी बचत योजनओं में ब्याज दरों में कटौती की जाएगी। मंत्रालय ने अपने बयान में ये भी कहा था कि दरों में यह कटौती पूरी वित्तीय प्रणाली में दरों में हुए बदलाव को ध्यान में रखकर की गयी है।
वित्त मंत्रालय ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के ब्याज दर में कटौती करके इसे सालाना 7 फीसदी से नीचे 6.4 फीसदी पर तय किया था। जबकि इससे पहले पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी थी। अगर नई ब्याज दरें लागू हो जातीं तो साल 1974 के बाद पहली बार पीपीएफ पर सरकार की ओर से जमाकर्ताओं को इतना कम ब्याज दर मिलता। पीपीएफ पर मिलने वाली 6.4 फीसदी ब्याज दर पिछले 47 साल में सबसे कम थी। 
केंद्र सरकार ने ब्याज दरों में सबसे ज्यादा कटौती 1 साल के टाइम डिपॉजिट पर की थी। इसके ब्याज दरों में 1.1 फीसदी की कटौती कर दी गई थी। सरकार के फैसले के मुताबिक एक साल के टाइम डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज दर को 5.4 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी कर दिया था। इसी तरह 2 से 5 साल तक के रेकरिंग डिपोजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज दर में 0.5 फीसदी की कटौती की थी। नई दरों के लागू हो जाने के बाद इन पर 5 फीसदी से लेकर 6.2 फीसदी तक का ब्याज मिलता, जो पहले 5.5 फीसदी से 6.7 फीसदी तक मिलता था। बुजुर्गों के लिए बचत योजनाओं (सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम) पर भी ब्याज दरों में कटौती का बुरा असर पड़ता। उन्हें नई ब्याज दरों के मुताबिक 7.4 फीसदी की जगह 6.5 फीसदी ब्याज ही मिलता।
इसी तरह किसान विकास पत्र पर 6.9 फीसदी की जगह 6.2 फीसदी ब्याज तय किया गया था। वहीं सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाले ब्याज को 7.6 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया था। जबकि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) पर मिलने वाले ब्याज दर को 6.8 फीसदी से घटाकर 5.9 फीसदी कर दिया गया था। हालांकि अब इन फैसलों का आम लोगों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि एक दिन में ही सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है। 
उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल की अवधि में ऐसा दूसरी बार हुआ है जबकि केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कटौती की है, लेकिन इस बार सिर्फ एक दिन बाद ही सरकार ने अपना फैसला पलट दिया।
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अहमदाबाद: अहमदाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को 2004 में हुए इशरत जहां मुठभेड़ मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पुलिस क्राइम ब्रांच के अधिकारी तरुण बारोट, जीएल सिंघल और अंजु चौधरी को बरी कर दिया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
अहमदाबाद में 15 जून, 2004 में हुआ यह एनकाउंटर ‘इशरत जहां मुठभेड़ कांड’ के नाम से चर्चित हुआ था।क्राइम ब्रांच ने लश्कर-ए-तैयबा का आतंकवादी बताते हुए 19 साल की लड़की इशरत जहां, उसके साथी जावेद शेख उर्फ ​​प्राणेश पिल्लई, जीशान जौहर और अमजद अली राणा को मुठभेड़ में मार गिराया गया था।इस मामले में आठ आरोपित थे जिनके खिलाफ सत्र न्यायालय में मुकदमा चल रहा था। मुक़दमे के दौरान  शिकायतकर्ताओं में से एक जेजी परमार की मृत्यु हो गई। सीबीआई ने जब आरोप पत्र दाखिल किया, तब तक एक और आरोपित कमांडो मोहन कलासवा का भी निधन हो गया था।
 
गुजरात सरकार ने इस मामले में आरोपों का सामना कर रहे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया था। राज्य सरकार की तरफ से केस चलाने से इनकार करने के बाद 2019 में सेवानिवृत्त डीआईजी डीजी वंजारा और एसपी एनके अमीन को मामले से अलग कर दिया गया था। इससे पहले अदालत ने इस मामले में पूर्व प्रभारी डीजीपी पीपी पांडे को भी डिस्चार्ज कर दिया था। फिलहाल इस मामले के तीन आरोपित पुलिस अधिकारी आईपीएस जीएल सिंघल, रिटायर्ड पुलिस उपाधीक्षक तरुण बरोट और सहायक उप निरीक्षक अंजू चौधरी अभियोजन का सामना कर रहे थे। इस पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीई) ने विशेष अदालत से तीनों अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही बंद करने और उन्हें मामले से मुक्त करने की गुहार की थी।
 
तीनों के खिलाफ कार्रवाई ना किये जाने के फैसले के बाद ट्रायल व्यावहारिक रूप से खत्म हो गया। बुधवार को इस मामले में केस से डिस्चार्ज होने की अर्जी पर सुनवाई हुई। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने कहा कि क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने अपने कर्तव्य के तहत काम किया है। अहमदाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने बुधवार को इस मामले में तीनों पुलिस अधिकारियों को आईपीएस जीएल सिंघल, रिटायर्ड पुलिस उपाधीक्षक तरुण बरोट और सहायक उप निरीक्षक अंजू चौधरी बरी कर दिया।
 
जांच में सामने आया था कि मुठभेड़ में मारे गए लोग लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के इरादे से आए थे। इस मुठभेड़ के बाद इशरत जहां की मां समीमा कौसर और जावेद के पिता गोपीनाथ पिल्लई ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। इस पर मामले की जांच के लिए हाई कोर्ट ने एक विशेष जांच समिति का गठन किया। इस मुठभेड़ में मारे गए इशरत जहां और जावेद शेख दोनों मुंबई के दोनों मूल निवासी थे। इस मामले में उस समय कई आईपीएस अधिकारी और वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया गया था।
 
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 – रिकवरी रेट हुआ 94.11 प्रतिशत 
 नई दिल्ली: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या  तेजी से बढ़ी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 53 हजार 480 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 1 करोड़,21 लाख ,49 हजार ,335 पर पहुंच गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना से 354 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 1 लाख,62 हजार ,468 तक पहुंच गई है।
 बुधवार की सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों  के मुताबिक देश में 5 लाख,52 हजार,566 एक्टिव मरीज हैं। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 1 करोड़,14 लाख,34 हजार,301 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। देश का रिकवरी रेट भी 94.11 प्रतिशत हो गया है।
24 घंटो में हुए 10 लाख से अधिक टेस्ट
देश में पिछले 24 घंटों में 10 लाख से अधिक कोरोना के टेस्ट किए गए हैं। आईसीएमआर के मुताबिक 30 मार्च को 10लाख,22 हजार,915 टेस्ट किए गए। अब तक देश में कुल 24 करोड़,36 लाख,72 हजार,940 टेस्ट किए जा चुके हैं।

 

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भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए रेलवे ने एक बड़ा नियम बनाया है. दरअसल, यात्री अब रात के समय ट्रेन के डिब्बों में चार्जिंग प्वाइंट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. भारतीय रेलवे ने आग से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रात में चार्जिंग पॉइंट के उपयोग को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है. 13 मार्च को दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस में आग लगने के बाद यह निर्णय लिया गया. गौरतलब है कि आग एक कोच में लगी और सात अन्य डिब्बों में फैल गई.

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, रेलवे ने रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक ट्रेनों में चार्जिंग पॉइंट बंद रखने का फैसला किया है. रात में चार्ज होने वाले लैपटॉप और मोबाइल फोन को ओवरहीटिंग के कारण लंबी दूरी की ट्रेनों में आग लगने की कई घटनाएं हुईं.

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नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने ए​​क इंच जमीन नहीं गंवाई है और न भविष्य में खोएंगे।

उन्होंने कहा कि हम उसी जगह हैं, जहां हम वार्ता शुरू करने से पहले थे। उन्होंने ​कहा कि ​सेना​ की आंतरिक जांच के बाद अब भर्ती घोटाला ​की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। ​​अगर ​​सेना में किसी की गलत तरीके से भर्ती हुई है, तो ​​जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा।​​​

सेना प्रमुख ने कहा कि चीन से विवाद के पहले भारत का जिन इलाकों पर अधिकार था, वो अब भी बना हुआ है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि चीन के साथ समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में पैन्गोंग झील क्षेत्र से सैनिकों के हटने के बाद भारत के लिए खतरा केवल ‘कम हुआ’ है, लेकिन यह बिल्कुल खत्म नहीं हुआ है। जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि 9वें दौर की बातचीत के बाद समझौते के तहत दोनों सेनाएं अपनी-अपनी ज​​गह पर लौट गई हैं। उन्होंने साफ कहा कि हमने अपनी कोई जमीन नहीं खोई नहीं है बल्कि हम बातचीत के जरिए आगे बढ़ रहे हैं। अब ​​चीन के साथ एलएसी के अन्य विवादित क्षेत्रों गोगरा और हॉट स्प्रिंग को लेकर बात चल रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सामने हमेशा चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर चुनौती बनी रहती है, इसलिए दोनों सरहदों पर हमेशा तैयार रहना पड़ता है। उन्होंने पाकिस्तान की सीमा के बारे में कहा कि फरवरी के आखिरी में दोनों देशों के डीजीएमओ स्तर की हुई बातचीत में सीमा पर गोलीबारी रोकने को लेकर सहमति बनी थी। उसके बाद से अब तक सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन नहीं हुआ है।

जनरल नरवणे ने कहा कि सीमा पार से फायरिंग रुकने के बाद एलओसी पर शांति तो है लेकिन आतंकी कैम्प अभी भी मौजूद हैं​, ​जिनसे बर्फ पिघलने के सात ही घुसपैठ की कोशिश भी हो रही है। हालांकि सीजफायर समझौते से आतंकी काफी हताश हैं, फिर भी कश्मीर में हाल ही में कुछ आतंकी घटनाएं हुई है। अभी भी घाटी में युवा आतंकी संगठनों में शामिल हो रहे हैं लेकिन हमारा प्रयास युवाओं को आतंकवादियों के बहकावे में आकर गलत रास्ते पर जाने से रोकना है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर की घाटी में पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है।

सेना में अधिकारियों की भर्ती के दौरान घोटाला होने के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि सेना की आंतरिक जांच के बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया है। सीबीआई ने जांच शुरू करके दिल्ली कैंट स्थित बेस अस्‍पताल, सेना के कपूरथला, बठिंडा, दिल्‍ली, कैथल, पलवल, लखनऊ, बरेली, गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर, जोरहाट और चिरांगों स्थित अन्‍य प्रतिष्‍ठान में कई जगहों पर छापेमारी भी की थी। इस मामले में 17 सैन्यकर्मियों सहित 23 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें छह लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी और उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं। इस मामले पर जनरल नरवणे ने कहा कि ​​अगर सेना में किसी की गलत तरीके से भर्ती हुई है, तो जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा।

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नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को दिल्ली हर्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में कोरोना वैक्सीन की  दूसरी डोज ली। उनके साथ उनकी पत्नी नूतन गोयल ने भी कोरोना की वैक्सीन ली। इस मौके पर डॉ. हर्षवर्धन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद उन्हें व उनकी पत्नी को किसी तरह का साइड इफेक्ट्स नहीं अनुभव हुआ। वैक्सीन के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भ्रम पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वैक्सीन पूरी तरह से असरदार है इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लेने के लिए आगे आना चाहिए।
देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार 47 प्रभावित जिलों पर नजर बनाए हुए है। उच्चस्तरीय बैठकें लगातार की जा रही हैं। इन जिलों में उपयुक्त कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन लोगों को भी अभी सावधानी बरतनी की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि  वैक्सीन आने के बाद लोग ज्यादा लापरवाह हो गए हैं। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं जिसके कारण देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वैक्सीन लगाने पर भी कोरोना संक्रमित होने के मामले सामने आने पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ऐसे मामले नगण्य हैं। वैक्सीन असरदार है और इसके लगाने पर भी संक्रमण होता है तो जान जाने खतरा काफी कम रहता है। कोरोना का असर उतना प्रभावी नहीं रहता जितना वैक्सीन न लगाने वालों को रहता है। इसलिए वैक्सीन को लेकर शंका नहीं होनी चाहिए। 
84 देशों को भेजी है कोरोना वैक्सीन 
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि भारत पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है। खासकर विकासशील देश और गरीब देशों की मदद करना सभी दायित्व है। भारत ने अबतक 84 देशों में वैक्सीन भेजी है। लेकिन इसके साथ देश में वैक्सीन की कहीं कोई कमी नहीं होनी दी गई है। राज्यों में पर्याप्त संख्या में वैक्सीन भेजी जा रही है।
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नई दिल्ली (हि.स.): केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को यूनेस्को के मंत्री स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में भी भारतीय विद्यार्थी शिक्षा से वंचित नहीं हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री पोखरियाल आज वर्चुअल माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, यूनेस्को के सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों एवं गणमान्य प्रतिनिधियों के बीच वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षा के समक्ष आने वाली चुनौतियों एवं किसी भी विद्यार्थी को पीछे नहीं छोड़ने की रणनीति पर भारत द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा कर रहे थे।

पोखरियाल ने कहा कि कोरोना काल में जब देश भर के तमाम स्कूल-कॉलेज बंद थे। ऐसी विषम परिस्थितियों में भारत में न केवल वर्चुअल माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियां जारी रहीं बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया कि देश के सुदूर हिस्सों में रहने वाले हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त होती रहे। हमने डिजिटल, टेलीविज़न, रेडियो का इस्तेमाल किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे।
उन्होनें सभी प्रतिनिधियों को बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक शैक्षणिक इको-सिस्टम है। यहां पर 340 मिलियन बच्चे पढ़ रहे हैं जो कई देशों की पूरी आबादी से भी अधिक है। भारत में 11 मिलियन शिक्षक कार्यरत हैं। देश में 1.5 मिलियन स्कूल, 42 हजार कॉलेज और 1,043 विश्वविद्यालय हैं और हमारे स्कूलों से हर साल 15 मिलियन छात्र अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करते हैं। वार्षिक तौर पर, भारत में 8.2 मिलियन स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां और लगभग 39 हजार पीएचडी प्रदान की जाती है।

इसके बाद उन्होंने पीएम ई-विद्या योजना के बारे में विस्तार से बताया और इसके अलावा अन्य योजनाओं जैसे कि दीक्षा प्लेटफॉर्म के तहत “एक राष्ट्र एक डिजिटल” प्लेटफ़ॉर्म, स्वयं पोर्टल, स्वयं प्रभा टीवी चैनल (एक कक्षा एक चैनल) के बारे में बताया जिसमें डिजिटल संसाधनों से वंचित छात्रों के लिए प्रदान की गई।
पोखरियाल ने कहा, भारत वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) में विश्वास करता है और यदि आवश्यक हो, तो अफ्रीका में, कैरिबियन में, एशिया में, हमारे भाइयों और बहनों के साथ भारतीय स्कूलों की ही तरह उच्च मानकों पर स्कूल पाठ्यक्रम निर्धारित करने में सहायता करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय स्कूल शिक्षा प्रणाली गणित, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मानविकी में बहुत अच्छी है।

केंद्रीय मंत्री ने सभी को इस महामारी के बीच शिक्षा सुधार के लिए लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में भी विस्तार से बताया।

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मुंबई (हि.स.): एंटीलिया प्रकरण और मनसुख हिरेन मौत केस की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मीठी नदी से कुछ महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं।

एसपी विक्रम खलाटे के नेतृत्व में एनआईए टीम मामले के आरोपित निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स इलाके में मीठी नदी के तट पर ले गई। यहां नदी से दो कंप्यूटर सीपीयू, दो डीवीआर, वाहन के दो नंबर प्लेट एवं अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि मनसुख हिरेन मौत मामले में आरोपित सचिन वाझे के ठाणे स्थित साकेत निवास का और मुंबई पुलिस मुख्यालय का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर) गायब हो गया था। इस मामले की जानकारी पूछताछ के बाद एनआईए को मिली थी। इसी वजह से एनआईए की टीम सचिन वाझे को लेकर मीठी नदी के तट पर गई थी। एनआईए टीम ने सफाइकर्मियों और मछुआरों के सहयोग से नदी की तलहटी से दो डीवीआर, दो सीपीयू, दो नंबर प्लेट समेत अन्य सामान बरामद किया है।

मनसुख हिरेन मौत मामले में एनआईए सचिन वाझे सहित, विनायक शिंदे और नरेश गौड़ से पूछताछ कर रही है। इस मामले एनआईए सचिन वाझे के सहयोगी रियाज काझी से कई बार पूछताछ कर चुकी है। रियाज काजी ने ही सचिन वाझे के साकेत निवास का डीवीआर पत्र के जरिए हाउसिंग सोसाइटी से लिया था। इसलिए आज मीठी नदी में हो रही छानबीन के वक्त हाउसिंग सोसाइटी के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास से 25 फरवरी को संदिग्ध हालात में खड़ी स्कॉर्पियो कार मिली थी, जिसमें से जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद की गई थीं। इसी सिलसिले में 13 मार्च को वाझे की गिरफ्तारी हुई थी। वाझे कारोबारी मनसुख हिरेन की हत्या मामले में आरोपित हैं। एंटीलिया के पास मिली स्कॉर्पियो कार हिरेन की थी। हिरेन पांच मार्च को ठाणे जिले के मुंब्रा स्थित रेतीबंदर खाड़ी में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस ने 15 मार्च को वाझे को सहायक निरीक्षक पद से निलंबित कर दिया था।

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल और असम में हो रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शनिवार शाम छह बजे तक क्रमश: 79.79 प्रतिशत व 72.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किये गये।
चुनाव आयोग ने बताया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में शाम छह बजे तक 79.79 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि असम में 72.14 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। 
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के तीन अलग-अलग इलाकों में शनिवार को आग लग गई। सबसे पहले सराय रोहिल्ला स्थित दयाबस्ती की एक फैक्टरी में कंप्रेसर फटने से आग लगी, जिसमें नौ लोग झुलस गए। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
वहीं हर्ष विहार इलाके में एक कबाड़ गोदाम में आग लगी। हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी। समय रहते दमकल की 30 गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया। एक अन्य घटना रेल भवन की है। भवन की चौथी म‌ंजिल पर स्थित एक कमरे में आग लग गई। घटना में वहां रखे कंप्यूटर, कागजात व फर्नीचर जलकर खाक हो गए। तीनों मामलों में पुलिस आग के सही कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
सबसे पहले सराय रोहिल्ला इलाके की दयाबस्ती में आग लगने की खबर आई। दोपहर 12.41 बजे एलपीजी सिलेंडर फटने की सूचना मिली। पुलिस और दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची तो पता चला कि शाहजदा बाग स्थित मकान नंबर 328/8 की पहली मंजिल पर इलेक्ट्रॉनिक पेंट कोटिंग हाई प्रेशर मशीन के कंप्रेशर में धमाका हुआ था। हादसे में वहां आग लग गई, जिसमें वहां काम कर रहे नौ मजदूर झुलस गए।
घायल शैलेश और रामकुमार को नजदीकी बाड़ा हिन्दूराव अस्पताल ले जाया गया, जबकि प्रदीप, घनश्याम, सुनील, सुरेंद्र, राहुल, शिवम और अंकित को आरएमएल अस्पताल ले जाया गया। सभी का इलाज जारी है। पुलिस मामला दर्ज कर हादसे के सही कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
आग लगने की दूसरी घटना हर्ष विहार इलाके की है। यहां सेवाधाम रोड पर ओम धर्म कांटे के पास दोपहर करीब 3.00 बजे आग लगने की खबर मिली। आग परफ्यूम, साबुन और गत्ते के गोदाम में लगी थी। गोदाम के ठीक बराबर एलपीजी गैस सिलेंडर का बड़ा गोदाम था। खबर मिलते ही दमकल विभाग और पुलिस सतर्क हो गई।
पहले गैस सिलेंडर गोदाम से करीब 1250 सिलेंडर को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इसके बाद दमकल की 30 गाड़ियां आग पर काबू पाने में जुटी रहीं। देर शाम तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी। दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पा लिया है। शुरुआती जांच के बाद आशंका व्यक्त की जा रही है कि आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
तीसरी घटना रेल भवन की है। भवन की चौथी मंजिल पर शाम करीब 6.00 बजे आग लग गई। खबर मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल की छह गाड़ियों को मौके पर पहुंच गईं और चौथी मंजिल पर स्थित कमरा नंबर-451 में लगी आग को नियंत्रित कर लिया। हालांकि, कमरे में रखे फर्नीचर, कंप्यूटर और कुछ कागजात जलकर खाक हो गए।
हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पुलिस आग के सही कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। शुरुआती जांच के बाद पुलिस आशंका जता रही है कि आग शार्ट सर्किट के कारण लगी।
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