नई दिल्ली: देश में कोरोना के नए मामलों में पिछले दिनों के मुकाबले थोड़ी कमी दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,67,334 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस बीमारी से 4529 लोगों की मौत हो गई। पिछले 24 घंटे 3,89,851 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
बुधवार सुबह केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अबतक कोरोना के कुल 2,54,96,330 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, इस बीमारी से अबतक 2,83,248 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव मरीजों की संख्या 32,26,719 है। वहीं, राहत भरी खबर है कि कोरोना से अबतक 2,19,86,363 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
रिकवरी रेट 86.23 फीसद
कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो राहत की बात है। रिकवरी रेट में सुधार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में देश का रिकवरी रेट बढ़कर 86.23 प्रतिशत हो गया है।
पिछले 24 घंटे में 20 लाख से अधिक टेस्ट 
आईसीएमआर के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 20 लाख से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं। 18 मई को 20,08,296 टेस्ट किए गए। देश में अबतक कुल 32,03,01,177 टेस्ट किए जा चुके हैं।
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मुंबई:  ताउते चक्रवात के चलते दूसरे दिन मंगलवार को भी मूसलाधार बारिश हुई। वसई विरार में बाढ़ जैसे हालात नजर आए। निचले इलाकों में भारी जलभराव से दुकानों व घरों में काफी नुकसान पहुंचा है। तेज बारिश से ग्रामीण भागों में कई गांव पानी में डूब गए। जिससे हजारों लोग बारिश से प्रभावित हुए हैं। जिलेभर में भारी बारिश से कई गावों का संपर्क टूट जाने से आवागमन में भारी दिक्कतें हुईं। हालांकि किसी जनहानि की खबर नहीं है। प्रशासन की ओर से प्रभावित हुए लोगों की मदद की जा रही है। हालांकि शाम 4 बजे बारिश थम जाने के बाद लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की है।

दुकानों व घरों में भरा पानी : सोमवार सुबह से मंगलवार दोपहर बाद तक हुई मूसलाधार बारिश से निचले इलाकों में बने घरों में तीन से चार फुट पानी भर गया। नालासोपारा, वसई, विरार, सफाले, केलवे, बोईसर, पालघर आदि क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से दुकानों व घरों में पानी भरने से घरों का सामना खराब हो गया, तो वहीं दुकानदारों का लाखों रुपये का माल भीगने से बर्बाद हो गया है।
वसई – विरार की हाई प्रोफाइल सोसायटियां लबालब : भारी बारिश के चलते वसई विरार की हाई प्रोफाइल सोसायटियों में तीन से चार फुट पानी भर जाने से लबालब हो गई। ग्राउंड फ्लोर में रहने वाले लोगों के घरों में पानी भर जाने से उनका सारा सामान खराब हो गया। वसई पश्चिम के आनंद नगर, मानिकपुर, दिवानमान, अम्बाडी रोड, विरार पश्चिम के ग्लोबल सिटी, विवा कालेज, एमबी इस्टेट, यशवंत नगर, स्टेशन के आसपास, नालासोपारा ईस्ट व वेस्ट में भारी जलभराव की समस्या हुई है।
दो दिन में 150 से अधिक पेड़ धराशायी : फायरब्रिगेड के मुख्य अधिकारी दिलीप पालव ने बताया कि तूफानी चक्रवात से सोमवार व मंगलवार को वसई विरार में लगभग 150 पेड़ गिरे है। हालांकि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। इसी तरह स्लम इलाकों में बने कच्चे घरों के पतरे उड़ने की खबर सामने आई है। चक्रवात का सबसे ज्यादा असर समुद्री किनारों पर देखा गया है। वहां आसपास केले व मकई की खेती पूरी तरह नष्ट हो गई है। चक्रवात व बारिश से ज्यादा लोगों को बिजली विभाग ने परेशानी में डाल दिया। बिजली नहीं रहने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अस्पतालों में भर्ती मरीजों से लेकर हर इंसान बिजली न रहने से परेशान रहा। वसई विरार में सोमवार सुबह 4 बजे बिजली काट दी गई थी। जो मंगलवार दोपहर तक कट रही। विभाग का है कि तेज हवाओं के चलते पेड़ गिरने से बिजली आपूर्ति ठप की गई थी। कई जगहों पर पोल गिरने से काफी दिक्कतें आ रही हैं।
शहरों में जलभराव से यातायात ठप्प : जिलेभर में भारी जलभराव से ज्यादातर इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। जिससे यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। कई जगह रेलवे ट्रैक पर पानी भर जाने से ट्रेनें देरी से चल रही है। सड़कों पर चार से पांच फुट पानी भरने से गाड़ियां पानी मे डूब रही थी। बाढ़ वाले क्षेत्रों में नाले उल्टी दिशा में बह रहे हैं। नालासोपारा, वसई, विरार, पालघर, सफाला, बोईसर, डहाणू, तलासरी, कासा, घोलवड, सातपाटी, केलवा आदि जगहों पर  तीन से चार फुट पानी भर जाने से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा। शहरों में सड़कें तालाब में तब्दील हो गई। नदियां उफान पर बह रही थी। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व मनपा की ओर से राहत व बचाव कार्य जारी है। अगले 12 घण्टों तक समुद्र में हाईटाइड की चेतावनी दी गई है।
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नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान ​ताउते से अरब सागर में पैदा हुईं बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में ​फंसकर दो बड़ी नावें मुंबई के पास डूब गईं हैं। इनमें सवार 410 लोगों में से 232 लोगों को नौसेना और तटरक्षक बल के संयुक्त ऑपरेशन में सुरक्षित बचा लिया गया है और अभी भी 178 लोग लापता हैं। तूफान गुजर जाने के बाद नौसेना और कोस्ट गार्ड ने समुद्र में फंसी नावों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया है। भारतीय नौसेना ने ​हेलीकॉप्टर​​ पी-8​आई और कई जहाजों को भी इस मिशन पर लगाया है।

​अरब सागर में​ सोमवार को ​चक्रवाती हवाओं और ऊंची उठती समुद्री लहरों के बीच ​दो बड़ी नावें ​बार्ज ​पी-305​ ​​और ​​ओएनजीसी की नाव बार्ज​ ​गैल कंस्ट्रक्टर​​ ​इंजन की खराबी के कारण​ तूफान के तेज प्रवाह में ​फंस गईं​।​​ ​बार्ज ​पी-305 पर 273 और ​​बार्ज​ ​गैल कंस्ट्रक्टर​​ पर 137 लोग सवार थे। बार्ज​ ​गैल कंस्ट्रक्टर चक्रवाती तूफान के बाद पानी के तेज बहाव के साथ कोलाबा पॉइंट के उत्तर में लगभग 48 समुद्री मील दूर ​चली गई​।​ हालांकि दोनों ​नावों को भारतीय नौसेना ​और तटरक्षक बल ​ने सोमवार की देर शाम ही ढूंढ निकाला और जहाजों में फंसे 410 कर्मियों को बचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया​​​।​​​ ​नौसेना ने ​अत्यंत चुनौतीपूर्ण समुद्री परिस्थितियों में ​​आईएनएस कोच्चि​, ​आईएनएस कोलकाता​ और 18 अपतटीय सहायता पोत एनर्जी स्टार​ को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया​​​।​

समुद्र में फंसे इन दोनों नावों को ​सहायता देने के लिए एक आपातकालीन रस्सा पोत ‘वाटर लिली’​ रात में ही पहुंच गया।​ ​सोमवार को रात 11 बजे तक ​बार्ज ​पी-305​ ​​से 60 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया दोनों नावों पर सवार बाकी बचे अन्य लोगों को बचाने के लिए पूरी रात नौसेना और तटरक्षक बल का ऑपरेशन चलता रहा​​​।​ आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता ​ने रात भर बचाव के प्रयास जारी ​रखे। ​इनके साथ ​​ऑपरेशन​ में ​ऑफशोर सपोर्ट वेसल एनर्जी स्टार और ग्रेट शिप अहल्या ​भी शामिल हो गए। मंगलवार दोपहर तक बार्ज पी-305​ ​पर सवार कुल 177 लोगों को बचा लिया गया है​​। आज सुबह का उजाला होने के साथ ही भारतीय नौसेना ने ​हेलीकॉप्टर​​ पी-8​आई को भी खोज अभियान पर लगा दिया है।

इसके अलावा कोलाबा पॉइंट के उत्तर में लगभग 48 समुद्री मील दूर फंसी ओएनजीसी की नाव बार्ज​ ​गैल कंस्ट्रक्टर में सवार 137 लोगों को बचाने के लिए नेवी की ओर से सपोर्ट भेजा गया था​। इस नाव को बचाने के लिए तटरक्षक बल ने अपने जहाज आईसीजीएस सम्राट को सतपाटी से और अन्य 4 जहाजों को महाराष्ट्र और गुजरात से समुद्र की लहरों के बीच डायवर्ट किया। इसके अलावा इंडियन कोस्ट गार्ड ने चेतक हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में लगाया, जिसने 55 लोगों को एयरलिफ्ट करके सुरक्षित रूप से पास के वाडरई तट पर स्थानांतरित कर दिया है। अभी भी बाकी बचे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। ​तटरक्षक बल के जहाज समर्थ ने एक तेज अभियान में गोवा तट पर मिलाद नामक मछली पकड़ने वाली नाव से 15 चालक दल को बचाया। चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं और सुरक्षा के लिए नाव को किनारे पर ले जाया जा रहा है।

​​दीव-ऊना में लैंडफॉल के बाद चक्रवात आगे उत्तर की ओर बढ़ गया है। भारतीय सेना की जिन 6 टीमों को कल गुजरात के जूनागढ़ ले जाया गया था, उन्हें अब जिला प्रशासन के अनुरोध पर राहत कार्य के लिए अमरेली ले जाया गया है। दीव के स्थानीय लोग चक्रवात के बाद फैले मलबे को साफ करने ​​और उन्हें आवश्यक आपूर्ति की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सेना की टीमों को धन्यवाद दे रहे हैं। ऊना और अमरेली के इलाकों में हवा की रफ़्तार बहुत ज़्यादा होने से काफी सड़कें ब्लॉक हो गई हैं। सेना के साथ जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम नुकसान का जायजा ले रही हैं और मदद कर रही हैं। एनडीआरएफ गांधीनगर के डिप्टी कमांडेंट रणविजय कुमार सिंह के मुताबिक चक्रवाती तूफान से अमरेली में काफी नुकसान हुआ है​​। अभी भी तेज़ हवा चल रही है और बारिश हो रही है।

 

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-11 दिनों में पेट्रोल 2.50 रुपये और डीजल 2.78 रुपये हुआ महंगा
नई दिल्ली:अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का असर घरेलू बाजार में फिर देखने को मिला है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में फिर इजाफा किया है। इसी के साथ मंगलवार को पेट्रोल 29 पैसे और डीजल भी 29 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश के चारों महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 92.85 रुपये, 99.14 रुपये, 94.54 रुपये और 92.92 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं, इन महानगरों में डीजल भी क्रमश: 83.51 रुपये, 90.71 रुपये, 88.34 रुपये और 86.35 रुपये प्रति लीटर के भाव से मिल रहा है।

इसके अलावा इन शहरों श्रीगंगानगर में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 103.80 रुपये, अनूपपुर में 103.49 रुपये, रीवा में 103.13 रुपये और इंदौर में 100.98 रुपये प्रति लीटर हो गया है। गौरतलब है कि पिछले 11 दिनों में पेट्रोल 2.59 रुपये और डीजल 2.78 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है।

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राजकोट/अहमदाबाद: एक ओर तूफान का कहर अभी टला नहीं है, दूसरी ओर राज्य के कई इलाके में भूकंप के झटके महसूस किये गये। आधी रात के बाद जूनागढ़ जिले के दीव, वेरावल जिले के ऊना और गिर-सोमनाथ सहित सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। अमरेली जिले में भी झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप से राजुला, जाफराबाद और अमरेली के आसपास के इलाके प्रभावित हुए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.8 मापी गई। हालांकि, भूकंप का केंद्र जमीन के नीचे बताया गया और कोई सुनामी चेतावनी जारी नहीं की गई थी। अभीतक किसी के हताहत होने का समाचार नहीं है।
राज्य सरकार ने दावा किया है कि वह सोमवार को करीब 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरात के तट से टकराने वाले तूफान ‘ताऊ-ते’ के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बीच, राज्य ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर लोगों से दो दिनों तक अपने घरों से बाहर नहीं निकलने का आग्रह किया है। इस बीच, अधिकांश तटीय जिलों में बारिश होने की संभावना है, जबकि राज्य के 15 जिलों में 70 से 175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तूफान से बचाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री विजय रूपानी के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग की। सरकार ने थल सेना, नौसेना और वायुसेना को भी स्टैंड-बाय पर रहने का निर्देश दिया है, ताकि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो जाए।
समीक्षा बैठक के बाद राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने कहा कि दक्षिण गुजरात से वेरावल की ओर ताऊ-ते तूफान गुजरात से 290 किमी. किलोमीटर की दूरी पर है, जो 17 तारीख को गुजरात के तट से टकराएगा और 18 तारीख को पोरबंदर से भावनगर के महुवा तक जाएगा।
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नई दिल्ली:​ ​देश का पहला एंटी कोविड ओरल ड्रग 2-डीजी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​डीआरडीओ​ भवन में ​सोमवार को लांच ​करके ​पहली खेप ​केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ​​डॉ. हर्षवर्धन को सौंपी​। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (​​डीआरडीओ) के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंसेज ​ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज के सहयोग से विकसित ​​इस दवा के सेवन से कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन पर ज्यादा निर्भर नहीं होना पड़ेगा और वे जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। पानी में घोलकर पीने वाली यह 2-डीजी दवा देश को कोविड संकट से उबारने में गेमचेंजर साबित हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल कोविड की पहली लहर से पूर्व डीआरडीओ को कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार रहने का आदेश दिया था। इसके बाद इस दवा को विकसित करने की शुरुआत पिछले साल यानी अप्रैल, 2020 से की गई थी। डीआरडीओ ने डी-ग्लूकोस (2-डीजी) दवा तैयार करके हैदराबाद की अपनी लैब सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) में परीक्षण किए। इसमें पाया गया कि यह ओरल ड्रग सार्स-कोविड-2 वायरस को शरीर में आगे बढ़ने से रोकने में कामयाब है। इन परिणामों के बाद डीसीजीआई ने इस दवा के फेज-2 क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत दी थी। दूसरे चरण में मई, 2020 से लेकर अक्टूबर तक 11 अस्पतालों में 110 मरीजों पर परीक्षण किए गए। इसके बाद डीसीजीआई ने डीआरडीओ को फेज-3 यानी आखिरी चरण के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत दी, जो दिसम्बर 2020 से शुरू होकर मार्च, 2021 तक चले।

फेज-3 के ट्रायल कुल 220 मरीजों पर दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुल 27 अस्पतालों में किए गए। परीक्षण के दौरान पाया गया कि यह दवा कोरोना मरीजों को जल्द ठीक करने के साथ ही ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करती है। परीक्षण के दौरान इस दवा को लेने के बाद मरीजों ने कोरोना वायरस से जंग जीती और उनकी आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई। परिणामों में पाया गया कि 2-डीजी दवा का इस्तेमाल करने वाले कोविड मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत बेहद कम पड़ रही थी। तीसरे दिन से ही मरीजों में इस दवा का असर दिखाई देने लगा था, जबकि इसी दौरान दूसरी दवाएं लेने वाले कोविड मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ रही थी। इसी तरह के परिणाम 65 साल से अधिक आयु वाले कोविड मरीजों में भी देखने को मिले।

इस दवा को विकसित करने वाले वैज्ञानिकों डॉ. अनंत एन. भट और डॉ. सुधीर चांदना का कहना है कि कोई भी वायरस शरीर के अंदर प्रवेश करने के बाद मानव कोशिकाओं को धोखा देकर अपनी जड़ें जमाता है। इसके लिए वह कोशिकाओं से बड़ी मात्रा में प्रोटीन लेता है। यह दवा एक ‘सूडो’ ग्लूकोस है जो संक्रमित कोशिकाओं में जमा होकर वायरस को शरीर में आगे बढ़ने से रोक देती है। क्लीनिकल ट्रायल पूरे होने के बाद 01 मई को डीसीजीआई ने इस 2-डीजी दवा के कोरोनाग्रस्त गंभीर मरीजों पर इमरजेंसी इस्तेमाल करने के लिए मंजूरी दे दी। 2-डीजी दवा एक पाउच में पाउडर के रूप में उपलब्ध होगी जिसे पानी में घोलकर आसानी से पिया जा सकता है लेकिन अभी यह दवा सिर्फ अस्पतालों में ही मरीजों को मिल सकेगी, मेडिकल स्टोर पर नहीं।

पानी में घोलकर पीने वाली दवा ‘2-डीजी’ की पहली खेप में डॉ. रेड्डीज लैब ने 10 हजार डोज बनाई है, जिसे आज लांच किया गया है। इस दवा के इस्तेमाल की शुरुआत देशभर में चल रहे डीआरडीओ के कोविड केयर अस्पतालों से होगी जहां मौजूद सशस्त्र बलों के डॉक्टर अपनी निगरानी में मरीजों को दवा देंगे। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. जी. सतीश रेड्डी का कहना है कि तीन चरणों में प्रभावी साबित होने के बाद अब इस दवा का बड़े पैमाने पर उत्पादन किये जाने की तैयारी है। हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैब जून के महीने से हर हफ्ते एक लाख डोज बनाना शुरू कर देगी। इसके बाद पानी में घोलकर पिलाने वाली यह दवा जल्द ही दूसरे अस्पतालों और बाजारों में भी उपलब्ध हो सकती है।

 

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भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 18 मई को चक्रवाती तूफान गुजरात के वेरावल और पोरबंदर के बीच मांगरोल के पास तट से टकरा जाएगा. गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र के समुद्री इलाकों में साइक्लोन को लेकर कोस्ट गार्ड को अलर्ट पर रखा गया है.

मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि चक्रवाती तूफान Tauktae गोवा पार कर चुका है और अब यह रत्नागिरी के पास है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. यह चक्रवात एक बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है. लाइफगार्ड सहित हमारी टीमें समुद्र के पास तैनात है. हमने सभी बड़े पेड़ों को काट दिया है और पुलिस गश्त कर रही है.

चक्रवाती तूफान के कारण गोवा में मैसम काफी खराब हैं सड़क मार्ग कई जगहों पर अवरुद्ध हुए हैं. सभी एयरलाइन कंपनियों ने गोवा से और गोवा के लिए अपने फ्लाइट को रद्द कर दिया है. गोवा एयरपोर्ट ने यह जानकारी दी.

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नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति व राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राहुल गाँधीने कांग्रेस सांसद राजीव सातव के निधन पर गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि वह भविष्य के नेता थे.

भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य राजीव सातव को राहुल गांधी के करीबियों में गिना जाता था. सातव का पुणे में आज निधन हो गया। 46 वर्षीय सांसद 22 अप्रैल से कोरोना से संक्रमित थे. 

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, “संसद में मेरे मित्र राजीव सातव के निधन से व्यथित हूं. उनमें काफी संभावनाएं थीं और वह भविष्य के नेता थे. उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है. ओम शांति.”

उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने शोक संदेश में कहा, “राज्य सभा सदस्य राजीव सातव के कोविड से संबंधित जटिलताओं के कारण असमय निधन से गहरा सदमा लगा है. वह एक सक्रिय सांसद थे और लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहते थे. शोक संतप्त परिवार के सदस्यों और उनके समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है. ओम शांति!”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी सांसद राजीव सातव के निधन पर गहरी संवेदनाएं प्रकट करते इसे बड़ी क्षति बताया है. उन्होंने कहा कि मित्र सातव का निधन मेरे और पार्टी के लिए बड़ी क्षति है. भारतीय युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र से कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य राजीव सातव को राहुल गांधी के करीबियों में गिना जाता था. सातव का पुणे में आज निधन हो गया। 46 वर्षीय सांसद 22 अप्रैल से कोरोना से संक्रमित थे.

राहुल गांधी ने राजीव सातव की फोटो साझा करते हुए ट्वीट संदेश में कहा, “मुझे अपने दोस्त राजीव सातव के निधन का बहुत दुख है. वह विशाल क्षमता वाले नेता थे जिन्होंने कांग्रेस के आदर्शों को मूर्त रूप दिया. यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी क्षति है. उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना और प्यार.”

 

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-एक दिन बाद पेट्रोल 24 पैसे और डीजल 27 पैसे प्रति लीटर महंगा 

 

नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में फिर इजाफा किया है। इसी के साथ रविवार को पेट्रोल 24 पैसे और डीजल 27 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार देश चारो महानगरों दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल की कीमत बढ़कर क्रमश: 92.58 रुपये, 98.88 रुपये, 94.34 रुपये और 92.67 रुपये प्रति हो गया है। वहीं, इन महानगरों में डीजल भी बढ़कर क्रमश: 83.22 रुपये, 90.40 रुपये, 88.07 रुपये और 86.06 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है।

उल्लेखनीय है कि गाजा पट्टी में तनाव बढ़ने का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पर पड़ा और इसमें उछाल जारी है। सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन को ब्रेंट क्रूड 1.66 डॉलर की तेजी के साथ 68.71 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 1.55 डॉलर की तेजी के साथ 55.37 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया है। इसकी वजह से घरेलू बाजार में पिछले 10 दिनों में पेट्रोल 2.21 रुपये और डीजल 2.22 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। 

 

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नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि जुलाई के अंत तक देश में 51.6 करोड़ वैक्सीन की खुराक का उत्पादन हो सकेगा। उन्होंने कहा कि रूसी वैक्सीन स्पुतनिक के प्रयोग को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ जायडस कैडिला, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की नोवैक्स, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन और जीनोवा आरएनए जैसी वैक्सीन को मंजूरी देने  पर भी विचार किया जा रहा है। कुल मिलाकर इस साल अगस्त से दिसंबर तक देश में 216 करोड़ वैक्सीन की खुराक उपलब्ध होंगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को वैक्सीन की उपलब्धता और इसके प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इस मौके पर उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले छह हफ्तों में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई। इस अवधि के दौरान पॉजिटिविटी रेट 2 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत हो गया है। लखनऊ और मेरठ में 14000 से ज्यादा एक्टिव मामले हैं। 
मध्यप्रदेश के 10 जिलों में 20 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट है। इस राज्य में एक लाख से ज्यादा कोरोना के एक्टिव मामले हैं। उत्तर प्रदेश और गुजरात में कोरोना से हुई मौत की संख्या अधिक हैं। उन्होंने बताया कि देश में हालांकि कोरोना के मामले घटे हैं लेकिन लोगों को इस बात से इतना आश्वस्त नहीं होना है कि वे फिर से ढिलाई बरतने लगे। मामलों में कमी आने के दौरान राज्य सरकार अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को और मजबूत करें।
 
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ से बचाव एवं राहत उपायों की तैयारियों की समीक्षा के लिए संबंधित राज्यों और मंत्रालयों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों की शीघ्र निकासी और आवश्यक सेवाओं के निर्बाध जारी रहने और नुकसान होने पर शीघ्र बहाली के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर बैठक में इस बात पर जोर दिया कि प्रभावित राज्यों में कोविड प्रबंधन प्रभावित न हो। संक्रमण न फैले और उपचार की दृष्टि से स्वास्थ्य सुविधायें भी निर्बाध जारी रहें। जामनगर सहित प्रभावित तटीय क्षेत्रों में  ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित न हो।

इसके अलावा उन्होंने 24 घंटे सातों दिन कंट्रोल रूम संचालित रखने और स्थानीय नागरिक समाज का सहयोग लेकर सजगता और बचाव कार्य संचालित करने को भी कहा।

अरब सागर में बने कम दवाब के क्षेत्र के चलते बने चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ धीरे-धीरे गुजरात उत्तर और उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसके 18 मई को गुजरात के तट से टकराने की आशंका है। केन्द्र सरकार ने इन राज्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 100 टीमें तैनात करने का फैसला किया है। राज्यों को परामर्श जारी किए हैं और संभावित नुकसान के प्रति आगाह कर जान-माल की सुरक्षा के लिए सतर्क किया है।

प्रधानमंत्री को बैठक में बताया गया कि कैबिनेट सचिव लगातार संबंधित राज्यों और मंत्रालयों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे। वहीं गृह मंत्रालय लगातार पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखेगा। यह भी जानकारी दी गई कि राज्यों को मदद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से प्रथम इंस्टालमेंट भेज दी गई है।

इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों और नौसेना व वायुसेना की ओर से किए जा रहे प्रयासों की भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि एनडीआरएफ ने 42 टीमें तैनात कर दी हैं और कुछ को स्टेंड बाय पर रखा है। कोस्ट गार्ड, नेवी के हेलीकॉप्टर से बचाव एवं राहत कार्य किए जा रहे हैं। वायुसेना विशेष कार्य बल की यूनिट को स्टेंड बाय पर रखा है। इसके अलावा मानवीय सहायता के साथ सात जहाज पश्चिम तट पर तैनात है। आपदा राहत दल (डीआरटी) और चिकित्सा दल (एमटी) त्रिवेंद्रम, कन्नूर और पश्चिमी तट के साथ अन्य स्थानों पर स्टैंडबाय हैं।

बिजली और टेलीकॉम मंत्रालय सेवाओं के निर्बाध जारी रखने और नुकसान की स्थिति में बहाली के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य मंत्रालय परामर्श दे रहा है और उन्होंने आपातकालीन दवाओं के साथ 10 त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा दल और 5 सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल भी तैयार रखे हैं।

तूफान वर्तमान में लक्षद्वीप और केरल तट के नजदीक है और यह धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है। तूफान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा उससे पूर्वी तटों के नजदीकी राज्यों केरल, कनार्टक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात में तेज हवायें चलने और मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। तूफान के चलते तमिलनाडु में आज और पश्चिम राजस्थान में 18 और 19 मई को बारिश हो सकती है। तूफान 18 मई को गुजरात के पोरबंदर के आस-पास टकरायेगा। इससे वहां बढ़े स्तर पर नुकसान हो सकता है।

एनडीआरआफ ने इस संबंध में तैयारियां की है और राज्यों में 43 टीमें तैनात भी कर दीं है। इनकी संख्या पहले 53 से बढ़ाकर अब 100 कर दिया गया है। प्रत्येक टीम में 35 से 40 जवान होंगे। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए बचाव उपायों से जुड़े दिशा-निर्देशों मे भी बदलाव किया गया है। बचाव केन्द्रों में लोगों की संख्या कम रखने और समाजिक दूरी के पालन पर ध्यान दिया जाएगा। खास बात यह है कि एनडीआरएफ की टीम के सभी सदस्यों का टीकाकरण किया जा चुका है और उन्हें सभी उपयुक्त उपकरण दिए जा चुके हैं जिन्हें बचाव कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।

एनडीआरएफ के महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान ने कहा है कि आज ओडिशा और पंजाब से एनडीआरएफ की 13 टीमों को वायुमार्ग से गुजरात भेजा गया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की 100 टीमों को इस काम में लगाया गया है। 42 टीमें तैनात कर दी गई हैं, 26 टीमें स्टैंडबाय पर हैं और 32 टीमें देशभर में इसके लिए समर्पित रखी गई हैं जिन्हें तुरंत वायुमार्ग से आपदा सहायता के लिए भेजा जाएगा।

केन्द्र सरकार ने तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है और प्रभावित राज्यों के अधिक प्रभावित तटीय क्षेत्रों से तुरंत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही इन राज्यों में मछली पकड़ने संबंधी सभी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने को कहा गया है। उत्तरी क्षेत्र में जहां मछुआरे नावों के साथ समुद्र में हैं उन्हें तुरंत वापिस आने को कहा गया है।

तूफान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा इसकी गति लगातार बढ़ती जाएगी। यह 45-55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरात तट के नजदीक आते-आते 155-165 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तक जाएगा। गुजरात के तटों पर तूफान के चलते 2-3 मीटर ऊंची लहरें आ सकती है।

मौसम विभाग का कहना है कि तूफान से गुजरात के देवभूमि द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जामनगर, गिर और सोमनाथ में नुकसान हो सकता है। यहां बिजली और मोबाइल सेवा प्रभावित होना, पेड़ों का उखड़ना, फसलों को नुकसान हो सकता है। सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी है। साथ ही प्रशासन को सलाह दी है कि वह इन क्षेत्रों में आवागमन को लेकर उचित प्रबंधन करें।

उल्लेखनीय है कि तौकते म्यांमार की ओर से दिया गया नाम है और इसका अर्थ छिपकली होता है। तूफान का असर पाकिस्तान तटीय इलाकों पर भी होगा।

 

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 नई दिल्ली: एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि कोरोना अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वहां इंफेक्शन को नियंत्रण करने की बेहद आवश्यकता है। अस्पतालों में अब म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस व बैक्टीरिया की बीमारी हो रही है जिससे मौत भी हो रही है। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि ब्लैक फंगस चेहरे, नाक, आंखे यहां तक की दिमाग पर भी प्रतिकूल असर डालता है जिससे कई बार आंख की रोशनी भी चली जाती है। यह फंगल इंफेक्शन फेफड़ों में भी पहुंच जाता है। 
उन्होंने बताया कि कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड अधिक लेने से भी इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर डायबीटीज से पीड़ित कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगल इंफेक्शन होने की संभावना अधिक रहती है क्योंकि स्टेरॉयड लेने से शुगर लेवल अचानक 300-400 तक बढ़ जाता है।  इसलिए स्टीरॉयड का इस्तेमाल सोच समझकर ही लेना चाहिए। कोरोना के बेहद कम और मामूली लक्षण वाले मरीजों को स्टेरॉयड लेने से बचना चाहिए। 
 म्यूकरमाइकोसिस की दवा की उपलब्धता पर केन्द्र सरकार की नजर 
कोरोना से ठीक हुए कुछ लोगों में म्यूकरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस का संक्रमण देखा जा रहा है। इस संक्रमण के इलाज में कारगर एंटी फंगल दवा एम्फोटेरीसिन बी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार ने भी इसके उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि म्यूकरमाइकोसिस के संक्रमण पर केन्द्र सरकार ने पूरी नजर बनाए हुए है। इसे फैलने से रोकने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे हैं।  रिपोर्ट के आधार पर इसके इलाज में कारगर दवा एम्फोटेरीसिन बी के उत्पाद को भी बढ़ाया गया है। इस दवा को आयात करने की भी कोशिश तेज कर दी गई हैं। कुलमिलाकर केन्द्र सरकार सारे प्रयास कर रही है ताकि इस संक्रमण को रोका जा सकें।
क्या होता है म्यूकरमाइकोसिस
दरअसल यह एक तरह का फंगस यानि फफूंद होती है। यह उन लोगों पर हमला करती है जो किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण स्टेरायड ले रहे हैं जिसकी वजह से शरीर में बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। यह फंगल इंफेक्शन नाक से शुरू होता है फिर आंखों में पहुंचता है और फिर दिमाग तक जाता है, लेकिन घबराने की बात नहीं है। इसका सही वक्त पर लक्षण पहचान लिए जाएं और समय पर इलाज करवाया जाए तो यह ठीक होजाता है। 
क्या हैं इसके लक्षण 
साइनस या नाक का बंद हो जाना, दांतों का अचानक टूटना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, नाक से काले रंग का पानी निकलना या खून बहना, आंखों में सूजन, धुंधलापन, सीने में दर्द उठना, प्लूरल इफ्यूजन, सांस लेने में समस्या होना और बुखार होना। 
बचाव के उपाय 
कोरोना से ठीक होने के बाद भी शुगर के मरीज अपना शुगर लेवल की जांच करते रहें । इसे नियंत्रित रखें। डॉक्टरों की सलाह पर ही स्टेरॉयड लें। एंटीबयोटिक या फिर एंटीफंगल दवाइंयों का प्रयोग भी चिकित्सकों के सलाह पर ही करें। ऑक्सीजन ले रहे हैं तो ह्युमिडिफायर में साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। 

 

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