नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में लोगों से अनुरोध किया कि वे इस बार के पद्म पुरस्कार विजेताओं के प्रेरक जीवन के बारे में विस्तार से जानें और इस जानकारी को दूसरों के साथ भी साझा करें।

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ के 97वें संस्करण में कहा कि जनजातीय समुदायों में काम करने वाले, उनसे जुड़ी चीज़ों के संरक्षण और शोध करने वाले, पारंपरिक वाद्य यंत्र की धुन बिखेरने वाले और नॉर्थ-ईस्ट में अपनी संस्कृति के संरक्षण में लगे लोगों को इस बार प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। हम सबको इस पर गर्व होना चाहिए।

उदाहण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संतूर, बम्हुम, द्वितारा जैसे हमारे पारंपरिक वाद्ययंत्र की धुन बिखेरने में महारतगुलाम मोहम्मद ज़ाज़, मोआ सु-पोंग, री-सिंहबोर कुरका-लांग, मुनि-वेंकटप्पा और मंगल कांति राय की चारों तरफ़ चर्चा हो रही है। टोटो, हो, कुइ, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार मिले हैं। धानीराम टोटो, जानुम सिंह सोय और बी. रामकृष्ण रेड्डी के नाम से अब पूरा देश परिचित हो गया है। सिद्धी, जारवा और ओंगे जैसी आदि-जनजाति के साथ काम करने वाले लोगों को भी इस बार सम्मानित किया गया है। जैसे – हीराबाई लोबी, रतन चंद्र कार और ईश्वर चंद्र वर्मा जी। कांकेर में लकड़ी पर नक्काशी करने वाले अजय कुमार मंडावी और गढ़चिरौली के प्रसिद्ध झाडीपट्टी रंगभूमि से जुड़े परशुराम कोमाजी खुणे को भी ये सम्मान मिला है। इसी प्रकार नॉर्थ-ईस्ट में अपनी संस्कृति के संरक्षण में जुटे रामकुईवांगचे निउमे, बिक्रम बहादुर जमातिया और करमा वांगचु को भी सम्मानित किया गया है।

लोकतंत्र की जननी है भारत-

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताया और कहा कि भारतीय समाज स्वभाव से ही एक लोकतांत्रिक समाज है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम भारतीयों को इस बात का गर्व भी है कि हमारा देश लोकतंत्र की जननी है। स्वभाव से ही हम एक लोकतांत्रिक समाज है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां के प्रस्ताव, संकल्प, कोरम, मतदान और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। बाबासाहेब का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्थाओं से मिली होगी। तमिलनाडु में एक छोटा, लेकिन चर्चित गांव है उतिरमेसर, यहां ग्यारह-बारह सौ साल पहले का एक शिलालेख दुनियाभर को अचंभित करता है। यह शिलालेख एक छोटा संविधान की तरह है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि ग्राम सभा का संचालन कैसे होना चाहिए और उसके सदस्यों के चयन की प्रक्रिया क्या हो। हमारे देश के इतिहास में लोकतांत्रिक मूल्यों का एक और उदाहरण है 12वीं सदी के भगवान बसवेश्वर का अनुभव मंडपम, यहां मुक्त चर्चा और विमर्श को प्रोत्साहन दिया जाता था। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि यह राजा जॉन द्वारा दिए गए राजनीतिक अधिकारों के रॉयल चार्टर (माग्ना कार्टा) से भी पहले की बात है।

मोटा आनाज बन रहा लोगों के जीवन का हिस्सा-

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग और सेहत के साथ अब ‘मोटा अनाज’ भी लोगों के जीवन का हिस्सा बन रहा है और लोग इसे अपना प्रमुख आहार बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस दौरान नौकरी छोड़ मोटा अनाज की प्रसंस्करण इकाई बनाने वाले आंध्र प्रदेश के के.वी. रामा सुब्बा रेड्डी, किसानों को मोटा अनाज से जुड़ी स्मार्ट कृषि की प्रशिक्षण देने वाली महाराष्ट्र में अलीबाग के पास केनाड गांव की रहने वाली शर्मीला ओसवाल का उदाहरण दिया। उन्होंने इनके लिए ‘मिलेटप्रेन्योर’ शब्द का प्रयोग किया और कहा कि आदिवासी जिले सुंदरगढ़ की करीब डेढ़ हजार महिलाएं स्वयं सहायता समूह से रसगुल्ला, गुलाब जामुन और केक तक बना रही हैं। कर्नाटक के कलबुर्गी में अलंद भूताई मिलेट्स फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी मोटा अनाज से खाकरा, बिस्कुट और लड्डू बना रही हैं। यह लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं।

खेलों को लेकर जम्मू-कश्मीर के युवाओं में खासा उत्साह-

हाल ही में आयोजित विंटर गेम्स का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों को लेकर जम्मू-कश्मीर के युवाओं में खासा उत्साह है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अगली बार जब आप कश्मीर की यात्रा की योजना बनाएं तो इन तरह के आयोजनों को देखने के लिए भी समय निकालें।उन्होंने बताया कि कश्मीर के सय्यदाबाद में विंटर गेम्स आयोजित किए गए। इन खेलों का स्नो क्रिकेट विशेष आकर्षण रहा। इसके जरिए कश्मीर में ऐसे युवा खिलाड़ियों की तलाश भी होती है, जो आगे चलकर टीम इंडिया के तौर पर खेलेंगे। ये भी एक तरह से खेलो इंडिया मूवमेंट का ही विस्तार है।

गोवा में दिव्यांगजनों के लिए हुए एक अनोखे ‘पर्पल फेस्ट’

प्रधानमंत्री ने दिव्यांगजनों के लिए हाल ही में गोवा में हुए एक अनोखे ‘पर्पल फेस्ट’ का उल्लेख किया। उन्होंने दिव्यांग भाई-बहनों के लिए गोवा के सुलभ समुद्र तटों में एक ‘मीरामार बीच’ के बारे में बात की जहां आयोजित ‘पर्पल फेस्ट’ में हाल ही में 50 हजार से भी ज्यादा हमारे भाई-बहन इसमें शामिल हुए।

जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में ठोस प्रयास

प्रधानमंत्री ने ई-कचरे के उचित प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ई-कचरे का उचित निपटान एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक बड़ी ताकत बन सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में ठोस प्रयास कर रहा है। इन प्रयासों का ही नतीजा है कि 2014 में जहां रामसर साइट्स (वेटलैंड्स) 26 थीं, अब यह बढ़कर 75 हो गई हैं। इसके लिए स्थानीय समुदाय बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने इस जैव विविधता को संजोकर रखा है। यह प्रकृति के साथ सद्भावपूर्वक रहने की सदियों से हमारी पुरानी संस्कृति और परंपरा का भी सम्मान है।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि कर्तव्य पथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के बारे में देशभर के लोगों ने पीएम के साथ अपने विचार साझा किए हैं। इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली महिला ऊंट सवारों और सीआरपीएफ की महिला टुकड़ी की भी सराहना हो रही है। गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। जैसलमेर से पुल्कित ने उन्हें लिखा है कि 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा। कानपुर से जया ने लिखा है कि उन्हें परेड में शामिल झांकियों में भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को देखकर आनंद आया।

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नई दिल्ली, 25 जनवरी: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और मिस्र के विदेश मंत्री समीह हसन शौकरी ने सामग्री विनिमय, क्षमता निर्माण और सह-उत्पादन के क्षेत्र में बुधवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। नई दिल्ली में हैदराबाद हाउस में दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद भारत के प्रधानमंत्री और मिस्र के राष्ट्रपति की उपस्थिति में दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।

यह समझौता प्रसार भारती अपने डीडी इंडिया चैनल की पहुंच का विस्तार करने के प्रयासों का हिस्सा है, ताकि अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विकास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर केंद्रित कार्यक्रमों के माध्यम से देश की प्रगति को प्रदर्शित किया जा सके। इस एमओयू के दायरे में, दोनों प्रसारक द्विपक्षीय आधार पर खेल, समाचार, संस्कृति, मनोरंजन और कई अन्य क्षेत्रों जैसे विभिन्न शैलियों के अपने कार्यक्रमों का आदान-प्रदान करेंगे और इन कार्यक्रमों को उनके रेडियो और टेलीविजन प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया जाएगा। यह करार तीन साल के लिए वैध होगा, नवीनतम तकनीकों में दोनों प्रसारकों के अधिकारियों के सह-निर्माण और प्रशिक्षण की सुविधा भी प्रदान करेगा।

प्रसार भारती वर्तमान में प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग और सहयोग के लिए 39 विदेशी प्रसारकों के साथ समझौता किया है। ये समझौता ज्ञापन संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान, मनोरंजन, खेल के क्षेत्र में विदेशी प्रसारकों के साथ कार्यक्रमों के आदान-प्रदान के लिए प्रदान करते हैं।

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– यह खरीद अधिग्रहण फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत किए जाने की योजना
– अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद भारत के पास होंगे जेटपैक सैनिक

नई दिल्ली(एजेंसी)। भारतीय सेना ने अगली परिवर्तनकारी छलांग लगाते हुए विशेष परिस्थितियों में तैनाती के लिए 48 जेटपैक सूट और 100 रोबोट खच्चर खरीदने का फैसला किया है। चीन सीमा पर हालात से निपटने के लिए सरकार से सशस्त्र बलों को दी गई आपातकालीन शक्तियों के तहत यह टेंडर जारी किए गए हैं। अमेरिका और यूके के बाद भारत तीसरा देश बन जाएगा, जिसके पास जेटपैक सैनिक होंगे।

भारतीय सेना ने अपनी सूची में हाईटेक उपकरण शामिल करने के लिए 100 रोबोटिक खच्चर और 48 जेट पैक सूट खरीदने के लिए निविदा जारी की है, जो सैनिकों को 50 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से ”उड़ान भरने” में सक्षम बना सकते हैं।

सेना के अधिकारियों ने कहा कि 100 रोबोट खच्चरों और 48 जेट पैक सूट खरीदने के लिए अलग-अलग निविदाएं जारी की गई हैं। यह खरीद आपातकालीन प्रावधानों और फास्ट-ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत की जाएगी। दोनों उत्पादों के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख 7 फरवरी है। सफल बोली लगाने वाले को कम से कम दस साल के लिए रखरखाव प्रबंधन करना होगा।

सैन्य अधिकारियों के अनुसार यह उत्पाद ”मेक इन इंडिया” प्रावधानों के तहत बलों को आपूर्ति किये जाएंगे। जेट पैक सूट एक टरबाइन आधारित प्लेटफॉर्म है, जो अलग-अलग इलाकों में सैनिकों को सतह से सुरक्षित रूप से उठा सकता है। सेना ने निर्दिष्ट किया है कि जैक पैक सूट को सुरक्षित चढ़ाई, सुरक्षित टेक-ऑफ और लैंडिंग और सभी दिशाओं में अटैक करने में सक्षम होना चाहिए। सूट जेट ईंधन, डीजल या मिट्टी के तेल पर चल सकता है। इसकी अधिकतम गति 80 मील प्रति घंटा है और यह तकनीकी रूप से 12 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने में सक्षम हैं। जेटपैक की शेल्फ लाइफ 10 साल होनी चाहिए।

निविदा के अनुसार रोबोट खच्चरों को 10 हजार फीट की ऊंचाई तक सामान ले जाने में सक्षम होना चाहिए। सेना के टेंडर में कहा गया है कि रोबोट को ऊबड़खाबड़ इलाकों में चढ़ाई चढ़ने और नीचे जाने में सक्षम होना चाहिए। दरअसल, सेना अभी तक उच्च ऊंचाईयों पर तैनात सैनिकों के लिए रसद आदि पहुंचाने के लिए पशु परिवहन (ऊंटों) का इस्तेमाल करती थी, जिसमें काफी समय लगता था। अब सेना पशु परिवहन को बदलने के लिए रोबोटिक खच्चर खरीदना चाहती है। सेना के अधिकारियों ने कहा कि रोबोट खच्चरों का उपयोग ”स्काउट खच्चरों” के रूप में भी किया जाएगा, जो 10 किलो का वजन ढोने की क्षमता रखते हों। सेना का मानना है कि प्रासंगिक पेलोड के साथ रोबोट खच्चरों को कम से कम 100 किमी दूर से ट्रैक किया जाएगा।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के बाद भारत तीसरा देश बन जाएगा, जिसके पास जेटपैक सैनिक होंगे। सेना के सूत्रों ने कहा कि इनका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान से लगी सीमाओं के अलावा कई जगहों पर किया जा सकता है। यूनाइटेड किंगडम के रॉयल मरीन भी जेटपैक का उपयोग कर रहे हैं। सेना ने दो आरएफपी में कहा कि दोनों के लिए प्रशिक्षण हिमाचल प्रदेश के छावनी बोर्ड बकलोह में होगा।

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‘ ‘हम सितारों तक पहुंचकर भी अपने पांव ज़मीन पर रखते हैं’: द्रौपदी मुर्मू
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत की विकास यात्रा पर राष्ट्रपति ने किया राष्ट्र को संबोधित

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि हम सितारों तक पहुंचकर भी अपने पांव ज़मीन पर रखते हैं। उन्होंने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान का उल्लेख करने के साथ ही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने की भारत की विकास यात्रा की चर्चा की।

उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बीच भी भारत की प्रगति उत्साहजनक रही है। देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से भारत की अर्थव्यवस्था को भी काफी क्षति पहुंची, फिर भी सक्षम नेतृत्व और प्रभावी संघर्षशीलता के बल पर हम मंदी से बाहर आ गए, और अपनी विकास यात्रा को फिर से शुरू किया। भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह सरकार द्वारा समय पर किए गए सक्रिय प्रयासों से ही संभव हो पाया है। इस संदर्भ में ”आत्मनिर्भर भारत” अभियान के प्रति जनसामान्य के बीच विशेष उत्साह देखा जा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं भी लागू की गई हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुए गरीब लोगों की सहायता के लिए सरकार ने विशेष प्रयास किये। कोरोना महामारी के दौरान भी किसी को भी खाली पेट नहीं सोना पड़ा। गरीब परिवारों के हित को सर्वोपरि रखते हुए इस योजना की अवधि को बार-बार बढ़ाया गया तथा लगभग 81 करोड़ देशवासी लाभान्वित होते रहे। इस सहायता को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने घोषणा की है कि वर्ष 2023 के दौरान भी लाभार्थियों को उनका मासिक राशन मुफ्त में मिलेगा। इस ऐतिहासिक कदम से सरकार ने कमजोर वर्गोंं को आर्थिक विकास में शामिल करने के साथ, उनकी देखभाल की ज़िम्मेदारी भी ली है।

उन्होंने देश की विकास यात्रा में शिक्षा प्रणाली की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा अंतिम लक्ष्य एक ऐसा वातावरण बनाना है जिससे सभी नागरिक व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से, अपनी वास्तविक क्षमताओं का पूरा उपयोग करें और उनका जीवन फले-फूले। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में महत्वाकांक्षी परिवर्तन किए गए हैं। शिक्षा के दो प्रमुख उद्देश्य कहे जा सकते हैं। पहला, आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण और दूसरा, सत्य की खोज। राष्ट्रीय शिक्षा नीति इन दोनों लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करती है। यह नीति शिक्षार्थियों को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाती है। इस नीति में, शिक्षा प्रक्रिया को विस्तार और गहराई प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया है।

दुनिया में भारत के बढ़ते हुए महत्व और प्रभाव का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व के विभिन्न मंचों पर हमारी सक्रियता से सकारात्मक बदलाव आने शुरू हो गए हैं। विश्व-मंच पर भारत ने जो सम्मान अर्जित किया है, उसके फलस्वरूप देश को नए अवसर और जिम्मेदारियां भी मिली हैं। जैसा कि आप सब जानते हैं, इस वर्ष भारत जी-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। जी -20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है। इस प्रकार, जी-20 की अध्यक्षता, लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय बहुलवाद को बढ़ावा देने का अच्छा अवसर भी है, और साथ ही, एक बेहतर विश्व और बेहतर भविष्य को स्वरूप देने के लिए उचित मंच भी है। मुझे विश्वास है कि भारत के नेतृत्व में, जी-20, अधिक न्यायपरक और स्थिरतापूर्ण विश्व-व्यवस्था के निर्माण के अपने प्रयासों को और आगे बढ़ाने में सफल होगा।

राष्ट्रपति मुर्मू ने देश की विकास यात्रा में महिलाओं, किसानों, मजदूरों, वैज्ञानिकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि देश की सामूहिक शक्ति “जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय अनुसंधान” की भावना से ओत-प्रोत होकर देश आगे बढ़ा रहा है।

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इस वर्ष छह को पद्म विभूषण, नौ को पद्म भूषण और 91 को पद्मश्री सम्मान

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों के लिए नामों की घोषणा कर दी है। पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव सहित छह को पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाएगा। साथ ही सुधा मूर्ति, उपन्यासकार एस एल भैरप्पा, उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला का नाम पद्म भूषण पुरस्कार पाने वालों में शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुरस्कार पाने वालों को बधाई दी है।

जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस वर्ष 106 पद्म पुरस्कार के लिए मंजूरी दी है। सूची में छह पद्म विभूषण, नौ पद्म भूषण और 91 पद्मश्री के लिए नामों की घोषणा की गई है। पुरस्कार पाने वालों में 19 महिलाएं हैं और सूची में विदेशियों और प्रवासी भारतीयों की श्रेणी के दो व्यक्ति हैं। साथ ही सात लोगों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया जा रहा है। पद्मश्री पाने वालों में चार युगल भी हैं।

प्रधानमंत्री ने पुरस्कार पाने वालों को बधाई दी है और कहा है कि भारत उनके राष्ट्र के लिए समृद्ध और विविध योगदान और हमारे विकास पथ को बढ़ाने के उनके प्रयासों को संजोता है।

सरकार की सूचना के अनुसार इस वर्ष आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोषी, (मरणोपरांत), तबला वादक जाकिर हुसैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा, समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव (मरणोपरांत), भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक श्रीनिवास वरदम, भारतीय बाल रोग विशेषज्ञ दिलीप महालनाबिस (मरणोपरांत) को पद्मा विभूषण देने का ऐलान हुआ है। इसी तरह पद्मभूषण के लिए एसएल भैरप्पा (साहित्य और शिक्षा) कर्नाटक, कुमार मंगलम बिड़ला (व्यापार और उद्योग) महाराष्ट्र, दीपक धर (विज्ञान और इंजीनियरिंग) महाराष्ट्र, एमएस वाणी जयराम (कला) तमिलनाडु, स्वामी चिन्ना जीयर (अध्यात्म) तेलंगाना, एमएस सुमन कल्याणपुर (कला) महाराष्ट्र, कपिल कपूर (साहित्य और शिक्षा) दिल्ली, एमएस सुधा मूर्ति (सामाजिक कार्य) कर्नाटक, कमलेश डी पटेल (अध्यात्म) तेलंगाना का नाम घोषित किया गया है।

इस वर्ष पदमश्री सम्मान के लिए 91 नाम घोषित किए गए हैं। इनमें बिजनेसमैन राकेश झुनझुनवाला (मरणोपरांत), रवीना टंडन, आरआरआर मूवी चोमपोजर एमएम कीरावनी, मणिपुर भाजपा प्रेजिडेंट ठौनाओजम चाओबा सिंह आदि के नाम शामिल हैं।

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नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजे गए 11 बच्चे मंगलवार को प्रधानमंत्री संग्रहालय देखने पहुंचे। इस मौके पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद रहीं। स्मृति ईरानी ने सभी विजेता बच्चों के साथ प्रधानमंत्री संग्रहालय को देखा और उनसे संवाद किया। इस मौके पर बच्चों ने अपने हुनर और संग्रहालय के बारे में भी बातें की। इसके साथ विजेता बच्चे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुलाकात को लेकर भी खासा उत्साहित दिखे।

केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि सोमवार को देश के 11 बच्चों को राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा है । इन बच्चों के साथ इनके अभिभावकों ने प्रधानमंत्री संग्रहालय आ कर भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रत्यक्ष रूप से देख पाए हैं। इन बच्चों ने प्रधानमंत्री के साथ अपनी सेल्फी ली है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की रुचि हिन्दुस्तान की न्यूक्लियर मिशन में रही है, इस आनंद के माहौल में उम्मीद प्रतिस्थापित हुई है कि प्रधानमंत्री नवभारत के निर्माण की सबसे अहम कमान बच्चों के हाथ में दी है।

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– तीन माह तक चलने वाले इस द्विवार्षिक अभ्यास में होगी हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग
– युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करके बंदरगाह और समुद्र चरण होंगे

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। भारतीय नौसेना के प्रमुख समुद्री अभ्यास ‘ट्रोपेक्स’ हिंद महासागर क्षेत्र में शुरू हुआ है। तीन माह तक चलने वाले इस द्विवार्षिक अभ्यास में न सिर्फ भारतीय नौसेना की सभी इकाइयां भाग ले रही हैं, बल्कि इसमें भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल से जुड़े हथियार, जहाज और विमानों की भी भागीदारी है। अभ्यास के दौरान हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जा रहा है।

नौसेना प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में 23 जनवरी से शुरू हुआ ‘ट्रोपेक्स’ युद्धाभ्यास 23 मार्च यानी तीन महीने तक चलेगा। इस अभ्यास के हिस्से के रूप में ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और अन्य सेवाओं के साथ नौसेना के संचालन की अवधारणा को मान्य करने के लिए विध्वंसकों, युद्धपोतों, कार्वेट के साथ-साथ पनडुब्बियों और विमानों सहित भारतीय नौसेना की सतह पर स्थित सभी लड़ाकू इकाइयों को जटिल समुद्री परिचालन तैनाती से गुजारा जाता है। यह अभ्यास हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए बंदरगाह और समुद्र के विभिन्न चरणों में होगा।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में कार्यक्षेत्र और जटिलता में वृद्धि होने के बाद यह अभ्यास बहु-खतरे वाले वातावरण में काम करने के लिए भारतीय नौसेना के संयुक्त बेड़े के लड़ाकू तैयारी का परीक्षण करने का मौका देगा। यह समुद्री अभ्यास भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और तटरक्षक बल के साथ संचालन स्तर के आदान-प्रदान की सुविधा देगा, जिससे जटिल वातावरण में संयुक्त अभियान को और मजबूती मिलेगी।

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– पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ रखी गई
– येलहंका वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा एयरो शो

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। एशिया की सबसे बड़ी हथियारों की प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया’ के लिए अब तक हुईं तैयारियों की समीक्षा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में शीर्ष समिति की बैठक के दौरान की। बैठक में रक्षा मंत्री को एयरो शो के 14वें संस्करण के इंतजामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कर्नाटक के येलहंका वायु सेना स्टेशन में 13-17 फरवरी के बीच होने वाले ‘एयरो इंडिया’ के लिए राजनाथ सिंह ने सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरो इंडिया-2023 केवल एक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि इसमें रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र की बढ़ती ताकत और एक मजबूत व आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ के उदय का प्रदर्शन भी होगा। इस पांच दिवसीय प्रदर्शनी की थीम ‘द रनवे टू ए बिलियन अपॉर्चुनिटीज’ है। कर्नाटक के येलहंका स्थित वायु सेना स्टेशन के लगभग 35 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में यह अब तक का सबसे बड़ा एयरो शो होगा।

इस रक्षा प्रदर्शनी में हिस्सा लेने के लिए अब तक 731 प्रदर्शकों ने पंजीकरण कराया है। इसके प्रमुख आयोजनों में ‘रक्षा में संवर्द्धित जुड़ाव के माध्यम से साझी समृद्धि’ विषयवस्तु के साथ रक्षा मंत्रियों का सम्मेलन और एक सीईओ गोलमेज बैठक शामिल हैं। इसके अलावा मंथन स्टार्ट-अप कार्यक्रम और बंधन समारोह के दौरान समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पांचों दिन शानदार एयरशो का प्रदर्शन इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा। इन समारोहों को स्वदेशी हथियारों और उपकरणों के जरिये रक्षा निर्यात बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए फोकस किया गया है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि भारतीय रक्षा उद्योग परिवर्तनकारी दौर से गुजर रहा है और निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी उस बदलाव का सबसे बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि न केवल निजी क्षेत्र, बल्कि अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और शिक्षाविद् भी सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। एयरो इंडिया सभी हितधारकों को संयुक्त रूप से रक्षा व एयरोस्पेस क्षेत्र को मजबूत करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए एक मंच प्रदान करने का माध्यम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एयरो इंडिया का उद्देश्य अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना भी है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम कर्नाटक को विमानन और एयरोस्पेस उद्योग के लिहाज से बढ़ावा देगा। रक्षा मंत्री ने कर्नाटक को देश के आर्थिक विकास में योगदान देने वाले अग्रणी राज्यों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य अपनी कुशल जनशक्ति और मजबूत रक्षा निर्माण इकोसिस्टम के लिए जाना जाता है। यह घरेलू और बहुराष्ट्रीय रक्षा व विमानन कंपनियों के लिए विनिर्माण और अनुसंधान व विकास गतिविधियों के लिए एक पसंदीदा केंद्र है।

बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इसमें सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और रक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आज नई दिल्ली पहुंचे। अपने दूसरे राजकीय दौरे पर आ रहे राष्ट्रपति सीसी 74वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भी होंगे। वे कल प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उनके आगमन पर ट्वीट कर कहा कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी अपनी तीसरी भारत यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। विदेश राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा लंबे समय से चली आ रही दोनों देशों की दोस्ती को और मजबूत करेगी।

विदेश मंत्रालय के अनुसार कल सुबह पहले राष्ट्रपति सीसी का राष्ट्रपति भवन में आधिकारिक स्वागत किया जाएगा। यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर उनसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

दोपहर में राष्ट्रपति सीसी हैदराबाद हाउस में आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे। इस दौरान समझौते साझा किए जाएंगे और प्रेस वक्तव्य होगा। शाम को वे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। गुरुवार को मेहमान नेता गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उसी शाम उनके सम्मान में एक राजकीय भोज की मेजबानी करेंगी। शाम को उपराष्ट्रपति का मेहमान नेता से मिलने का कार्यक्रम है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रपति सीसी के साथ पांच मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों सहित एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा। गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र की सेना का एक सैन्य दल भी भाग लेगा। राष्ट्रपति एक व्यावसायिक कार्यक्रम में भारतीय व्यापार समुदाय के साथ बातचीत भी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे है। यह पहली बार है कि मिस्र के राष्ट्रपति को हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। 2022-23 में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को भी ‘अतिथि देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है।A valid URL was not provided.

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–विहिप की बैठक में संतों ने हिन्दू धर्म व संस्कृति के संरक्षण संवर्धन पर रखे विचार

प्रयागराज, 24 जनवरी (एजेंसी )। विश्व हिंदू परिषद, माघ मेला शिविर में आज मार्गदर्शक मंडल की बैठक हुई, जिसमें अनेक संतों ने हिंदू धर्म व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित विचार रखे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन से ही हिंदू समाज आज पूरी दुनिया में हिन्दू संस्कृति एवं हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा सर्वोच्च है। संत लगातार हिन्दू समाज को संगठित और संस्कार युक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

चंपत राय ने आगे कहा कि आज हिन्दू समाज के ऊपर अनेक प्रकार से आक्रमण हो रहे हैं जो कहीं अशांति की ओर ले जाने का प्रयास है। हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा न ली जाए, हिन्दू समाज अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देना जानता है।

उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन इन्हीं संतों के मार्गदर्शन पर हुआ। नवीन पीढ़ी भी अपने धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए बाल्यकाल से ही रुचिकर वातावरण में उसको संस्कार और हिन्दुत्व का ज्ञान होता रहे, इसके लिए संगठन की ओर से अनेक प्रयास चल रहे हैं। यह वही पुण्यभूमि है जहां पर लिया गया संकल्प पूर्ण होता है।

मार्गदर्शक मंडल की अध्यक्षता कर रहे जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य ने कहा कि हिन्दू समाज के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बननी चाहिए। जिसका मार्गदर्शन सामाजिक राजनीतिक धार्मिक स्तर पर हिन्दू समाज मजबूत हो। सभी जाति, मत, पंथ संप्रदाय की एकता ही हिन्दू समाज की एकता है। हिन्दू समाज स्वयं आगे आकर धर्मांतरण का विरोध करे, गौ हत्या बंद हो इसके लिए संतों को आगे आना चाहिए। पूरी दुनिया में शांति के लिए इस राष्ट्र की पहचान है, जो हिंदू धर्म के कारण है। हमारा धर्म और संस्कृति संरक्षित और संवर्धित हो, हमें इसके लिए प्रयास करना चाहिए।

डॉ राम कमल दास वेदांती ने कहा समान नागरिक आचार संहिता ही हिन्दू समाज के ऊपर हो रहे हमले को रोकने में एक मजबूत कदम होगा। हमारी सरकारों को चाहिए किस देश में एक निशान एक विधान होना चाहिए। जिससे समाज में संतुलन बना रहेगा। ऐसा प्रयास हम सबको करना चाहिए। वैदेही वल्लभा देवाचार्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी वनवासी क्षेत्रों में हम संतो को निकलकर प्रवास करना चाहिए। जो हिंदू संस्कृति और धर्म की मुख्य धारा से हटे हैं, उसे मुख्यधारा में लाने का कार्य हम संतो को करना है। जब जब हिंदू धर्म और इस राष्ट्र पर किसी प्रकार का आक्रमण हुआ है तो संत ही आगे आए हैं।

संतोष दास सतुआ बाबा ने कहा कि लगातार हमारे जनजाति समाज के ऊपर हमले हो रहे हैं, हिन्दू समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हमें जाति के नाम पर बांटने का बहुत बड़ा खेल ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जा रहा है। हमारे असहाय निरीह बंधुओं को लोग लालच देकर धर्मांतरण का खेल चलाया जा रहा है। इसलिए हम संत समाज से यह आग्रह करते हैं कि वह निकलकर इस घिनौने कुचक्र को समझाएं और सामाजिक समरसता की अनेक कार्यक्रम संतों द्वारा आयोजित किए जाएं।

कृष्ण आचार्य ने कहा कि आज हिंदू समाज में बाल संस्कार के लिए विहिप ने जो योजना बनाई है उस पर संत समाज पूरा सहयोग करेगा और हिंदू हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों बुराइयों को समाप्त करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल करेगा।

डॉ नरसिंह दास ने कहा हम आगे आने वाली पीढ़ियों में केवल अपने संस्कृति का ज्ञान और महापुरुषों का इतिहास का ज्ञान करवाते रहें। हिंदू समाज की रक्षा के लिए हमें जीवन को लगा देना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद का कार्य ईश्वरीय है इसलिए इस पुण्य भूमि पर हम लोग एकत्रित होकर जो संकल्प लेते हैं वह अब तक पूरा होता आया है।

बैठक में संतों के समक्ष विचारणीय विषय वैदिक सनातन जीवन मूल्य, ग्रामीण वनवासी क्षेत्रों में प्रवास, घर वापसी, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, समान नागरिक संहिता लव जिहाद और धर्मांतरण का प्रस्ताव अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जिवेश्वर मिश्र ने रखा।

संचालन अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया। इस दौरान प्रमुख रूप से स्वामी गोपालजी महाराज सच्चा आश्रम, स्वामी राम रतन दास, फुल हरि बाबा, स्वामी लाल बाबा सुदामा कुटी, अटल अखाड़ा बलराम गिरी, निरंजनी अखाड़ा हरिहरानंद सरस्वती, संतोष दास खाकी पुरुषोत्तम दास शिवपुरी अवधेश दास, रासबिहारी, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, काशी प्रांत धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख आद्या शंकर, विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष के पी सिंह उपस्थित रहे।A valid URL was not provided.

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– स्वदेशी रूप से विकसित पहिएदार बख्तरबंद प्लेटफार्म भी प्रदर्शित किया जाएगा

– डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो विकसित किया

नई दिल्ली, 24 जनवरी (एजेंसी )। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर अपनी झांकी में अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन करेगा। डीआरडीओ की झांकी का विषय ‘कम्युनिकेशन एंड न्यूट्रलाइजिंग थ्रेट्स’ रखा गया है। इस झांकी को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में अंडरवाटर सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें पनडुब्बियों के लिए यूशस-2 जैसे सोनार, जहाजों के लिए हम्सा शृंखला के सोनार और हेलीकॉप्टर लॉन्च निगरानी के लिए कम आवृत्ति वाले डंकिंग सोनार शामिल हैं।

डीआरडीओ प्रवक्ता ने बताया कि झांकी के दूसरे भाग में डी4 काउंटर ड्रोन सिस्टम को प्रदर्शित करने वाले लैंड सर्विलांस, कम्युनिकेशन और न्यूट्रलाइजिंग प्लेटफॉर्म होंगे, जो रियल टाइम सर्च, डिटेक्शन, ट्रैकिंग और लक्ष्यों को बेअसर कर सकते हैं। क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), बैटरी मल्टी फंक्शन राडार और मिसाइल लॉन्चर व्हीकल की दो इकाइयां भी झांकी में प्रदर्शित की जाएंगी। क्यूआरएसएएम वायु-रक्षा प्रणाली सामरिक युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना को मोबाइल हवाई रक्षा कवर प्रदान करती है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के दो संस्करण मैनपैक और हैंडहेल्ड भी इस झांकी का हिस्सा हैं। डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो विकसित किया है।

झांकी के तीसरे भाग में एरियल सर्विलांस एंड कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यूएंडसी) और तापस मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस को प्रदर्शित किया जा रहा है। झांकी का चौथा भाग डीआरडीओ की अनुसंधान गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करेगा, जिसमें सेमीकंडक्टर आरएंडडी सुविधा का प्रदर्शन किया गया है। इस भाग में डीआरडीओ ने सेमी-कंडक्टर, डिटेक्टर और नेक्स्ट जेन सेंसर के क्षेत्र में भविष्य की तकनीकों को भी दर्शाया है। स्वदेशी रूप से विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म भी प्रदर्शित किया जाएगा, जिसे 70 टन के ट्रेलर पर ले जाया जाता है। परेड के दौरान अर्जुन एमबीटी, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, शॉर्ट स्पैन ब्रिज और आकाश एनजी का भी प्रदर्शन होगा।

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय बालिका दिवस और सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर मंगलवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश की पहली मेड इन इंडिया सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन सर्ववैक को लॉन्च किया। महिलाओं को अपनी चपेट में लेने वाला सर्वाइकल कैंसर दूसरी सबसे घातक बीमारी है। मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने ट्वीट करके यह जानकारी दी।

भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार जल्द ही स्कूली लेवल पर वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत करेगी। इसी कड़ी में भारत में पहली बार मेड इन इंडिया सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन सर्ववैक विकसित की है, जिसको केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लॉन्च की।

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