वाराणसी, 13 जनवरी, 2025: रेलवे प्रशासन द्वारा महाकुम्भ मेला के अवसर पर 28 फरवरी, 2025 तक 10 जोड़ी गाड़ियों का प्रयागराज जं. स्टेशन के स्थान पर प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर ठहराव के साथ मार्ग परिवर्तन निम्नवत किया गया है।

मार्ग परिवर्तन-

– दानापुर से 12 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 20934 दानापुर-उधना एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी वाराणसी जं., ज्ञानपुर रोड एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 00.40 बजे पहुँचकर 00.45 बजे छूटेगी।

– उधना से 25 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 20933 उधना-दानापुर एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., ज्ञानपुर रोड एवं वाराणसी जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 04.00 बजे पहुँचकर 04.05 बजे छूटेगी।

– पटना से 14 जनवरी से 25 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 22670 पटना-एरणाकुलम एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी वाराणसी जं., ज्ञानपुर रोड एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 00.45 बजे पहुँचकर 00.50 बजे छूटेगी।

– एरणाकुलम से 22 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 22669 एरणाकुलम-पटना एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., प्रयागराज रामबाग, ज्ञानपुर रोड एवं वाराणसी जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 21.45 बजे पहुँचकर 21.50 बजे छूटेगी।

– छपरा से 21 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 07652 छपरा-जालना विशेष गाड़ी निर्धारित मार्ग औंड़िहार-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-जौनपुर-वाराणसी जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी बनारस, ज्ञानपुर रोड एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 05.26 बजे पहुँचकर 05.31 बजे छूटेगी।

– जालना से 15 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 07651 जालना-छपरा विशेष गाड़ी निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-औंड़िहार के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-वाराणसी जं.-जौनपुर-औंड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., ज्ञानपुर रोड एवं बनारस स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 21.45 बजे पहुँचकर 21.50 बजे छूटेगी।

– पुणे से 13 जनवरी से 24 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 22131 पुणे-बनारस एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-बनारस के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-बनारस के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., प्रयागराज रामबाग एवं ज्ञानपुर रोड स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 16.10 बजे पहुँचकर 16.15 बजे छूटेगी।

– बनारस से 15 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 22132 बनारस-पुणे एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग बनारस-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग बनारस-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी ज्ञानपुर रोड, प्रयागराज रामबाग एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 07.55 बजे पहुँचकर 08.00 बजे छूटेगी।

– राँची से 15 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 18609 राँची-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी वाराणसी जं., ज्ञानपुर रोड एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 10.30 बजे पहुँचकर 10.35 बजे छूटेगी।

– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 21 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 18610 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-राँची एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं. एवं वाराणसी जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 15.45 बजे पहुँचकर 15.50 बजे छूटेगी।

– अहमदाबाद से 12 जनवरी से 23 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 19421 अहमदाबाद-पटना एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., प्रयागराज रामबाग, ज्ञानपुर रोड, वाराणसी जं. एवं काशी स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 20.00 बजे पहुँचकर 20.05 बजे छूटेगी।

– पटना से 14 जनवरी से 25 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 19422 पटना-अहमदाबाद एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी काशी, वाराणसी जं., ज्ञानपुर रोड, प्रयागराज रामबाग एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 18.55 बजे पहुँचकर 19.00 बजे छूटेगी।

– सिकंदराबाद से 27 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 12791 सिकंदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-पं० दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., प्रयागराज रामबाग, ज्ञानपुर रोड, भुल्लनपुर एवं वाराणसी जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 10.22 बजे पहुँचकर 10.27 बजे छूटेगी।

– दानापुर से 28 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 12792 दानापुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग पं० दीन दयाल उपाध्याय जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी वाराणसी जं., भुल्लनपुर, ज्ञानपुर रोड, प्रयागराज रामबाग एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 20.15 बजे पहुँचकर 20.20 बजे छूटेगी।

– दादर से 27 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 01025 दादर-बलिया विशेष गाड़ी निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-औंड़िहार के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-वाराणसी जं.-जौनपुर-औंड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., ज्ञानपुर रोड एवं बनारस स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 18.30 बजे पहुँचकर 18.35 बजे छूटेगी।

– दादर से 27 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 01027 दादर-गोरखपुर विशेष गाड़ी निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-वाराणसी जं.-औंड़िहार के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-वाराणसी जं.-जौनपुर-औंड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं., ज्ञानपुर रोड एवं बनारस स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 18.30 बजे पहुँचकर 18.35 बजे छूटेगी।

– बलिया से 28 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 01026 बलिया-दादर विशेष गाड़ी निर्धारित मार्ग औंड़िहार-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-जौनपुर-वाराणसी जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी बनारस, ज्ञानपुर रोड एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 22.10 बजे पहुँचकर 22.15 बजे छूटेगी।

– गोरखपुर से 28 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 01028 गोरखपुर-दादर विशेष गाड़ी निर्धारित मार्ग औंड़िहार-वाराणसी जं.-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-जौनपुर-वाराणसी जं.-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी बनारस, ज्ञानपुर रोड एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 22.10 बजे पहुँचकर 22.15 बजे छूटेगी।

– रामेश्वरम से 15 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 22535 रामेश्वरम-बनारस एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज जं.-प्रयागराज रामबाग-बनारस के स्थान पर परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-मिर्ज़ापुर-बनारस के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी प्रयागराज जं. एवं ज्ञानपुर रोड स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 21.45 बजे पहुँचकर 21.50 बजे छूटेगी।

– बनारस से 12 जनवरी से 23 फरवरी, 2025 तक चलने वाली 22536 बनारस-रामेश्वरम एक्सप्रेस निर्धारित मार्ग बनारस-प्रयागराज रामबाग-प्रयागराज जं.-मानिकपुर के स्थान पर परिवर्तित मार्ग बनारस-मिर्ज़ापुर-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी। मार्ग परिवर्तन के फलस्वरूप यह गाड़ी ज्ञानपुर रोड एवं प्रयागराज जं. स्टेशनों पर नहीं रूकेगी तथा प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर 23.05 पहुँचकर 23.10 बजे छूटेगी।

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Prayagraj: विश्व का सबसे बड़ा सास्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन ‘महाकुम्भ 2025’ आज से शुरू हो गया है।  आस्था व आध्यात्मिकता का अविस्मणीय अनुभव करने श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे। यह आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चलेगा।

गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम प्रयागराज में महाकुंभ पर करोड़ों श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं।

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वाराणसी: वाराणसी मंडल सेवित क्षेत्र के सभी दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल द्वारा दिव्यांगजन रेल रियायत कार्ड ऑन लाइन कर दिया गया है।

इसके पूर्व वाराणसी मंडल द्वारा ऑफ लाइन के माध्यम से दिव्यांगजन हेतु रेल रियायत कार्ड जारी किये जा रहे थे जिसे दिनांक 01.01.2025 से इस रेलवे द्वारा पूर्ण रूप से ऑन लाइन कर लिया गया है।

अतः किसी भी दिव्यांगजन को मंडल रेल प्रबंधक, पू.उ.रे., वाराणसी कार्यालय में उपस्थित हो कर आवेदन पत्र जमा करना अनिवार्य नही है।

अब दिव्यांग लाभार्थी ऑन लाइन के माध्यम से अपने दिव्यांगजन रेल रियायत कार्ड हेतु वेबसाइट https://divyangjanid. indianrail.gov.in पर आवेदन कर सकते है तथा अपने आवेदन की स्थिति को ऑन लाइन देख भी सकते है एवं दिव्यांगजन कार्ड को डाउनलोड कर अपना रेल किराया रियायत कार्ड प्राप्त कर सकते है।

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अमृत कलश से होगा श्री अच्युतेश्वर महादेव का रूद्राभिषेक

महाकुम्भ नगर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। प्रयागराज के महाकुम्भ में संत-महंत,महामण्डलेश्वर, शंकराचार्यों, अखाड़ों, कल्पवासियों के साथ ही देवतागण भी उपस्थित रहेंगे। महाकुंभ में 11 फीट के लम्बे नर्मदेश्वर शिवलिंग श्री अच्युतेश्वर महादेव के रूप में विराजेंगे। इन्हें भक्त जहां दर्शन करेंगे, वहीं 21 फीट ऊंचे मचान से अमृत कलश के जरिए रूद्राभिषेक कर अपनी मन्नतों को पूरा करेंगे।

हरिद्वार के स्वामी भूमानन्द निकेतन की ओर से महाकुंभ के संगम लोवर मार्ग, सेक्टर-19 में विशाल नर्मदेश्वर शिवलिंग को स्थापित किया जा रहा है। यह कुम्भ क्षेत्र में श्री अच्युतेश्वर महादेव के नाम से विराजेंगे। इनकी कुल ऊंचाई जमीन से 21 फीट है। महादेव के रूद्राभिषेक के लिए 21 फीट ऊंचा मचान तैयार किया जा रहा है। जिस पर शिवभक्त बैठकर रूद्राभिषेक करेंगे और शिवजी से अपने मनवांछित फल की कामना करेंगे।

भूमानन्द निकेतन कैम्प की व्यवस्था देख रहे सुनील कुमार ने बताया कि इस शिवलिंग को मध्यप्रदेश से मंगाया गया है। इसकी वजन छह टन है यानी 600 किलो है। उन्होंने बताया कि कैम्प के मुख्य गेट पर सप्त ऋषि भी विराजेंगे। गेट के बीचो-बीच मां गंगा कलश के ऊपर विराजेंगी। उन्होंने बताया कि भूमानन्द निकेतन के शंकर शंकराचार्य अनन्त श्री विभूषित स्वामी अच्युतानन्द तीर्थ जी महाराज 09 जनवरी को महाकुम्भ के मेले में प्रवेश करेंगे।

ये हैं सप्त ऋषि

कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज, इन सात ऋषियों को सप्तर्षि कहा जाता है। हर काल में अलग-अलग सप्तर्षि होते हैं। ये सप्तर्षि मौजूदा काल के हैं।

क्यों प्रसिद्ध है नर्मदेश्वर शिवलिंग

नर्मदेश्वर शिवलिंग, भगवान शिव का एक रूप माना जाता है। यह शिवलिंग, मध्य प्रदेश में बहने वाली नर्मदा नदी में पाया जाता है। नर्मदा नदी से जुड़े होने के कारण ही इसे असली नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है। इस शिवलिंग को बाणलिंग भी कहा जाता है। भगवान शिव के वरदान के कारण नर्मदा नदी का कण-कण शिव माना जाता है।

उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी के शिवलिंग को सीधा ही स्थापित किया जा सकता है, इसके प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है। कहा जाता है कि, जहां नर्मदेश्वर का वास होता है, वहां काल और यम का भय नहीं होता है।

उन्होंने बताया कि श्री अच्युतेश्वर महादेव जी का रूद्राभिषेक 13 जनवरी से प्रारम्भ होगा, जो कुंभ मेले तक प्रतिदिन निरन्तर चलेगा। उन्होंने बताया कि महादेव के प्रतिदिन रूद्राभिषेक के लिए कैम्प में गौ-माताएं भी आ चुकी हैं। उन्हीं के दूध से रूद्राभिषेक होगा। उन्होंने बताया कि कैम्प परिसर में शिव पुराण तथा श्रीमद् भागवत कथा की रसधार भी बहेगी। इसके अलावा श्री स्वामी भूमानन्द हॉस्पिटल की ओर से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जायेगा।

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महाकुम्भ नगर, 29 दिसम्बर (हि.स.)। प्रयागराज के महाकुम्भ में श्रीकाशी विश्वनाथ भी विराजेंगे। महाकुंभ नगर में श्रद्धालुओं पर उनकी कृपा बरसेगी। गंगा नदी के किनारे मोरी मार्ग और शंकराचार्य चौराहे के पास श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की 108 फीट की प्रतिकृति बनाई जा रही है। इस काशी विश्वनाथ धाम की प्रतिकृति में स्फटिक के ‘महामणि शिवलिंग’ के श्रद्धालु दर्शन भी करेंगे।

अखिल भारतीय धर्मसंघ के महामंत्री जगजीतन पांडेय ने बताया कि इस मंदिर निर्माण का उद्धेश्य है कि महाकुंभ में पधारे श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के बाद बाबा भोलेनाथ का भी दर्शन मिल सके। उन्होंने बताया कि इस काशी विश्वनाथ धाम में स्फटिक के ‘महामणी शिवलिंग’ के दर्शन कराए जायेंगे। इसमें श्रद्धालुओं को 12 जनवरी से प्रवेश दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का मॉडल तैयार करने के लिए पश्चिम बंगाल से कारीगरों को बुलाया गया है। इसमें 12 हजार बांस—बल्लियों का इस्तेमाल हो रहा है और करीब नौ हजार मीटर सुनहरे कपड़े से सजावट की जायेगी। उन्होंने बताया कि अंतर केवल इतना होगा कि वाराणसी में भगवान शिव के नर्मदेश्वर स्वरूप के दर्शन मिलते हैं, और यहां महामणि शिवलिंग के दर्शन होंगे।

उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के साथ ही 150 फीट का कथा पंडाल तथा 125 फीट का 33 कुण्डीय यज्ञ मण्डप तैयार किया जा रहा है। इस कुण्ड में अतिरूद्र महायज्ञ होगा, जिसमें 25 लाख आहुतियां डाली जाएंगी, वहीं 50 हजार से अधिक श्रद्धालु एक माह तक महामणि स्फटिक शिवलिंग का विविध नैवेद्य से अभिषेक करेंगे।

धर्मसंघ के महामंत्री जगजीतन पाण्डेय ने बताया कि इस मॉडल में तीन प्रवेश द्वार और 10 शिखर बनाए जायेंगे। इसमें 200 मजदूर लगे हैं। इसे मूर्त रूप लेने में अभी 15 दिन का समय और लगेगा। उन्होंने बताया कि धर्मसंघ के पीठाधीश्वर शंकर चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज के सानिध्य में महामणि स्फटिक शिवलिंग को 12 जनवरी से 12 फरवरी तक प्रतिदिन पूजन-अर्चन व अभिषेक होगा।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा महाकुंभनगर स्थित धर्मसंघ के परिसर में बटुकों द्वारा चारो वेदों का नित्य परायण होगा। परिसर में गौ माताओं के नित्य दर्शन के लिए गौ-शाला भी स्थापित किया जा रहा है। पूरे कुम्भ मेला तक श्रद्धालु श्रीराम व श्रीमद्भागवत कथा का रसपान भी करेंगे। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के प्रसाद के लिए प्रतिदिन अन्नक्षेत्र भी संचालित होगा।

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—रंगीन टिकटों का उपयोग यात्रियों के गंतव्य की पहचान और उनके यात्रा मार्ग को स्पष्ट करेंगा

वाराणसी,23 दिसम्बर (हि.स.)। प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा और यात्रा को सुव्यवस्थित बनाने के लिए रेलवे ने पहले से ही पूरी तैयारी की है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने एक विशेष रंगीन टिकट प्रणाली की शुरुआत की है। यह रंगीन टिकट प्रणाली यात्रियों को उनकी ट्रेन, प्लेटफार्म और आश्रय स्थल तक आसानी से पहुँचने में मार्गदर्शन करेगी। इस अभिनव पहल का उद्देश्य महाकुम्भ के दौरान भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाना और यात्रियों की यात्रा को अधिक सरल और सुरक्षित बनाना है। रेलवे के अफसरों के अनुसार रंगीन टिकटों का उपयोग श्रद्धालुओं के गंतव्य की पहचान और उनके यात्रा मार्ग को स्पष्ट करने के लिए किया जाएगा। प्रत्येक टिकट का एक विशिष्ट रंग होगा जो यात्रियों को सही आश्रय स्थल तक पहुँचने में सहायक होगा । इससे महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालु भ्रमित नहीं होंगे और भीड़-भाड़ को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

महाकुम्भ के दौरान सभी यात्रियों को कलर कोडेड टिकट जारी किए जाएंगे। इसमें प्रयागराज जंक्शन, नैनी जंक्शन और छिवकी स्टेशन सहित प्रमुख स्टेशनों पर कलर-कोडेड टिकट प्रणाली लागू की जाएगी।

प्रयागराज जंक्शन पर, लखनऊ और वाराणसी की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लाल रंग की टिकट रहेगी। ये श्रद्धालु गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और लाल रंग के आश्रय नंबर 1 में जाएंगे। वहीं, पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए नीले रंग की टिकट रहेगी। ये यात्री गेट नंबर 2 से प्रवेश करेंगे और नीले रंग के आश्रय नंबर 2 में जाएंगे।

मानिकपुर, सतना और झाँसी की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए पीले रंग की टिकट रहेगी और ये यात्री गेट नंबर 3 से प्रवेश करेंगे और पीले रंग के आश्रय नंबर 3 में जाएंगे। फतेहपुर, कानपुर और दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए हरे रंग की टिकट रहेगी। वह स्टेशन के गेट नंबर 4 से प्रवेश करेंगे और हरे रंग के आश्रय नंबर 4 में जाएंगे।

इसी तरह नैनी जंक्शन पर, कानपुर की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए हरे रंग की टिकट रहेगी। ये यात्री गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और हरे रंग के आश्रय नंबर 1 में जाएंगे। मानिकपुर और झाँसी की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए नीले रंग की टिकट रहेगी। वह गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और नीले रंग के आश्रय नंबर 2 में जाएंगे।

मानिकपुर और सतना की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए लाल रंग की टिकट रहेगी। वह यात्री गेट नंबर 1 से प्रवेश करेंगे और लाल रंग के आश्रय नंबर 3 में जाएंगे। पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए पीले रंग की टिकट रहेगी। ये यात्री गेट नंबर 3 और 4 से प्रवेश करेंगे और पीले रंग के आश्रय नंबर 4ए और 4बी में जाएंगे। इसी क्रम में प्रयागराज छिवकी स्टेशन पर, मानिकपुर, सतना और झाँसी की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए लाल रंग की टिकट रहेगी।

इस रंग की टिकट के साथ श्रद्धालु गेट नंबर 1ए से प्रवेश करेंगे और लाल रंग के आश्रय नंबर 1 में जाएंगे। पं. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए हरे रंग की टिकट रहेगी। ये यात्री गेट नंबर 1बी से प्रवेश करेंगे और हरे रंग के आश्रय नंबर 2 में जाएंगे।

रेलवे प्रशासन का यह कदम महाकुम्भ के आयोजन को और भी सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यात्रियों को उनके टिकट के अनुसार सही दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त होगा, जिससे यात्रा में सहजता आएगी और यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह प्रणाली न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि रेलवे प्रशासन के लिए भी भीड़ प्रबंधन और यात्रियों की सुविधा में सुधार लाएगी।

रेलवे प्रशासन यात्रियों से इस नई प्रणाली के प्रति सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि महाकुम्भ 2025 के दौरान उनकी यात्रा को यादगार और सुगम बनाया जा सके।

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वाराणसी, 18 दिसम्बर, 2024: उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के बाराबंकी-अयोध्या कैंट-जफराबाद खंड के अयोध्या कैंट स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के परिप्रेक्ष्य में प्री-नॉन इंटरलॉकिंग/नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के कारण गाड़ियों का निरस्तीकरण, मार्ग परिवर्तन/शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन/टर्मिनल परिवर्तन एवं नियंत्रण निम्नवत किया जायेगा।

निरस्तीकरण-
जयनगर से 20, 22, 24, 27, 29 एवं 31 दिसम्बर, 2024 तथा 03, 05 एवं 07 जनवरी, 2025 को चलने वाली 04651 जयनगर-अमृतसर विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।
अमृतसर से 18, 20, 22, 25, 27 एवं 29 दिसम्बर, 2024 तथा 01, 03 एवं 05 जनवरी, 2025 को चलने वाली 04652 अमृतसर-जयनगर विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।
जोधपुर से 22 एवं 29 दिसम्बर, 2024 तथा 05 जनवरी, 2025 को चलने वाली 04815 जोधपुर-मऊ विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।
मऊ से 24 एवं 31 दिसम्बर, 2024 तथा 07 जनवरी, 2025 को चलने वाली 04816 मऊ-जोधपुर विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।
जोधपुर से 21 एवं 28 दिसम्बर, 2024 तथा 04 जनवरी, 2025 को चलने वाली 04823 जोधपुर-मऊ विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।
मऊ से 23 एवं 30 दिसम्बर, 2024 तथा 06 जनवरी, 2025 को चलने वाली 04824 मऊ-जोधपुर विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।
अहमदाबाद से 20 एवं 27 दिसम्बर, 2024 तथा 03 जनवरी, 2025 को चलने वाली 09465 अहमदाबाद-दरभंगा विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।
दरभंगा से 23 एवं 30 दिसम्बर, 2024 तथा 06 जनवरी, 2025 को चलने वाली 09466 दरभंगा-अहमदाबाद विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी।

 

मार्ग परिवर्तन/शार्ट टर्मिनेशन/शार्ट ओरिजिनेशन/टर्मिनल परिवर्तन-
– पटना से 18 दिसम्बर, 2024 से 07 जनवरी, 2025 तक चलने वाली 22345 पटना-गोमती नगर वंदे भारत एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग वाराणसी जं.-सुल्तानपुर-लखनऊ (उत्तर रेलवे) के रास्ते चलाई जायेगी। इस गाड़ी के टर्मिनल में परिवर्तन किया गया है, यह गाड़ी गोमती नगर के स्थान पर लखनऊ (उत्तर रेलवे) में 14.30 बजे यात्रा समाप्त करेगी।
– गोमती नगर से 18 दिसम्बर, 2024 से 07 जनवरी, 2025 तक चलने वाली 22346 गोमती नगर-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग लखनऊ (उत्तर रेलवे)-सुल्तानपुर-वाराणसी जं. के रास्ते चलाई जायेगी। इस गाड़ी के टर्मिनल में परिवर्तन किया गया है, यह गाड़ी गोमती नगर के स्थान पर लखनऊ (उत्तर रेलवे) से 15.20 बजे चलाई जायेगी।
– अमृतसर से 20 एवं 27 दिसम्बर, 2024 तथा 03 जनवरी, 2025 को चलने वाली 15934 अमृतसर-न्यू तिनसुकिया एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग लखनऊ (उत्तर रेलवे)-रायबरेली-माँ बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जं.-वाराणसी जं. के रास्ते चलाई जायेगी।
– रक्सौल से 19 एवं 26 दिसम्बर, 2024 तथा 02 जनवरी, 2025 को चलने वाली 14017 रक्सौल-आनन्द विहार टर्मिनल एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग जफराबाद-सुल्तानपुर-लखनऊ (उत्तर रेलवे) के रास्ते चलाई जायेगी।
– अमृतसर से 18, 21, 23, 25, 28 एवं 30 दिसम्बर, 2024 तथा 01, 04 एवं 06 जनवरी, 2025 को चलने वाली 14650 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर के रास्ते चलाई जायेगी।
– छपरा से 24 एवं 31 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 15101 छपरा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग गोरखपुर-गोंडा-बाराबंकी-ऐशबाग-कानपुर सेंट्रल के रास्ते चलाई जायेगी।
– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 19 एवं 26 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 15102 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-छपरा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग कानपुर सेंट्रल-ऐशबाग-बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर के रास्ते चलाई जायेगी।
– छपरा से 21 एवं 28 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 15115 छपरा-दिल्ली एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग गोरखपुर-गोंडा-बाराबंकी के रास्ते चलाई जायेगी।
– दिल्ली से 22 एवं 29 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 15116 दिल्ली-छपरा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर के रास्ते चलाई जायेगी।
– दरभंगा से 19, 23, 26 एवं 30 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 15557 दरभंगा-आनन्द विहार टर्मिनल अमृत भारत एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग गोरखपुर-गोंडा-बाराबंकी के रास्ते चलाई जायेगी।
– आनन्द विहार टर्मिनल से 20, 24, 27 एवं 31 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 15558 आनन्द विहार टर्मिनल-दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर के रास्ते चलाई जायेगी।
– अजमेर से 19, 23, 24, 26, 30 एवं 31 दिसम्बर, 2024 तथा 02 एवं 06 जनवरी, 2025 को चलने वाली 15716 अजमेर-किशनगंज एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग बाराबंकी-गोंडा-गोरखपुर-छपरा के रास्ते चलाई जायेगी।
– मुजफ्फरपुर से 22 एवं 29 दिसम्बर, 2024 तथा 05 जनवरी, 2025 को चलने वाली 19054 मुजफ्फरपुर-सूरत एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग छपरा-गोरखपुर-गोंडा-बाराबंकी के रास्ते चलाई जायेगी।
– दुर्ग से 19 एवं 26 दिसम्बर, 2024 तथा 02 जनवरी, 2025 को चलने वाली 18205 दुर्ग-नौतनवा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग मानिकपुर-प्रयागराज छिवकी-वाराणसी जं.-जौनपुर-औंड़िहार-गोरखपुर के रास्ते चलाई जायेगी।
– नौतनवा से 21 एवं 28 दिसम्बर, 2024 तथा 04 जनवरी, 2025 को चलने वाली 18206 नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग गोरखपुर-औंड़िहार-जौनपुर-वाराणसी जं.-प्रयागराज छिवकी-मानिकपुर के रास्ते चलाई जायेगी।
नियंत्रण-
– मऊ से 07 जनवरी, 2025 को चलने वाली 15025 मऊ-आनन्द विहार टर्मिनल एक्सप्रेस मऊ से 60 मिनट विलम्ब से चलाई जायेगी। यह गाड़ी मऊ से 11.10 बजे के स्थान पर 12.10 बजे चलाई जायेगी।
– उदयपुर सिटी से 06 जनवरी, 2025 को चलने वाली 19615 उदयपुर सिटी-कामाख्या एक्सप्रेस कानपुर सेंट्रल से 120 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी।

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5500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं का करेंगे लोकार्पण

लखनऊ, 13 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयागराज पहुंच चुके हैं। उनके साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक भी मौजूद हैं। प्रधानमंत्री प्रयागराज में साधु संतों से भेंट कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों का निरीक्षण करेंगे। इस दौरान वह 5500 करोड़ की 167 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। अक्षयवट कारिडोर, हनुमान मंदिर कारिडोर, सरस्वती कूप कारिडोर, भरद्वाज आश्रम कारिडोर, श्रृंगवेरपुर धाम कारिडोर बनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री महाकुंभ 2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसमें प्रयागराज में आधारभूत सुविधाओं को बढ़ावा देने और निर्बाध संपर्क प्रदान करने के लिए 10 नए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) या फ्लाईओवर, स्थायी घाट और रिवरफ्रंट सड़कें जैसी विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल होंगी।

स्वच्छ और निर्मल गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री गंगा नदी की ओर जाने वाले छोटे नालों को रोकने, टैप करने, मोड़ने और उपचारित करने की परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। इससे नदी में बिना उपचार वाले जल का गंगा नदी में पहुंचना पूरी तरह से रोक पाना सुनिश्चित होगा। वे पेयजल और बिजली से संबंधित विभिन्न इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री मंदिर के प्रमुख गलियारों का उद्घाटन करेंगे। इनमें भारद्वाज आश्रम गलियारा, श्रृंगवेरपुर धाम गलियारा, अक्षयवट गलियारा, हनुमान मंदिर गलियारा आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं से श्रद्धालुओं की पहुंच आसान होगी और आध्यात्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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वाराणसी,30 नवम्बर, 2024ः रेलवे प्रशासन द्वारा परिचालनिक सुगमता हेतु वाराणसी मंडल के युसुफपुर-गाजीपुर खण्ड के मध्य ब्रिज संख्या- 72ए, 57ए, 62एफ, 64बी, 66बी, 71बी एवं 44ए के रिप्लेसमेंट हेतु आर.सी.सी. बाॅक्स के लंचिंग कार्य के परिप्रेक्ष्य में यातायात एवं पावर ब्लाॅक दिये जाने के कारण गाड़ियों का मार्ग परिवर्तन निम्नवत रहेगा।

मार्ग परिवर्तन-
– नई दिल्ली से 02 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 12562 नई दिल्ली-जयनगर एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-मऊ-बलिया के रास्ते चलाई जायेगी।

– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 02 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-मऊ-बलिया के रास्ते चलाई जायेगी।

– छपरा से 03 एवं 05 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 05135 छपरा-औंड़िहार अनारक्षित विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औंड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी।

– बलिया से 03 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 11072 बलिया-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग फेफना-मऊ-औंड़िहार के रास्ते चलाई जायेगी।

– बरौनी से 03 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 15231 बरौनी-गोंडिया एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-मऊ-बलिया के रास्ते चलाई जायेगी।

– सूरत से 02 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 09065 सूरत-छपरा विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-मऊ-बलिया के रास्ते चलाई जायेगी।

– नई दिल्ली से 02 दिसम्बर, 2024 को चलने वाली 22582 नई दिल्ली-बलिया विशेष गाड़ी परिवर्तित मार्ग औंड़िहार-मऊ-बलिया के रास्ते चलाई जायेगी।

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रांची, 28 नवम्बर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के झारखंड मुक्ति मोर्चा(झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन आज चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह का आगाज झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में शाम 4 बजे से होगा। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर कार्यक्रम स्थल को दुल्हन की तरह सजाया गया है। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे।

इस बार शपथ ग्रहण समारोह में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टियों के प्रमुख से लेकर कई दिग्गज हस्तियां शामिल होंगे। ऐसे में रांची शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया और इस वजह से रांची शहर के स्कूलों को भी बंद करने का निर्देश दिया गया है।

इस समारोह में कई बड़े राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, एनसीपी पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, मेघालय के मुख्यमंत्री कोंराड कोंगकल संगमा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुखू, पूर्व मुख्यमंत्री महाराष्ट्र उद्धव ठाकरे, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री डीके शिवाकुमार, तमिलानडू के पूर्व उप मुख्यमंत्री उदय स्टालिन, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, मासस के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, नवीन पटनायक, कपिल सिब्बल के अलावा और भी कई नाम शामिल है। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर जगह-जगह होर्डिंग लगाये गए हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मोराबादी मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के कारण शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका को देखते हुए स्कूलों को बंद करने का निर्देश जारी किया है।

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रांची, 24 नवंबर (हि.स.)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजनीति विरासत में मिली। हेमंत सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे हैं और एक जाने-मानें भारतीय राजनेता हैं। वह इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण राजनीति में आ गए। हेमंत सोरेन अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए पार्टी और राज्य में उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी बन गए।

हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त 1975 को बिहार (अब झारखंड में) के रामगढ़ जिले के नेमारा में रूपी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के घर हुआ था। हेमंत के दो भाई और एक बहन है। उनकी शैक्षणिक योग्यता पटना हाई स्कूल, बिहार से इंटरमीडिएट है। सोरेन की शादी कल्पना सोरेन से हुई है और उनके दो बेटे हैं। उनकी एक बड़ी बहन अंजलि सोरेन और एक छोटा भाई बसंत सोरेन हैं। वह उन्नीसवीं सदी के आदिवासी योद्धा बिरसा मुंडा के प्रबल अनुयायी हैं और उनके साहस और वीरता से प्रेरणा लेते हैं। उनके पिता शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख संस्थापक हैं। चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे के अनुसार, हेमंत ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीआईटी मेसरा, रांची में दाखिला लिया, लेकिन बाहर हो गए।

10 अगस्त 1975 को जन्मे हेमंत सोरेन ने छात्र राजनीति से सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। हेमंत सोरेन ने सबसे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा में छात्र संगठन की जिम्मेदारी संभाली। 2005 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने दुमका सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन जेएमएम के दिग्गज नेता रहे स्टीफन मरांडी से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 24 जून 2009 को वो राज्यसभा के लिए चुने गए। बाद में वे इसी साल दुमका विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट दोनों विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ा, लेकिन सिर्फ बरहेट सीट से जीत मिली। दुमका सीट से उन्हें बीजेपी की लुईस मरांडी से हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भी हेमंत सोरेन ने दुमका और बरहेट दोनों सीटों से चुनाव लड़ा। इस बार दोनों सीट से उन्हें जीत मिली। जिसके बाद उन्होंने दुमका सीट से त्यागपत्र दे दिया। फिर इस क्षेत्र में हुए उपचुनाव में उनके छोटे भाई बसंत सोरेन ने दुमका से जीत हासिल की।

इससे पहले 11 सितंबर 2010 को जब अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में भाजपा-जेएमएम गठबंधन की सरकार बनी, तो हेमंत सोरेन उपमुख्यमंत्री भी रहे। बाद में हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा सरकार से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस-आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाई और पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन 2014 के चुनाव में हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों को बहुमत नहीं मिला, जिसके बाद हेमंत सोरेन सात जनवरी 2015 से 28 दिसंबर 2019 तक झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पहली बार 13 जुलाई 2013 को कांग्रेस और राजद के समर्थन से वह मुख्यमंत्री बने थे। वे इस पद पर 28 दिसंबर 2014 तक रहे। वह दूसरी बार 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री बनें। वर्ष 2014 तक मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने वाले हेमंत सोरेन साल 2014 से 2019 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। साल 2019 में जेएमएम-कांग्रेस-राजद गठबंधन को बहुमत मिलने पर हेमंत सोरेन फिर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी 2024 की शाम गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बने। वह दो फरवरी से 04 जुलाई 2024 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। चंपाई सोरेन का कार्यकाल 153 दिनों का रहा। करीब छह महीने बाद जेल से बाहर आने पर हेमंत सोरेन फिर से तीसरी बार चार जुलाई को मुख्यमंत्री बने। अब वह 28 नवंबर को झारखंड का पुन: मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

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रांची, 24 नवम्बर (हि.स.)। इंडी गठबंधन के नव निर्वाचित विधायकों की बैठक मुख्यमंत्री आवास में बुलाई गई है। झारखंड विधानसभा चुनाव का नतीजा आने के बाद अब तय हो गया है कि इंडी गठबंधन की सरकार दोबारा बनेगी।

इंडी गठबंधन के विधायक दल की बैठक रविवार को रांची के कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में चल रही है। बैठक में नव निर्वाचित विधायक पहुंच रहे हैं। इस बैठक में इंडी गठबंधन के विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इंडी गठबंधन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया है।

सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन की अगुवाई में महागठबंधन के विधायक और नेता रविवार शाम राजभवन पहुंचकर नई सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। वहीं, 26 नवंबर को मोराबादी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हो सकता है। इसमें लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हो सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि इंडी गठबंधन 56 सीटें लाकर पूरी तरह से बहुमत में है। इनमें झामुमो को 34, कांग्रेस को 16, राजद को चार और माले को दो सीटें मिली हैं। एनडीए को 24 सीट मिली हैं। इनमें भाजपा को 21, आजसू को एक, जदयू को एक और लोजपा एक सीट मिली है।

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