सारण में ठंड को लेकर आंगनवाड़ी से लेकर आठवीं तक की शैक्षणिक गतिविधि 11 जनवरी तक स्थगित
Chhapra: ठंड को लेकर सारण में आंगनवाड़ी से लेकर आठवीं तक की शैक्षणिक गतिविधि 11 जनवरी 2025 तक स्थगित, नौवीं से ऊपर की कक्षा का संचालन 10 से 3: 30 बजे तक 
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Chhapra: ठंड को लेकर सारण में आंगनवाड़ी से लेकर आठवीं तक की शैक्षणिक गतिविधि 11 जनवरी 2025 तक स्थगित, नौवीं से ऊपर की कक्षा का संचालन 10 से 3: 30 बजे तक 
Chhapra: सेवा नियमितीकरण को लेकर बिहार राज्य अतिथि प्राध्यापक संघ के सभी विश्वविद्यालय अध्यक्ष बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौपा तथा अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
विदित हो कि पिछले 6 सालों से अतिथि शिक्षक महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश में अपनी सहभागिता भी दर्ज़ कर रहे हैं।
सभापति ने हर बिन्दु पर विचार-विमर्श करते हुए आश्वासन दिया कि वह अतिथि शिक्षकों के साथ पूरी सहानुभूति रखते हैं और उनका हर संभव मदद भी करेंगे।
मौके पर जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के अध्यक्ष डॉ. हरिमोहन पिंटू, डॉ. आनंद आजाद, अविनाश भारती, डॉ. धीरज कुमार , डॉ. फिरोज आलम, डॉ. सतीश दास, डॉ. ललित किशोर आदि मौजूद थे।

Chhapra: ठंड को लेकर सारण में आंगनवाड़ी से लेकर आठवीं तक की शैक्षणिक गतिविधि 6 जनवरी से 8 जनवरी तक स्थगित रहेगी। जिलाधिकारी ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है। साथ ही इस दौरान नौवीं से ऊपर की कक्षा का संचालन 10 से 3: 30 बजे तक किया जाएगा। 
Chhapra: छपरा के प्रतिष्ठित दून सेंट्रल स्कूल के दो छात्रों ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ, देवघर की कक्षा VI (सत्र 2025-26) की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। यह परिणाम विद्यालय की उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली और छात्रों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।
31 दिसंबर 2024 को घोषित परिणामों में आयुष प्रताप सिंह (रोल नंबर: 206250158, पिता: मुकेश कुमार सिंह) और धीरज सिंह (रोल नंबर: 206250232, पिता: चंद्रशेखर सिंह) ने अपनी जगह सुनिश्चित की। इन छात्रों की सफलता ने दून सेंट्रल स्कूल की शैक्षिक परंपरा को और मजबूत किया है।
सफल छात्रों को छपरा स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में स्वामी अतिदेवानंद जी ने सम्मानित किया। स्वामी जी ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और विद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दून सेंट्रल स्कूल ने अपनी प्रतिबद्धता और मेहनत से छपरा में शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है।
इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक श्री संतोष कुमार मिश्रा, प्राचार्य श्रीकांत सिंह, प्रबंधक जय प्रकाश सिंह, और सभी शिक्षकगण उपस्थित थे। इस उपलब्धि ने छपरा में दून सेंट्रल स्कूल की प्रतिष्ठा को और ऊंचा किया है।

मेडिकल कोर्स की सीटों को खाली नहीं रखा जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मेडिकल कोर्स की सीटों को खाली नहीं रखा जा सकता है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो राज्य सरकारों और सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठक कर इस मसले पर गठित कमेटी की अनुशंसाओं पर विचार करें।
सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल, 2023 में मेडिकल कोर्सेस में सुपर स्पेशियलिटी की 1003 सीटें खाली रखने पर चिंता जताई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक तरफ सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टरों की कमी है तो दूसरी तरफ ये सीटें खाली रह गई हैं। उसके बाद केंद्र सरकार ने इस मसले पर स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने का सुझाव दिया था, जिसमें राज्यों और निजी कॉलेजों के प्रतिनिधि भी शामिल हों।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संबंधित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि कमेटी की अनुशंसाओं पर सभी पक्षों की राय ली जानी चाहिए। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र को इस संबंध में जरूरी कदम उठाने को कहा और मामले की सुनवाई अप्रैल तक के लिए टाल दी।

Chhapra: सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बुधवार को तीन आचार्यों की सेवानिवृति के उपलक्ष्य में विदाई सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। शिशु मंदिर के गणित के आचार्य सचिंद्र उपाध्याय, विद्या मंदिर के गणित के आचार्य अशोक पुरी एवं सामाजिक विज्ञान के आचार्य शैलेंद्र कुमार मिश्र का सम्मान किया गया एवं विद्यालय परिवार के द्वारा भावभीनी विदाई दी गई।
विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव सुरेश प्रसाद सिंह एवं सह सचिव अमरनाथ प्रसाद की उपस्थिति में विद्यालय के प्रधानाचार्य फणीश्वर नाथ ने अतिथियों का परिचय करवाने के साथ ही सेवानिवृत हो रहे आचार्यों की प्रशंसा करते हुए उनके कृत्यों को अनुकरणीय बताया।
विद्यालय के आचार्य बंधु – भगिनी राजेश कुमार, गीतांजलि कुमारी,नीलू कुमारी, मणि भूषण सिंहा, अन्यान्य आचार्य बंधु भगिनी ने भी अपने अनुभव एवं संस्मरणों के द्वारा तीनों महानुभावों के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की। तीनों महानुभावों ने भी अपने अनुभव के द्वारा विद्यालय को प्रशस्त एवं सशक्त बनाने के विभिन्न सुझाव दिए। इसी दौरान अशोक पुरी ने अपना स्वरचित कविता को सुना कर यह स्पष्ट कर दिया कि विद्यालय से उनका किस प्रकार का संबंध रहा। जो आचार्य बंधु भगिनी के लिए अनुकरणीय रहा।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हम आचार्यों को भैया बहनों को अपने ज्ञान रूपी अमृत से सींचने और चरित्र का खाद डालने एवं अनुशासन से उनके देखभाल करनी पड़ती है। तब जाकर देशभक्ति गुरु भक्ति एवं समाजोपयोगी नागरिक तैयार होते हैं।
सचिंद्र उपाध्याय एवं शैलेंद्र मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि विद्यालय के विकास में विद्यालय और समाज का सेतु बनाना एवं अभिभावक संपर्क अति आवश्यक है। जो आचार्य बंधु भगिनी के लिए अनुकरणीय है। सह सचिव अमरनाथ प्रसाद ने इन महानुभावों को सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन को सुलभ बनाने के लिए कोई रचनात्मक कार्य करना अनिवार्य होगा।
सचिव सुरेश प्रसाद सिंह धन्यवाद ज्ञापन देते हुए इन तीनों महानुभावों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। समारोह का संचालन राजेश पाठक के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम पर विद्यालय के मीडिया प्रभारी अनिल कुमार आजाद उपस्थित थे साथ ही विद्यालय के सभी आचार्य बंधु भगिनी उपस्थित थे।
BPSC: जिला प्रशासन के प्रस्ताव को बीपीएससी अभ्यर्थियों ने ठुकराया, मुख्यमंत्री से मिलने पर अड़े
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस परीक्षा को रद्द करने की मांग पर अड़े अभ्यर्थियों ने अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने की जिद्द पकड़ ली है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने आयोग के अधिकारियों के साथ पटना में बातचीत के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। यह प्रस्ताव जिला प्रशासन की ओर से आया था।
प्रदर्शनकारी छात्रों को जिला प्रशासन की ओर से डीएम ने पेशकश की थी। डीएम ने बताया कि हमने प्रदर्शनकारी छात्रों को बीपीएससी अधिकारियों से मिलने का प्रस्ताव दिया था ताकि वह अपनी शिकायतों को आयोग के समक्ष रख सकें लेकिन छात्रों की ओर से उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है और यह मांग उठाई है कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलना है लेकिन यह संभव नहीं है। क्योंकि, बीपीएससी एक स्वतंत्र निकाय है और इसमें सरकार की कोई दखलअंदाजी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारम्भिक परीक्षा 13 दिसम्बर को आयोजित हुई थी। परीक्षा वाले दिन पटना के एक सेंटर पर हंगामा हुआ। इस दौरान प्रश्न पत्र भी फाड़े गए। हालांकि, उस हंगामे के बीच परीक्षा आयोजित की गई थी। बाद में उस सेंटर पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया और 4 जनवरी को उसी सेंटर पर दोबारा परीक्षा कराने का फैसला लिया गया है लेकिन अब छात्रों ने पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। इसको लेकर पटना में बीपीएससी कार्यालय के बाहर उनका विरोध-प्रदर्शन भी जारी है।
छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच आयोग ने यह साफ कर दिया है कि परीक्षा को रद्द किए जाने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग का कहना है कि यह प्रदर्शन प्रायोजित है। आयोग के इस स्पष्टीकरण के बाद भी छात्र अपनी मांग पर अड़े हैं। रविवार को जन सुराज संस्था के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा बुलाई गई ‘छात्र संसद’ (छात्रों की सभा) को जिला मजिस्ट्रेट की ओर से अनुमति नहीं मिली है। जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि आगे से विरोध-प्रदर्शन में किसी भी तरह से शामिल पाए जाने वाले कोचिंग संस्थान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पटना, 27 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारम्भिक परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग के बीच बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि किसी सूरत में बीपीएससी पीटी की परीक्षा रद्द नहीं होगी। परीक्षा को रद्द करने की मांग चंद लोग कर रहे हैं जबकि बहुत सारा मेल परीक्षा रद्द नहीं किये जाने की मांग को लेकर आयोग के पास आ रहे हैं।
बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक राजेश कुमार सिंह ने इस बात की घोषणा कर दी है कि फिर से 70वीं पीटी की परीक्षा नहीं ली जाएगी। इस परीक्षा को रद्द नहीं करने को लेकर बहुत सारे मेल आ रहे हैं। आंदोलित छात्र जो आरोप लगा रहे हैं उसका सबूत उनके पास नहीं है। आंदोलन करने वाले मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आयोग अब अप्रैल में होने वाली मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटा है।
उल्लेखनीय है कि बीपीएससी पीटी परीक्षा के अभ्यर्थी बीते 9 दिनों से पटना के गर्दनीबाग धरनास्थल पर आंदोलन कर रहे हैं। उनके इस आंदोलन में साथ देने के लिए तेजस्वी यादव, पप्पू यादव, प्रशांत किशोर, रहमान सर और खान सर पहुंचे थे। सभी ने छात्रों के हित के लिए परीक्षा को रद्द करने और फिर से परीक्षा लेने की मांग आयोग से की।

Chhapra: राष्ट्रीय सेवा योजना राजेंद्र कॉलेज के तत्वावधान में वीर बाल दिवस मनाया गया। इस ऑनलाइन संगोष्ठी की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने किया।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि आज का यह दिन गुरु गोविन्द सिंह जी के दो साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के प्रति श्रद्धांजलि है जिन्होंने धर्म और सिद्धांत की रक्षा हेतु अपने बलिदान दिए । उनका यह बलिदान बताता है कि नैतिकता और सत्य के लिए खड़ा होना जीवन का सबसे बड़ा मूल्य है।
कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अनुपम कुमार सिंह ने बताया कि आज के दिन भारत सरकार ने पहली बार “वीर बच्चों का सम्मान” करने का निर्णय लिया है, ताकि साहिबजादों की महान वीरता और बलिदान की गाथा को देशभर में प्रचारित किया जा सके।
विदित है कि विगत जनवरी 2022 को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के दिन माननीय प्रधानमंत्री ने 26 दिसंबर को श्री गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों की शहादत के उपलक्ष्य में ‘वीर बल दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी ।
बाबा जोरावर सिंह (9 वर्ष) और बाबा फतेह सिंह (7 वर्ष) ने मुगलों के सामने झुकने से इनकार कर दिया और धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। दोनों साहिबजादों को सरहिंद के नवाब द्वारा जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया, लेकिन उन्होंने अपने विश्वास से कोई समझौता नहीं किया।
गुरु गोबिंद सिंह और उनके परिवार की वीर गाथा को देश के हर कोने तक पहुंचाना, इतिहास की इन घटनाओं के माध्यम से भारतीय समाज को एकता और बलिदान का संदेश देना ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. बेठियार सिंह साहू ने किया । इस संगोष्ठी में डॉ. देवेश रंजन, डॉ. कुमारी नीतू सिंह, डॉ. परेश कुमार, डॉ. रजनीश कुमार यादव, डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह, विश्वविजय सिंह समेत कई छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं को बताया गया कि अपने इतिहास और संस्कृति को जानना और उसका सम्मान सभी का कर्तव्य होना चाहिए ।

रामजयपाल कॉलेज के एनएसएस कैडेट्स ने मनाया वीर बाल दिवस उत्सव
Chhapra: राम जयपाल कॉलेज में एनएसएस ( राष्ट्रीय सेवा योजना ) के क्रमशः दोनों इकाई के संयुक्त तत्वावधान में वीर बाल दिवस उत्सव का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर एनएसएस के नवनियुक्त कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ॰ राकेश कुमार ( गणित विभाग के विभागाध्यक्ष ) ने कहा कि वीर बाल दिवस उत्सव का आयोजन सिख धर्म के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के शहादत से छात्र और छात्राओं को अवगत कराने के लिए किया जा रहा है।
गुरु गोबिंद सिंह जी के 9 वर्षीय पुत्र जोरावर सिंह और 6 वर्षीय पुत्र फतेह सिंह ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना बलिदान कर दिया।सिख पुत्रों की वीरता और अदम्य साहस को सम्मान देने के लिए देश भर के शिक्षण संस्थानों में वीर बाल दिवस उत्सव मनाया जा रहा है।
इस मौक़े पर भारी संख्या में कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों के अतिरिक्त अन्य छात्र छात्राओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया ।
विशेष रूप से प्रिन्स, सूरज, आरिफ़, मुहम्मद रहमान , श्रद्धा और मोनू ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।

Chhapra: सारण जिले के छपरा शहर के मुकरेड़ा में स्थित सी० बी० एस० ईo से मान्यता प्राप्त सुप्रसिद्ध +2 विद्यालय विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की नियमित छात्रा आरोही सिंह ने सैनिक स्कूल की प्रवेश-परीक्षा में उत्तीर्ण होकर वेदव्यास विद्यालयम सैनिक स्कूल, केरला में नामांकन चयन की सफलता का परचम लहराया है।
आरोही विकास सिंह एवं सीमा देवी की पुत्री हैं जो ग्राम नयकाटोला, रिवीलगंज जिला छपरा (सारण) के निवासी हैं। आरोही प्रारम्भ काल से ही विवेकानंद इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की डे-बोर्डिंग के नियमित छात्रा रही हैं। आरोही अपने अध्ययन के प्रति प्रारम्भ काल से ही सक्रिय रही हैं तथा साथ ही विद्यालय के अध्यापकों तथा अभिभावकों का भी सदैव उचित मार्गदर्शन मिलता रहा है जिसका नतीजा आज हम सभी के सामने है।
आरोही के सैनिक स्कूल में चयन की सूचना मिलते ही पूरे विद्यालय परिसर में ख़ुशी का माहौल कायम हो गया तथा सभी ने एक दूसरे का मुँह भी मीठा कराया। आरोही की इस सफलता को देखते हुए विद्यालय के निदेशक डॉo राहुल राज ने आरोही के अभिभावकों के समक्ष उन्हें प्रशस्ति-पत्र एवं मैडल के साथ सम्मानित करते हुए उनका अभिनंदन एवं धन्यवाद किया।
उन्होंने अपने मंत्वयों में कहा कि आरोही की शिक्षा उनके अभिभावकों के नेतृत्व में तथा विद्यालय के अध्यापक/अध्यापिकाओं के उचित एवं सुदृढ़ मार्गदर्शन में शुरू से ही होता आया है। आरोही में शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन की भावना भी सदैव रही है जो उसे अपने कार्यों, दायित्वों और लक्ष्यों के प्रति सदैव प्रेरित करता आया है। आज आरोही ने अपने माता-पिता, अपने परिवार तथा अपने विद्यालय के साथ-साथ पूरे सारण जिले का नाम रौशन किया है।
डॉo राहुल राज ने यह भी बताया कि कार्य के प्रति रूचि तथा अपने लक्ष्य के प्रति दृढ-संकल्पित होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि ऐसा करके कोई भी इंसान बड़े से बड़े मुश्किलों का सामना करते हुए सफलता को हासिल कर सकता है, जिसका जीता-जागता मिशाल आरोही हम सभी के सामने है। उन्होंने आरोही सहित पूरे परिवारजनों को ढेरों बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं दीं।।

Chhapra: जय प्रकाश विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर शिक्षक संघ और महाविद्यालय शिक्षक संघ के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया।
इस धरने का विषय विगत तीन महीने से वेतन न मिलने, प्रोन्नति, स्थानांतरण, वीक्षण कार्य व मूल्यांकन बकाया आदि से संबंधित था।
इसमें स्नातकोत्तर विभाग के शिक्षक और राजेंद्र कॉलेज, जगदम कॉलेज, जय प्रकाश महिला महाविद्यालय, राम जयपाल कॉलेज समेत कई महाविद्यालय के शिक्षक मौजूद थे।
प्रारंभ में स्नातकोत्तर शिक्षक संघ के सचिव प्रो. महेंद्र सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक वेतन न मिलने से कई वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हैं, इसलिए विश्वविद्यालय अतिशीघ्र वेतन भुगतान करे। वेतन में विलंब और उसपर स्थानांतरण का पत्र शिक्षकों के हित में नहीं है।
अध्यक्ष प्रो. सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षकों का वेतन भुगतान नियमित होना चाहिए इसके लिए विश्वविद्यालय को ठोस निर्णय लेने होंगे। शिक्षकों की प्रोन्नति भी लंबित है जिसका निपटारा यथा शीघ्र हो ।
प्रो. पूनम सिंह, प्रो. शकील अहमद अता, प्रो. उदय अरविंद, प्रो. विधान चंद्र भारती, डॉ. प्रशांत कुमार, डॉ. सोनाली सिंह समेत कई शिक्षकों ने अपने विचार रखे।
सभी शिक्षकों ने एकजुट होकर कहा कि समय पर वेतन भुगतान होना चाहिए साथ ही सामूहिक स्थानांतरण कदापि नहीं होना चाहिए ।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशोक कुमार मिश्रा ने शिक्षकों के वीक्षण और मूल्यांकन संबंधी भुगतान को जल्द ही देने की बात कही ।
प्रभारी कुलसचिव प्रो. अजीत कुमार तिवारी के यथाशीघ्र वेतन भुगतान और स्थानांतरण पर पुनर्विचार के संबंध में कुलपति से आग्रह के साथ धरने का समापन किया गया ।

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