इनरव्हील क्लब ऑफ सारण के सावन मिलन में शालिनी अग्रवाल बनी सावन क्वीन

Chhapra: इनर व्हील क्लब ऑफ सारण ने शहर के एक स्थानीय होटल में सावन मिलन समारोह का आयोजन किया। आयोजन का शुभारंभ अध्यक्ष तनुजा जायसवाल, सचिव अंजू फैशन, पूर्व अध्यक्ष अनिता राज ने दीप जलाकर किया। मौके पर सावन से जुड़े गीत संगीत में नृत्य किया। सभी महिलाओं ने एक से बढ़कर एक गीतों और और डांस की प्रस्तुति दे जमकर मस्ती की।

फिर शुरू हुई प्रतियोगिता का दौर, मेहंदी प्रतियोगिता, ड्रेस प्रतियोगिता, माचिस गेम, हाउजी। मेहंदी प्रतियोगिता में रीना गुप्ता प्रथम, संजू गोल्ड द्वितीय और मंजू गुप्ता को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ। वही सबसे लाजवाब गेम था माचिस के डब्बी में हरा रंग के सामानों को ज्यादा से ज्यादा भरना, जिसमे शालिनी अग्रवाल ने बाजी मार ली एक माचिस की डब्बी में 68 वस्तुओं को समाहित कर सबको चौका दिया। वही सबसे सुंदर ड्रेस प्रतियोगिता में भी शालिनी अग्रवाल ही बाजी मार सावन सुंदरी का खिताब जीत लिया, हरी सब्जियों, हरे फूल पत्तियों से अपने आप को सजा ये संदेश भी दिया कि प्राकृतिक रूप से सजने संवरने की तमाम साधन प्रकृति ने दे रखा जरूरत सिर्फ उसे तरीके से इस्तेमाल करने की है।

डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर अंकिता जायसवाल, द्वितीय पिंकी गुप्ता और तृतीय स्थान पर शालिनी अग्रवाल चुनी गई। इस अवसर पर हाउजी का खेल भी खेला गया जिसमे फूल हाउजी का पुरस्कार प्राची अग्रवाल ने जीता।

अंत मे सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार अध्यक्ष तनूजा जायसवाल, सचिव अंजू फैशन ने दिया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व अध्यक्ष अनिता राज ने किया। इस अवसर पर अन्नू जायसवाल, सीमा देवी, शिल्पी कुमारी विनीता अग्रवाल एवं अन्य सदस्य मौजूद थी।इसकी जानकारी मीडिया प्रभारी रूपा राज ने दी।

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रोटरी क्लब छपरा द्वारा सावन मिलन समारोह का किया गया आयोजन

Chhapra: रोटरी क्लब छपरा द्वारा रोटेरियन डॉ बीके सिन्हा के आवास पर सावन मिलन समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में सावन के गीतों पर लोगों ने जमकर मस्ती की साथ ही कई मनोरंजक खेलों का अयोजन किया जिसमे सदस्यों ने भाग लिया.

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रोटेरियन डॉ एचके वर्मा और डॉ मृदुल शरण ने किया. इस मौके पर रोटरी क्लब छपरा के सचिव अमरेंद्र कुमार सिंह अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि क्लब के सदस्य हर एक परिस्थिति में मानवता की सेवा करते हैं लेकिन समय-समय पर मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.

जिससे क्लब के सदस्यों को एक दूसरे से जुड़ने का मौका मिलता है और नई ऊर्जा के साथ कार्य करते हैं.

वहीं क्लब के अध्यक्ष इंजीनियर अमरेश मिश्रा ने क्लब के सदस्यों को आगामी कार्यक्रमों के बारे में बताया और कहा कि रोटरी ब्लड बैंक क्लब का अगला सबसे बड़ा लक्ष्य है जिसे मिलकर पूरा करना है.

इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसमें सफल होने वाले सदस्यों को पुरस्कृत भी किया गया.

इन कार्यक्रमों में बुद्धिमान बबुआ में 1. स्वर्णा सिंह 2. माही सिंह 3.दीपाली 4. नमिता 5. अनमोल सिंह द्वितीय 1. रीयांश तृतीय 1. पीहू प्रियदर्शनी 2.रितिक पुरस्कृत हुए.

बीबी नम्बर वन मे 1. आशा शरण प्रथम 2. उषा वर्मा द्वितीय 3. प्रियदर्शनी किशोर और रुचि सिंह तीसरे स्थान पर रही।

मस्त मौला में संतोष गुप्ता, प्रथम 2.करुणा सिन्हा, द्वितीय और अभिषेक हर्षवर्धन को तीसरा स्थान मिला. बेस्ट कपल अवार्ड के लिए रोटेरियन संजीव कुमार और राखी को पुरस्कृत किया जबकि सदाबहार कपल के लिए रोटेरियन सत्येंद्र कुमार श्रीवास्तव और किरण सहाय को सावन किंग के लिए रो. रंजीत आर्या और सावन क्वीन कंचन सोनी को पुरस्कृत किया गया.

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से निशिकांत तिवारी, कुमार सौरभ, नवनीत कुमार, हिमांशु किशोर, पुनितेश्वर, चंद्रकांत सिंह, शहीद कई जर्मन लोगों उपस्थित रहे.

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बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान हमेशा किसी न किसी वजह से चर्चा में रहते हैं। फिलहाल सलमान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो एक पार्टी के दौरान का है। इस पार्टी के दौरान सलमान का नया लुक देखकर हर कोई हैरान है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सलमान खान अपनी कार से उतरते नजर आ रहे हैं। सलमान एक पार्टी में शामिल होने पहुंचे थे। इस बीच सलमान का नया लुक देखकर हर कोई हैरान है। ऐसा प्रतीत होता है कि सलमान ने अपने पूरे सिर के बाल हटा दिए हैं। सलमान का ये बाल्ड लुक इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है।

सलमान के इस लुक पर फैंस तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। संभावना है कि सलमान ने यह लुक फिल्म ‘तेरे नाम-2’ के लिए किया है। हालांकि, सलमान ने अभी तक अपने नए लुक पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस वायरल वीडियो पर फैंस ने खूब कमेंट किए हैं।

सलमान के वर्कफ्रंट की बात करें, तो उनकी ‘टाइगर-3’ जल्द ही पर्दे पर आएगी। सलमान फिलहाल इस फिल्म की रिलीज की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ‘टाइगर-3’ के अलावा सलमान ‘प्रेम की शादी’ नाम की फिल्म में भी नजर आने वाले हैं। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

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Chhapra: रोट्रैक्ट क्लब ऑफ सारण सिटी ने फिल्म गदर 2 के चैरिटी शो का आयोजन रविवार को शहर के पंकज सिनेमा हाल में किया। इस दौरान लगभग 200 लोगों ने फिल्म को देखा। क्लब के अध्यक्ष महताब आलम ने बताया कि इस चैरिटी शो का आयोजन नेत्र दान और जरुरतमन्द बच्चों की शिक्षा को लेकर किया गया था।  

इस चैरिटी शो में आम लोगों ने साथ छपरा के विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने भी फिल्म देखी। सभी ने फिल्म की सराहना करते हुए आयोजकों को उनके पहल के लिए साधुवाद दिया।  

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अनिल शर्मा निर्देशित ‘गदर 2’ तीन सौ करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है। फिल्म ने रिलीज के दूसरे शुक्रवार को घरेलू बॉक्स ऑफिस पर करीब 20 करोड़ का कलेक्शन किया है। 11 अगस्त को सनी देओल की फिल्म ‘गदर 2’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई, जिसका मुकाबला अक्षय कुमार की ‘ओएमजी 2’ से है। लेकिन ‘गदर 2’ बाकी फिल्मों को पछाड़ कर बॉक्स ऑफिस पर राज कर रही है।

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”सैक्निल्क” की रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने आठवें दिन भारत में कुल 19.50 करोड़ का बिजनेस किया है। पहले हफ्ते में ”गदर 2” ने 284.63 करोड़ का कलेक्शन किया था। आठवें दिन के कलेक्शन के बाद फिल्म का कुल आंकड़ा 304.13 करोड़ पहुंच गया है। फिल्म ने पहले दिन 40.1 करोड़ की कमाई की। दूसरे दिन फिल्म ने 43.08 करोड़ का कलेक्शन किया। तीसरे दिन फिल्म ने 51.7 करोड़ की कमाई की। इसके बाद चौथे दिन ”गदर 2” ने 38 करोड़ की कमाई की। 15 अगस्त को फिल्म ने सबसे ज्यादा 55.4 करोड़ का बिजनेस किया।

”गदर 2” ने छठे दिन 32.37 करोड़ और सातवें दिन 23.28 करोड़ की कमाई की। आठवें दिन इसने 19.50 करोड़ की कमाई की। फिल्म का कुल कलेक्शन 304 करोड़ रुपये है। महज 8 दिनों में 300 करोड़ की कमाई फिल्म के लिए बड़ी बात है।

इस बीच क्या ”गदर 2” की सफलता के बाद ”गदर 3” आएगी? इसको लेकर फैंस सवाल पूछ रहे हैं। इस बारे में सनी देओल ने एक अहम अपडेट दिया है। एयरपोर्ट पर जब सनी से पूछा गया कि क्या फिल्म ”गदर 3” रिलीज होगी तो उन्होंने कहा, ”हां, जरूर होगी।”

ब्लॉकबस्टर फिल्म ”गदर 2” में सनी देओल और अमीषा पटेल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। ”गदर 2” बाइस साल पहले रिलीज हुई ”गदर एक प्रेम कथा” का सीक्वल है। करीब दो दशक बाद आई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है।

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दोस्त बनने की कोशिश कीजिए बाप बनने की नही…, निंदा उसी की होती है जो ज़िंदा होते है मरने के बाद तो तारीफ ही होती है…, ये ऐसे कुछ Dialogue हैं जो समाज में दबी एक कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। OMG 2 अपने सजह Content की वजह से हमेशा याद की जाएगी। रख विस्वास तू है शिव का दास और रख विश्वास तू है शिव के पास, महाकाल के भक्तों के लिए संजीवनी का काम करेगी।

Special Mention :

धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के आसपास घूमती फ़िल्म उस विषय पर बात करती है, जिसपे हमारा समाज बोलने से कतराता है। Sex Education, जिसे पर्दे के अंदर रखा गया, फ़िल्म की कहानी इस विषय को लेकर काफी गंभीर दिखती है और खुल कर बात करती है। Masturbation जैसे विषय पर जहां समाज – स्कूल, घर – परिवार, आस – पड़ोस, में खुल कर बातें नहीं होतीं, वही फ़िल्म इन बातों को बहुत ही सरलता के साथ रखने में कामयाब रही है। पंकज त्रिपाठी के किरदार को अच्छा लिखा गया है। अक्षय कुमार का किरदार बहुत छोटा है लेकिन महत्वपूर्ण है। यामी गौतम एक वकील के किरदार में रमणीक लगतीं हैं। हालांकि उनकी खूबसूरती को निहारें या उनकी अदा को देखें ? ये सवाल विश्वव्यापी है। अमित राय का लेखन और निर्देशन दोनों तारीफ के काबिल है। समाज के महत्वपूर्ण और भावसंयमी विषय को हास्य और व्यंग्यात्मक रूप से दर्शकों तक पहुचाने में निर्देशक कामयाब दिखते है। महादेव का अपने भक्तों पर अथाह प्यार, शिव के डमरू की गूंज और बढ़िया संगीत से सजी है फ़िल्म OMG 2.

Story :

फ़िल्म की कहानी शुरू होती है विवेक (आयुष वर्मा) से जो कि एक इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है। विवेक, कांति शाह मृदुल का बेटा है जो उम्र के साथ होते शरीर के बदलाव से अनजान है। विवेक स्कूल में एक बुली से गुजरात है और एक दिन वो स्कूल के वाशरूम में कुछ ऐसा करता पाया जाता है जिसपे समाज में खुल कर बात करना भी अशोभनीय माना जाता है। कुछ स्कूली बच्चे विवेक की वीडियो बना कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं। उसके बाद स्कूल के निर्देशक द्वारा विवेक को स्कूल से निकाल दिया जाता है। वायरल हुआ वीडियो पूरे शहर में फैल जाता है जिससे विवेक और कांति शरण मृदुल का परिवार असहज महसूस करने लगता है। इस वजह से मृदुल परिवार शहर छोड़ कर जाने का प्लान करते है। इसी बीच अपने भक्त को परेशान देख भगवान शिव का आगमन धरती पर होता है। जिसके बाद कहानी और मजेदार रूप ले लेती है। महाकाल के दिखाए रास्ते पर चलते हुए कांति शरण न्याय के दरवाजे को खटखटाता है और कोर्ट पहुँच जाता है। जहां स्कूल पर सेक्स एजुकेशन से सम्बंधित तमाम चीजों की पढ़ाई नहीं करवाये जाना का आरोप लगाता है। क्या कोर्ट से कांति शरण को इंसाफ मिल पायेगा ? क्या विवेक दुबारा स्कूल जाता है ? महादेव किस तरह से अपने भक्तों की मदद करते हैं ? इन सबका जवाब आपको फ़िल्म के आखिर तक मिलता है।

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Actor Performance :

कांति शाह मृदुल के किरदार में पंकज त्रिपाठी ने बहुत ही शानदार काम किया है। अपने चेहरे के हाव भाव और आंखों की अदाकारी से पंकज त्रिपाठी दर्शकों के दिल तक पहुंचने में कामयाब रहते हैं। इंदुमती के किरदार में गीता अग्रवाल ने अपना काम बहुत सहजता से किया है। एक माँ के किरदार के साथ वो इंसाफ कर पायीं है। कई जगह ऐसे इमोशनल सिन में वो बहुत रियल लगतीं हैं। कामिनी माहेश्वरी के किरदार में यामी गौतम हमेशा की तरह परफेक्शन के साथ काम को करती नज़र आती हैं। कई बार उनकी खूबसूरती उनके काम पर हावी हो जाती है। एक वकील के किरदार में उनकी बेहतरीन अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीता है। भगवान शिव के किरदार में अक्षय कुमार का किरदार छोटा है लेकिन महत्वपूर्ण है। स्कूल के प्रिंसिपल के किरदार में अरुण गोविल ने अपना काम बढ़िया किया है। उनके खाते में बहुत ज्यादा फ्रेम नहीं आये हैं लेकिन उनकी उपस्थिति दर्शकों को अपने तरफ आकर्षित जरूर करती है। जज के किरदार में पवन मल्होत्रा का काम सराहनीय है। उनके Dialogue और चेहरे का भाव दर्शक को हँसने पर मजबूर करते हैं। एक डॉक्टर के किरदार में बृजेन्द्र काला ने अपना काम बखूबी निभाया है। एक सीन में फिल्माया गया उनके और कांति शरण के बीच संवाद दर्शक को काफी पसंद आता है। गोविंद नामदेव, हेमंत चौधरी जैसे कई और कलाकार हैं जिन्होंने अपना काम बढ़िया किया है।

Direction

Amit Rai ने इस फ़िल्म के निर्देशक है। अनुभव के तरफ अगर नज़र दौड़ाये तो अमित के खाते में महज तीन फिल्में देखने को मिलती है। पहली ‘तिंगया’ जो कि एक मराठी फिल्म थी, दूसरी ‘रोड तो संगम’ और तीसरी OMG2. एक निर्देशक के तौर पर अमित का काम इस फ़िल्म में ठीक ठाक जैसा है। फ़िल्म कई बार बहुत धीमी लगती है। कई सिन बेफालतू के जोड़ो गए हैं, जिसपे निर्देशक को खासा ध्यान रखना चाहिए था। इन सब के विपरीत एक ऐसे विषय को चुनना जिसपे समाज में कम बाते होती है, वहाँ बड़ी ही सरलता के साथ दर्शकों तक कहानी को पहुचाने में निर्देशक कामयाब दिखते हैं। इसके लिए निर्देशक अमित राय को सैलूट करना बनता है।

क्यों देखें ये फ़िल्म ?

OMG 2 एक जरुरी फ़िल्म है जिसे समाज के हर वर्ग को देखना चाहिए। Gadar 2 नहीं भी देखा तो चल जाएगा लेकिन OMG 2 आपको सोचने की नई दिशा देगा, विचारों को नया परिप्रेक्ष्य मिलेगा, ग़लत धरणा को बदलने की ताकत देगा। ख़ुद को बदलने की ताकत अगर आपके अंदर है तो ये फ़िल्म आपके लिए है।

One Word Review : Excellent

Review by : Abhinandan Dwivedi (Former RJ)

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आशा भोसले को भारत के ‘शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति ने उन्हें स्मृति चिन्ह दिया और एक गाने की फरमाइश की भी रखी। इस पर आशा भोंसले ने 89 साल की उम्र में फिल्म ‘लगान’ का गाना ‘…राधा कैसे ना जले’ गाया।

राष्ट्रपति ने जब उनसे अपनी पसंद का गाना गाने का अनुरोध किया तो आशा भोसले ने 70 के दशक का गाना ‘चुरा लिया है तुमने जो दिल को’ गाया। यह गाना फिल्म यादों की बारात (1973) का था। यह गाना न सिर्फ जबरदस्त हिट हुआ, बल्कि आशा भोसले की लोकप्रियता को नई ऊंचाइयों पर ले गया। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने कुछ शब्दों का आदान-प्रदान किया।

राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि नारी शक्ति के योगदान से भारत विकसित देशों की कतार में शामिल हो जाएगा। मेरा मानना है कि ‘अमृत काल’ में भारत ‘नारी शक्ति’ के योगदान से विकसित देशों में अपनी जगह बना सकेगा। राष्ट्रपति ने कहा, “महिला शक्ति के बिना एक स्वस्थ, मजबूत और विकसित समाज की कल्पना करना असंभव है, महिलाओं के योगदान और उपलब्धियों का जश्न मनाने के उद्देश्य से इस पहल में भाग लेकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

आशा भोंसले ने 1940 के दशक के अंत में अपनी संगीत यात्रा शुरू की। उन्होंने चुपके-चुपके मस्त निगाहें, बादल घिर आए, रिमज़िम पानी बरसे और कहदूं तुम्हें (दीवार), ये वादा रहा (ये वादा रहा) जैसे गाने गाए।

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‘गदर-2’ और ‘ओएमजी-2’ के 11 अगस्त को रिलीज होने के बाद सभी का ध्यान इस बात पर था कि कौन सी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बाजी मारेगी। पहले दिन के कलेक्शन के आंकड़ों पर नजर डालें तो ‘गदर-2’ चार्ट में टॉप पर रही, जबकि ‘ओएमजी-2’ ने बहुत कम कमाई की। अब दोनों फिल्मों के दूसरे दिन के आंकड़े सामने आ गए हैं।

‘गदर-2’ का दूसरे दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
सनी देओल, अमीषा पटेल और उत्कर्ष शर्मा स्टारर इस फिल्म ने पहले दिन 40 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। इस फिल्म ने दूसरे दिन करीब 45 करोड़ की कमाई की। फिल्म ने दो दिनों में घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 85 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। उम्मीद है कि फिल्म पांच दिन के वीकेंड में करीब 175 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी।

‘ओएमजी-2’ का दूसरे दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म ने पहले दिन लगभग 10 करोड़ का कलेक्शन किया। सैक्निल्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म का दूसरे दिन का कलेक्शन 15.30 करोड़ है। कुल मिलाकर फिल्म ने दो दिनों में 25.30 करोड़ की कमाई कर ली है। फिल्म को बड़े वीकेंड का भी फायदा मिलने की संभावना है।

‘गदर-2’ और ‘ओएमजी-2’ अपने पिछली फिल्मों की अगली कड़ी हैं। फिल्म“गदर एक प्रेम कथा’ 22 साल पहले रिलीज हुई थी, तो ‘ओएमजी’ 2012 में रिलीज़ हुई थी। फिलहाल इन दोनों फिल्मों के सीक्वल का जादू बॉक्स ऑफिस पर चल रहा है।

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तुस्सी तारा सिंह को जानते नहीं…, दुश्मनों से पूछो तारा सिंह कौन है…, अपनी माँ के आंख में आंसू देखता हूं तो मन करता है संसार में आग लगा दूं…, कटोरा ले कर घूमोगे… भीख भी नहीं मिलेगी…, ऐसे कई जोरदार Dialogue, शक्तिमान तलवार की रोमांचित कर देने वाली कहानी, Anil Sharma का चित्ताकर्षक निर्देशन, शानदार Screenplay, तारा सिंह का ख़तरनाक एक्शन अवतार, Ameesha Patel की खूबसूरती, उत्कर्ष शर्मा का बढ़िया Screen Presence, मनीष वाधवा का ख़ौफ़नाक विलेन अवतार, बवाल Background Score, सिट्टी मार एक्शन, बंदूकों की आवाज़, बम – बारूद का खेल, हिंदुस्तान – पाकिस्तान के बीच मतभेद, हिंदुस्तान ज़िंदाबाद की गूंज, गीता – कुरान की पवित्रता, लाहौर की वादियां, हिंदुस्तानी की खूबसूरती, नजीब खान की मनोहर कैमरा वर्क, Udit Narayan की Melodius आवाज़, संगीतकार मिथुन की मनमोहक धुन और अंत में मानवतापूर्ण संदेश से सजी है फ़िल्म Gadar 2.

 

Special Mention :

 

एक Mass Entertainer Film, जो कुछ सालों से हिंदी सिनेमा से ग़ायब थी। Film देख कर Audience पागल है। दर्शक सिट्टी मार रही है, ताली बजा रही है, शर्ट खोल कर हवा में लहरा रही है। ऐसा नज़ारा सदियों में एक बार ही किसी फिल्म के लिए देखने मिलता है। फ़िल्म में हर वो स्वाद है जो आपने इससे पहले Gadar में देखा था। फर्क बस इतना सा है कि तब तारा सिंह ने Handpump उखाड़ा था और इस बार बिजली का पोल ही उखाड़ दिया है। तारा सिंह फ़िल्म की जान हैं, जितना बार भी पर्दे पर आते है दर्शक अपना जोश खो देते हैं और हिंदुस्तान ज़िंदाबाद हॉल में गूंज उठता हैं। फ़िल्म के Elements बवाल हैं… सिनेमा हॉल में नहीं देखना एक भूल होगी। Anil Sharma ने जो एक Atmosphere, एक Panorama Create किया है उसका मज़ा 70 mm के पर्दे पर ही आएगा।

 

Story Screenplay & Dialogue : 

 

फ़िल्म की कहानी को लिखा है शक्तिमान तलवार ने और ये मानना पड़ेगा कि कहानी दर्शकों को बांधे रखती है। कहानी में वो दम है जो एक मसाला फ़िल्म में होना चाहिए। कहानी शुरू होती है 1947 के बंटवारे से जहां देश में मातम से माहौल के बीच लोग अपने शरण की तलाश में भटक रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान में मेजर जनरल हामिद इक़बाल के किरदार में मनीष वाधवा एक भारतिय के सामने गीता और कुरान में से एक चुनने को कहते हैं। भारतीय व्यक्ति द्वारा गीता चुनने पर मेजर जनरल अपनी क्रूरता दिखाते हुए उसका सर कलम कर देते हैं। दूसरी तरफ तारा सिंह, सकीना अपने बेटे जीते के साथ खुशी से ज़िंदगी बसर कर रहे होते है। समय बीतता है और अचानक बॉर्डर पर हालात जब बिगड़ने लगते हैं तब लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र रावत मदद के लिए तारा सिंह को बुलाते हैं और तारा सिंह को सेना की मदद के लिए बॉर्डर पर भेज देते हैं। तारा सिंह अपने ज़ाबाज़ी से भारतिय सेना की मदद करते हुए पाकिस्तानी सिमा के नजदीक चले जाते हैं और भारतीय सेना के लाख कोशिशों के बावजूद भी नहीं मिल पाते। ये ख़बर सुन कर सकीना की हालत ख़राब हो जाती है। अपनी माँ को परेशान देख कर बेटा जीते पाकिस्तान जा कर वहाँ अपने पिता तारा सिंह को ढूंढने निकल जाता है। नकली पासपोर्ट बना कर वो पाकिस्तान में घुस तो जाता है लेकिन कोई पकड़ ना ले इसका डर उसे हमेशा बना रहता है। तारा सिंह को खोजने के लिए वो एक मुस्लिम परिवार में काम करने लगता है जहां उसकी मुलाकात मुस्कान (सिमरत कौर) से होती है। वक्त के साथ दोनो में प्यार हो जाता है और मुस्कान को जीते का सच पता चल जाता है, इसके बावजूद भी वो जीते की मदद करती है। एक रात तारा सिंह को ढूंढने जीते चोरी छिपे जेल के अंदर गुस तो जाता है लेकिन उसके बाद क्या होता है, इसका जवाब आपको सिनेमा हॉल के अंदर मिलेगा। तारा सिंह अचानक सेना की मदद करते कहा ग़ायब हो जाते हैं ? क्या जीते तारा सिंह को बचाया पाएगा ? क्या जीते पाकिस्तान से वापस भारत आ पाता है ? क्या तारा सिंह पाकिस्तान में है ? ऐसे कई सवालों का जवाब आपको फ़िल्म खत्म होते मिलता है।

 

फ़िल्म का Screenplay उतना ही शानदार है जितना फ़िल्म की कहानी। शुरू में ऐसा लगता है कि फ़िल्म को लम्बा खिंचा जा रहा है लेकिन धीरे धीरे कहानी अपनी रफ्तार पकड़ लेती है। कुछ sceen को काटने की गुंजाइश लगती है लेकिन दर्शक कहानी में इस कदर खो जाते हैं कि उसकी जरूरत नहीं लगती।

 

फ़िल्म में Dialogue जोरदार हैं। Gadar के पहले क़िस्त ने भी दर्शकों के बीच सनी देओल के फौलादी जिगर और आवाज़ के साथ Dialogue को जोरदार तरीके से पेश किया था। इस बार भी फ़िल्म ऐसा करने में कामयाब दिखती है। तारा सिंह की भारी – भरकम आवाज़ में हर एक Dialogue भौकाल जैसे लगते हैं और दर्शकों को ताली और सिट्टी बजाने पर मजबूर करते हैं। उत्कर्ष शर्मा के जिम्मे भी कुछ Dialogue हैं जिसे उन्होंने ने भी अच्छे अंदाज़ में पेश किया है।

 

Actor Performance :

 

फ़िल्म की आन – बान – शान और जान तारा सिंह का के किरदार पर शायद कुछ कहना ठीक नहीं होगा। 20 साल पहले जिस किरदार को देख दर्शक पागल हो गयी थी आज फिर उसे दोहरा पाना एक चुनौती वाला काम था जिसे सनी पाजी से बहुत ही आले दर्जे से निभाया है। उनका चलना, उनका हँसना, उनकी आवाज़, उनका एक्शन हर चीज मानो जैसे उनके लिए ही बना हो। सनी पाजी के किरदार पर निर्देशक ने बढ़िया मेहनत किया है। सकीना के किरदार में अमीषा पटेल तब में और अब में फर्क नज़र आता है। वो नूर, वो खूबसूरत, वो एक्टिंग कहि ग़ायब दिखी। जीते के किरदार में उत्कर्ष शर्मा ने शानदार काम किया है। एक्टर वो अच्छे हैं इसके कोई शक नहीं है। बशर्ते कि उनसे अच्छे से काम लिया जाए। एक्शन सिन करते उत्कर्ष बहुत एनर्जेटिक दिखते है। हालांकि उनकी पिछली और पहली फ़िल्म ‘जिनिस’ (निर्देशक – अनिल शर्मा) बॉक्स आफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी। मुस्कान के किरदार में सिमरत कौर खूबसूरत दिखती हैं। उत्कर्ष शर्मा के साथ उनके जितने भी सिन फिल्माए गए हैं वो काफी खूबसूरत दिखते हैं। Dialogue के संदर्भ में सिमरत कौर के पास करने कोई कुछ ज्यादा नहीं था लेकिन वो अपने किरदार के साथ इंसाफ़ करने में सफल साबित हुईं हैं। मेजर जनरल हामिद इक़बाल के किरदार में मनीष वाधवा ने अपना काम खतरनाक किया है। एक नेगेटिव किरदार के लिए जो मूलभूत जरूरत होती है उसे वो दर्शकों तक पहुचाने में सफल हुए हैं। हालांकि अमरेश पूरी की कमी हर दर्शक को खली है। बाकी और भी बहुतेरों किरदार हैं जिन्होंने अपना काम बख़ूबी किया है।

 

Music & Background Score : 

 

फ़िल्म में संगीत मिथुन का है। एक सुलझे हुए संगीतकार के रूप में मिथुन की पहचान रही है। आशिक़ी 2, हाफ गर्लफ्रैंड, हेट स्टोरी 2, एक विलेन, कबीर सिंह, राधे श्याम जैसी फिल्मों में हिट गाने के पीछे मिथुन का धुन रहा है। एक बार फिर गदर में मिथुन ने अपने जबरदस्त संगीत से लोगों का दिल जीत है। गायक की बात करें तो तब की आवाज़ और अब की आवाज़ में अगर कुछ नहीं बदला है तो वो है उदित नारायण की Melody. फ़िल्म की शुरुआत में ही उदित नारायण की आवाज़ में दो गाने आपको मदहोश कर देगा। उदित नारायण की आवाज़ आपको फ़िल्म से भवनात्मक रूप से जोड़ देती है। फ़िल्म में Background Score Monty Sharma का है। एक एक्शन फिल्म में जिस टोन का म्यूजिक दर्शक को कहानी से जोड़े रखता है उसकी कमी को Monty Sharma ने पूरा किया है। इसके पहले Monty ने अनिल शर्मा की ही पिछली फिल्म ‘जिनिस’ में Background Score दिया है। वहां भी Monty के काम की तारीफ हुई थी। हालांकि फिल्म बॉक्स आफिस पर कामयाब नहीं हो पाई थी।

 

Direction & Technical Aspects

अनिल शर्मा का निर्देशन हिंदी सिनेमा के लिए एक लकीर रही है। उनकी हर फिल्म ने हिंदी सिनेमा को यादगार लम्हा दिया है। वीर, अपने, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों, गदर, द हीरो, महाराजा, सिंह साहब द ग्रेट, हुकूमत जिसे कई सुपरहिट फिल्मों के निर्देशन में अनिल शर्मा ने अपना लोहा मनवाया है। इस फेरिस्त में गदर 2 भी अब शामिल होने जा रही है। एक्शन फिल्म का हर एक स्वाद इस फ़िल्म में अनिल शर्मा ने डाला है। अनिल शर्मा के डायरेक्शन स्टाइल का हर कोई दीवाना है। कहानी का सोल ज़िंदा रखते हुए जिस तरह से वो कहानी के अंदर जाते हैं और फिर स्टोरी को फोल्ड करते है ये सबके बस की बात नहीं। एक बाद फिर अनिल शर्मा ने अपने जबरदस्त निर्देशन से दर्शकों का दिल जीता है।

 

क्यों देखें ये फ़िल्म ?

मसाला फिल्मों के शौकीन हैं, एक्शन फिल्में देखना पसंद है, Sunny Deol को सालों बाद एक्शन अवतार में देखना चाहते हैं तो ये फ़िल्म आपके लिए है।

‘Gadar 2’ One Word Review : ख़तरनाक (A Complete 90’s era Film)

 

Review by : Abhinandan Dwivedi (Former RJ)

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फ़िल्म ‘कोट’ का एक संवाद हमारे समाज के मुंह पर एक तमाचा मारता है और अब भी भेदभाव, ऊंची नीची जाति के बीच अंतर को दर्शाता है। फ़िल्म की कहानी बिहार के एक गांव के बेहद गरीब, नीची जाति के माधव की है। उसके घरवालों को गांव में शादी में तो नहीं बुलाया जाता, मगर किसी के मरने पर जो खाना खिलाया जाता है, उसमें उसके परिवार को बुलाया जाता है।

एक बार जब वह ऐसे ही एक भोज में अपनी भूख मिटा रहा था, तो उसने एक अमीर आदमी को कोट पहने देख लिया और तभी से उसके मन मस्तिष्क में यह ख्याल आने लगा कि उस बाबू साहब जैसा मुझे भी एक कोट पहनना है। माधव अपने पिता संजय मिश्रा से एक कोट के लिए बोलता है, तो मां बाप कहते हैं कि इसे किसी भूत प्रेत ने पकड़ लिया है वे उसे अंडवा बाबा के पास ले जाते हैं, जो फ़िल्म का यादगार और बेहतरीन सीन बन जाता है।

एक बार वह गांववाले से एक बात सुनता है कि एक रुपया से लाखों रुपये कमाए जा सकते हैं, बस उसके लिए दिमाग चाहिये। माधव उसी समय खुद का बिज़नस करने का फैसला करता है। वह सभी गांववासियों को एक दिन बुलाकर कहता है कि हम नीची जाति के हैं, लेकिन हमारी सोच ऊंची होनी चाहिए, हम सब मिलकर अपना बिज़नस करते हैं। लकड़ी काटकर बांस से पंखा खिलौना बनाया और बेचना शुरू किया जो एक बड़े कारोबार का रूप ले लेता है।

इस बीच माधव और साक्षी की एकतरफा प्रेम कहानी भी चलती रहती है। नसीरूद्दीन शाह की आवाज में उसके रोमांस की दास्तान कुछ यूं बयान होती है। माधव की कहानी भी हर आशिक की तरह है, जो पिछले 3 साल से लट्टू की तरह एक लड़की के पीछे नाच रहा है। इस मजनू के पास खाने के लिए पैसे नही हैं और चले हैं इश्क लड़ाने।

माधव साक्षी से एकतरफा प्यार करता है, लेकिन उसका दिल उस समय टूट जाता है जब उसकी शादी एक नौकरी वाले लड़के से हो रही होती है। वह बारात में जाकर नागिन डांस करने लगता है और कहता है कि अगर हम छोटी जाति के न होते तो आज वह मेरी होती। समाज से आज भी भेदभाव खत्म नही हो रहा है। यह बहुत ही शानदार दृश्य है, जहां विवान शाह ने अपनी अभिनय क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन किया है।

अभिनय
फ़िल्म में अभिनेता संजय मिश्रा ने लाजवाब और बेमिसाल अभिनय किया है। नए फ़िल्म मेकर्स के साथ भी वह अपनी अदाकारी के जौहर को बेहतरीन ढंग से दिखाते हैं। अभिनेता विवान शाह वास्तव में प्रशंसा और पुरुस्कार के हकदार हैं। मुम्बई जैसे मेट्रो शहर में पलने बढ़ने वाले विवान के लिए बिहार के गांव के इस चरित्र को निभाना बहुत ही चुनौतिपूर्ण था लेकिन वह पूरी तरह अपने किरदार के रंग में रंगे हुए नज़र आए। उन्होंने स्थानीय संवाद के उच्चारण में और अदायगी में अपना सौ प्रतिशत दिया है। पूजा पाण्डेय ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है।

निर्देशन
अक्षय दीत्ति का डायरेक्शन कमाल का है। उन्होंने हर सीन को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। सभी अदाकारों से जानदार एक्टिंग करवा ली है। फ़िल्म की रफ्तार बरकरार रखी है। हालांकि, संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है, मगर फिर भी फ़िल्म बेहद मनोरंजक और प्रेरणादायक रूप से बनाई गई है और यही किसी निर्देशक की जीत होती है।

बैकग्राउंड म्युज़िक, संगीत
फ़िल्म कोट का बैकग्राउंड म्युज़िक बहुत ही अच्छा है। सीन की मांग के अनुसार अद्भुत बैकग्राउंड स्कोर सजाया गया है जो दृश्यों को अधिक बेहतर बनाता है। फ़िल्म का संगीत भी ठीक है।

फ़िल्म समीक्षा- कोट
कलाकार – संजय मिश्रा, विवान शाह, पूजा पांडे, सोनल झा, हर्षित पाण्डेय, गगन गुप्ता
निर्देशक – अक्षय दीत्ति
निर्माता- कुमार अभिषेक, पन्नू सिंह, अर्पित गर्ग और शिव आर्यन
रेटिंग – 3 स्टार

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बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अभिषेक बच्चन और एक्ट्रेस सैयामी खेर अपनी फिल्म ‘घूमर’ से दर्शकों से रूबरू होने वाली हैं। इस फिल्म का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है। यह ट्रेलर एक खिलाड़ी के जुनून, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत को दर्शाता है।

फिल्म घूमर के ट्रेलर में सैयामी एक दुर्घटना में अपना एक हाथ खो देती हैं। सैयामी एक क्रिकेटर हैं। दुर्घटना के बाद एक हाथ से क्रिकेट कैसे खेलें? सैयामी का ऐसा सवाल है। इसी बीच उसकी जिंदगी में एक कोच की एंट्री होती है। ‘घूमर’ में अभिनेता अभिषेक बच्चन एक कोच की भूमिका निभाते हैं, जिनकी जिंदगी में अप्रत्याशित मोड़ आता है। वह एक खिलाड़ी को प्रशिक्षित करते हैं। खिलाड़ी का किरदार सैयामी खेर ने निभाया है।

इस फिल्म में दर्शकों को आर. बाल्की के निर्देशन का जादू देखने को मिलेगा। फिल्म ‘घूमर’ के ट्रेलर ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। फिल्म में अभिनेता अभिषेक बच्चन और एक्ट्रेस सैयामी खेर मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म में अभिनेता शिवेंद्र सिंह और इंवाका दास भी अभिनय करेंगे।

फिल्म ‘घूमर’ 18 अगस्त को होगी रिलीज़
आर. बाल्की के निर्देशित फिल्म ‘घूमर’ 18 अगस्त 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। अभिषेक बच्चन ने फिल्म ‘घूमर’ का ट्रेलर सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने इस ट्रेलर को कैप्शन दिया, ‘बाएं हाथ का खेल।’

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फिल्म ‘मसान’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले एक्टर विक्की कौशल ने एक इंटरव्यू में फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले के संघर्ष और घर में दिए गए संस्कारों के बारे में खुलकर बात की है। उन्होंने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में मेरी सफलता के बाद घर में कुछ नहीं बदला। मुझे अपने माता-पिता के व्यवहार में कभी कोई अंतर महसूस नहीं हुआ। वे मेरे साथ पहले जैसा ही व्यवहार करते हैं। मैं एक सामान्य परिवार में पला-बढ़ा हूं, अब भी मैं और मेरा भाई हमारे घर के सभी नियमों का पालन करते हैं।

विक्की कौशल ने कहा, “2012 में मैंने निर्देशक अनुराग कश्यप के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम किया। फिर उनकी फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ सुपरहिट हुई। उस समय हमारे घर पर एक सेकंड हैंड कार थी, लेकिन मुझे उस कार को अकेले इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं थी। सिर्फ मां को जब योग क्लास जाना होता था, तो उन्हें छोड़ने के लिए ही मैं कार का इस्तेमाल करता था, क्योंकि वह मेरे माता-पिता की कार थी। मेरे माता-पिता ने मुझे सिखाया कि “अपने लिए कड़ी मेहनत करो और एक कार खरीदो।” मैं काम की तलाश और अनुराग सर के कार्यालय ऑडिशन देने के लिए बस या कभी-कभी रिक्शा से जाता था। आख़िर तक माता-पिता ने अकेले कहीं भी कार ले जाने की इजाज़त नहीं दी।”

अभिनेता ने कहा, “मेरे माता-पिता ने मुझे जरूरतों और विलासिता के बीच अंतर सिखाया। मेरे जैसे ही नियम सनी (भाई) पर भी लागू होते हैं। आख़िर तक माता-पिता ने उसे अकेले कहीं भी कार ले जाने की इजाज़त नहीं दी।”

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